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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कर्नाटक की बालिका तीरंदाजों ने मेडल सहित सभी का दिल भी जीता
रायपुर : 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में हुए तीरंदाज़ी के मुकाबलों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज़ों का जलवा रहा। कर्नाटक की बालिका तीरंदाजों ने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन किया। इन खिलाड़ियों ने ट्रॉफी और मेडलों के साथ अपनी खेल भावना और व्यवहार से आयोजकों सहित साथी खिलाड़ियों का दिल भी जीत लिया। पूर्वी उत्तरप्रदेश के तीरंदाज़ों ने कुल बारह में से चार पदक जीते हालांकि पूर्वी उत्तरप्रदेश के तीरंदाज किसी भी वर्ग में स्वर्ण पदक नहीं पा सके परंतु जूनियर बालक और सब जूनियर बालक वर्ग में इन खिलाड़ियों ने सिल्वर और ब्रांज मेडल प्राप्त किया। तीरंदाजी की जूनियर बालक वर्ग की प्रतिस्पर्धा में राजस्थान के हिमेश बरांडा ने 643 अंक प्राप्त कर स्वर्ण पदक जीता। पूर्वी उत्तर प्रदेश के आदित्य सिंह ने 637 अंक लेकर रजत और हीरा सिंह ने 626 अंक प्राप्त कर कांस्य पदक प्राप्त किया।
सब जूनियर बालक वर्ग में उत्तरबंगाल के सकनोन लेपचा ने 664 अंकों के साथ स्वर्ण और पूर्वी उत्तरप्रदेश के दीपक ने 661 अंक लेकर रजत तथा इंद्रदेव कुमार ने 651 अंक प्राप्त कर ब्रांज मेडल जीता। जूनियर बालिका वर्ग में उड़ीसा की मंजुलता ने 563 अंक प्राप्त कर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। छतीसगढ़ की रामशिला नेताम ने 493 अंक लेकर सिल्वर और उड़ीसा की ही मीना तीरिया ने 460 अंक प्राप्त कर कांस्य पदक जीता। सब जूनियर बालिका वर्ग में कर्नाटक की बालिकाओ का वर्चस्व रहा। कर्नाटक की भाग्यश्री ने 599 अंक के साथ स्वर्ण और अन्नपूर्णा ने 563 अंक लेकर रजत पदक पक्का किया । राजस्थान की दर्शी डामोर ने इस वर्ग में 541 अंक प्राप्त कर कांस्य पदक जीता ।
उल्लेखनीय है की 25 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में तीरंदाजी के 40 मीटर, 30 मीटर और 20 मीटर शूटिंग मुकाबले हुए । इन प्रतिस्पर्धाओं में बालक-बालिका जूनियर-सब जूनियर वर्ग में लगभग 400 जनजातीय तीरंदाज़ों ने हिस्सा लिया। तीरंदाज़ी के सभी मुक़ाबले राज्य आर्चरी एकेडमी के मैदान पर हुई। -
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तीरंदाजी में कर्नाटक और पूर्वी उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन
24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का समापन
विजेताओं को ट्रॉफी, मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित
रायपुर : राजधानी रायपुर में चल रहीं 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का आज समापन हो गया। समापन समारोह के दौरान फुटबॉल के फाइनल मैच में संथाल परगना ने केरल को पेनाल्टी शूट में एक के मुकाबले चार गोलों से हराकर चैंपियन की ट्रॉफी जीती। केरल की टीम उपविजेता रहीं वहीं झारखण्ड की टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। तीरंदाजी की प्रतियोगिता में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालक तीरंदाज और कर्नाटक की बालिकाएं छायी रहीं। इस पूरी प्रतियोगिता में फुटबॉल और तीरंदाजी के खेलों में लगभग 600 जनजातीय बालक-बालिकाओं ने हिस्सा लिया। अण्डमान, निकोबार से लेकर पूरे देश के लगभग 30 प्रांतों से जनजातीय खिलाड़ी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हुए।पड़ोसी देश नेपाल से भी खिलाड़ियों के एक दल ने तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री एवं स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री केदार कश्यप और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कोटा स्टेडियम पहुंचकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया उन्होंने सभी खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और बेहतरीन खेल दिखाने के लिए सभी का हौसला बढ़ाया। समापन समारोह में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र सिंह, अखिल भारतीय खेल-कूद प्रमुख श्री फूल सिंह लेप्चा, राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट, छत्तीसगढ़ प्रांत के अध्यक्ष श्री उमेश कच्छप और संगठन मंत्री श्री रामनाथ कश्यप, सचिव श्री अनुराग जैन और स्वागत समिति के सचिव श्री अमर बंसल भी उपस्थित रहे।
संभवतः जनजातीय खिलाड़ियों की यह विश्व की सबसे बड़ी प्रतियोगिता : अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित इस 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री अतुल जोग ने कहा कि यह प्रतियोगिता 1991 से अनवरत आयोजित होती आ रहीं है और यह प्रतियोगिता विशुद्ध रूप से जनजातीय खिलाड़ियों की सहभागिता वाली विश्व की सबसे बड़ी प्रतियोगिता है।श्री जोग ने यह भी बताया कि इससे पहले भोपाल में आयोजित प्रतियोगिता में केवल तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में ही 316 जनजातीय तीरंदाजों ने हिस्सा लिया था और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल मेडल जीतने या खेल खेलने तक सीमित नहीं है बल्कि यह आयोजन खिलाड़ियों में राष्ट्रीय एकता की भावना और हम सबके एक होने के भाव को जगाने वाला है। उन्होंने खिलाड़ियों से आग्रह किया कि हमेशा कड़ी मेहनत करें, खेल से जुड़े रहें और लगातार अभ्यास करें ताकि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन किया जा सके।
खेल की ना भाषा, ना कोई सीमा, केवल प्रतिभा ही पहचान : समापन समारोह को वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एच के नागु ने भी संबोधित किया। उन्होंने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि खेलों की ना तो कोई भाषा है, ना ही कोई सीमा। खेल प्रतिभा ही खिलाड़ी की पहचान है। श्री नागु ने कहा शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ खेल जीवन संघर्ष के लिए भी हमें तैयार करते हैं। उन्होंने वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा जनजातीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी। श्री नागु ने सभी विजेताओं को शुभकानाएं दी।
फुटबॉल के 22 मैच, 122 गोल, 9 मैचों का परिणाम टाई ब्रेकर या पेनाल्टी शूट से : 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में फुटबॉल के जनजातीय खिलाड़ियों ने अपना खूब जौहर दिखाया। पूरी प्रतियोगिता में फुटबॉल के 22 मैच कोटा स्टेडियम और यूनिवर्सिटी खेल मैदान पर खेले गये। जनजातीय खिलाड़ियों ने इन मैचों में 122 गोल दागकर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। खेल के प्रति खिलाड़ियों का समर्पण और उनकी कुशलता इसी से सिद्ध होती है कि पूरी प्रतियोगिता में 9 मैचों का परिणाम टाई ब्रेकर या पेनाल्टी शूट से हुआ।फुटबॉल के खिलाड़ियों ने एक से बढ़कर एक प्रतिभावों का प्रदर्शन किया। अंत में संथाल परगना ने चैंपियन्स ट्रॉफी जीती और केरल उपविजेता रहा। संथाल परगना के गोलकीपर विनय कुण्डू ने फाइनल मैच में पेनाल्टी शूट के 4 गोल बचाकर सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का मेडल प्राप्त किया वहीं संथाल परगना के ही खिलाड़ी विमल मराण्डी मेन ऑफ द टूर्नामेंट रहें। फाइनल मैच में केरल के खिलाड़ी अभिनंद को मेन ऑफ द मैच घोषित किया गया। -
