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रायपुर : नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण छत्तीसगढ़ के बाहर अन्य राज्यों में फंसे प्रदेश के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को लगतार वापसी जारी हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल एवं निर्देशन पर राज्य एवं राज्य के बाहर फंसे लगभग 3 लाख लोगों को त्वरित राहत पहुंचाई गई है। साथ ही प्रदेश के श्रमिकों को वापस लाने के लिए राज्य सरकारों से समन्वय कर 45 ट्रेनों की सहमति प्रदान की गई हैं। श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा प्रवासी श्रमिकों को वापस छत्तीसगढ़ लाने के लिए स्पेशल ट्रेन के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को श्रमिकों के यात्रा व्यय के लिए आवश्यक राशि का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में 34 हजार 284 यात्रियों को 23 ट्रेनों से वापस लाने के लिए एक करोड़ 99 लाख 58 हजार 360 रूपए का भुगतान किया गया है।
राज्य सरकार इसके अलावा लॉकडाउन के कारण श्रमिकों एवं अन्य लोगों को जो छत्तीसगढ़ राज्य के सीमाओं पर पहुंच रहे है एवं राज्य की ओर से गुजरने वाले सभी श्रमिकों के लिए नाश्ता, भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था ने श्रमिकों कोे काफी राहत पहुंचा रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ के सभी सीमाओं पर पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को, चाहें वो किसी भी राज्य के हो, उन्हें छत्तीसगढ़ का मेहमान मान कर शासन-प्रशासन के लोग उनके हरसंभव मदद कर रहे है।
मंत्री डॉ. डहरिया ने बताया कि लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण देश के अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के 2 लाख 51 हजार 867 श्रमिक तथा 22 हजार 168 अन्य लोगों इस तरह कुल 2 लाख 73 हजार 935 लोगों ने अब तक वापस अपने गृहग्राम आने के लिए राज्य शासन द्वारा जारी लिंक के माध्यम से ऑनलाईन पंजीयन करवाया है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा अन्य प्रदेशों में छत्तीसगढ़ के संकटापन्न प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए लगभग 45 ट्रेनों की सहमति राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गई है। भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा 34 हजार 284 श्रमिकों को छत्तीसगढ़ वापस लाने 23 ट्रेनों के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को लगभग 2 करोड़ का भुगतान किया गया है। अब तक 15 ट्रेनों के माध्यम से लगभग 22 हजार प्रवासी श्रमिकों को वापस लाया जा चुका है। वाहन एवं अन्य माध्यमों से अन्य राज्यों में फंसे लगभग 83 हजार 172 श्रमिक सकुशल अपने गृहग्राम लौट चुके है। छत्तीसगढ़ में अन्य राज्यों के फंसे हुए लगभग 30 हजार से अधिक श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजा गया है। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के भीतर ही 11 हजार से अधिक श्रमिकों को एक जिले से अपने गृह जिला तक पहुंचाया गया है।
छत्तीसगढ़ के 2 लाख 51 हजार 867 प्रवासी श्रमिक सहित तीन लाख से अधिक लोगों को जो देश के अन्य राज्यों में होने की सूचना मिलने पर उनके द्वारा बतायी गई समस्याओं का त्वरित निदान करते हुए उनके लिए भोजन, राशन, नगद, नियोजकों से वेतन तथा रहने एवं चिकित्सा आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर (राशन एवं नगद) आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश के 26 हजार 102 श्रमिकों को 36 करोड़ रूपए बकाया वेतन का भुगतान कराया गया है। लॉकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 98 हजार श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वहीं छोटे-बड़े 1246 कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है। -
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर रेडी टू ईट की सामग्री और सूखा राशन वितरित करने तथा कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों की जानकारी देकर लोगों को जागरूक करने के काम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के नये मरीज मिल रहे हैं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पुनः घर-घर भेजकर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए और संदिग्ध मरीज मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से ऐसे मरीजों की स्वास्थ्य की जांच करायी जाए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय पर आयोजित महिला और बाल विकास विभाग तथा समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, समाज कल्याण विभाग के सचिव श्री आर. प्रसन्ना, संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग श्री जनमेजय महोबे और संचालक समाज कल्याण श्री पी. दयानंद उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ में शुरू किए गए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इस अभियान के परिणाम स्वरूप प्रदेश के 62 हजार 617 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लॉकडाउन अवधि के सुरक्षात्मक उपायों के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा 24 लाख 38 हजार हितग्राहियों को रेडी टू ईट और मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 3 लाख 62 हजार से अधिक हितग्राहियों को सूखा राशन घर-घर पहंुचाया जा रहा है और बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने का काम भी किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं और बच्चों को पोषण आहार पहंुचाने और लोगों को जागरूक करने के कार्य की सराहना की है।