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नई दिल्ली। देश के राष्ट्रपिता और स्वतंत्रता आदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले महात्मा गांधी की आज 72वीं पुण्यतिथि है। दिल्ली के बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के लिए जाते हुए महात्मा गांधी को नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी, साल 1948 में गोली मार दी थी। उनकी पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत कांग्रेस व अन्य नेताओं ने भी श्रद्धांजलि दी है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। पूज्य बापू के व्यक्तित्व, विचार और आदर्श हमें सशक्त, सक्षम और समृद्ध न्यू इंडिया के निर्माण के लिए प्रेरित करते रहेंगे।'
इस मौके पर महात्मा गांधी को राजघाट पहुंचकर पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण एवं नमन करता हूं। जिन सपनों के भारत के निर्माण की उन्होंने कल्पना की थी उसके निर्माण के लिए हम सब प्राण पण से काम कर रहे हैं। अंत्योदय यानि समाज की अंतिम सीढ़ी पर खड़े व्यक्ति का विकास, यही हमारी नीति और संकल्प है।' -
New Delhi
यूरोपीय यूनियन की संसद में भारत के नागरिकता संशोधन क़ानून और जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने को लेकर कुल 6 प्रस्तावों पर यूनियन और भारत के बीच कूटनीतिक पेंच फंसा हुआ है. ये प्रस्ताव बुधवार को संसद के पटल पर रखे जा रहे हैं जिन पर 30 जनवरी को मत डाले जाएंगे. हालांकि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है ना ही इस पर कोई ब्रीफिंग ही की है. मगर सरकार की तरफ से विदेश मंत्री की बजाय क़ानून मंत्री का बयान आया है जिसमें उन्होंने इस तरह के प्रस्तावों को 'वाम गठजोड़' वाले संगठनों की साज़िश क़रार दिया है. लोक सभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने भी यूरोपीय यूनियन की संसद के अध्यक्ष डेविड ससोली को पत्र लिख कर भारत की आलोचना करने वाले 'प्रस्तावों पर पुनर्विचार' करने को कहा है. अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि 'एक विधायिका द्वारा दूसरी विधायिका' के फैसलों पर इस तरह का प्रस्ताव लाना 'एक अस्वस्थ परंपरा' की शुरुआत होगी. भारत के क़ानून मंत्री का कहना है कि नागरिकता संशोधन क़ानून का भारत की संसद से पारित होना 'भारत का आंतरिक मामला है जो जनतांत्रिक प्रक्रिया' के तहत ही किया गया है.
751 सदस्यों वाली यूरोपीय संसद में जो प्रस्ताव लाये गए हैं उनमें नागरिकता संशोधन क़ानून और जम्मू कश्मीर से धारा 370 के हटाए जाने के अलावा नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिजंस यानी 'एनआरसी' भी शामिल है. कश्मीर में यूरोपीय सांसदों के जाने पर मोदी सरकार से विपक्ष के सवाल प्रस्ताव लाने वाले गुटों में मध्य-दक्षिणपंथी संगठन - यूरोपियन पीपल्स पार्टी (क्रिस्चियन डेमोक्रेट्स) और मध्य मार्गी संगठन - 'प्रोग्रेसिव अलायन्स ऑफ़ सोशलिस्ट्स एंड डेमोक्रेट्स' यानी 'एसएंडडी' शामिल है. जबकि वाम संगठनों का मोर्चा - यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट नार्डिक ग्रीन लेफ्ट यानी 'जीयूई/ एनजीएल' के सांसद भी इसमें शामिल हैं. इन 6 प्रस्तावों पर कुल 626 सांसदों के हस्ताक्षर हैं जिनमें सात ऐसे सांसद भी शामिल हैं जिन्हें पिछले साल अक्टूबर में भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर का दौरा कराया था
राजनयिक हलकों में इसी बात पर चर्चा हो रही है कि जब सरकार ने यूरोपीय यूनियन के सांसदों को आमंत्रित कर जम्मू कश्मीर का दौरा करवाया तो फिर यूरोपीय संसद में इस तरह का प्रस्ताव आना कहीं भारत की कूटनीतिक चूक तो नहीं ?हालांकि यूरोपीय यूनियन या यूरोपीय संघ ने इन प्रस्तावों से ख़ुद को अलग कर लिया है. संघ के विदेश विभाग ने स्पष्ट किया है कि उनकी संसद के अंदर जो चल रहा है उसका मतलब ये नहीं है कि वो यूरोपीय यूनियन का भी विचार हो. उन्होंने इसे संसदीय प्रक्रिया बताया है.
