कांग्रेस की घोषणा- देश में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को ऐलान किया कि देशभर में फंसे मजदूरों के घर वापस जाने के लिए रेलयात्रा का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी. कांग्रेस ने ट्वीट करते हुए लिखा है, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे जरूरी कदम उठाएगी.' पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान ट्वीट किया गया है.
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उत्तर प्रदेश के निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अमन मणि त्रिपाठी के अलावा 12 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। इन भी को उत्तराखंड के ऋषिकेश से गिरफ्तार किया गया है। सभी पर लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप है। हालांकि गिरफ्तारी के बाद इन सभी को जमानत भी मिल गई है। गिरफ्तारी के 2 घंटे बाद निजी मुचलके पर वो छूट गए।
अमन मणि त्रिपाठी पर आरोप है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मृत पिता के नाम पर फर्जीवाड़ा किया और अपना पास बनवाया। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि अमन मणि त्रिपाठी ने सीएम के पिता के निधन के बाद होने वाले क्रिया-कलापों के नाम पर अपना पास बनवाया और इसी पास की बदौलत वो अपने समर्थकों के साथ बद्रीनाथ घूमने निकल गए।
अमन मणि त्रिपाठी को बद्रीनाथ, केदारनाथ जाने की इजाजत दी गई थी। हालांकि रास्ते में चमोली के एसडीएम वैभव गुप्ता ने उन्हें वापस भेज दिया। लौटते वक्त ऋषिकेश में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। एसडीएम ने बताया था कि अमन मणि त्रिपाठी तीन गाड़ियां लेकर अमरनाथ जा रहे थे। -
नई दिल्ली : केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन विज्ञान एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) से संबद्ध जीसीसी बायोटेक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी पैदा करने वाले वायरस सार्स-कोव-2 के आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) की जांच करने वाली किट तैयार की है।
कंपनी के प्रवक्ता एवं अनुसंधान एवं विकास विभाग प्रमुख डॉ अविजीत घोष (अनुसंधान एवं विकास विभाग के प्रमुख) ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किट का नाम डीआईएजीस्योर एन कोव-19 रखा गया है। इस किट को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से मंजूरी भी मिल गई है। यह किट संभवत: देश में कोविड-19 की जांच के लिए सबसे सस्ती किट है। इसकी कीमत 500 रुपये है। इसमें 90 मिनट के दौरान वायरस की जांच करने की क्षमता है। इस किट की गुणवत्ता भी काफी बेहतर है।
इस किट के विकास से देश में जांच की रफ्तार में तेजी लाने में काफी मदद मिलेगी। यह किट विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र (सीडीसी) की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक तैयार की गई है। डॉ घोष ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पाबंदी लागू होने के कारण कोविड-19 जांच किटों का आयात करना काफी मुश्किल हो गया है। इसके अलावा विदेशों किटों की जांच रिपोर्ट में भी गड़बड़ी पाई जा रही है। इन सभी को देखते हुए देश में ही जांच किट विकसित करने की जरुरत बढ़ गई थी जिससे कोरोना की जांच में तेजी लाई जा सके।
इस किट को युवा भारतीय वैज्ञानिकों की एक टीम ने दो महीने के कठोर परिश्रम के बाद तैयार किया है। उन्होंने बताया कि कंपनी की एक महीने में करीब एक करोड़ जांच किट तैयार करने की क्षमता है। -
रायपुर: आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ऐलान किया कि देशभर में फंसे मजदूरों के घर वापस जाने के लिए रेलयात्रा का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी. इस घोषणा के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा की यह घोषणा मानव-सेवा की कांग्रेसी विचारधारा और परंपरा को रेखांकित करती है मज़दूरों के लौटने का खर्च कांग्रेस पार्टी द्वारा वहन करने की घोषणा माननीय अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ने की है।
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गुना जिला के देवीपुरा गांव में सहारिया आदिवासी परिवार को कथित तौर पर एक स्कूल के टॉयलेट में क्वारनटीन पर रखा गया. आरोप है कि राजगढ़ जिले से लौटे इस परिवार के साथ ऐसा किया गया. टॉयलेट में खाने की थाली के साथ परिवार के मुखिया भैया लाल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को लेकर बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने ट्वीट में कहा, "यह गुना की एक तस्वीर है, जहां एक परिवार को टॉयलेट में क्वारनटीन पर रखा गया है. जो लोग हर किसी मुद्दे पर सड़कों पर उतरने की धमकी देते थे, वो लोगों की नजरों से उतर गए हैं.”
सिंधिया ने इसी साल मार्च में कांग्रेस के हाथ को छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था. उसी के बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार गिर गई और बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान फिर राज्य के मुख्यमंत्री बने. सिंधिया 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार केपी यादव से हारने से पहले संसद में गुना लोकसभा सीट का ही प्रतिनिधित्व करते थे.
आरोप है कि भैया लाल सहारिया, अपनी पत्नी भूरी बाई और दो बेटों के साथ शुक्रवार शाम को अपने गांव देवीपुरा लौटे थे. ग्रामीणों ने उन्हें तब तक गांव में घुसने देने से इनकार कर दिया जब तक कि इस पूरे परिवार का कोरोनावायरस टेस्ट नहीं हो जाता. स्थानीय प्रशासन के अनुसार परिवार को रात प्राइमरी स्कूल में बिताने के लिए कहा गया. रविवार की सुबह स्वास्थ्य और जिला प्रशासन के अधिकारियों की एक टीम स्कूल पहुंची. इस टीम ने भैया लाल सहरिया को टॉयलेट के अंदर खाने की थाली के साथ देखा. टीम के एक सदस्य ने तस्वीर खींच कर स्वास्थ्य विभाग के निगरानी अधिकारियों को भेज दी. वही तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.
