ब्रेकिंग न्यूज़

 कोरबा : डायवर्टेड भूमि का 15 वर्ष का भू-भाटक एकमुश्त जमा करने पर अगले 15 वर्ष के भू-भाटक से मिलेगी छूट

शासकीय भूमि के आबंटन सहित अतिक्रमण के व्यवस्थापन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी
लोग निर्धारित राशि देकर ले सकेंगे भूमि स्वामी हक

कोरबा 04 जुलाई :डायवर्टेड भूमि का 15 साल का भू-भाटक एकमुश्त जमा करने पर भूस्वामी को आने वाले 15 सालों के लिए भू-भाटक जमा करने से छुट मिलेगी। यदि कोई व्यक्ति अपनी डायवर्टेड जमीन का 15 साल का भू-भाटक अभी एक साथ जमा करता है तो उसे 16 वें साल से लेकर 30 साल तक का भू-भाटक जमा नहीं करना होगा। राज्य शासन ने नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि एवं अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के लिए भूमि स्वामी हक देने संबंधी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हंै। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने नगरीय क्षेत्र में अतिक्रमित भूमि व्यवस्थापन, भूमि आबंटन, रियायती स्थायी पट्टों के भूमिस्वामी हक, गैर रियायती स्थायी पट्टों के भूमिस्वामी हक, पट्टा धृति, परिवर्तित भूमि के वार्षिक भू-भाटक वसूली एवं छुट के विषय में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही करने के निर्देश सभी राजस्व अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने नगरीय निकायों में निवासरत् नागरिकों से भी आग्रह किया है कि वे अपनी पात्रता अनुसार शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ उठायें।

भू-अभिलेख नजूल शाखा के प्रभारी अधिकारी श्री अजय उरांव ने आज यहां बताया कि नगरीय क्षेत्र के अतिक्रमित शासकीय नजूल भूमि के व्यवस्थापन के समय किसी व्यक्ति द्वारा भूमि स्वामी हक प्राप्त करने के लिए भूमि आबंटन के समय बाजार मूल्य के 150 प्रतिशत के बराबर प्रब्याजी तथा भूमिस्वामी हक की प्राप्ति हेतु बाजार मूल्य का 2 प्रतिशत के समतुल्य राशि अर्थात् प्रचलित गाइडलाइन दर पर बाजार मूल्य का 152 प्रतिशत राशि शासन को भुगतान करना होगा। इसी प्रकार नगरीय क्षेत्र में स्थित 7500 वर्गफुट तक की शासकीय खुली नजूल भूमि के लिए भूमिस्वामी हक प्राप्त करना चाहता है, तो प्रचलित गाइडलाइन दर पर बाजार मूल्य का 102 प्रतिशत के समतुल्य राशि शासन को भुगतान करने पर भूमिस्वामी हक प्राप्त कर सकता है। यदि नगरीय क्षेत्र (नजूल) में स्थित रियायती पट्टेदार उन्हे प्रदत्त पट्टे की भूमि को भूमिस्वामी हक में परिवर्तन कराना चाहता है, तो प्रचलित गाइडलाइन दर पर बाजार मूल्य का 102 प्रतिशत के समतुल्य राशि शासन को भुगतान करने पर भूमिस्वामी हक प्राप्त कर सकता है। इन योजनाओं के संबंध में और अधिक जानकारी संबंधित अनुविभागीय राजस्व अधिकारी या भू-अभिलेख शाखा में सम्पर्क कर सकते हैं।

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook