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 जशपुरनगर : जिले में जल भराव की स्थिति बेहतर बनाने, किया जा रहा है 3 नए एनीकटों का निर्माण

जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किए जा रहे है कार्य
कृषि कार्य, पेयजल, निस्तारी के लिए नहीं होगी पानी की कमी
11563.87 लाख रूपए की लागत से किया जा रहा है तीन नए एनीकट एवं तीन व्यपवर्तन योजना का निर्माण कार्य

जशपुरनगर 15 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे द्वारा जिले में जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यों पर जोर दिया गया है एवं जल संरक्षण के कार्यो को गर्मी के मौसम में तथा बरसात आने के पूर्व तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए है, जिससे आने वाले समय में जल संकट की समस्या न हो तथा कृषि कार्य, पेयजल, निस्तारी जैसे कार्यो के लिए पानी की उपलब्धता बनी रहे। उन्होंने प्रगतिरत कार्यों को भी जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए जिससे आगामी बारिश के पानी का भरपूर उपयोग करते हुए ज्यादा से ज्यादा जलाषयों, एनीकटों, एंव तालाबों में जलसंचय का कार्यं संभव हो सके।

कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग श्री दर्रो ने बताया कि जिले में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कुल की 11563.87 लाख की लागत से 3 नये एनीकट एवं 3 व्यपवर्तन योजना का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इन योजना के निर्माण कार्य पूर्ण होने पर जिले के कुल 5419 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई के लिए पानी की पर्याप्त उपलब्धता हो पाएगा। जिसमें खरीफ फसल के लिए कुल 4669 हजार हेक्टेयर एवं रबी फसल के समय कुल 750 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सिंचाई कार्य किया जा सकेगा।

श्री दर्रो ने बताया कि जिले के विकास खण्ड कांसाबेल में मैनी नदी पर 2750.61 लाख की लागत से,  जषपुर के चेड़िया में 751.63 लाख एवं फरसाबहार के समदमा में 1510.14 रूपए की लागत से एनीकट का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्य से लगभग 1 हजार गरीब श्रमिक परिवार को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। इसी तरह विकासखंड फरसाबहार में 1036.10 लाख की राषि से डुमरजोर व्यपवर्तन का निर्माण एवं विकासखंड बगीचा में 4450.65 लाख की लागत से नकबार व्यपवर्तन योजना एवं 1064.66 लाख की लागत से कुदमुरा व्यपवर्तन योजना के अंतर्गत निर्मित नहरों तथा डी. वन नहर के वितरक नहर में लाइनिंग का कार्य किया जा रहा है। इन कार्यो के संचालन से भी कई ग्रामीण श्रमिको को रोजगार प्राप्त हो रहा है।

श्री दर्रो ने बताया कि मैनी एनीकट के निर्माण पूर्ण होने से कुल 1500 हेक्टेयर क्षेत्रफल जिसमें खरीफ की 1300 एवं रबी की 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई संभव होगी। इसी प्रकार चेड़िया एनीकट के निर्माण से 134 हेक्टेयर एवं समदमा एनीकट से 785 हेक्टेयर के रकबे की सिंचाई पूर्ण होगी। नकबवार व्यपवर्तन से 1900, डुमरजोर व्यपवर्तन से 600 एवं कुदमुरा व्यपवर्तन योजना से 500 हेक्टेयर रकबे की सिंचाई कार्य हो पाएगी।

कलेक्टर श्री कावरे ने बताया कि प्राकृतिक जल स्त्रोतों का संरक्षण, जलाषयों एवं एनीकटों के निर्माण से ही जिले में ग्रीष्म ऋतु में जल भराव की स्थिति बेहतर हो सकती है। उन्होंने बताया कि जिले में गिरते भू-जल स्तर को बढ़ाने एवं ग्रामीण क्षेत्रो में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लाॅकडाउन में भी यहां बड़े पैमाने पर सिंचाई परियोजनाओं, एनीकट और नहर लाइनिंग का कार्य किया जा रहा है। इन कार्यो के पूर्ण होने पर सिंचाई के रकबें में वृद्धि होगी। इससे किसानों में समृद्धि आएगी। कार्यस्थल पर श्रमिको द्वारा मास्क का उपयोग एवं सोषल डिस्टेंस के नियमों का पालन करते हुए लगातार निर्माण कार्य किया जा रहा है। कार्यस्थल पर श्रमिको को हाथ साफ करने के लिए सेनेटाइजर उपलब्ध कराया गया है जिसके फलस्वरूप श्रमिको द्वारा भय मुक्त होकर कार्य किया जा रहा है।  
 

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