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रायपुर : मुंगेली जिले के विकासखंड मुंगेली के ग्राम करही निवासी मोनिका राठौर महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन गई है। मोनिका महतारी वंदन योजना का लाभ ले रही है और उस राशि का उपयोग करके अपने व्यवसाय को एक नई दिशा दे रही है और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रही है। मोनिका ने बताया कि उनका सुहाग भंडार का दुकान है, यही उनकी आय का एकमात्र जरिया है। शासन द्वारा महतारी वंदन योजना के तहत प्रतिमाह एक हजार रूपए मिलने से उन्हें काफी मदद मिलती है। उनके दो बेटे हैं। उन्होंने महतारी वंदन योजना का लाभ उठाकर बच्चों के लिए बैंक खाता खुलवाया है, जिसमें बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर प्रतिमाह रूपए भी जमा करती है। उन्होंने योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सहित शासन-प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य तथा पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए महतारी वंदन योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत प्रतिमाह 01 हजार रूपए महिलाओं के बैंक खाते में अंतरित की जाती है। योजना से महिलाओं में खुशी की लहर है। मुंगेली जिले के लगभग 02 लाख 13 हजार महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं। योजनांतर्गत महतारी वंदन योजना की 10 किस्त की राशि जारी हो चुकी है।
गौरतलब है कि उक्त योजना का शुभारंभ 10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। राज्य की लगभग 70 लाख हितग्राही महिलाओं को हर माह एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। मार्च से लेकर दिसम्बर तक हितग्राही महिलाओं को 10 मासिक किश्तों में 6530 करोड़ 41 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। -
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युवाओं ने उत्साहपूर्वक आयोजन में लिया हिस्सा: सवालों के सही जवाब देने पर मिले आकर्षक उपहार और डिस्काउंट वॉचर्स
रायपुर : देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती में उनके कविता संग्रह में से चुनिंदा कविताओं का राजधानी के युवाओं ने वाचन किया, छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना में उनके अतुलनीय योगदान को स्मरण किया और हिंदी में पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ में दिए गए उनके भाषण पर भी अपने विचार प्रकट किए। यह अवसर था राजधानी रायपुर के नालंदा परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती के अवसर पर मनाए जा रहे सुशासन दिवस का।जनसंपर्क विभाग की ओर से नालंदा परिसर में 'खुशहाल एक साल' इवेंट का आयोजन किया गया जिसमें नालंदा परिसर में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा न केवल देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी की जीवन यात्रा, कविता संग्रह और विचारों से रूबरू हुए, बल्कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व मे राज्य सरकार की विगत एक वर्ष की उपलब्धियों और योजनाओं के प्रति भी जागरूक हुए। मनोरंजन और खेल - खेल में युवाओं को अपने प्रदेश के बारे में बहुत कुछ जानने का मौक़ा मिला।
सबके बीच अपने विचार व्यक्त करने से झिझकने वाले युवाओं ने भी हल्के फुलके वातावरण में संकोच करना बंद कर ख़ुशी-ख़ुशी विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया। युवाओं ने राज्य में संचालित महतारी वंदन योजना, नियद नेल्ला नार योजना, मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना, कृषक उन्नति योजना, पर्यटन, छत्तीसगढ़ की बोलियों, आभूषणों आदि के बारे में पूछे गए प्रश्नों का सही उत्तर देने में तत्परता दिखाई । छत्तीसगढ़ में मिलने वाले खनिज, प्रदेश की लोक कला, खान -पान, गौरवशाली इतिहास संबंधी प्रश्नों को भी विभिन्न गतिविधियों के बीच में पूछा गया और इस दौरान सही उत्तर देने वाले युवाओं को विभिन्न डिस्काउंट कूपन, बिहान के उत्पाद उपहार स्वरूप प्रदान किए गए।डिस्काउंट वाउचर में नालंदा परिसर में स्थित लाइब्रेरी के मासिक शुल्क में ५० प्रतिशत की छूट ने भी प्रतियोगी परीक्षाओं के एस्पिरेंट्स को खूब लुभाया । इससे उनका उत्साह और बढ़ गया और उन्होंने इवेंट की समाप्ति तक पूरे उमंग के साथ आयोजन में हिस्सा लिया । उल्लेखनीय है कि खुशहाल एक साल इवेंट का यह छठवाँ आयोजन था। इससे पहले भी रायपुर शहर के विभिन्न स्थलों में इवेंट आयोजित किया गया जिसमें युवाओं ने भरपूर रुचि और उत्साह के साथ आयोजन की सफलता में अपनी सहभागिता प्रदान की थी। -
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राज्य के 20 जिलों के किसान कर रहे हैं फोल्डस्कोप का उपयोग
उन्नत तकनीक के जरिए किसान मिट्टी की गुणवत्ता और पौधों की बीमारियों का पता लगाने में हो रहे सक्षम
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में खेती को उन्नत और लाभकारी बनाने के लिए लगातार नित नए नवाचार किए जा रहे हैं। किसानों को उन्नत कृषि उपकरणों के उपयोग और वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित किए जा रहा है, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे है। छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी खेती किसानी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की धुरी भी कृषि है। छत्तीसगढ़ को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को हर संभव मदद दे रही है।
छत्तीसगढ़ में फसलों के कीट प्रकोप प्रबंधन और उन्नत नस्ल के पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप के उपयोग के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान के सहयोग से राज्य के 20 जिलों के किसानों को ’’फोल्डस्कोप’’ नामक पोर्टेबल माइक्रोस्कोप वितरित किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को खेती और पशुपालन में वैज्ञानिक तकनीकों से सशक्त बनाना है।
रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायपुर, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कोरिया, सरगुजा, जशपुर, कोरबा, सक्ती, महासमुंद, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, कांकेर और बस्तर जिलों के 30 से अधिक गांवों में फैले इस कार्यक्रम को आईसीएआर - राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