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 90 हजार से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने हितग्राहियों के घरों में जाकर सामग्री वितरण के साथ-साथ लोगों को कोरोना से बचाव के संबंध में जागरूक करने का काम किया है। बैठक में बताया गया कि बस्तर क्षेत्र में बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए अण्डा वितरण प्रारंभ किया गया है। जिसे बच्चे पसंद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए स्थानीय स्तर पर ही अण्डा लिए जाएं। इससे मुर्गी पालन से जुड़े स्थानीय लोगों को फायदा होगा। उन्होंने गौठानों में महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। श्री बघेल ने कहा कि इससे बच्चों के लिए ताजे अण्डे मिलेंगे। परिवहन का व्यय कम होगा और महिला समूहों को भी काम मिलेगा। मुख्यमंत्री ने गौठानों में मनरेगा से मुर्गी पालन के लिए शेड का निर्माण कराने और स्व सहायता समूहों को डीएमएफ तथा सीएसआर मद से सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने स्व सहायता समूहों को शहद उत्पादन से जोड़ने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ महिला कोष के माध्यम से महिला स्व सहायता समूहों और महिलाओं को मुर्गी पालन और शहद उत्पादन के लिए सहायता दी जा सकती है। बैठक में जानकारी दी गई कि लॉकडाउन के समय बच्चों को डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से घरों में ही रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने के लिए यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग से प्रारंभ किए गए सजग और चकमक अभियान में बच्चे काफी रूचि ले रहे हैं। इन कार्यक्रमों से अब तक 18 लाख बच्चे जुड़े हैं। इस अभियान में बच्चों को स्थानीय बोलियों में बालगीत, कविता, कहानियों के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस वर्ष प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को स्थानीय बुनकरों द्वारा तैयार साड़ियां वितरित की जाएंगी। प्रतिवर्ष कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को दो-दो साड़ियां यूनिफार्म के रूप में दी जाती हैं। श्री बघेल ने इस योजना के माध्यम से बुनकरों को रोजगार दिलाने के निर्देश दिए थे। बैठक में बताया गया कि लॉकडाउन के दौरान समाज कल्याण विभाग द्वारा समाज सेवी संगठनों की सहायता से प्रतिदिन लगभग 25 हजार से अधिक व्यक्तियों के लिए गर्म भोजन की व्यवस्था की गई और 27 हजार परिवारों को राशन सामग्री वितरित की गई। इसके साथ ही घुमंतू अर्द्ध विक्षिप्त और मानसिक रूप से अविकसित व्यक्तियों को सहारा देकर उनके भोजन और रहने की व्यवस्था भी विभाग द्वारा की गई। लॉकडाउन के दौरान बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके इसके लिए विभाग द्वारा संचालित विशेष स्कूलों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई करायी जा रही है। -
अहमदाबादः गुजरात में एक दलित नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के आरोप में शनिवार को महिसागर पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना बीती 15 मई की है. चारों आरोपी 16 वर्षीया पीड़िता के गांव के ही है, जिन पर आईपीसी की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार), यौन अपराधों से बच्चो का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पीड़िता के पिता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, वह कचरा डालने पास के खेत में गई थी कि तभी आरोपियों ने उसके साथ बलात्कार किया. नाबालिग ने घर आकर अपने घरवालों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद परिजन उसे पुलिस थाने ले गए और शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर चारों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया और मेडिकल जांच के लिए भेजा गया. चारों आरोपियों की उम्र 20 से 22 साल के बीच है.महिसागर (एससी/एसटी) पुलिस उपाधीक्षक धवल भट्ट ने कहा कि चारों को कोरोना जांच के लिए कोविड-19 टेस्ट सेंटर भेजा गया है. इनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. इस बीच पुलिस ने उन आरोपों से इनकार किया, जिसमें कहा जा रहा था कि थाने के इंस्पेक्टर ने सभी आरोपियों के नाम बताने से इनकार कर दिया था.
