बलरामपुर : जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक सम्पन्न
बलरामपुर : संयुक्त जिला कार्यालय भवन में जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। अपर कलेक्टर श्री विजय कुमार कुजूर ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए सदस्यों के साथ चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। ज्ञात है कि जिले में बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया है

जो बाल संरक्षण कार्यक्रम के क्रियान्वयन तथा अनुश्रवण हेतु कार्य करती है। पुलिस, श्रम, स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पंचायत विभाग के अधिकारी समीति के सदस्य के रूप में बैठक में शामिल हुए।
कुल 18 बिंदुओं पर बैठक में समिति के सदस्यों ने चर्चा की जिसमें जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, विशेष किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, विधि विवादित बच्चों के लिए संस्थागत देख-रेख कार्यक्रम, विशेष किशोर पुलिस ईकाई, ट्रेक द मिसिंग चाईल्ड वेब पोर्टल, बाल विवाह, चाईल्ड लाईन तथा दत्तक ग्रहण, से संबंधित विषय प्रमुख रहे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत कतलम ने बाल संरक्षण में पुलिस की भूमिका को रेखांकित करते हुए विभागीय प्रयासों की जानकारी दी।
अपर कलेक्टर श्री विजय कुमार कुजूर ने एकीकृत बाल संरक्षण योजना के बारे चर्चा करते हुए कहा कि योजना सर्वोत्तम बाल हित तथा मौजूदा बाल संरक्षण को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है। उन्होंने योजना के अंतर्गत 18 वर्ष की आयु तक के भिन्न-भिन्न कारणों से प्रभावित बच्चों को किस प्रकार सहायता दी जाती है इसकी जानकारी दी।
बैठक में महिला एवं बाल विकास अधिकारी तथा समिति के सदस्य श्री जे.आर प्रधान ने एजेंडा के अनुसार निर्धारित बिंदुओं पर अध्यक्ष एवं सदस्यों को संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने सदस्यों को अवगत कराते हुए कहा कि जिले में किशोर न्याय बोर्ड रामानुजगंज में संचालित है जो नियमित रूप से खुलती है तथा सामान्य अवकाश के दिनों में भी इसका संचालन होता है।
इसके पश्चात बाल कल्याण समिति को पाॅस्को एक्ट के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि लैंगिक हमला, लैंगिक उत्पीड़न तथा प्रत्येक व्यक्ति के निजता एवं गोपनीयता का अधिकार का सम्मान करते हुए संरक्षण दिया जाता है। उन्होंने बाल कल्याण समिति के सदस्यों के चयन, इसके कार्य तथा कार्यकाल के बारे में जानकारी दी।
अपर कलेक्टर श्री विजय कुमार कुजूर ने कहा कि बाल गृह में विशेष देख-रेख वाले बच्चों के लिए दीर्घ अवधि के संरक्षण की आवश्यकता होती है। इसलिए बाल गृहों में बच्चों की देखभाल अच्छे से हो एवं उन्हें सभी सुविधा प्रदान करने को कहा। दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए इससे जुडे़ हुए भ्रांतियों को दूर करने एवं इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा।
उन्होंने बताया कि दत्तक पुत्र ग्रहण के लिए के केन्द्रीय दत्तक ग्रहण एजेन्सी (कारा) के माध्यम से आनलाईन पंजीयन करा कर निर्धारित प्रक्रिया द्वारा दत्तक बच्चा प्राप्त कर सकते है। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत कतलम ने विशेष किशोर पुलिस इकाई एवं इसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले में वर्तमान में चार बाल हितैषी थानो ंकी स्थापना भी की गयी है।
साथ ही सभी थानों को आर्दश थानों के रूप में विकसित करने की प्रकिया जारी है। थाने में बाल कल्याण पुलिस अधिकारी भी होते है जो ऐसे मामलों में गंभीरता एवं सावधानी के साथ कार्य करते है। श्री कतलम ने पाॅस्को एक्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि औसतन कम उम्र के बच्चियों को बहकावे में लेकर लैंगिक अपराध किये जाते है,
पाॅस्को एक्ट के तहत ऐसे अपराधियों के विरूद्ध कडी़ कार्यवाही की जाती है। किन्तु इसके साथ ही जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लैंगिक शिक्षा जैसे अच्छा स्पर्श/बुरा स्पर्श की जानकारी बच्चियों को दी जाये तथा इसमें स्कूल, काॅलेजों को भी शामिल किया जाये। आवश्यकता अनुसार बच्चों के लिए काउन्सलिंग की व्यवस्था भी हो।
उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत लंबित प्रकरणों, बालकों को किशोर न्याय बोर्ड एवं बाल कल्याण समिति में प्रकरण प्रस्तुत करने संख्यात्मक जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि पुलिस संवेदशीलता के साथ कार्य कर रही है और प्रशासन के साथ सहयोग करते हुए सामाजिक बुराइयांे से मिल कर लड़ाई लड़ी जा रही है।
इस अवसर पर समिति के सदस्य उपस्थित थे।
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