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नई दिल्ली : विदेशी कंपनियों को चीन छोड़कर भारत आने के लिए लुभाने के मकसद से श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर चिंता जताई है। मजदूरों के अधिकारों की बात करने वाली वैश्विक संस्था ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष श्रमिकों को लेकर व्यक्त की गई प्रतिबद्धता का पालन करना चाहिए। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आईएलओ ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को श्रम कानूनों को बनाए रखना चाहिए। 10 मजदूर संगठनों की ओर से अंतरराष्ट्रीय संस्था के समक्ष शिकायत किए जाने के बाद यह पत्र लिखा गया है।
दरअसल कई बीजेपी शासित राज्यों ने पिछले दिनों श्रम कानूनों में बदलाव किया था। इसके अलावा कई राज्यों ने वर्कर्स के काम की शिफ्ट को 8 से बढ़ाकर 12 घंटे किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बीजेपी शासित राज्यों की ओर से ऐसा किए जाने का आरएसएस समर्थित संगठन भारतीय मजदूर संघ ने भी विरोध किया था। आईएलओ के सीनियर अधिकारी कारेन कर्टिस की ओर से मजदूर संगठनों को लिखे पत्र में कहा गया, ‘इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन के डायरेक्टर जनरल गाय राइडर ने इस मामले में दखल दिया है और पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की है कि केंद्र और राज्य सरकारें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखें।’
यही नहीं अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की ओर से 22 मई को लिखे गए पत्र में कहा गया कि यदि भारतीय प्राधिकरण की ओर से कोई जवाब या फिर टिप्पणी आती है तो उसके बारे में आपको जानकारी दी जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि भले ही भारतीय मजदूर संघ ने श्रम सुधारों का तीखा विरोध किया था, लेकिन इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन के समक्ष उसने विरोध नहीं किया। कांग्रेस समर्थित संगठन इंटक, लेफ्ट समर्थित संगठन CITU और AITUC एवं HMS, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF और UTUC जैसे संगठनों ने भी अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन को पत्र लिखकर अपील की थी कि श्रम कानूनों में बदलाव को रोका जाए। यही नहीं श्रम संगठनों ने पिछले दिनों एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन भी इसके खिलाफ किया था।
बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात ने पिछले दिनों ज्यादातर कानूनों को निलंबित करने का आदेश पारित किया था। हालांकि भारतीय मजदूर संघ समेत कई संगठनों ने तीखे विरोध के बाद यूपी और राजस्थान की सरकारों ने सिंगल शिफ्ट को 8 घंटे की बजाय 12 घंटे करने के प्रस्ताव को वापस ले लिया था।
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नई दिल्ली : उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी एक बार फिर से सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए है, लोग उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं। भाजपा सांसद मनोज तिवारी पर कोरोना वायरस लॉकडाउन तोड़ने का आरोप लगा है।
बता दें कि, एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना संक्रमण के चलते मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की सलाह दे रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी इसकी धज्जियां उड़ाते नजर आएं। दरअसल, लॉकडाउन और हरियाणा बॉर्डर सील होने के बावजूद मनोज तिवारी सोनीपत पहुंचे थे, जिसे कार्यक्रम में मनोज तिवारी शामिल हुए वहां सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ीं। यहां पर उन्होंने भी बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखे क्रिकेट खेला और गाना भी गुनगुनाया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मनोज तिवारी रविवार तो हरियाणा के सोनीपत पहुंचे थे। वहां वह एक क्रिकेट मैच के लिए गए थे। इस दौरान वहां काफी लोगों की भीड़ जमा हुई, जिसकी मनाही है। वीडियो में तिवारी वहां बिना मास्क लगाए दिखाई देते हैं। इसके साथ ही लोग भी वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे थे। वहां भीड़ के सामने मनोज तिवारी ने क्रिकेट खेला फिर लोगों के सामने बिना मास्क लगाए गाने भी गाए।
लोग सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं कि, जिस वक्त में हरियाणा सरकार ने बॉर्डर सील किया हुआ हैं तब मनोज तिवारी वहां कैसे पहुंचे। बता दें कि, पिछले दिनों दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ने के बाद हरियाणा ने दिल्ली से सटे बॉर्डरों को सील कर दिया था। -
नई दिल्ली : मोदी सरकार में मंत्री केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने लॉकडाउन का नियम तोड़ा है. दरअसल केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा दिल्ली से बेंगलुरू पहुंचे थे. नियमों के मुताबिक, उन्हें सात दिनों के सरकारी क्वारंटीन में जाना चाहिए था, लेकिन वह नहीं गए. इसको लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘’मैं एक मंत्री हूं और फार्माक्यूटिकल मंत्रालय को संभाल रहा हूं. मेरा फर्ज़ है ये सुनिश्चित करना कि देश के हर कोने में दवाइयों की पूरी सप्लाई हो.’’