इस संबंध में एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, जिसमें पीड़िता के पिता आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस ने शुरुआत में एफआईआर दर्ज की और एक ही आरोपी को नामजद किया. इस वीडियो में पीड़िता के पिता को कहते सुना जा सकता है, ‘मेरी बेटी ने मुझे बताया कि पुलिस ने एफआईआर में चार के बजाए सिर्फ एक का ही नाम दर्ज किया है लेकिन बाद में चारों आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया और सभी के नाम एफआईआर में दर्ज किए.’
इस अधिकार क्षेत्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘कुछ भ्रम था. शुरुआत में जब पीड़िता हमारे पास आई तो उसने सिर्फ एक आरोपी का ही नाम लिया. पूछताछ करने के बाद तीन और लोगों के नाम सामने आए, जिनके नाम बाद में एफआईआर में दर्ज किए गए. इन सभी को हिरासत में ले लिया गया है. परिवार को अब कोई समस्या नहीं है और सभी संदेह दूर कर दिए गए हैं. जांच जारी है.’ -
जम्मू: भ्रष्टाचार पर कड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश सरकार ने जम्मू-कश्मीर स्टेट कॉपरेटिव बैंक का बोर्ड हटा दिया है. इस बैंक में 223 करोड़ रुपए के कर्ज घोटाले का पर्दाफाश हुआ था. जम्मू-कश्मीर स्टेट कॉपरेटिव बैंक में 223 करोड़ रुपए के घोटाले के सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. एंटी करप्शन ब्यूरो ने बैंक के चेयरमैन पद से हटाए गए मोहम्मद शफी दांत के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला भी दर्ज कर दिया है. इस मामले में कहीं निष्पक्ष एजेंसी की ओर से कराई गई जांच में सामने आया कि बैंक ने हिलाल अहमद मीर को रिवर झेलम कॉपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसायटी को बनाने के लिए 223 करोड़ रुपए का लोन मंजूर किया, जबकि जांच में पाया गया कि ऐसी कोई सोसाइटी कहीं अस्तित्व में ही नहीं थी.
गौरतलब है कि इस बैंक के पास अधिकतम एक करोड़ का ऋण देने का अधिकार है, लेकिन इसका उल्लंघन करते हुए बैंक में फर्जी सोसाइटी को 223 करोड़ रुपए का ऋण दिया. इस फर्जीवाड़े का पता चलने पर एंटी करप्शन ब्यूरो और रजिस्टार कॉपरेटिव सोसायटी ने अलग-अलग जांच शुरू की थी. सरकार ने फिलहाल हिलाल अहमद मीर द्वारा कर्ज की राशि से श्रीनगर के शिवपुरा में खरीदी गई 257 कनाल जमीन को भी अटैच कर लिया है. अब तक की जांच में खुलासा हुआ कि इस सोसाइटी ने बैंक से 300 करोड़ रुपए का ऋण लेने का आवेदन किया था.
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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भीषण आग लग गई है. इंदरगंज इलाके में सोमवार को एक मकान में आग लगी. इस हादसे में तीन बच्चों और चार महिलाओं की मौत हो गई है. अभी भी आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है. मौके पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत प्रशासन के आला-अधिकारी पहुंच गए हैं.
