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बुलंदशहर: ढेरों दिक्कतों का सामना कर वर्ष 2018 में 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में 98 प्रतिशत अंक लाने वाली और फिर प्रतिष्ठित अमेरिकी यूनिवर्सिटी में स्नातक पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने के लिए पूरी छात्रवृत्ति पाने वाली 20-वर्षीय लड़की की सोमवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक सड़क हादसे में मौत हो गई. इस मामले में कथित छेड़छाड़ के भी आरोप लग रहे हैं, हालांकि पुलिस की ओर से अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है.
दुनियाभर में फैली कोरोनावायरस महामारी के चलते इसी साल जून में भारत लौटी सुदीक्षा भाटी गौतम बुद्ध नगर जिले में दादरी स्थित अपने गांव से अपने चाचा के साथ मोटरसाइकिल पर बुलंदशहर के सिकंदराबाद जा रही थी, जहां उन्हें सुदीक्षा के पुराने स्कूल से कुछ काग़ज़ात लेने थे. रास्ते में बुलंदशहर-औरांगबाद रोड पर बुलेट मोटरसाइकिल से टक्कर हो जाने की वजह से सुदीक्षा की मौत हो गई. सुदीक्षा के परिवार का आरोप है कि इसी बुलेट मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों ने उसके साथ छेड़खानी की थी, और वे स्टंट भी कर रहे थे, जिसकी वजह से यह टक्कर हुई.
बुलंदशहर पुलिस ने फिलहाल छेड़खानी की बात नहीं कही है, लेकिन उनके मुताबिक, मामले की जांच की जा रही है. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. बुलेट सवार दोनों आरोपी फरार हैं.
सुदीक्षा भाटी को 20 अगस्त को अमेरिका लौटना था. सुदीक्षा उन चुनिंदा विद्यार्थियों में शामिल है, जिन्हें भारत सरकार की तरफ से अमेरिका में पढ़ने के लिए 3.80 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप दी गई थी. गौतमबुद्ध नगर के दादरी तहसील की रहने वाली सुदीक्षा के पिता ढाबा चलाते हैं. सुदीक्षा ने बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूल से कक्षा पांच तक पढ़ाई की. इसके बाद प्रवेश परीक्षा के ज़रिये सुदीक्षा का दाखिला एचसीएल के मालिक शिव नदार के सिकंदराबाद स्थित स्कूल में हो गया. सुदीक्षा ने कक्षा 12 में बुलंदशहर टॉप किया और इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए उसका चयन अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज में हुआ. पढ़ाई के लिए सुदीक्षा को भारत सरकार की तरफ से 3.80 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप भी मिली थी. -
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में आपराधिक वारदातें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष और स्थानीय पार्टी नेता संजय खोखर की बागपत में उनके ही खेतों में गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
बीजेपी नेता संजय खोखर पर तीन अज्ञात लोगों ने उस समय गोलियां चला दी जब वह सुबह की सैर पर निकले थे. पुलिसकर्मी उस स्थान पर पहुंच गए हैं जहां संजय खोखर का खून से लथपथ शव खेतों से बरामद किया गया था. घटना यूपी के बागपत के छपरौली इलाके में हुई.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संजय खोखर की हत्या पर दुख जताया है और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच का आदेश दिया है. यह पहली बार नहीं है जब बदमाशों ने बागपत में किसी नेता को निशाना बनाया है. इससे पहले जून में, बागपत में एक बीजेपी नेता के बेटे की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी.
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बागपत के पूर्व बीजेपी जिला अध्यक्ष संजय खोखर की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने संजय खोखर के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने इस मामले में जांच कर दोषियों के विरुद्ध 24 घंटे में विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि इस मामले में जवाबदेही भी तय की जाए.
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इंदौर: मशहूर शायर राहत इंदौरी भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं. इंदौर में उन्हें देर रात को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ये जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी है. उन्होंने लिखा, 'कोविड के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं, दुआ कीजिए जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं.'शायर राहत इंदौरी ने अपने ट्वीट में लोगों से अपील की है कि उनके बारे में जानकारी के लिए बार-बार उन्हें या परिवार को फोन न करें, इसकी जानकारी ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से मिलती रहेगी.
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की पुण्यतिथि 11 अगस्त पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि सरल और सहज व्यक्तित्व की धनी मिनीमाता ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया।असम में जन्मी मिनीमाता विवाह के बाद छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रच-बस गई। दीन-दुखियों की सेवा के लिए वे आजीवन समर्पण के साथ लगी रहीं। दलितों के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिये अस्पृश्यता निवारण अधिनियम को संसद में पारित कराने में उन्होंने महती भूमिका निभाई।उन्होंने मजदूरों को एकजुट करने के लिये छत्तीसगढ़ मजदूर संघ का गठन किया। श्री बघेल ने कहा कि मिनीमाता को दलितों और महिलाओं के उत्थान के लिए किए गए कार्यों के लिए सदा याद किया जाएगा।
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एजेंसीनई दिल्ली : देश में कोरोना का ग्राफ लगातार रिकॉर्ड बना रहा है. भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना से मौत के आंकड़े में बड़ा उछाल आया है. यह दूसरी बार है जब देश में एक दिन में इस महामारी से 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इससे पहले 22 जुलाई को कोरोना वायरस से भारत में 1129 लोगों की मौत हुई थी. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार की सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक रविवार को भारत में कोरोना के 44,386 नए मामले सामने आए और 1007 लोगों की मौत हो गई. इसी के साथ देश में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 44,386 पहुंच गई है.