उन्होंने आगे कहा, ‘’कुछ खास पदों पर काम कर रहे खास लोगों को क्वारंटाइन के दिशा निर्देशों से छूट दी गई है. जैसे अगर डॉक्टर,नर्स और जरूरी दवाओं की सप्लाई करने वालों को क्वारंटाइन कर दिया जाएगा तो क्या हम कोरोना को रोक पाएंगे.’’
बता दें कि कर्नाटक सरकार का नियम है कि दिल्ली, महाराष्ट्र, एमपी, राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु से आने वाले सभी लोगों को सात दिन के सरकारी क्वारंटीन में जाना अनिवार्य है और फार्मा सेक्टर को इस नियम से किसी भी तरह की छूट नहीं दी गई है. -
रायपुर : छत्तीसगढ़ में लाख की खेती को अब कृषि का दर्जा मिलेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लाख की खेती को फायदेमंद बनाने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा इस संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव को उपयुक्त और किसानों के लिए लाभकारी मानते हुए अपनी सहमति प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान करते हुए कृषि, वन और सहकारिता विभाग को समन्वय कर लाख और इसके जैसी अन्य लाभकारी उपज को कृषि में शामिल करने का प्रस्ताव मंत्रीपरिषद की अगली बैठक में रखने के निर्देश दिए है। प्रदेश में लाख की खेती को कृषि का दर्जा मिलने से लाख उत्पादन से जुड़े कृषकों को भी सहकारी समितियों से अन्य कृषकों की भांति सहजता से ऋण उपलब्ध हो सकेगा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में लाख की खेती की अपार संभावनाएं है। यहां के कृषकों के द्वारा कुसुम, पलाश और बेर के वृक्षों में परंपरागत रूप से लाख की खेती की जाती रही है। परंतु व्यवस्थित एवं आधुनिक तरीके से लाख की खेती न होने की वजह से कृषकों को लागत के एवज में अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है। वन विभाग ने लाख की खेती को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से इसे कृषि का दर्जा देने तथा कृषि सहकारी समितियों के माध्यम से अन्य कृषकों की तरह लाख की खेती करने वाले किसानों को भी ऋण उपलब्ध कराने का सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को प्रेषित प्रस्ताव को मान्य किए जाने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वन विभाग के इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति देने के साथ ही लाख उत्पादन एवं अन्य कोई ऐसी उपज जिसे कृषि की गतिविधियों में शामिल करना हो तो कृषि, वन एवं सहकारिता विभाग के साथ समन्वय कर प्रस्ताव मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। -
मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हर दिन मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच महाराष्ट्र के एक और कैबिनेट मंत्री का टेस्ट कोरोना पॉजिटिव आया है। उद्धव सरकार में मंत्री जितेंद्र अव्हाड़ के बाद अब अशोक चव्हाण कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि अभी उनके नाम की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वो 5 दिन पहले मुंबई से नादेड़ गए थे। फिलहाल उन्हें इलाज के लिए नादेड़ स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें नांदेड से मुंबई लाया जा रहा है।
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नई दिल्ली : हमेशा अपने बयानों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ छत्तीसगढ़ में एफआईआर दर्ज की गई है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में कांकेर जिला के यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पंकज वाधवानी ने तजिंदर बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। छत्तीसगढ़ यूथ कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा, “BJP प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी पर अपमानजनक टिप्पणी करने पर कांकेर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पंकज वाधवानी ने दर्ज कराई FIR। भाजपा के गैर संस्कारी नेताओं के लगातार बढ़ती अपमानक टिप्पणीयां बरदाश्त नही की जाएगी।”
वहीं, यूथ कांग्रेस ने अपने ट्वीट में लिखा, “BJP प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ छत्तीसगढ़ के कांकेर में FIR दर्ज। पूर्व PM स्व. राजीव गांधी जी पर लगातार अपमानजनक टिप्पणी कर सामाजिक सोहाद्र बिगाड़ने के प्रयास में कांकेर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पंकज वाधवानी ने दर्ज कराया मामला। नफरत के किसी वायरस को नही बख्शा जाएगा!” वहीं, कांकेर यूथ कांग्रेस ने जब बग्गा पर एफआईआर की जानकारी दी तो उन्होंने भी पलटवार किया है। साथ ही फिर से वहीं बात दोहराई है। बग्गा ने लिखा कि ‘दम है कितना दमन में तेरे, देख लिया है देखेंगे, जगह है कितनी जेल में तेरे, देख लिया है देखेंगे’।
बता दें कि, तजिंदर पाल सिंह बग्गा से पहले भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी पूर्व पीएम राजीव गांधी पर टिप्पणी की थी। साथ ही उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ भी अमर्यादित टिप्पणी की थी। संबित के खिलाफ भी रायपुर के सिविल लाइंस थाने में आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर आईपीएस की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है। संबित को छत्तीसगढ़ पुलिस ने नोटिस भी जारी किया था। -
नई दिल्ली : भारतीय हॉकी के दिग्गज बलबीर सिंह सीनियर का निधन हो गया. वह 96 साल के थे. दो सप्ताह से अधिक समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझने के बाद सोमवार को चंडीगढ़ के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. बलबीर सिंह की एक बेटी सुशबीर, तीन बेटों कंवलबीर, करनबीर और गुरबीर को हैं. फोर्टिस अस्पताल मोहाली के निदेशक अभिजीत सिंह ने कहा कि उन्हें 8 मई को यहां भर्ती कराया गया था. सोमवार सुबह लगभग 6:30 बजे उनका निधन हो गया. उनके नाती कबीर ने बाद में पुष्टि की, 'आज सुबह नानाजी का निधन हो गया.' बलबीर सिंह सीनियर ने लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलंपिक में भारत के स्वर्ण पदक जीतने में अहम भूमिका निभाई थी.
