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शासकीय व अर्ध शासकीय कार्यालयों में शहीदों को दो मिनट का मौन धारण कर दी जाएगी श्रद्धांजलि और राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने का लेंगे शपथ
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने झीरम श्रद्धांजलि दिवस मनाने के संबंध में जारी किये निर्देशरायपुर :छत्तीसगढ़ में हर वर्ष 25 मई को ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस संबंध में आज अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सल हिंसा के शिकार हुए प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं, सुरक्षा बलों के जवानों और विगत वर्षो में नक्सल हिंसा के शिकार हुए सभी लोगों की स्मृति में 25 मई को प्रतिवर्ष ’झीरम श्रद्धांजलि दिवस’ के रूप में मनाया जाए। प्रदेश के सभी शासकीय एवं अर्ध शासकीय कार्यालयों में 25 मई को शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी जाए तथा यह शपथ ली जाए कि राज्य को पुनः शांति का टापू बनाने के लिए हम सब संकल्पित रहेंगे। -
हेमेन्द्र क्षीरसागर पत्रकार, लेखक व विचारक
दरअसल, बड़ी सहज सी बात है सकारात्मक और नकारात्मक दो पहलु जीवन के अहम हिस्से है। सकारात्मकता से बड़े से बड़े दुख हर लिए जाते है वहीं नकारात्मकता से छोटे से छोटे सुख भी बैर बन जाते है। यह सब अपनी-अपनी सोच पर निर्भर करता है कि हम किसका, कैसा सामना करते है। लाजमी है सभी चाहते है उनके साथ हरदम सकारात्मक परिस्थिति ही बनी रही है। नाकारत्मकता तो आसपास भी कदापि ना भटके। लेकिन सकारात्मक और नकारात्मकता का प्रभाव कभी-कभी मनवांछित भी लगता है। यह सब हमें कोरोना नामक चीनी विषाणु ने भलीभांति समझा दिया। सम्यक ही देखिए कोरोना संदिग्धों की जांच रिर्पोट नकारात्मक आने का बेसब्री से इंतजार रहता है, नाकि सकारात्मक होने का। इतर सकारात्मक रिर्पोट आने पर पीड़ित से सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से शारीरिक दूरी बरतना, मुखपट्टी बांधकर वार्तालाप, खानपान व दवाई इत्यादि देना समेत अन्य जिम्मेदारियों को निभा रहे है। इस आशा में कि कब सकारात्मक रिर्पोट नकारात्मक आए। किंतु सकारात्मक विषाणु संक्रमण के प्रति नकारात्मक का भाव रखते है। इससे बचने के अनेकों जुगत करते है ताकि यह हमसे और हम इससे कोसों दूर ही रहे क्योंकि इसमें हम सबकी भलाई निहित है। इसीलिए नकारात्मक समय में सकारात्मक सोच बनाए रखने की निहायत जरूरत है। मसलन नकारात्मक सोच समस्या को जन्म देती है, और सकारात्मक सोच समाधान को। हमने सुनना सीख लिया तो सहना सीख जाएंगे और सहना सीख लिया तो रहना सीख जाएंगे।गौरतलब रहे कि हर कोई समस्या, समाधान लेकर आती है ऐसा ही कुछ हमें कोरोना महामारी में देखने को मिला। जहां ऐसी बड़ी अर्थव्यवस्था और चिकित्सकीय सुविधाएं वाले देश कोरोना के संक्रमण के आगे धराशाई हो गए। वहां हमारा भारत देशी चिकित्सक, नमस्कार, 2 गज की दूरी, जड़ी बूटियों के चूर्ण, काडे और योगा-प्राणायाम के सहारे चीनी वायरस को अभी तक कुचलने में कामयाब रहा है। ये हमारे संयम, संकल्प और सकारात्मक पहलु का परिचायक ही तो है कि हमनें अल्प संसाधनों में मर्ज का मर्म ढूंढ लिया। लागू तालाबंदी में रचनात्मक सोच के साथ घरों में सह परिवार रहना सीख लिया। मुखपट्टी बांधना और स्वच्छता के सबक को जीवनशैली बनाया। कम और घरेलू सामग्री में गुजर-बसर करने की आदत बनी। विदेशी के बजाय स्वदेशी पर भरोसा होने लगा क्योंकि विपत्ति काल में घर और गांव की चीजों ने पूरी की। अपने और अपनों की कीमत समझ में आ गई। घर में रहकर, शारीरिक दूरियां बरतकर काम करने का जरिया मुक्मल सामने आया। घरेलु कामों में मन, बागवानी और घर का खाना लजिज लगा। महिलाओं की कदर व उनके घर गृहस्थी के काम महत्वपूर्ण लगे।