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मुख्यमंत्री ने विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर की घोषणा
वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण और मार्केटिंग से वनवासियों की समृद्धि के खुलेंगे नए द्वारअनुसूचित क्षेत्र के विकासखण्ड में होगी वनोपज प्रसंस्करण केन्द्रों की स्थापना10 हजार गांवों में बनेंगे युवाओं के समूह: 5 से 6 लाख लोग जुड़ेंगेयोजना से 19 लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्यसमूहों को दिए जाएंगे वृक्ष प्रबंधन के अधिकारवनवासियों की खुशहाली और वनांचल के गांवों को स्वालंबी बनाने की पहलजल जंगल जमीन ही नहीं बल्कि वनवासियों को हमने शासन-प्रशासनकी ताकत भी सौंपी: मुख्यमंत्री
वनाधिकार दिलाने में छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर राज्य में वनवासियों की खुशहाली और वनांचल के गांवों को स्वावलंबी बनाने के उद्ेदश्य से इंदिरा वन मितान योजना शुरू किए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य के आदिवासी अंचल के दस हजार गांव में युवाओं के समूह गठित कर उनके माध्यम से वन आधारित समस्त आर्थिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। इन समूहों के माध्यम से वनवासियों के स्वरोजगार और उनकी समृद्धि के नए द्वारा खुलेंगे। इस योजना के तहत समूहों के माध्यम से वनोपज की खरीदी, उसका प्रसंस्करण एवं मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। राज्य के प्रत्येक आदिवासी विकासखण्डों में वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना किए जाने का लक्ष्य सरकार ने रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों के 10 हजार गांवों में इस योजना के अंतर्गत समूह गठित किए जाएंगे, जिनमें युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रत्येक समूह में 10 से 15 सदस्य होंगे। इंदिरा वन मितान योजना में अनुसूचित क्षेत्रों के 19 लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य है। इस योजना के माध्यम से समूहों को वृक्ष प्रबंधन का अधिकार प्रदान किया जाएगा, जिससे वे वन क्षेत्रों के वृक्षों से वनोपज संग्रहण कर आर्थिक लाभ ले सकें। वनोपज की खरीदी की व्यवस्था समूह के माध्यम से की जाएगी, जिससे वनोपज का सही मूल्य मिल सके। समूह के माध्यम से लोगों के लिए स्व-रोजगार के नए अवसर निर्मित होंगे। वनोपजों की मार्केटिंग की व्यवस्था के साथ अनुसूचित क्षेत्रों के प्रत्येक विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जाएगी। एक यूनिट की अनुमानित लागत लगभग 10 लाख रूपए होगी। अनुसूचित क्षेत्रों के 85 विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट स्थापना के लिए 8 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि प्राधिकरण मद से उपलब्ध कराई जाएगी। वनों में इमारती लकड़ी की बजाए फलदार और वनौषधियों के पौधे लगाए जाएंगे। जिससे वनवासियों की आय बढ़ सके।
विश्व आदिवासी दिवस का गरिमामय कार्यक्रम मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, मंत्रीगणों, संसदीय सचिवों, विधायकों एवं जनप्रतिनिधियों तथा आदिवासी समाज के गणमान्य लोगों की मौजूदगी में कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल सहित अतिथियों द्वारा आंगादेव, बूढ़ादेव एवं मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना से हुआ। इस अवसर पर आदिवासी नर्तक दल द्वारा गौर नृत्य की प्रस्तुति दी गयी। इस मौके पर मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, कवासी लखमा, अमरजीत भगत, डॉ. शिव डहरिया, श्रीमती अनिला भेंड़िया तथा खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन भी नर्तक दलों के साथ मांदर की थाप पर थिरके और आदिवासी कला संस्कृति को आगे बढ़ाने और उसे जीवंत बनाए रखने की छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। आदिवासी गौर नृत्य में मंत्रीगणों की भागीदारी से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय का पूरा वातावरण उत्साह और उमंग से भर उठा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने उद्बोधन में आगे कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों का सबसे बड़ा संरक्षक रहा है। प्रकृति से निकटता और प्राकृतिक संसाधनों का संतुलित दोहन भावी पीढ़ी के बेहतर जीवन के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर हमें आदिवासी समाज के हित के सभी पहलुओं पर समग्रता से विचार करना चाहिए। उन्होंने आदिवासी समाज के प्रत्येक सदस्य और संगठन से अपील की कि वे अपने अधिकारों और विकास के अवसरों के बारे में मुखर हो। छत्तीसगढ़ सरकार सदैव आपके साथ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के काम-काज, नीतियों और फैसलों से आदिवासी अंचलों की फिजा में तेजी से बदलाव आ रहा है। जल, जंगल और जमीन पर आदिवासियों के अधिकार की नई ईबारत लिखी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने राज्य के सभी पात्र वनवासियों को वन अधिकार पट्टा देने का अभियान शुरू किया है। छत्तीसगढ़ राज्य वनवासियों को व्यक्तिगत एवं सामुदायिक पट्टा देने के मामले में देश में अव्वल स्थान पर है। अभी तक राज्य में 4.50 लाख व्यक्तिगत तथा 43 हजार सामुदायिक पट्टे दिए जा चुकें है। वन अधिकार पट्टों के माध्यम से चार लाख 18 हजार हेक्टेयर भूमि आबंटित की गई है, जो देश में सर्वाधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन अधिकार पट्टों को मनरेगा, सिंचाई, खेती-किसानी और खाद्य संरक्षण जैसे अनेक कार्यो से जोड़कर पट्टे की ंभूमि को हमने वनवासियों के खुशहाली और आमदनी का माध्यम बनाने का प्रयास कर रहें है। उन्होंने इस मौके पर राज्य के सभी वन भूमि पट्टाधारियों से अपने अधिकार और अवसर का भरपूर लाभ उठाने की अपील की।मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में लघु वनोपज की खरीदी और उनके समर्थन मूल्य में वृद्धि सहित शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की यह तमाम कोशिशें आदिवासी भाई-बहनों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने तथा उन्हें विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में पहले सात लघु वनोपज की खरीदी होती थी, जिसे सरकार ने बढ़ाकर 31 कर दिया है। उन्होंने कहा कि महुआ सहित अन्य लघु वनोपजों के मूल्य में वृद्धि किए जाने से इसका सीधा फायदा संग्राहक परिवारों को हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी अंचलों में विशेषकर बस्तर में सिंचाई का रकबा बहुत कम है। इसे बढ़ाने और बस्तर अंचल के लोगों की हर जरूरत के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने हेतु बोधघाट परियोजना की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के डूबान क्षेत्र में आने वाली भूमि का मुआवजा और पुनर्वास पैकेज आदिवासी समाज के लोग खुद तय करेंगे। उन्होंने कहा कि बोधघाट सिंचाई परियोजना की पुनर्वास नीति देश दुनिया की सबसे अच्छी नीति बने यह उनकी मंशा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी भाई-बहनों को सिर्फ जल, जंगल और जमीन की ताकत ही नही बल्कि शासन और प्रशासन की ताकत भी सौंपी है। उन्होंने इस मौके पर आदिवासी समाज के लोगों से पूरी सक्षमता के साथ आगे बढ़ने और राज्य के विकास में भागीदारी निभाने की अपील की।
इस अवसर पर मंत्री श्री कवासी लखमा एवं मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी अपने विचार रखें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों के हितों का ध्यान रखा है, उनका मान-सम्मान बढ़ाया है। मंत्रीद्वय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कला एवं संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने तथा उसे विश्व पटल पर लाने की सराहनीय पहल मुख्यमंत्री ने की है। उन्होंने विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर वनांचल क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा दी गई सौगातों के लिए उनका आभार जताया। कार्यक्रम को सर्वआदिवासी समाज के अध्यक्ष श्री बी.पी.एस. नेताम ने भी सम्बोधित किया और आदिवासी समाज से संबंधित मांगों का ज्ञापन सौंपा।
कार्यक्रम में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल और नगरीय विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, संसदीय सचिव सुश्री शकुंतला साहू, श्री चिंतामणि महाराज और जशपुर विधायक विनय भगत, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन अनेक जनप्रतिनिधि, मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। -
हमारी न्याय दिलाने की विरासत से जुड़ी है ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना
गोधन न्याय योजना ग्रामीणों की आजीविका और समृद्धि का माध्यम
कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं, बचाव के लिए सावधानी जरूरी
लोकवाणी की नवीं कड़ी: रेडियो वार्ता के जरिए मुख्यमंत्रीआम जनता से हुए रू-ब-रू
रेडियो श्रोताओं से ‘न्याय योजनाएं, नई दिशाएं’ विषय पर चर्चा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपनी रेडियो वार्ता लोकवाणी की नवीं कड़ी के माध्यम से आम जनता से रूबरू हुए। उन्होंने 9 अगस्त को अगस्त क्रांति दिवस और विश्व आदिवासी दिवस का विशेषरूप से उल्लेख करते हुए इनके महत्व की चर्चा की। उन्होंने प्रदेशवासियों को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं भी दीं। श्री बघेल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आज के ही दिन वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरु करने की घोषणा की और ‘करो या मरो’ का नारा दिया। यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का निर्णायक मोड़ साबित हुई।
‘न्याय योजनाएं, नई दिशाएं’
मुख्यमंत्री ने रेडियो श्रोताओं के साथ ‘न्याय योजनाएं, नई दिशाएं’ की व्यापक अवधारणा और स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर वर्तमान दौर में इसके क्रमशः विकास और आदिवासियों, किसानों, मजदूरों, जरूरतमंदों सहित सभी वर्गाें के लिए न्याय योजना को धरातल पर उतारने के राज्य सरकार के संकल्प को साझा करते हुए कहा कि मेरा मानना है कि हमारी आजादी की लड़ाई का हर दौर न्याय की लड़ाई का दौर था। भारत की आजादी ने न सिर्फ भारतीयों की जीवन में न्याय की शुरूआत की, बल्कि दुनिया के कई देशों में लोकतंत्र की स्थापना और जन-जन के न्याय का रास्ता बनाया। भारत माता को फिरंगियों की गुलामी से मुक्त कराना ही न्याय की दिशा में सबसे बड़ी सोच और सबसे बड़ा प्रयास था। दुनिया ने देखा है कि किस प्रकार हमारा संविधान समाज के हर समुदाय को न्याय देने का आधार बना। आम जनता को समानता के अधिकार, अवसर और गरिमापूर्ण जीवन उपलब्ध कराने के सिद्धांत के आधार पर अन्याय की जंजीरों से मुक्ति दिलाई गई।
श्री बघेल ने कहा कि आज जब कोरोना संकट के कारण देश और दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में है तब ‘न्याय’ की यही अवधारणा संकटग्रस्त लोगों के जीवन का आधार बन गई है, जिससे लोगों की जेब में सीधे धन राशि जाए और जो ऋण के रूप में नहीं, बल्कि उन्हें सीधे मदद के रूप में हो। श्री राहुल गांधी जी ने देश और दुनिया के विख्यात अर्थशास्त्रियों से विचार-विमर्श करते हुए ‘न्याय’ की इस अवधारणा को प्रतिपादित किया और इसे जमीन पर उतारने का आह्वान किया। मुझे यह कहते हुए खुशी होती है कि छत्तीसगढ़ में हमने इस न्याय योजना के विविध आयामों पर कार्य करना और एक-एक कर उन्हें जमीन पर उतारना शुरू किया है।
किसानों को 2500 रूपए प्रति क्विंटल भुगतान कर वादा निभाया
मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 दिसम्बर 2018 को सरकार बनते ही हमने, पहले दिन से वादा निभाने की शुरूआत कर दी थी। हमने किसानों को 2500 रू. प्रति क्विंटल की दर से तत्काल प्रभाव से भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी। वर्षों से लंबित 17 लाख 82 हजार किसानों का 8 हजार 755 करोड़ रू. कृषि ऋण माफ कर दिया गया। हमने 244 करोड़ रू. का सिंचाई कर माफ कर दिया था। लोहंडीगुड़ा में 1700 से अधिक आदिवासी किसानों की 4200 एकड़ जमीन वापिस कर दी। हमने तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 रू. प्रति मानक बोरा से बढ़ा कर 4000 रू. प्रति मानक बोरा कर दिया।
वनवासियों के लिए न्याय का व्यापक स्वरूप: 31 वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और निरस्त वन अधिकार पट्टों की समीक्षा का फैसला
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनांचल में रहने वाले लोगों को कोरोना संकट काल में राहत देने के लिए प्रदेश में 7 से बढ़कर 31 वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। और हमारा अनुमान है कि आगे चलकर 2500 करोड़ रू की राशि आदिवासियों तथा अन्य वन आश्रित परिवारों को साल भर में मिलेगी। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी -वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम-2006 एक मील का पत्थर था। लेकिन छत्तीसगढ़ में 12 वर्षों में इसकी जो उपेक्षा की गई वह किसी से छिपी नहीं है। निरस्त दावों का पहाड़ लगा दिया गया था। हमने न्याय को बहुत व्यापक रूप से समझा और पूर्व सरकार द्वारा निरस्त वन अधिकार पट्टों की समीक्षा का फैसला लिया। इस प्रकार अब बड़ी संख्या में व्यक्तिगत तथा सामुदायिक वन अधिकार पट्टे दिये जा रहे हैं।