इस दुखद खबर पर बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार ने शोक जताया है. अक्षय ने ट्वीट कर लिखा, 'हॉकी लेजेंड बलबीर सिंह जी के निधन की खबर सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ है. मुझे अतीत में उनसे मिलने का मौका मिला था और इस बात के लिए मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं. वे बहुत बेहतरीन व्यक्तित्व वाले इंसान थे. उनके परिवार को मेरी दिल से संवेदनाएं.'
बता दें कि साल 2018 में आई फिल्म गोल्ड में अक्षय कुमार ने बलबीर सिंह का रोल निभाया था. ये कहानी 1948 के ओलिंपिक पर आधारित थी, जब बलबीर सिंह की कप्तानी में भारत ने अपना पहला हॉकी गोल्ड मेडल जीता था. इस फिल्म का निर्देशन रीमा कागती ने किया था और इसमें अक्षय के साथ मौनी रॉय, अमित साध, विनीत कुमार सिंह और सनी कौशल थे.
बलबीर सिंह 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में भारतीय दल की अगुवाई की और ध्वजवाहक बने. भारत ने हेलसिंकी ओलंपिक में कुल 13 गोल किए, जिसमें से 9 अकेले बलबीर की स्टिक से निकले. इसमें ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ हैट्रिक भी शामिल थी. उन्होंने फाइनल में नीदरलैंड्स के खिलाफ 5 गोल किए. जो अब तक ओलंपिक फील्ड हॉकी फाइनल में एक रिकॉर्ड है. भारत ने मुकाबला 6-1 से जीता था.
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दिल्ली : देश में घरेलू विमान सेवाओं को आज से शुरू कर दिया गया है. कई मुसाफिरों के लिए यह राहत की खबर है, लेकिन मुसाफिरों को आज पहले दिन ही निराश होना पड़ा. आधी रात को ही कई मुसाफिर दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे, लेकिन वहां उन्हें आखिरी वक्त में उड़ान कैंसिल होने की जानकारी मिली.
घरेलू हवाई सफर के पहले दिन कई मुसाफिरों के रंग में भंग पड़ गया. कई फ्लाइट कैंसिल हो गईं. दिल्ली से पोर्ट ब्लेअर, कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई, इंदौर की सुबह की फ्लाइट कैंसिल हो गई. उधर, मुंबई में भी ऐसा ही आलम था. गुवाहाटी की फ्लाइट कैंसिल होने की सूचना हुई तो यात्री मायूस हो उठे.
