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एजेंसीनई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की तबाही जारी है। इस बीच, महामारी की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी जारी की गई है, जिसमें सबसे अधिक बच्चों के संक्रमित होने की आशंका जताई गई है। इसे देखते हुए बड़ा कदम उठाया गया है। एक विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को 2 से 18 आयुवर्ग के लिए भारत बायोटेक के कोविड वैक्सीन के दूसरे/तीसरे चरण के लिए परीक्षण की सिफारिश की थी, जिसे भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने मंगलवार को सिफारिश की थी कि भारत बायाटेक की कोवैक्सीन के दूससे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी देनी चाहिए, जोकि 2 से 18 साल तक के बच्चों पर किया जाएगा।उन्होंने बताया कि यह परीक्षण दिल्ली व पटना के एम्स और नागपुर स्थित मेडिट्रिना चिकित्सा विज्ञान संस्थान समेत विभिन्न स्थानों पर किया जाएगा।
कंपनी ने मांगी थी अनुमतिबता दें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 विषय विशेषज्ञ समिति ने मंगलवार को भारत बायोटेक द्वारा किए गए उस आवेदन पर विचार-विमर्श किया, जिसमें उसके कोवैक्सीन टीके की दो साल से 18 साल के बच्चों में सुरक्षा और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने समेत अन्य चीजों का आकलन करने के लिए परीक्षण के दूसरे/तीसरे चरण की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। एक सूत्र ने कहा कि कंपनी के आवेदन पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद समिति ने प्रस्तावित दूसरे/तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दिए जाने की सिफारिश की थी।
बता दें कि भारत में अभी तक जिन दो कोविड वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। दोनों का 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को पर ही इनका क्लीनिकल ट्रायल किया गया है। भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लोगों को लगाई जा रही हैं। ऐसे में तीसरी लहर की चेतावनी से पहले बच्चों पर ट्रायल को मंजूरी देना बड़ा फैसला माना जा रहा है।
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एजेंसीनई दिल्ली : देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। देश में बीते 24 घंटे में 3.29 लाख से अधिक नए कोरोना मरीज मिले हैं और 3,876 लोगों की जान चली गई है। राहत की बात ये है कि लगातार दूसरे दिन नए मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं 62 दिन बाद पहले बार नए मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों में 3,29,942 नए कोरोना मरीज मिल हैं। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2,29,92,517 पहुंच गई है। वहीं देश में लगातार दूसरे दिन 3,876 लोगों ने दम तोड़ा है। इसके साथ कोविड से मरने वालों की संख्या 2,49,992 पहुंच गई। मंगलवार को मिले संक्रमित मरीजों की संख्या पिछले 15 दिन में सबसे कम है। इससे पहले 26 अप्रैल को 3.19 लाख केस सामने आए थे।
देश में तेजी से बढ़ रहे सक्रिय मामलेस्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 3,56,082 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं। इसके साथ ही देश में अब तक 1,90,27,304 मरीज कोरोना वायरस को मात देने में कामयाब हुए हैं।राहत की बात ये है कि 62 दिन बाद ऐसा हुआ जब नए मरीजों से ज्यादा मरीजों ने महामारी को मात दी। इससे पहले 9 मार्च को 17,873 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई थी और 20,643 लोग ठीक हुए थे। फिलहाल, देश में सक्रिय मामले बढ़कर 37,15,221 पहुंच गए हैं। सक्रिय मामलों की संख्या अमेरिका के बाद सबसे अधिक भारत में है।
74 फीसदी नए केस इन दस राज्यों में मिलेकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 74 फीसदी नए केस दस राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, यूपी, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में दर्ज किए गए हैं। बता दें कि 7 मई को देश में सबसे ज्यादा 4,14,188 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि 8 मई को सबसे ज्यादा 4,187 मौतें हुई थीं। इसके बाद से संक्रमितों की संख्या और मौत का आंकड़ा कम हो रहा है। संक्रमण के नए मामलों में दिल्ली 10 राज्यों में आखिरी पायदान पर है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकोमार्बिडिटी वाले व्यक्ति, भोजन प्रदाय करने वाले, सब्जी विक्रेता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, पंचायत सचिव, कोटवार-पटेल और पीडीएस प्रबंधक और विक्रेता फ्रंट लाईन वर्कर की सूची में शामिल
राज्य सरकार के कर्मचारी, राज्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी और उनके इमिडियेट परिजन भी शामिल