फोल्डस्कोप एक किफायती और पोर्टेबल माइक्रोस्कोप है, जिसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर मनु प्रकाश और उनकी टीम ने विकसित किया है। इसे 2014 में लॉन्च किया गया था और तब से इसका उपयोग शिक्षा, शोध और निदान के लिए किया जा रहा है। यह उपकरण खेती और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में बेहद उपयोगी और किफायती है। फोल्डस्कोप का उपयोग किसान कीट और रोग का पता लगाने, मिट्टी की गुणवत्ता की जांच और पानी के विश्लेषण के लिए कर रहे हैं। इसकी मदद से फसलों में पाउडरी फफूंदी, पत्ती झुलसा, पत्ती धब्बा और कटाई के बाद होने वाली बीमारियों की पहचान की जा रही है।
अब तक, फोल्डस्कोप की मदद से 16 प्रकार के फफूंद रोगों और उनके कारक जीवों की पहचान हो चुकी है। उदाहरण के लिए, गोलोविनोमाइसेस सिचोर-एसेरम और एरीसिफे पॉलीगोनी जैसे रोगजनकों का पता लगाया गया है। फोल्डस्कोप केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे पशुपालन में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए वीर्य की गुणवत्ता का आकलन करने में इसका प्रयोग किया गया है। इससे गर्भधारण दर में सुधार हुआ है और देशी मवेशियों की नस्लों की ग्रेडिंग बेहतर हो रही है।
फोल्डस्कोप का उपयोग पांच जैविक कीटनाशकों और दो जैव एजेंटों का परीक्षण करने के लिए भी किया गया है। इससे रसायनों पर निर्भरता घटाने और पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है। फोल्डस्कोप को बनाने का विचार तब आया जब प्रोफेसर मनु प्रकाश ने खेतों का दौरा किया और पाया कि वैज्ञानिक उपकरणों की अनुपलब्धता किसानों के लिए एक बड़ी बाधा है। उन्होंने एक ऐसा उपकरण विकसित किया जो सस्ता, टिकाऊ और ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग के लिए आदर्श हो। फोल्डस्कोप ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए कृषि और पशुपालन को सरल और वैज्ञानिक बना दिया है। यह उपकरण न केवल खेती में लागत कम कर रहा है, बल्कि फसल और मवेशियों की गुणवत्ता में सुधार कर उनकी आय बढ़ाने में मदद कर रहा है। -
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संथाल परगना और केरल के बीच फुटबॉल का फाइनल मुकाबला कल कोटा स्टेडियम में
वन मंत्री केदार कश्यप ने मैदान पहुँचकर जनजाति खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला
तीरंदाजी में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बच्चों ने मारी बाजी
रायपुर : राजधानी रायपुर में चल रही 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीडा प्रतियोगिता के आज तीसरे दिन फुटबॉल के कुल 09 मैच खेले गए जिसमें दो सेमीफाइनल के मैच भी शामिल है। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री एवं स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री केदार कश्यप ने कोटा स्टेडियम और तीरंदाजी खेल परिसर में पहुंचकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया उन्होंने सभी खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और बेहतरीन खेल दिखाने के लिए सभी का हौसला बढ़ाया।
फुटबॉल के मैच और परिणाम
पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के खेल मैदान में आयोजित फुटबॉल मैच में केरल का दबदबा रहा केरल ने आज के अपने तीनों मैच जीते और फाइनल में जगह बनाई। सेमी फाइनल में केरल का मुकाबला मिजोरम से हुआ जहां केरल ने मिजोरम को मात देकर फाइनल में स्थान बनाया। पहले केरल ने दक्षिण बंगाल के साथ हुए मैच को टाई ब्रेकर तक खींचा और उसके बाद टाई ब्रेकर में दक्षिण बंगाल को एक गोल से हराया।एक दूसरे मैच में मध्य भारत और नागालैंड के बीच बेहद रोमांचक मैच हुआ जिसमें नागालैंड के विनाश ने एकमात्र गोलकर अपनी टीम को विजय दिलाई।जशपुर और मिजोरम के मैच में टोपजी राम ने दो गोल कर जशपुर को 2- 1 से हराया और सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई । केरल और नागालैंड के मैच में भारी गहमा गहमी रही। केरल ने मैच को 2- 1 से जीत कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। कोटा स्टेडियम पर आज 5 मैच खेले गए । झारखंड और उत्तर बंगाल के मैच में झारखंड में एक गोल से जीत हासिल की उत्तर बंगाल की टीम कोई गल नहीं कर सकी।गोवा की टीम ने राजस्थान को 4-0 से शिकायत दी। वही झारखंड और महाकौशल के बीच हुए मैच में झारखंड ने तीन गोल किए महाकौशल केवल एक ही गोल कर पाया । झारखंड ने मैच जीत कर सेमीफाइनल में जगह बनाया। गोवा और संथाल परगना का मैच काफी रोमांचक रहा मैच टाई ब्रेकर तक पहुंचा। टाई ब्रेकर में संथाल परगना ने गोवा को 4 - 2 से शिकस्त दी और सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
सेमी फाइनल के परिणाम
पहले सेमीफाइनल में केरल और मिजोरम के बीच हुए मैच में दोनों टीमें छाई रही दोनों टीमों के खिलाड़ी निर्धारित समय तक कोई गोल नहीं कर सके । टाई ब्रेकर में केरल के खिलाड़ियों ने अपना वर्चस्व बनाए रखा और चार गोल किए। मिजोरम की टीम केवल तीन गोली कर सकी इस प्रकार केरल ने 4 - 3 से मैच जीत कर फाइनल में जगह बनाई। दूसरे सेमीफाइनल मैच में संथाल परगना और झारखंड के बीच हाई वोल्टेज मैच हुआ। मैच में कोई भी टीम निर्धारित समय में गोल नहीं कर सकी। सडन डेथ में झारखंड ने चार गोल किए लेकिन संथाल परगना ने बेहतर खेल दिखाया और पांच गोलकर फाइनल में प्रवेश किया।
फुटबॉल का फाइनल मैच
फुटबॉल प्रतियोगिता का फाइनल मैच मंगलवार को सुबह 9:00 बजे से कोटा स्टेडियम में केरल और संथाल परगना के बीच खेला जाएगा।
तीरंदाजी प्रतियोगिता के आज के परिणाम
राज्य तीरंदाजी अकादमी मैदान पर आज 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीडा प्रतियोगिता के तहत तीरंदाजी के जूनियर और बालक /बालिका के 40 एवं 30 मीटर के मैच खेले गए। तीरंदाजी के बालिका जूनियर वर्ग में उड़ीसा के तीरंदाजों का दबदबा रहा। उड़ीसा के मंजू लता ने 563 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया ।छत्तीसगढ़ की रामशिला नेताम ने 493 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रही ।वहीं उड़ीसा की मीना त्रिया 460 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रही। जूनियर बालक वर्ग में पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाजो ने कमाल दिखाया दूसरे और तीसरे स्थान पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज रहे ।राजस्थान के हिमेश बरांडा ने 643 अंकों के साथ पहला स्थान प्राप्त किया पूर्वी उत्तर प्रदेश के आदित्य सिंह ने 637 अंकों के साथ दूसरा और हीरा सिंह ने 626 अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। -
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मन की बात कार्यक्रम पीएम मोदी द्वारा बस्तर ओलंपिक की सराहना छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय: विधायक सुनील सोनी
