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 सुप्रीम कोर्ट ने विदेश में फंसे भारतीयों को लाने वाली फ्लाइट में सभी सीट भरने को बताया स्वास्थ्य से खिलवाड़

नई दिल्ली: विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस ला रहा एयर इंडिया फिलहाल बीच की सीट में यात्रियों को बैठा सकेगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज स्वास्थ्य का खतरा पैदा करने वाले सरकारी सर्क्युलर पर कड़ी नाराजगी जताई. लेकिन विशेष परिस्थितियों के चलते 6 जून तक इस व्यवस्था को चलाने की इजाजत दे दी. ईद की छुट्टी के बावजूद आज सुप्रीम कोर्ट DGCA और एयर इंडिया की तरफ से दाखिल अर्जी पर सुनवाई के लिए विशेष रूप से बैठा. दोनों ने बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. हाई कोर्ट ने विदेश से भारतीयों को ले रही फ्लाइट में बीच की सीट खाली छोड़ने के लिए कहा था. हाई कोर्ट ने सभी सीटें भरने को स्वास्थ्य के लिहाज से खतरनाक और मार्च के महीने में जारी सरकारी नोटिफिकेशन के खिलाफ बताया था. हाई कोर्ट ने यह आदेश एयर इंडिया के एक पायलट देवेन कनानी की याचिका पर दिया था.


इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे एयर इंडिया की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए. उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश को व्यवहारिक रूप से गलत बताते हुए उस पर रोक की मांग की. यह भी कहा कि 22 मई को जारी नए नोटिफिकेशन में फ्लाइट में बीच की सीट खाली रखने की व्यवस्था खत्म कर दी गयी है. इस पर 3 जजों की बेंच ने कड़ी नाराजगी जताई. बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा, “हमें हाई कोर्ट के आदेश में दखल देने की कोई ज़रूरत नहीं लगती। यह बिल्कुल उचित नहीं है कि बाहर तो लोग 6 फीट की दूरी रखें. लेकिन फ्लाइट में कंधे से कंधा सता कर बैठें. ऐसा लगता है कि आपको एयर इंडिया की वित्तीय सेहत की चिंता है, लोगों के स्वास्थ्य की नहीं.“

इस पर सॉलिसीटर जनरल ने मामले में अंतरिम राहत को जरूरी बताया. उन्होंने कहा, “इस वक्त नॉन शेड्यूल्ड फ्लाइट उड़ रही है. इनकी संख्या कम है. विदेश में फंसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. हाई कोर्ट के आदेश से अनिश्चितता फैल गई है. घर आने को बेचैन लोगों को लग रहा है कि उन्हें और लंबा इंतजार करना पड़ेगा. हमारी एक समस्या और है. टिकट बिक चुके हैं. अब हम उन यात्रियों को कैसे मना करें जिनकी सीट बीच की है? कई लोगों का टिकट परिवार के साथ है. एक सदस्य को पीछे कैसे छोड़ा जा सकता है?” जजों ने इस तरह की स्थिति पैदा करने के लिए DGCA की खिंचाई की. लेकिन यह स्वीकार किया कि अगर मौजूदा हालात में हाई कोर्ट का आदेश लागू हुआ तो पहले से परेशान लोगों की दिक्कत और बढ़ जाएगी. टिकट बिक जाने का हवाला देते हुए कोर्ट ने 6 जून तक बीच की सीट में यात्रियों को बैठाने की अनुमति दे दी.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में इससे ज़्यादा दखल देने से मना करते हुए उसे वापस बॉम्बे हाई कोर्ट भेज दिया और  कहा कि 2 जून को होने वाली अगली सुनवाई में हाई कोर्ट सभी पक्षों को सुनने के बाद उचित आदेश पारित करे. कोई भी कदम उठाते वक्त लोगों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाए.
 

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