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बलरामपुर : कलेक्टर ने ली नगरीय निकाय के अधिकारियों की समीक्षा बैठक
नगरीकरण की व्यवस्था में समावेशी विकास के सिद्धांतों को शामिल करें-कलेक्टर

बलरामपुर : कलेक्टर श्री श्याम धावडे़ ने जिले के समस्त नगरीय निकायों के मुख्य नगर पलिका एवं नगर पंचायत अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर नगरीय व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों से नगरीय निकायों की वित्तीय स्थिति तथा राजस्व वसूली की प्रगति की जानकारी ली।

डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, एसआरएलएम सेन्टर, वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण, पेंशन वितरण के संबंध में अधिकारियों से विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने राजस्व वसूली के कार्य में तेजी लाने के साथ ही लंबित निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये।

कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने नगरीय निकायों में राजस्व वसूली के अंतर्गत सम्पत्ति कर, समेकित कर, जल कर तथा दुकान किराये के संग्रहण में प्रगति लाने को कहा। निकायों में कोविड-19 कारण राजस्व वसूली वर्तमान अवधि तक अन्य वर्षों की तुलना में काफी कम है जिसमें तेजी लाने की आवश्यकता है।

उन्होंने निकायवार अधिकारियों से उनके क्षेत्र में लंबित तथा पूर्ण-अपूर्ण निर्माण कार्यों की संख्यात्मक जानकारी लेते हुए शीघ्र कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिये। नगरीय निकायों में मंगल भवन, सामुदायिक भवन, स्टेडियम, तालाब सौंदर्यीकरण, टाउन हाॅल, जल आवर्धन योजना, आवास योजना, रैन बसेरा से जुडे़ निर्माण कार्यों को समय में पूर्ण किया जाये ताकि नगर व्यवस्थित होने से लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हो। उन्होंने डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में सूखे तथा गीले कचरे को अलग कर अपशिष्टों का किस प्रकार प्रबंधन किया जा रहा है इसकी जानकारी ली।

कलेक्टर श्री धावड़े ने कहा कि नगरीय निकायों में स्वच्छता तथा जल निकासी की समुचित व्यवस्था हो ताकि नगर में जल भराव एवं गंदगी की स्थिति उत्पन्न न हो पाये। उन्होंने गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए महिला समूहों द्वारा गोबर खरीदी तथा वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के बारे में जानकारी ली। निकायों में हाट बाजार तथा इसके संचालन के संबंध में जाना।

बैठक में कलेक्टर ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत संचालित गतिविधियों की भी समीक्षा की। कलेक्टर श्री धावड़े ने नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों के मूलभूत आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए अधोसंरचनाओं के निर्माण की बात कही। नगरीकरण की व्यवस्था में सामावेशी विकास के सिद्धांतों को शामिल किया जाये।

उन्होंने अधिकारियों को सार्वजनिक प्रयोजनों हेतु उपयुक्त भूमि का चिन्हांकन कर आरक्षित करने तथा इस आशय से प्रस्ताव तैयार कर उच्च कार्यालय को पे्रषित करने के निर्देश दिये।

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