रायपुर : रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल और रायपुर दक्षिण के विधायक सुनील सोनी ने आज गांधी नगर कालीबाड़ी चौक, रायपुर में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मासिक कार्यक्रम "मन की बात" का श्रवण किया। विधायक सुनील सोनी ने कहा- आज के इस प्रसारण में माननीय प्रधानमंत्री जी ने हमारे छत्तीसगढ़ के बस्तर ओलंपिक की भी सराहना की जो हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है।यह देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन और माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के नेतृत्व का ही परिणाम है कि जो बस्तर माओवाद प्रभावित क्षेत्र के रुप में जाना जाता था आज वह "बस्तर ओलंपिक" जैसे आयोजनों और अपने तेज विकास के लिए जाना जा रहा है।यहाँ देखे विडियो :-<iframe width="560" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/DDSfcBT6X-0?si=GfusjYIRlBZKwkr5" title="YouTube video player" frameborder="0" allow="accelerometer; autoplay; clipboard-write; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture; web-share" referrerpolicy="strict-origin-when-cross-origin" allowfullscreen></iframe>इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन के जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तन पर भी बात की। -
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स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राज्य के निवासियों को नए वर्ष के आगमन पर दी एक नई सौगात
हार्ट सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में 50 वर्षीय महिला की हुई सफल ओपन हार्ट सर्जरी
मरीज के हार्ट में टाइटेनियम से बना मैटेलिक प्रोस्थेटिक वाल्व लगाया गया एवं ट्राइकस्पिड वाल्व को रिपेयर किया गया
शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत निशुल्क हुई हार्ट सर्जरी
रायपुर : छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के हार्ट सर्जरी विभाग के कुशल डॉक्टरों की टीम ने 50 वर्षीय महिला की सफल ओपन हार्ट सर्जरी कर मरीज को नया जीवन दिया है। हार्ट सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में यह सफल ऑपरेशन किया गया। सर्जरी के बाद महिला की हालत ठीक है तथा वह अभी डॉक्टरों की देखरेख में है। मरीज का वाल्व रिप्लेसमेंट हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राज्य के निवासियों को नए वर्ष के आगमन पर ओपन हार्ट सर्जरी सुविधा की शुरुआत के लिए अस्पताल प्रबंधन को अपनी तरफ से शुभकामनाएं दी हैं। श्री जायसवाल ने कहा है कि बहुत जल्द ही यहां बाईपास सर्जरी की शुरुआत भी होगी।महासमुंद निवासी 50 वर्षीय महिला मरीज को लगभग तीन साल से सांस फूलने की शिकायत थी। थोड़ा भी काम करने से हृदय की धड़कन बढ़ जाती थी जिसे हार्ट पल्पिटेशन कहा जाता है। अपनी इन्हीं समस्याओं के साथ महिला अम्बेडकर अस्पताल के एडवांस्ड कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट सर्जरी विभाग में डॉ. कृष्णकांत साहू के पास पहुंची। उन्होंने मरीज की पूरी जांच की। जाँच में पता चला कि हार्ट के वाल्व में सिकुड़न है और एक वाल्व में लीकेज है।हार्ट का वाल्व इतना सिकुड़ गया था कि इनको डॉक्टर ने 3 साल पहले ही ऑपरेशन की सलाह दी थी मगर ओपन हार्ट सर्जरी का नाम सुनकर मरीज तथा उसके परिवार के लोग घबरा गए और उस वक्त उन्होंने ओपन हार्ट सर्जरी करवाने से मना कर दिया फिर उसके बाद समस्या बढ़ती गई और मरीज पुन: एक बार फिर डॉ. कृष्णकांत साहू के पास पहुंची, जहां पर उन्होंने ने महिला को ओपन हार्ट सर्जरी से संबंधित सभी जानकारी दी। उनकी काउंसलिंग की। सर्जरी के पश्चात स्वास्थ्य में होने वाले सुधार के बारे में विस्तार से बताया।
डॉ. कृष्णकांत साहू ने मरीज की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर को केस की गंभीरता तथा ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता के बारे में बताया। स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल के निर्देश पर तत्काल कार्डियक एनेस्थेटिस्ट, परफ्यूजनिस्ट तथा अन्य मानव संसाधन की व्यवस्था की गई । अंततः 26 दिसंबर को मरीज की ओपन हार्ट सर्जरी की गई तथा मरीज के हृदय में कृत्रिम वाल्व का प्रत्यारोपण किया और एक वाल्व को रिपेयर किया।इस ऑपरेशन को मेडिकल भाषा में माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट बाय यूजिंग बाईलीफलेट मैटेलिक प्रोस्थेटिक वाल्व प्लस ट्राईकस्पिड वाल्व रिपेयर अंडर हार्टलंग मशीन कहा जाता है। डॉ. कृष्णकांत साहू ने मरीज की वर्तमान हालत के संबंध में जानकारी देते हुए बताया की मरीज ने आज सुबह का नास्ता, दोपहर का लंच तथा रात का खाना अपने हाथों से खाया। मरीज की हालत में लगातार सुधार है। मरीज का ऑपरेशन करने वाली टीम में हार्ट सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू, कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. वरुण, परफ्यूजनिस्ट राहुल और डिगेश्वर तथा नर्सिंग स्टाफ में राजेंद्र, नरेंद्र एवं चोवा राम शामिल रहे। -
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सर्वाधिक 9-0 गोल से जीती मध्य भारत की टीम
रायपुर : राजधानी रायपुर में हो रही 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में आज दूसरे दिन फुटबॉल के 13 मैच खेले गए। फुटबॉल के सात मैच कोटा स्टेडियम पर और छह मैच यूनिवर्सिटी खेल मैदान पर खेले गए । आज राज्य तीरंदाजी एकेडमी मैदान पर आर्चरी की 40 मीटर और 30 मीटर की प्रतिस्पर्धा भी हुई। आज के खेलों में जनजातीय खिलाड़ियों ने अपना खेल कौशल दिखाया।
फुटबॉल के मैच और परिणाम
आज के खेलों में मध्य भारत के खिलाड़ी छाए रहे। हिमांचल से हुए मध्यभारत के खिलाड़ियों ने एक के बाद एक नौ गोल दागकर एक तरफा मैच को 9-0 से जीत लिया । मिजोरम और कोंकण के बीच खेले गए मैच में मिजोरम के खिलाड़ियों ने खेल का बेहतरीन प्रदर्शन किया।तोपजी राम के दो गोलों से को मिलकर मिजोरम ने यह मैच शून्य के मुक़ाबले 7 गोलों से जीता। एक अन्य मैच में छतीसगढ़ के जशपुरनगर और त्रिपुरा के खिलाड़ियों के बीच खेला गया। इस मैच में खेल के निर्धारित समय तक दोनों टीमें 3-3 गोल से बराबरी पर रही और शूट आउट में जशपुर ने यह मैच 3-2 गोल से जीत लिया ।दक्षिण असम और नागालैंड के रोमांचक मैच में अंत तक गहमा गहमी रही और नागालैंड ने दो गोल कर खेल को 2-0 जीता। मिजोरम ने बिहार के साथ खेले मैच को एक गोल से जीता। बिहार की टीम एक भी गोल नहीं कर सकीं । उड़ीसा और जशपुर के रोमांचक मैच में जशपुर की टीम उड़ीसा पर हावी रही पर बहुत प्रयासों के बाद भी निर्धारित समय तक खेल में कोई गोल नहीं हो पाया। अंत में खेल का फैसला शूट आउट से करने का निर्णय लिया गया। शूट आउट में जशपुर ने 5-4 गोलों के अंतर से मैच जीत लिया ।