सामाजिक न्याय देने जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों की मुक्ति का निर्णय
श्री बघेल ने कहा कि सामाजिक न्याय देने के लिए हमने जेल में बंद निर्दोष आदिवासियों की मुक्ति का निर्णय लिया। झीरम घाटी में हुए हत्याकांड में शहीद परिवारों को न्याय दिलाने का फैसला लिया और इस फैसले को अंजाम तक पहुंचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस तरह हमने समाज के हर वर्ग को शोषण और अन्याय से मुक्त कराने की दिशा में कार्य किया है।
किसानों को अन्याय से बचाने ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ की शुरूआत
मुख्यमंत्री ने रेडियोवार्ता में कहा कि पहले साल धान के किसानों को 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल का दाम देने के बाद जब दूसरा साल आया तो एक बड़ी बाधा सामने आ गई। हमने करीब 83 लाख मीट्रिक टन धान खरीद कर एक नया कीर्तिमान बनाया, इन किसानों को 2500 रू. की दर से भुगतान किया जाना था लेकिन केन्द्र सरकार ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी। ऊपर से यह कहा गया कि यदि हमने केन्द्र द्वारा घोषित समर्थन मूल्य से अधिक दर दी तो सेन्ट्रल पूल के लिए खरीदी बंद कर दी जायेगी। इस तरह फिर एक बार हमारे किसान अन्याय की चपेट में आ जाते। ऐसी समस्या के निदान के लिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू करने की घोषणा की। हमारी मंशा थी कि किसानों को कर्ज से नहीं लादा जाये बल्कि उनकी जेब में नगद राशि डाली जाए। इस तरह समग्र परिस्थितियों पर विचार करते हुए हमने सिर्फ धान ही नहीं बल्कि मक्का और गन्ना के किसानों को भी बेहतर दाम दिलाने की बड़ी सोच के साथ ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ शुरू की।
हमारी न्याय दिलाने की विरासत से जुड़ी है ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’
श्री बघेल ने कहा कि राजीव गांधी कहा करते थे, यदि किसान कमजोर हो जायेगा तो देश अपनी आत्मनिर्भरता खो देगा। किसानों के मजबूत होने से ही देश की स्वतंत्रता भी मजबूत होती है। इस तरह से देखिए तो एक बार फिर स्वतंत्रता, स्वावलंबन और न्याय के बीच एक सीधा रिश्ता बनता है। निश्चित तौर पर यह एक बड़ी योजना है, जिसके माध्यम से धान, मक्का और गन्ना के 21 लाख से अधिक किसानों को 5700 करोड़ रूपए का भुगतान उनके बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से किया जाना है। हमने तय किया 5700 करोड़ रू. की राशि का भुगतान 4 किस्तों में करेंगे। जिसकी पहली किस्त 1500 करोड़ रू. 21 मई को किसानों की खाते में डाल दी गई है। 20 अगस्त को राजीव जी के जन्म दिन के अवसर पर दूसरी किस्त की राशि भी किसानों के खाते में डाल दी जायेगी। इस तरह राजीव गांधी किसान न्याय योजना हमारी न्याय दिलाने की विरासत से सीधी तौर पर जुड़ जाती है। उन्होंने कहा कि हमने ‘भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ की घोषणा की है ताकि ऐसे ग्रामीण परिवारों को भी कोई निश्चित, नियमित आय हो सके, जिनके पास खेती के लिए अपनी जमीन नहीं है।
गोधन न्याय योजना ग्रामीणों की आजीविका और समृद्धि का माध्यम
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के संबंध में रेडियोवार्ता में कहा कि हमने न्याय योजनाओं के क्रम में गोधन न्याय योजना को ग्रामीण जन-जीवन, लोक आस्था ही नहीं बल्कि सीधे आजीविका और समृद्धि का माध्यम बनाने का निर्णय लिया। नरवा-गरवा-घुरवा-बारी अगर छत्तीसगढ़ की चिन्हारी है तो गौ माता हमारी भारतीयता की, भारतीय संस्कृति की, भारतीय लोक आस्था की और हमारी एकता तथा सद्भाव की भी चिन्हारी है। जब हमने गोबर को गोधन बनाने का फैसला किया तो कथित विशेषज्ञों और राजनेताओं के एक वर्ग ने इसका पुरजोर विरोध किया। गोबर से तो हमारे घर आंगन लीपे जाते हैं, गोबर को अपने घर की दीवारों पर थापकर हम कंडे बनाते हैं। गोबर से बेहतर जैविक खाद और कोई नहीं है। गौ मूत्र और गौ माता के उपकारों का मोल तो हो ही नहीं सकता।उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना को हमने छत्तीसगढ़ के हर गांव में गौठान बनाने की योजना के साथ जोड़ा है। हरेली से प्रदेश में गोधन न्याय योजना की शुरूआत करने का अपना विशेष महत्व है। किसानों से गोबर खरीदने की सरकारी दर 2 रूपये प्रति किलो तय की गई है। गौठानों को गोबर खरीदी के लिए सुविधा सम्पन्न बनाया जायेगा। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण की व्यवस्था होगी। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति तथा लैम्प्स के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट को 8 रू. प्रति किलो की दर से किसानों को बेचा जायेगा। अल्पकालीन कृषि ऋण के अंतर्गत सामग्री घटक में जैविक खाद के रूप में वर्मी कम्पोस्ट शामिल करने का निर्णय लिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने हर गांव में गौठान बनाने का संकल्प लिया है। अभी तक 5300 गौठान स्वीकृत हुए हैं, जिसमें से लगभग 2800 गौठानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। गोधन न्याय योजना से गौ पालन, गौ सुरक्षा, खुली चराई पर रोक, जैविक खाद का उपयोग, इससे जमीन की उर्वरता और पवित्रता में वृद्धि, रसायन मुक्त खाद्यान्न के उत्पादन में तेजी, गोबर संग्रह में तेजी से स्वच्छता का विकास, जैसे अनेक लक्ष्य हासिल होंगे। संग्रहित गोबर से जैविक खाद के अलावा अन्य रसायन मुक्त उपयोगी सामग्रियों के निर्माण से ग्रामीण अंचल की विभिन्न प्रतिभाओं को नवाचार का अवसर मिलेगा। साथ ही पर्यावरण के प्रति दुनिया की बहुत बड़ी चिंता और समस्या का समाधान भी हमारी गोधन न्याय योजना करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार हमारे वेद-पुराणों ने, महात्मा गांधी, पं. नेहरू, डॉ. अम्बेडकर जैसे मनीषियों ने हमारी विरासत, हमारी संस्कृति को साथ लेकर सर्वधर्म-समभाव के साथ देश को आगे बढ़ाने का सपना देखा था, वह सपना, हमारी ‘गोधन न्याय योजना’ से पूरा होगा।
हमारे किसान भाई, बहन अर्थव्यवस्था के संचालक
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसान भाई, बहन तो अर्थव्यवस्था के संचालक हैं, संवाहक हैं, उन्हें बिना वजह ही अर्थव्यवस्था में बाधक कहकर बदनाम किया गया था। हमारे गांव के लोगों में बड़ी उदारता होती है वे जानते हैं कि उन्हें मिले पैसे सन्दूक में बंद करके रखने के लिए नहीं हैं। वे जानते हैं कि उन्हें मिली राशि समाज के अन्य वर्गों तक किस तरह पहुंचती है, इसलिए वे संग्रह नहीं करते बल्कि जरूरी चीजों पर खर्च करते हैं। किसानों, ग्रामीणों के पैसे से गांव के बहुत से काम-धंधे चलते हैं, हमारी इस सोच और विश्वास को देश के बड़े-बड़े विद्वानों, अर्थशास्त्रियों, स्वतंत्र संस्थाओं ने प्रमाणित किया है। जो लोग पहले किसानों पर, आदिवासियों पर, ग्रामीणों पर, हमारे द्वारा किये जा रहे खर्च पर आश्चर्य जताते थे, वे अब इस बात पर आश्चर्य जता रहे हैं कि अर्थव्यवस्था का यह मॉडल पहले क्यों नहीं सूझा था। अब तो यह प्रमाणित हो गया है कि गांवों से निकली राशि से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बचाया और बढ़ाया जा सकता है।