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नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस महामारी के पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। सोमवार (18 मई, 2020) को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 5242 नए मामलों की पुष्टि हुई है, जो एक दिन के लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इस बीच 157 लोगों की मौत की पुष्टि भी हुई है। भारत में अब कुल कोविड-19 संक्रमितों की संख्या बढ़कर 96169 हो गई है। इनमें 56316 एक्टिव केस हैं। 36834 ठीक हो चुके हैं या उन्हें छुट्टी दे दी गई है। देश में इस महामारी से मृतक की कुल संख्या अब 3029 हो चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अब तक 38.29 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हुए हैं।’ मंत्रालय ने बताया कि कुल मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। रविवार सुबह से लेकर अब तक हुई 157 मौतों में, 63 महाराष्ट्र में, 34 गुजरात में, 31 दिल्ली में, छह पश्चिम बंगाल में, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पांच-पांच, तमिलनाडु में चार, पंजाब में तीन और आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और ओडिशा में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। देश में अब तक हुई कुल 3,029 मौतों में, सबसे ज्यादा 1,198 मौत महाराष्ट्र में हुई है। इसके बाद गुजरात में 659, मध्य प्रदेश में 248, पश्चिम बंगाल में 238, दिल्ली में 160, राजस्थान में 131, उत्तर प्रदेश में 104, तमिलनाडु में 78 और आंध्र प्रदेश में 50 लोगों की मौत हुई है। -
पंजाब के रूपनगर जिले में एक डेरा प्रमुख का रविवार को शव बरामद हुआ है। पुलिस की शुरुआती जांच में पाया गया है कि डेरा प्रमुख की कथित तौर पर हत्या की गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि मार्च में लॉकडाउन शुरू होने के बाद डेरा प्रमुख श्री महा योगेश्वर महात्मा (80) यहां श्री मुनि देशम आश्रम में अकेले रहे थे। पुलिस के मुताबिक उसका एक अनुयायी रविवार को आया था और आश्रम का द्वार टूटा हुआ पाया। पुलिस ने कहा कि महात्मा की हत्या उसके कमरे में भी हुई।काठगढ़ थाना प्रभारी परमिंदर सिंह ने कहा कि शव सड़ी-गली हालत में था, जिससे यह संकेत मिलता है कि करीब हफ्ते भर पहले महात्मा की हत्या हुई होगी। पुलिस ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है। स्थानीय शिवसेना नेताओं ने हत्या पर नाराज़गी जताई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर काठगढ़ सिविल अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को शुरुआती जांच में मामला हत्या का लग रहा है। पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है। -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर लॉकडाउन में जम्मू कश्मीर में फंसे हुए छत्तीसगढ़ के श्रमिकों के लिए दो ट्रेनों की अनुमति मिल गई है। ये श्रमिक स्पेशल ट्रेन जम्मू से बिलासपुर-चांपा चलेंगी। पहली ट्रेन 20 या 21 मई को यहां पहुंचने की संभावना है इसी तरह दूसरी ट्रेन 22 या 23 मई को आएगी।
जम्मू कश्मीर में फंसे श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन की अनुमति प्रदान की थी। इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल ने 12 मई को जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर राज्य शासन के निर्णय से अवगत कराते हुए छत्तीसगढ़ के इन श्रमिकों को वापस लाने के लिए ट्रेनों के संचालन के लिए अनुमति मांगी थी जिस पर जम्मू-कश्मीर शासन से अनुमति के पश्चात् दो श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रस्तावित की गई है। -
सवेरे 5 बजे से ही मनरेगा कार्यस्थलों पर चहल-पहल
छत्तीसगढ़ में व्यापक स्तर पर शुरू किए गए मनरेगा कार्यों से ग्रामीण श्रमिक राहत में हैं। लॉक-डाउन के मौजूदा दौर में इसने न केवल उनकी रोजगार की चिंता दूर की है, बल्कि विपरीत परिस्थितियों में परिवार के भरण-पोषण के लिए आर्थिक संबल भी प्रदान किया है। सामुदायिक और व्यक्तिमूलक आजीवन संवर्धन के कार्यों के तहत जल संरक्षण, कृषि, उद्यानिकी और पशुपालन को मजबूत करने विविध परिसंपत्तियों का निर्माण किया जा रहा है। इन कार्यों में अभी सीधे रोजगार के साथ ही मनरेगा के तहत निर्मित हो रही परिसंपत्तियों से भविष्य में जीविकोपार्जन के बेहतर संसाधन मिलेंगे।