मुख्यमंत्री के पूर्व निर्देश और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सचिवों की समिति की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने लिया निर्णय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण के लिए अहम घोषणा की है जिसके तहत विभिन्न श्रेणियों के लोगों को फ्रंट लाईन वर्कर मानते हुए उनके टीकाकरण करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही राज्य के पत्रकार और वकीलों तथा उनके परिजनों को भी फ्रंट लाईन वर्कर के समान ही टीकाकरण करने की मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने घोषणा की है।
गौरतलब है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा पूर्व में ही निर्देश दे दिए गए थे परंतु मामला न्यायलयीन होने के कारण लंबित था। कई अन्य राज्यों में पत्रकारों और वकीलों को फ्रंट लाईन वर्कर मानते हुए उनका टीकाकरण किया जा रहा है परंतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इससे एक कदम और आगे बढ़ते हुए राज्य के पत्रकारों और वकीलों के साथ ही उनके परिजनों को भी फ्रंट लाईन वर्कर के समान टीकाकरण में प्राथमिकता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा इस संबंध में पूर्व में दिए निर्देश और टीकाकरण के संबंध में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित सचिवों की समिति की अनुशंसा पर राज्य सरकार द्वारा फ्रंट लाईन वर्कर की सूची में जिन श्रेणियों को शामिल किया है उनमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिभाषित कोमार्बिडिटी वाले व्यक्ति, भोजन प्रदाय करने वाले एवं सब्जी विक्रेता, बस ड्राइवर कंडक्टर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, पंचायत सचिव/कर्मी, पीडीएस दुकान प्रबंधक और विक्रेता, इंसटिटुशनल केयर में रहने वाली महिलाएं, गांव के कोटवार एवं पटेल, राज्य सरकार के कर्मचारी, राज्य पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी और उनके इमिडियेट परिजन शामिल हैं।
इसी तरह इस सूची में वृद्धाश्रम में, महिला देखभाल केन्द्रों एवं बाल देखभाल में कार्यरत व्यक्ति, शमशान, कब्रिस्तान में कार्यरत व्यक्ति, दिव्यांग व्यक्ति, आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली अर्धशासकीय संस्थाओं जैसे- प्राथमिक कृषि सहकारी समिति, मार्कफेड, सहकारी बैंक में कार्यरत कर्मचारी, कलेक्टर द्वारा कोरोना ड्यूटी पर लगाए गए व्यक्ति, राज्य शासन द्वारा परिभाषित किसी अन्य श्रेणी के व्यक्ति को भी शामिल किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा फ्रंट लाईन वर्कर की पहचान के संबंध में विस्तृत मार्गदर्शी सिद्धांत जारी किया जाएगा। यदि फ्रंटलाइन वर्कर श्रेणी का कोई व्यक्ति एपीएल का छोड़कर अन्य कोई राशनकार्ड लाता है तो उसे भी उस राशनकार्ड की श्रेणी में माना जाएगा और यदि राशनकार्ड लेकर नही आता है तो उसे फ्रंट लाईन वर्कर की श्रेणी में माना जाएगा। जेल में रहने वाले बंदियों को भी टीकाकरण में वही प्राथमिकता दी जाए जो फ्रंटलाइन वर्कर को दी जाएगी क्योकि वो अपनी सुरक्षा नही कर सकते। इसी प्रकार वकीलों और पत्रकारों तथा उनके इमिडियेट परिजनों को भी फ्रंटलाईन वर्कर के समान ही टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी। -
नई दिल्ली : पूरी दुनिया कोरोना की वैक्सीन बनाने और बांटने में लगी है इस बीच भारत के DRDO ने कमाल करते हुए कोरोना की दवा बना दी है. जी हां, यही नहीं मोदी सरकार ने इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी भी दे दी है. रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को ये जानकारी दी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत के औषधि महानियंत्रक ने डीआरडीओ द्वारा विकसित कोविडरोधी दवा को आपात इस्तेमाल के लिये मंजूरी दे दी है.
कोविड रोधी दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (drug 2-deoxy-D-glucose या 2-DG) डीआरडीओ द्वारा हैदराबाद स्थित डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज के साथ मिलकर विकसित की गई है. रक्षा मंत्रालय. -
एजेंसीनई दिल्ली: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार (Modi Govt) पर ट्वीट कर हमला बोला है. उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए अपने ट्विटर हैंडल से #GST के साथ ''जनता के प्राण जाएं पर PM की टैक्स वसूली ना जाए!'' ट्वीट किया है. राहुल से पहले कांग्रेस शासन वाली कई सरकारों ने भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर जीएसटी (GST) वसूलने का विरोध किया था. केंद्र सरकार कोरोना के टीकों पर राज्यों से पांच फीसदी जीएसटी वसूल रही है. बीते दिनों राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र द्वारा कोरोना के टीकों पर जीएसटी लगाए जाने का विरोध किया था. पांच फीसदी जीएसटी के साथ राज्यों को वैक्सीन की एक डोज के ऊपर 15 से 20 रुपए अतिरिक्त चुकाने पड़ रहे हैं.