कुपोषण मुक्ति, कोरोना काल में 8 माह निःशुल्क अनाज का इंतजाम, प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी और रोजगार की पहल से जरूरतमंदों को मिला न्याय
मुख्यमंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन के दौर में जहां देश और दुनिया में बेरोजगारी भयंकर बढ़ी है। तालेबंदी के कारण अर्थव्यवस्था ध्वस्त है वहीं छत्तीसगढ़ में वर्ष 2019 की तुलना में जीएसटी का संग्रह 22 फीसदी बढ़ा है। 2019 की तुलना में भूमि का पंजीयन 17 प्रतिशत बढ़ा है। वाहनों की खरीदी अलग-अलग महीनों में 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ी है। रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के समय कृषि और संबंधित कार्यों में तेजी बनी रही। लघु वनोपज उपार्जन का मामला हो या मनरेगा के तहत काम देने का, लघु वनोपज संग्रह के लिए पारिश्रमिक देने का मामला हो या मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को मजदूरी भुगतान का, हर मामले में छत्तीसगढ़ आगे रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी जनहितकारी और जन न्याय देने वाली योजनाओं के कई आयाम हैं। कुपोषण मुक्ति, मलेरिया नियंत्रण, हाट बाजार में इलाज, कोरोना काल में लगभग 8 माह तक निःशुल्क अनाज देने का इंतजाम, प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी तथा उनको रोजगार प्रदाय आदि हर पहल से अलग-अलग तरह से न्याय मिला है। इस तरह यह साबित होता है कि किसानों और गांवों का भला करने से सबका भला होता है।
कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं, बचाव के लिए सावधानी और सतर्कता जरूरी
मुख्यमंत्री ने रेडियोवार्ता में प्रदेशवासियों को कोरोना संकट से आगाह करते हुए कहा कि कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं है, इससे बचाव के लिए सावधानी और सतर्कता जरूरी है। कोरोना, कोविड-19 नियंत्रण के मामले में छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में है, घर से निकलते समय फेस मास्क, फेस कव्हर, फेस शील्ड आदि जो संभव हो, वह साधन अपनाएं। फिजिकल दूरी का पालन करें, भीड़ से बचें, साबुन से हाथ धोने, बिना वजह घर से बाहर नहीं निकलने से बचें और सुरक्षा के हर संभव उपाय करें।
बापू ने स्वतंत्रता संग्राम को दिया निर्णायक मोड़: अगस्त क्रांति दिवस परकी ‘भारत छोड़ो आंदोलन‘ शुरू करने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगस्त क्रांति दिवस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण प्रसंग है। द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीयों द्वारा अंग्रेजों का साथ देने के बाद भी, जब अंग्रेजों ने आजादी देने में हील-हवाला किया, तब अहिंसा के पुजारी, हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 9 अगस्त 1942 से न सिर्फ भारत छोड़ो आंदोलन शुरू करने की घोषणा की, बल्कि ‘करो या मरो’ का नारा भी दिया। 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुम्बई सत्र में बापू ने स्वतंत्रता संग्राम को निर्णायक मोड़ देते हुए कहा था-‘‘भारत अर्थात् मानवता के इस विशाल सागर को संसार की मुक्ति के कार्य की ओर तब तक कैसे प्रेरित किया जा सकता है, जब तक कि उसे स्वयं स्वतंत्रता की अनुभूति नहीं हो जाती ? यदि भारत की आंखों की चमक को वापस लाना है, तो स्वतंत्रता को कल नहीं बल्कि आज ही आना होगा। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की कुर्बानियों को याद करते हुए कहा कि हमारी आजादी की लड़ाई का हर दौर न्याय की लड़ाई का दौर था। इसने भारत की आजादी और दुनिया के कई देशों में लोकतंत्र की स्थापना और जन-जन के न्याय का रास्ता बनाया।
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देखा था हर एक के लिए न्याय सुनिश्चित करने का सपना
श्री बघेल ने आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के 14 अगस्त की मध्य रात्रि और 15 अगस्त 1947 की पहली घड़ी में दिए गए ऐतिहासिक भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि - पंडित नेहरू ने आजादी की पहली किरण के साथ कहा था-‘‘ये हमारे लिए एक सौभाग्य का क्षण है, एक नये तारे का उदय हुआ है, पूरब में स्वतंत्रता का सितारा। एक नयी आशा कभी धूमिल न हो। हम सदा इस स्वतंत्रता में आनंदित रहें। भविष्य हमें बुला रहा है। हमें किधर जाना चाहिए और हमारे क्या प्रयास होने चाहिए, जिससे हम आम आदमी, किसानों और कामगारों के लिए स्वतंत्रता और अवसर ला सकें। हम गरीबी, अज्ञानता और बीमारियों से लड़ सकें। हम एक समृद्ध, लोकतांत्रिक और प्रगतिशील देश का निर्माण कर सकें और हम ऐसी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संस्थाओं की स्थापना कर सकें, जो हर एक आदमी-औरत के लिए जीवन की परिपूर्णता और न्याय सुनिश्चित कर सके।मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि इसलिए आज जब हम न्याय की बात करते हैं, तब एक पूरी पृष्ठभूमि हमारी नजरों के सामने आती है। हमारे पुरखों का त्याग और बलिदान हमें याद रहता है, जो न्याय की बुनियाद है। इसी हफ्ते हम अपनी देश की आजादी की 73वीं सालगिरह मनाने वाले हैं। ये 73 साल, जन-जन को न्याय दिलाने के लिए उठाये गये कदमों के साक्षी हैं। 9 अगस्त को हम आदिवासी समाज के विकास के संकल्पों के लिए भी याद करते हैं। 9 अगस्त 1982 को संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ‘विश्व आदिवासी’ दिवस घोषित किया था। इसके माध्यम से 38 वर्ष पहले आज के दिन दुनिया में अनुसूचित जनजाति के सम्मान और विकास के लिए नए लक्ष्य तय किये गए थे। अब यह देखने और समीक्षा करने का अवसर भी है कि आदिवासी समाज के उत्थान की दिशा और दशा कैसी है। इस ओर कैसे तेजी से प्रगति हो। इस तरह 9 अगस्त हमें न्याय के अनेक स्वरूपों से जोड़ता है। इस दिन के लिए मैं प्रदेश की जनता और विशेष रूप से आदिवासी समाज को बधाई देता हूं। -
एजेंसीकानपुर: दुर्दांत विकास दुबे के साथ कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस की टीम पर हमला करने के आरोपितों को अब पुलिस एनकांउटर का डर सता रहा है। दो जुलाई की आधी रात के बाद भी इस घटना में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले का मुख्य आरोपित विकास दुबे दस जुलाई को एसएटीएफ के साथ एनकाउंटर में मारा गया जबकि अन्य पांच अन्य भी एनकाउंटर में मारे गए हैं। एसटीएफ के साथ पुलिस भी अन्य नामजद की तलाश में हैं।