लेकिन यूरोपीय संसद में लेबर पार्टी के नेता और सांसद रिचर्ड ग्रेहम कॉर्बेट ने बीबीसी हिंदी को मेल के ज़रिये भेजे बयान में कहा : ''यह सबसे गंभीर बात इसलिए भी है कि यूरोपीय संसद में भारत द्वारा लाए गए नागरिकता क़ानून पर चर्चा हो रही है. भारत के मित्र आशा कर रहे हैं कि मोदी सरकार इस क़ानून पर अपना रुख़ बदलेगी.'' ओम बिरला का कहना है कि इस क़ानून को लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनी गयी सरकार ने भारत की संसद के दोनों सदनों से पारित कराया है.
लेकिन इन प्रस्तावों को लाने में अहम भूमिका निभाने वाली 'जीयूई/ एनजीएल' की सांसद इडोइया विल्लनुएवा ने बीबीसी को मेल पर भेजे रिकार्ड किये गए बयान में कहा कि पूरे विश्व में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के हनन के मामले बढ़ रहे हैं. वो कहती हैं कि विश्व के विभिन्न देशों में दमन की घटनाएं देखने को मिल रहीं हैं. उनका कहना था,''इस सम्बन्ध में हम ये सोच रहे हैं कि यूरोपीय यूनियन की क्या भूमिका होनी चाहिए ? हमें लगता है कि यूरोपीय यूनियन को देशों की स्वायत्तता को सम्मान देने के साथ साथ ये भी सुनिश्चित करना होगा कि लोगों के अधिकारों के मुद्दे गौण ना हो जाएँ.''
यूरोपीय यूनियन की संसद में लाये जा रहे प्रस्तावों के बारे में वो कहती हैं : ''मोदी के सत्ता में आने और हिन्दू कट्टर राष्ट्रवाद का उभरना चिंताजनक है. इसमें दो चीज़ें देखने को मिलीं - जम्मू कश्मीर में संचार साधनों का बंद होना और नए नागरिकता क़ानून का आना. ये भारत की समरसता और विभिन्नता पर सीधा हमला है. यूरोपीय यूनियन भारत के साथ सामरिक समझौतों की तरफ देख रहा है मगर हम मानवाधिकारों की स्थिति को अनदेखा नहीं कर सकते.''लेकिन ताज़ा जानकारी के अनुसार 66 सदस्यों वाले यूरोपियन कंज़र्वेटिव्ज़ एंड रेफारमिस्ट्स यानी 'ईसीआर' ने इन प्रस्तावों से ख़ुद को पीछे कर लिया है. 751 की संख्या वाले यूरोपीय यूनियन की संसद में भारत के ख़िलाफ़ प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों की संख्या अब सिर्फ़ 560 रह गयी है. अभी ये भी कहना मुश्किल है कि क्या और भी सांसद प्रस्तावों से किनारा कर लेंगे.
क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने तौर पर यूरोपीय यूनियन और उसके के सांसदों से संपर्क में हैं. वहीं ब्रसेल्स में मौजूद भारत की राजदूत गायत्री इस्सार कुमार प्रस्ताव लाने वाले सांसदों के संमूहों से अलग अलग चर्चा कर रही हैं. भारत की तरफ़ से कोशिश की जा रही है ताकि इन प्रस्तावों पर मतदान को टाला जा सके. लेकिन कुछ राजनयिक मानते हैं कि यूरोपीय यूनियन के सांसद पकिस्तान द्वारा भारत के ख़िलाफ़ फैलाये जा रहे दुष्प्रचार का शिकार हुए हैं और इससे रंज़िशें ही बढ़ेंगी.