केंद्र सरकार ने विदेश से आने वाली कोरोना वैक्सीन को जीएसटी के दायरे में नहीं रखा है. सरकार देश में बनने वाली वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड पर राज्य सरकारों से पांच फीसदी जीएसटी वसूल रही है. कई राज्य सरकारों ने केंद्र को चिट्ठी लिख कर कोरोना वैक्सीन को टैक्स मुक्त करने की मांग की है. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी केंद्र सरकार से वैक्सीन पर जीएसटी लेने की मांग कर चुके हैं. पटनायक ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक खत लिखा है, जिसमें उन्होंने 18 से 44 साल के उम्र के लोगों को दी जाने वाली वैक्सीन पर जीएसटी छूट की मांग की है. आपको बता दें कि ओडिशा में इस श्रेणी के लोगों को फ्री में वैक्सीन लग रही है, लेकिन राज्य सरकारों को वैक्सीन खरीदनी पड़ रही है. -
एजेंसीउत्तर प्रदेश : यूपी में लगातार बढ़ रहे कोरोना केस को देखते हुए योगी सरकार ने सोमवार तक कोरोना कर्फ्यू बढ़ा दिया है। अभी 6 मई बृहस्पतिवार सुबह 7 बजे तक केारोना कर्फ्यू था अब उसे बढ़ाकर 10 मई सुबह 7 बजे तक कर दिया गया है।
कोरोना पर काबू करने को पीजीआई निदेशक की अध्यक्षता में बनी सलाहकार समिति
योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की प्रभावी रोकथाम और उसके समुचित उपचार के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति गठित की। लखनऊ एसजीपीजीआई के निदेशक डा.आर.के.धीमान की अध्यक्षता में गठित इस सलाहकार समिति में अध्यक्ष समेत कुल 14 सदस्य शामिल हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार की ओर से जारी आदेश के अनुसार इस समिति के संयोजक प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक होंगे।
कानपुर में 66 लोगों की कोराेना से मौत :
बीते चौबीस घण्टों में कोरोना संक्रमण से कानपुर नगर में 66 लोगों की मौत हो गई। इस दूसरी लहर में किसी एक जिले में चौबीस घण्टों में संक्रमण से मौतों की यह सर्वाधिक तादाद है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब कम हो रहा है। बीते चौबीस घण्टों में राज्य में 25858 कोरोना के नए मरीज मिले जबकि 38683 लोग स्वस्थ हुए। इस अवधि में कोरोना संक्रमण से 352 लोगों की मौत हुई। राज्य में अब कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 272568 है। लखनऊ में इस अवधि में कोरोना के कुल 2407 नए मरीज मिले, 5079 ठीक हुए और 22 लोगों की मौत हुई। लखनऊ में अब कोरोना के सक्रिय मरीजों की तादाद 33689 है। -
एजेंसीनई दिल्ली : भारत में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि देश में लॉकडाउन लगाना ही होगा। भारत में कोरोन वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। देश में पिछले कई दिनों से हर दिन साढ़े 3 लाख से ज्यादा नए कोरोना केस सामने आ रहे हैं और तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौतें हो रही हैं। भारत की कोरोना हालात को देखते हुए कई वैश्विक डॉक्टरों ने भी भारत को पूरी तरह शटडाउन करने की सलाह दी है। राहुल गांधी ने मंगलवार (04 मई) को ट्वीट किया,'' भारत की सरकार ये नहीं समझ रही है कि कोरोना के प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका अब देश में पूर्ण लॉकडाउन है। लॉकडाउन में कमजोर वर्गों के लिए सुरक्षा के उपाए किए जाएं। भारत सरकार की निष्क्रियता कई निर्दोष लोगों की जान ले रही है।''
वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है, ''देश में कोविड-19 संक्रमण 2 करोड़ पार, देश में कोरोना से मौत की संख्या 2,19,000...ऐसे में प्रधानमंत्री यानी मोदी जी का नया घर, पी.एम दफ्तर, मंत्रियों के दफ्तर, संसद बनाना जरूरी है या जीवन रक्षक दवा, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, अस्पताल बेड उपलब्ध कराना?''