दिल्ली एयरपोर्ट पर 82 उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 190 टेक आफ और 190 लैंडिंग का अनुमान जताया था, लेकिन अब 118 विमानें लैंडिंग और 125 टेक आफ करेंगी. 82 विमानों को रद्द कर दिया गया है. कैंसिलेशन के पीछे राज्यों की ओर से कम विमानों की आवाजाही की इजाजत वजह बताई जा रही है. -
शासकीय व अर्ध शासकीय कार्यालयों में शहीदों को दो मिनट का मौन धारण कर दी जाएगी श्रद्धांजलि और राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने का लेंगे शपथ
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाने के संबंध में जारी किये निर्देशरायपुर :छत्तीसगढ़ में हर वर्ष 25 मई को ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में आज अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सल हिंसा के शिकार हुए प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं, सुरक्षा बलों के जवानों और विगत वर्षो में नक्सल हिंसा के शिकार हुए सभी लोगों की स्मृति में 25 मई को प्रतिवर्ष ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ के रूप में मनाया जाए। प्रदेश के सभी शासकीय एवं अर्ध शासकीय कार्यालयों में 25 मई को शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी जाए तथा यह शपथ ली जाए कि राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए हम सब संकल्पित रहेंगे। -
हेमेन्द्र क्षीरसागर पत्रकार, लेखक व विचारक
दरअसल, बड़ी सहज सी बात है सकारात्मक और नकारात्मक दो पहलु जीवन के अहम हिस्से है। सकारात्मकता से बड़े से बड़े दुख हर लिए जाते है वहीं नकारात्मकता से छोटे से छोटे सुख भी बैर बन जाते है। यह सब अपनी-अपनी सोच पर निर्भर करता है कि हम किसका, कैसा सामना करते है। लाजमी है सभी चाहते है उनके साथ हरदम सकारात्मक परिस्थिति ही बनी रही है। नाकारत्मकता तो आसपास भी कदापि ना भटके। लेकिन सकारात्मक और नकारात्मकता का प्रभाव कभी-कभी मनवांछित भी लगता है। यह सब हमें कोरोना नामक चीनी विषाणु ने भलीभांति समझा दिया। सम्यक ही देखिए कोरोना संदिग्धों की जांच रिर्पोट नकारात्मक आने का बेसब्री से इंतजार रहता है, नाकि सकारात्मक होने का। इतर सकारात्मक रिर्पोट आने पर पीड़ित से सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से शारीरिक दूरी बरतना, मुखपट्टी बांधकर वार्तालाप, खानपान व दवाई इत्यादि देना समेत अन्य जिम्मेदारियों को निभा रहे है। इस आशा में कि कब सकारात्मक रिर्पोट नकारात्मक आए। किंतु सकारात्मक विषाणु संक्रमण के प्रति नकारात्मक का भाव रखते है। इससे बचने के अनेकों जुगत करते है ताकि यह हमसे और हम इससे कोसों दूर ही रहे क्योंकि इसमें हम सबकी भलाई निहित है। इसीलिए नकारात्मक समय में सकारात्मक सोच बनाए रखने की निहायत जरूरत है। मसलन नकारात्मक सोच समस्या को जन्म देती है, और सकारात्मक सोच समाधान को। हमने सुनना सीख लिया तो सहना सीख जाएंगे और सहना सीख लिया तो रहना सीख जाएंगे।गौरतलब रहे कि हर कोई समस्या, समाधान लेकर आती है ऐसा ही कुछ हमें कोरोना महामारी में देखने को मिला। जहां ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था और चिकित्सकीय सुविधाएं वाले देश कोरोना के संक्रमण के आगे धराशाई हो गए। वहां हमारा भारत देशी चिकित्सक, नमस्कार, 2 गज की दूरी, जड़ी बूटियों के चूर्ण, काडे और योगा-प्राणायाम के सहारे चीनी वायरस को अभी तक कुचलने में कामयाब रहा है। ये हमारे संयम, संकल्प और सकारात्मक पहलु का परिचायक ही तो है कि हमनें अल्प संसाधनों में मर्ज का मर्म ढूंढ लिया। लागू तालाबंदी में रचनात्मक सोच के साथ घरों में सह परिवार रहना सीख लिया। मुखपट्टी बांधना और स्वच्छता के सबक को जीवनशैली बनाया। कम और घरेलू सामग्री में गुजर-बसर करने की आदत बनी। विदेशी के बजाय स्वदेशी पर भरोसा होने लगा क्योंकि विपत्ति काल में घर और गांव की चीजों ने पूरी की। अपने और अपनों की कीमत समझ में आ गई। घर में रहकर, शारीरिक दूरियां बरतकर काम करने का जरिया मुक्मल सामने आया। घरेलु कामों में मन, बागवानी और घर का खाना लजिज लगा। महिलाओं की कदर व उनके घर गृहस्थी के काम महत्वपूर्ण लगे।बीमारी से नफरत और बीमार से प्यार हुआ। जितनी चादर उतना पैर पसारने की बात तालाबंदी में जुगलबंदी बनी। पुराने खेल और खिलौने से बच्चों का मन बहलने लगे। दादी-नानी की कहानी खिस्सें घर-घर में गुंजे। दूरदर्शन पर रामायण, महाभारत, श्रीकृष्णा, विष्णु पुराण, शक्तिमान और बुनियाद के सजीव चित्रण रमने लगे। हवन, अनुष्ठान की शुद्धता कोरोना का मारक अस्त्र कहलाई। चिकित्सकों का ईश्वरी रूप दिखाई दिया। तालाबंदी का पालन करवाने वाले योद्धाओं के प्रति दिल में सम्मान बड़ा। स्वयं सेवियों, दानदाताओं, स्वच्छताग्राहियों और श्रमवीरों ने दिल खोलकर मदद के हाथ बढ़ाए। सरकारी मोहकमों ने बखुबी जिम्मेदारी निभाई। खासतौर पर पुलिस के समर्पण को देखते हुए नजरिया ही बदल गया कि यह भी हमारे सजग मानवीय प्रहरी हैं। तालाबंदी की पाबंदी बेपरवाह जीवन की बंदिश बन गई। स्वावलंबन, जन, जल, जंगल, जमीन और पशुधन मन को भाये। गुरुकुल का अनुशासन और मेरा गांव, मेरा देश याद आने लगा। तभी नगर, महानगर, प्रदेश, देश क्यां परदेश से भी वापसी में देर नहीं लगी। मेरे गांव, मेरे देश पर विश्वास जता, माटी की महक ने सारे दुख हर लिए। जितना है उतने में कोरोना संक्रमण पर आक्रमण की तैयारी कर ली। चाहे कुछ हो जाए अब मेरा घर, मेरा गांव, मेरा देश मेरे लिए बहुत कुछ है। दृढ़निश्चय रहा तो निसंदेह एक दिन अपनी काबिलयत से प्रवासियों को स्थायी रहवासी बनते देर नहीं लगेगी। आखिर! मेरे देश की धरती उपजे अन्न, उगले सोना, हीरा, मोती इस बात का द्योतक बनेंगे परिश्रमी। -
नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन में भारतीय रेलवे अधिक से अधिक ट्रेनें चलाने की योजन बना रही है। शनिवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि अगले 10 दिनों के लिए लगभग 2600 ट्रेनें निर्धारित की गई हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि हमें किसी भी राज्य सरकार को आवश्यकता होती है, तो हम राज्य के भीतर ट्रेनें चलाने के लिए भी तैयार हैं। बता दें कि देशव्यापी लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई, 2020 को समाप्त हो रहा है और 1 जून से रेलवे रोजाना 200 नॉन ऐसी ट्रेनों के संचलन का ऐलान किया है।
लॉकडाउन के बीच ट्रेनों के संचलन को लेकर शनिवार को भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया किउत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए 80% ट्रेन चलाई गई हैं। उन्होंने आगे कहा, 1 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई। सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। ट्रेनों और स्टेशनों में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
इंडियन रेलवे ने लॉकडाउन के बाद से ट्रेनों के संचालन पर योजना बना ली है। विनोद कुमार यादव ने बताया कि फिलहाल चलाई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों का रूट कुछ इस प्रकार होगा। आंध्र प्रदेश से असम, दिल्ली से गुजरात, गोआ से जम्मू-कश्मीर, गुजरात से कर्नाटक, हरियाणा से झारखंड, जम्मू-कश्मीर से केरल, कर्नाटक से मणिपुर, केरल से ओडिशा, मध्य प्रदेश से राजस्थान के बीच संचालन होगा।
इसके अलावा ये स्पेशल ट्रेनें महाराष्ट्र से तमिलनाडु, पंजाब से उत्तराखंड, राजस्तान से त्रिपुरा, तमिलनाडु से उत्तर प्रदेश, तेलंगाना से पश्चिम बंगाल के बीच चलाई जाएंगी। विनोद कुमार यादव ने बताया कि बिहार और झारखंड के अंदर भी ट्रेनों का संचालन हो सकता है साथ ही त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी राज्यों के भीतर ट्रेनों का संचालन जल्द शुरू किया जा सकता है। -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागरिक उड्यन मंत्रालय द्वारा 25 मई से घरेलू उड़ान प्रारंभ करने के निर्णय के संबंध में नागरिक उड्यन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा है। श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि घरेलू उड़ान शुरू करने से संक्रमण फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 महामारी के रोकथाम तथा संक्रमण से बचाव की दृष्टि से नागरिक उड्यन मंत्रालय को प्रभावी उपायों एवं दिशा निर्देशों अंतर्गत ही उड़ान संचालन प्रारंभ करना चाहिए। राज्यों को प्रत्येक उड़ान की जानकारी और यात्रियों का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाना चाहिए। हवाई यात्रा करने वालों को 14 दिन कोरेन्टाईन केवल राज्य सरकार द्वारा संचालित एवं पेड कोरेन्टाईन पर रहना अनिवार्य किया जाए और टिकिट बुक करते समय ही इसकी जानकारी यात्रियों को दी जाए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री पुरी को पत्र में लिखा है कि विभिन्न प्रिंट, इलेक्ट्रानिक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया है कि आपके द्वारा 25 मई 2020 से घरेलू उड़ान प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। यह भी जानकारी दी गई है कि नागरिक उड्यन मंत्रालय द्वारा यात्रियों के आवागमन के लिए पृथक से स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर भी जारी नहीं किया गया है।
सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अंतर्गत 18 मई 2020 से प्रारंभ लाॅकडाउन फेज-4 कि अवधि में उड़नों को प्रतिबंधित किया गया है। विगत कुछ दिनों से देश में कोविड-19 से संक्रमितों की संख्या में तेजी देखी गई है। ऐसी स्थिति में उड़ान शुरू करने से संक्रमण फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। कोविड-19 महामारी के रोकथाम तथा संक्रमण से बचाव की दृष्टि से नागरिक उड्यन मंत्रालय को प्रभावी उपायों एवं दिशा निर्देशों के अंतर्गत ही उड़ान संचालन प्रारंभ करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय राज्य मंत्री से अनुरोध किया है कि राज्यों को प्रत्येक उड़ानों की जानकारी उपलब्ध करायी जाए, जिसमें उस राज्य में आने वाले यात्रियों का विस्तृत विवरण सम्मिलित हो। हवाई यात्रा करने वाले सभी यात्रियों की 14 दिन कोरेन्टाईन (केवल राज्य सरकार द्वारा संचालित एवं पेड कोरेन्टाईन) पर रहने को अनिवार्य किया जावे। कोरेन्टाईन संबंधी शर्त एवं अनिवार्यता की जानकारी यात्रियों को टिकिट बुक करने के समय ही प्रदान की जाए ताकि वे नियमों से भलीभांति परिचित रहें। उपरोक्तानुसार प्रभावी दिशा निर्देशों के तहत उड़ान प्रारंभ करने से राज्य सरकारों को कोविड-19 महमारी के नियंत्रण एवं बचाव के संबंध में आवश्यक कार्यवाही किये जाने में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने पत्र में उम्मीद जताई है कि उपरोक्त सुझावों पर गंभीरता से विचार करते हुए सख्त एवं प्रभावी गाईड लाईन के साथ घरेलू उड़ान संचालन की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। -
