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मुख्यमंत्री ने कहा: छात्रों को 12वीं के प्रमाण पत्र के साथ मिले आईटीआई का भी प्रमाण पत्रछत्तीसगढ़ के स्कूलों में 11वीं-12वीं में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों कीपढ़ाई आईटीआई के समन्वय से होगी शुरू
मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग और तकनीकी शिक्षा विभागको योजना तैयार करने के दिए निर्देश
श्री बघेल ने कहा व्यावसायिक पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों में उच्चकोटि काकौशल विकसित करने में मिलेगी मदद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईटीआई तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में समन्वय कर कक्षा 11वीं एवं 12 वीं में व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था की जाए ताकि छात्र को कक्षा 12 वीं के छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के प्रमाण पत्र के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो सके, जिससे 12 वीं उत्तीर्ण करने के उपरांत उन्हें रोजगार मिलने में आसानी हो।मुख्यमंत्री ने इस दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए छत्तीसगढ़ के स्कूलों में कक्षा 11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के समन्वय से व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम की पढ़ाई हेतु योजना तैयार करने के निर्देश स्कूल शिक्षा विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग दिए हैं। श्री बघेल ने इसके लिए दोनों विभागों को संयुक्त रूप से योजना तैयार कर जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। श्री बघेल ने कहा है कि आईटीआई के समन्वय से स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई होने से व्यावसायिक पाठ्यक्रम वाले विद्यार्थियों में उनके द्वारा चुने गए ट्रेड में उच्चकोटि के कौशल का विकास हो सकेगा और उन्हें काम मिलने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री ने इस कार्ययोजना के संबंध में दोनों विभागों को कुछ मार्गदर्शी निर्देश भी जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री ने जारी निर्देशों में कहा है कि शिक्षा के व्यावसायीकरण (वोकेशनेलाइजेशन) करने की बात देश में लम्बे समय से की जा रही है, व्यावसायिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया है, किन्तु अभी तक अपेक्षित परिणाम हासिल नहीं किए जा सके हैं। वर्षाें की औपचारिक शिक्षा पूर्ण करने के बाद भी छात्रों को रोजगार प्राप्त नहीं हो पाता। जिसका मुख्य कारण शालाओं में वर्कशॉप एवं कुशल प्रशिक्षकों का अभाव है। छत्तीसगढ़ में रोजगारोन्मुखी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईटीआई तथा हायर सेकेण्डरी स्कूलों में समन्वय स्थापित करके कक्षा 11 वीं एवं 12 वीं में व्यावसायिक शिक्षा की व्यवस्था करना आवश्यक प्रतीत होता है।मुख्यमंत्री ने निर्देशों में कहा है कि यह व्यवस्था इस प्रकार की जानी चाहिए। जिससे कक्षा 11वीं एवं 12 वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में उच्च कोटी का कौशल विकसित किया जा सके और उन्हें कक्षा 12 वीं के छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के प्रमाण पत्र के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो सके, जिससे 12 वीं उत्तीर्ण करने के उपरांत उन्हें रोजगार मिलने में आसानी हो। इसके साथ ही राज्य शासन के नियमों मंे ऐसे प्रावधान भी किए जाने चाहिए। जिससे राज्य सरकार को सामग्री प्रदाय करने वाली फर्माें तथा राज्य सरकार के निर्माण कार्याें के ठेकेदारों के लिए 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण एवं आईटीआई प्रमाण पत्र प्राप्त विद्यार्थियों को 6 माह की इंटरशिप करना अनिवार्य हो।
श्री बघेल ने कहा है कि जिन विकासखण्डों में आईटीआई तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल हो वहां आगामी शैक्षणिक सत्र से समन्वित कोर्स प्रारंभ किया जाए। स्कूल शिक्षा विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में संयुक्त रूप से एक योजना बना कर 10 दिनों के भीतर प्रस्तुत की जाए। -
मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी गई 7 करोड़ की राशि
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी 28 जिलों को 25-25 लाख रूपए की राशि जारी की है। मुख्यमंत्री सहायता कोष से कुल 7 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक संसाधन, सामग्री और राहत कार्यो के लिए यह राशि खर्च की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इससे पूर्व राज्य के 11 जिलों को 20-20 लाख रूपए की राशि जारी की थी। इसमें कोरबा, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, रायगढ़, बलौदाबाजार, राजनांदगांव, बलरामपुर, मुंगेली, कोरिया और कबीरधाम जिले शामिल थे। अभी 25-25 लाख रूपए प्रदेश के सभी 28 जिलों को आबंटित किया गया है। -
एजेंसीउत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट ने सोमवार को दिल्ली के एम्स में अपनी अंतिम सांस ली। उन्हें लिवर और किडनी की समस्या थी और बीते 13 अप्रैल से वह एम्स में भर्ती थे। यहां पर गेस्ट्रो विभाग के डॉक्टर विनीत आहूजा की टीम उनका इलाज कर रहे थे। वहीं, जैसे ही सीएम योगी को दुःखद समाचार मिला, उन्होंने टीम 11 की साथ चल रही मीटिंग को स्थगित कर दी और चुपचाप अपने कमरे में चले गए।
एम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि आंनद सिंह बिष्ट को मुख्य रूप से पेट की तकलीफ के चलते भर्ती किया गया था। इसके अलावा डिहाइड्रेशन, लो-बीपी और पैरों में गैंगरीन की समस्या थी। अस्पताल में भर्ती करने के बाद उनकी स्वास्थ्य संबंधी जांच हुई थी। उसी रिपोर्ट के आधार उनका उपचार किया जा रहा था।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट के निधन पर दुःख व्यक्त किया है। राज्यपाल ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी सीएम योगी के पिता के निधन में दुःख जताया। उन्होंने ट्विट किया- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के पिता के देहावसान पर भावभीनी श्रद्धांजलि!