बता दें अभी हाल ही में इंडियन एक्स्प्रेस को दिए इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के मुख्य मेडिकल एडवाइजर और ग्लोबल डॉक्टर एंथोनी फाउची ने कहा था कि भारत को कुछ हफ्तों के लिए शटडाउन करना चाहिए।
भारत की कोरोना स्थिति पर सलाह देते हुए एंथोनी फाउची ने कहा था, भारत को अपनी स्थिति को देखते हुए फिलहाल कुछ हफ्तों के लिए पूरे देश को शटडाउन कर देना चाहिए। जो जैसे चल रहा है उसको बंद कर देना चाहिए और सिर्फ मेडिकल हेल्प पर फोकस करना चाहिए। ऐसा करने से भारत जल्द ही एक सामान्य स्थिति में पहुंच जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकोविड-19 संक्रमण को रोकने 9 अप्रैल से 6 मई तक पूर्ण कंटेनमेंट जोन घोषित होने के कारण राज्य के लघु और मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें वांछित राहत प्रदान करने का किया अनुरोध
छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डट्रीज के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से की मांग
व्यवसायियों द्वारा विभिन्न प्रकार की विवरणियों को प्रस्तुत करने की अप्रैल एवं मई माह की तिथियों को दो माह के लिए बढ़ाया जाए
व्यवसाय संचालन हेतु लिए गए ऋण के मूलधन और ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा को कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान करने पर विचार किया जाए
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर प्रदेश में वर्तमान में 9 अप्रैल से 6 मई की सुबह तक कंटैनमेंट जोन घोषित होने के कारण राज्य के लघु और मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को देखते हुए उन्हें वांछित राहत प्रदान करने का अनुरोध किया है। श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इण्डट्रीज के अनुरोध पर केन्द्र सरकार से मांग की है कि व्यवसायियों द्वारा विभिन्न प्रकार की विवरणियों को प्रस्तुत करने की अप्रैल एवं मई माह की तिथियों को दो माह के लिए बढ़ाया जाए साथ ही व्यवसाय संचालन हेतु लिए गए ऋण के मूलधन और ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा को कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान करने पर विचार किया जाए
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को पत्र में लिखा है कि - कोविड-19 महामारी की दूसरी और अधिक घातक लहर को रोकने के अंतिम प्रभावी कदम के रूप में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित लगभग सभी जिलों में दिनांक 9 अप्रैल से प्रारंभ कर 6 मई की सुबह तक पूर्ण कटेनमेंट जोन घोषित किये जाने के कारण राज्य में आर्थिक गतिविधियां एवं व्यापार-व्यवसाय लगभग बंद है। इससे राज्य में लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यवसायियों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने इस आर्थिक परेशानी में उनकी सहायता के उद्देश्य से कुछ फौरी राहतों की मांग की गई है, जिन पर मैं आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हूँ।
श्री बघेल ने लिखा है कि -अप्रैल माह वित्तीय वर्ष 2021-22 का प्रथम माह होने के कारण टीडीएस एवं टीसीएस एक्ट में कई अनुपालनों की तिथियां निर्धारित है। ऐसे समय में व्यवसायियों द्वारा अपने खातों का मिलान कर विभिन्न प्रकार की विवरणियों को निर्धारित समय-सीमा में प्रस्तुत कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। इनके कार्यालयो, प्रतिष्ठानों में कार्यरत विभिन्न कर्मचारियों जैसे- एकाउंटेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, प्रबंधन स्टाफ इत्यादि भी कोविड से संक्रमित होने के कारण या तो होम आइसोलेशन में है अथवा अस्पताल में हैं। इसी प्रकार व्यवसायियों के विभिन्न कर सलाहकार जैसे- चार्टर्ड एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेटरी, कर सलाहकार आदि भी इस महामारी से संक्रमित होने के कारण अपनी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं। उपरोक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए चैम्बर द्वारा अनुरोध किया गया है कि अप्रैल एवं मई माह की विभिन्न तिथियों को आगामी 2 माह के लिये बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि राज्य में वर्तमान में व्यापार-व्यवसायों के लगभग बंद होने जैसी स्थिति के कारण व्यवसाय एवं उद्योगों का नकदी प्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुआ है एवं वर्तमान स्थिति में सुधार में लगने वाले संभावित समय को ध्यान में रखते हुए व्यवसायियों के द्वारा विभिन्न बैंकों व वित्तीय संस्थाओं से लिये गये ऋण के मूलधन एवं ब्याज की वापसी में अत्यंत कठिनाई हो रही है। अतः चैम्बर द्वारा यह अनुरोध किया गया है कि उनके व्यवसाय संचालन हेतु लिये गये ऋण के मूलधन एवं ब्याज की किश्तों के भुगतान की समय-सीमा में कम से कम 3 माह की स्थगन अवधि प्रदान किये जाने पर विचार किया जाए।