कानपुर में बिकरू कांड में नामजद उमाकांत शुक्ला ने चौबेपुर थाना में आज सरेंडर कर दिया। परिवार के साथ थाना पहुंचे उमाकांत शुक्ला ने गले में तख्ती लटकाई थी। जिसमें खुद के विकास दुबे का साथी होने और कानपुर कांड के बाद आत्मग्लानि की लिखी थी। उमाकांत शुक्ला ने पुलिस से रहम की गुहार लगाते हुए कहा कि मैं सरेंडर करने आया हूं।
उत्तर प्रदेश के बाद देश को भी चर्चा में लाने वाले कानपुर के बिकरू कांड का एक और आरोपी शनिवार को पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की जघन्य हत्या को अंजाम देने वाले विकास दुबे के शार्पशूटर उमाकांत शुक्ला ने चौबेपुर थाना पहुंचने के बाद वहां सरेंडर कर दिया। उमाकांत शुक्ला शनिवार को अपनी पत्नी और बेटी के साथ चौबेपुर थाने पहुंचा।
उमाकांत शुक्ला ने पुलिस से कहा मेरा नाम उमाकांत शुक्ला उर्फ गुड्डन है। कानपुर कांड में मैं विकास दुबे के साथ शामिल था। मुझे पकडऩे के लिए कई जगह पुलिस रोज छापेमारी कर रही है, जिससे मैं बहुत डरा हुआ हूं। हमने तो कृत्य किया, उसकी हमें बहुत आत्मग्लानि है। मैं खुद पुलिस के सामने हाजिर हो रहा हूं। मेरी जान की रक्षा की जाए, मुझ पर रहम किया जाए। इस दौरान उमाकांत शुक्ला की बेटी ने पुलिस से हाथ जोड़कर गुजारिश की कि उसके पापा सरेंडर करने आए हैं, पुलिस उस पर रहम करे। उनका एनकांउटर न हो।
कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई को आधी रात के बाद विकास दुबे को पकडऩे के लिए पुलिस टीम ने दबिश दी थी। इस दौरान विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। जिसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की मौके पर मौत हो गई थी। -
रांची : देश में एक और विमान हादसा होते-होते टल गया। रांची से मुंबई जा रहे एयर एशिया विमान (i5-632) से टेक-ऑफ के दौरान पक्षी टकरा गया। सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं। एयरपोर्ट के अधिकारी ने बताया कि मुंबई जा रही एयर एशिया फ्लाइट (i5-632) रांची एयरपोर्ट पर टेक ऑफ के वक्त पक्ष से टकरा गई। सभी सवारी सुरक्षित हैं।
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब एक दिन पहले ही केरल के कोझिकोड में एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान हादसे का शिकार हो गया, जिसमें पायलट सहित कम से कम 18 यात्रियों की मौत हो गई। दुबई से आ रहा यह विमान रनवे को पार करता हुआ खाई में जा गिरा और इसके दो टुकड़े हो गए।
फिलहाल विमान का निरीक्षण किया जा रहा है। परिचालन के लिए विमान को मंजूरी मिलने के बाद उड़ान को रवाना होना है। एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा कि एयरएशिया इंडिया हमारे मेहमानों और चालक दल की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है और इस देरी के कारण होने वाली असुविधा पर खेद व्यक्त करता है -
एजेंसीमध्यप्रदेश: एमपी के रतलाम जिले में लोगों को ठगने वाली दुल्हन को गिरफ्तार किया गया है। वह अभी तक आठ शादियां कर चुकी है। एक शादी के एवज में उसे दस हजार रुपये मिलते थे। हाल ही में ठगने वाली दुल्हन ने एक युवक से शादी की थी। कुछ दिनों बाद युवक ने आत्महत्या कर ली थी। अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी ने बताया कि 29 जुलाई की सुबह 29 वर्षीय युवक महेंद्र कलाल निवासी गलकिया (थाना सदर) जिला बांसवाड़ा का शव पेड़ पर लटका मिला था। युवक के परिजनों ने बताया कि 26 जुलाई को धार निवासी मीनाक्षी से महेंद्र की शादी मैरिज ब्यूरो के माध्यम से कोर्ट में हुई थी। इसके बाद दोनों महेंद्र की बुआ के घर चले गए थे। महेंद्र के स्वजन ने मीनाक्षी के मुंहबोले भाई गजेंद्र उर्फ पुष्पेंद्र दुबे निवासी यूपी को दो लाख रुपये और मैरिज ब्यूरो से जुड़े महेश जोशी को पचास हजार रुपये का चेक दिया था।
शादी के बाद 28 जुलाई की रात गजेंद्र उर्फ पुष्पेंद्र और उसके साथी मीनाक्षी को कुछ दिनों के लिए ले जाने को लेकर कार से महेंद्र की बुआ के घर ग्राम गोरड़ी (राजस्थान) पहुंचे, तो महेंद्र भी साथ हो लिया। सभी इंदौर के लिए निकले। रास्ते में महेंद्र को ठगी का अहसास होने पर वह मीनाक्षी और उसके साथियों से झूमाझटकी करने लगा था। कार रुकवाने के लिए स्टेयरिंग पकड़ने पर उसे टोल नाके से थोड़ी दूर उतारकर वे भाग गए। इसके बाद महेंद्र ने आत्महत्या कर ली थी।
पति को छोड़ दिया, नीमच, गुजरात में भी ठगी
गिरफ्तार मीनाक्षी ने पूछताछ में बताया कि नौ वर्ष पूर्व धार निवासी युवक से शादी हुई थी। तीन वर्ष पहले वह पति को छोड़कर माता-पिता के साथ रह रही थी। माता-पिता और भाई से विवाद होने के कारण वह आठ वर्षीय बेटी के साथ अकेले रहने लगी थी। इस दौरान उसकी पहचान पुष्पेंद्र दुबे नामक व्यक्ति से हुई, जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है।
वह नाम बदलकर गजेंद्र पुरोहित और मीनाक्षी का भाई बनकर इंदौर में सारिका उर्फ संगीता निवासी मंडलेश्वर के साथ मिलकर नकली शादी का गिरोह संचालित करता है। मीनाक्षी अब तक राजस्थान में तीन, गुजरात व नीमच में पांच युवकों से नकली शादी कर ठगी कर चुकी है, लेकिन यहां पुलिस को कोई शिकायत नहीं हुई। -
एजेंसीभोपाल: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में एक सिख (Sikh) व्यक्ति के साथ पिटाई का वीडियो सामने आया है. वीडियो में पुलिसकर्मी एक सिख शख्स को सरेआम पीटते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो में दिखाई दे रहे शख्स की पहचान प्रेम सिंह के रूप में हुई है और वह एक पुलिसकर्मी के पैरों में बैठा हुआ है. उस पुलिसकर्मी ने व्यक्ति के बाल पकड़ रखे हैं. इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच चल रही है.वीडियो में प्रेम सिंह नाम का शख्स कह रहा है कि ये लोग हमें पीट रहे हैं, हमें मार रहे हैं. पुलिस बाल पकड़कर खींच कर ले जा रही है... पुलिसकर्मी हमें स्टॉल नहीं लगाने दे रहे है." पीड़ित व्यक्ति मौके पर मौजूद भीड़ से बचाने की गुहार लगा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, यह घटना बड़वानी के राजपुर तहसील का है. इलाके में चाय का ठेला लगाने को लेकर पुलिस और प्रेम सिंह ग्रंथी के परिवार के बीच विवाद हुआ. पुलिस का कहना है कि प्रेम सिंह ने शराब पी रखी थी. वहीं, सिंह का आरोप है कि घूस देने से मना करने के बाद पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस मामले में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. इसमें एक ASI और हेड कॉन्स्टेबल शामिल हैं.