जिला प्रशासन ने अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि ग्रामीणों की ओर से गांव में प्रवेश से इनकार करने के बाद परिवार को एक स्कूल में रहने के लिए कहा गया था. प्रशासन की ओर से जारी बयान के मुताबिक “भैया लाल सहारिया ने स्कूल में शराब पीने के बाद अपनी पत्नी से झगड़ा किया था और अपनी खाने की थाली लेकर टॉयलेट में चला गया. उसी वक्त अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और तस्वीर क्लिक की. स्कूल परिसर के अंदर परिवार के लिए उचित व्यवस्था की गई है और वो टॉयलेट के अंदर नहीं रह रहा है.”
साभार : aajtak -
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री जन धन योजना की 20 करोड़ महिला खाताधारकों के अकाउंट्स में आज से 500 रुपये की दूसरी किस्त आनी शुरू हो गई है। कोरोना के संकट से निपटने के लिए हुए लॉकडाउन के चलते गरीब तबके की आर्थिक परेशानियों को देखते हुए सरकार ने तीन महीने तक जन धन योजना की महिला खाताधारकों के अकाउंट में 500 रुपये जमा करने का फैसला लिया है। यह रकम अप्रैल से लेकर जून तक आनी है। पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत सोमवार से महिलाओं के खातों में दूसरी किस्त ट्रांसफर की जाने लगी है। इस बीच वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देबाशीष पांडा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अकाउंट में जमा हुई राशि को कब निकाला जा सकता है।
पांडा ने ट्वीट किया कि महिलाओं के खाते में 500 रुपये की रकम भेजी जा रही है। यह रकम पूरी तरह से सेफ है। बैंकों में भीड़ से बचने के लिए सरकार की ओर से रकम निकालने के लिए टाइमलाइन जारी की गई है। बैंकों से यह रकम निकालने के लिए खातों की आखिरी संख्या के आधार पर टाइमिंग तय की गई है। शून्य और 1 से समाप्त होने वाले बैंक खातों से 4 मई से पैसा निकाला जा सकता है। इसी तरह 2 और 3 नंबर से शुरू होने वाले बैंक खातों से 5 मई को रकम निकाल सकते हैं। यही नहीं 4 और 5 नंबर से समाप्त होने वाले जन धन खातों से 6 मई से रकम निकाल सकते हैं।
वित्तीय सेवा विभाग के सचिव ने बताया कि 6 और 7 नंबर से खत्म होने वाले बैंक खातों से 8 मई को रकम निकाल सकते हैं। ऐसी महिलाएं जिनके बैंक खाते के आखिरी नंबर 8 और 9 हैं, वे 11 मई को रकम निकाल सकती हैं। यही नहीं जो महिलाएं इस टाइमलाइन के तहत कैश नहीं निकालना चाहती हैं, वे 11 मई के बाद कभी भी रकम निकाल सकती हैं। -
नई दिल्ली : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी बंद के दौरान मौत के 300 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं जो कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े नहीं हैं बल्कि इससे जुड़ी समस्याओं से घबरा कर लोगों ने या तो आत्महत्याएं की हैं या उनकी मौत हो गई है। शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में यह खुलासा किया है।
शोधकर्ताओं का एक समूह नए आंकडों को जोड़ कर इस निष्कर्ष पर पहुंचा है। इस समूह में पब्लिक इंटरेस्ट टेक्नोलॉजिस्ट तेजेश जीएन, सामाजिक कार्यकर्ता कनिका शर्मा और जिंदल ग्लोबल स्कूल ऑफ लॉ में सहायक प्रोफेसर अमन शामिल हैं। इस समूह का दावा है कि 19 मार्च से ले कर दो मई के बीच 338 मौतें हुईं है और ये लॉकडाउन से जुड़ी हुई हैं।
शोधकर्ताओं का एक समूह नए आंकडों को जोड़ कर इस निष्कर्ष पर पहुंचा है। इस समूह में पब्लिक इंटरेस्ट टेक्नोलॉजिस्ट तेजेश जीएन, सामाजिक कार्यकर्ता कनिका शर्मा और जिंदल ग्लोबल स्कूल ऑफ लॉ में सहायक प्रोफेसर अमन शामिल हैं। इस समूह का दावा है कि 19 मार्च से ले कर दो मई के बीच 338 मौतें हुईं है और ये लॉकडाउन से जुड़ी हुई हैं।
साभार : जनता का रिपोर्टर -
नई दिल्ली : कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार ने दो और हफ्तों के लिए लॉकडाउन बढ़ाया था। यह अब तक लगाई गई राष्ट्रव्यापी बंदियों का तीसरा चरण है, जिसका आगाज सोमवार (4 मई, 2020) से हो गया। देश भर के कुछ हिस्से इस दौरान खुलेंगे पर कई जगह पाबंदियां भी रहेंगी, जबकि केंद्र/राज्य द्वारा चिह्नित कुछ इलाकों में कड़ी सख्ती रहेगी।
– हवाई यात्रा, रेल सफर, मेट्रो और रोड से अंतर्राज्यीय आवाजाही।
– हालांकि, दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों, मजदूरों, पर्यटकों, श्रद्धालुओं और अन्य लोगों के लिए विशेष ट्रेनें चलाई गई हैं। इनमें आम लोगों को यात्री की इजाजत नहीं है। साथ ही गृह मंत्रालय से जिन लोगों को मंजूरी मिलेगी, वे ही लॉकडाउन के दौरान उक्त हवाई, रेल और सड़क यात्रा कर सकेंगे।
– स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थाएं मसलन ट्रेनिंग व कोचिंग सेंटर।
– हॉस्पिटैलिटी सेवाएं (होटल और रेस्त्रां आदि)।
– अधिक भीड़ भाड़ वाली जगहें। जैसे- सिनेमा हॉल, मॉल, जिम और स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स।
– सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक व अन्य किस्म की गैदरिंग (भीड़ जुटना/जुटाना) भी मान्य नहीं होगी।
– धार्मिक और पूजा-पाठ वाले सार्वजनिक स्थान। मतलब- मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा आदि।
– सरकारी आदेश के अनुसार, कोरोना के मद्देनजर जो जोन (रेड, ऑरेंज और ग्रीन) वर्गीकृत किए गए हैं, उन सभी में गैर-जरूरी चीजों के लिए शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक आवाजाही पर रोक रहेगी।
– सभी जोन्स में 65 साल की उम्र से अधिक के लोगों को, गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से छोटे बच्चों को घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। हालांकि, ये लोग बहुत जरूरी चीजों और स्वास्थ्य संबंधी जरूरत पड़ने की स्थिति में बाहर जा सकेंगे।
– रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में आने वाले अस्पतालों के ओपीडी और बाकी मेडिकल क्लीनिक चलेंगे। पर इस दौरान वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य कोरोना संबंधी ऐहतियाती कदमों का पालन करना होगा। वहीं, कंटेनमेंट जोन्स में इन चीजों की अनुमति नहीं होगी। -
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लोगों से अपील की है कि बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी किसी भी तरह से न छुपाए और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी क्वारेंटाइन नियम का पालन करें तभी हम सभी कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को रोकने में सफल हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि आज प्रदेश में कोरोना संक्रमित 14 नए मरीज की पुष्टि हुई है ये सभी बाहर से आए हुए लोग थे और सरकार द्वारा उन्हें निर्धारित क्वारेंटाईन सेंटर में रखा गया था जहां परीक्षण उपरांत उनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो सकी है। इन लोगो के क्वारेंटाइन सेंटर में रुके होने के कारण इनके स्वास्थ्य की जांच हो सकी और उन्हें उपचार हेतु भर्ती कराया जा सका है मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस संबंध में पहले भी लोगों को कहा गया है कि बाहर से आने वाले सभी लोगों की जानकारी दे और उन्हें निर्धारित क्वारेंटाइन का पालन कराएं ताकि अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सके। -
महापौर के माध्यम से जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए किए सहयोग
दुर्ग02 मई 2020/लॉक डाउन में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए लगातार लोग अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। सीएम सहायता कोष में दान करके व जरूरतमंद लोगों के लिए राशन की मदद कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज भिलाई क्रश्चियिन कम्यूनिटि चर्च सेक्टर 6 द्वारा कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा करने के लिए 1 लाख रुपए का चेक सहायता हेतु प्रदान किया गया। आज क्रश्चियिन कम्यूनिटि चर्च सेक्टर 6 के सभी सदस्य व पदाधिकारी सेक्टर 5 भिलाई नगर विधायक व महापौर श्री देवेंद्र यादव के कार्यालय पहुंचे। जहां वे महापौर के माध्यम से सहायता राशि 1 लाख रुपए का चेक प्रदान किया। इसी प्रकार आदिवासी महिला गोंडवाना समाज भिलाई ने भी जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए महापौर के माध्यम से 21 हजार रुपए का सहयोग प्रदान किया है। इस अवसर पर भिलाई नगर विधायक व महापौर श्री देवेंद्र यादव ने दानदाताओं का दिल से आभार जताया और कहा कि आप जैसे महान और दयावान लोगों की दया और करूणा से जरूरतमंद लोगों को राशन मिल रहा है। उन्हें मदद मिल रही है और किसी को भूखा नहीं सोना पड़ रहा है।आदिवासी गोंडवाना महिला समाज के पदाधिकारी व सदस्य श्रीमती शकुंतला राज सिंह अध्यक्षा, मंजू ठाकुर महासचिव, पुष्पा नेताम कोषाध्यक्ष, पुर्णिमा ठाकुर,हीरा ठाकुर, शारदा ठाकुर, कुसुमलता नेताम, संगीता ध्रुव उपस्थित थे। हरेन्द्र कुमार नेताम जिलाध्यक्ष अनुजजाअधिकर्म,संघ दुर्ग, चन्द्रभान ठाकुर पार्षद, श्वेता मश्रिा-जनरल सेक्रेटरी जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग, परमानंद नेताम व एम.के. नेताम,जयनंदन जगत, मयंक नेताम व वेणु प्रिया विशेष रूप से उपस्थित थे। वहीं मुख्य मंत्री सहायता कोष में चर्च की ओर से अनुदान देने वालो में अध्यक्ष रेव्ह. फादर अर्पण तरुण, बोर्ड अध्यक्षनिर्मल कुजूर,उपाध्यक्ष दीपक हेमरोम, कोषाध्यक्ष नबीन गार्डिया, सहसचिव विभव सैमुएल,बोर्ड सदस्य संदीप जसवंत, अजय गार्डिया,बोर्ड सदस्य ने सहायता की। -
कोविड-19 की रोकथाम और लाॅक-डाउन को सफल बनाने जुटे हैं दिन-रात
स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के लिए 50 लाख रूपए का बीमा स्वागत योग्य कदममुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही पुलिसकर्मी, स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अंतर्गत बीमा योजना में शामिल करने का अनुरोध किया है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि सबसे पहले मैं आपको महामारी रोग अध्यादेश (संशोधन), 2020 लागू करने के लिए बधाई देता हॅू। छत्तीसगढ़ राज्य में स्वास्थ्य सेवाकर्मी, पुलिसकर्मी तथा अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी पूर्ण समन्वय स्थापित कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है। यद्यपि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाकर्मियों पर किसी भी प्रकार के हमले की घटना घटित नही हुई है तदापि उपरोक्त अध्यादेश कोरोना संक्रमण से लड़ने वाले योद्धाओं को एक मजबूत सुरक्षा कवज प्रदाय करता है। इसके साथ-साथ भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के लिए 50 लाख रूपए के बीमा योजना की घोषणा की गई है, जो एक स्वागत योग्य कदम है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि आपका ध्यान स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के अतिरिक्त उन हजारों कर्मचारी एवं अधिकारियों के योगदान की ओर आकर्षित करना चाहूंगा, जो दिन-रात लाॅक-डाॅउन को सफल बनाने में जुटे हुए है। जैसा की आप अवगत है, अपने इस कर्तव्य के निर्वहन के दौरान कई कर्मचारी एवं अधिकारी भी कोविड-19 से संक्रमित हुए है, परंतु आश्यर्च का विषय है कि भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के लिए लागू की गई बीमा योजना के दायरे में राज्यों के इन कर्मचारी-अधिकारियों को बीमा योजना में सम्मिलित नही किया गया है। उपरोक्त अध्यादेश के तहत ‘स्वास्थ्य सेवाकर्मी‘ की परिभाषा की ओर ध्यान दें तो धारा -1A(b)(ii)में ऐसे व्यक्ति सम्मिलित है, जो महामारी को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किए गए है। अर्थात् पुलिसकर्मी, स्थानीय निकाय एवं जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी इस परिभाषा की परिधि में निश्चित रूप से शामिल होंगे, जिनके द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण के लिए अथक प्रयास किए जा रहे है, उन्हें भी स्वास्थ्य कर्मी मानते हुए स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्राप्त होना चाहिए।श्री बघेल ने भारत सरकार द्वारा घोषित इस बीमा योजना में पुलिसकर्मी, स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों को भी शामिल करने का अनुरोध किया है। -