महाकौशल और असम के बीच बहुत रोमांचक मैच हुआ जिसमें महाकौशल की टीम ने पेनल्टी शूटआउट में 4- 3 से जीत हासिल की। झारखंड और अंडमान के बीच हुए मैच में झारखंड की टीम 4- 0 से विजई हुई। उत्तरबंग और दिल्ली के बीच हुई एक तरफा मुकाबले में उत्तर बंग की टीम 5- 0 से विजई हुई। वही उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बीच हुए मैच में पेनल्टी शूटआउट में राजस्थान की टीम ने 4- 2 जीत हासिल की।छत्तीसगढ़ और गोवा के बीच हुए मैच में गोवा की टीम ने 3- 0 से जीत हासिल की। मणिपुर और संथाल परगना के बीच बहुत ही रोमांचक मैच हुआ जिसमें संथाल परगना की टीम पेनल्टी शूटआउट में 4- 3 से जीत हासिल की। अंत में संथाल परगना और मेघालय टीम के बीच हुए मैच में संथाल परगना ने एक तरफा मुकाबले में 5 - 0 से जीत हासिल की।तीरंदाज़ी के खेल में आज बालक बालिका के जूनियर और सब जूनियर ग्रुप में 40 तथा 30 मीटर की स्पर्धाएं 40 मी टर जूनियर बालक स्पर्धा में पूर्वी उत्तर प्रदेश के आदित्य सिंह ने 322 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।राजस्थान के हिमेश बरांडा 319 अंक लेकर दूसरे और मणिपुर के गाई हेमलूम हलमई 313 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहें। 40 मीटर जूनियर बालिका आर्चरी प्रतियोगिता में उड़ीसा की मंजुला हेब्रम पहले स्थान पर रही । मंजुला ने 281 अंक अर्जित किए। मध्य भारत की दीपिका मूंदड़ा ने 233 अंकों के साथ दूसरा और 230 अंकों के साथ छतीसगढ़ की रामशीला नेताम तीसरे स्थान पर रही ।
तीरंदाज़ी के 30 मीटर सब जूनियर बालिका समूह में कर्नाटक के खिलाड़ियों ने पहले दो स्थान प्राप्त किए। 300 अंक लेकर भाग्यश्री पहले और बजरंग 282 अंकों के साथ अन्नपूर्णा दूसरे स्थान पर रहीं । राजस्थान की दर्शी डामोर ने 257 अंक अर्जित कर तीसरा स्थान प्राप्त किया ।30 मीटर सब जूनियर बालक वर्ग में पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज़ों का दबदबा रहा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज विशाल कुमार ने 327 अंक अर्जित कर दूसरा और दीपक ने 325 अंक लेकर तीसरा स्थान पाया । पहले स्थान पर उत्तर बंगाल के तीरंदाज सकनोन लेपचा ने 328 अंक प्राप्त किए।
कल तीरंदाज़ी में बालक-बालिका समूह में 30 मीटर जूनियर और 20 मीटर सब जूनियर स्पर्धाएँ होंगी जिसमें दो सौ से अधिक जनजातीय खिलाड़ी शामिल होंगे। प्रतियोगिताएँ राज्य आर्चरी एकेडमी मैदान पर सुबह आठ बजे से शुरू होंगी। -
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रायपुर : राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान पर आज 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगता का परंपरागत ढंग से सादगीपूर्ण शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और खिलाड़ियों ने सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की और उनके आत्मा की शांति की कामना करते हुए श्रद्धांजलि भी दी। इस खेल प्रतियोगिता में वनवासी कल्याण आश्रम के कार्य क्षेत्र अनुसार 33 प्रान्तों के 800 से अधिक जनजातीय बालक बालिकाएं भाग ले रहे है।प्रतियोगिता में अंडमान निकोबार से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों, उड़ीसा, गुजरात तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड उत्तर प्रदेश आदि राज्यों सहित नेपाल देश के भी जनजातीय खिलाड़ी हिस्सा ले रहे है। प्रतियोगिता में फुटबॉल और तीरंदाजी की स्पर्धाएं हो रही है। फुटबॉल के मैच कोटा स्टेडियम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी खेल मैदान पर हो रही है वहीं तीरंदाजी की प्रतियोगिता, राज्य तीरंदाजी एकेडमी मैदान पर हो रही है।प्रतियोगिता के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और वनमंत्री तथा स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री केदार कश्यप ने भी अपनी शुभकामनाएं दी है। प्रदेश सचिव डॉ अनुराग जैन ने दोनों के शुभकामना संदेशों का वाचन किया। शुभारंभ समारोह में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री अतुल जोग , राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट , छत्तीसगढ़ प्रांत के अध्यक्ष श्री उमेश कच्छप और संगठन मंत्री श्री रामनाथ कश्यप भी उपस्थित रहे।
वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता जनजातीय खिलाड़ियों की प्रतिभा की विश्व स्तर पर स्थापित करने का प्रयास: श्री सत्येंद्र सिंह
प्रतियोगिता में उपस्थित खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन करते हुए अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्येंद्र सिंह ने कहा कि यह खेल आयोजन जनजातीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को विश्व स्तर पर स्थापित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है उन्होंने खेल से होने वाले फायदों को बताते हुए कहा कि खेल नियमों से खेले जाते है और खिलाड़ियों को अनुशासित तथा शिष्टाचारी नागरिक तैयार करने में मदद करते है उन्होंने कहा जिसमें खेल की भावना होती हैं उसमें जीवन के संघर्षों से लड़ने का साहस स्वतः ही आ जाता है खेल मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक दृष्टि से हमें मजबूत बनाते हैं। खेल के माध्यम से हम देश के आदर्श नागरिक बन कर राष्ट्र विकास में अपना यथोचित योगदान दे सकते है।श्री सिंह ने 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा स्पर्धा की शुरुआत की घोषणा की और खिलाड़ियों को खेल भावना से खेलने के लिए शपथ भी दिलाई ।
मुख्य वक्ता ने वनवासी खेल महोत्सव की यादें ताजा की, शुभ प्रसंग भी बताए
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री सतेंद्र सिंह ने इस अवसर पर वनवासी खेल महोत्सव की शुरुआत की यादें भी ताजा की और आज की पीढ़ी को इस जनजातीय खेल प्रतियोगता की शुरुआत की भी जानकारी दी उन्होंने बताया कि 1952 में वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना के 33 वर्ष बाद पूना में स्व अशोक साठे के प्रयास से खेल प्रकल्प की शुरुआत हुई थी। उन्होंने बताया कि मुंबई में 20 नवयुवकों के साथ 7 से 9 अगस्त 1987 में खेल केन्द्र शुरू हुआ और 1991 में मुंबई में ही पहली वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगता आयोजित हुई जिसमें उड़न सिख श्री मिल्खा सिंह भी शामिल हुए थे। पहले आयोजन में 15 राज्यों के 392 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था तब से अब तक 23 राष्ट्रीय वनवासी खेल स्पर्धाएं हो चुकी है और इस बार 24 वीं प्रतियोगता हो रही है उन्होंने यह भी बताया कि सभी प्रतियोगिताओं में जनजातीय समाज की पहचान कहे जाने वाले तीरंदाजी खेल शामिल रहा है इसके साथ कोई अन्य खेल कबड्डी, खो खो , फुटबॉल आदि को शामिल किया जाता रहा है,।
खेल अब कैरियर चुनने का माध्यम, खेलकर अफसर भी बन सकते है : ओलंपियन श्रीमती कविता राउत
खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए भारतीय ओलंपियन एथलीट श्री मति कविता राउत ने कहा कि आज हम खेलो को करियर बनाने का माध्यम चुन सकते है खेल के साथ साथ रोजगार के अवसर भी मिल सकते है। खेलो से ही आगे बढ़कर हम अफसर भी बन सकते है । उन्होंने बताया कि वनवासी कल्याण आश्रम के सक्रिय सहयोग से ही वे खेल की नई ऊंचाइयों तक पहुंची है श्री मति राउत ने बताया कि रांची में वर्ष 2000 में हुए राष्ट्रीय क्रीड़ा महोत्सव में वे एक धावक खिलाड़ी के रूप में शामिल हुई थी। कल्याण आश्रम के खेल कूद प्रकल्प से ही उनकी खेल यात्रा शुरू हुई जिसने उन्हें भारत के लिए खेलने और ओलम्पिक में मेडल जीतने का अवसर दिलाया। श्री मति राउत ने सभी खिलाड़ी प्रतिभागियों को खेल भावना से खेलने की समझाइश देते हुए अपनी शुभकामनाएं दी।