काफी समय से खराब थी तबीयतयोगी के पिता आनंद सिंह की तबीयत पहले से खराब चल रही थी। कुछ समय पहले भी उन्हें देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस वक्त उन्हें डिहाइड्रेशन की शिकायत थी। उन्हें पहले से बीपीसी समेत एक गैंग्रीन जैसी गंभीर बीमारी थी।
यमकेश्वर के पंचूर गांव में रहते थे सीएम योगी के पितासीएम योगी आदित्यनाथ के पिता उत्तराखंड में यमकेश्वर के पंचूर गांव में रहते थे। वे फॉरेस्ट रेंजर के पद से 1991 में रिटायर हो गए थे। उसके बाद से वे अपने गांव में रह रहे थे।योगी आदित्यनाथ बचपन में ही अपना परिवार छोड़कर गोरखपुर महंत अवेद्यनाथ के पास चले आए थे। -
एजेंसीकेरल : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के दौरान अतिरिक्त ढील देने के लिए केरल सरकार की आलोचना की है और पत्र भेजकर राज्य के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है। गृह मंत्रालय की ओर से भेजी गई चिट्ठी में केरल सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा गया है कि राज्य के शहरों में रेस्तरां खोलने, बस यात्रा की अनुमति देने और नगर निगम वाले इलाकों मेंएमएसएमई उद्योगों को खोलना आपत्तिजनक है। केंद्र ने दो पहिया वाहनों की पिछली सीट पर सवारी और कार की पिछली सीट पर दो लोगों को बैठने देने की अनुमित देने व किताबों और नई की दुकानें खोलने की मंजूरी देने पर भी एतराज जताया है। दूसरी तरफ, केरल सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार को इन निर्णयों के बारे में बता दिया गया था। गृह मंत्रालय ने पत्र में कहा कि केरल सरकार ने 17 अप्रैल को जारी आदेश में उन गतिविधियों की इजाजत दी, जो केंद्र द्वारा 15 अप्रैल को जारी दिशा-निर्देशों के तहत प्रतिबंधित हैं।
ऑरेंज जोन में आंशिक छूटपाथानामिथिटा, एरनाकुलम और कोल्लम जिलों को ऑरेंज ए जोन में रखा गया है और यहां 24 अप्रैल से लॉकडाउन में आंशिक छूट दी जाएगी, जबकि ऑरेंज बी जिलों अलाप्पुजा, त्रिवेंद्रम, पलाक्कड, वायनाड और त्रिस्सुर ने सोमवार से ही लोगों को कुछ राहतें मिल जाएंगी।
ग्रीन जोन में कई तरह की छूटराज्य के दो जिले कोट्टयम और इडुक्की को ग्रीन जोन में रखा गया है और यहां के लोगों को सोमवार से प्रतिबंधों से काफी हद तक राहत मिल जाएगी।
ऑड-ईवन स्कीम से चलेंगी गाड़ियांनिजी वाहनों के लिए ऑड-ईवन स्कीम को लागू किया जाएगा। सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को ऑड नंबर (विषम संख्या) वाली गाड़ियां सड़कों पर चलेंगी तो मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को ईवन नंबर (सम संख्या) वाली गाड़ियों से लोग बाहर जा सकेंगे। जरूरी सेवाओं में लगे लोगों और आपात स्थिति में ऑड-ईवन से छूट दी जाएगी। चार पहिया वाहन में ड्राइवर के अलावा पिछली सीट पर दो से अधिक लोग नहीं बैठ सकते हैं, जबकि दोपहिया वाहन पर एक की व्यक्ति सवारी कर सकती है। परिवार के सदस्य को पीछे बिठाने की छूट होगी।
जिले के भीतर चलेंगी बसेंजिले के भीतर कम दूरी की बसें चलेंगी और इनमें सख्ती से नियमों का पालन करना होगा। बस में जितनी सीटें उतनी ही सवारी होगी। सभी लोगों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा बस में सवार होते समय सभी यात्रियों को हैंड सैनिटाइजर देना होगा।
नाई की दुकानों से रेस्त्रां तक खुलेंगीनाई की दुकानें कुछ शर्तों के साथ शनिवार और रविवार को खुल पाएंगी, दुकान में एक बार में दो से अधिक लोग कतार में नहीं होंगे और एसी चलाने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, कॉस्मेटिक और ब्यूटी थेरेपी सेवा पर रोक जारी रहेगी। शाम 7 बजे तक लोग रेस्त्रां में बैठकर खाना खा सकते हैं तो 8 बजे रात तक घर के लिए पैक करा सकते हैं।
यहां होगा कामकाजखेती किसानी से संबंधित सभी काम लोग कर सकते हैं। आंगनवाड़ी केंद्रों में कामकाज शुरू हो जाएगा और लाभार्थियों को उनके घर जाकर पौष्टिक आहार दिया जाएगा। मनरेगा के तहत काम चलेगा। सड़क निर्माण, भवन निर्माण और छोटे उद्योगों में भी कामकाज शुरू हो जाएगा।
इन पर जारी रहेगा प्रतिबंधट्रेन सेवा पर रोक जारी रहेगी। सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। सभी सिनेमाघर, मॉल्स, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, वार आदि बंद रहेंगे। सभी राजनीतिक, खेल, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक जारी रहेगी। शादी और अंतिम संस्कार के अलावा किसी और मकसद से 20 से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो पाएंगे। -
मुख्यमंत्री ने पिछले एक माह से प्रदेशवासियों के अनुशासन, त्याग और समर्पण को सराहा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश की जनता को सम्बोधित करते हुए कहा है कि प्रदेशवासियों ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए पिछले एक माह से जिस अनुशासन, संबल और संकट से निपटने की जिजीविषा दिखाई हैं, वह विलक्षण हैं।मुख्यमंत्री बघेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज से ठीक एक माह पहले मैंने कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए इसी तरह आपको संबोधित करते हुए आप सबका सहयोग मांगा था। आपको सच कहूंगा। जब पहली बार कोरोना वायरस से बचाव के बारे में आपसे सहयोग की अपील कर रहा था तो मेरे मन में कई आशंकाएं थी। इतने बड़े प्रदेश के करोड़ो लोगों से अपना व्यवसाय, जीवन पद्धति, आचरण आदि बदलने को कहना और उसका पालन कराना कोई आसान काम नहीं था लेकिन आप सबने जो अनुशासन, संबल और संकट से निपटने की जिजीविषा दिखाई हैं, वो विलक्षण हैं।ऽ श्री बघेल ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ कोरोना वायरस महामारी के नियंत्रण में पूरे देश के समक्ष उदाहरण बना है तो इसके मूल में आप लोगों का अपने परिवार, अपने राज्य के लोगों के प्रति त्याग और समर्पण का भाव हैं। मैं इन सबके लिए आपका दिल से धन्यवाद करता हूँ। मैं हमेशा इस सहयोग के लिये आपका ऋणी रहूँगा। मैं धन्यवाद करना चाहूंगा सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, जिला और पुलिस प्रशासन, खाद्य, महिला बाल विकास, नगर निगमों, नगर पालिकाओं, जनसंपर्क विभाग के समस्त कर्मचारियों का भी जिन्होंने 24 घण्टे इस संकट से निपटने के लिए कार्य किया। मैं मीडिया के बंधुओं, स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों का भी आभारी रहूँगा जिन्होंने हर पल हमारा सहयोग किया।ऽ मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य में अगर हम कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रख पाये हैं, तो उसमें सबसे बड़ी भूमिका हमारे गांवों की रही हैं। छत्तीसगढ़, गांवों का प्रदेश हैं और हमारे ग्रामीणों ने स्वेच्छा से अपने गांवों में जिस तरह फिजिकल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का पालन किया वह अदभुद है। मैं हाथ जोड़ कर उनका आभार व्यक्त करता हूँ। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि आज छत्तीसगढ़ की प्रशंसा पूरे देश में हो रही हैं। रिजर्व बैंक ने हमारी तारीफ की हैं । कोरोना वायरस नियंत्रण में हम सभी राज्यों में सबसे आगे हैं। यह सब आपके कारण ही हैं। 20 अप्रैल से राज्य में बहुत सारी आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ करने पर हम विचार कर रहे हैं। गांवो में मनरेगा के काम शुरू हो गए हैं। आप अपने जिले में क्या क्या कर सकते हैं। इसकी पूरी जानकारी और दिशा-निर्देश आपको बताये जा रहे हैं। इन दिशा निर्देशों का पालन करना सबके लिये जरूरी है।मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से विनम्र आग्रह करते हुए कहा कि आप रोजमर्रा के कामों में पूरी सावधानी बरतें। अफवाहों से सावधान रहें। कोरोना को हमने प्रदेश में नियंत्रित जरूर कर लिया है लेकिन खतरा अभी टला नहीं हैं। हमें अपने राज्य में फैलने का दूसरा अवसर नहीं देना है। अगर आपने फिजिकल डिस्टेंसिन्ग का पालन किया, लगातार हाथ धोते रहे और भीड़भाड़ से बचे तो कोरोना को राज्य फिर से फैलने का मौका नहीं मिलेगा । एक बार फिर मैं आपके सहयोग के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूँ । हमारी यह एकजुटता ही हमें हमारे प्रयासों में पूर्ण रूप से सफल करेगी । -
स्नातक विषयों की पढ़ाई के लिए 1241 वीडियो, 280 कोर्स मटेरियल और
18 ऑडियो लेक्चर किए गए अपलोड
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज सीजीस्कूलडॉटइन (cgshcool.in) पोर्टल पर महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए ऑनलाईन पढ़ाई की सुविधा का शुभारंभ किया। उल्लेखनीय है कि स्कूली बच्चों की पढ़ाई के लिए सीजीस्कूलडॉटइन (cgshcool.in) पोर्टल प्रारंभ किया गया है। इसी पोर्टल पर महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए भी ऑनलाईन पढ़ाई की सुविधा प्रारंभ की गई है।
ज्ञातव्य है कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य शासन द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन के कारण महाविद्यालय विगत कई दिवसों से बंद है तथा सभी स्तर की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई है। लॉकडाउन समाप्त होने के पश्चात लंबित परीक्षाओं का आयोजन एवं आगामी शिक्षा सत्र का भी समय पर संचालन कठिन चुनौती होगा। इसको देखते हुए आगामी शिक्षा सत्र में क्लासरूम शिक्षण के साथ-साथ ऑनलाइन cgshcool.in पर महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को भी अध्ययन-अध्यापन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, उच्च शिक्षा विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी उपस्थित थीं।
इस पोर्टल में वर्तमान में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमानुसार सामग्री के रूप में पी.डी.एफ., ऑडियो तथा वीडियो लेसन उपलब्ध हैं, निकट भविष्य में स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमानुसार अध्ययन सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। पोर्टल में महाविद्यालयों के प्राध्यापकों द्वारा शिक्षकों के रूप में पंजीकृत होकर अध्ययन-अध्यापन से संबंधित सामग्री विषयवार अपलोड की जा रही है, जिसका पोर्टल में पंजीकृत महाविद्यालयीन छात्र उपयोग कर सकेंगे।
इस पोर्टल पर वर्तमान में 32 हजार 314 विद्यार्थी तथा 3 हजार 385 प्राध्यापक पंजीकृत हो चुके हैं। अध्ययन सामग्री के रूप में 1241 वीडियो, 280 कोर्स मटेरियल तथा 18 ऑडियो फाईल और 137 फोटो अपलोड किए जा चुके हैं। पोर्टल में इसके साथ ही अन्य बहुत सी ऐसी सुविधाएं है, जो साधारणतया केवल कक्षा में ही मिलती है, जैसे इस पोर्टल पर एप एवं अन्य उपलब्ध एप के माध्यम से ऑनलाइन इंटरएक्टिव कक्षाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें प्राध्यापक एवं छात्र अपने-अपने घरों से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ सकेंगे। इन ऑनलाइन कक्षाओं में प्राध्यापक छात्रों को पढाएंगे और छात्र प्रश्न भी पूछ सकेंगे। इस प्रकार ऑनलाइन क्लास का अनुभव कक्षा में उपस्थिति जैसा ही होगा।
इतना ही नहीं, इस पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के समस्त महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञ द्वारा तैयार वीडियो लेक्चर, नोट्स सुगमता से प्राप्त हो सकेंगे। जैसे कि सुकमा के विद्यार्थी जशपुर के प्राध्यापक से पढ़ाई कर सकेंगे एवं भविष्य में भी ऑनलाइन कक्षाओं और वीडियो से पढ़ाई करने की सुविधा रहेगी।
छात्रों को ऑनलाइन होम असाईनमेंट टेस्ट भी दिया जाएगा। जिसे वे घर पर पूर्ण कर अपने मोबाइल से फोटो खींचकर उसे पोर्टल पर अपलोड कर देंगे, इसके बाद संबंधित प्राध्यापक उसे ऑनलाइन जांच कर वापस छात्र को भेज देंगे, इस प्रकार छात्र घर बैठे ही अपनी गलतियों को समझ कर उसमें सुधार सकेंगे।
लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी इस पोर्टल का उपयोग लगातार होता रहेगा। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों एवं आदिवासी क्षेत्रों के महाविद्यालयों जहां प्राध्यापकों उपलब्ध नहीं होते वहां के महाविद्यालयों के लिए भी यह कार्यक्रम बहुत उपयोगी होगा। प्रदेश के छात्र अपने महाविद्यालय के प्राध्यापकों तक ही सीमित न होकर प्रदेश के अन्य प्राध्यापकों के माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे।
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लॉकडाउन में राहत और संक्रमण रोकने के अच्छे इंतजाम से छत्तीसगढ़ की
बनी देश में नयी पहचान: देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से जिलों में राहत कार्यों और संक्रमण
रोकने के उपायों की समीक्षा कीअफवाह फैलाने वालों पर की जाए कठोर कार्रवाई
वनोपज खरीदने के इच्छुक व्यापारियों को दें अनुमति
श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने बड़े पैमाने पर शुरू होंगे मनरेगा के काम
गौठानों को ज्यादा से ज्यादा कार्य मंजूर करते हुए गौठानों को
आजीविका केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएहैण्ड पंपों की मरम्मत के लिए चलाया जाए अभियान
कटघोरा के हॉट स्पॉट में लॉकडाउन की मॉनिटरिंग में
पुलिस पेट्रोलिंग, ड्रोन और टेक्नॉलोजी का उपयोगअधिकारी-कर्मचारी सुरक्षा के साथ करें सेवा के कार्य