मानवीय आधार पर ट्रेनों के संचालन की निःशुल्क व्यवस्था का आग्रह
छत्तीसगढ़ के 1.17 लाख से अधिक प्रवासी कामगार देश के 21 राज्यों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे होने की जानकारी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर उनसे छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों की वापसी के लिए देश के विभिन्न शहरों से 28 ट्रेनों के संचालन का अनुरोध किया है। श्री बघेल ने भारत सरकार द्वारा फंसे हुए मजदूरों की उनके घर तक वापसी के लिए ट्रेनों के संचालन के निर्णय का स्वागत करते हुए मानवीय आधार पर रेल्वे द्वारा ट्रेनों के संचालन की निःशुल्क व्यवस्था करने और ट्रेनों के संचालन के लिए जल्द से जल्द तारीख और समय तय करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि देश भर में पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा भी कोविड-19 का बहादुरी से मुकाबला किया जा रहा है। हमने अपने राज्य में इस महामारी के संक्रमण को रोकने में काफी हद तक सफलता पायी है। इस समय छत्तीसगढ़ के बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिक देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। हेल्पलाइन और अन्य माध्यमों से प्राप्त सूचना के अनुसार लगभग 1.17 लाख से भी अधिक प्रवासी कामगार देश के 21 राज्यों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों में फंसे होने की जानकारी है। परिवहन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद संख्या बढ़ सकती है। यदि प्रवासी श्रमिकों के अलावा अन्य लोगों जैसे छात्र, पर्यटक आदि को जोड़ते हैं तो यह संख्या बहुत बड़ी होगी।
श्री बघेल ने कहा कि भारत सरकार के द्वारा फंसे हुए मजदूरों की उनके घर तक वापसी के लिए ट्रेनों के संचालन के निर्णय का स्वागत करता हूं। इस संदर्भ में आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि हमारे प्रशासनिक तंत्र को विभिन्न राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने और फंसे हुए लोगों और विशेष रूप से फंसे हुए श्रमिकों के सुरक्षित आवागमन के लिए योजना बनाने के लिए निर्देशित किया है। देश भर में फंसे हुए लोगों के लिए जो ट्रेने विशेष रूप से संचालित की जा रही हैं, उसे फंसे हुए मजदूरों और व्यापक लाॅकडाउन से प्रभावित लोगों को बिना किसी परेशानी के आगे की यात्रा के लिए निःशुल्क संचालित की जानी चाहिए। रेल्वे बोर्ड के द्वारा एक मई को जारी पत्र के अनुसार स्लीपर मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेन के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है, जो कि उचित नहीं है क्यांेकि सभी प्रवासी श्रमिक लाॅकडाउन के कारण फंसे हुए हैं और पीड़ित हैं। मानवीय आधार पर रेल्वेे द्वारा निःशुल्क व्यवस्था की जानी चाहिए। इस संबंध में आपसे अनुरोध करता हूं कि प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों एवं नागरिकों की वापसी हेतु पर्याप्त संख्या में ट्रेनों का संचालन करने का कष्ट करें।
श्री बघेल ने जम्मू से रायपुर-बिलासपुर 7 ट्रेनें, लखनऊ से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, कानपुर से रायपुर-बिलासपुर 2 ट्रेनें, चेन्नई से रायपुर-बिलासपुर 1 ट्रेन, बंगलौर से रायपुर-बिलासपुर 1 ट्रेन, पुणे से रायपुर-बिलासपुर 2 ट्रेनें, इलाहाबाद से बिलासपुर 1 ट्रेन, दिल्ली से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, हैदराबाद-सिकंदराबाद से रायपुर-बिलासपुर 3 ट्रेनें, विशाखापट्नम से रायपुर 1 ट्रेन, सूरत-अहमदाबाद से रायपुर 1 ट्रेन, कोलकाता से रायपुर 1 ट्रेन, जयपुर से रायपुर 1 ट्रेन, पटना से दुर्ग 1 ट्रेन के संचालन का आग्रह किया है।
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सीएमआईई के सर्वेक्षण में प्रदेश में बेरोजगारी की दर 3.4 प्रतिशत
बेरोजगारी दर 12 महीने के सबसे निचले स्तर पर
लॉक डाउन के दौरान भी छत्तीसगढ़ रोजगार उपलब्ध कराने में रहा सफल
रायपुर : वैश्विक महामारी कोविड-19 की वजह से जहाँ देश व्यापी बेरोजगारी की दर में बढ़ोत्तरी हो रही है, वहीं छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गयी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की जारी ताजा रिपोर्ट में प्रदेश की बेरोजगारी दर 12 महीने के सबसे निचले स्तर पर 3.4 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो कि राष्ट्रीय बेरोजगारी की दर (23.5 प्रतिशत) से काफी कम है। सीएमआईई के द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर सितंबर 2018 में 22.2 प्रतिशत थी, जो घट कर अप्रैल 2020 में 3.4 प्रतिशत दर्ज की गई है।गौरतलब है कि लॉक डाउन के दौरान देश में औद्योगिक गतिविधियां बंद हैं, जिससे देश की आर्थिक हालात पर गहरा असर पड़ा है। देशव्यापी बेरोजगारी दर में भी बेतहाशा वृद्धि हो रही है। लेकिन इस महामारी के संकट में भी प्रदेश के लिए एक सुखद संकेत प्राप्त हुआ है। प्रदेश की बेरोजगारी दर में कमी दर्ज की गई है। इसका प्रमुख कारण मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बचाने और ग्रामीणों की आजीविका को संरक्षित करने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के दौर में व्यापक स्तर पर काम कर रही है। लॉकडाउन में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अभी पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।