पूर्व राजनयिक राजीव डोगरा ने बीबीसी से बात करते हुए कहा : ''ये स्पष्ट है कि यूरोपीय यूनियन के सांसद दुष्प्रचार का शिकार हुए हैं. ऐसा नहीं है की फ़्रांस या इटली में अवैध रूप से रहने वालों को ना निकाला जाता हो या फिर इंग्लैंड में अवैध रूप से रह रहे लोगों को जेल ना भेजा गया हो. ये जो सांसद सिर्फ़ भारत को अलग थलग कर रहे हैं ये सिर्फ पाकिस्तान के बहकावे पर कर रहे हैं.''इससे पहले मलेशिया ने भी भारत के नागरिकता क़ानून को लेकर -
वाराणसी। यूपी कॉलेज में आज दोपहर दो गुटों में हुई जमकर मारपीट के बाद उपद्रव व तोड़फोड़ की सूचना है बताया गया कि छात्रों के एक गुट ने छात्रसंघ अध्यक्ष अनुराग सिंह के ऊपर हमला कर दिया, जिसके बाद पूरे परिसर में तनाव व्याप्त हो गया । सूचना मिलते ही भारी फोर्स के साथ स्थानीय पुलिस पहुंची । पुलिस ने कालेज परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे से उपद्रवियों की पहचान शुरू की है।बताया जाता है कि आज दोपहर किसी बात को लेकर छात्र गुटों में पहले कहा सुनी फिर जमकर मारपीट हो गई। इस दौरान तोड़फोड़ कर रहे उपद्रवियों ने मनोविज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर संजीव सिंह के कार का शीशा और दरवाजा भी तोड़ दिया। इसके अलावा आधा दर्जन कुर्सियां भी तोड़ दी गई । वही समझाने बुझाने में छात्रों का कालेज के प्राचार्य डॉ अवधेश सिंह से भी झड़प हो गई । छात्रों के बवाल को देखते हुए कॉलेज परिसर में तत्काल पुलिस फोर्स बुला ली गई ।
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नई दिल्ली: शाहीन बाग पर आपत्तिजनक बयान देने वाले पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर विवादित बयान दिया है. प्रवेश वर्मा ने कहा है कि सीएम केजरीवाल आतंकवादी हैं और अगर अपनी बहन-बेटियों को बचाना है तो उन्होंने भगाना होगा.
प्रवेश वर्मा ने अपने भाषण में कहा, ‘’केजरीवाल अगर जीतकर आये तो मादीपुर की सड़कें शाहीन बाग बन जाएंगी. दिल्ली में केजरीवाल जैसे नटवरलाल और आतंकवादी छुपे हुए हैं, उन्हें बाहर निकालना है.’’उन्होंने आगे कहा, ‘’कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ें या दिल्ली में ‘केजरीवाल जैसे आतंकवादी से.’’ प्रवेश वर्मा मादीपुर से बीजेपी उम्मीदवार कैलाश शांकला के चुनाव कार्यालय के उद्घाटन में पहुंचे थे.
शाहीन बाग पर भी दिया आपत्तिजनक बयान
इससे पहले सोमवार को प्रवेश वर्मा ने शाहीन बाग पर भी आपत्तिजनक बयान दिया. प्रवेश वर्मा ने कहा, ‘’लाखों लोग वहां (शाहीन बाग) इकट्ठा होते हैं. दिल्ली के लोगों को सोच समझ कर फैसला लेना होगा. वह आपके घरों में घुसेंगे, आपकी बहनों और बेटियों के साथ बलात्कार करेंगे, उन्हें मारेंगे. आज वक्त है. मोदी जी और अमित शाह कल आपको बचाने नहीं आएंगे.’’