आज के मैच और परिणाम
राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में आज फुटबॉल का उदघाटन मैच उड़ीसा और आंध्रप्रदेश की टीमों के बीच हुआ। इस मैच में उड़ीसा की टीम 4-0 से विजयी हुई । उड़ीसा के खिलाड़ी बादल ने खेल के चौथे मिनट में पहला गोल दागा। उड़ीसा की ओर से बादल ने दो और चंदना तथा भुजू ने एक एक गोल किया। आंध्र प्रदेश की टीम कोई गोल नहीं कर सकी। -
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रायपुर : महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने सचिव छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद योजना में शामिल सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ स्थित माँ बागेश्वरी मंदिर के कायाकल्प और सर्वांगीण विकास के लिए भारत सरकार को पुनः स्मरण पत्र जारी की है।
गौरतलब है कि प्रसाद योजना, भारत सरकार की एक योजना है जिसका मकसद धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन अभियान योजना के तहत, तीर्थ स्थलों को विकसित करने और उन्हें पहचान दिलाने पर ध्यान दिया जाता है। प्रसाद योजना के तहत पर्यटन स्थलों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें सूरजपुर जिले के धार्मिक स्थल कुदरगढ़ मंदिर के कायाकल्प के लिए इसे ’प्रसाद’ योजना में शामिल किया गया है।
योजना के क्रियान्वयन में विधानसभा भटगावँ में माँ बागेश्वरी धाम में रोप वे, हेलीपेड, यज्ञ शाला, ज्योति कक्ष, सीढ़ी निर्माण, यात्री शेड, हाई मास्क लाइट, सी.सी.टी.वी., पेयजल, सेस्क्युरिटी चेक पॉइन्ट, शौचालय, हर्बल गार्डन, हाट-बाजार, अपशिष्ट प्रबंधन, यात्रियों की सुविधा हेतु बैटरी चलित वाहन, स्टॉप डेम विकास, प्रसाद किचन, प्रतीक्षालय आदि विकास कार्यों को सम्पन्न किये जा सकेंगे। -
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स्वागत समिति के अध्यक्ष और वन मंत्री केदार कश्यप ने दी जानकारी
रायपुर : गुरुवार सायं देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन के बाद अब रायपुर में आयोजित होने वाली 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता-2024 के कार्यक्रम में भी बदलाव हुए हैं। वनवासी विकास समिति द्वारा आयोजित की जा रही इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता के विभिन्न कार्यक्रम रद्द किए गए हैं। डॉ मनमोहन सिंह जी के निधन के बाद देश में राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है, जिसके बाद राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता की स्वागत समिति ने भी तय किया है कि प्रतियोगिता के दौरान होने वाली विशाल खेल ज्योति यात्रा, मार्च पास्ट, सांस्कृतिक कार्यक्रम, मातृहस्त भोजन एवं प्रदर्शनी जैसे सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है।
इस कार्यक्रम के उद्घाटन को भी सादगीपूर्ण एवं औपचारिक तरीके से करने का निर्णय लिया गया है। समय में बदलाव करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के बाद अब दोपहर 3 बजे प्रतियोगिता का उद्घाटन किया जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के चलते प्रतियोगिता के समापन को भी सामान्य एवं औपचारिक रखा गया हैयहाँ देखे विडियो :-गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिसमें 25 प्रान्तों के 800 से अधिक जनजातीय खिलाड़ी तीरंदाजी एवं फुटबॉल के खेल में भाग लेने आये हैं। कार्यक्रम की रूपरेखा एवं व्यवस्था भव्य एवं अभूतपूर्व रखी गई थी, किंतु डॉ मनमोहन सिंह के दिवंगत होने की खबर मिलते ही कार्यक्रम की पूरी रचना में परिवर्तन कर अब इसे सामान्य एवं औपचारिक रखने का निर्णय लिया गया है। -
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राज्य के शासकीय अस्पतालों में खोले जा रहे हैं जन औषधि केंद्र
मोदी की गारंटी के अंतर्गत 26 जनवरी तक 151 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा मोदी की गारंटी के अनुरूप राज्य में सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराने की पहल की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देशन में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के अंतर्गत सभी जिलों में जन औषधि केंद्र स्थापित किया जा रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ में 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिवस एवं "सुशासन दिवस" के उपलक्ष्य में राज्य के शासकीय चिकित्सालयों में जन औषधि केंद्र का शुभारंभ कर उनका संचालन शुरू किया जा रहा है। सुशासन दिवस के मौके पर इसी सप्ताह राज्य में 51 नवीन जन औषधि केंद्रों का संचालन शुरू कर छत्तीसगढ़ की जनता को समर्पित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राज्य में नवंबर माह तक 68 जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे थे जिनमें दिसबर माह के अंत तक 51 जन औषधि केंद्रों की वृद्धि हो जाएगी। छत्तीसगढ़ मे मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देशन में 26 जनवरी 2025 तक राज्य में 151 जन औषधि केंद्रों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है एवं 31 मार्च 2025 तक राज्य में 200 जन औषधि केंद्रों की स्थापना एवं संचालन किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध चिकित्सालयों, जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अन्य शासकीय अस्पतालों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का संचालन अस्पताल प्रबंधन अथवा रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से किया जा रहा है।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना में शासन द्वारा उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाईयों के दाम बाजार मूल्य से कम दर पर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। जन औषधि केंद्र, प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत खोले गए आउटलेट हैं। जन औषधि केंद्रों का उद्देश्य सभी वर्गों के लोगों को किफ़ायती दामों पर अच्छी गुणवत्ता की दवाइयां उपलब्ध कराना है। इन केंद्रों पर दवाइयां खुले बाजार की तुलना में 50 फीसदी से 90 फीसदी तक कम कीमत पर उपलब्ध होती हैं। -
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प्रदर्शनी में विष्णु देव साय सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और एक वर्ष की उपलब्धियों की मिल रही जानकारी
रायपुर : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस के अवसर पर जनसंपर्क विभाग द्वारा रायपुर के नालंदा परिसर में दो दिवसीय छायाचित्र प्रदर्शनी आज 25 दिसंबर से लगाई गई हैं। प्रदर्शनी में स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी की छत्तीसगढ़ से जुड़ी स्मृतियों के साथ-साथ केन्द्र सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं की जानकारी भी प्रदर्शित की गई है।प्रदर्शनी में अटल जी के कार्यकाल की उल्लेखनीय उपलब्धियों तथा छत्तीसगढ़ से जुड़े उनके प्रवास के दुर्लभ छायाचित्रों को प्रदर्शित किया गया है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार के जनकल्याण के कार्यक्रमों एवं योजनाओं की उपलब्धियों की झलक भी प्रदर्शनी में लोगों का ध्यान खींच रहा है।