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों में लॉकडाउन के दौरान राहत और कोविड-19 के संक्रमण रोकने के उपायों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भूखा न सोए। सभी जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराने की अच्छी व्यवस्था की गई है। जिन परिवारों के पास राशनकार्ड नहीं उन्हें भी राशन उपलब्ध कराया जाए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जानकारी दी गई कि अधिकांश जिलों में राशन कार्डधारियों को दो माह के राशन के वितरण का काम पूर्णता की ओर है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के कार्याें के लिए आर्थिक संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। स्वास्थ्य विभाग को 60 करोड़ रूपए का आबंटन जारी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने आने वाले समय में किस तरह से लॉकडाउन में ढिलाई दी जा सकती है और साथ ही अगले तीन दिन किस तरह कड़ाई से लॉकडाउन का पालन करवाना है, इस संबंध में अधिकारियों से गहन चर्चा की। श्री बघेल ने कहा कि अफवाह फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए। आम जनता को भी अफवाहों से सावधान रहने के लिए जागरूक करें।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जरूरतमंदों और श्रमिकों के लिए भोजन, राशन सामग्री के वितरण, उचित मूल्य की दुकानों से दो माह के राशन के वितरण की स्थिति, जिलों में कोविड-19 अस्पतालों, क्वांरेटाइन सेंटर, आइसोलेशन सेंटर और राहत शिविरों की व्यवस्था, लॉकडाउन के क्रियान्वयन की स्थिति और कानून और व्यवस्था की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों में कोविड-19 अस्पताल और वार्डाें, क्वांरेटाइन और आइसोलेशन सेंटर की व्यवस्था कर ली गई है। जिन लोगों में संक्रमण की संभावना हो सकती है, उनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा किया जा रहा है। जिलों में मास्क, सेनेटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है। समीक्षा के दौरान चिप्स कार्यालय से मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। मुख्यमंत्री निवास में अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया उपस्थित थी। संभागीय मुख्यालयों में कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षक तथा जिलों के कलेक्टर और एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए।
श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत बड़े पैमाने पर कार्य शुरू होंगे। ग्राम पंचायतों के सचिव और रोजगार सहायकों को उनके मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए जाए। कार्यों के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए और सुरक्षा के सभी उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए। कोरोना वायरस के संकट से पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। छत्तीसगढ़ मंे 80 प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं, गांवों में गौठान के ज्यादा से ज्यादा काम स्वीकृत कर गौठानों को आजीविका केन्द्रों के रूप में विकसित किया जाए, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान महुआ जैसी लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था वन समितियों और स्व-सहायता समूहों के माध्यम से की गई है। यदि व्यापारी समर्थन मूल्य से ज्यादा कीमत पर लघु वनोपज खरीदने के इच्छुक है तो उन्हें नहीं रोका जाए। उन्हें ट्रांसपोटिंग की अनुमति भी दी जाए, जिससे वनवासियों को वनोपजों का अच्छा मूल्य प्राप्त हो सके। श्री बघेल ने गर्मी के मौसम को देखतेे हुए पूरे प्रदेश में हैण्ड पंपों की मरम्मत के लिए अभियान चलाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि हैण्ड पंपों के स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खोलने की अनुमति भी दी जाए।
श्री बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में जिला प्रशासन के साथ सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों, समाज सेवी संगठनों के सहयोग से अच्छी व्यवस्था की गई है, जिससे छत्तीसगढ़ की पूरे देश में नयी पहचान बनी है। देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा है। उन्होंने सुचारू व्यवस्था के लिए सभी लोगों को धन्यवाद दिया। श्री बघेल ने कहा कि अधिकारी-कर्मचारी और इस काम लगे सभी लोग अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सेवा भाव से काम करें। उन्होंने हर ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्रों में ऐसे लोगों को, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर राशन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बाहर से जो लोग गांवों में आ रहे हैं, उनकी रहने और खाने की व्यवस्था गांवों के बाहर कराने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
कोरबा जिले की समीक्षा के दौरान कलेक्टर और एसपी ने बताया कि कटघोरा में सेनेटाईजेशन पर फोकस किया गया है। पूरे क्षेत्र में वाहनों और बाईक के माध्यम से पुलिस पेट्रोलिंग की जा रही है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से निगरानी की व्यवस्था की गई है। पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों को मास्क, सेनेटाईजर, पीपीई किट उपलब्ध कराए गए हैं। नजदीक के गांवों की सीमा पर बेरिकेटिंग की गई है। ड्यूटी पर तैनात जवानों की लोकेशन की मॉनिटरिंग गूगल मैप के माध्यम से की जा रही है। लोगों को घर पहुंचाकर राशन की सप्लाई की जा रही है। श्री बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिला कलेक्टरों से कहा कि छत्तीसगढ़ के मजदूर जो दूसरे राज्यों में फंसे है, उनके लिए उस राज्य के प्रशासन के साथ बात कर सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
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लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग लोगों
के लिए होगा सुविधाजनक
डेढ़ सौ रूपए की खरीदी पर नहीं लगेगा डिलीवरी शुल्क
शीघ्र ही यह सेवा अन्य सामग्रियों जैसे दूध, किराना सामान, कपड़े, शहद, वनोपज, अण्डे आदि के लिए भी होगी उपलब्ध
लॉकडाउन की अवधि में लोगों को फल-सब्जी घर बैठे ही आसानी से उपलब्ध हो सके इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में फल-सब्जी ऑनलाइन डिलीवरी वेबसाइट सीजीहाट का किया लोकार्पण किया। लोकार्पण के मौके पर कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ आलोक शुक्ला और मुख्यमंत्री की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया उपस्थित थीं।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। लॉकडाउन की अवधि में फल-सब्जी आदि की दुकानें खुली रखने की अनुमति दी गई है फिर भी फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए यह अच्छा होगा कि फल एवं सब्जी की घर पहुंच सेवा ऑनलाइन आर्डर करने पर लोगों को मिल सके। इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन की एजेंसी चिप्स द्वारा फल एवं सब्जी घर बैठे ऑनलाइन आर्डर करने और फल तथा सब्जी की घर पहुंच सेवा देने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल बनाया है जिसे सीजीहाट नाम दिया गया है जो http://cghaat.in पर उपलब्ध है। फल-सब्जी के वेंडर जो इस पोर्टल के माध्यम से सेवा देना चाहते हैं, वे इस पर ऑनलाइन अपना पंजीयन कर सकते हैं। कलेक्टर द्वारा उनका अनुमोदन होते ही वे इस पोर्टल के माध्यम से आर्डर प्राप्त करना तथा घर पहुंच सेवा देना प्रारंभ कर सकते हैं। वेडरों के लिए यह सुविधा निःशुल्क प्रदाय की जा रही है।