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नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी गहमागहमी के बीच दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की है। बुधवार को साइना अपनी बहन चंद्रांशु के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं। दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने दोनों को सदस्यता दिलाई। इस दौरान साइना ने कहा कि मैंने देश के लिए मेडल जीते हैं। मैं बहुत मेहनती हूं और मेहनती लोगों से प्रभावित होती हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बहुत मेहनती हैं और उनसे प्रभावित होकर राजनीति में आई हूं। बैडमिंटन कोर्ट से राजनीति में एंट्री करने वाली साइना कई बार कॉपी पेस्ट ट्वीट के लिए ट्रोल हो चुकी हैं। ऐसे कई मौके आए जब उन्हें ट्वीट को लेकर यूजर्स ने ट्रोल किया।
हरियाणा में जन्मी और हैदराबाद में रहने वाली 30 साल की साइना नेहवाल भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। 2012 में लंदन ओलंपिक में कांस्य जीतने वाली पहली भारतीय शटलर बनीं। पूर्व वर्ल्ड नंबर 1 बैडमिंटन प्लेयर रह चुकी साइना के नाम पर 24 से ज्यादा इंटरनेशनल मैडल हैं। इनमें 11 सुपर सीरीज खिताब भी शामिल हैं। हालांकि, कई मौके पर साइना नेहवाल कॉपी पेस्ट ट्वीट के लिए ट्रोल किया गया। ऐसा ही एक मौका पिछले साल दिसंबर में सामने आया, जब 22 दिसंबर, 2019 को साइना नेहवाल ने पीएम मोदी को लेकर एक ट्वीट किया।
साइना नेहवाल का ये ट्वीट 22 दिसंबर को तब सामने आया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलीला मैदान में अपना भाषण दे रहे थे। इसी दौरान भारतीय शटलर साइना नेहवाल ने ट्वीट किया था, 'मैं रामलीला मैदान में @narendramodi sir का एक उत्तेजक भाषण सुन रही हूं।' हालांकि, उनका ये ट्वीट एक अन्य ट्विटर यूजर्स में से थीं। इसी को लेकर यूजर ने उन्हें ट्रोल किया। एक यूजर ने लिखा था, 'साइना नेहवाल का अपना दिमाग नहीं है। वो सिर्फ भाजपा आईटी सेल से हैं।' ये कोई पहली बार नहीं है जब कॉपी पेस्ट ट्वीट के लिए उन्हें ट्रोल किया गया था। -
एजेंसी
ओडिशा के गंजम जिले में आज बुधवार तड़के बड़ा बस हादसा हो गया. इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 42 से अधिक लोग घायल हो गए. घायलों को पास से अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है जहां कई की हालत गंभीर है.
पुलिस के मुताबिक, गंजम जिले के तप्तपानी घाटी के पास बने पुल पर बुधवार सुबह 3 बजे एक बस फिसल गई. बस टेकरी से बेरहामपुर जा रही थी. इस हादसे में घायल लोगों को बेरहामपुर और दिगापंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस का कहना है कि मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है. -
नयी दिल्लीः नागरिकता संशोधन एक्ट(सीएए) और नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन के मसले पर पिछले करीब एक महीने से देश के कई कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी है. देश के अलग-अलग हिस्सों में कई संगठनों द्वारा हर रोज प्रदर्शन किया जा रहा है और मार्च किया जा रहा है. आज भी कई संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया है, इसके अलावा दिल्ली शाहीन बाग पर भी आज विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.झारखंड में सीएए और एनआरसी के विरोध में बुधवार को बहुजन क्रांति मोर्चा के भारत बंद का कहीं-कहीं असर दिख रहा है. भारत बंद को लेकर रांची, लोहरदगा, गिरिडीह, धनबाद समेत संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त एहतियात बरता जा रहा है. भारत बंद के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है और गश्त तेज करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि बहुजन क्रांति मोर्चा की ओर से भारत बंद का ऐलान किया गया है, जिसका कई दलित संगठनों ने भी समर्थन किया है. मंगलवार को भी पूरे दिन ट्विटर पर #कल_भारत_बंद_रहेगा ट्रेंड कर रहा था और लोगों को इसमें हिस्सा लेने के लिए कहा जा रहा था. -
नई दिल्ली : मोदी सरकार के मंत्रालयों और उसके विभिन्न विभाग बजट आवंटन का 75 प्रतिशत खर्च करने के अपने लक्ष्य तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इन मंत्रालयों की कई योजनाओं में खर्च की हालत बेहद खराब है। इन योजनाओं के लाभार्थी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला, अल्पसंख्यक और दिव्यांग शामिल हैं। जनसत्ता की खबर के अनुसार नौ महीनों में इनके कल्याण से जुड़ी योजनाओं के लिए बजट में जितना आवंटन हुआ है, उस पैसे का काफी कम हिस्सा खर्च किया गया है। मोदी सरकार एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति, कोचिंग, हॉस्टल पर आवंटन का काफी कम पैसा ही खर्च कर सकी। नौ महीने में हॉस्टल पर 10 फीसदी से भी कम रकम ही खर्च हुई है। आरटीआई से ये आंकड़े सामने आए हैं।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने अनुसूचित जाति के छात्रों को मैट्रिक के बाद छात्रवृति के लिए 2,926 करोड़ रुपये आवंटित किए थे लेकिन खर्च सिर्फ 1,731.31 करोड़ रुपये हुए। सिर्फ 59.15 प्रतिशत। अनुसूचित जाति और ओबीसी छात्रों को मुफ्त कोचिंग सुविधा के लिए 30 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया था लेकिन 3 जनवरी तक सिर्फ 6.9 करोड़ (23 प्रतिशत) रुपये खर्च किए गए थे।
बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के लिए 107.76 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया था लेकिन खर्च सिर्फ 7.6 करोड़ (7.05 प्रतिशत) रुपये किए गए। ओबीसी छात्रों को मैट्रिक से पहले छात्रवृति के लिए 220 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था लेकिन मंत्रालय सिर्फ 122.53 करोड़ रुपये (55.69 प्रतिशत) ही खर्च कर पाया। इसी तरह से अनुसूचित जाति के छात्रों को मैट्रिक से पहले छात्रवृति के लिए 355 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था लेकिन खर्च मात्र 182.67 करोड़ रुपये (51.45 प्रतिशत) किए गए।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में दिव्यांगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं हैं। इन योजनाओं के लिए ठीक-ठाक बजट का भी आवंटन किया गया लेकिन मंत्रालय इन पैसों को पूरा खर्च नहीं कर पायी। उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय दिव्यांग वित्त विकास निगम के लिए कुल 41.21 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया लेकिन सात जनवरी तक वास्तविक खर्च शून्य था। इसी तरह सेंटर फॉर डिसएबिलिटी स्पोर्ट्स की स्थापना के लिए 17 करोड़ रुपये की आवंटित राशि में से एक रुपया भी सात जनवरी तक खर्च नहीं किया गया था। ब्रेल प्रेस के लिए भी 8 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन कुछ भी खर्च नहीं किया गया।
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दिल्ली :
दिल्ली गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश कुमार की राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गैंगरेप में दोषियों की फांसी का रास्ता साफ हो गया है। दोषी मुकेश की याचिका खारिज करते हुए कहा कि जेल में कथित शोषण के आधार पर फांसी की सजा नहीं रुकेगी। मुकेश कुमार ने आरोप लगाया था कि राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका अस्वीकार करने में प्रक्रियागत खामियां हैं। इससे पहले जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए एस बोपन्ना की तीन सदस्यीय पीठ ने मुकेश कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश से सवाल किया कि वह यह दावा कैसे कर सकते हैं कि राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका पर विचार के समय सारे तथ्य नहीं रखे गये थे।
केन्द्र ने मुकेश कुमार की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये पीठ से कहा था कि इस तरह के जघन्य अपराध करने वाले के साथ जेल में दुर्व्यवहार दया का आधार नहीं हो सकता है। सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इस आरोप का गलत बताया कि दोषी मुकेश कुमार को जेल में एकांत में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने इस दोषी की दया याचिका के साथ सारा रिकार्ड राष्ट्रपति के पास भेजा था। मालूम हो कि इस मामले में चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को 1 फरवरी को फांसी की तारीख तय की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 30 जनवरी को तिहाड़ जेल में पवन जल्लाद पहुंच जाएगा। वहीं, तिहाड़ जेल प्रशासन भी दोषियों को फांसी देने की डमी प्रैक्टिस भी कर चुका है।
गौरतलब है कि दोषी मुकेश कुमार की दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी। दोषी ने दया याचिका खारिज करने के खिलाफ अपनी याचिका पर तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया था। मुकेश की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने मौत की सजा पर तमाम फैसलों तथा दया देने के राष्ट्रपति के अधिकार का जिक्र किया था।
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मेरठ। यूपी के मेरठ में योगी सरकार के मंत्री सुरेश राणा के गनर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सिपाही छुट्टी पर मवाना क्षेत्र में अपने गांव आया था। सिपाही का शव गांव के बाहर जंगल में मिला। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मवाना थाना क्षेत्र के खेड़ी मनिहार निवासी आशीष कुमार (28 ) पुत्र संजीव सिंह 2011 में यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था। इस समय सिपाही की शामली स्थित पुलिस लाइन में तैनाती थी। सिपाही प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा का गनर भी था।