बस्तर जिले में भी मनरेगा कार्य जोरों पर है। वहां संचालित विभिन्न कार्यों में अभी 31 हजार 397 श्रमिक काम कर रहे हैं। कार्यस्थलों पर सवेरे पांच बजे से ही श्रमिकों की चहल-पहल शुरू हो जाती है। सुबह पांच से आठ बजे के बीच ये अपने-अपने हिस्से का काम खत्म कर धूप तेज होने के पहले ही घर लौट आते हैं। कोविड-19 से बचाव के लिए मजदूर मुंह ढंकने के लिए मास्क या गमछा का इस्तेमाल कर रहे हैं। परस्पर शारीरिक दूरी बनाए रखने के दिशा-निर्देशों के पालन के साथ ही सभी कार्यस्थलों पर साबुन से हाथ धुलाई की व्यवस्था की गई है।
बस्तर जिले में करीब छह हजार प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की संभावना है। इनकी क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने के बाद काम की मांग करने वालों को भी तत्काल रोजगार उपलब्ध कराने की तैयारी है। जिनके पास मनरेगा जॉब-कॉर्ड नहीं हैं, उनके नए जॉब-कॉर्ड बनाए जाएंगे। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में बस्तर जिले में मनरेगा के लिए 94 करोड़ रूपए का लेबर बजट प्रावधानित है। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में वहां मनरेगा कार्यों में 61 करोड़ रूपए से अधिक की राशि खर्च की गई है।
मनरेगा के तहत गांवों में जल संरक्षण और आजीविका संवर्धन के कार्य प्राथमिकता से स्वीकृत किए जा रहे हैं। सभी विकासखण्डों में निजी डबरी, कुआं, भूमि सुधार, मेढ़ बंधान, तालाब निर्माण, पशु शेड निर्माण, गौठान निर्माण, चारागाह निर्माण, शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण, व्यक्तिमूलक फलदार वृक्षारोपण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, हितग्राहियों के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, महिला समूह के माध्यम से नर्सरी में पौध निर्माण, सिंचाई के लिए नाली निर्माण, गांव से जल निकास के लिए नाली निर्माण, बोल्डर डेम, चेक डेम, गेबियन निर्माण तथा महिला समूह के लिए वर्क-शेड निर्माण जैसे काम कराए जा रहे हैं।
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नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज के चौथे किस्त की शनिवार को घोषणा की. इस दौरान कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये देने का एलान किया. इसके अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा विनिर्माण यानी डिफेंस प्रोडक्शन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी की जाएगी.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सही कीमत पर ज्यादा कोयला मिलेगा. कोयला क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा और निजी कंपनियों को मौका मिलेगा. निजी क्षेत्र भी कोयला खदान की नीलामी में शामिल हो सकेगा और उसे ख़रीदकर खुले बाजार में बेच सकेगा. उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन के लिए प्रतिटन शुल्क टन की व्यवस्था के बजाय राजस्व-भागीदारी व्यवस्था पेश की जाएगी. खनिज क्षेत्र में निर्बाध खोज-खनन-उत्पादन व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी. 500 ब्लॉकों की नीलामी होगी.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि रक्षा निर्माण क्षेत्र में ऑटोमेटिक रुट से 74 फीसदी विदेशी निवेश (FDI) को मंज़ूरी दी जाएगी. फिलहाल ये 49 फीसदी है. उन्होंने कहा, ''रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत की जाएगी.'' वित्त मंत्री ने कहा कि आज की घोषणा आधारभूत ढांचा के क्षेत्र में सुधार को लेकर है. शनिवार को आठ क्षेत्रों के लिए घोषणाएं की गई. रक्षा उत्पादन में जिन हथियारों के आयात पर धीरे धीरे प्रतिबंध लगाया जाएगा उन हथियारों की एक सूची जारी की जाएगी. जिन कलपुर्जों का आयात होता है उनका देश में निर्माण होगा. हथियारों को लेकर विदेशी निर्भरता कम करनी है. कुछ हथियारों का आयात कम होगा.
विमानन क्षेत्र के लिए तीन फैसले लिए गए. उन्होंने कहा कि पीपीई मॉडल से छह एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे. छह और एयरपोर्ट में निजी कंपनियों की भागीदारी के लिए नीलामी की जाएगी. 12 एयर पोर्ट्स में निजी कंपनियों से 13 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा. एयर स्पेस का विस्तार किया जाएगा, अभी 60 फीसदी ही खुला हुआ है. एयर स्पेस के विस्तार से एक हजार करोड़ रुपये बचेंगे. -
चंडीगढ़: हरियाणा ने अपने लोगों की सहूलियत के लिए अंदरूनी जिलों के लिए बस सेवा शुरू कर दी है. राज्य में बस सेवाएं 23 मार्च को राज्य द्वारा तालाबंदी की घोषणा के बाद बंद कर दी गई थीं. यह इसलिए भी किया गया है क्योंकि राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों की आवाजाही को आसान किया जा सके. इसके साथ ही हरियाणा राज्य के भीतर पहली बार सार्वजनिक परिवहन बन गया है.
