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राज्योत्सव के दूसरे दिन आरु साहू की मनमोहक प्रस्तुति से गूंजा बेमेतरा

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति, गीत और नृत्य से सजा ऐतिहासिक बेसिक स्कूल मैदान

बेमेतरा : छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अंतर्गत जिले के ऐतिहासिक बेसिक स्कूल मैदान में चल रहे तीन दिवसीय राज्योत्सव के दूसरे दिन का आयोजन सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रहा। छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, कला और संगीत की अनूठी छटा ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इस अवसर पर प्रदेश की लोकप्रिय लोकगायिका आरु साहू ने अपनी मधुर आवाज़ और छत्तीसगढ़ी गीतों की धुनों से ऐसा वातावरण बनाया कि पूरा मैदान तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उनके साथ मंच पर उपस्थित टीम ने लोकवाद्य और पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति देकर पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया।

आरु साहू ने "मोला मया देदे रे मितवा", "छत्तीसगढ़ हमर मया माटी" जैसे प्रसिद्ध गीत प्रस्तुत किए, जिन पर दर्शक झूम उठे। उनकी प्रस्तुतियों ने छत्तीसगढ़ की लोक आत्मा और परंपराओं की सुंदर झलक पेश की। कार्यक्रम को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी राज्योत्सव की सांस्कृतिक शाम का आनंद लेने पहुंचे। स्टेज के आसपास उत्साह का माहौल देखने लायक था। राज्योत्सव के दौरान जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय कलाकारों को भी मंच प्रदान किया गया। विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने लोकनृत्य, देशभक्ति गीत और पारंपरिक झांकी प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। विभागीय स्टॉलों में विकास की झलक दिखाते प्रदर्शनों को भी नागरिकों ने बड़ी रुचि से देखा।

जिला प्रशासन ने पूरे आयोजन स्थल पर सुव्यवस्थित प्रबंधन किया — सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, साफ-सफाई और प्रकाश व्यवस्था की प्रशंसा लोगों ने की। राज्योत्सव का यह दूसरा दिन बेमेतरा जिले के लिए यादगार बन गया, जहां एक ओर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की आत्मा जीवंत हुई, वहीं दूसरी ओर कलाकारों की प्रतिभा ने यह संदेश दिया कि छत्तीसगढ़ की माटी में कला और संस्कृति की परंपरा आज भी उतनी ही जीवंत है जितनी पहले थी।

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंजा बेमेतरा का ऐतिहासिक बेसिक स्कूल मैदान

छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस महोत्सव 2025 के अवसर पर आज जिला मुख्यालय बेमेतरा के ऐतिहासिक बेसिक स्कूल मैदान में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। संध्या 4 बजे से शुरू हुए कार्यक्रमों में स्कूली बच्चों ने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती शिशु मंदिर नवागढ़ के बच्चों द्वारा ‘जय हो मैया शारदे’ भजन से हुई, जिसके बाद सेजेस बेमेतरा के विद्यार्थियों ने ‘जोहार बूढ़ादेव पर छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य प्रस्तुत किया। इसी क्रम में सेजेस नांदघाट ने ‘हाथे डाला लोर गे रे’ गीत पर नृत्य कर तालियां बटोरीं। सरस्वती शिशु मंदिर बेमेतरा के ‘पंछी नृत्य’ और इंडियन पब्लिक स्कूल की ‘बारहमासी त्यौहार (मोर छत्तीसगढ़)’ प्रस्तुति ने राज्य की संस्कृति की झलक बिखेरी। नवोदय विद्यालय ने ‘रिमिक्स छत्तीसगढ़ी गाना’ पर प्रस्तुति दी, वहीं सेजेस ठेलका के छात्रों ने ‘मुहूआ झरे’ और सेजेस साजा ने ‘आदिवासी करमा नृत्य’ से छत्तीसगढ़ी परंपराओं की सुंदर छवि पेश की। सेजेस सिंघौरी (इंग्लिश मीडियम) की ‘सोनचिरैया’ और सेजेस हसदा के ‘बस्तरिया गीत’ ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया।

शाम 5 बजे से श्री सनावर खान एवं द्युति साहू द्वारा मनमोहक कथक प्रस्तुति दी गई, जिसके बाद इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की टीम ने अपनी शानदार प्रस्तुति से राज्योत्सव की शाम को भव्यता प्रदान की। शाम 6 बजे से अतिथियों का स्वागत और प्रशस्ति पत्र व ट्रॉफी वितरण हुआ। तत्पश्चात शाम 6:10 बजे से मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति आरु साहू द्वारा दी गई, जिनकी मधुर आवाज़ से पूरा मैदान छत्तीसगढ़ी लोकसंगीत के रंग में रंग गया।

राज्योत्सव महोत्सव के दूसरे दिन आयोजित इन प्रस्तुतियों में छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोककला, नृत्य, संगीत और परंपराओं की झलक दिखी। दर्शकों की भारी भीड़ ने हर प्रस्तुति का उत्साहपूर्वक स्वागत किया और तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का मनोबल बढ़ाया।
 

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