फल-सब्जी खरीदने के इच्छुक ग्राहक इस पोर्टल पर पंजीयन करके अपने पसंद के वेंडर को ऑनलाइन आर्डर दे सकते हैं। ग्राहकों के लिए भी पंजीयन निःशुल्क है। फल एवं सब्जी का मूल्य ग्राहकोें को ऑनलाइन दिखाई पड़ेगा, 150 रूपए से अधिक मूल्य की खरीदी पर कोई डिलीवरी शुल्क भी नहीं लगेगा। वेबसाइट में एसएमएस नोटिफिकेशन तथा आर्डर ट्रैकिंग की व्यवस्था भी की गई है। इसके अतिरिक्त किसी प्रकार की शिकायत होने पर ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करा सकेंगे। वर्तमान में इसकी सेवाएं रायपुर शहर में उपलब्ध हैं, परन्तु 1-2 दिन के भीतर प्रदेश के सभी बड़े शहरों में इस ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी। शीघ्र ही यह सेवा अन्य सामग्रियों जैसे दूध, किराना सामान, कपड़े, शहद, वनोपज, अण्डे आदि के लिए भी उपलब्ध होगी। -
कहा राज्य सरकारें सीमित संसाधनों से कोरोना का मुकाबला कर रही है, केन्द्र सरकार ने क्या किया
प्रधानमंत्री ने सारी जिम्मेदारी देशवासियों पर डाल दी और किसी बड़े ऐलान, कोई आर्थिक पैकेज, बेरोजगारों के लिए राहत की घोषणा नही की
डाॅ. रमन सिंह की चिट्ठी का जबाव देते हुए पूछे कई प्रश्न: केन्द्र सरकार की भूमिका पर उठाए सवालरायपुर, 15 अप्रैल 2020/ मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रूचिर गर्ग ने आज पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह को पत्र लिखकर उनकी मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी का जबाव देते हुए कुछ डाॅ. रमन सिंह से कुछ प्रश्न पूछे है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है ...सम्माननीय डॉ. रमन सिंह जी,सादर अभिवादन,मैं सबसे पहले आपके व आपके परिवार के उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूँ।माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के देश को संबोधन के बाद छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी के नाम आपका एक पत्र पढ़ने को मिला।आपका पत्र इस अंदाज में आया है मानो छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना से निबटने के लिए अब तक कुछ किया नहीं, अब आपने चंद सुझाव दे दिए और शासन को अब काम शुरू कर देना चाहिए!अफसोस इस बात का भी है कि आपके पत्र की शैली भी सामंती किस्म का आभास देती है। छत्तीसगढ़ के एक आम किसान परिवार से आने वाले मुख्यमंत्री को लिखी गई चिट्ठी का यह अंदाज आम छत्तीसगढ़िया को तो खटकेगा डॉ. रमन सिंह जी!यह पत्र एक संकट के समय आया है। आप खुद देख रहे हैं कि कोरोना के खिलाफ देश भर में राज्य सरकारें, अपने ही संसाधनों से मजबूती से मोर्चा संभाले हुए हैं। छत्तीसगढ़ भी उनमें से एक है।केंद्र सरकार से इस संकट के समय सहायता की सहज अपेक्षा थी, पर वो तो नहीं मिल रही है। मंगलवार को प्रधानमंत्री जी के संबोधन ने भी निराश ही किया।इस बार भी उन्होंने सारी जिम्मेदारी देशवासियों पर डाल दी और किसी बड़े ऐलान, राज्यों के लिए कोई आर्थिक पैकेज, सबसे ज्यादा संकटग्रस्त गरीब नागरिकों या बेरोजगारों के लिए राहत की कोई घोषणा जैसी उम्मीद लगाए बैठे देशवासियों को निराश किया। इस अवसर पर वे लोगों को बता सकते थे कि देश में कोरोना से लड़ने की कैसी तैयारियां सरकार की ओर से की गई हैं, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया।जिस समय छत्तीसगढ़ सरकार और अन्य राज्य सरकारें अपने सीमित संसाधनों से कोरोना का मुकाबला कर रहीं हैं उस समय केंद्र सरकार ने क्या किया? मुख्यमंत्री राहत कोष या कोरोना वायरस के लिए राज्य राहत कोष में दिए जाने वाले दान को मौजूदा नियमों का हवाला देते हुए कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी में शामिल नहीं माना। ऐसा क्या सिर्फ इसलिए कि लोग ‘पीएम केयर्स’ में दान देते रहें और राज्य सरकारें दानदाताओं को तरसें?संकट के इस समय में बड़े उद्योगपति, व्यावसायिक घराने राज्य सरकारों की बड़ी मदद कर सकते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि सभी को ‘निर्देश’ हैं कि वे सिर्फ पीएम केयर्स में ही दान दें।और तो और राज्य की जनता की ओर से चुने गए भारतीय जनता पार्टी के सांसदों तक ने अपने एमपीलैड का धन राज्य सरकार के सहायता कोष में देने से परहेज किया।आप भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। बतौर नागरिक आप से आग्रह है कि आप केंद्र सरकार को इस बात के लिए राजी करें कि मुख्यमंत्री सहायता कोष या राज्य राहत कोष में दिए जाने वाले दान को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी में शामिल किया जाए। इससे बड़े उद्योगपति या व्यावसायिक घराने राज्यों की ओर भी मदद का हाथ बढ़ाएंगे।आज जीएसटी की क्षतिपूर्ति, केंद्र के नियमित आबंटन, योजनाओं में केंद्र का हिस्सा जैसी मदद तो मांगने की नौबत ही नहीं आनी चाहिए थी, ऊपर से दानदाता भी राज्यों से दूर रहें तो यह तो अन्याय ही है। राज्य बचेंगे तभी तो देश बचेगा।अपनी चिट्ठी में आपने राज्य सरकार को बहुत से कदम उठाने की सलाह दी है।छत्तीसगढ़ ने तो केंद्र द्वारा घोषित लॉक डाउन से पहले ही एहतियात बरतना शुरू कर दिया था और अपने ही संसाधनों से इस आपदा के ठोस प्रबंधन के उपाय करने शुरू कर दिए थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों और अधिकारियों की प्रतिबद्ध टीम के साथ कोरोना प्रबंधन की खुद ही निगरानी करते हैं और उसके नतीजे भी सामने हैं।आपने 15 वर्षों तक राज्य का नेतृत्व किया है. आप प्रदेश के संसाधनों को ठीक तरह से जानते हैं. आपसे अपेक्षा है कि आप भी इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार से कहेंगे कि वह छत्तीसगढ़ की जनता की भलाई के लिए कुछ सहायता उपलब्ध करवाए।सादर!भवदीयरुचिर गर्ग
प्रतिमाननीय डाॅ. रमन सिंह जी,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भाजपा एवंपूर्व मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़रायपुर
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कोरोनावयारस के खतरे के मद्देनजर 25 मार्च से 14 अप्रैल तक चलने वाला 21 दिन का लॉकडाउन अब 3 मई तक चलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इसका ऐलान किया था. आज बुधवार को गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके मुताबिक, न तो विमानें उड़ेंगी और न ही मेट्रो,ट्रेन या बस चलेंगे . पहले से जिन्हें छूट मिली है, हालांकि, ट्रेनों से पार्सल जारी रहेगा. गृह मंत्रालय की ओर से चीफ सेक्रेट्री और प्रशासनिक अधिकारियों को भेजे गए गाइडलाइन में कहा गया है कि कृषि से जुड़े कामों की इजाजत दी गई है. औद्योगिक गतिविधियों पर रोक जारी रहेगी. सभी तरह के परिवहन सेवाओं पर रोक रहेगी. स्कूल-कॉलेज भी बंद रहेंगे.