पुलिस के अनुसार आशीष की शादी दौराला थाना क्षेत्र के भराला निवासी युवती के साथ हुई थी। शादी को लेकर दंपती में विवाद चल रहा था। पुलिस के अनुसार, मंगलवार को सिपाही का ससुराल पक्ष से तलाक को लेकर समझौता भी होना था। पुलिस अधिकारियों का कहना है 22 लाख रुपए में समझौता तय भी हो चुका था। एसपी देहात अविनाश पांडे का कहना है कि हत्या में रंजिश की बात सामने आ रही है। कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जल्द ही घटना का खुलासा कर दिया जाएगा। -
नई दिल्ली। अरबपति निवेशक राकेश पर इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप लगे हैं। सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) इस मामले का जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक, ऐप्टेक लिमिटेड के शेयरों से जुड़े मामले में ये जांच हो रही है। ये कंपनी झुनझुनवाला और उनके परिवार की है। ऐसे में झुनझुनवाला के अलावा उनकी पत्नी रेखा, भाई राजेश कुमार, सास सुशीला देवी गुप्ता को भी सेबी ने पूछताछ के लिए 24 जनवरी को बुलाया था।
राकेश झुनझुनवाला एपटेक एजुकेशन से जुड़ी कंपनी के चेयरमैन हैं। इकॉनमिक्स टाईम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, झुनझुनवाला सेबी के जांच अधिकारी के सामने पेश हुए थे और उनसे मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित सेबी के मुख्यालय में करीब दो घंटे तक पूछताछ की गई थी। अपने वकीलों के साथ झुनझुनवाला पहुंचे थे। इसके अलावा सेबी इन्वेस्टर रमेश एस दमानी और कंपनी में डायरेक्टर मधु जयाकुमार सहित कुछ बोर्ड मेंबर्स के रोल की भी जांच कर रही है।
राकेश झुनझुनवाला ने कथित इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों का उल्लंघन किस दौर मे किया, ये साफ नहीं है। बता दें कि किसी लिस्टेड कंपनी के प्रबंधन से जुड़े लोग या उनके करीबी ऐसी जानकारियों के आधार पर ट्रेडिंग करें जो कि सार्वजनिक नहीं हों, तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग माना जाता है। इस तरह की सूचनाओं के आधार पर शेयरों में खरीद-फरोख्त से मुनाफा कमाना गैर-कानूनी होता है। राकेश झुनझुनवाला देश के चुनिंदा अमीर निवेशकों में शामिल हैं। ब्लूमबर्ग के अनुमान के अनुसार उनके पोर्टफोलियो के शेयरों की वैल्यू करीब 11,140 करोड़ है। उन्होंने 2006 में ऐप्टेक के शेयर 56 रुपए पर खरीदे थे। उसके बाद से इसमें उनके और उनके परिवार के सदस्यों का स्टेक बढ़कर 49 प्रतिशत तक हो गया है। -
नई दिल्ली। निर्भया केस के 4 गुनहगारों में से एक मुकेश कुमार सिंह ने राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसपर आज सुनवाई हो रही है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच दोषी मुकेश की याचिका पर सुनवाई कर रही है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान मुकेश के वकील ने सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि उसका (मुकेश) तिहाड़ जेल में यौन शोषण हुआ था।
दोषी के वकील अंजना प्रकाश ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि आपको हर कदम पर अपना दिमाग लगाना होगा, आप किसी की जिंदगी से खेल रहे हैं। तिहाड़ जेल में जाने के बाद मुकेश की निर्मम पिटाई हुई थी। वकील ने दावा किया कि निर्भया केस में एक आरोपी की आत्महत्या वास्तव में मर्डर थी, जो सालों तक छिपी रही। वकील ने कहा कि दया याचिका में सभी तथ्य राष्ट्रपति के सामने नहीं रखे गए।
इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप कैसे कह सकते हैं कि राष्ट्रपति ने याचिका ठुकराने से पहले दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कभी-कभी मेडिकल हेल्थ और कंडीशन ऐसी होती है कि दोषी को मौत की सजा नहीं दी जा सकती है लेकिन इस केस में दोषी मुकेश की मेडिकल कंडीशन ठीक है। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 17 जनवरी को मुकेश की दया याचिका ठुकरा दी थी। अंजना प्रकाश ने कहा कि सभी फैसले और केस डायरी सहित सारे दस्तावेज राष्ट्रपति के पास भेजे जाने चाहिए। यह सब दिया गया था या नहीं, हमें नहीं पता। -
बेंगलुरु : कर्नाटक के भाजपा विधायक और मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को राजनीतिक सचिव एमपी रेणुकाचार्या ने धमकी भरे लहजे में कहा कि अपने क्षेत्र में मुसलमानों को मिलने वाले फायदे रोक दूंगा। उन्होंने 2018 में हमें वोट नहीं दिया था। भाजपा विधायक ने कहा, “कुछ ऐसे गद्दार हैं जो मस्जिद में बैठते हैं और फतवा लिखते हैं। वे नमाज अदा करने की जगह मस्जिद के अंदर हथियार इकट्ठा करते हैं। क्या इसलिए तुम मस्जिद चाहते हैं?” भाजपा सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात करती है लेकिन उसके विधायक मुसलमानों की सुविधा बंद करने की कह रहे हैं।