देशभर में मनरेगा कार्यों में लगे कुल मजदूरों में से करीब 24 फीसदी अकेले छत्तीसगढ़ से हैं। यह संख्या देश में सर्वाधिक है। प्रदेश की 9883 ग्राम पंचायतों में चल रहे विभिन्न मनरेगा कार्यों में अभी 18 लाख 51 हजार 536 श्रमिक काम कर रहे हैं।वहीं, लॉकडाउन की अवधि में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत लॉकडाउन की अवधि में अब तक 900 करोड़ रूपए की राशि उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है। इस अवधि में किसानों को राज्य शासन द्वारा खेती-किसानी के लिए आवश्यक छूट के साथ ही उनके उत्पाद के विक्रय की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।आरबीआई ने भी छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट के दौरान किये जा रहे प्रयासों को सराहा है तथा अपनी रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में आर्थिक विकास की दर को अन्य विकसित राज्यों की तुलना में काफी अच्छा बताया है।इस दौरान प्रदेश में वनोपज संग्राहकों को भी काफी राहत प्रदान की गई है। महुआ फूल का समर्थन मूल्य 18 रुपए प्रतिकिलो से बढ़ाकर 30 रुपए किया गया है। प्रदेश में 23 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। लघु वनोपजों की संग्रहण कार्य में भी वनवासियों को रोजगार के अवसर मिले हैं। लॉकडाउन के कारण संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और नगद भुगतान की प्रक्रिया से वनांचल के वनवासी-ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है। “द ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया” (ट्राईफेड) द्वारा जारी किए गए आंकड़ांे के अनुसार छत्तीसगढ़ में अब तक 18 करोड़ 63 लाख रूपए से अधिक मूल्य की लघु वनोपजों की वनवासियों और ग्रामीणों से खरीदी की गई है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक है। छत्तीसगढ़ के अलावा केवल दो राज्यों झारखण्ड और ओडिशा में लघु वनोपज की खरीदी का काम प्रारंभ हुआ है। ट्राईफेड के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में अब तक 18 करोड़ 67 लाख 26 हजार रूपए मूल्य की लघु वनोपजों की खरीदी की गई है, इसमें से अकेले छत्तीसगढ़ में 18 करोड़ 63 लाख 82 हजार रूपए मूल्य की लघु वनोपजों की खरीदी की गई है। -
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कल शाम केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन से दूरभाष पर चर्चा की और रायपुर को रेड जोन से हटाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन को बताया कि रायपुर जिले में कोविड-19 संक्रमित केवल एक मरीज है वो भी एम्स का नर्सिंग स्टाॅफ है।इसके अलावा जिले में अन्य कोई भी मरीज नही है। मुख्यमंत्री के आग्रह पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन ने इस संबंध में जल्द ही विचार करने का आश्वासन मुख्यमंत्री श्री बघेल को दिया है। चर्चा में उन्होंने रायपुर के संबंध में और भी जानकारी मांगी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू को रायपुर के संबंध में पूरी स्थिति स्पष्ट करते हुए आवश्यक जानकारी केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव को शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।
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लाॅकडाउन के कारण छत्तीसगढ़ के 1.6 लाख से ज्यादा श्रमिक अन्य राज्यों में हैं फंसे
मुख्यमंत्री ने कहा- समन्वय एवं सहयोग से हम इस बीमारी पर जल्द ही विजय प्राप्त करने में होंगे सफल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों की घर वापसी के लिए विशेष ट्रेन के संचालन का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि कोविड-19 के रोकथाम हेतु लाॅकडाउन के केन्द्र सरकार के निर्णय से प्रदेश में इस महामारी की रोकथाम में विशेष मदद मिली जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या बहुत कम है। आशा है कि समन्वय एवं सहयोग से हम इस बीमारी पर जल्द ही विजय प्राप्त करने में सफल होंगे।
श्री बघेल ने कहा कि 29 अप्रैल को भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा श्रमिकों, प्रवासियों के अंतर्राज्यीय आवागमन के लिए निर्देश जारी किए गए हैं जो कि प्रदेश में सामान्य स्थिति एवं आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने में मददगार साबित होंगे। प्रदेश में सामान्य स्थिति बहाल करने के संबंध में मैं आपका ध्यान प्रदेश के उन श्रमिकों, प्रवासियों की ओर आकृष्ट करना चाहंूगा जो अन्य प्रदेशों मंे फंसे हुए हैं एवं लाॅकडाउन के कारण अपने मूल निवासों पर वापस नही आ पा रहें हैं। आज की स्थिति में ऐसे श्रमिकों की संख्या 1.6 लाख से ज्यादा है। इन श्रमिकों के आर्थिक एवं मानसिक स्थिति का ध्यान रखते हुए इनकी घर वापसी अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।
श्री बघेल ने कहा कि इन श्रमिकों, प्रवासियों की घर वापसी के लिए विभिन्न राज्यों से समन्वय किया जा रहा है तथा बसों के माध्यम से इनकी प्रदेश में वापसी की कार्य योजना बनायी गई है। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में घर वापसी के लिए आवश्यक बस एवं अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था करना दुष्कर होगा। साथ ही लंबी दूरी के सफर में यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा के ध्यान रखना अत्यंत मुश्किल होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कहा कि वर्तमान स्थिति में श्रमिकों की परेशानियों को देखते हुए विशेष पाइंट टू पाइंट ट्रेन चलयी जा सकती हैं जिससे यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा एवं हाइजीन सुनिश्चित की जा सके। इस संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह से भी अनुरोध किया जा चुका है। श्री बघेल ने प्रधानमंत्री से दूसरे राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ श्रमिकांे की घर वापसी हेतु विशेष ट्रेन संचालन के बारे में त्वरित निर्णय प्रदान करने का अनुरोध किया। -