इन चीजों पर तीन मई तक पाबंदी- बस, मेट्रो, हवाई और ट्रेन सफर नहीं किया जा सकेगा- स्कूल,कॉलेज और कोचिंग सेंटर भी बंद ही रहेंगे- शादी ब्याह के समारोह समेत जिम, मॉल, सिनेमा हॉल, थियेटर, बार ,पार्क, पुल, और धार्मिक स्थान बंद रहेंगे- सामाजिक, राजनीतिक और खेल आयोजन पर भी रोक रहेगी- इन कामों में रियायतजनता की तकलीफ कम करने के लिए इस गाइडलाइन के मुताबिक 20 अप्रैल से कई गतिविधियों पर छूट मिलेगी. गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस के अनुसार, मनरेगा के सभी कार्यों को भी अनुमति, कृषि संबंधी सभी गतिविधियां, फिशरीज़ से जुड़ी चुनिंदा गतिविधियां, पशुपालन से जुड़ी चुनिंदा गतिविधियां, बैंकिंग गतिविधियां, सभी अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम, महिलाश्रम, विधवाश्रम आदि ऑनलाइन शिक्षण, जरूरी सामानों की आवाजाही, प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी तथा और इससे संबंधित सेवाएं, ई-कॉमर्स कंपनियां, कुरियर सर्विस, कोल्ड स्टोरेज, प्राइवेट सिक्योरिटी सर्विस, होटल, लॉज आदि चीजों में छूट मिलेगी.इमरजेंसी में वाहनों को शर्तों के साथ इजाजत- इमरजेंसी के हालात में फोर वीलर में ड्राइवर के अलावा केवल एक ही रहेगा- दुपहिया पर सिर्फ एक ही शख्स यानी उसका चालक सवार हो सकता है, उल्लंघन करने पर जुर्माना- कोई शख्स क्वारंटीन किया गया है मगर नियमों का उल्लंघन करता है तो आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी- तेल और गैस सेक्टर का ऑपरेशन चलता रहेगा, इनसे जुड़ीं ट्रांसपोर्टेशन, डिस्ट्रिब्यूशन, स्टोरेज और रिटेल से जुड़ी गतिविधियां चलती रहेंगी-गुड्स/कार्गो के लोडिंग-अनलोडिंग के काम को छूट-जरूरी सामानों जैसे पेट्रोलियम और एलपीजी प्रोडक्ट्स, दवाओं, खाद्य सामग्रियों के ट्रांसपोर्टेशन को इजाजत रहेगी-सभी ट्रकों और गुड्स/कैरियर वीइकल्स को छूट रहेगी, एक ट्रक में 2 ड्राइवरों और एक हेल्पर को इजाजत- इस बार ट्रकों के मरम्मत की दुकानों को भी छूट, हाईवेज पर ढाबे भी खुले रहेंगे ताकि ट्रक चालकों को दिक्कत न हो-रेलवे की मालगाड़ियों को छूट बरकरार- सभी जरूरी सामानों की सप्लाई चेन को इजाजत- किराना की दुकानों, राशन की दुकानों, फल, सब्जी, मीट, मछली, पोल्ट्री, खाद्यान्न, डेयरी और मिल्क बूथ, मवेशियों के चारे की दुकानों को छूट बरकरार- प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को छूट, डीटीएच और केबल सर्विस को भी छूट-आईटी से जुड़ी कंपनियों को वर्कफोर्स के 50 प्रतिशत स्ट्रेंथ के साथ काम करने की इजाजत (जोखिम वाले क्षेत्रों के रूप चिह्नित इलाकों में नहीं)- ई-कॉमर्स कंपनियों की गतिविधियों, इनके ऑपरेटरों की गाड़ियों को छूट, इसके लिए इजाजत लेनी होगी- सरकारी काम में लगीं डेटा और कॉल सेंटर सर्विसेज को इजाजत-प्राइवेट सिक्यॉरिटी सर्विसेज को इजाजतदाह संस्कार में 20 लोगों से ज्यादा की अनुमति नहीं रहेगी. -
लाॅकडाउन के कारण अपने कार्यालय कक्ष में बाबा साहब के चित्र पर किया माल्यार्पण
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भारत के संविधान निर्माता, महान समाज सुधारक, भारत रत्न डाॅ. भीमराव अम्बेडकर को आज उनकी 129वीं जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। कोविड-19 के बचाव और रोकथाम के लिए लागू लाॅकडाउन के कारण मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने निवास कार्यालय कक्ष में संविधान निर्माता बाबा साहब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और भारत के संविधान निर्माण और समता मूलक समाज के निर्माण, समाज के कमजोर वर्गाें और महिला सशक्तिकरण में उनके योगदान को याद किया।
उन्होंने बाबा साहब द्वारा कमजोर तबकों की शिक्षा, स्वावलंबन और सम्मान की स्थापना के लिए किए गए प्रयासों को और अधिक विस्तार देने का संकल्प दोहराया।
श्री बघेल ने संविधान निर्माता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर कल प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में बाबा साहब के लाखों अनुयायी बाबा साहब का जन्मदिन उत्साह और श्रद्धा से मनाते हैं। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को देखते हुए सभी लाॅकडाउन का पालन करें और घर पर बाबा साहब का जन्मदिन मनाएं। यह बाबा साहब को हमारी सच्ची पुष्पांजलि होगी।
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भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का मामला लगातार बढ़ रहा है। देश में पिछले 24 घंटे में 1211 मामले सामने आने के बाद कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 10363 हो गई है। वहीं, पिछले 24 घंटे में कोरोना से 31 लोगों की मौत हुई है, जिससे कोविड-19 महामारी से मरने वालों का आंकड़ा 339 पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के कुल 10363 मामलों में से 8988 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा, 1035 लोग पूरी तरह से ठीक हो गए हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस से सर्वाधिक 160 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 2711 हो गई है। तो चलिए जानते हैं किस राज्य में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति....