इस बयान को लेकर विपक्ष ने उनके ऊपर साप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया। टाइम्स नाऊ से बात करते हुए इसके जवाब में उन्होंने कहा, “मैं पहले भी कह चुका हूं। मैं उनको मूलभूत सुविधाओं से दूर नहीं करुंगा। मैं उनकों दिए जाने वाले विशेष लाभ को रोक दूंगा। वे कहते हैं कि हम गलत हैं। लेकिन वहीं लोग कांग्रेस के लिए वोट करते हैं और उनका स्वागत करते हैं। वह पार्टी लोगों को धर्म और जाति के आधार पर बांटती है। उन्हें सचेत हो जाना चाहिए। अपनी गलतियों को भी देखने की जरुरत है।” विधायक ने आगे कहा, “मैं उन्हें दी जाने वाली विशेष सुविधा को रोकने की कोशिश करुंगा। मूलभूत सुविधाएं मिलती रहेंगी। मैं सभी सम्मान करता हूं। यहां तक कि मेरा मानना है कि हम सब को एक साथ जीना चाहिए।” -
आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने विधान परिषद खत्म करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है। सोमवार सुबह हुई कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया। एएनआई को वाईएसआरसीपी के विधायक गुडीवाड़ा अमरनाथ ने बताया कि आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने विधान परिषद को खत्म करने के फैसले को मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी पहले ही उच्च सदन की जरूरत पर सवाल उठा चुके हैं। राज्य विधानसभा का विस्तारित शीत कालीन सत्र सोमवार को दोबारा शुरू हो रहा है। 17 दिसंबर से जारी राजनीतिक गतिरोध के मद्देनजर कैबिनेट ने विधान परिषद को खत्म करने का प्रस्ताव पारित कर दिया है।
माना जा रहा है कि सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस दूसरी योजना पर भी काम कर रही है जिसमें विपक्षी तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के विधान पार्षदों को अपने पाले पर करना भी शामिल है। पार्टी पहले ही तेदेपा के दो विधान पार्षदों को तोड़ चुकी है।
अगर यथास्थिति बनी रही तो वाईएसआर कांग्रेस विधान परिषद में 2021 में ही बहुमत हासिल कर सकती है जब विपक्ष के कई सदस्य छह वर्षीय कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त होंगे। वाईएसआर कांग्रेस के 58 सदस्यीय विधान परिषद में मात्र नौ सदस्य है और इसकी वजह से सरकार को राज्य की तीन राजधानी बनाने की योजना को मंजूरी दिलाने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। -
दिल्ली : निर्भया रेप और मर्डर केस में मौत की सजा पाने वाले दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति के दया याचिका ठुकराने के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। कोर्ट ने दोषी मुकेश के वकील से कहा कि वह शीर्ष अदालत के सक्षम अधिकारी के समक्ष सोमवार को ही याचिका का उल्लेख करें। दोषी मुकेश की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी को फांसी दी जाने वाली है तो इससे (सुनवाई से) अधिक जरूरी कुछ नहीं हो सकता ।
मध्यप्रदेश के इंदौर पहुंची निर्भया की माता आशादेवी ने अपनी वेदना व्यक्त करते हुए कहा कि बीते 7 वर्ष में उन्हें कई बार हताशा-निराशा का सामना करना पड़ा है। वे व्यवस्था से अपील करती है कि आगामी एक फरवरी को दोषियों को फांसी हो। आपको बता दें कि दिल्ली की अदालत ने निर्भया केस के सभी दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया है जिसके मुताबिक, सभी को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जानी है।
उन्होंने संवाददाताओं से निर्भया के दोषियों को माफ किए जाने को लेकर उठ रही आवाजों से जुड़े प्रश्न का जवाब देते हुये कहा कि बीते 7 वर्ष से वे अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ रही है। उन्होंने कहा क्रूरतम अपराध सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत से लड़ती उनकी बेटी की आखिर क्या गलती थी। उन्होंने कहा कि जिंदगी की जंग लड़ती उनकी बेटी को उन्होंने तड़पते-मरते हुए देखा है। ऐसी वेदना से ईश्वर सबको दूर रखें। आशा देवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीते 7 वर्षों में कोई मानव अधिकार का नुमाइंदा उनसे नहीं मिला है। उन्हें तारीख पर तारीख मिल रही है। अब आगामी एक फरवरी को सभी दोषियों को फांसी मिले, इससे निर्भया को इंसाफ मिलेगा। -
हैदराबाद :
हैदराबाद पुलिस ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को दिल्ली वापस भेज दिया. सोमवार सुबह 6.55 मिनट की फ्लाइट से चंद्रशेखर को वापस भेजा गया. चंद्रशेखर रविवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हैदराबाद में होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे थे. प्रदर्शन में शामिल होने से पहले ही चंद्रशेखर को हिरासत में ले लिया गया था.