श्री बघेल ने कहा है कि राज्य के चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा की गयी उपरोक्त दोनों मागों से राज्य शासन पूर्णतः सहमत है। ये दोनों ही विषय आपके मंत्रालय के क्षेत्राधिकार से संबंधित है। आपदा के इस गंभीर समय में राज्य के लघु एवं मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए इन पर गंभीरता से एवं सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इन न्यायोचित मांगों पर शीघ सकारात्मक कदम उठाये जाने का आग्रह है। यह उपाय चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के व्यवसायियों को वांछित राहत प्रदान करने में काफी सहायक राज्य के चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा की गयी उपरोक्त दोनों मागों से राज्य शासन पूर्णतः सहमत है। ये दोनों ही विषय आपके मंत्रालय के क्षेत्राधिकार से संबंधित है। आपदा के इस गंभीर समय में राज्य के लघु एवं मध्यम व्यवसायियों की परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए इन पर गंभीरता से एवं सहानुभूतिपूर्वक विचार कर इन न्यायोचित मांगों पर शीघ सकारात्मक कदम उठाये जाने का आग्रह है। यह उपाय चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के व्यवसायियों को वांछित राहत प्रदान करने में काफी सहायक होंगे।
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एजेंसी
नई दिल्ली: देश में कोरोना का प्रकोप अब विकराल रूप ले चुका है, सोमवार को एक बार फिर देश में साढ़े तीन लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए गए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में देश में 3,68,147 नए मामले दर्ज किए गए जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 1,99,25,604 हो गई है. वहीं इस अवधि में 3417 मरीजों की मौत हुई है और कुल मृतकों की तादाद 2,18,959 हो गई है. देश में इस वक्त एक्टिव कोविड मरीजों की संख्या 34 लाख के चिंताजनक आंकड़े को पार करते हुए 34,13,642 हो गई है. सोमवार लगातार 12वां दिन है जब कोरोना संक्रमण के मामले 3 लाख से ज्यादा आए हैं.
कोविड के नए मामलों और मरीजों की मौत के लिहाज से अप्रैल सबसे डरावना महीना रहा है और जिस तरीके से मई महीने में आंकड़ों की रफ्तार नजर आ रही है वो चिंताओं को और बढ़ा ही रही है. अकेले अप्रैल में कोरोना संक्रमण के 66,13,641 नए मामले दर्ज किए गए हैं जबकि इस दौरान 45,862 मरीजों की मौत भी हुई है, वहीं मई में अब तक 11,62,628 नए केस आ चुके हैं और 10,629 लोगों की मौत हो चुकी है.
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शुरुआत के बाद देश में अब तक दिए कोविड-19 टीकों की खुराकें 15.71 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है. पिछले 24 घंटों में 12,10,347 लोगों को इसका टीका लगाया गया. वहीं इस खतरनाक वायरस के प्रकोप से मुक्त होने वाले लोगों की संख्या 1,62,93,003 हो गई है, पिछले 24 घंटों में 3,00,732 मरीज ठीक होकर घर गए हैं.
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकोरोना संक्रमण से बचाव और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है टीकाकरण - मुख्यमंत्री
राज्य में 18 से 44 वर्ष के उम्र के सभी लोगों को मुफ्त में कोविड-19 का टीकारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंंिसंग के जरिए छत्तीसगढ़ में 18 से 44 वर्ष के लोगों को निःशुल्क कोरोना टीका लगाने के महाअभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने इस दौरान भिलाई-दुर्ग, रायपुर तथा बिलासपुर में कोविड-19 का टीका लगवाने वाले लोगों से चर्चा की और उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नियमों का पालन करने की सलाह भी दी। इस मौके पर उन्होंने अभियान में जुटे टीकाकरण टीम और टीका लगाने वाले लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए निःशुल्क कोरोना टीका लगाए जाने की शुरूआत आज 1 मई से शुरू कर दी है। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहूूूूूूूूूू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरूरूद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल तथा विधायक श्रीमती रश्मि सिंह और विधायक श्री देवेन्द्र यादव वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के माध्यम से शामिल हुए। टीकाकरण के शुभारंभ अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण एक महत्वपूर्ण हथियार है। इससे राज्य में कोरोना को हराने में जरूर सफलता मिलेगी। उन्होंने बताया कि राज्य में टीकाकरण अभियान के सफल संचालन के लिए शासन तथा प्रशासन के समन्वित प्रयास से हर आवश्यक व्यवस्था पूरी कर ली गई है। इसमें अभी 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए अंत्योदय राशनकार्डधारियों को प्राथमिकता दी गई है। राज्य में आगे वैक्सीन की उपलब्धता के अनुरूप क्रमिक रूप से 18 से अधिक उम्र वाले सभी वर्ग के लोगों को मुफ्त में कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए कोरोना वैक्सीन की पहली खेप में आज दोपहर को लगभग डेढ़ लाख डोज उपलब्ध हुआ। इसे तत्काल सभी जिलों के लिए आबंटित कर भेज दिया गया है और राज्य में राजधानी सहित दुर्ग तथा बिलासपुर जिले में आज यह महाअभियान प्रारंभ हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव तथा रोकथाम के लिए कोविड अनुकूल व्यवहार का भी पालन करना आवश्यक है। इसके पालन सहित सभी के समन्वित प्रयास से ही कोरोना पर नियंत्रण पा सकते हैं। राज्य में कोरोना नियंत्रण के इस कार्य में सभी वर्ग के लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। इस तरह सभी की एकजुटता से ही राज्य मंे कोरोना को हराने में जरूर सफल होंगे। कार्यक्रम को सभी मंत्रियों ने भी सम्बोधित किया और कोविड-19 टीकाकरण अभियान के सफल संचालन के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। -
एजेंसी
लखनऊ : बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव संपन्न हो गए हैं और 2 मई को चुनाव परिणाम भी सामने आ जाएंगे। ऐसे में चुनाव ड्यूटी में लगे कई शिक्षकों की कोरोना संक्रमण के चलते जान भी चली गई है। तो वहीं, अब कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने कहा कि शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी करने के लिए मजबूर किया गया है।
उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'उप्र में चुनाव ड्यूटी करने वाले लगभग 700 शिक्षकों की मृत्यु हो चुकी है। इसमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है जिसे चुनाव ड्यूटी करने के लिए जबरन मजबूर किया गया। कोरोना की दूसरी लहर की भयावहता के बारे में एक बार भी विचार किए बिना उप्र की लगभग 60,000 ग्राम पंचायतों में इन चुनावों को कराया गया।'
ग्रामीणों इलाकों में बढ़ा कोरोना का प्रकोप
प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, 'बैठकें हुईं, चुनाव अभियान चला और अब ग्रामीण इलाकों में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोगों की बड़ी संख्या में मृत्यु हो रही है जोकि झूठे सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। पूरे उप्र के ग्रामीण इलाकों में लोगों की घरों में मृत्यु हो जा रही है और इनको कोविड से होने वाली मौतों के आंकड़ों में गिना भी नहीं जा रहा क्योंकि ग्रामीण इलाकों में टेस्ट ही नहीं हो रहे हैं। सरकार का रुख सच दबाने की तरफ है और उसका अधिकतम प्रयास जनता व लोगों की दिन रात सेवा कर रहे मेडिकल समुदाय को भयभीत करने में रहा है। उप्र में जो घट रहा है वह मानवता के खिलाफ अपराध से कम नहीं है और चुनाव आयोग इसमें भागीदार है।' -
एजेंसी
नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेहद घातक रूप ले चुकी है. शनिवार को देश में कोरोना संक्रमण के 4 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, यह एक दिन में एक अब तक के सर्वाधिक मामले हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमण के 4,01993 नए मामले दर्ज किए गए हैं. जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ 87 लाख से ज्यादा (1,87,62,976) हो गई है, वहीं इस अवधि में 3523 मरीजों की मौत हुई है, जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या दो लाख के आंकड़े को पार करते हुए 2,08,330 हो गई है. कोरोना के मामले अब डरावनी स्थिति में पहुंच चुके हैं, यह लगातार 10वां दिन है, जब देश में कोरोना संक्रमण के मामले 3 लाख से ज्यादा आए हों. अगर कोविड-19 संक्रमण के पिछले 10 दिनों का औसत निकाला जाए तो यह करीब 3.50 लाख नए मामले प्रतिदिन पर आता है.
शनिवार को कोरोना संक्रमण के नए मामले, फरवरी के पूरे महीने से ज्यादा और जनवरी के पूरे महीनों के मामलों के करीब हैं. जानकारी के अनुसार जनवरी के महीने में इस खतरनाक वायरस की चपेट में कुल 4,79,409 लोग आए थे जबकि फरवरी में 3,50,548 लोग संक्रमित हुए थे. वहीं अकेले आज 4,01993 नए मामले सामने आए हैं. मार्च में कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी थी, लेकिन फिर भी पूरे महीने में 10.25 लाख नए मामले दर्ज किए गए जबकि अप्रैल में हालात बेकाबू नजर आए, कल तक के आंकड़ों को जोड़ने के बाद अकेले अप्रैल के महीने में 66 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. अप्रैल 2021 में कोरोना के कारण 45,862 लोगों की मौत हुई है, जोकि एक महीने में हुई सर्वाधिक मौत है.