तालाबंदी के कारण राज्य को हो रही वित्तीय कठिनाईयों से कराया अवगत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर 22 मार्च से लागू तालाबंदी के कारण राज्य के सामने आ रही वित्तीय कठिनाईयों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है। श्री बघेल ने प्रदेश में जरूरतमंद लोगों को राहत देने सहित राज्य के कामकाज के संचालन और विकास गतिविधियों के लिए अधिक आर्थिक संसाधन जुटाने के उद्देश्य से राज्य को इस वर्ष उधार की सीमा जीएसडीपी के 6 प्रतिशत तक शिथिल करने और राज्य का वित्तीय घाटा भी इस वर्ष अपवाद के रूप में जीएसडीपी का 5 प्रतिशत के बराबर रखने की सहमति प्रदान करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि कोरोना वायरस रोग 19 महामारी के प्रसार को रोकने के प्रभावी कदम के रूप में 22 मार्च 2020 से छत्तीसगढ़ सहित देश में की गई सम्पूर्ण तालाबंदी के कारण सभी आर्थिक गतिविधियां बंद है, जिससे राज्य के राजस्व में हानि हुई है। संपूर्ण तालाबंदी ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सबसे अधिक प्रभावित किया है, जिनमें विशेषकर दैनिक आय अर्जित करने वाले, श्रमिक, छोटे दुकानदार एवं अधिकांश ग्रामीण परिवार शामिल है। यह फसलों की कटाई का भी समय है, जिनमें किसानों को फसल काटने तथा उसे बेचकर जीवन यापन में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ में समाज के इन वर्गाें की जनसंख्या अधिक है, अतः उन्हें केन्द्र सरकार द्वारा राहत प्रदान करने के लिए की गई पहल के अलावा राज्य द्वारा कई प्रकार के सामाजिक एवं आर्थिक उपायों के माध्यम से उचित राहत प्रदान करना एक कठिन कार्य है।
श्री बघेल ने लिखा है कि राज्य के सभी विभागों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए बजट आवंटन जारी किया जा चुका है एवं मूलभूत आवश्यकताओं के लिए व्यय हेतु आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता है। वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राज्य को इस वित्तीय वर्ष के प्रथम 9 माह के लिए राज्य की शुद्ध उधार सीमा के 50 प्रतिशत के बराबर 5375 करोड़ रूपए के बाजार ऋण की सहमति प्रदान की गई है। जो कि इस अवधि में व्यय की पूर्ति के लिए अपर्याप्त है। चूंकि इस वर्ष राज्य की राजस्व प्राप्तियों में कमी की आशंका है, अतः राज्य की शुद्ध उधार सीमा तथा राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित वित्तीय घाटे की सीमा (राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3 प्रतिशत) में शिथिलीकरण आवश्यक है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय से ही वित्तीय अनुशासन का कड़ाई से पालन करने वाला राज्य रहा है तथा वर्तमान में यह सबसे कम ऋण भार (जीएसडीपी का 19.2 प्रतिशत) तथा सबसे कम ब्याज भुगतान (कुल राजस्व प्राप्तियों का 7.4 प्रतिशत) करने वाला राज्य है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखा है कि आपदा के समय असाधारण उपायों की आवश्यकता होती है, अतः राज्य को इस वर्ष उधार की सीमा जीएसडीपी के 6 प्रतिशत तक शिथिल करते हुए सहमति दी जाए। साथ ही राज्य का वित्तीय घाटा भी इस वर्ष अपवाद के रूप में जीएसडीपी का 5 प्रतिशत के बराबर रखे जाने की भी सहमति प्रदान की जाए। वित्तीय आपदा की इस घड़ी में राज्य द्वारा यथासंभव मितव्ययता के लिए उठाए जा रहे अन्य कदमों के साथ-साथ इन शिथिलताओं से कुछ राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि सम्पूर्ण देश तथा छत्तीसगढ़ में आयी इस आपदा के कठिन समय में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य की इन न्यायोचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। यह उपाय चालू वित्तीय वर्ष में हमारे आवश्यक व्ययों की पूर्ति करने में काफी सहायक होंगे। -
छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवेश के पूर्व एन्ट्री पाइंट पर देनी होगी प्रवास की जानकारी, छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से बिना सूचना के प्रवेश करने तथा क्वारेंटीन का उल्लंघन करने वालों पर होगी दण्डात्मक कार्रवाई
जिला स्तर पर कंट्रोल रूम के माध्यम से होगी निगरानी
मुख्य सचिव श्री मण्डल ने कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, जिला पंचायत के सीईओ और नगरीय निकायों के अधिकारियों को जारी किए निर्देश
रायपुर : कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में अन्य राज्यों से प्रवेश करने वाले व्यक्तियों-श्रमिकों को प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के एन्ट्री पाइंट में पहुंचने पर उनके द्वारा प्रवास की जानकारी और स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही आने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं। आगामी दिनों में छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में व्यक्तियों के आगमन की संभावना को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों से बिना सूचना के प्रवेश करने वाले व्यक्तियों तथा क्वारेंटीन का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी दण्डात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और नगर निगम आयुक्तों तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण एक वैश्विक स्तर की चुनौती है, जिस पर नियंत्रण के लिए कड़ी निगरानी एवं प्रभावी प्रशासनिक कार्यवाही करनी होगी। शासन के निर्देशों एवं आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर जिला प्रशासन द्वारा यथास्थिति धारा 188 भारतीय दंड संहिता 1860 तथा धारा 51 से 60 आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों अनुसार कड़ी कार्यवाही की जाए।