महाराष्ट्र: देश में सबसे अधिक कोरोना की मार महाराष्ट्र में देखने को मिल रही है। महाराष्ट्र में कुल 2711 पॉजिटिव केस कोरोना वायरस के मिल चुके हैं। कोरोना के इन कुल केसों में से 2334 केस एक्टिव हैं और 217 लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें छुट्टी दे दी गई है। इस राज्य में अब तक सबसे अधिक 160 लोगों की जान जा चुकी है।दिल्ली: दिल्ली में लगातार कोरोना के संक्रमण का मामला बढ़ रहा है। राजधानी में कोरोना वायरस का मामला 1500 पार कर गया है। यहां अब तक 1568 मामलों में 1510 एक्टिव केस हैं। कोविड-19 महामारी से जहां 28 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 30 लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।तमिलनाडु: तमिलनाडु में भी कोरोना वायरस के मरीजों का 1200 पार कर गया है। इस राज्य में कोरोना वायरस के 1242 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से से 1173 केस एक्टिव हैं। यहां इस महामारी से 11 की मौत भी हो चुकी है और 58 पूरी तरह से ठीक भी हो चुके हैं।केरल: केरल में कोरोना वायरस के पॉजिटिव केसों की संख्या 580 है। इनमें से एक्टिव केसों की संख्या 379 है और 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 198 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं।आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस के अब तक 450 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 11 लोगों का इलाज हो गया है और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। यहां 7की मौत भी हुई है।अंडमान-निकोबार: यहां कोरोना वायरस के अब तक 21 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 10 ठीक हो चुके हैं।अरुणाचल प्रदेश: यहां एक मामला सामने आया है।असम: असम में कोरोना संक्रमण के 32 मामले दर्ज किए गए हैं और इनमें से एक की मौत हो चुकी है।बिहार: कोरोना वायरस के बिहार में अब तक 92 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, बिहार में कोरोना वायरस से एक की मौत भी हो चुकी है।चंडीगढ़: केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण के 28 केस सामने आए हैं।छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के अब तक 41 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 10 लोग ठीक हो चुके हैं।गोवा: गोवा में कोरोना वायरस से फैली महामारी कोविड-19 के 12 पॉजिटिव केस सामने आए हैं।गुजरात: गुजरात में कोरोना वायरस के अब तक 619 मामले सामने आ चुके हैं। गुजरात में कोरोना से 26 लोगों की मौत हो चुकी है और 54 लोग या तो स्वस्थ हो चुके हैं या फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।हरियाणा: यहां कोरोना वायरस के 217 केस सामने आए हैं, जिनमें से 29 लोग या तो स्वस्थ हो चुके हैं या फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। यहां 3 लोगों की मौत हो चुकी है।हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के 46 मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है।जम्मू और कश्मीर: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कोरोना के 290 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 4 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 16 लोग इस बीमारी से उबर चुके हैं।कर्नाटक: कर्नाटक में कोरोना वायरस के 312 पॉजिटिव केस दर्ज किए गए हैं। यहां इस बीमारी से 6 लोगों की मौत भी हो चुकी है 59 लोग ठीक हो चुके हैं।लद्दाख: लद्दाख में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। इनमें से 10 ठीक हो चुके हैं।मध्य प्रदेश: यहां कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 691 हो गई है, जिनमें से 43 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इसके अलावा, 44 लोग ठीक हो चुके हैं।मणिपुर: इस राज्य में कोरोना वायरस का अब तक 3 मामले सामने आए हैं।मिजोरम: यहां भी कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या अभी एक ही है।नागालैंड: यहां कोरोना का एक मामला सामने आ गया है।ओडिशा: ओडिशा में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 67 है। यहां एक की मौत हो चुकी है।पुडुचेरी: इस राज्य में कोरोना वायरस का अब तक 8 केस सामने आया है।पंजाब: पंजाब में कोरोना वायरस के संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 192 हो गई है। इनमें से जहां 11 की मौत हो चुकी है, वहीं 14 का इलाज कर दिया गया है।राजस्थान: यहां कोरोना वायरस के अब तक 897 मामले सामने आ चुके हैं। यहां 3 मौत का मामला सामने आया है, वहीं 21 लोग ठीक हो चुके हैं।तेलंगाना: तेलंगाना में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 678 हो चुकी है। इनमें से 16 की मौत और 100 के ठीक होने का आंकड़ा भी शामिल है।त्रिपुरा: यहां 2 मामले सामने आए हैं।उत्तराखंड: उत्तराखंड में कोरोना वायरस के अब तक 40 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 5 पूरी तरह से ठीक हैं।उत्तर प्रदेश: यूपी में कोरोना वायरस के 612 केस आ चुके हैं। हालांकि, इनमें से 49 लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं और 5 लोगों की मौत हो चुकी है।पश्चिम बंगाल: बंगाल में कोरोना वायरस के अब तक 233 संक्रमित मामले सामने आए हैं, जिनमें से 7 की मौत हो चुकी है।झारखंड: इस राज्य में अब तक इसके 26 मरीज सामने आए हैं, जिनमें 2 की मौत भी हो गई है।एजेंसी -
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में मास्क की अनिवार्यता होने के बाद अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मास्क वाला डीपी लगाकर लोगों को जागरूक करने की पहल की है। अब तक 17 हजार से अधिक लोगों ने फेसबुक पर इसे पंसद किया है। श्री बघेल ने इस डीपी के साथ अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को घर से बाहर सार्वजनिक स्थानों में निकलते समय मास्क पहनना अनिवार्य है। चिकित्सकीय विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार कोविड-19 की रोकथाम और बचाव के लिए मास्क फेस कव्हर पहना आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को अब घर से बाहर सार्वजनिक स्थानों में निकलते समय मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इस माह की 11 तारीख को मंत्रालय महानदी भवन से इस आशय का आदेश जारी किया गया है। चिकित्सकीय विशेषज्ञों द्वारा कोविड-19 के रोकथाम एवं बचाव के लिए प्रत्येक व्यक्ति को मास्क-फेस कवर पहनना आवश्यक बताया गया है। यह एपिडेमिक एक्ट 1897 एवं छत्तीसगढ़ एपिडेमिक डीसीजेज कोविड-19 विनियम 2020 तथा छत्तीसगढ़ पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949 की धारा 71 (1) के तहत अनिवार्य किया गया है। बिना मास्क-फेस कवर के घर से बाहर सार्वजनिक स्थानों पर जाना इसका उल्लंघन माना जाएगा और तदनुसार विधिक कार्यवाही की जाएगी।आदेश में कहा गया है कि बाजार में मिलने वाले ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग किया जा सकता है अथवा होम मेड तीन परतों वाला फेस कवर बनाया जा सकता है। इस होम मेड मास्क-फेस कवर को साबुन से सफाई से धोकर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है। मास्क और फेस कवर उपलब्ध ना होने की स्थिति में गमछा, रूमाल, टुपट्टा आदि का भी उपयोग फेस कवर के रूप में किया जा सकता है। बशर्ते मास्क-फेस कवर पूर्ण रूप से मुंह एवं नाक को ढकने में सक्षम हो। कभी भी उपयोग में लाया हुआ फेस कवर मुंह, नाक ढकने में प्रयुक्त होने वाला गमछा आदि का पुनः प्रयोग बिना साबुन से अच्छी तरह साफ किए नहीं किया जाना चाहिए। -