मध्य प्रदेश के पू्र्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा- "मध्य प्रदेश के बड़वानी के पलसूद में प्रेम सिंह ग्रंथी जो की वर्षों से पुलिस चौकी के पास एक छोटी सी दुकान लगाकर अपना जीवन यापन करते आ रहे हैं उनको वहां की पुलिस ने अमानवीय तरीक़े से पिटा , उनकी पगड़ी उतार दी , बाल पकड़ कर बुरी तरह से सड़क पर उनकी पिटाई की."
उन्होंने अगले ट्वीट में कहा, "यह अत्याचार व गुंडागर्दी सिख धर्म की पवित्र धार्मिक परंपराओं का अपमान भी है.ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. मैं सरकार से मांग करता हुं कि तत्काल दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो.पीड़ित व्यक्ति को न्याय मिले."
बड़वानी के पुलिस अधीक्षक ने निमिष अग्रवाल ने कहा कि आरोपी पर पहले ही चोरी के तीन मुक़दमे क़ायम है. पुलिस ने कहा कि वाहन चैकिंग के दौरान पुलिस के साथ आरोपी का विवाद हो गया.
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा, "आज एमपी में कानून व्यवस्था की अराजकता सर चढ़कर बोल रही है. गुरू ग्रंथ साहिब में पगड़ी का मान और सम्मान है. पवित्र है औऱ ये धर्म के आधार पर राजनीति करने वाले लोग कितना आधार्मिक काम कर रहे हैं. सरकार दिशाहीन है. अत्याचारी है औऱ लोगों को गुमराह कर रही है. -
भैरमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नव-निर्मित ट्रामा सेंटरका ई-लोकार्पण
भैरमगढ़ में इंद्रावती नदी में आवागमन के लिए बोट और एम्बुलेंस उपलब्धकराने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने देश के आकांक्षी जिलों में बीजापुर के अव्वल आनेपर बधाई और शुभकामनाएं दी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कल ई-लोकार्पण व भूमिपूजन के माध्यम से बीजापुर जिले की जनता को 96 करोड़ रूपए की लागत के 171 विकास कार्यों की सौगात दी। कार्यक्रम का आयोजन बीजापुर जिले के विकासखंड मुख्यालय भैरमगढ़ स्थिति सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल अपने रायपुर स्थित निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। मुख्यमंत्री ने भैरमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नव-निर्मित ट्रामा सेंटर का ई-उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके पर भैरमगढ़ में इंद्रावती नदी में आवागमन के लिए बोट और एक एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की घोषणा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने की। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जिला बीजापुर के भैरमगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 29 करोड़ 15 लाख रूपए के 39 कार्यों का ई-लोकार्पण तथा 66 करोड़ 85 लाख रूपए लागत के 132 निर्माण एवं विकास कार्यों का ई-भूमिपूजन किया। लोकार्पण समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जनहित में लगातार फैसले लिए जा रहे हैं। इसके तहत लोगों को स्वास्थ्य, शिक्षा तथा रोजगार आदि की सुविधा उपलब्ध कराने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता में है।मुख्यमंत्री ने देश के सभी आकांक्षी जिलों में बीजापुर जिले के अव्वल होने पर पूरे जिलेवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री तथा प्रभारी मंत्री बीजापुर श्री जयसिंह अग्रवाल, आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा सहित सांसद बस्तर श्री दीपक बैज, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के सलाहकार सर्वश्री विनोद वर्मा और राजेश तिवारी मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। कार्यक्रम स्थल पर विधायक एवं उपाध्यक्ष बस्तर विकास प्राधिकरण श्री विक्रम मण्डावी कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर वीडियो कॉल से विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों एवं जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर गोधन न्याय योजना, वन अधिकार पट्टा, जाति प्रमाण पत्र की घर पहुंच सेवा योजना के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने बैंक सखी से भी बात की। कार्यक्रम स्थल पर जिला पंचायत बीजापुर के अध्यक्ष श्री शंकर कुड़ियम, अध्यक्ष जनपद पंचायत भैरमगढ़ श्री दशरथ कुंजाम एवं अध्यक्ष नगर पंचायत भैरमगढ़ श्री दशरथ परबुलिया उपस्थित थे। मुख्यमंत्री निवास में मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, आदिवासी विकास विभाग के सचिव श्री डी. डी. सिंह, राजस्व सचिव सुश्री रीता शांडिल्य उपस्थित थी। -
नई दिल्ली: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आज (शुक्रवार) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लॉन्च कर दी है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर फाइनेंशियल इंसेंटिव भी देगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एक डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दिल्ली सरकार ने पिछले 2-3 साल कड़ी मेहनत करके सभी लोगों से चर्चा करके दिल्ली की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी तैयार की है। आज सुबह इस पॉलिस को नोटिफाई कर दिया गया है।
सीएम केजरीवाल ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी लॉन्च करते हुए कहा कि अगर आज से पांच साल बाद दुनिया में कहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल की बात होगी तो दिल्ली का उदाहरण सबसे पहले दिया जाएगा। उन्होंने कहा, इस पॉलिसी के जरिए हमारा उद्देश्य दिल्ली की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर को कम करना है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया, इलेक्ट्रिक व्हीकल आज महंगा है इसलिए इसे कोई खरीदता नहीं है। इसे ज्यादा से ज्यादा लोग खरीदे इसलिए सरकार इस पर फाइनेंशियल इंसेंटिव देने जा रही है। दो पहिया पर लगभग 30000 इंसेंटिव, कार पर 1.50 लाख, ऑटो रिक्शा पर 30000, ई-रिक्शा पर 30000 और मालवाहक वाहन पर 30000 तक इंसेंटिव मिलेगा। इसके अलावा अगर आप पुराना प्रेट्रोल या डीजल वाहन एक्सचेंज में देकर नई इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदते हैं तो सरकार की तरफ से आपको इंसेंटिव मिलेंगे। सीएम ने कहा, इस तरह का इंसेंटिव पूरे देश में पहली बार दिल्ली में दिया जा रहा है। -
एजेंसीदिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन औवैसी ने एक बार फिर कथित गोरक्षकों को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. लोकसभा सांसद ने एक ट्वीट के जरिए प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि गोरक्षकों का आतंक मुसलमानों को भय में रहने को मजबूर कर रहा है. औवैसी ने केंद्र पर भी निशाना साधा और साथ ही कथित भीड़ से पीड़ित लोगों को न्याय मिलने में गड़बड़ी के आरोप भी लगाए.
