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स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की जयंती पर मुख्यमंत्री ने उन्हें किया नमन
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न और 21 वीं सदी के आधुनिक भारत के स्वप्न दृृष्टा स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की जयंती पर राष्ट्र के नवनिर्माण में उनके अमूल्य योगदान को याद करते हुए उन्हें नमन किया है। श्री बघेल ने उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर आज यहां जारी अपने संदेश में कहा है कि श्री राजीव गांधी ने भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। उन्होंने अपने कार्याें से 21 वीं सदी के आधुनकि भारत की नींव रखी।मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राजीव गांधी ने सत्ता के विक्रेन्द्रीयकरण के उद्देश्य से देश में पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय निकायों को अधिकार संपन्न बनाने का महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने देश में कम्प्यूटर और सूचना क्रांति की नींव रखी जिसके जरिए शासकीय काम-काज में पारदर्शिता और ई-प्रशासन के माध्यम से आमजन तक शासकीय योजनाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित हुई। उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए युवाओं को 18 साल में मतदान का अधिकार दिलाया।मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय श्री राजीव गांधी का यह दृष्टिकोण था कि ‘भारत मंे गरीबी उन्मूलन तथा आत्मनिर्भर भारत‘ निर्माण के लक्ष्य की प्राप्ति किसानों की आर्थिक दशा मंे सुधार के बिना संभव नहीं है। उनके बताए रास्ते पर चलते हुए राज्य सरकार ने गरीबों, किसानों, आदिवासियों सहित सभी वर्गों के लोगों के लिए अनेक कल्याणकारी कार्यक्रम और योजनाएं शुरु की हैं। किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ शुरु की गयी है। इस योजना के माध्यम से 19 लाख किसानों को 5750 करोड़ रुपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खाते में डाली जा रही है। इस योजना की दूसरी किश्त 20 अगस्त को राजीव जी की जयंती पर दी जा रही है। राज्य सरकार ने किसानों की बेहतरी के लिए धान खरीदी, कर्जमाफी, सिंचाई कर की माफी जैसे कदम उठाए।राज्य सरकार गांवों की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए विशेष ध्यान दे रही है। ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सुराजी गांव योजना शुरू की है। गांवों में गौठानों में पशुधन संवर्धन के साथ साथ रोजगार मूलक गतिविधियां शुरू की गई है। इन गौठानों में गोबर खरीदी की ‘गोधन न्याय योजना’ संचालित की जा रही है। देश दुनिया में पहली बार दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। यही नहीं वनवासियों के द्वारा संग्रहित लघु वनोपजों की खरीदी व्यवस्था, व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार पत्रों का वितरण, ‘तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना जैसी कल्याणकारी योजनाएं प्रारंभ की गई है। -
कार्यक्रम में रइचुली-चकरी झूला और ठेठरी-खुरमी का इंतजाम
नांदिया-बैला और पारंपरिक कटआउट के साथ सेल्फी लेने महिलाओं में लगी होड़
प्रत्येक संभाग के लिए राम वन गमन पथ पर आधारित रथ रवाना
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के रायपुर निवास में लगातार दूसरे साल परंपरागत पोरा-तीजा का तिहार छत्तीसगढ़ी संगीतमय वातावरण में हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल के साथ कार्यक्रम में शामिल होकर भगवान शिव, नांदिया बैला और चुकियां-पोरा की पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। .
उन्होंने इस अवसर पर सभी माताओं और बहनों को त्यौहार की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री निवास में पोरा-तीजा तिहार के लिए विशेष इंतजाम किये गये। मुख्यमंत्री निवास परिसर को छत्तीसगढ़ की परम्परा और रीति-रिवाज के अनुसार सजाया गया था। निवास पूरी तरह छत्तीसगढ़िया रंग में रंगा नजर आया। छत्तीसगढ़ी लोक संगीत, नृत्य, ठेठरी, खुरमी, चीला, मालपूआ जैसे पारंपरिक पकवान के इंतजाम किए गए थे। जिसे लेकर महिलाओं में बहुत उत्साह देखा गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राम वन गमन पथ पर आधारित रथ को भी रवाना किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह और सुश्री शकंुतला साहू, राज्य सभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, श्रीमती फूलोदेवी नेताम, विधायक श्री मोहन मरकाम, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, पूर्व सांसद श्रीमती करूणा शुक्ला सहित जनप्रतिनिधि और माताएं-बहनें उपस्थित थीं। कोविड -19 के प्रकोप को देखते हुए आयोजन में सीमित संख्या में लोगों को आमंत्रित किया गया था।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी माताओं-बहनों और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से मुख्यमंत्री निवास पहुंची महिलाओं को तीजा-पोरा की बधाई देते हुए कहा कि पिछले साल रस्सा-खीच, जलेबी दौड़, मटका फोड़ जैसे कई आयोजन किये गए थे लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोजन को सीमित रखा गया है। उन्होंने कहा कि त्योहार हमारी संस्कृति से जुड़े होते हैं, इसे मनाते हुए ‘जान है तो जहान है‘ इस बात का ध्यान भी रखना होगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि तीजा में बहू-बेटियों को मायके न जाने संबंधी कोई संदेश शासन से जारी नहीं किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से गांवों में ग्रामीणों ने इस तरह की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गांवों में जिस तरह की व्यवस्था पहले देखी गई है, वैसी शहरों में भी नहीं हुई। संक्रमण से बचाव के लिए ग्रामीण अपनी परिस्थतियों के अनुरूप व्यवस्था कर सकते हैं। हम उनकी व्यवस्था का सम्मान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने तीजा-पोरा के अवसर पर राम वन गमन पथ पर आधारित रथ को भी रवाना किया। यह रथ प्रदेश के सभी संभागों में गांव-गांव जाकर लोगों को डिजिटल वीडियो के माध्यम से प्राचीन धरोहर, मंदिरों और रामवनगमन पथ से संबंधित जानकारी देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवालयों के विकास के लिए ‘राम वन गमन कोष‘ बनाया जाएगा। यह कोष जनभागीदारी समिति के माध्यम से संचालित होगा, जिसमें अशासकीय लोग होंगे। कोष की धनराशि से प्रदेश में राम वन गमन पथ में आने वाले मंदिर, देवालय, आदिवासियों के गुड़ी का विकास और पुनरोद्धार किया जाएगा और खाने-रहने की व्यवस्था भी की जाएगी। उन्होंने लोगों से कोष में दान देने की भी अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनिया भर में छत्तीसगढ़ सरकार की गोबर खरीदी की चर्चा है। इससे गोबर कीमती हो गया है। हमारी योजनाएं गांव, गरीब, किसानों के लिए हैं। हमने गोबर की ही व्यवस्था नहीं की है बल्कि गौठानों में महिलाएं आटा मिल, तीखुर के छोटे प्लान्ट जैसे कई रोजगार का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि तीजा के एक दिन पहले करू-भात के दिन 20 अगस्त को हम किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राशि, तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक और गोधन योजना के तहत ग्रामीणों को गोबर विक्रय का भुगतान करेंगे, जिससे बहनों को किसी तरह की कमी न हो। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के प्रकोप को दखते हुए लोगों से कहा कि बचाव में ही सुरक्षा है इसलिए कड़ाई से नियमों का पालन करें।
महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया ने बहु-बेटियों हेतु इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि तीजा में बहू-बेटियों को मायके जाने की मनाही नहीं है,लेकिन संक्रमण को देखते हुए बहुओं को भी बेटियोें की तरह तीजा मनवाएं। इस अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री की विशेषता है कि आज मुख्यमंत्री निवास में भी हमें घर-परिवार सा माहौल लगता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन का काम शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी बोली को सहेजने के लिए भी प्रतियोगिता होनी चाहिए।
कार्यक्रम स्थल में पारंपरिक वेशभूषा और गहनों से सजी महिलाओं के कटआउट और नांदियां बैला के सेल्फी जोन बनाए गए थे। महिलाएं भी इन पारंपरिक कटआउट के साथ सेल्फी लेने के लिए खासी उत्साहित दिखीं। इसके साथ ही नांदिया बैला और चुकी-पोरा से सजाए स्टॉल के साथ भी महिलाओं ने सेल्फी ली। कार्यक्रम स्थल में लगे रइचुली झूला और चकरी झूला का भी महिलाओं ने आनंद लिया। पारंपरिक छत्तीसगढ़ी लोक गीतों और नृत्यों ने मुख्यमंत्री निवास में लोगों का उत्साह और बढ़ा दिया। -
आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में कुछ लोगों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। इन लोगों ने एक प्राइवेट बस को अगवा कर लिया और ड्राइवर-कंडक्टर को बंधक बना लिया। बस में 34 सवारी भी थे। बताया जा रहा है यात्रियों को झांसी में उतार दिया गया है। अभी तक बस का कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस बस की तलाश में छापेमारी कर रही है।
शहर के न्यू दक्षिणी बाइपास पर मंगलवार देर रात जा रही बस पर फाइनेंसकर्मियोंं ने बदमाशों की स्टाइल में अवैध तरीके से कब्जा कर लिया। जाइलो गाड़ी से ओवरटेक करके बस रोक ली। इसके बाद बस में सवार हो गए। कुबेरपुर तक उन्हें साथ ले गए। इसके बाद हाईवे पर चालक को उतारकर बस को सवारियों समेत ले गए। तड़के चालक ने मलपुरा थाने में जाकर सूचना दी। बस में 34 सवारी बैठी थीं। गंभीर घटनाक्रम को देखते हुए प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने इस घटना के बारे में सुबह करीब 10.30 बजे बयान जारी किया है कि इस बस को फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने अवैध तरीके से कब्जे में लिया है। बस में सवार सभी यात्री सकुशल हैं। लेकिन बस अभी कहां है और यात्री किस जगह पर, इन सवालों का जवाब नहीं मिला है। चर्चा ये भी है कि बस झांसी क्षेत्र में पहुंच चुकी है।
ग्वालियर के डबरा निवासी रमेश स्लीपर बस में 34 सवारी लेकर मंगलवार शाम को गुरुग्राम से मप्र के पन्ना में अमानगंज को निकले थे। रात 10.30 बजे वे दक्षिणी बाइपास के रायभा टोल प्लाजा के पास पहुंचे। वहां उन्हें दो जाइलो में सवार आठ- नौ युवक मिले। उन्होंने प्लाजा पर ही खुद को फाइनेंसकर्मी बताकर बस को रोक लिया। चालक से बस से नीचे उतरने को कह रहे थे। मगर, जिरह के बाद चालक वहां से बस को लेकर आगे चल दिया। जाइलो गाड़ी सवार बस का पीछा करते रहे।
मलपुरा क्षेत्र में न्यू दक्षिणी बाइपास पर ही उन्होंने जाइलो गाड़ी से बस को ओवरटेक करके रोक लिया। चालक और परिचालक को जबरन बस से नीचे उतारकर अपनी गाड़ी में बैठा लिया। बस में चार साथी बैठ गए और खुद ही बस को चलाने लगे। चालक के मुताबिक, यहां से वे बस को ग्वालियर रोड पर उतारकर सैंया ले गए। सैंया से फतेहाबाद होते हुए लखनऊ एक्सप्रेस वे पर पहुंचे। यहां एक्सप्रेस वे के नीचे स्थित ढाबे पर खाना खाया। परिचालक से सवारियों के रुपये वापस कराए और सवारियों समेत बस लेकर फिर चल दिए। चालक और परिचालक को दिल्ली-कानपुर हाईवे पर कुबेरपुर के पास छोड़ गए।
तड़के चार बजे चालक और परिचालक ने मलपुरा थाने पहुंचकर घटना की जानकारी पुलिस को दी। तब पुलिस सक्रिय हुई। पुलिस बस के बारे में आगे के टोल प्लाजा से संपर्क कर जानकारी करने का प्रयास कर रही है। चालक और परिचालक से पूछताछ की जा रही है। एसएसपी बबलू कुमार भी थाना मलपुरा पहुंच गए।
चालक से बोले थे जाइलो गाड़ी सवार किस्त टूट गई है, बस ले जा रहे हैं
सवारियों से भरी हाईजेक करने वाले जाइलो गाड़ी सवारों की चालक और परिचालक से खूब जिरह हुई थी। बस ले जाने से पहले उन्होंने यह भी कहा था कि बस की किस्त टूट गई है। इसलिए लेकर जा रहे हैं। अभी कुछ और बसें वे खींचकर ले जाएंगे। पूरे घटनाक्रम में उन्होंने सवारियों से अभद्रता नहीं की, बल्कि उनका किराया भी परिचालक से वापस करा दिया। अभी तक सवारियों और बस के बारे में पता नहीं चल सका है। मगर, पुलिस घटनाक्रम को देखते हुए फाइनेंस का मामला मान रही है।
बुधवार को सुबह चार बजे चालक के मलपुरा थाने पहुंचने के बाद महकमे में खलबली मच गई। बबलू कुमार रायभा टोल प्लाजा पर पहुंच गए। आइजी ए सतीश गणेश ने राजस्थान और मध्यप्रदेश के अधिकारियों से संपर्क साधा। दिल्ली- कानपुर हाईवे और लखनऊ एक्सप्रेस वे के सीसीटीवी फुटेज चेक कराए गए। लखनऊ एक्सप्रेस वे और कानपुर हाईवे पर टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज में बस आगे की ओर जाती नहीं दिखी है। इसलिए आशंका है कि बस दिल्ली की ओर ही लौटकर गई है। इसके लिए मथुरा पुलिस को भी अलर्ट किया गया है। बस मंगलवार को गुरुग्राम से शाम पांच बजे चली थी। सात बजे कोसी पार किया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बस को कब्जे में करने वाले युवक खुद को फाइनेंसकर्मी बता रहे थे। उनके पास कोई हथियार होने की जानकारी भी नहीं मिली है। बस में केवल तीन युवक ही चढ़े थे। सवारी 34 थीं। अगर वे उन्हें भी साथ ले गए होते तो पुलिस को कहीं सूचना मिलती। आशंका है कि चालक-परिचालक को जाइलो गाड़ी में बैठाकर अलग दिशा में ले गए। सवारियों का किराया वापस कराने के बाद उन्हें भी लखनऊ एक्सप्रेस वे या अन्य स्थान पर छोड़ा गया होगा।
मंगलवार सुबह बस गई थी गुरुग्राम
सैंया टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी पुलिस ने चेक की। इसमें बस मंगलवार सुबह छह बजे ग्वालियर से आगरा की तरफ आती हुई दिखी है। इससे यह स्पष्ट हुआ है कि बस मंगलवार को ही ग्वालियर से गुरुग्राम गई थी।
बस मालिक की कल हुई है मौत
बस इटावा नंबर की है और इसका मालिक ग्वालियर का है। बस पर कल्पना ट्रैवल्स लिखा है। इस ट्रैवल्स की करीब 60-70 बसें हैं। पुलिस को जानकारी मिली है कि बस मालिक की मंगलवार को मौत हुई है। वे कोरोना संक्रमित भी थे। इसीलिए परिवार के लोगों से अभी संपर्क नहीं हो पा रहा है। उनसे बात होने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि बस पर फाइनेंस था या नहीं? -
उत्तर प्रदेश : यूपी में कोरोना संक्रमण अपना कहर बरपा रहा है... एक दिन में 4336 नए मरीज मिले हैं... जिसके बाद आंकड़ा एक लाख 62 हजार पार हो चुका है...
जिसमें 50 हजार से ज्यादा अभी भी एक्टिव केस हैं... एक दिन में 4336 नए मरीज मिले हैं तो 77 मरीजों की जान जा चुकी है... सबसे ज्यादा बुरे हालात अभी भी लखनऊ में ही बने हुए हैं...। -
जनप्रतिनिधियों का संचालक मंडल में प्रतिनिधित्व नहीं होने से स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का जनता से जुड़ाव नहीं और योजनाओं के क्रियान्वयन में जमीनी बाधाएं
श्री बघेल ने केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)श्री पुरी को लिखा पत्र
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर स्मार्ट सिटी मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड के संचालक मंडल में महापौर को भी शामिल करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री पुरी को आजादी के पर्व पर देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनका ध्यान केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना स्मार्ट सिटी मिशन के क्रियान्वयन की ओर दिलाया है। इसमें उन्होंने अवगत कराया है कि भारत सरकार द्वारा चयनित 100 शहरों में स्मार्ट सिटी मिशन के क्रियान्वयन हेतु विशेष प्रयोजन यान, जो स्मार्ट सिटी लिमिटेड के नाम से पंजीकृत है, के माध्यम से कराया जा रहा है। स्मार्ट सिटी लिमिटेड के संचालक मंडल में स्मार्ट सिटी मिशन के दिशा-निर्देशों के अनुसार केवल प्रशासनिक अधिकारियों को रखा गया है किन्तु संचालक मंडल में जनप्रतिनिधियों के शामिल नहीं होने के कारण असंतोष व्यक्त करते हुए संचालक मंडल में प्रतिनिधित्व की मांग की जा रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में आगे अवगत कराया है कि भारत के संविधान के 74वें संशोधन द्वारा नगरीय निकायों को सशक्त करने के उद्देश्य से सरकार के तीसरे स्तंभ के रूप में स्थान दिया गया है। शहरी प्रशासन में महापौर तथा महापौर परिषद को व्यापक अधिकार सौंपे गए हैं। जिनका स्मार्ट सिटी लिमिटेड में कोई भूमिका निर्धारित नहीं है। जनप्रतिनिधियों का संचालक मंडल में प्रतिनिधितव नहीं होने के कारण स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का जनता से जुड़ाव नहीं हो पा रहा है और योजनाओं के क्रियान्वयन में जमीनी बाधाएं परिलक्षित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उपरोक्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री पुरी से स्मार्ट सिटी लिमिटेड के संचालक मंडल में महापौर को शामिल किए जाने हेतु संबंधितों को आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
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दुर्ग जिले के बिरेभांठ में स्थापित होगी यह इकाई
विभिन्न सशस्त्र सेनाओं-थल सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ तथा राज्य सरकार के सशस्त्र बलों के लिए किया जाएगा बुलेटप्रूफ जैकेट एवं हेलमेट का उत्पादन