मुख्य सचिव ने कहा है कि भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा 29 अप्रैल को जारी पत्र में लाॅकडाउन के कारण गृह राज्य से भिन्न राज्यों-स्थानों में फंसे हुए श्रमिकों एवं अन्य व्यक्तियों को अपने गृह राज्य में जाने की अनुमति देने संबंधी निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुपालन में राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों को अनुमति देने एवं क्वारेंटीन करने के बारे मे दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा है कि अन्य राज्यों से वापस आने वाले व्यक्तियों-श्रमिकों के प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में एन्ट्री पाइंट पर पहुंचने के साथ उनके द्वारा प्रवास की जानकारी देने के बाद ही आगे जाने की अनुमति प्रदान की जाए। बिना जानकारी दिए तथा बिना स्वास्थ्य परीक्षण के निवास स्थान जाने वाले ऐसे व्यक्तियों को चिंहित कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। एन्ट्री पाइंट पर जानकारी एकत्रित करने के लिए प्रारूप भी उपलब्ध कराया गया है।मुख्य सचिव ने कहा है कि अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो सकते हैं, जिनमें स्थानीय समुदाय में कोरोना वायरस का संक्रमण निश्चित रूप से फैल सकता है। क्वारेंटीन का पालन न करने से फैले संक्रमण पर काबू पाना अत्यंत कठिन होगा। इसलिए सभी ग्राम पंचायतों-नगरीय निकायों में अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों की जानकारी देने के लिए आए हुए व्यक्तियों, उनके परिजनों एवं जन साधारण को प्रोत्साहित किया जाए। इसमें स्थानीय निकायों का सहयोग लिया जाए। इसकी माॅनिटरिंग जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के माध्यम से की जाए। कंट्रोल रूम नंबर की जानकारी तत्काल सार्वजनिक रूप से प्रसारित की जाए। अन्य राज्यों से अवैध रूप से आने वाले तथा ऐसी जानकारी छुपाने वाले व्यक्तियों पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाए। अन्य राज्यों से आने वाले व्यक्तियों को निश्चित अवधि पर क्वारेंटीन करने की गाइड लाइन स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई है। क्वारेंटीन का उल्लंघन करने वालों व्यक्ति पर भी विधि अनुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। -
राज्य में इलेक्ट्रानिक्स, ऑटोमोबाइल, आयरन एवं स्टील, भारी इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, ऑप्टिकल फायबर उद्योग को आमंत्रित करने उद्योग विभाग करेगा पहल
उद्योग विभाग ने विदेशी निवेश की संभावनाओं के मद्देनजर दिया प्रस्तुतीकरण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में प्रत्यक्ष विदेश निवेश के संबंध में उद्योग विभाग के प्रस्तावित कार्ययोजना को सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। उन्होंने उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव को कुछ चुनिंदा सेक्टर के उद्योगों को छत्तीसगढ़ में आमंत्रित करने हेतु आवश्यक चर्चा एवं पत्राचार करने की भी बात कही। राज्य में ऑटोमोबाइल, आयरन एवं स्टील, भारी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिक वायर एवं ऑप्टिकल फायबर, कन्ज्यूमर ड्यूरेबल्स, टेक्सटाईल, इलेक्ट्रानिक्स आदि उद्योगों की स्थापना के लिए प्राथमिकता से विदेशी पूंजी निवेश के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
प्रमुख सचिव उद्योग श्री मनोज पिंगुआ ने पावर पाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विदेशी पूंजी निवेश के संबंध में प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि कोविड-19 संक्रमण की वजह से वर्तमान में विश्व में जो स्थिति निर्मित हुई है, उसको देखते हुए भारत, विशेषकर छत्तीसगढ़ राज्य में चीन से बाहर निकलने को इच्छुक विदेशी औद्योगिक संस्थानों को यहां उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित करने के अवसर निर्मित हुए हैं। उन्होंने बताया कि यू.एस.ए., जापान, दक्षिण कोरिया, ताईवान एवं वियतनाम की प्रमुख कंपनियों को छत्तीसगढ़ में अपना उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में विभाग द्वारा प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी गई है। श्री पिंगुआ ने बताया कि उक्त देशों की कंपनियों की कई ईकाइयाँ भारत में पहले से ही कार्यरत हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य में भी अपना उद्यम शुरू करने के लिए आमंत्रित किया जाना उपयुक्त होगा, इसके लिए आवश्यक सुविधाएँ एवं रियायते भी दी जा सकती है। श्री पिंगुआ ने बताया कि विदेशी कंपनियों को छत्तीसगढ़ में उद्योग स्थापना के लिए सिंगल स्ट्रोक क्लीयरेंस, प्लग एण्ड प्ले सुविधा के साथ भूमि, कुशल श्रम शक्ति, प्रोजेक्ट की स्वीकृति का सरलीकरण, निवेश पैकेज, स्थानीय निवेशकों से साथ ज्वाईंट वेंचर, आवश्यक अधोसंरचना, बिजली, पानी के अधिभार में छूट दिया जा सकता है। विदेशी निवेश सम्बंधी त्वरित निर्णय लेने हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वरिष्ठ सचिवो की समिति गठित करने की सहमति भी दी गयी है । -