नई दिल्ली : एक वीडयो वायरल हुआ है जिसमे दाती महाराज नियमों को ताक पर रखकर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते नजर आए। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लोग सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए मंदिर में एकत्रित होकर पूजा कर रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद दक्षिणी जिले के डीएम ने पुलिस को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दाती महाराज पर लॉकडाउन में नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगा है। वीडियो में नजर आ रहा है कि लोगों ने ना मास्क लगाया हुआ है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस मामले को लेकर दाती महाराज के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। उन पर आरोप है कि महरौली में शुक्रवार को शनि धाम मंदिर खोला गया था और इस दौरान कोई लोग वहां मौजूद थे। जिलाधिकारी ने भी जांच के आदेश दिए हैं और मामले पर नजर रखने को कहा है।
बता दें कि इससे पहले भी दाती महाराज उर्फ दाती मदन लाल राजस्थानी सुर्खियों में रहे हैं। उनपर दो नाबालिग लड़कियों संग दुष्कर्म का आरोप है। इसी साल मार्च में दिल्ली हाईकोर्ट ने दाती महाराज और अन्य को बलात्कार के एक मामले में अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करने वाली सीबीआई याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।
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मीडिया रिपोर्ट
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों से राज्य लौट रहे लोगों को अनिवार्य रूप से आइसोलेशन में रहना होगा और ऐसा नहीं करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाएगा. सिंह ने कहा कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले लोगों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत सजा दी जाएगी. उन्होंने शुक्रवार को रिपोर्ट्स को बताया, ‘‘यह बहुत गंभीर मामला है. लौट रहे जो लोग प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और जेल भेज दिया जाएगा.’’
जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई, तो होगा होम क्वारंटीन
उन्होंने कहा कि विदेशों और देश के अन्य राज्यों से लौट रहे जो लोग जांच रिपोर्ट आने के बाद संक्रमित नहीं पाए जाएंगे, उन्हें उनके घर में क्वारंटीन में रहने की अनुमति दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकता इस बीमारी को सामुदायिक स्तर पर फैलने से रोकना है.’’ उन्होंने कहा कि जिन लोगों के लिए घर में आइसोलेशन में रहना संभव नहीं है, उन्हें आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा.
सिंह ने लोगों से अपील की कि वे राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या में हाल में बढ़ोतरी से घबराए नहीं. राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित 24 लोगों का इस समय इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हालात काबू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकारी आरआईएमएस और जेएनआईएमस अस्पतालों की प्रयोगशालाओं में हर रोज 200 से 300 सैंपल की जांच की जा रही है और रोजाना 700 से 800 सैंपल इकट्ठा किए जा रहे हैं. -
नई दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी के बीच दिल्ली में प्रवासी मजदूरों के साथ अमानवीय बर्ताव की घटना सामने आई है. साउथ दिल्ली के एक स्कूल के बार कोरोनावायरस की जांच कराने के लिए इंतजार कर रहे प्रवासी मज़दूरों पर कीटाणुनाशक छिड़कने का मामला सामने आया है. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने सफाई देते हुए कहा कि यह गलती से हुआ है क्योंकि कर्मचारी स्पै मशीन के प्रेशर को संभाल नहीं पाया. जिस वजह से केमिकल के छिड़काव की दिशा बदल गई. नगर निगम ने अपने बयान में कहा कि एसडीएमसी के अधिकारियों ने प्रवासी मज़दूरों से "माफी" मांगी है. दरअसल, सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए श्रमिक ट्रेन में बैठने से पहले लाजपत नगर के एक स्कूल में स्क्रीनिंग कराने के लिए एकत्र हुए थे.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर हुआ. जिसके बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की जमकर आलोचना हुई. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सैनटाइजेशन के काम में जुटा एक कर्मचारी कुछ लोगों पर कीटाणुनाशक का छिड़काव कर देता है. एसडीएमसी ने कहा, "यह स्कूल के रिहायशी कालोनी में है. इस क्षेत्र के लोगों की सड़कों और परिसरों में छिड़काव करने की मांग बहुत ज्यादा रहती है. जेट मशीन का प्रेशर काफी ज्यादा होने की वजह से कर्मचारी कुछ समय के लिए उसे नहीं संभाल पाया. कर्मचारियों को काम के दौरान ज्यादा सतर्क रहने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने आम लोगों से माफी मांगी है."