कम्पनी द्वारा लगभग 87.50 करोड़ रूपए का कियाजाएगा पूंजी निवेश: 150 लोगों को मिलेगा रोजगारप्रथम चरण में एक-एक लाख बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट का होगा उत्पादन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में आज छत्तीसगढ़ में रक्षा श्रेणी के उद्योग की पहली उत्पादन इकाई की स्थापना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह औद्योगिक इकाई भारत सरकार के विभिन्न सशस्त्र सेनाओं यथा थल सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ तथा राज्य सरकार के सशस्त्र बलों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट एवं हेलमेट का उत्पादन करेगी।
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में छत्तीसगढ़ शासन के उद्योग विभाग और रक्षा उत्पादों की औद्योगिक इकाई स्थापित करने वाली कम्पनी मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड, दुर्ग के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। रक्षा उत्पादों की यह इकाई छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के बिरेभांठ गांव में स्थापित की जाएगी। इस इकाई में कम्पनी द्वारा लगभग 87.50 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश किया जाएगा। इस उद्योग के माध्यम से लगभग 150 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। प्रथम चरण में रक्षा उत्पादों की यह औद्योगिक इकाई एक-एक लाख बुलेटप्रूफ जैकेट एवं हेलमेट का उत्पादन करेगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस इकाई की स्थापना के लिए मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड और उद्योग विभाग के अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
एमओयू में उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ और मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड के एम.डी. श्री एस स्वामीनाथन ने हस्ताक्षर किए। प्रमुख सचिव श्री पिंगुआ ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति में रक्षा श्रेणी के उद्योगों को उच्च प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया है। छत्तीसगढ़ मंे स्थापित होने वाली इस प्रथम इकाई के लिए डीआरडीओ से तकनीकी के लिए अनुबंध किया गया है। मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड के एम.डी. श्री एस स्वामीनाथन ने बताया कि इस इकाई में नवम्बर तक उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा।
मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड, दुर्ग द्वारा लायसेेंस एवं एग्रीमेंट के तहत डिफेंस टेक्नालाजी हेतु भारत सरकार से 25 मार्च 2019 को अनुबंध किया गया है, जिसके तहत स्थापित होने वाली इस इकाई को भारत सरकार की विभिन्न सशस्त्र सेनाओं यथा थल सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ तथा राज्य सरकार के सशस्त्र बलों हेतु बुलेटप्रूफ जैकेट एवं हेलमेट निर्माण हेतु 5 मई 2020 को अनुमति जारी की गई है। भारत सरकार द्वारा इस उद्योग की स्थापना के लिए दिए गए लायसेंस के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा आज एमओयू निष्पादित किया गया है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव उद्योग श्री मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सचिव सामान्य प्रशासन डॉ कमलप्रीत सिंह, संचालक, उद्योग श्री अनिल टुटेजा, सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक श्री अरूण कुमार सहित वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के विशेष सचिव श्री व्ही.के.छबलानी, मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया, निवेशकों में मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड के एम.डी. श्री एस स्वामीनाथन, डायरेक्टर श्री वेंकटारमन, वाईस प्रेसीडेंट श्री के.एल.बालासुब्रमणियम उपस्थित थे। मेसर्स एटमास्टको लिमिटेड, दुर्ग एक प्रतिष्ठित इकाई है, जो विगत 35 वर्ष से कार्यरत है। इस इकाई में वर्तमान में हैवी फेब्रीकेशन जैसे ब्रिज आदि का निर्माण होता है तथा इसमें लगभग 600 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त है। -
प. बंगाल : पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कोरोना वायरस संक्रमित विधायक समरेश दास का सोमवार को निधन हो गया है। यह जानकारी पार्टी के सूत्रों ने दी। वे पहले से कुछ रोगों से ग्रस्त थे और उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। उन्होंने सोमवार को कोलकाता में अंतिम सांस ली।

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सुराजी तिहार के पावन बेरा म छत्तीसगढ़ के जम्मो सियान, दाई-दीदी, संगी-जहुंरिया, नोनी-बाबू मन ला गाड़ा-गाड़ा बधाई।
रायपुर : भारत की आजादी की 73वीं सालगिरह के अवसर पर मैं अमर शहीदों गैंदसिंह, वीर नारायण सिंह, मंगल पाण्डे, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मी बाई, वीरांगना अवंति बाई लोधी और उन लाखों बलिदानियों को नमन करता हूं, जिन्होंने आजादी की अलख जगाई थी।
आजादी की लम्बी लड़ाई में देश को एकजुट करने और बुलंद भारत की बुनियाद रखने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुुल कलाम आजाद जैसे अनेक महान नेताओं के हम हमेशा ऋणी रहंेगे। राष्ट्रीय आंदोलन की चेतना से छत्तीसगढ़ को जोड़ने और आदर्श विकास की नींव रखने वाले वीर गुण्डाधूर, पं. रविशंकर शुक्ल, ठाकुर प्यारेलाल सिंह, डॉ. खूबचंद बघेल, पं. सुंदरलाल शर्मा, बैरिस्टर छेदीलाल, यतियतन लाल, मिनीमाता, डॉ. राधाबाई, पं. वामनराव लाखे,महंत लक्ष्मीनारायण दास, अनंतराम बर्छिहा, मौलाना अब्दुल रऊफ खान, हनुमान सिंह, रोहिणी बाई परगनिहा, केकती बाई बघेल, श्रीमती बेला बाई जैसे अनेक क्रांतिवीरों और मनीषियों के योगदान के कारण हम सब शान से सिर उठाकर जी रहे हैं। मैं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन सभी पुरखों को सादर नमन करता हूं।
आज का दिन शहादत की उस विरासत को भी याद करने का है, जिसमें गणेश शंकर विद्यार्थी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसे हमारे पुरखों का बलिदान भी दर्ज है, जिन्होंने देश की एकता और अखण्डता को बचाये रखने के लिए कुर्बानी दी ताकि देश, अपने मूल्यों और सिद्धांतों पर अडिग रहे, और जाति, धर्म, सम्प्रदाय की सीमाओं से ऊपर उठकर विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचे। यह साल असहयोग आंदोलन का शताब्दी वर्ष भी है, 1 अगस्त 1920 को महात्मा गांधी का यह आह्वान निर्णायक साबित हुआ था कि हम असहयोग करेंगे लेकिन किसी भी हालत में हिंसा नहीं होनी चाहिए।
महात्मा गांधी ने कहा था- मैं ऐसा भारत चाहता हूं, जिसमें गरीब से गरीब लोग भी यह महसूस करेंगे कि यह उनका देश है, जिसके निर्माण में उनकी आवाज का महत्व है, जिसमें विविध सम्प्रदायों के बीच पूरा मेल-जोल होगा।........ मैं ऐसा भारत चाहता हूं, जिसका शेष सारी दुनिया से शांति का संबंध हो। मेरे लिए हिन्द स्वराज्य का अर्थ है सब लोगों का राज्य-न्याय का राज्य। ..... हमारा स्वराज्य निर्भर करेगा, हमारी आंतरिक शक्ति पर, बड़ी से बड़ी कठिनाइयों से जूझने की ताकत पर।
याद कीजिए आजाद भारत के पहले उद्घोष को। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था- ‘हमने नियति को मिलने का वचन दिया था और अब समय आ गया है कि हम अपने वचन को निभाएं।’ ....... अपने इस ऐतिहासिक भाषण में पंडित नेहरू ने कहा था कि ‘जब तक लोगों की आंखों में आंसू हैं और वे पीड़ित हैं, तब तक हमारा काम खत्म नहीं होगा।’
भाइयांे और बहनांे, अपने देश के संघर्षों और इतिहास को भुलाकर, मूल्यविहीन और अवसरवादी समझौते करना भारत की तासीर नहीं है। देश को विभेदकारी शार्टकट नीतियों और योजनाओं की चमक से बहलाया तो जा सकता है, लेकिन इससे दीर्घजीवी समाधान सम्भव नहीं होते। देश अब एक बार फिर उस दोराहे पर खड़ा है, जहां एक ओर विभेद और युद्ध-उन्माद की चमक है, तो दूसरी ओर त्याग, बलिदान, मूल्य, समन्वय और अहिंसा की सनातन परंपरा और गांधीवादी विचारधारा है। निश्चित रूप से हमने गांधीवादी रास्ता चुना है।
आज हम आजादी के बाद सबसे बड़े वैश्विक संकट के बीच खड़े हैं। कोरोना और कोविड-19 के हमले ने पूरी दुनिया में इंसानियत को ही कसौटी पर रख दिया है और उन चेहरों को बेनकाब कर दिया है, जो विकास के अपने तौर-तरीकों को मानवीय बताते थे। ऐसे समय में हमें अपने संविधान से मिली शक्ति और समाजवादी, पंथ निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में मिली पहचान ने ही संरक्षण और रास्ता दिया। इसी शक्ति के संरक्षण में हम राज्य सरकार के रूप में अपनी प्राथमिकता तय कर सकें कि यह समय समाज के सबसे कमजोर तबकों के आंसू पोंछने का, उसे सशक्त बनाने का ही होना चाहिए। मानवता की सेवा की गांधीवादी सोच और नेहरूवादी संस्थाओं व अधोसंरचनाओं ने ही हमें कोरोना से मुकाबला करने के योग्य बनाया।