दिल्ली वापस भेजने से पहले चंद्रशेखर आजाद के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से लिखा गया, 'तेलंगाना में तानाशाही चरम पर है. लोगों के विरोध प्रदर्शन करने के अधिकार को छीना जा रहा है. पहले हमारे लोगों को लाठियां मारी गई, फिर मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. अब मुझे एयरपोर्ट ले आएं है. दिल्ली भेज रहे है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री याद रखें कि बहुजन समाज इस अपमान को कभी नहीं भूलेगा. जल्द वापस आऊंगा.'
भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ जनसभा को संबोधित करने के लिए हैदराबाद पहुंचे थे. लेकिन हैदराबाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. हैदराबाद पुलिस ने इस पर कहा कि चंद्रशेखर को लंगरहाउस पुलिस थाना सीमा में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया गया. वह प्रदर्शन में शामिल थे. प्रदर्शनकारियों को विरोध-प्रदर्शन के लिए पुलिस की कोई अनुमति नहीं मिली थी. -
कोलकाता : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध का दायरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. केरल, पंजाब और राजस्थान के बाद अब पश्चिम बंगाल की विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जाएगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस पार्टी आज सदन में प्रस्ताव लाएगी. ममता सरकार की ओर से लाए जा रहे इस प्रस्ताव का लेफ्ट और कांग्रेस दोनों ही समर्थन कर रही हैं. इसके साथ ही बंगाल सरकार इस मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट जाएगी. हालांकि भारतीय जनता पार्टी इस प्रस्ताव का विरोध कर रही है.
देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ लगातार प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. देश के कई हिस्सों में इसके खिलाफ लोग धरना दे रहे हैं. वहीं राजस्थान सरकार ने भी पिछले हफ्ते शनिवार को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला राजस्थान तीसरा राज्य बन गया . राजस्थान सरकार से पहले केरल और पंजाब की राज्य सरकारें नागरिकता कानून के खिलाफ पहले प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं.
सबसे पहले केरल सरकार ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था. उसके बाद पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया. -
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता कपिल मिश्रा 'मिनी पाकिस्तान' वाले बयान पर फंसते हुए दिखाई दे रहे हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव में मॉडल टाउन से बीजेपी उम्मीदवार कपिल मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है.
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने दिल्ली पुलिस को कपिल मिश्रा के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया. वहीं, दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अफसर का कहना है कि इस मामले में FIR दर्ज हो चुकी है. दरअसल, कपिल मिश्रा ने गुरुवार को ट्वीट किया था कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने शाहीन बाग जैसे मिनी पाकिस्तान खड़े किए हैं. जवाब में 8 फरवरी को हिंदुस्तान खड़ा होगा.
इस ट्वीट पर कपिल मिश्रा की लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. इससे पहले चुनाव आयोग ने गुरुवार को कपिल मिश्रा को नोटिस भेजा था. कपिल मिश्रा को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर नोटिस मिला था. कपिल मिश्रा के इस बयान पर विपक्षी पार्टियों ने आपत्ति जताई थी और चुनाव आयोग में शिकायत की थी.
चुनाव आयोग ने एक्शन लेते हुए कपिल मिश्रा को नोटिस थमाया था. इतना ही नहीं चुनाव आयोग की ओर से ट्विटर को कपिल मिश्रा का विवादित ट्वीट हटाने के निर्देश दिए गए. जिसके बाद ट्वविटर ने उनका ट्वीट डिलीट कर दिया है.