बीमारी से नफरत और बीमार से प्यार हुआ। जितनी चादर उतना पैर पसारने की बात तालाबंदी में जुगलबंदी बनी। पुराने खेल और खिलौने से बच्चों का मन बहलने लगे। दादी-नानी की कहानी खिस्सें घर-घर में गुंजे। दूरदर्शन पर रामायण, महाभारत, श्रीकृष्णा, विष्णु पुराण, शक्तिमान और बुनियाद के सजीव चित्रण रमने लगे। हवन, अनुष्ठान की शुद्धता कोरोना का मारक अस्त्र कहलाई। चिकित्सकों का ईश्वरी रूप दिखाई दिया। तालाबंदी का पालन करवाने वाले योद्धाओं के प्रति दिल में सम्मान बड़ा। स्वयं सेवियों, दानदाताओं, स्वच्छताग्राहियों और श्रमवीरों ने दिल खोलकर मदद के हाथ बढ़ाए। सरकारी मोहकमों ने बखुबी जिम्मेदारी निभाई। खासतौर पर पुलिस के समर्पण को देखते हुए नजरिया ही बदल गया कि यह भी हमारे सजग मानवीय प्रहरी हैं। तालाबंदी की पाबंदी बेपरवाह जीवन की बंदिश बन गई। स्वावलंबन, जन, जल, जंगल, जमीन और पशुधन मन को भाये। गुरुकुल का अनुशासन और मेरा गांव, मेरा देश याद आने लगा। तभी नगर, महानगर, प्रदेश, देश क्यां परदेश से भी वापसी में देर नहीं लगी। मेरे गांव, मेरे देश पर विश्वास जता, माटी की महक ने सारे दुख हर लिए। जितना है उतने में कोरोना संक्रमण पर आक्रमण की तैयारी कर ली। चाहे कुछ हो जाए अब मेरा घर, मेरा गांव, मेरा देश मेरे लिए बहुत कुछ है। दृढ़निश्चय रहा तो निसंदेह एक दिन अपनी काबिलयत से प्रवासियों को स्थायी रहवासी बनते देर नहीं लगेगी। आखिर! मेरे देश की धरती उपजे अन्न, उगले सोना, हीरा, मोती इस बात का द्योतक बनेंगे परिश्रमी। -
नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन में भारतीय रेलवे अधिक से अधिक ट्रेनें चलाने की योजन बना रही है। शनिवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने बताया कि अगले 10 दिनों के लिए लगभग 2600 ट्रेनें निर्धारित की गई हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यदि हमें किसी भी राज्य सरकार को आवश्यकता होती है, तो हम राज्य के भीतर ट्रेनें चलाने के लिए भी तैयार हैं। बता दें कि देशव्यापी लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई, 2020 को समाप्त हो रहा है और 1 जून से रेलवे रोजाना 200 नॉन ऐसी ट्रेनों के संचलन का ऐलान किया है।
लॉकडाउन के बीच ट्रेनों के संचलन को लेकर शनिवार को भारतीय रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया किउत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए 80% ट्रेन चलाई गई हैं। उन्होंने आगे कहा, 1 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की गई। सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। ट्रेनों और स्टेशनों में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
इंडियन रेलवे ने लॉकडाउन के बाद से ट्रेनों के संचालन पर योजना बना ली है। विनोद कुमार यादव ने बताया कि फिलहाल चलाई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों का रूट कुछ इस प्रकार होगा। आंध्र प्रदेश से असम, दिल्ली से गुजरात, गोआ से जम्मू-कश्मीर, गुजरात से कर्नाटक, हरियाणा से झारखंड, जम्मू-कश्मीर से केरल, कर्नाटक से मणिपुर, केरल से ओडिशा, मध्य प्रदेश से राजस्थान के बीच संचालन होगा।
इसके अलावा ये स्पेशल ट्रेनें महाराष्ट्र से तमिलनाडु, पंजाब से उत्तराखंड, राजस्तान से त्रिपुरा, तमिलनाडु से उत्तर प्रदेश, तेलंगाना से पश्चिम बंगाल के बीच चलाई जाएंगी। विनोद कुमार यादव ने बताया कि बिहार और झारखंड के अंदर भी ट्रेनों का संचालन हो सकता है साथ ही त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी राज्यों के भीतर ट्रेनों का संचालन जल्द शुरू किया जा सकता है। -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नागरिक उड्यन मंत्रालय द्वारा 25 मई से घरेलू उड़ान प्रारंभ करने के निर्णय के संबंध में नागरिक उड्यन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा है। श्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि घरेलू उड़ान शुरू करने से संक्रमण फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 महामारी के रोकथाम तथा संक्रमण से बचाव की दृष्टि से नागरिक उड्यन मंत्रालय को प्रभावी उपायों एवं दिशा निर्देशों अंतर्गत ही उड़ान संचालन प्रारंभ करना चाहिए। राज्यों को प्रत्येक उड़ान की जानकारी और यात्रियों का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाना चाहिए। हवाई यात्रा करने वालों को 14 दिन कोरेन्टाईन केवल राज्य सरकार द्वारा संचालित एवं पेड कोरेन्टाईन पर रहना अनिवार्य किया जाए और टिकिट बुक करते समय ही इसकी जानकारी यात्रियों को दी जाए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री पुरी को पत्र में लिखा है कि विभिन्न प्रिंट, इलेक्ट्रानिक एवं सोशल मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया है कि आपके द्वारा 25 मई 2020 से घरेलू उड़ान प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। यह भी जानकारी दी गई है कि नागरिक उड्यन मंत्रालय द्वारा यात्रियों के आवागमन के लिए पृथक से स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर भी जारी नहीं किया गया है।
सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अंतर्गत 18 मई 2020 से प्रारंभ लाॅकडाउन फेज-4 कि अवधि में उड़नों को प्रतिबंधित किया गया है। विगत कुछ दिनों से देश में कोविड-19 से संक्रमितों की संख्या में तेजी देखी गई है। ऐसी स्थिति में उड़ान शुरू करने से संक्रमण फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। कोविड-19 महामारी के रोकथाम तथा संक्रमण से बचाव की दृष्टि से नागरिक उड्यन मंत्रालय को प्रभावी उपायों एवं दिशा निर्देशों के अंतर्गत ही उड़ान संचालन प्रारंभ करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय राज्य मंत्री से अनुरोध किया है कि राज्यों को प्रत्येक उड़ानों की जानकारी उपलब्ध करायी जाए, जिसमें उस राज्य में आने वाले यात्रियों का विस्तृत विवरण सम्मिलित हो। हवाई यात्रा करने वाले सभी यात्रियों की 14 दिन कोरेन्टाईन (केवल राज्य सरकार द्वारा संचालित एवं पेड कोरेन्टाईन) पर रहने को अनिवार्य किया जावे। कोरेन्टाईन संबंधी शर्त एवं अनिवार्यता की जानकारी यात्रियों को टिकिट बुक करने के समय ही प्रदान की जाए ताकि वे नियमों से भलीभांति परिचित रहें। उपरोक्तानुसार प्रभावी दिशा निर्देशों के तहत उड़ान प्रारंभ करने से राज्य सरकारों को कोविड-19 महमारी के नियंत्रण एवं बचाव के संबंध में आवश्यक कार्यवाही किये जाने में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने पत्र में उम्मीद जताई है कि उपरोक्त सुझावों पर गंभीरता से विचार करते हुए सख्त एवं प्रभावी गाईड लाईन के साथ घरेलू उड़ान संचालन की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। -
नई दिल्ली : एक वीडयो वायरल हुआ है जिसमे दाती महाराज नियमों को ताक पर रखकर लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते नजर आए। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लोग सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए मंदिर में एकत्रित होकर पूजा कर रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद दक्षिणी जिले के डीएम ने पुलिस को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। दाती महाराज पर लॉकडाउन में नियमों की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगा है। वीडियो में नजर आ रहा है कि लोगों ने ना मास्क लगाया हुआ है और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस मामले को लेकर दाती महाराज के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। उन पर आरोप है कि महरौली में शुक्रवार को शनि धाम मंदिर खोला गया था और इस दौरान कोई लोग वहां मौजूद थे। जिलाधिकारी ने भी जांच के आदेश दिए हैं और मामले पर नजर रखने को कहा है।
बता दें कि इससे पहले भी दाती महाराज उर्फ दाती मदन लाल राजस्थानी सुर्खियों में रहे हैं। उनपर दो नाबालिग लड़कियों संग दुष्कर्म का आरोप है। इसी साल मार्च में दिल्ली हाईकोर्ट ने दाती महाराज और अन्य को बलात्कार के एक मामले में अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग करने वाली सीबीआई याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।
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मीडिया रिपोर्ट
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि देश के विभिन्न राज्यों और विदेशों से राज्य लौट रहे लोगों को अनिवार्य रूप से आइसोलेशन में रहना होगा और ऐसा नहीं करने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया जाएगा. सिंह ने कहा कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले लोगों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के तहत सजा दी जाएगी. उन्होंने शुक्रवार को रिपोर्ट्स को बताया, ‘‘यह बहुत गंभीर मामला है. लौट रहे जो लोग प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और जेल भेज दिया जाएगा.’’
जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई, तो होगा होम क्वारंटीन
उन्होंने कहा कि विदेशों और देश के अन्य राज्यों से लौट रहे जो लोग जांच रिपोर्ट आने के बाद संक्रमित नहीं पाए जाएंगे, उन्हें उनके घर में क्वारंटीन में रहने की अनुमति दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारी प्राथमिकता इस बीमारी को सामुदायिक स्तर पर फैलने से रोकना है.’’ उन्होंने कहा कि जिन लोगों के लिए घर में आइसोलेशन में रहना संभव नहीं है, उन्हें आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा.
