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 कोविड-19 वैक्सीन : ब्रिटेन में टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू, 90 साल की महिला मरीज को दी गई वैक्सीन की पहली खुराक
उत्तरी आयरलैंड की एक 90 वर्षीय महिला यूके के सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत में फाइजर/बायोएनटेक कोविड वैक्सीन लगाने वाली दुनिया की पहली शख्स बन गई हैं.

दुनिया में कोरोना वायरस ने कहर मचाया हुआ है. हालांकि अब वैक्सीन के कारण कोरोना वायरस (कोविड-19) का खात्मा होने की उम्मीद की जा रही है. इस क्रम में दुनिया में कोरोना वैक्सीन को दिए जाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. ब्रिटेन (यूके) में लोगों को कोरोना वैक्सीन दिए जाने की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर शुरू हो चुकी है. इस दौरान उत्तरी आयरलैंड की एक 90 वर्षीय महिला यूके के सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत में फाइजर/बायोएनटेक कोविड वैक्सीन लगाने वाली दुनिया की पहली शख्स बन गई हैं.

उत्तरी आयरलैंड की 90 साल की महिला मार्गरेट कीनन को ट्रायल से इतर दुनिया में पहला कोरोना वायरस का टीका दिया गया है. एनिस्किलीन की मार्गरेट कीनन ने कहा है कि उन्हें कॉवेंट्री के यूनिवर्सिटी अस्पताल में कोरोना वायरस की वैक्सीन हासिल करते हुए विशेषाधिकार महसूस हुआ. दरअसल, यूके में 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के अलावा कुछ स्वास्थ्य और देखभाल कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा. इसका उद्देश्य सबके जीवन को फिर से सामान्य करना है.

वहीं दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन लेने के बाद कीनन ने कहा, 'दुनिया में कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन लेते हुए मुझे विशेषाधिकार महसूस हुआ है. यह मेरे लिए सबसे अच्छा जन्मदिन है. अब मैं नए साल में अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने के लिए तत्पर रह सकती हूं. मैं कर्मचारियों को ज्यादा धन्यवाद नहीं दे सकती, जिन्होंने मुझे काफी ध्यान से देखा है.'

किन्हें दी जाएगी वैक्सीन?
 
बता दें कि पिछले हफ्ते नियामकों की ओर से कोरोना वैक्सीन के उपयोग को मंजूरी देने के बाद फाइजर वैक्सीन का उपयोग शुरू करने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बन गया है. वहीं ब्रिटेन में केयर होम्स में रहने वाले लोगों और कर्मचारियों को वैक्सीन लगेगी. इसके बाद 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग और स्वास्थ्यकर्मियों को लगाई जाएगी. फिर 75 साल से ऊपर के बुजुर्गों को वैक्सीन दी जाएगी. इसके बाद 70 साल और फिर 65 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन मिलेगी. इसके बाद 18 से 65 साल वाले वो लोग, जिनमें जोखिम ज्यादा है, उन्हें वैक्सीन के दायरे में रखा जाएगा. फिर 18 से 65 साल के वो लोग जिनमें रिस्क थोड़ा कम है, उन लोगों को वैक्सीन लगेगी.

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