हम में से कोई भी, वह मंजर शायद ही कभी भूल पाए कि किस तरह विभिन्न राज्यों से अपना रोजगार, जमा पूंजी, घर-गृहस्थी खोकर प्रदेश के लाखों लोग चारों दिशाओं से पैदल आ रहे थे। हजारों लोग अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए थे। लॉकडाउन के कारण उन्हें रहवास, भोजन, बच्चों के लिए दूध, दवा जैसी बहुत जरूरी सुविधाएं भी दूभर हो रही थीं, ऐसे समय में राज्य सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर प्रदेश की जनता तथा संस्थाओं ने अद्भुत कार्य किए। साढ़े 5 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी हुई। उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ घर पहुंचाने के लिए हर गांव में अर्थात् लगभग 22 हजार क्वारंटाइन सेंटर स्थापित किए गए।इन श्रमवीरों को न सिर्फ मनरेगा के तहत रोजगार दिलाया गया बल्कि क्वारंटाइन सेंटर में ही इनके ‘स्किल मैपिंग’ की व्यवस्था की गई ताकि इन्हें प्रदेश में सम्मानजनक रोजगार दिलाया जा सके। इस दौर में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को भी चाक-चौबंद बनाया गया जिसके कारण संक्रमित लोगों की रिकवरी दर अन्य प्रदेशों से बेहतर रही तथा मृत्युदर भी काफी कम रही। 21 राज्यों तथा 3 केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे हमारे लगभग 3 लाख मजदूर साथियों को खाद्यान्न व अन्य राहत पहुंचायी गई। वहीं लॉकडाउन की अवधि में लगभग 74 हजार मजदूरों को वेतन की बकाया राशि 171 करोड़ रू. का भी भुगतान कराया गया। 107 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से न सिर्फ हमारे प्रदेश के मजदूर वापस लाए गए बल्कि अन्य प्रदेशों के मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने की भी व्यवस्था की गई।
कोरोना महामारी के दौरान हमारी ‘सार्वभौम पीडीएस योजना’ भी कसौटी पर खरी उतरी। 57 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, निराश्रित, निःशक्तजन राशनकार्डधारियों को निःशुल्क चावल वितरण किया जा रहा है। आंगनवाड़ी तथा मध्याह्न भोजन योजना के हितग्राहियों को मिलने वाली पोषण सामग्री में कोई बाधा न आए, इसके लिए घर पहुंच सेवा दी जा रही है। इस तरह ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ भली-भांति जारी रहा, जिससे कुपोषण में 13 प्रतिशत कमी आयी है।
भाइयों और बहनों, हम गांधी-नेहरू-पटेल-बोस-भगत सिंह-आजाद-लाल-बाल-पाल जैसे त्यागियों को अपना आदर्श मानने वाले लोग हैं, जिन्होंने आपदा को सिर्फ सेवा का अवसर माना था। विश्व इतिहास की सबसे दुखदायी और भयंकर त्रासदी के इस समय में हमारी सरकार ने सेवा के इसी सिद्धांत को अपनाया क्योंकि यही हमारी विरासत है। सेवा ही हमारा सनातन धर्म है। इसी रास्ते पर चलते हुए हमें आर्थिक मंदी और कोरोना संकट काल में अर्थव्यवस्था को बचाये रखने में सफलता मिली है।
छत्तीसगढ़ में हमने अपनी संस्कृति, अपने खेतों, गांवों, जंगलों, वनोपजों, प्राकृतिक संसाधनों, लोककलाओं, परंपराओं और इन सबके बीच समन्वय से अपना रास्ता बना लिया। हमें गर्व है कि अर्थव्यवस्था का हमारा छत्तीसगढ़ी मॉडल संकट मोचक साबित हुआ।
कोरोना संकट पूरी दुनिया के लिए एक सबक बनकर भी आया है कि महाशक्तियों का दम भरने वाले देश किस तरह एक वायरस के आगे बौने साबित हुए और अपनी भावी नीतियों को लेकर चिंतन करने पर विवश हुए हैं। तथाकथित विकास की जडं़े कितनी सतही थीं, जो ऐसा एक झटका भी नहीं सह पायीं। दुनिया यह जानना चाहती है कि छत्तीसगढ़ में विगत डेढ़ वर्ष में ऐसी कौन-सी शक्ति आ गई, जिसने गिरती अर्थव्यवस्था को थाम लिया।
मैं बताना चाहता हूं कि हमने किसानों, ग्रामीण आदिवासियों वन आश्रितों और आम जनता को मजबूती दी। 25 सौ रू. क्विंटल में धान खरीदी, कर्ज माफी, सिंचाई कर माफी, 4 हजार रू. मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण मजदूरी, 31 वनोपजों की समर्थन मूल्यों पर खरीदी, खादी और ग्रामोद्योग को बढ़ावा, घरेलू बिजली बिल हाफ, सामान्य तथा औद्योगिक भूमि की गाइड लाइन में 30 प्रतिशत की कमी, आवासीय फ्लैट की पंजीयन दर में कमी, औद्योगिक भूमि के हस्तांतरण तथा लीज रेन्ट में कमी, राजस्व तथा श्रम संबंधी सुधार सहित बहुत सारे फैसले ऐसे हैं, जिससे गांवों से लेकर शहरों तक एक नया विश्वास जागा। किसानों, आदिवासियों और वन निवासियों की जेब में हमने 70 हजार करोड़ रू. की राशि डाली। निम्न तथा मध्यम आय वर्ग के लोगों को हजारों करोड़ रू. की रियायत और राहत दी गई। इससे छत्तीसगढ़ की आम जनता की क्रय शक्ति जागी जिसने उद्योग और व्यापार जगत को सहारा दिया।
हमने बड़े और महंगे निर्माण से अर्थव्यस्था के संचालन का मिथक तोड़ दिया है। स्थानीय जनता की सोच से विकास का रास्ता अपनाया है जिसके कारण निवेश और विकास हमराही बन गए हैं। विकास की हमारी सोच, नीति और क्रियान्वयन के बीच इतना गहरा नाता है कि दो वार्षिक बजट काल पूरा होने के पहले ही हम इस दौरान देश के सबसे बड़े रोजगार सृजक राज्य बन गए हैं। लगातार घटती बेरोजगारी दर से युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है। शिक्षा, कौशल, खेलकूद, कला-संस्कृति और विविध क्षेत्रों में उनकी भागीदारी बढ़ाने से युवाओं की ऊर्जा तथा उत्पादकता का लाभ भी मिल रहा है।
कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ में 26 लाख मीट्रिक टन लौह इस्पात सामग्रियों के उत्पादन और आपूर्ति से सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश को सहारा मिला है। जनकल्याणकारी कदमों के साथ कदम मिलाते हुए राज्य में औद्योगिक विकास की संभावनाओं ने कैसे आकार लिया, यह भी बताना चाहूंगा। विगत डेढ़ वर्षों में प्रदेश में 545 नए उद्योगों की स्थापना हुई जिसमें 13 हजार करोड़ रू. का पूंजी निवेश हुआ तथा 10 हजार लोगों को रोजगार मिला।
प्रदेश के हर विकासखण्ड में फूडपार्क स्थापित करने का लक्ष्य पूरा करने हेतु हमने 28 जिलों में 101 विकासखण्डों में भूमि का चिन्हांकन कर लिया है। 19 विकासखण्डों में 250 हेक्टेयर सरकारी भूमि का हस्तांतरण किया जा चुका है। रायपुर में ‘जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क’ की स्थापना हेतु 350 करोड़ रू. की परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है। इस प्रकार छत्तीसगढ़ परंपरागत तथा नए उद्यमों के विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
प्रदेश में बिजली का उत्पादन, उपलब्धता बढ़ाने के लिए कार्य कुशलता में वृद्धि की गई है। वहीं बिजली के उपभोग से रोजगार और खुशहाली में वृद्धि का रास्ता अपनाया है। इसके लिए पारेषण-वितरण तंत्र को मजबूत करने के लिए ‘मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना’ प्रारंभ की जा रही है।
सड़क अधोसंरचना के गुणवत्तापूर्ण विकास हेतु सभी शासकीय भवनों और सार्वजनिक सुविधाओं को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए ‘मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना’ शुरू की गई है। छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के अंतर्गत 900 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन तथा निर्माण किया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर आदिवासी अंचलों तक अधूरे सड़क नेटवर्क को पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के अधूरे कार्यों को पूरा करने में हमारी तत्परता और सफलता से हमें तृतीय चरण के लिए 5 हजार 600 किलोमीटर से अधिक सड़कों और वृहद पुलों के निर्माण की स्वीकृति मिली है। इस मामले में छत्तीसगढ,़ देश में प्रथम स्थान पर है। आगामी तीन वर्षों में यह लक्ष्य भी पूरा कर लेंगे।
प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ मैंने इसे अपनी अस्मिता और स्थानीय अवसरों से जोड़ने के लिए 3 प्रमुख कदम उठाने की घोषणा गणतंत्र दिवस के अवसर पर की थी। मुझे खुशी है कि प्रार्थना-सभाओं में संविधान पर चर्चा, स्थानीय बोली-भाषाओं में किताबें तथा छत्तीसगढ़ की महान विभूतियों की जीवनी पर पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है, शिक्षा सत्र जैसे ही नियमित रूप से प्रारंभ होगा, ये सारे कार्य किए जाएंगे।
लॉकडाउन के कारण प्रभावित शिक्षा को निरंतर जारी रखने के लिए हमने ऑनलाइन शिक्षा की योजना ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ शुरू की थी जिसका लाभ 22 लाख बच्चों को मिल रहा है तथा 2 लाख शिक्षक-शिक्षिकाएं इस व्यवस्था से जुड़े हैं। इस पहल को आगे बढ़ाते हुए अब हम गांवों में समुदाय की सहायता से बच्चों को पढ़ाने के लिए ‘पढ़ई तुंहर पारा’ योजना शुरू कर रहे हैं। इंटरनेट के अभाव वाले अंचलों के लिए ‘ब्ल्यू टूथ’ आधारित व्यवस्था ‘बूल्टू के बोल’ का उपयोग किया जाएगा।