सिंह ने लोगों से अपील की कि वे राज्य में संक्रमित लोगों की संख्या में हाल में बढ़ोतरी से घबराए नहीं. राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित 24 लोगों का इस समय इलाज चल रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हालात काबू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि सरकारी आरआईएमएस और जेएनआईएमस अस्पतालों की प्रयोगशालाओं में हर रोज 200 से 300 सैंपल की जांच की जा रही है और रोजाना 700 से 800 सैंपल इकट्ठा किए जा रहे हैं. -
नई दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी के बीच दिल्ली में प्रवासी मजदूरों के साथ अमानवीय बर्ताव की घटना सामने आई है. साउथ दिल्ली के एक स्कूल के बार कोरोनावायरस की जांच कराने के लिए इंतजार कर रहे प्रवासी मज़दूरों पर कीटाणुनाशक छिड़कने का मामला सामने आया है. इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने सफाई देते हुए कहा कि यह गलती से हुआ है क्योंकि कर्मचारी स्पै मशीन के प्रेशर को संभाल नहीं पाया. जिस वजह से केमिकल के छिड़काव की दिशा बदल गई. नगर निगम ने अपने बयान में कहा कि एसडीएमसी के अधिकारियों ने प्रवासी मज़दूरों से "माफी" मांगी है. दरअसल, सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए श्रमिक ट्रेन में बैठने से पहले लाजपत नगर के एक स्कूल में स्क्रीनिंग कराने के लिए एकत्र हुए थे.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर हुआ. जिसके बाद दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की जमकर आलोचना हुई. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सैनटाइजेशन के काम में जुटा एक कर्मचारी कुछ लोगों पर कीटाणुनाशक का छिड़काव कर देता है. एसडीएमसी ने कहा, "यह स्कूल के रिहायशी कालोनी में है. इस क्षेत्र के लोगों की सड़कों और परिसरों में छिड़काव करने की मांग बहुत ज्यादा रहती है. जेट मशीन का प्रेशर काफी ज्यादा होने की वजह से कर्मचारी कुछ समय के लिए उसे नहीं संभाल पाया. कर्मचारियों को काम के दौरान ज्यादा सतर्क रहने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने आम लोगों से माफी मांगी है."
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रायपुर : भूपेश सरकार के न्याय योजना का फायदा किसानों के साथ साथ राज्य के दिग्गज बीजेपी नेताओं को भी मिला है प्रदेश कांग्रेस ने एक सूची जारी करते हुए 15 बीजेपी नेताओं के नाम जारी किया है जिसे इस न्याय योजना से लाभ मिला है इस सूची के अनुसार न्याय योजना के अंतर्गत पूर्व सीएम रमन सिंह को 26 हज़ार 612 रु मिले हैं । पूर्व सांसद अभिषेक सिंह को 24 हज़ार 94 रु की राशि मिली है । वहीं पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर को 16 हज़ार 902 रु मिले हैं । पूर्व मंत्री दयालदास बघेल को 48 हज़ार 520 रु, पूर्व मंत्री पुन्नूलाल मोहले को 56 हज़ार 15 रु की धान एमएसपी अंतर की राशि हस्तांतरित की गई है ।
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रायपुर : किसानों के हितों की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लिए राज्य के विभिन्न अंचलों के किसान प्रतिनिधि एवं कृषणगण कल मुख्यमंत्री निवास कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया। किसान प्रतिनिधियों एवं किसानों ने इस मौके पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना की सराहना की और कहा कि इस योजना को शुरू कर प्रदेश सरकार ने न सिर्फ किसानों के हितों की रक्षा की है, बल्कि प्रदेश सरकार ने किसानों से किए अपने वायदे को निभाया है। किसानों ने प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की बेहतरी हेतु लिए गए फैसले और राज्य में खेती-किसानी को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। किसानों ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार को सदैव सहयोग एवं अपना समर्थन का संकल्प दोहराया। इस मौके पर किसान प्रतिनिधियों एवं किसानों ने कोरोना संकट के काल में छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा में जुटे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का साथ देने के लिए अपनी ओर से मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए दान राशि का चेक भेंट किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न अचंलों से आए किसान प्रतिनिधियों एवं किसानों का आभार जताते हुए कहा कि राज्य के किसानों, गरीबों एवं मजदूरों की बेहतरी के काम में किसी भी तरह की कमी आड़े नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट का मामला हो या किसानों और गरीबों की मदद का सरकार पूरी तत्परता एवं पूरी प्रतिबद्धता के साथ पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के शुरूआती चरण में राज्य में धान, मक्का और गन्ना उत्पादक कृषकों को 5750 करोड़ रूपए की राशि मिलेगी। इसमें अगले चरण में भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी शामिल किया जाएगा। आगामी वर्ष से इस योजना में दलहन-तिलहन की खेती करने वाले किसानों को भी लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के कारण आर्थिक संकट के बावजूद भी इस योजना के प्रथम किस्त की राशि किसानों को इसलिए दी गई ताकि किसान