राज्य के डीजीपी मनोज यादव ने एनडीटीवी को बताया, "हम बहुत से लोगों को दूसरे राज्यों में भेज रहे थे, तब हमें महसूस हुआ कि हमारे कई लोग विभिन्न जिलों में फंसे हुए हैं. उनके अनुसार यह पॉइंट टू पॉइंट सर्विस थी और बुकिंग ऑनलाइन हो गई थी. पिछले एक हफ्ते में हम एक लाख से अधिक प्रवासी कामगारों को उनके राज्यों में वापस भेजने में कामयाब रहे हैं.''
एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, "केवल गैर-वातानुकूलित बसें चल रही हैं और 52 की क्षमता में सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए हम केवल 30 यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति दे रहे हैं." राज्य में 15 मई से बस सेवाएं शुरू हुईं. राज्य ने अपने कई उद्योगों को इसका उत्पादन शुरू करने की अनुमति भी दे दी है. हरियाणा में 35,000 से अधिक उद्योग स्थित हैं और पहले से ही कई कार्यात्मक हैं.
यह खबर NDTV से ली गई है
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नई दिल्ली। आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी विप्रो के फाउंडर अजीम प्रेमजी ने कहा कि इस समय देश गरीब परिवारों और प्रवासी मजदूरों को नकद पैसा दिए जाने की जरूरत है। प्रेमजी ने कहा है कि कम से कम तीन महीने तक गरीब परिवारों को सात हजार रुपए महीना दिया जाए, जिससे उनकी जिंदगी चलती रहे। अजीम प्रेमजी ने सड़कों पर पैदल जाने को मजबूर मजदूरों के दर्द को कभी माफ ना की जा सकने वाली त्रासदी कहा है तो वहीं श्रमकानूनों में बदलावों पर भी नाखुशी जाहिर की है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज में मजदूरों और किसानों को लेकर किए गए फैसलों की जानकारी दी है। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए अजीम प्रेमजी ने कहा, मनरेगा का विस्तार करना और इससे मजदूरों को जोड़ना बहुत प्रभावशाली कदम हो सकता है। इसके साथ-साथ हमें 3 से 6 महीने के लिए सभी लोगों के लिए डबल पीडीएस राशन उनके घरों तक उपलब्ध कराना चाहिए। इसमे तेल, दालें, नमक, मसाला, सेनेटरी पैड और अन्य अवश्य सामग्री भी शामिल की जाए।
मजदूरों की हालत पर प्रेमजी ने कहा किइन लोगों का दर्द और इनकी मौतें एक त्रासदी हैं, जिसे शायद माफ ना किया जा सके।प्रवासी मजदूरों को उनकी यात्रा के लिए स्वतंत्रता प्रदान की जानी चाहिए। साथ ही महामारी के रोकथाम के सभी उपायों को सुनिश्चित करना चाहिए। किसी को भी रुकने या अपने गृहराज्य जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। फंसे हुए श्रमिकों के लिए बसों और ट्रेनों में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जानी चाहिए।
प्रेमजी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मदद के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रत्येक गरीब परिवार और प्रवासी मजदूर को कम से कम तीन महीने तक बिना किसी बायोमेट्रिक प्रमाण के 7,000 रुपए की आपातकालीन नकद राहत हर महीने दी जाए। कई प्रदेश सरकारों को श्रम कानूनों को खत्म कर या बदलाव कर इसे पूरी तरह से मालिकों के हक में करने और मजदूरों के अधिकारों को खत्म करने पर प्रेमजी ने कहा कि ये हैरान करने वाला है। इस पर उन्होंने कहा, ऐसे कई श्रम कानून जो श्रमिकों की रक्षा करते हैं उसे विभिन्न राज्य सरकारें निलंबित करने पर विचार कर रही हैं। कई सरकार तो पहले ही निलंबित कर चुकी हैं। जिन प्रवासी श्रमिकों को हम अपने लिए और अपने परिवारों के लिए जूझते देखते है, इसके बाद उनके पास कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं होगी। बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान जिन कारोबारियों ने सबसे ज्यादा दान किया है। दुनियाभर में उनमें प्रेमजी तीसरे नंबर पर हैं। फोर्ब्स मैग्जीन के अनुसार, पहले नंबर पर ट्विटर के जैक डॉर्सी और दूसरे नंबर पर माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स हैं। तीसरे नंबर पर भारत के अजीम प्रेमजी हैं। अजीम प्रेमजी अभी तक 132 मिलियन डॉलर (लगभग एक हजार करोड़ रुपये) दाने दे चुके हैं। -
कोरोना लॉकडाउन के बीच सड़क हादसों में प्रवासी कामगारों की जान जाने का सिलसिला लगातार जारी है. मध्य प्रदेश में भी इस तरह की घटना हुई है, जिसमें 5 प्रवासी कामगारों की मौत हो गई है. इस बारे में ASP प्रवीण भूरिया ने 16 मई को बताया, ‘’आज बांदा (सागर जिला) के पास हुए एक रोड एक्सीडेंट में 5 प्रवासी कामगारों की मौत हो गई.’’ इस बारे में ASP प्रवीण भूरिया ने 16 मई को बताया, ‘’आज बांदा (सागर जिला) के पास हुए एक रोड एक्सीडेंट में 5 प्रवासी कामगारों की मौत हो गई.’’