स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास के लिए एक ओर जहां 37 स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों का निर्माण किया जा रहा है वहीं कोरोना के उपचार हेतु 30 अस्पताल, 3 हजार 383 बिस्तर, 517 आईसीयू बिस्तर, 479 वेन्टिलेटर उपलब्ध कराए गए हैं। जिलों में 155 आइसोलेशन सेंटर विकसित किए गए, जहां लगभग 10 हजार बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध है। टेस्टिंग सुविधा जो अभी 6 हजार 500 प्रतिदिन पहुंची है, उसे 10 हजार प्रतिदिन करने का लक्ष्य है। वर्तमान में 1 हजार 900 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं, जिसे आगामी वर्ष तक 3 हजार 100 किए जाने का लक्ष्य है।
हमने 26 जनवरी 2020 को ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’ शुरू की थी, जिसके तहत मात्र सात महीनों में 256 करोड़ रू. व्यय कर 2 लाख से अधिक मरीजों का उपचार किया गया। इसी प्रकार विशेष जरूरतों के लिए 20 लाख रू. तक मदद करने वाली देश की अव्वल ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना’ में सात माह में 4 करोड़ रू. व्यय कर 270 मरीजों का उपचार किया गया।
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और बढ़ाने के लिए शहरी क्षेत्रों में ‘मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना’ शुरू की जाएगी, जिसके तहत प्रथम चरण में सभी 14 नगर निगमों में 70 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से चिकित्सक हर जरूरतमंद की चौखट पर पहुंचेंगे। ‘डॉ. राधाबाई डायग्नोस्टिक सेंटर योजना’ भी शुरू की जाएगी, जो रियायती दरों पर पैथोलॉजी तथा अन्य जांच सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।
नगर निगमों में स्थापित 101 ‘मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालयों’ से नागरिकों को मिली सुविधाएं उत्साहवर्धक हैं। अब हम घर पहुंच सेवाओं के लिए नगरीय क्षेत्रों में ‘मुख्यमंत्री मितान योजना’ शुरू करेंगे, जिसमें कॉल सेंटर में फोन करके आवेदन, दस्तावेज आदि भेजे जा सकते हैं। ‘ऑनलाइन’ तथा ‘एसएमएस एलर्ट’ के माध्यम से न्यूनतम खर्च पर घर बैठे कई तरह की सेवाएं दी जाएंगी। संस्कृति और परंपरागत रोजगार की संवाहक, हमारी ‘पौनी पसारी योजना’ के तहत 122 स्थानों पर बाजारों का निर्माण किया जा रहा है। मैं अपील करना चाहता हूं कि भूमिहीन परिवारों को शासकीय भूमि का पट्टा देने की योजना का लाभ, पात्र परिवार अधिक से अधिक संख्या में उठायें। पट्टों को फ्री होल्ड कर मालिकाना हक प्रदान करने का कार्य भी शुरू किया गया है। आवास योजना का लाभ भी हितग्राहियों को दिलाएंगे। इसके साथ ही पट्टे के मूल क्षेत्रफल से 50 प्रतिशत से अधिक में काबिज भूमि के नियमितीकरण का कार्य भी शुरू किया गया है। मुझे विश्वास है कि भूमिहीन परिवारों को धरती के अपने हिस्से पर हक दिलाने का यह काम एक ऐतिहासिक कीर्तिमान रचेगा।
भाइयों एवं बहनों, आपको यह जानकर खुशी होगी कि हमने किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने का वादा निभाते हुए भी एक कीर्तिमान बना लिया है। वर्ष 2019-20 में लगभग 13 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी गई। इस कार्य में और गति लाने के लिए एक ओर हमने ‘छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास निगम,’ इंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरण का गठन किया है, वहीं दूसरी ओर ‘बोधघाट बहुउद्देशीय परियोजना’ को भी प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। मेरा वादा है कि मुआवजा और पुनर्वास पैकेज का निर्धारण बस्तर के लोगों से पूछकर किया जाएगा। हम एक ऐसी सर्वश्रेष्ठ परियोजना बनायेंगे, जो बस्तरवासियों के सपनों को सच करे। इस तरह हम पांच वर्षों में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से वर्तमान सिंचाई क्षमता को दोगुना करेंगे।
किसान भाइयों और बहनों, हमें इस बात पर गर्व है कि हमारी सरकार किसान हितकारी सरकार कहलाती है। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के तहत हमने आपको मिलने वाले 5 हजार 700 करोड़ रू. की पहली किस्त 1 हजार 500 करोड़ रू. दी थी। इसकी दूसरी किस्त राजीव जी की जयंती पर 20 अगस्त को दी जाएगी।
हमारी ‘सुराजी गांव योजना’ तेजी से आकार ले रही है। नरवा, गरवा, घुरवा, बारी का तेजी से विकास हो रहा है। हमने वादा किया था कि गौठान को ग्रामीण अर्थव्यवस्था और लोक संस्कृति का आंगन बनायेंगे। इस क्रम में ‘गोधन न्याय योजना’ की शुरूआत भी हो चुकी है। अब गोबर को धन में बदलने का कार्य आपको करना है। व्यवस्था हमारी रहेगी और समृद्धि आपकी होगी। संग्रहण से भुगतान तक, वर्मी कम्पोस्ट बनाने से बेचने तक, गोबर के अन्य कलात्मक उपयोग से लेकर विपणन तक आपके सारे काम सुचारू ढंग से होंगे। ब्याज मुक्त कृषि ऋण के लिए हमने इस साल इतिहास का सबसे बड़ा 5 हजार 200 करोड़ रू. का लक्ष्य रखा है, जिसकी 72 प्रतिशत राशि का वितरण मात्र पांच माह में किया जा चुका है। आपके इस उत्साह के लिए साधुवाद। कृषि में इस निवेश का लाभ आपको आगामी फसल में मिलेगा।
खेती-किसानी में नए ज्ञान की फसल उपजाने के लिए हम ‘महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय,’ 4 नए उद्यानिकी कॉलेज तथा 1 खाद्य तकनीकी एवं प्रसंस्करण कॉलेज भी खोलने जा रहे हैं। दुग्ध उत्पादन और मछली पालन को नए ज्ञान का सहारा देने के लिए 3 विशिष्ट पॉलीटेक्निक कॉलेज भी खोले जायेंगे।
न्याय योजनाओं की पहल के बाद अब इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए ‘भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ की घोषणा हमने की है, जिसे जल्दी ही साकार किया जाएगा। प्रदेश के विकास और खुशहाली में मजदूरों की भागीदारी तय करना भी हमारे पुरखों का सपना था और हमारा कर्त्तव्य है। ‘महात्मा गांधी नरेगा योजना’ ने संकट के इस दौर में अपनी सार्थकता सिद्ध की है। योजना के प्रारंभ से लेकर अभी तक सर्वाधिक प्रतिदिन 25 लाख श्रमिकों को रोजगार देने का कीर्तिमान भी हमने बनाया है। 100 दिवस रोजगार देने के मामले में भी हम देश में दूसरे स्थान पर रहे हैं। हमने मनरेगा को वन अधिकार पट्टे, पंचायतों में निर्माण कार्य, खाद्यान्न संरक्षण, जल संवर्धन, गौठान निर्माण जैसे अनेक महत्वपूर्ण कार्यों से जोड़कर इसकी उपयोगिता का दायरा बढ़ाया है।
वन अंचलों में रहने वाले हमारे आदिवासी भाई-बहनों, मुझे यह कहते हुए खुशी है कि आपके क्षेत्रों में अब आपके मन मुताबिक विकास की बयार बहने लगी है। तेंदूपत्ता संग्राहकों की बीमा योजना बंद करके अगर कोई यह सोचता है कि वह आपकी प्रगति के रास्ते बंद कर देगा, तो यह मुगालता भी हमने समाप्त कर दिया है। हमने ‘शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना’ शुरू कर दी है, जिसमें न तो प्रीमियम भरना पड़ेगा और न ही दावों के भुगतान के लिए कई महीनों का दुखदायी इंतजार सहना पड़ेगा।
इसके साथ ही हमने 7 के स्थान पर 31 वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू कर दी है, जो लाखों परिवारों के जीवन का आधार बनेगा। हमारे नए प्रयासों का परिणाम भी मिलने लगा है। अल्पसमय में ही, हम देश में सर्वाधिक वनोपज संग्रह करने वाले राज्य बन गए हैं। यह सिलसिला तेजी से आगे बढ़ाएंगे जिसके जरिए हम साल में 2 हजार 500 करोड़ रू. की आय आपकी जेब में डालने का लक्ष्य पूरा करना चाहते हैं।‘‘अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम-2006’’ हमारी विरासत का जगमगाता उदाहरण है। आप सबको विदित है कि इसका उचित क्रियान्वयन क्यों नहीं हो पाया ? किस वजह से निरस्त दावों का पहाड़ बना दिया गया था और सामुदायिक पट्टों के वितरण में क्यों अरुचि थी? हमने निर्णय लिया था कि निरस्त दावों की समीक्षा करेंगे और सामुदायिक पट्टे प्राथमिकता से देंगे। इस तरह अब नए सिरे से उच्च प्राथमिकता से वन अधिकार पट्टे दिए जा रहे हैं, जिससे आजीविका, स्वावलंबन और अधिकार का नया युग शुरू हुआ है। हमारी उपलब्धियां देश में सर्वोच्च हैं।
आदिवासी अंचलों में वनोपज का कारोबार निश्चित तौर पर आपको सिर उठाकर जीने का अवसर देता है, लेकिन इसके साथ ही प्रसंस्करण की सुविधा जोड़ देने से अब बस्तर का काजू, बस्तर की इमली, बस्तर का मक्का, बस्तर की हल्दी जैसी ब्रांडिंग होने लगी है जो नई पीढ़ी के लिए रोजगार और आपका मुनाफा बढ़ाएगी। आपकी संस्कृति के साथ आपकी आर्थिक समृद्धि भी बढ़ाएगी। हम आदिवासी अंचलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल, दक्षता, जरूरी अधोसंरचना के नए-नए द्वार खोल रहे हैं। ‘मलेरिया मुक्त बस्तर’ अभियान की सफलता उत्साहवर्धक है। वहीं आकांक्षी जिला ‘बीजापुर’ ने देश में अव्वल होने का परचम लहराया है।
भगवान राम दुनिया में अरबों-खरबों लोगों के मन-मंदिर में विराजते हैं। हम कण-कण और रग-रग में उनकी उपस्थिति महसूस करते हैं। उनका छत्तीसगढ़ से गहरा नाता है। माता कौशल्या का मायका यानी रामजी का ननिहाल छत्तीसगढ़ है। इस नाते भगवान राम हमारी लोक आस्था में ‘भांचा राम’ के रूप में बसे हैं। इसके अलावा वनवास के दौरान रामजी का काफी समय छत्तीसगढ़ में ही बीता। लव-कुश के जन्म और महर्षि वाल्मीकि की छत्र-छाया में उनकी शिक्षा-दीक्षा जैसे अनेक प्रसंगों के साक्ष्य लोक आस्था को आनंदित व गौरवान्वित करते हैं।