भाईयों को खरीफ की खेती के लिए मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि श्री राहुल गांधी ने गरीबों और किसानों की बेहतरी के लिए न्याय योजना की अवधारणा को अमल में लाने की बात कही थी। छत्तीसगढ़ राज्य देश का पहला राज्य है, जिसने न्याय योजना को मूर्त रूप दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार और देश की अन्य राज्य सरकारें कोरोना संकट के चलते कई कामों एवं वेतन में कटौती कर रहीं हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के हितों पर आंच नहीं आने दी है, हमने अपने कर्मचारियों के वेतन में किसी भी तरह की कटौती नहीं की है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में छत्तीसगढ़ राज्य में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए हर गांव में बड़े पैमाने पर रोजगारमूलक कार्य संचालित किए जा रहे है, जिसके जरिए गांवों में 23 लाख लोगों को रोजाना काम मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में 90 प्रतिशत लघु वनोपज की वाजिब मूल्य पर खरीदी कर संग्राहकों के हितों का संरक्षण किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के 13 लाख संग्राहक परिवारों को तेंदूपत्ता एवं लघु वनोपज संग्रहण के जरिए 2500 करोड़ रूपए मिलेगा। उन्होंने कहा कि संकट के समय में सरकार समाज के सभी वर्ग के साथ मजबूती से खड़ी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर कोरोना संक्रमण और उसके चलते लॉकडाउन तथा प्रवासी मजदूरों की स्थिति का भी विस्तार से उल्लेख किया और कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग सवा लाख श्रमिकों की वापसी हुई है। उन्होंने इस मौके पर गांवों में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए की गई व्यवस्था को बनाए रखने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी से हमें गांव और शहर को बचाना है। सर्तकता और सुरक्षा से ही इसका बचाव संभव है।
इस अवसर पर उपस्थित विधायक श्री मोहन मरकाम ने कहा कि श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ की सरकार किसानों की हितैषी सरकार है। उन्होंने कहा कि किसानों और गरीबों की मदद और उनकी बेहतरी के कामों को लेकर प्रदेश सरकार देश में रोल मॉडल बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने वायदे को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था किसानों पर आधारित है। प्रदेश सरकार किसानों और गरीबों को मदद पहुंचाकर छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में जुटी है। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी नीतियों के चलते ही आज प्रदेश में खेती-किसानी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। किसानों की पंजीयन संख्या में 2 लाख की बढ़ोत्तरी इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण जहां अन्य सरकारें कटौती कर रही हैं वहीं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लगातार किसानों की मदद कर रहे हैं। पूर्व विधायक श्री बैजनाथ चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉ. खूबचंद बघेल और स्वर्गीय श्री चंदूलाल चंद्राकर की परिकल्पना को साकार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों के चलते आज लोग खेती-किसानी में रूचि लेने लगे हैं। उन्होंने न्याय योजना के लिए बिलासपुर के किसानों की ओर से मुख्यमंत्री का आभार जताया।
बलौदाबाजार के कृषक रामविलास साहू, राजनांदगांव के श्री मुरली वर्मा, रायपुर के प्रमोद अग्रवाल, राजनांदगांव के कृषक कमलू निषाद, कवर्धा के महेश चंद्रवंशी, खरोरा के कृषक डॉ. महेन्द्र देवांगन, कुरूद के कृषक शिरीष साहू, महासमुंद के महेन्द्र चन्द्राकार ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के दुख दर्द को समझती है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरोना संकट की कठिन परिस्थिति में किसानों की मदद की है। उन्होंने अपनी ओर से मुख्यमंत्री सहायता कोष में सहायता राशि का चेक भी मुख्यमंत्री को भेंट किया। इस मौके पर श्रीमती तुलसी साहू ने विभिन्न संगठनों एवं दानदाताओं की ओर से संकलित 5 लाख 56 हजार 400 रूपए, खरोरा के कृषक महेन्द्र देवांगन ने 25 हजार रूपए, प्रमोद अग्रवाल ने 21 हजार रूपए, बलराम नशीने ने 3100 रूपए, हरीश चंद वर्मा, अजय वर्मा, इसराइल खान, शेषनारायण बघेल ने 5100-5100 रूपए, वीरनारायण देवांगन ने एक हजार रूपए, होमदत्त वर्मा, मुरलीराम वर्मा एवं कृषक बाबूलाल वर्मा ने 11-11 हजार रूपए का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए प्रदान किया। कबीरधाम जिले के सहकारी समिति सांरगपुरकला एवं मड़मड़ा के किसानों ने प्रति क्विंटल धान के मान से 50 रूपए की सहायता राशि का चेक मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए प्रदान किया। -