प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सल उन्मूलन एवं जनजातीय उत्थान, सामाजिक समृद्धि एवं प्रगति, अधोसंरचना विकास, पर्यटन एवं संस्कृति, नियद नेल्ला नार, प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार, युवा कल्याण, कृषक उन्नति योजना, महतारी वंदन योजना, छत्तीसगढ़ में युवाओं के लिए संचालित योजनाएं, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, रामलला दर्शन, डिजिटल भारत सहित अन्य योजनाओं एवं उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है।प्रदर्शनी देखने आए शासकीय नागार्जुन साइंस कालेज के छात्र शिवम् पांडेय और उनके साथियों मयंक, अभय और राहुल ने कहा कि छाया चित्र प्रदर्शनी में श्री अटल जी के विचारों से अवगत कराया गया है जो सराहनीय है। छात्रों ने प्रदर्शनी में शासन के द्वारा प्रदर्शित योजनाओं की जानकारी को काफी उपयोगी बताया। प्रदर्शनी स्थल पर शासकीय योजनाओं पर आधारित प्रचार सामग्री का भी वितरण किया जा रहा हैै। -
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मुख्यमंत्री ने सलिया टोली में नगरीय निकायों में बनने वाले अटल परिसर का किया भूमिपूजन, सभी नगरीय निकाय कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बिल्हा में अटल परिसर का किया लोकार्पण, 16 करोड़ के विकास कार्यों का किया भूमिपूजन व लोकार्पण
भारत के वैभव और ताकत को अटल जी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया बुलंद : श्री अरुण सावरायपुर. : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की 100वीं जयंती पर आज जशपुर के सलिया टोली में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में बनने वाले अटल परिसर का भूमिपूजन किया। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव बिल्हा से भूमिपूजन कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े। राज्य के सभी नगरीय निकाय भी मुख्यमंत्री श्री साय के मुख्य आतिथ्य में सलिया टोली में आयोजित कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े।उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बिल्हा नगर पंचायत में निर्मित अटल परिसर के लोकार्पण के साथ ही वहां 16 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का भूमिपूजन व लोकार्पण किया। इनमें अकेले बिल्हा नगर पंचायत में तीन करोड़ 74 लाख रुपए के विकास कार्य शामिल हैं। बिल्हा में आयोजित लोकार्पण-भूमिपूजन कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने की।उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने सभी नगरीय निकायों में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम को बिल्हा से वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि 163 निकायों में एक साथ अटल परिसर का निर्माण कार्य शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर से इसका शुभारंभ किया है। राज्य सरकार ने इसके लिए नगरीय निकायों को 46 करोड़ रुपए आबंटित किए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में सरकार ने 7000 करोड़ रुपए नगरीय निकायों को आबंटित किया है। इससे सभी शहरों में तेजी से विकास के काम हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नगरीय निकायों में भूमिपूजन कार्यक्रम में मौजूद लोगों को सलिया टोली से वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि सांसद के रूप में मुझे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के साथ काम करने का मौका मिला। वे उत्कृष्ट राजनेता के साथ-साथ कवि एवं साहित्यकार भी थे। उनकी भाषण शैली एवं अदा ऐसी थी कि सभी बड़े चाव से उन्हें सुना करते थे। उन्होंने हमें पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनाकर दिया। उनके आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ आज तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। देश में सड़कों का जाल बिछाने और किसानों को क्रेडिट कार्ड देने की शुरूआत उनके नेतृत्व में उनके कार्यकाल में ही हुई।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी को उनकी 100वीं जयंती पर नमन करते हुए कहा कि वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने भारत के वैभव और ताकत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बुलंद किया। विदेश मंत्री रहते हुए 1977 में संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में भाषण देकर पूरे विश्व का ध्यान आकर्षित किया।
1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण कर भारत की ताकत दिखाई। श्री साव ने कहा कि अटल जी अपने वादे के पक्के थे। उन्होंने 1999 में रायपुर के सप्रे स्कूल में की गई घोषणा को पूरा किया और छत्तीसगढ़वासियों को अलग राज्य और पृथक पहचान दिलाई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार अटल जी के सपने को पूरा करने का काम कर रही है। डबल इंजन की सरकार से इसमें पूरी मदद मिल रही है।बिल्हा में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ की तरक्की में अटल जी का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने यदि छत्तीसगढ़ राज्य नहीं बनाया होता, तो छत्तीसगढ़ का इतना विकास संभव नहीं था।
उन्होंने राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर भी भारत का मान-सम्मान बढ़ाया। परमाणु परीक्षण के साथ ही गांव-गांव को सड़कों से जोड़ने तथा चतुर्भुज परियोजना में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। अटल जी सुशासन के पर्याय हैं। समारोह को गृह निर्माण मण्डल के पूर्व अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सवन्नी ने भी सम्बोधित किया। बिलासपुर के कलेक्टर श्री अवनीश शरण, जिला पंचायत के सीईओ श्री संदीप अग्रवाल, नगर निगम के आयुक्त श्री अमित कुमार और बिल्हा नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती जमाबाई कोसले सहित कई पार्षद और गणमान्य नागरिक भी कार्यक्रम में मौजूद थे। -
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अटल जी के सुशासन के सपने को साकार कर रही केंद्र और राज्य सरकार – श्री तोखन साहू
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने की घोषणा - अटल पथ के नाम से जाना जाएगा बिलासपुर का रिवर-व्यू रोड, चौक का नाम होगा अटल चौक