देश में इस वक्त कोरोना संक्रमण के 32 लाख से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं. केंद्रीय मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश में इस वक्त संक्रमण के 32,68,710 मरीज हैं. पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 2,99,988 मरीज कोरोना संक्रमण से ठीक हुए हैं. अब तक इस वायरस को मात देने वाले लोगों की संख्या 1,56,84,406 हो चुकी हैं. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को टीकाकरण में मिले सर्वोच्च प्राथमिकता - सीएम भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर की मांग
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को टीकाकरण में सर्वोच्च प्राथमिकता देने की मांग की है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र में उल्लेख किया है कि भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार दिनांक 28 अप्रैल 2021 से कोविन पोर्टल पर कोविड के विरुद्ध वैक्सिनेशन हेतु इच्छुक 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के हितग्राहियों का रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ हो चुका है। हालाँकि यह जानकारी पोर्टल पर राज्यवार उपलब्ध नहीं है पर प्राप्त जानकारी अनुसार अब तक देश भर में इस आयु वर्ग के लगभग 1.7 करोड़ नागरिकों द्वारा कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है।
भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार इस आयु वर्ग के टीकाकरण हेतु वैक्सीन डोसेज़ का क्रय राज्यों द्वारा ही किया जाना है। इसी तारतम्य में राज्य द्वारा वैक्सीन के दोनो उत्पादकों को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की 25-25 लाख डोसेज़ हेतु माँग प्रेषित की गयी। इनमें से एक उत्पादक (भारत बायोटेक) का ही उत्तर प्राप्त हुआ है जिसके अनुसार वांछित मात्रा में से मात्र तीन लाख डोसेज़ मई माह में राज्य को प्राप्त हो पाएँगी। ऐसी परिस्थिति में बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन होने से और उस अनुपात में वैक्सीन डोज़ उपलब्ध न होने से टीकाकरण हेतु बनी सेशन साइट्स पर भीड़ प्रबंधन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में उल्लेख किया है कि ऐसी परिस्थिति में वैक्सीन की कमी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा टीकाकरण हेतु इस आयु वर्ग में प्राथमिकता का कोई क्रम निर्धारित होना चाहिए और इस क्रम में सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।वर्तमान में रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध होने से भी सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की टीकाकरण से वंचित रहने की संभावना बढ़ जाती है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पत्र के अंत मे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है कि पूर्व की भांति 18- 45 वर्ष के आयु वर्ग के लिए भी ऑन साइट रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध हो ताकि टीकाकरण से कोई भी वंचित न रह पाए। -
एजेंसीअमेरिका : कोरोना वायरस संकट के बीच अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत की यात्रा न करने और जल्द से जल्द देश छोड़ने की सलाह दी है। उसने कहा कि ऐसा करना सुरक्षित है क्योंकि भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बीच सभी तरह की चिकित्सीय देखभाल के संसाधन सीमित हो गए हैं। अमेरिका ने भारत पर चौथे चरण का यात्रा परामर्श जारी किया है जो विदेश विभाग द्वारा जारी किए जाने वाला सबसे अधिक स्तर का परामर्श होता है। परामर्श में अमेरिकी नागरिकों से भारत की यात्रा न करने या जल्द से जल्द वहां से निकलने के लिए कहा गया है क्योंकि देश में मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति के कारण ऐसा करना सुरक्षित है।
विदेश विभाग ने ट्वीट किया, 'भारत में कोविड-19 के मामलों के कारण चिकित्सीय देखभाल के संसाधन बेहद सीमित हैं। भारत छोड़ने की इच्छा रखने वाले अमेरिकी नागरिकों को अभी उपलब्ध वाणिज्यिक विकल्पों का इस्तेमाल करना चाहिए। अमेरिका के लिए रोज चलने वाली उड़ानें और पेरिस तथा फ्रैंकफर्ट से होकर आने वाली उड़ानें उपलब्ध हैं।'
स्वास्थ्य अलर्ट जारी करते हुए नई दिल्ली में स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा, 'भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण सभी तरह की चिकित्सीय देखभाल बेहद सीमित हो रही है।' उसने अमेरिकी नागरिकों से यात्रा पाबंदियों पर ताजा जानकारी के लिए भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर जाने के लिए कहा है।