प्रयागराज। प्रवासी मजदूरों को लेकर राजस्थान से पश्चिम बंगाल जा रही बस उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हादसे का शिकार हो गई। सवारनवाब गंज के शहावपुर के पास बस चालक को झपकी आ गई और बस हाईवे से 15 फुट नीचे पलट गई। इस हादसे में करीब 15-20 मजदूर घायल हुए हैं। बस में फंसे मजदूरों की चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और दरवाजे व खिड़कियों को तोड़कर किसी तरह उन्हें बाहर निकाला। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना दी गई जिसके बाद घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ मजदूरों की हालत नाजुक बताई जा रही है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बस जयपुर से पश्चिम बंगाल जा रही थी। बस में करीब 30 प्रवासी श्रमिक सवार थे। रात लगभग 9 बजे बस चालक को झपकी आ गई और बस हाईवे पर रेलिंग को तोड़कर सर्विस लेन के आगे 15 फुट गड्ढे में जा गिरी। उन्होंने बताया कि हादसे में करीब 20 मजदूर घायल हुए हैं जिनमें से तीन की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। गंभीर रूप से घायल लोगों को सरकारी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है, जबकि मामूली रूप से घायल लोगों का प्राथमिक उपचार कर दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि हादसे के बाद से बस का चालक फरार है जिसकी तलाश की जा रही है। आपको बता दें कि इन दिनों मजदूरों के संग हादसे की खबरें अकसर आ रही हैं। -
मुंबई। कोरोना वायरस महामारी की चेन तोड़ने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगा हुआ है। ऐसे में काम-धंधे बंद हो गए है, जिसके चलते प्रवासी श्रमिकों के सामने विषम हालात हैं। उनके पास घर लौटने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। इस संकट की घड़ी में प्रवासी श्रमिकों के कई लोग फरिश्ता बनकर सामने आए है, इनमें एक नाम बॉलिवुड एक्टर सोनू सूद का भी है। फिल्मों में नेगेटिव रोल अदा करने वाला सोनू सूद असल जिंदगी में असली हीरो वाला किरदार निभा रहा है।
सोनू सूद ने प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। वे मुंबई से प्रवासियों को बस के माध्यम से घर पहुंचाने में लगातार मदद कर रहे हैं। काम ठीक से हो, इसके लिए सोनू सूद 18-18 घंटे चीजों को मॉनिटर करते हैं। इसके साथ ही वह अपने ट्विटर हैंडल से जरूरतमंद लोगों को रेप्लाई भी कर रहे हैं।



सोनू सूद से ट्वीटर पर एक मजदूर ने मदद मांगी जिसके बाद सोनू ने जो जवाब दिया उसकी हर कोई तारीफ कर रहा है। दरअसल, मजदूर ने सोनू से कहा कि वह पिछने 16 दिन से पुलिस चौकी के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन हम लोगों का काम नहीं हो पा रहा है। इस पर सोनू ने रिप्लाई दिया, 'भाई चक्कर लगाना बंद करो और रिलेक्स करो। दो दिन में बिहार में अपने घर का पानी पियोगे। डिटेल भेजो।'
ऐसे ही एक और शख्स ने सोनू सूद से मदद मांगते हुए लिखा, 'सर हम लोग भी मुंबई में फंसे हैं, बिहार जाना है। पुलिस चौकी में फार्म भरा है। अभी तक कॉल नहीं आया।' इस पर सोनू सूद ने जवाब दिया, 'आप अपनी जानकारी भेजिए। मां बाप से मिलने का समय आ गया है मेरे दोस्त।' एक और व्यक्ति ने ट्वीट कर सोनू से मदद मांगी। उसने लिखा- सर प्लीज ईस्ट यूपी में कहीं भी भेज दो सर, वहां से पैदल जाएंगे अपने गांव सर।' इसपर देखिए सोनू की दिलदारी। सोनू ने लिखा- 'पैदल क्यों जाओगे दोस्त? नंबर भेजो'।
एक और व्यक्ति ने ट्वीट करते हुए सोनू से मदद मांगी। उसने लिखा, कृपया मदद करे, ये लोग बहुत परेशान हैं और अपने गांव जाना चाहते हैं, कई बार थाने पर चक्कर लगा चुके हैं सब मगर कोई सुनवाई नहीं हो पा रही हैं। कृपया इनकी कुछ मदद कर जिससे कि ये सब अपने गांव जा सके। सोन सूद ने लिखा, सुनवाई हो गयी मेरे दोस्त। थोड़ा सब्र...फिर गांव के खेत खलियान। डिटेल्स भेजो। बता दें कि इसस पहले सोनू सूद प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए जुहू स्थित अपना 6 मंजिला होटल खोल दिया था। ताकि वहां कोविड-19 मरीजों की देखभाल करने वाले मेडिकल स्टाफ रह सकें। इसके अलावा कई तरह से सोनू सूद लोगों की मदद कर रहे हैं। -
नई दिल्ली। देशव्यापी लॉकडाउन ने सबसे ज्यादा प्रभावित प्रवासी मजदूरों को किया है। शहरों में आर्थिक गतिविधियां ठप्प होती देख इन लोगों ने पैदल की अपने मूल राज्यों को जाना शुरू कर दिया था। किसी ने पैदल रास्ता नापा तो किसी ने नदी तक को पार किया। ऐसे में इन मजदूरों की कई दुखभरी तस्वीरें सामने आईं। कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान फैक्ट्री, निर्माणाधीन कार्य और दुकानें आदि बंद होने से मजदूरों को खाने और आश्रय तक की परेशानी का सामना करना पड़ा है। इस मामले में शुक्रवार को नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि केंद्र और राज्यों की सरकारें प्रवासी मजदूरों की देखभाल के लिए बहुत कुछ कर सकती थीं।
सरकार के थिंक टैंक यानी नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, जहां लॉकडाउन वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने में सफल रहा, वहीं प्रवासी श्रमिकों के संकट को खराब तरीके से नियंत्रित किया गया। उन्होंने कहा, 'यह समझना महत्वपूर्ण है कि प्रवासियों का मुद्दा एक चुनौती थी क्योंकि वर्षों से हमने ऐसे कानून बनाए हैं जिनसे अर्थव्यवस्था में अनौपचारिक श्रमिकों की एक बड़ी मात्रा पैदा हुई है।'