माता कौशल्या, भगवान राम और उनसे जुड़े विभिन्न प्रसंगों की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाने के लिए हमने ‘कोरिया से सुकमा’ तक ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ’ विकास की योजना बनाई है और उसे शीघ्रता से क्रियान्वित भी कर रहे हैं। चंदखुरी में माता कौशल्या मंदिर परिसर को भव्य स्वरूप देने का कार्य शुरू किया गया है। इस पावन कार्य में प्रदेश की जनता को सहभागिता का अवसर देने के लिए ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकास कोष’ का गठन किया जाएगा। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में एल.ई.डी. वाहनों के माध्यम से परिपथ का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। हम विश्व प्रसिद्ध बौद्ध आस्था केन्द्र, सिरपुर को विश्व मानचित्र में प्रतिष्ठित कराने के प्रयासों के साथ ही, यहां समुचित अधोसंरचनाओं का विकास कर रहे हैं।
हरेली, तीजा, भक्त माता कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस जैसे दिवसों पर अवकाश घोषित करके हमने जिस सांस्कृतिक उत्थान का आरंभ किया था, उसे अब शिखर पर पहुंचाने के लिए ‘छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद’ का गठन किया गया है। नवा रायपुर में फिल्म सिटी का विकास किया जाएगा। रायपुर में स्वामी विवेकानंद स्मारक की स्थापना की कार्यवाही आरंभ कर दी गई है। पारंपरिक छत्तीसगढ़ी खानपान एवं व्यंजनों को बढ़ावा देने हेतु प्रत्येक जिले में ‘गढ़ कलेवा’ केन्द्र खोला जाएगा। विडम्बना है कि राज्य गठन के बीसवें वर्ष तक भी छत्तीसगढ़ी भाषा को उसका वाजिब हक नहीं मिला है, इसलिए मैंने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में स्थान दिलाने का आग्रह किया है।
हमने गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के गठन से इस अंचल के वर्षों पुराने सपने को पूरा किया है। मरवाही अनुभाग, मरवाही नगर पंचायत के साथ करोड़ों रू. के विकास कार्यों की सौगात दी गई है। आज मैं घोषणा करता हूं कि मरवाही में महंत बिसाहू दास जी के नाम से उद्यानिकी महाविद्यालय भी खोला जाएगा। मेरा वादा है कि यह नया जिला जनहितकारी योजनाओं और सर्वांगीण विकास के नए-नए शिखरों को छूएगा।प्रशासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने तथा उनके हितों की रक्षा के लिए मैं घोषणा करता हूं कि राज्य में होने वाली नई नियुक्तियों तथा पदोन्नतियों के लिए गठित की जाने वाली समितियों में महिला प्रतिनिधियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने सुरक्षा बलों का मनोबल और सुविधाएं बढ़ाकर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार लाया है। पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों को मोबाइल कनेक्टिविटी से जोड़ा गया है। उनके अवकाश, अनुकंपा नियुक्ति, स्वास्थ्य सुविधाओं तथा रिस्पांस भत्ते के रूप में बड़ी राहत दी गई है। राज्य आपदा मोचन बल के जवानों को 50 प्रतिशत जोखिम भत्ता दिया गया है। वहीं महिला डेस्क, महिला हेल्पलाइन, सीनियर सिटिजन हेल्पलाइन, अंजोर रथ, पुलिस जनमित्र, ग्राम रक्षा समिति, स्पंदन आदि कार्यक्रमों से सामुदायिक पुलिसिंग को सुदृढ़ किया गया है।
मैंने कहा था कि नक्सल मोर्चे पर हमारा पहला प्रयास प्रभावित पक्षों के बीच परस्पर विश्वास और सद्भाव बहाली का होगा। प्रभावित अंचलों में स्थानीय आकांक्षाओं को पूरा करने वाले विकास कार्य संचालित किए जायेंगे। आज मैं यह कह सकता हूं कि नक्सलवादी वारदातों में अंकुश तथा आदिवासी अंचलों में विकास के नए रंग हमारी रणनीति की सफलता का प्रतीक हैं। हमने आजादी की लड़ाई से न्याय की जो यात्रा शुरू की थी, उसे अब जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। यही ‘नवा छत्तीसगढ़’ गढ़ने के हमारे सपनों और इरादों का आधार है। आप सबके प्यार, सहयोग, समर्थन और सीधी भागीदारी से ही यह संभव होगा।
जय हिन्द-जय छत्तीसगढ़ -
सीएम बघेल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखा पत्र
रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिख कर पर्यावरण प्रभाव आंकलन ( EIA ) अधिसूचना के मसौदा पर सवाल उठाए हैं। श्री बघेल ने कहा कि यह मसौदा सतत विकास की प्रक्रिया को बाधित करेगा। उन्होंने पत्र के माध्यम से मसौदे को लेकर कुछ सुझाव और आपत्ति भी दर्ज कराई है।श्री बघेल ने केंद्रीय मंत्री को पत्र में लिखा है कि मैं पर्यावरण मंजूरी देने की नई प्रक्रिया को अधिक समीचीन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से जोड़ने के आपके उद्देश्य को समझता हूं। लेकिन ईआईए अधिसूचना, 2020 के मसौदे के प्रावधान पर्यावरणीय न्यायशास्त्र के अनुरूप नहीं हैं और ये ’सतत विकास’ और ईआईए प्रक्रिया के अपने उद्देश्यों को पूरी नहीं करता है।सीएम बघेल ने लिखा है कि ईआईए अधिसूचना 2020 के मसौदा में पर्यावरण मंजूरी देने के संबंध में प्रदेश सरकार के विचारों और राय को शामिल नहीं किया गया है। वहीं, ईआईए अधिसूचना, 2020 के मसौदे में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जो अनुसूची V और VI के तहत संवैधानिक अधिकारों की गारंटी देता हो। श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि ईआईए अधिसूचना के प्रारूप में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक संवेदनशीलता को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया है।पत्र में श्री बघेल ने उम्मीद जताई है कि ईआईए अधिसूचना 2020 के प्रारूप को अंतिम रूप देने से पहले उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा।
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विधानसभा अध्यक्ष कोरबा में करेंगे ध्वजारोहण
जिलों में मंत्रीगण एवं संसदीय सचिव करेंगे ध्वजारोहण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राऊण्ड में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण करेंगे। राज्य शासन द्वारा 15 अगस्त 2020 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने और मुख्यमंत्री का प्रदेश की जनता के नाम संदेश वाचन के लिए मंत्रिगणों एवं संसदीय सचिवों को नामांकित किया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत कोरबा जिला मुख्यालय में आयोजित स्वतंत्रता दिवस मुख्य समारोह में ध्वजारोहण करेंगे, जबकि गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू महासमुंद में, स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव बलौदाबाजार में, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे दुर्ग में, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर राजनांदगांव में, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया रायगढ़ में, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम बस्तर में, आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा धमतरी में, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया सरगुजा में, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत बालोद में, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल बिलासपुर में, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल गौरेला-पेण्ड्रा-मारवाही में तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण करने के पश्चात मुख्यमंत्री का प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे।
इसी प्रकार संसदीय सचिव श्री यू.डी. मिंज बलरामपुर में, श्री विकास उपाध्याय बेमेतरा में, श्री रेखचंद जैन बीजापुर में, श्री इन्द्रशाह मंडावी दंतेवाड़ा में, श्री विनोद सेवनलाल चन्द्राकर गरियाबंद में, श्री चिन्तामणि महाराज जशपुर में, श्री द्वारिकाधीश यादव कबीरधाम में, श्री कुंवर सिंह निषाद कांकेर में, श्री शिशुपाल सोरी कोण्डागांव में, श्री पारसनाथ राजवाड़े कोरिया में, सुश्री शकुंतला साहू मुंगेली में, श्री गुरूदयाल सिंह बंजारे नारायणपुर में, श्रीमती अम्बिका सिंहदेव सूरजपुर जिले में एवं श्री चन्द्रदेव प्रसाद राय सुकमा जिला मुख्यालय में आयोजित 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में ध्वजारोहण करने के बाद मुख्यमंत्री का प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे। -
गोपालगंज: बिहार में एक बार फिर से एक पुल का अप्रोच रोड उद्घाटन से पहले ही टूट गया है. मामला गोपालगंज से जुड़ा है, जहां बंगरा घाट महासेतु का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बुधवार को उदघाटन करने वाले हैं. इस महासेतु का अप्रोच रोड करीब 50 मीटर के दायरे में ध्वस्त हो गया है. ध्वस्त अप्रोच रोड को उद्घाटन से पहले दोबारा दुरुस्त करने की कवायद की जा रही है.
बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के आला पदाधिकारी से लेकर संवेदक मौके पर मौजूद हैं. सैकड़ों की संख्या में मजदूर लगाए गए हैं और दो-दो जीएसबी लगाकर इसे दोबारा चालू करने की कोशिश की जा रही है. जहां यह अप्रोच रोड टूटा है वो इलाका सारण के पानापुर के सतजोड़ा बाजार के समीप पड़ता है. यह इलाका छपरा के पानापुर में पड़ता है. बताया जाता है की गोपालगंज के बैकुंठपुर में 7 जगहों पर सारण बांध टूटा था. इसी बांध के टूटने के बाद बंगरा घाट महासेतु से करीब 5 किलोमीटर दूर अप्रोच रोड पानी के दबाव से अचानक ध्वस्त हो गया.
सबसे बड़ी बात है कि यह अप्रोच रोड 12 दिन पहले टूटा था. इस टूटे अप्रोच पथ को दोबारा गाड़ियों के आने-जाने लायक बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इस मामले में जब बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के डिप्टी चीफ इंजिनियर शाकिर अली से सवाल किया गया तो उन्होंने इसे एक सामान्य घटना बताया. उन्होंने कहा कि महासेतु के निर्माण और इसके साथ अप्रोच रोड के निर्माण में किसी भी तरह का घटिया काम नहीं किया गया है. सभी कार्य गुणवत्ता के मानक के अनुरूप किए गए हैं और सीएम के उद्घाटन समारोह से पहले इसे दुरुस्त कर लिया जाएगा.
बता दें कि बंगरा घाट महासेतु के छपरा साइड में करीब 11 किलोमीटर और मुजफ्फरपुर साइड में 8 किलोमीटर लंबे अप्रोच रोड का निर्माण किया गया है, जिस पर करीब 509 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. अब बड़ा सवाल है कि आखिर 509 करोड़ की लागत से बने महासेतु का अप्रोच रोड उदघाटन के साथ ही क्यों टूटने लगा?
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हापुड़ : उत्तर प्रदेश के हापुड़ में 6 साल की मासूम के साथ बर्बरता के मामले के 6 दिनों बाद भी पुलिस खाली हाथ है. पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए नई तस्वीर जारी की हैं. इसके अलावा आरोपी के ऊपर 50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा भी की गई है. इधर बच्ची की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है. वह जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी की पहचान रोहताश निवाली दलपत के तौर पर हो चुकी है. पुलिस उसकी धरपकड़ की कोशिश में लगी हुई है लेकिन वह पुलिस से एक कदम आगे चल रहा है.
पुलिस द्वारा एक पोस्टर पोस्टर के अनुसार जो भी व्यक्ति इस शख्स की जानकारी देगा उसे 50 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा. साथ ही उसके नाम को भी पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा. पुलिस ने बताया कि वह इस इलाके की भी छानबीन कर रही है जहां आरोपी ने मासूम का अपहरण कर कैद किया था.
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कोविड-19 दिशा निर्देशों के अनुरूप मनाया जायेगा स्वतंत्रता दिवस समारोह
कोरबा : जिला स्तर पर आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह कार्यक्रम में, कोरोनावायरस महामारी के विरूद्ध लड़ाई में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने वाले कोरोना वारियर्स को सम्मानित किया जायेगा। कोरोना महामारी की वजह से इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह सादगी से मनाया जाएगा। परंतु कोविडकाल में अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सेवा में तत्पर, स्वास्थ्य विभाग के 15 कोरोनावारियर्स को सम्मानित किया जाएगा।
इस संबंध में डॉ. बी.बी. बोर्डे सीएमएचओ कोरबा ने बताया कोविड-19 को देखते हुए इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह अलग ढंग से मनाया जाएगा। जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में कोरोना वारियर्स को विशेष रूप से आमंत्रित कर उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किए जाने की जानकारी कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त हुई है। इसे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग कोरबा की ओर से सक्रिय 15 कोरोना वारियर्स की सूची तैयार की जा रही है जिसे शीघ्र कलेक्टर कार्यालय भेजा जाएगा। दूसरी ओर जिले में बेहतर कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को सीएमएचओ कार्यालय में भी सम्मानित किया जाएगा।
कोरोना संक्रमण से बचाव की जानकारी - कोरोना के बढ़ते प्रसार के मद्देनजर भारत सरकार गृह मंत्रालय एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन में कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी है। गाइडलाइन में बिना गले लगे एक दूसरे का अभिवादन करने, शारीरिक दूरी रखने, मास्क लगाने व आंख, नाक और मुंह को गंदे हाथों से नहीं छूने के वचनों के पालन के लिए कहा गया है इसके अलावा श्वसन संबंधी सफाई व सुरक्षा का पालन करने,नियमित हाथों को धोने, तंबाकू का इस्तेमाल नहीं करने एवं अलग.अलग सतहों को नियमित कीटाणुरहित करने की सलाह दी गयी है । महामारी के दौरान कोरोना संक्रमितों से भेदभाव एवं कोरोना को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फ़ैलाने की बातें सामने आयी हैं , जिसे ध्यान में रखते हुए गाइडलाइन में कोरोना संक्रमितों से भेदभाव नहीं करने एवं कोविड 19 संक्रमण से जुड़े नकारात्मक व बिना पुष्टि की गयी बातों को सोशल मीडिया के माध्यम से नहीं भेजने की अपील की गयी है । साथ ही कोविड 19 के बारे में किसी मदद या जानकारी के लिए टॉल फ्री नंबर 104 पर फोन पर तनाव या अवसाद को दूर करने के लिए आवश्यक मदद प्राप्त करने जैसी प्रतिज्ञा लेकर उनके पालन करने के लिए कहा गया है। -
एजेंसीयूपी : यमुना एक्सप्रेस वे पर बुधवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। आगरा से नोएडा की तरफ जा रहे एक तेज रफ्तार कैंटर ने सड़क किनारे खड़ी बस को जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि आठ लोग घायल हुए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार यह बस कटिहार बिहार से दिल्ली जा रही थी। यात्रियों में ज्यादातर बिहार के रहने वाले थे। एक्सप्रेस वे के माइलस्टोन 106 के पास बस का डीजल समाप्त हो गया। जिसकी वजह से बस चालक ने एक्सप्रेस-वे के किनारे बस को खड़ा कर दिया। बुधवार सुबह करीब 7:00 बजे एक आयशर कैंटर ने पीछे से बस में टक्कर मार दी। कैंटर आगरा से नोएडा की तरफ जा रहा था। बस में टक्कर लगते ही बस सवार यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। सूचना मिलने पर एक्सप्रेस वे का दल और पुलिस मौके पर पहुंच गई तथा बस में सवार घायल लोगों को उसमें से निकाला गया।
इस घटना में बस में सवार यात्री सिसिया पंचायत थाना बराड़ी कटिहार बिहार निवासी मोहम्मद रमजानी पुत्र अंसारी, गोपाल पुत्र मंगल और मोहम्मद शमशेर पुत्र इदरीश की मौत हो गई। इसके अलावा कैंटर सवार लालगोपालगंज इलाहाबाद निवासी नरेंद्र मिश्रा पुत्र तारा सिंह की भी मृत्यु हो गई।
हादसे में बस में सवार कटिहार निवासी भद्रू पुत्र अहमद हुसैन, मुस्तकीम पुत्र अब्बास, सोनू पुत्र अशोक, शाहरुख पुत्र शाहबुद्दीन, बेचलरजा पुत्र महेंद्ररजा और राजेश पुत्र लालचंद तथा कैंटर सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस ने सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है।
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मशहूर शायर राहत इंदौरी का निधन हो गया है. वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे. कोविड-19 की पुष्टि होने के बाद 70 वर्षीय राहत इंदौरी को देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां आज उन्होंने अंतिम सांस ली. राहत साहब तो दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन पीछे अदब का वो विरासत छोड़ गए हैं जो हमेशा नई पीढ़ी के लिए किसी खजाने से कम नहीं होगी.