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रायपुर : भूपेश सरकार के न्याय योजना का फायदा किसानों के साथ साथ राज्य के दिग्गज बीजेपी नेताओं को भी मिला है प्रदेश कांग्रेस ने एक सूची जारी करते हुए 15 बीजेपी नेताओं के नाम जारी किया है जिसे इस न्याय योजना से लाभ मिला है इस सूची के अनुसार न्याय योजना के अंतर्गत पूर्व सीएम रमन सिंह को 26 हज़ार 612 रु मिले हैं । पूर्व सांसद अभिषेक सिंह को 24 हज़ार 94 रु की राशि मिली है । वहीं पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर को 16 हज़ार 902 रु मिले हैं । पूर्व मंत्री दयालदास बघेल को 48 हज़ार 520 रु, पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहले को 56 हज़ार 15 रु की धान एमएसपी अंतर की राशि हस्तांतरित की गई है ।
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रायपुर : किसानों के हितों की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए राज्य के विभिन्न अंचलों के किसान प्रतिनिधि एवं कृषणगण कल मुख्यमंत्री निवास कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया। किसान प्रतिनिधियों एवं किसानों ने इस मौके पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की सराहना की और कहा कि इस योजना को शुरू कर प्रदेश सरकार ने न सिर्फ किसानों के हितों की रक्षा की है, बल्कि प्रदेश सरकार ने किसानों से किए अपने वायदे को निभाया है। किसानों ने प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की बेहतरी हेतु लिए गए फैसले और राज्य में खेती-किसानी को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। किसानों ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार को सदैव सहयोग एवं अपना समर्थन का संकल्प दोहराया। इस मौके पर किसान प्रतिनिधियों एवं किसानों ने कोरोना संकट के काल में छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा में जुटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का साथ देने के लिए अपनी ओर से मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए दान राशि का चेक भेंट किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न अचंलों से आए किसान प्रतिनिधियों एवं किसानों का आभार जताते हुए कहा कि राज्य के किसानों, गरीबों एवं मजदूरों की बेहतरी के काम में किसी भी तरह की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट का मामला हो या किसानों और गरीबों की मदद का सरकार पूरी तत्परता एवं पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के शुरूआती चरण में राज्य में धान, मक्का और गन्ना उत्पादक कृषकों को 5750 करोड़ रूपए की राशि मिलेगी। इसमें अगले चरण में भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी शामिल किया जाएगा। आगामी वर्ष से इस योजना में दलहन-तिलहन की खेती करने वाले किसानों को भी लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के कारण आर्थिक संकट के बावजूद भी इस योजना के प्रथम किस्त की राशि किसानों को इसलिए दी गई ताकि किसान भाईयों को खरीफ की खेती के लिए मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि श्री राहुल गांधी ने गरीबों और किसानों की बेहतरी के लिए न्याय योजना की अवधारणा को अमल में लाने की बात कही थी। छत्तीसगढ़ राज्य देश का पहला राज्य है, जिसने न्याय योजना को मूर्त रूप दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार और देश की अन्य राज्य सरकारें कोरोना संकट के चलते कई कामों एवं वेतन में कटौती कर रहीं हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के हितों पर आंच नहीं आने दी है, हमने अपने कर्मचारियों के वेतन में किसी भी तरह की कटौती नहीं की है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में छत्तीसगढ़ राज्य में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हर गांव में बड़े पैमाने पर रोजगारमूलक कार्य संचालित किए जा रहे है, जिसके जरिए गांवों में 23 लाख लोगों को रोजाना काम मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में 90 प्रतिशत लघु वनोपज की वाजिब मूल्य पर खरीदी कर संग्राहकों के हितों का संरक्षण किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के 13 लाख संग्राहक परिवारों को तेंदूपत्ता एवं लघु वनोपज संग्रहण के जरिए 2500 करोड़ रूपए मिलेगा। उन्होंने कहा कि संकट के समय में सरकार समाज के सभी वर्ग के साथ मजबूती से खड़ी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर कोरोना संक्रमण और उसके चलते लॉकडाउन तथा प्रवासी मजदूरों की स्थिति का भी विस्तार से उल्लेख किया और कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग सवा लाख श्रमिकों की वापसी हुई है। उन्होंने इस मौके पर गांवों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए की गई व्यवस्था को बनाए रखने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी से हमें गांव और शहर को बचाना है। सर्तकता और सुरक्षा से ही इसका बचाव संभव है।