उन्होंने आगे कहा, 'यह राज्य सरकारों की जिम्मेदारी थी कि वह सुनिश्चित करें कि श्रमिकों का अच्छी तरह से ध्यान रखा जाए। यह एक चुनौती थी, जहां मुझे लगता है कि हम राज्य, स्थानीय, जिला स्तर पर हर एक श्रमिक की देखभाल के लिए बहुत बेहतर काम कर सकते थे।' इस महीने की शुरुआत में भी लाखों की संख्या में मजदूरों ने अपने गांवों में जाना शुरू किया था, वो भी पैदल। इनमें छोटे बच्चे और गर्भवति महिलाएं तक शामिल थीं। हाईवे पर छोटे-छोटे बच्चे मीलों का सफर तय करते देखे गए। सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी कई तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए।
दर्जनों मजदूर तो घर जाते समय रास्ते में ही बीमार पड़ गए और कई की मौत भी हो गई। किसी की मौत थकान के कारण हुई तो किसी की सड़क हादसों से। सरकार ने आलोचना होने पर फंसे हुए लोगों को घर वापस लाने और भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की घोषणा की। भारत में 25 मार्च से लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसका अभी चौथा चरण चल रहा है। फिलहाल देश में कोरोना वायरस के मामले एक लाख 25 हजार से अधिक हैं। जबकि 3720 लोगों की मौत हो गई है। -
नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता संजय झा भी कोरोना वायरस संक्रमित हो गए हैं उन्होंने खुद इसकी जानकारी ट्विटर पर दी है संजय झा की ओर से ट्वीट कर लिखा गया कि वह कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं. संजय झा ने जानकारी दी है कि उनमें कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं, ऐसे में वह अगले 10 से 12 दिनों तक वह होम क्वारनटीन में ही रहेंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता ने अपील करते हुए कहा कि इस ट्रांसमिशन को लोग हल्के में ना लें, ऐसे में हर तरह की सतर्कता बरतें. आपतो बता दें कि संजय झा मुंबई से आते हैं और कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता हैं. अक्सर वह टीवी डिबेट्स में दिखते हैं और सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं. -
कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अम्फान तूफान से तबाह हुए पश्चिम बंगाल के कई जिलों का हवाई दौरा किया. इसके बाद उन्होंने एक हजार करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया. पीएम मोदी के इस ऐलान पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बिफर पड़ी हैं. उनका कहना है कि नुकसान एक लाख करोड़ का हुआ और पैकेज सिर्फ एक हजार करोड़ का दिया जा रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने एक हजार करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी है. यह पैसा कब मिलेगा या यह अग्रिम धनराशि है. अम्फान तूफान के कारण एक लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. 56 हजार करोड़ रुपया तो हमारा ही केंद्र पर बकाया है.
हवाई सर्वेक्षण के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'अम्फान चक्रवात से निपटने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर भरसक प्रयास किया, लेकिन उसके बावजूद करीब 80 लोगों का जीवन नहीं बचा पाएं, इसका हम सभी को दुख है और जिन परिवारों ने अपना स्वजन खोया है उनके प्रति केंद्र और राज्य सरकार की संवेदनाएं हैं.' आगे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'लोगों को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम कर रहे हैं. अभी तत्काल राज्य सरकार को कठिनाई न हो इसके लिए 1000 करोड़ रुपये भारत सरकार की तरफ से व्यवस्था की जाएगी. साथ ही प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी.' -
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान से हुए नुकसान का जायजा लिया. एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से पीएम मोदी ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उनके साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनकड़ भी मौजूद थे. इसके बाद पीएम मोदी, ममता बनर्जी के साथ बशीरहाट पहुंचे जहां समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल के लिए एक हजार करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया. इसके साथ ही चक्रवात में जान गंवाने वालों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का एलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि दुख की इस घड़ी में केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल के साथ है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ''एक साल पहले भी साइक्लोन आया था. उस समय सबसे बड़ा नुकसान ओडिशा को हुआ था. आज एक साल बाद फिर से साइक्लोन ने फिर से भारत के पूर्वी क्षेत्र को प्रभावित किया है. सबसे ज्यादा असर पश्चिम बंगाल पर पड़ा है. मेरी संवेदना उन सभी के साथ हैं जिन्होंने चक्रवात के कारण अपनी जान गंवाई है. लोगों को हर संभव मदद प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर काम कर रहे हैं. गवर्नर और सीएम के साथ, एक हवाई सर्वेक्षण किया, उन्होंने मौजूदा स्थिति पर भी मुझे जानकारी दी है.'' उन्होंने कहा, ''पुनर्वास, पुनर्निर्माण से संबंधित सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा. हम सभी चाहते हैं कि पश्चिम बंगाल आगे बढ़े. इन परीक्षण समयों में केंद्र हमेशा पश्चिम बंगाल के साथ खड़ा रहेगा. इन विरोधाभासों के बावजूद, पश्चिम बंगाल अच्छी तरह से लड़ रहा है. हम इन प्रतिकूल समय में पश्चिम बंगाल के साथ हैं.''