बड़ा शायर वो है जो शेर बतौर शायर नहीं बल्कि बतौर आशिक कहे. जब लोग राहत इंदौरी साहब को सुनते हैं या पढ़ते हैं तो उन्हें एक ऐसा शायर नज़र आता है जो अपना हर शेर बतौर आशिक कहता है. वह आशिक जिसे अपने अदब के दम पर आज के हिन्दुस्तान में अवाम की बेपनाह महबूबियत हासिल है. शायरी को लेकर ग़ालिब, मीर, ज़ौक, फैज़. इक़बाल आदि मुतालिए (अध्यन) के विषय हैं और हमेशा रहेंगे. इनके मुतालिए के बिना तो शेर शुद्ध लिखना और ग़ज़ल समझना भी दूर की बात है लेकिन ग़ालिब, मीर, ज़ौक, फैज़ और इक़बाल जैसे बड़े शोअराओं के अलावा आज हिन्दी-उर्दू का कैनवस इतना बड़ा सिर्फ इसलिए है क्योंकि अदब की मशाल राहत इंदौरी जैसे शायर ने इतने सालों तक अपने हाथ में थामें रखा.यह सच है कि साहित्य इमारतों में पैदा नहीं होती..उसे गंदे बस्तियों में जाकर फनीश्वरनाथ रेनु बनने के लिए आंचलिक सफर तय करना पड़ता है. उसे प्रेमचंद बनने के लिए मॉल की चकाचौंध छोड़कर किसी काश्तकारी करते होरी की तलाश में निकलना ही पड़ता है. उसे सआदत हसन मंटो की तरह अरबाबे निशात (कोठे वालियों की गली) में भटकना पड़ता है. मोहब्बत में सफल हो जाने मात्र से साहित्य पैदा नहीं होता. साहित्य लिखने के लिए अमृता प्रीतम की तरह इमरोज को अपने घर की छत और साहिर को खुला आसमान बनाना पड़ता है. राहत साहब की सबसे खास बात यही रही कि उनकी शायरी मीर और ग़ालिब की ज़मीन पर उपजी अपनी ही तरह की एक शायरी है. वो मीर और ग़ालिब के खानदान के ज़रूर हैं लेकिन राहत साहब की पहचान उनकी अपनी है. उन्होंने तो खुद भी कहा है -
मध्य प्रदेश : कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष और ग्वालियर के नेता बृजमोहन परिहार का मंगलवार सुबह गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। परिहार की तबियत खराब होने और कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें ग्वालियर के सिम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। जहां से तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें गुरूग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था। जहां आज सुबह 5 बजे इलाज के दौरान उनका दुखद निधन हो गया। परिहार के निधन की खबर से ग्वालियर सहित पूरे प्रदेश की कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर फैल गई है।आज मैंने, मेरे युवक कांग्रेस के साथी और अभिन्न मित्र व पारिवारिक सदस्य बृजमोहन परिहार को खो दिया। बृजमोहन की कांग्रेस के प्रति समर्पण व प्रतिबद्धता बेमिसाल थी। मेरी उनके परिवारजनों को संवेदनाएँ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें
परिहार की हाल की कोविड 19 की रिपोर्ट निगेटिव आई थी मेदांता अस्पताल प्रशासन ने इसके चलते स्व. परिहार का शव उनके परिवार को सौप दिया हैं। बताया जा रहा है आज शाम 5 बजे तक उनका शव ग्वालियर आ जायेगा उसके बाद उनके निवास बसंत बिहार से उनकी अंतिम यात्रा प्रारंभ होगी जो हरीशंकर पुरम स्थित मुक्तिधाम पहुंचेगी जहां उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।
स्व.परिहार छात्र राजनीति से कांग्रेस से जुड़े थे और पार्टी के सक्रिय सदस्य रहे वे पार्षद रहने के साथ वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष भी थे इसके अलावा श्री परिहार का ग्वालियर सहित प्रदेश में खादी के संरक्षण और प्रचार प्रसार में भी काफी योगदान रहा और वे मध्यभारत खादी संघ ग्वालियर के सेकेट्री भी थे।
बृजमोहन परिहार के निधन पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा बहुत ही दुःखद खबर है कि श्री परिहार का आज निधन हो गया, मैं उनके निधन से बहुत ही स्तब्ध और दुःखी हूं। परमपिता परमेश्वर दिवंगत श्री परिहार को अपने श्रीचरणों में स्थान दे तथा शोकाकुल परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें, यही मेरी ईश्वर से प्रार्थना है। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज मैंने, मेरे युवक कांग्रेस के साथी और अभिन्न मित्र व पारिवारिक सदस्य बृजमोहन परिहार को खो दिया। बृजमोहन की कांग्रेस के प्रति समर्पण व प्रतिबद्धता बेमिसाल थी। मेरी उनके परिवारजनों को संवेदनाएँ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें -
नई दिल्ली : भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर आज (11 अगस्त) देश के कई मुख्यमंत्रियों संग वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बैठक की। इस मीटिंग में पीएम मोदी ने आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना वायरस पर चर्चा की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए राज्य आपदा राहत कोष के पास पर्याप्त धन नहीं है।
पंजाब सीएम ऑफिस की तरफ दी गई जानकारी के मुताबिक राज्यों के सीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक, कोरोना से निपटने के लिए राज्य आपदा राहत कोष से 35% खर्च करने की अनुमति है। यह निरंतर आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसके अलावा सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज पीएम नरेंद्र मोदी से राज्यों के लिए एक उदार वित्तीय पैकेज की मांग की। दो कोरोना वायरस के कारण होने वाले संग्रह में आए अंतर को भर सके।
इसके अलावा पंजाब के सीएम ने पीएम मोदी से राज्य आपदा राहत कोष से कोरोना के संबंध में खर्च करने के लिए नियमों को सरल बनाने की भी मांग की। राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए सीएम ने पीएम मोदी से 30 सितंबर तक होने वाली एग्जिट कक्षाओं के लिए अनिवार्य परीक्षाओं पर यूजीसी के फैसले पर समीक्षा करने का आग्रह किया। बता दें कि पंजाब में कोरोना वायरस के 24891 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है जबकि महामारी से अब तक 604 लोगों की मौत हो चुकी है।
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार अब कुल मामलों की संख्या 22 लाख 68 हजार से ज्यादा हो चुकी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार 6,68,929 केस ऐक्टिव हैं जबकि 15,83,490 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। वहीं, कोरोना से अबतक 45,257 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 24 घंटों के दौरान कोरोना के 53,601 नए केस सामने आए हैं और 871 लोगों की मौत हुई है।
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तमिलनाडु : तमिलनाडु में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां मोबाइल फटने से दो बच्चों और महिला की मौत हो गई है. तमिलनाडु के करूर में मोबाइल फटने से मां और उसके दो बच्चों की मौत हो गई. 29 वर्षीय मुथूलक्ष्मी का मोबाइल चार्जिंग पर लगा था और वह फोन सुन रही थीं. कॉल काटने के बाद कथिततौर पर मोबाइल फट गया.
मोबाइल फटने के बाद मुथूलक्ष्मी आग में झुलस गईं और इस दौरान कमरे में 3 वर्षीय रनजीत और 2 वर्षीय दक्षित भी मौजूद थे. घटना में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल पहुंचने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. मुथूलक्ष्मी और बालकृष्ण की छह साल पहले शादी हुई थी और दोनों पिछले कुछ सालों से करूर में रह रहे थे. दोनों खाने का स्टॉल चलाते थे, लेकिन कर्ज बढ़ने के बाद बालकृष्ण ने परिवार को छोड़ दिया था.























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