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंत्रीगणों के साथ की विभागीय कार्यों की समीक्षामुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां मुख्यमंत्री निवास में मंत्रीगणों और अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मंत्रिपरिषद के सदस्य और अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉक डाउन बढ़ाने के मद्देनजर विभिन्न विभागों के कार्यो की समीक्षा की गई।श्री बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के संबंध में सभी मंत्रियों से महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं। भारत सरकार की गाइड-लाइन के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए पृथक से आदेश जारी किए जाएंगे, तथा इन आदेशों का कड़ाई से पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के उपायों को लागू करने में सभी मंत्रीगणों के नेतृत्व में अधिकारियों-कर्मचारियों में टीम भावना के साथ सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने बैठक में प्रदेश में कोरोना टेस्टिंग किट, मास्क, पीपीई किट, ग्लब्स, सेनेटाईजर, वेन्टिलेटर की उपलब्धता, आइसोलेशन वार्ड, क्वारेनटाइन सेंटर, डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करने, कृषि से जुड़ी तैयारियों, पेयजल की स्थिति आदि व्यवस्थाओं की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए।श्री बघेल ने महिलाओं एवं बच्चों को पूरक पोषण आहार, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत सूखा राशन, राशनकार्ड धारियों को दो माह का खाद्यान्न वितरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों की उचित मूल्य दुकानों में बरसात के लिए राशन का भण्डारण सुरक्षा के साथ कर लिया जाए। कृषि के लिए खाद एवं बीज की उपलब्धता, जरूरतमंदों, बेसहारा लोगों, श्रमिकों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था, गर्मियों में पेयजल की व्यवस्था, तेन्दूपत्ता तोड़ाई की तैयारियों, निराश्रितों, विकलांगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के वितरण सहित विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में सोशल डिस्टेसिंग का ध्यान रख काम कराया जाए। उन्होंने ऐसे उद्योगों की जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए, जिसमें कम श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है तथा जिनके रहने, खाने और रूकने की व्यवस्था वहीं की जा सके। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के समान उच्च शिक्षा विभाग को स्नातक, स्नातकोत्तर की कक्षाओं में ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में जानकारी दी गई कि इंजीनियरिंग कॉलेज और आईटीआई में ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण रोकने और बचावों के उपायों के अमल में सभी मंत्रियों, सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों ने टीम भावना के साथ काम किया है। इसी का यह परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में अब तक कोई दिक्कत नहीं आई है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर चुनौती है, जिसका सामना करने के लिए सभी विभाग एक साथ काम कर रहे हैं। यह एक लंबी लड़ाई है, जिसे सबको मिलकर लड़ना होगा। लंबी लड़ाई के लिए हमें तैयारी करनी है। कोरोना से बचाव और रोकथाम के उपायों को रोज की आदतों में शामिल करना होगा। सोशल डिस्टेसिंग की जगह फिजिकल डिस्टेसिंग को महत्व देना होगा।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अभी तक लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ में सरगुजा-बलरामपुर से लेकर सुकमा और दंतेवाड़ा तक एकरूपता के साथ काम किया गया, जिसके कारण हमें सफलता मिली। मंत्रियों से लेकर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को जारी किए गए आदेश और गाइड-लाइन में एकरूपता रही और सभी ने इसका कड़ाई से पालन किया। सभी मंत्रीगण, अधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र है। श्री बघेल ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि सचिव स्तर के सभी अधिकारी गाइड-लाइन को ध्यान में रखकर अपने निवास में कैम्प कार्यालय के माध्यम से कार्य सम्पादित करें। नस्तियों का मुवमेंट नियमानुसार करें।वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ली गई, इस बैठक में सभी मंत्रीगणों सहित मुख्य सचिव श्री आर पी मंडल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती मनिंदर कौर द्विवेदी, खाद्य सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह, नगरीय विभाग विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी., खनिज विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., उप सचिव श्रीमती सौम्या चौरसिया सहित विभिन्न विभागों के सचिव भी उपस्थित थे।
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रायपुर : प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संकट के बीच समाज के सक्षम वर्ग के लोगों से दान करने की अपील की है. सीएम बघेल ने कहा की यह संकट का समय है। सरकार जो कुछ कर सकती है, कर रही है। लेकिन बहुत कुछ और है जो किया जा सकता है। प्रदेश के बहुत से सुधिजनों ने ग़रीब और ज़रुरतमंदों की सहायता करने की इच्छा जताई है। मैं समाज के सक्षम वर्ग से इस संकट के समय में दान की अपील करता हूं।प्रदेश में कोरोना की स्थिति-प्रारंभिक 10 कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों में से 9 पहले ही डिस्चार्ज हो चुके थे जबकि शेष भर्ती 16 वर्षीय युवक पूर्णतः स्वस्थ होने के बाद आज डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। इस प्रकार सभी प्रारंभिक 10 मरीज सही हो चुके हैं।
2 दिन पहले आए 8 मरीजों का इलाज भी जारी है। -
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर कोरोना से बचाव के लिए लागू लॉक डाउन के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी कान्फ्रेंस में शामिल हुए।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह खाद्य सचिव श्री कमलप्रीत सिंह इस अवसर पर उपस्थित थे।
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जांच की क्षमता बढ़ाने आवश्यक मशीनों और नए लैब की
अनुमति प्रदान करने का किया अनुरोध
कोविड-19 से निपटने छत्तीसगढ़ की व्यवस्थाओं की दी जानकारी
रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव आज केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए। डॉ. हर्ष वर्धन सभी प्रदेशों में कोविड-19 के नियंत्रण एवं रोकथाम की व्यवस्था की जानकारी ले रहे थे। श्री सिंहदेव ने उन्हें इस संबंध में प्रदेश में की गई व्यवस्थाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने भारत सरकार से पर्याप्त संसाधन और सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की।
स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डॉ. हर्ष वर्धन को बताया कि छत्तीसगढ़ द्वारा भारत सरकार से मांगी गई सामग्री की तुलना में बहुत कम समानों की आपूर्ति हुई है। उन्होंने प्रदेश की जरूरत के मुताबिक पीपीई, मास्क एवं अन्य संसाधन जल्द से जल्द मुहैया कराने का अनुरोध किया। उन्होंने एम्स रायपुर में कोरोना वायरस जांच की क्षमता बढ़ाने ऑटोमेटेड डीएनए-आरएनए एक्सट्रैक्शन सिस्टम (Automated DNA-RNA Extraction Machine) सहित अन्य आवश्यक मशीनें उपलब्ध कराने कहा। इससे वहां जांच की क्षमता दुगुनी हो जाएगी। उन्होंने रायपुर मेडिकल कॉलेज के साथ ही अंबिकापुर और रायगढ़ मेडिकल कॉलेज में भी इसकी जांच की अनुमति प्रदान करने कहा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बताया गया कि छत्तीसगढ़ और झारखंड में कोरोना वायरस टेस्ट के लिए नए लैबों की अनुमति एम्स रायपुर द्वारा दी जाएगी। श्री सिंहदेव ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को प्रदेश में कोविड-19 पीड़ित नौ मरीजों के पूरी तरह स्वस्थ होने की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में यहां कोरोना वायरस से संक्रमित नौ लोग हैं जिनका एम्स में इलाज चल रहा है। -
खाद्य मंत्री ने नापतौल विभाग के अधिकारियों की बैठक में दिए निर्देशरायपुर : खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत ने आज नापतौल विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर नापतौल में गड़बड़ी करने वाले और निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत पर सामान बेचने वाले दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। श्री भगत ने दुकानों के सामने में आवश्यक वस्तुओं की मूल्य सूची प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य के पेट्रोल पम्पों, उचित मूल्य की दुकानों सहित अन्य सभी दुकानों में सामग्रियों की वजन और कीमत की जांच के लिए प्रदेश भर में सघन अभियान चलाया जाए। लॉकडाउन के दौरान देश की जनता को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए।
श्री भगत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों को सही कीमत पर गुणवत्तापूर्ण सामग्री जरूरत के मुताबिक मिले, इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। श्री भगत ने कहा कि राज्य की उचित मूल्य की दुकानों सहित अन्य दुकानों में नापतौल की गड़बड़ी एवं ज्यादा मूल्य पर सामान बेचने की शिकायतें मिली है। उन्होंने बैठक में राज्य के कई जिलों के खाद्य एवं नापतौल विभाग के अधिकारियों से दूरभाष पर अनियमितता की जानकारी ली और आवश्यक कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए। श्री भगत ने पैकेट में बिकने वाले सामग्रियों दूध, बिस्कुट, खाद्य तेल एवं अन्य खाद्य वस्तुओं के पैकेट में अंकित मूल्य और उसका वजन के जांच करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। श्री भगत ने अधिकारियों को प्रतिदिन की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में खाद्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, अपर संचालक श्री अजय अग्रवाल, नापतौल विभाग के डिप्टी कन्ट्रोलर श्री बी.आर. सिदार, असिस्टेंट कन्ट्रोलर एस.एस. राय सहित अन्य अधिकारी माजूद थे।