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नई दिल्ली : भारत में कोरोनावायरस पीड़ितों की संख्या में इजाफा जारी है। पिछले 24 घंटे में देश में अब तक के सबसे ज्यादा 6088 नए मामले दर्ज हुए। इसके साथ ही अब देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1 लाख 18 हजार 447 पहुंच गई। वहीं, एक दिन में 148 मौतों के साथ अब कुल मृतकों की संख्या 3583 हो गई है। फिलहाल भारत के लिए एक सुकून देने वाली खबर यह है कि अब तक कुल मरीजों में से करीब 40 फीसदी यानी लगभग 48 हजार लोग ठीक हो कर घर लौट चुके हैं। पिछले 24 घंटे में ही 3131 मरीज डिस्चार्ज किए गए हैं।
सबसे खराब हालात महाराष्ट्र के हैं, जहां अब तक कोरोना के 41,642 केस सामने आ चुके हैं। पिछले 24 घंटे में ही राज्य में अब तक के सबसे ज्यादा 2345 केस सामने आए। वहीं, रिकॉर्ड 1408 लोग ठीक हो कर घर भी लौटे। महाराष्ट्र में एक दिन में 64 मौतों का आंकड़ा भी अब तक का सबसे ज्यादा है। इनमें से 41 मौतें अकेले मुंबई में ही हुई हैं। इसी के साथ अब राज्य में मृतकों का आंकड़ा 1454 पहुंच चुका है।
राज्यों की खराब स्थिति की बात करें तो महाराष्ट्र के बाद दूसरा नंबर तमिलनाडु का है, जहां एक दिन में अब तक के सबसे ज्यादा 776 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसी के साथ राज्य में अब पीड़ितों का आंकड़ा 14 हजार के पास पहुंच गया। तीसरे नंबर पर 13 हजार के करीब केसों के साथ गुजरात है। हालांकि, अगर तमिलनाडु और दूसरे राज्यों में मौत की तुलना की जाए, तो तमिलनाडु के हालात काफी बेहतर हैं। गुजरात की 773 और चौथे नंबर पर दिल्ली की 194 मौतों के मुकाबले तमिलनाडु में सिर्फ 88 लोगों की ही जान गई है। -
जालंधर : देश के कई राज्यों में जहां कोरोना संकट बरकरार है, वहीं पंजाब अब कोरोनामुक्त होने जा रहा है। आंकड़ों पर नजर डाली जाएं तो राज्य में कोरोना के 88 फीसदी मरीज ठीक हो चुके हैं। यही नहीं राज्य के हर जिले में अब स्थिति सामान्य हो चली है, परिवहन व्यवस्था भी धीरे-धीरे पटरी पर आ गई है। पंजाब में इस समय कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की गिनती मात्र 167 रह गई है।
देश में लॉकडॉऊन के चौथे चरण में पंजाब ने कोरोना वायरस पर काबू पाकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब तक राज्य में 2074 कोरोना पॉजीटिव केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से 1967 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि पंजाब में कोरोना वायरस को लेकर रिकवरी रेट 59 प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना को लेकर डबलिंग रेट 14 दिनों का है तो दूसरी तरफ पंजाब में इन केसों के डबलिग रेट में भारी सुधार देखा गया है तथा वह 100 दिनों पर आ गया है।
इसके बावजूद लोगों को कोरोना को लेकर बिल्कुल ढील नहीं बरतनी है। मुख्यमंत्री ने भारत तथा पंजाब के डबलिंग रेट का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए आंकड़ों को जारी किया है जिसमें पंजाब में कोरोना को लेकर रोगियों की दशा में भारी सुधार देखने को मिल रहा है तथा उन्हें लगातार अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है। -
दिल्ली
पाकिस्तान की तरफ से शिव सेना पंजाब की अधिकृत वैबसाइट को हैक कर उस पर पाकिस्तान का झंडा लगाने का समाचार है। इसके अलावा हैकरों ने वैबसाईट पर एक संदेश लिखकर देश की सेना से निपटने की धमकी भी दी है। इसका पता चलते ही शिव सेना पंजाब के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव घनौली ने साइट का स्क्रीनशाट लेकर पंजाब के डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता तथा एस.एस.पी. के ध्यान में लाया।
जिसके बाद साइबर सैल ने भेजा हुआ संदेश हटा दिया, पर थोड़ी देर बाद फिर वही संदेश दिखाई देने लगा। श्री घनौली तथा राष्ट्रीय चेयरमैन राजीव टंडन ने पंजाब सरकार से मामले की जांच करने की मांग की है। घनौली ने कहा कि हैक किए पेज पर इंडिया के क्रैश किसी जहाज के मलबे पर कुछ पाकिस्तानी युवक पैर रखकर खड़े हैं तथा हमारे जांबाज अभिनंदन के साथ मारपीट कर ले जाते व चोटिल अवस्था के चित्र भी लगाए गए हैं। शिवसेना नेताओं ने कहा कि बलोचिस्तान को लेकर सेना के किसी मेजर को धमकी दी गई।
धमकी में कहा गया है कि कारगिल के दौरान सेना के मृतकों को लकड़ी कफन नहीं मिली थी, अगर अब कुछ हुआ तो जमीन नहीं मिलेगी। इसके नीचे पाकिस्तन जिंदाबाद, मेजर बिलाल (टीम पी.सी.ई.) लिखा है तथा सबसे नीचे लिखा है कैच इफ यू कैन एट होटमेल.कॉम। घनौली व टंडन ने कहा कि वैबसाइट की केंद्रीय एजेंसियों को जांच करनी चाहिए।

























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