बता दें कि 16 मई को ही उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में ट्रक और डीसीएम वाहन की टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई जबकि 30 से ज्यादा मजदूर घायल हो गए. -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय परिवहन तथा राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर होने वाले परिवहन व्यय के भुगतान हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) में समुचित प्रावधान करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य के 1.50 लाख से अधिक श्रमिक तथा अन्य व्यक्ति अन्य राज्यों में अवरूद्ध हैं तथा लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण वे अपने गृह राज्य छत्तीसगढ़ की वापसी हेतु व्यग्र हैं। अन्य राज्यों से श्रमिकों की वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। लगभग 27 हजार से अधिक श्रमिक स्वयं के साधनों तथा राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए बस सुविधा से गृह राज्य लौट चुके हैं। इसके अतिरिक्त लगभग एक लाख 32 हजार श्रमिकों को रेल तथा बसों के माध्यम से लाने की प्रक्रिया 11 मई से प्रारंभ हो चुकी है। श्रमिकों के लिए रेल तथा बस परिवहन में हुए व्यय का भुगतान एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) से किए जाने का प्रावधान वर्तमान में नहीं है। राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ होकर अन्य राज्यों को जाने वाले श्रमिकों हेतु भी भोजन, पानी तथा संबंधित राज्य की सीमा तक बस में छोड़े जाने के उपाय सुनिश्चित किए गए हैं। श्रमिकों के परिवहन तथा अन्य सुविधाओं में बड़ी राशि व्यय होने की संभावना है।
सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को आपदा की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने भारत सरकार, गृह मंत्रालय नई दिल्ली के 14 मार्च 2020 के पत्र का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस पत्र में राज्य आपदा मोचन निधि से क्वारेंटीन में रखे जाने, व्यक्तियों के नमूना संग्रह और स्क्रीनिंग के उपाय कलस्टर कन्टेंनमेंट ऑपरेशन, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) की प्रावधानित राशि में से 25 प्रतिशत सीमा तक व्यय किए जाने का प्रावधान रखा गया है।
इसके अतिरिक्त कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रयोगशाला की स्थापना, आवश्यक उपकरणों का क्रय, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, अग्निशमन सेवाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा किट क्रय किए जाने, थर्मल स्केनर, वेंटिलेटर, वायु शुद्धिकरण यंत्र तथा हॉस्पिटल में प्रयुक्त होने वाले अन्य सामग्री क्रय किए जाने के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) राशि से 10 प्रतिशत सीमा तक व्यय का प्रावधान रखा गया है। इसके अतिरिक्त प्रवासी श्रमिकों तथा जरूरतमंद बेघर-बार व्यक्तियों के लिए लॉकडाउन अवधि में राहत शिविरों के संचालन हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) से व्यय किए जाने हेतु भारत सरकार, गृह मंत्रालय के 28 मार्च के पत्र द्वारा प्रावधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि श्रमिकों के परिवहन तथा अन्य सुविधाओं में बड़ी राशि व्यय होने की संभावना है। इन परिस्थितियों में श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय परिवहन तथा राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर होने वाले परिवहन व्यय के भुगतान हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) में समुचित प्रावधान किया जाना आवश्यक है। श्री बघेल ने इस संबंध में भारत सरकार के गृह मंत्रालय को यथोचित निर्देश देने का अनुरोध प्रधानमंत्री श्री मोदी से किया है। -
एजेंसी
