बलरामपुर : राज्य शासन की मंषानुरूप वन अधिकार पत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए पात्र लोगों प्राथमिकता दें-कलेक्टर
वन अधिकार समिति द्वारा व्यक्तिगत, सामुदायिक वन एवं समुदायिक संसाधन के 2472 प्रकरण स्वीकृत
बलरामपुर : अनुसुचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर श्री श्याम धावड़े की अध्यक्षता में राजस्व, वन एवं आदिवासी विकास विभाग की संयुक्त उपस्थिति में जिला स्तरीय वन अधिकार समिति की बैठक की आहुत की गई।

बैठक में पूर्व में निरस्त 51039 व्यक्तिगत आवेदनों पर पुनः विचार करते हुए व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र के 1384 प्रकरणों में 432.84 हेक्टेयर के अधिकार पत्र जारी किये गये एवं सामुदायिक वन अधिकार के 744 प्रकरणों में 17507.92 हेक्टेयर तथा सामुदायिक वन संसाधन के 344 प्रकरणों में 80419.51 हेक्टेयर के अधिकार पत्र स्वीकृत किया गया।

संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित वन अधिकार समिति की बैठक में कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री की मंषा है कि वन अधिकार अधिनियम के माध्यम से 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व वन क्षेत्र में तीन पीढ़ियों एवं 75 साल से वन क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को लाभान्वित करना है। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में नागरिक वर्षों से निवास कर रहे हैं।

उन्हांेने अपना नाम पटवारी रिकार्ड में दर्ज कराने के लिए संघर्ष नहीं किया। सरकार ने उनकी भावनाओं और समस्याओं को समझा तथा उनके जायज अधिकार को दिलाने के लिए इसे एक अभियान की तरह लेकर उन्हें वन अधिकार पत्र दे रही है। वन क्षेत्र में निवास करने वाला आदिवासी एवं गैर आदिवासी जंगल को नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि उसका बेहतर प्रबंधन करते हैं।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिला एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां 159886 परिवारों में कुल 730491 जनसंख्या निवास करती है जिसमें से 458949 (62 प्रतिषत्) अनुसूचित जनजाति के लोग निवासरत् हैं। कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने राज्य शासन की मंषानुरूप वन अधिकार पत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए उपस्थित सर्व संबंधितों को जिले के समस्त पात्र लोगों तक वन अधिकार पट्टों की पहुँच प्राथमिकता से सुनिष्चित करने के निर्देष दिये।
सहायक आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग श्री आर.के. शर्मा ने बताया कि अनुसुचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3(1)(क) के अन्तर्गत पूर्व में व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र के कुल 76846 आवेदन प्राप्त हुए थे जिसमें से 25807 आवेदनों को स्वीकृत कर कुल क्षेत्रफल 13556.3 हेक्टेयर का व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र का वितरण किया गया।
इसी प्रकार धारा 3(1)(ख) के अन्तर्गत सामुदायिक वन अधिकार पत्र के प्राप्त समस्त 1233 आवेदनों में से 1228 को स्वीकृत कर कुल 104012.25 हेक्टेयर का सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरण किया गया। वहीं अनुसुचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3(1)(झ) के अन्तर्गत जिले में सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र में कुल समस्त 161 आवेदन स्वीकृत कर कुल क्षेत्रफल 18877.105 हेक्टेयर के वन अधिकार पत्र जारी किया गया था। साथ ही सामुदायिक धारा 3(2) अन्तर्गत कुल प्राप्त 2540 प्रकरणों में से 1390 प्रकरणों को स्वीकृत कर कुल 706.49 हेक्टेयर का अधिकार पत्र प्रदान किया गया जिसका उपयोग विद्यालय, अस्पताल, आंगनबाड़ी सड़कें, सामुदायिक केन्द्र, विद्युत एवं दूरसंचार लाईनें, जल या वर्षा संचयन संरचनाएं इत्यादि में किया जावेगा।
वन समिति की बैठक में वनमण्डलाधिकारी श्री लक्ष्मण सिंह, अपर कलेक्टर श्री विजय कुमार कुजूर, जिला पंचायत सदस्य एवं समिति के के सदस्य श्रीमती पूर्णिमा पैंकरा एवं हिरामनी निकंुज, डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी आदिवासी विकास श्री बालेष्वर राम, सर्व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सर्व अनुविभागीय अधिकारी वन, सर्व तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं सर्व वन विभाग के रेंजर सहित राजस्व एवं वन विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।
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