इस अवसर पर उपस्थित विधायक श्री मोहन मरकाम ने कहा कि श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों की हितैषी सरकार है। उन्होंने कहा कि किसानों और गरीबों की मदद और उनकी बेहतरी के कामों को लेकर प्रदेश सरकार देश में रोल मॉडल बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने वायदे को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था किसानों पर आधारित है। प्रदेश सरकार किसानों और गरीबों को मदद पहुंचाकर छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में जुटी है। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी नीतियों के चलते ही आज प्रदेश में खेती-किसानी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। किसानों की पंजीयन संख्या में 2 लाख की बढ़ोत्तरी इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण जहां अन्य सरकारें कटौती कर रही हैं वहीं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लगातार किसानों की मदद कर रहे हैं। पूर्व विधायक श्री बैजनाथ चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉ. खूबचंद बघेल और स्वर्गीय श्री चंदूलाल चंद्राकर की परिकल्पना को साकार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों के चलते आज लोग खेती-किसानी में रूचि लेने लगे हैं। उन्होंने न्याय योजना के लिए बिलासपुर के किसानों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार जताया।
बलौदाबाजार के कृषक रामविलास साहू, राजनांदगांव के श्री मुरली वर्मा, रायपुर के प्रमोद अग्रवाल, राजनांदगांव के कृषक कमलू निषाद, कवर्धा के महेश चंद्रवंशी, खरोरा के कृषक डॉ. महेन्द्र देवांगन, कुरूद के कृषक शिरीष साहू, महासमुंद के महेन्द्र चन्द्राकार ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के दुख दर्द को समझती है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरोना संकट की कठिन परिस्थिति में किसानों की मदद की है। उन्होंने अपनी ओर से मुख्यमंत्री सहायता कोष में सहायता राशि का चेक भी मुख्यमंत्री को भेंट किया। इस मौके पर श्रीमती तुलसी साहू ने विभिन्न संगठनों एवं दानदाताओं की ओर से संकलित 5 लाख 56 हजार 400 रूपए, खरोरा के कृषक महेन्द्र देवांगन ने 25 हजार रूपए, प्रमोद अग्रवाल ने 21 हजार रूपए, बलराम नशीने ने 3100 रूपए, हरीश चंद वर्मा, अजय वर्मा, इसराइल खान, शेषनारायण बघेल ने 5100-5100 रूपए, वीरनारायण देवांगन ने एक हजार रूपए, होमदत्त वर्मा, मुरलीराम वर्मा एवं कृषक बाबूलाल वर्मा ने 11-11 हजार रूपए का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए प्रदान किया। कबीरधाम जिले के सहकारी समिति सांरगपुरकला एवं मड़मड़ा के किसानों ने प्रति क्विंटल धान के मान से 50 रूपए की सहायता राशि का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए प्रदान किया। -
प्रयागराज। प्रवासी मजदूरों को लेकर राजस्थान से पश्चिम बंगाल जा रही बस उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हादसे का शिकार हो गई। सवारनवाब गंज के शहावपुर के पास बस चालक को झपकी आ गई और बस हाईवे से 15 फुट नीचे पलट गई। इस हादसे में करीब 15-20 मजदूर घायल हुए हैं। बस में फंसे मजदूरों की चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और दरवाजे व खिड़कियों को तोड़कर किसी तरह उन्हें बाहर निकाला। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना दी गई जिसके बाद घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ मजदूरों की हालत नाजुक बताई जा रही है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बस जयपुर से पश्चिम बंगाल जा रही थी। बस में करीब 30 प्रवासी श्रमिक सवार थे। रात लगभग 9 बजे बस चालक को झपकी आ गई और बस हाईवे पर रेलिंग को तोड़कर सर्विस लेन के आगे 15 फुट गड्ढे में जा गिरी। उन्होंने बताया कि हादसे में करीब 20 मजदूर घायल हुए हैं जिनमें से तीन की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। गंभीर रूप से घायल लोगों को सरकारी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है, जबकि मामूली रूप से घायल लोगों का प्राथमिक उपचार कर दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि हादसे के बाद से बस का चालक फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। आपको बता दें कि इन दिनों मजदूरों के संग हादसे की खबरें अकसर आ रही हैं।