नई दिल्ली : कश्मीर के बड़गाम के अरिजल खानसैब में सुरक्षा बलों ने एक आतंकी ठिकाने का पता लगाया है, जहां से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी जहूर वानी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आतंकी जहूर वानी लश्कर के एक अन्य आतंकी यूसुफ कांतारू का करीबी सहयोगी बताया जाता है। पुलिस के अनुसार इस ठिकोन में हथियारों के साथ गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा सुरक्षा बलों चार और आतंकवादियों को भी गिरफ्तार किया है। ये सभी लश्कर के आतंकियों को शरण देने के अलावा उन्हें रसद सामाग्री उपलब्ध कराते थे।
पुलिस के मुताबिक ये ग्रुप पिछले कुछ महीनों से इस इलाके में सक्रिय था। उन्होंने बताया कि सुरंग में मिले सामानों को देखकर लगता है कि आतंकी कई दिनों से यहां रुके थे। यह सुरंग जहूर वानी के घर से करीब 500 मीटर दूर है। ऐसा कहा जा रहा है कि वानी लंबे वक्त से आतंकियों की मदद कर रहा था। -
यूपी के प्रयागराज में थरवई के पडिला स्थित सीआरपीएफ कैंप में शनिवार सुबह सीआरपीएफ के एक जवान ने अपनी पत्नी, बेटी और बेटा की गोली मारकर हत्या कर दी । इसके बाद कमरे में बंद करके खुद को गोली से उड़ा दिया। इस सनसनीखेज घटना की जानकारी मिलते ही सीआरपीएफ के डीआईजी समेत अन्य अधिकारी मौके पहुंचे। सूचना मिलने पर थरवई पुलिस और आसपास के थानों की फोर्स भी पहुंच गई। पुलिस ने जांच के बाद शव को कब्जे में ले लिया। सूचना मिलने पर जवान के ससुराल में हड़कंप मचा रहा।
थरवई एसओ भुनेश्वर चौबे ने बताया कि मेजा थाना क्षेत्र के सिरसा का रहने वाला विनोद यादव सीआरपीएफ में गाड़ी चलाता था । वह कैम्प में बने सरकारी क्वार्टर में परिवार के साथ रहता था। शनिवार को उसने पत्नी विमला देवी( 36) बेटी सिमरन (12) बेटा संदीप( 15) की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद को कमरे में बंद कर लिया और वहां उसने आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे । जवान के इस हरकत से सीआरपीएफ कैंप में हड़कंप मचा रहा।
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नई दिल्ली : चीन से फैले कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में दिख रहा है। दुर्भाग्य की बात है कि भारत में कोरोना के मामलों ने चीन को भी पछाड़ दिया है। देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 85940 हो गई है, जो चीन से भी अब अधिक हो गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 103 लोगों की मौतें हुई हैं और कुल 3970 नए मामले सामने आए हैं। शनिवार को जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर करीब 85940 हो गए हैं और कोविड-19 से अब तक 2752 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के कुल 85940 केसों में 53035 एक्टिव केस हैं, वहीं 30153 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है या फिर वह ठीक हो चुके हैं। कोरोना वायरस से अब तक सर्वाधिक 1068 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 29100 हो गई है।
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नई दिल्ली: सरकार की ओर आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी मुताबिक लॉकडाउन के ऐलान के पहले 15 जनवरी से 23 मार्च के बीच विदेश से भारत पहुंचने वाले महज 19 फीसदी यात्रियों की ही स्क्रीनिंग की गई.जनवरी में केवल चीन और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई, फरवरी में स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाया गया जिसमें थाइलैंड और सिंगापुर से आने वाले यात्रियों को शामिल किया गया.
आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले को 11 मई को दिए गए जवाब में कहा गया है कि इटली को इस दायरे में 26 फरवरी को शामिल किया गया था जबकि यहां 322 लोगों में संक्रमण के मामले सामने आ चुके थे. तब भी अन्य यूरोपीय देशों को शामिल नहीं किया गया था.
यूनिवर्सल स्क्रीनिंग केवल 4 मार्च से शुरू हुई, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषणा की कि चीन के बाहर 14,000 मामलों के साथ वैश्विक संक्रमण 93,000 को पार कर गया है. भारत ने अपने यहां 30 जनवरी को कोविड-19 के पहले मामले की पुष्टि के लगभग 2 महीने बाद, सभी हवाई यात्रा 23 मार्च को बंद की, 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन किया.
साभार : द प्रिंट