जिले को एक और उपलब्धि हुई हासिल 19 बरस बाद यानी छत्तीसगढ़ रजत वर्ष में ब्लड बैंक का मिला लायसेंस
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अब बैकुंठपुर में भी उपलब्ध होगी सुरक्षित रक्त सेवा
कोरिया : जिला अस्पताल बैकुंठपुर को अब अपना ब्लड सेंटर चलाने का लाइसेंस मिल गया है। यह लाइसेंस भारत सरकार के अंतर्गत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, नई दिल्ली द्वारा जारी किया गया है। इससे अब जिले में रक्त की उपलब्धता और आपात परिस्थितियों में इलाज और अधिक सुगम होगा। इस ब्लड सेंटर में संपूर्ण मानव रक्त आई.पी. का संग्रह, जांच, सुरक्षित भंडारण और जरूरत पड़ने पर रक्त उपलब्ध कराने की सुविधा रहेगी। यह केंद्र जिला अस्पताल बैकुंठपुर परिसर में ही संचालित होगा। वर्ष 2006 से ब्लड बैंक लाइसेंस के लिए प्रयासरत रहा, जो 19 बरस बाद यानी रजत वर्ष पर यह उपलब्धि हासिल हुई। यह अनुमति संयुक्त औषध नियंत्रक (भारत) डॉ. रंगा चंद्रशेखर द्वारा दी गई है।
संचालन से जुड़े नियम
रक्त केंद्र का हर वर्ष निरीक्षण होगा। सभी कार्य दवा नियम 1945 के नियमों के अनुसार किए जाएंगे। केवल स्वेच्छिक रक्तदाताओं से ही रक्त लिया जाएगा। पैसे देकर रक्त देने वाले से रक्त लेना सख्त मना है।
यह लाइसेंस 5 वर्ष के लिए मान्य होगा। ‘अब जिले में रक्त के लिए भटकना नहीं पड़ेगा‘। इस ब्लड सेंटर के शुरू होने से मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा, गंभीर स्थिति में जिला मुख्यालय से बाहर जाने की ज़रूरत कम होगी और जन-जीवन की सुरक्षा मजबूत होगी।
ब्लड सेंटर में डॉ. कार्तिकेय सिंह मेडिकल ऑफिसर, सुखनाथ सिंह तकनीकी पर्यवेक्षक, अतार सिंह, तकनीशियन, गायत्री सिंह तकनीशियन, मंजू लता तिर्की स्टाफ नर्स नियुक्त किए गए हैं।
कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने बताया कि जिले में ब्लड बैंक लायसेंस की मांग वर्ष 2006 से की जा रही थी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के संवेदनशील पहल और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के लगातार स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों के कारण ही राज्य स्थापना दिवस के पूर्व यह सौगात मिली है।
कलेक्टर ने कहा ‘निश्चित ही जिले के मरीजों और जरूरतमंद तबको के लिए ब्लड बैंक कारगर साबित होगा।‘





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