रायपुर. : देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी की 100वीं जयंती पर आज बिलासपुर में 50 लाख रुपए की लागत से बनने वाले अटल परिसर के निर्माण का भूमिपूजन किया गया। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव तथा केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने इसका भूमिपूजन किया। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बिलासपुर के रिवर-व्यू रोड का नामकरण अटल पथ और चौक का नाम अटल चौक करने की घोषणा की। विधायकगण सर्वश्री धरमलाल कौशिक, अमर अग्रवाल और सुशांत शुक्ला भी भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्रद्धेय श्री अटल बिहारी बाजपेयी के सपनों को साकार करने की दिशा में सरकार काम कर रही है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में अटल जी की भूमिका को याद करते हुए कहा कि उनके कारण ही एक नए प्रदेश के रूप में छत्तीसगढ़ को पहचान मिली।
केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने अटल जी की कविता का पाठ करते हुए उन्हें स्मरण किया और कहा कि सुशासन का जो सपना अटल जी ने देखा है, उसे पूरा करने की दिशा में केंद्र और प्रदेश सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने अटल जी के व्यक्तित्व और उनकी दूरदर्शिता को याद किया।
बिलासपुर के विधायक श्री अमर अग्रवाल ने कार्यक्रम में अटल जी के बिलासपुर प्रवास की स्मृति को साझा किया। उन्होंने कहा कि वे युग पुरूष और लोकप्रिय व्यक्तित्व थे। ऐसे अद्भुत राजनेता को आज पूरा देश स्मरण कर रहा है। उनके द्वारा देखे गए सपनों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग द्वारा चयनित 20 संविदा शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। बिलासपुर जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री अरुण चौहान, नगर निगम के कमिश्नर श्री अमित कुमार और जिला पंचायत के सीईओ श्री संदीप अग्रवाल सहित अनेक पार्षद, विभागीय अधिकारी-कर्मचारी और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे। -
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नवा रायपुर अटल नगर में आधुनिक सुविधा युक्त मेडिसिटी बनाने का प्रस्ताव
200 एकड़ में विकसित की जाएगी मेडिसिटी, सेक्टर 37 में भूमि का चिन्हांकन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास को लेकर दृढ़संकल्पित हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का प्रयास है कि नवा रायपुर अटल नगर में प्रदेश वासियों को एक ही स्थान पर उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों। इसी कड़ी में नवा रायपुर अटल नगर को स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं । इन्हीं में से एक प्रोजेक्ट है नवा रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मेडिसिटी की स्थापना करना। इसके लिए वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी के मार्गदर्शन में नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण ने अपनी तरफ से प्रयास करना शुरू कर दिया है।यह आधुनिकतम मेडिसिटी लगभग 200 एकड़ में विकसित की जाएगी।
इसके लिए प्राधिकरण द्वारा नवा रायपुर के सेक्टर 37 में भूमि का चिन्हांकन किया गया है। इस प्रोजेक्ट में निजी निवेश की सहायता से लगभग 5,000 बिस्तर क्षमता की स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास किया जाना प्रस्तावित है।राज्य शासन द्वारा इस परिकल्पित मेडिसिटी प्रोजेक्ट को भविष्य में प्रधानमंत्री मेडिसिटी योजना से जोड़े जाने की योजना प्रस्तावित है। मेडिसिटी की स्थापना के लिए हाल ही में केंद्र सरकार के उपक्रम इंफ्रांटेक सर्विसेस लिमिटेड के साथ नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण ने प्रारंभिक समन्वय बैठक की है । बैठक में मेडिसिटी परियोजना को साकार किये जाने हेतु महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई है।
यह सर्व सुविधायुक्त मेडिसिटी न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि निकटवर्ती राज्यों के नागरिकों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगी। उक्त मेडिसिटी में कई अग्रणी मल्टीस्पेसिलिटी अस्पताल, मेडिकल कालेज, छात्रावास, डायग्नोस्टिक्स सेंटर, धर्मशाला, होटल तथा वाणिज्यिक एकीकृत विकास करना प्रस्तावित है। इसके लिए स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन हेतु भी राज्य सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। नवा रायपुर अटल नगर में एयरपोर्ट के निकट इस मेडिसिटी के विकास से छत्तीसगढ़ को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में नई पहचान मिलेगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मरीज स्वस्थ होकर हुई हॉस्पिटल से डिस्चार्ज
ट्यूमर इतना वृहद कि मरीज दो महीनों से नहीं ले पा रही थी ठीक से सांस, ऑपरेशन के पहले रखना पड़ा वेंटीलेटर पर
मेडिकल भाषा में कहा जाता है मेडिस्टाइनल ट्यूमर
रायपुर : डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग ने 52 वर्षीय महिला के फेफड़े और हार्ट से चिपका लगभग पांच किलोग्राम वजनी मेडिस्टाइनल ट्यूमर को निकालकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सर्जरी इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि सर्जन की टीम इस कैंसरस ट्यूमर को सावधानीपूर्वक बाहर नहीं निकालती तो शरीर के वाइटल ऑर्गन हृदय और फेफड़े में चोट लगने का खतरा हो सकता था। अम्बेडकर अस्पताल के दक्ष सर्जन टीम की बदौलत इस जटिल सर्जरी के बाद मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गई।इस तरह की मुश्किल सर्जरी को सफलता पूर्वक संपन्न करने पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अंबेडकर अस्पताल प्रबंधन को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि बहुत जल्द ओपन हार्ट सर्जरी और कोरोनरी बायपास सर्जरी की सुविधा भी लोगों को मिलने लगेगी। अम्बेडकर अस्पताल के हार्ट, चेस्ट और वैस्कुलर सर्जरी विभाग में 52 वर्षीय महिला लेने में तकलीफ की शिकायत के साथ अम्बेडकर अस्पताल पहुंची। सीटी स्कैन एवं अन्य जांच कराने पर पता चला कि मरीज के छाती के अंदर और हार्ट से चिपका हुआ बहुत बड़ा ट्यूमर है।
मरीज की हालत इतनी खराब थी कि वह ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी इसलिए उसको हाईप्रेशर (बाईपेप) वेंटीलेटर में रखा गया। ट्यूमर इतना बड़ा था कि वह हार्ट को दबाकर दूसरे भाग में शिफ्ट कर दिया था एवं फेफड़े के साथ-साथ सांस नली भी दब गई थी। अन्य संस्थानों में मरीज को ऑपरेशन के लिए मना कर दिया गया था। योजना के अनुसार कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता एवं हार्ट और चेस्ट सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू की टीम के संयुक्त प्रयास से यह ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाल लिया गया।इस ऑपरेशन के दौरान हार्ट लंग मशीन को भी तैयार करके स्टेंड बाई मोड में रखा गया था क्योंकि यदि किसी कारण से हार्ट या पल्मोनरी आर्टरी में चोट लग जाती है तो मशीन से सपोर्ट मिल जाता। ट्यूमर लगभग पांच किलोग्राम का था। बाद में बायोप्सी करने पर पता चला कि यह मैलिग्नेंट ट्यूमर है जिसको सार्कोमा कहा जाता है जो कि बहुत भयावह ट्यूमर होता है। ठीक होने के बाद मरीज को कीमोथेरेपी के लिए कैंसर विभाग में भेज दिया गया।