औवैसी ने ट्वीट में कहा, 'गोरक्षकों का आतंक मुसलमानों को भय की जिंदगी जीने के लिए मजबूर कर रहा है. ऐसी भीड़ को तुरंत मुकदमा चलाकर उन्हें सज़ा दी जानी चाहिए था. जबकि, ऐसा करने की बजाय केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों ने इन्हें मालाएं पहनाईं और बाकी लोगों के साथ मुकदमों में गड़बड़ियां की गईं, जिससे वे बरी हो गए. ज़ाहिर है, इसी वजह से उनकी हिम्मत बढ़ी.'
इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी के राम मंदिर भूमि पूजन में शामिल होने पर भी सवाल उठाए थे. औवैसी ने कहा था कि भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लेना संवैधानिक कदम नहीं है. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व की कामयाबी सेक्युलरिज्म की हार है. औवैसी ने इसे हिंदू राष्ट्र की नींव रखने की संज्ञा दी. इसके अलावा औवैसी ने कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक के शामिल होने को लेकर भी सवाल किए. -
एजेंसीजम्मू-कश्मीर : मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर के दूसरे उप राज्यपाल के रूप में शुक्रवार को शपथ ली। इसके साथ ही सभी प्रशासनिक सचिवों की बैठक बुलाई गई है। यह बैठक सचिवालय में शाम सवा तीन बजे होगी। इसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा रोडमैप का खुलासा करेंगे।
इस बैठक के संबंध में जीएडी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी प्रशासनिक सचिव तय समय पर उपस्थित हों। माना जा रहा है कि बैठक में वे अपना विजन सबके सामने रखेंगे। प्रशासन किस प्रकार चलाना है और क्या प्राथमिकताएं होंगी, इसकी रूपरेखा वे अधिकारियों के समक्ष रखेंगे।
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एजेंसीनई दिल्ली: राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका को हाईकोर्ट ने कारिज कर दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को कुछ शर्तों के साथ याचिका का निपटारा कर दिया। इसके बाद दिलावर ने ट्वीट कर कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने मेरी याचिका को तकनीकी आधार पर खारिज किया है ना की मेरिट के आधार पर। इसलिए कांग्रेस को खुश होने की जरुरत नहीं है। बसपा विधायकों के विलय के खिलाफ फिर से याचिका दायर करूंगा।
बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य में कांग्रेस पार्टी के साथ बसपा के छह विधायकों के विलय के खिलाफ भाजपा नेता मदन दिलावर की याचिका पर सुनवाई शुरू की थी और स्पीकर को नोटिस जारी किया था। सीपी जोशी के वकील प्रतीक कलसीवाल ने कहा है कि याचिका खारिज की है साथ ही एक दिन पहले जारी नोटिस समाचार पत्रों में प्रकाशित करने को कहा है। कोर्ट ने यह दलील दी और निर्देश दिया कि समाचार पत्रों और सेवा में नोटिसों को प्रकाशित किया जाए और जैसलमेर के जिला न्यायाधीश के माध्यम से प्रभावित किया जाए, जो जरूरत पड़ने पर एसपी की मदद ले सकते हैं।भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा ने मंगलवार (4 अगस्त) को राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष याचिका दायर कर इसके एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी थी, जिसने बसपा छोड़कर वाले छह विधायकों के कांग्रेस विधायक के तौर पर काम करने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ ये नई याचिका दायर की थी। इससे पहले उन्होंने स्पीकर सीपी जोशी के सामने दायर याचिका पर कार्रवाई नहीं होने को कोर्ट में चुनौती दी थी। ये याचिका हाईकोर्ट खारिज हो गई थी। दिलावर ने पहले उच्च न्यायालय में राज्य विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी के सितंबर 2019 के निर्णय को चुनौती दी थी, जिन्होंने बसपा के छह विधायकों को सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल करने की अनुमति दे दी थी। -
कोरोना से बचाव के लिए सावधानी बहुत जरूरी
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है की लॉकडाउन के संबंध में निर्णय लेने के लिए जिला कलेक्टरों को अधिकृत किया गया है। कलेक्टर जिले की परिस्थितियों और जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए और इस संबंध में वे स्थानीय व्यापारियों और लोगों से चर्चा कर निर्णय लेंगे।
श्री बघेल ने कहा है कि कोरोना से बचाव में ही सुरक्षा है। सभी लोगों को इस संकट से बचने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना, समय-समय पर हाथ धोने जैसे उपायों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। साथ ही अति आवश्यक होने पर ही भीड़ भाड़ वाले स्थान पर जाना चाहिए। -
एजेंसीजम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने भाजपा सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी है। आतंकियों ने वारदात को उस वक्त अंजाम दिया जब सरपंच सजाद अहमद अपने घर के बाहर थे। इस दौरान आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाते हुए अंधाधुंध फायरिंग की। जिसमें सरपंच खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर पड़े। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
इससे पहले जुलाई महीने में भाजपा के बांदीपोरा जिलाध्यक्ष और उनके दो परिजनों की हत्या कर दी गई थी। वहीं इस घटना के एक माह पूर्व आठ जून को अनंतनाग में कांग्रेस नेता और सरपंच अजय पंडिता की हत्या कर दी गई थी। घाटी में जम्हूरियत की मजबूती में जुटे नेताओं, कार्यकर्ताओं से लेकर पंचायती नुमाइंदों पर पहले भी आतंकी हमले होते रहे हैं।बता दें कि जम्हूरियत की मजबूती से आतंकी संगठनों में बौखलाहट है। इसे के चलते आतंकी संगठन घाटी का माहौल खराब करने और लोगों में भय उत्पन्न करने के लिए लगातार साजिश रच रहे हैं। आतंकी तंजीमों के शीर्ष कमांडरों के सफाए और लगातार ध्वस्त हो रहे नेटवर्क से बौखलाए आतंकी नेताओं की हत्याओं करने पर आमादा हो गए हैं। कश्मीर घाटी में आतंकवाद के शुरुआती दिनों से लेकर हाल के वर्षों तक ज्यादातर सियासी हत्याएं चुनावी वर्ष में हुई हैं लेकिन आतंकी वारदातों का ऐसा सिलसिला अब बिना चुनाव के भी तेज हो गया है।























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