फिक्की के अध्यक्ष ने राज्य सरकार के फैसलों एवं नीतियों को उद्योगों के लिए हितकारी बतायामुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से छत्तीसगढ़ के उद्योगों को उबरने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा। राज्य के औद्योगिक संस्थाओं को कच्चे माल की आपूर्ति से लेकर उत्पादन एवं विक्रय की व्यवस्था बेहतर हो सके इसके लिए राज्य सरकार सभी जरूरी कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज शाम आपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए फिक्की के पदाधिकारियों से चर्चा करते हुए उक्त बातें कहीं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार यहां के उद्यमियों को कोरोना संक्रमण की वजह से हुए नुकसान की भरपाई के लिए ही अपनी ओर से पहल की है। राज्य के लघु एवं मध्यम उद्योगों को विशेष राहत देने के लिए केन्द्र सरकार से सहायता का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के उद्योग पूरी क्षमता से संचालित हो तथा उनके उत्पादित माल के लिए इस मुश्किल घड़ी में भी बाजार उपलब्ध हो सके, सरकार द्वारा इसके लिए भी आवश्यक उपाय और पहल की जा रही है। इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी वर्गों और विशेषकर उद्योग जगत से मिले सहयोग के लिए सभी उद्यमियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति में राज्य के उद्यमियों ने अपने यहां कार्यरत श्रमिकों के रहने एवं उनके भोजन की व्यवस्था की। यही वजह रही कि छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को परेशानी नहीं हुई जबकि अन्य राज्यों में उद्योगों के बंद होने की वजह से न सिर्फ अफरा-तफरी का माहौल रहा बल्कि श्रमिक अपने राज्य वापस लौटने के लिए सड़कों पर उतर आए और उन्हें बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि राज्य में उद्योगों के उत्पादित माल के परिवहन एवं बाजार की उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने फिक्की के पदाधिकारियों से कहा कि देश के ग्रीन जोन के जिलों में वह अपने उत्पादित माल की सप्लाई आवश्यक एहतियात बरतते हुए करें। इसके लिए आवश्यक होने पर राज्य सरकार अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं अधिकारियों से भी चर्चा कर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से उद्योगों के संचालन के लिए आने वाले कच्चे माल एवं अन्य आवश्यक सामग्री बिना किसी अड़चन के छत्तीसगढ़ आ सके इस संबंध में भी आवश्यक निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने राज्य के उद्यमियों से कहा कि अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ माल लेकर आने वाले मालवाहकों के चालक-परिचालक एवं हम्मालों के ठहरने एवं उनके भोजन की पृथक से व्यवस्था करें और यह भी सुनिश्चित करें कि वे स्थानीय लोगों के संपर्क में न आएं। इसी तरीके का एहतियात अन्य राज्यों में माल की सप्लाई के दौरान भी रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी उद्योगों में फिलहाल 80 प्रतिशत के आस-पास उत्पादन चालू है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में यहां के उद्योग शत-प्रतिशत प्रोडक्शन करने लगेेंगे। मुख्यमंत्री ने वर्तमान स्थिति में उद्यमियों से यह भी आग्रह किया कि वे उद्योग संचालन के लिए स्थानीय श्रमिकों की सेवाएं ले ताकि कोरोना संक्रमण की स्थिति में राज्य में नियंत्रित रहे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने फिक्की के पदाधिकारियों से छत्तीसगढ़ राज्य में नवीन उद्योगों की स्थापना के संबंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्योगों के लिए अच्छा माहौल है यह इलाका प्राकृतिक आपदा से पूरी तरह सुरक्षित है। कनेक्टिविटी के भी बेहतर साधन राज्य में है। नए उद्योगों को राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के श्रमिकों एवं ग्रामीणों को वृहद पैमाने पर गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मनरेगा एवं अन्य शासकीय निर्माण कार्यों को शुरू कर दिया गया है। वर्तमान में मनरेगा के जरिए राज्य में 13 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत हम किसानों को धान के समर्थन मूल्य के अंतर की राशि का भुगतान भी करने जा रहे हैं। लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी भी राज्य में की जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बाजार और क्रेता की स्थिति अन्य राज्यों से बहुत ही बेहतर है। यहां उद्योगों के उत्पादित माल की बिक्री के लिए किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सड़क एवं भवन निर्माण के काम भी राज्य में शुरू कराए जा रहे है ताकि यहां के स्टील एवं सीमेंट उद्योग के उत्पादित माल की खपत हो सके।
फिक्की के अध्यक्ष श्रीमती संगीता रेड्डी ने छत्तीसगढ़ में उद्योगों की बेहतरी के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसलों एवं नीतियों को उद्योगों के लिए हितकारी बताया। उन्होंने राज्य में कोरोना संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों की सराहना की। फिक्की के पदाधिकारी श्री वाय.के. मोदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से देश और प्रदेश संकट में है। उद्योग जगत भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य के उद्योगों द्वारा उत्पादित माल के लिए वर्तमान समय में बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से उद्योग आर्थिक संकट से गुजर रहे है। श्री मोदी ने मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ राज्य के उद्योगों द्वारा उत्पादित माल के विक्रय के लिए अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया। फिक्की के पदाधिकारी श्री रूद्र चटर्जी एवं व्ही.के. शर्मा ने भी स्टील उद्योगों के उत्पादित माल की ट्रांसपोर्टिंग के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया। फिक्की के समन्यवक श्री प्रदीप टंडन ने लॉकडाउन की स्थिति में भी उद्योगों के संचालन के लिए राज्य सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को और प्रभावी बनाने का आग्रह किया।