दूतावास ने एक बयान में कहा, 'भारत में कोविड-19 के नए मामले और मौत की संख्या रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गई है। कई स्थानों पर कोविड-19 जांच का बुनियादी ढांचा बाधित हो गया है।' इसमें कहा गया है, 'अस्पतालों में कोविड-19 और गैर कोविड-19 मरीजों के लिए चिकित्सा सामान, ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी हो गई है।' कुछ शहरों में जगह न होने के कारण अमेरिकी नागरिकों को अस्पतालों में भर्ती करने से इनकार करने की खबरें हैं। कुछ राज्यों में कर्फ्यू और अन्य पाबंदियां हैं जिससे गैर आवश्यक कारोबारों का संचालन रुक गया है और आवाजाही सीमित हो गई है। -
एजेंसीगृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना में कहा गया है, 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2021, 27 अप्रैल से अधिसूचित किया जाता है।' इसका मतलब साफ है कि अब उपराज्यपाल (एलजी) की मंजूरी के बिना कार्यकारी कोई कदम नहीं उठाया जा सकेगा।
नई दिल्ली : अब दिल्ली में सरकार का मतलब उपराज्यपाल होगा। दरअसल, दिल्ली में केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) कानून 2021 यानी जीएनटीसीडी एक्ट को मंजूरी दिए जाने बाद इसे लेकर अधिसूचना जारी की है। गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना में कहा गया है, 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2021, 27 अप्रैल से अधिसूचित किया जाता है।' इसका मतलब साफ है कि अब उपराज्यपाल (एलजी) की मंजूरी के बिना कार्यकारी कोई कदम नहीं उठाया जा सकेगा।
दिल्ली सरकार को लेनी पड़ेगी उपराज्यपाल की सलाहइस अधिसूचना के मुताबिक दिल्ली विधानसभा में पारित विधान के परिप्रेक्ष्य में सरकार का आशय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से होगा। इसके साथ ही दिल्ली सरकार को किसी भी कार्यकारी कदम से पहले उपराज्यपाल की सलाह लेनी पड़ेगी।
बता दें लोकसभा में यह विधेयक 22 मार्च को पास होने के बाद 24 मार्च को राज्यसभा में पारित किया गया था और यह विधेयक राज्यसभा से पास भी हो गया था। विधेयक में यह भी सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है कि उपराज्यपाल को आवश्यक रूप से संविधान के अनुच्छेद 239क के खंड 4 के अधीन सौंपी गई शक्ति का उपयोग करने का अवसर मामलों में चयनित प्रवर्ग में दिया जा सके।
बढ़ सकती है मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की परेशानीबता दें कानून में किए गए संशोधन के अनुसार, अब सरकार को उपराज्यपाल के पास विधायी प्रस्ताव कम से कम 15 दिन पहले और प्रशासनिक प्रस्ताव कम से कम 7 दिन पहले भेजने होंगे। जानकारों के मुताबिक इस कानून की वजह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार की समस्या बढ़ सकती है। राज्यसभा में बिल पास होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले को दिल्ली की जनता का अपमान बताया था। बिल के पास होने पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था। वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा था, 'आज लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है।' उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए दुखद दिन करार दिया था।'
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एजेंसीनई दिल्ली : चुनाव आयोग ने 5 राज्यों के चुनाव नतीजों से पहले विजय जुलूस पर रोक लगा दी है। चुनाव आयोग ने आदेश जारी किया है कि 2 मई को मतगणना के दौरान या बाद में विजय जुलूस निकालने पर पाबंदी रहेगी। देश भर में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ रहे मामलों के चलते चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया है। इससे पहले सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट ने कोरोना केसों में तेजी से इजाफे के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि कोरोना केसों में तेजी से इजाफे के लिए अकेले चुनाव आयोग जिम्मेदार है और इसके लिए उसके अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए।
अदालत ने चुनाव आयोग को फटकार लगाते हुए कहा था कि यदि चुनाव आयोग की ओर से 2 मई को मतगणना के दौरान कोविड प्रोटोकॉल के पालन का प्लान नहीं पेश किया तो वह काउंटिंग रुकवा देगा। मद्रास हाई कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था कि देश में आई कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है। कोर्ट ने कहा था कि एक संवैधानिक संस्था के तौर पर चुनाव आयोग बेहद गैरजिम्मेदार रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि हाई कोर्ट की फटकार के बाद ही 2 मई को जुलूस पर रोक लगाने का फैसला चुनाव आयोग ने लिया है। कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच आयोग का यह फैसला अहम है।
इससे पहले कई राजनीतिक दलों की ओर से पश्चिम बंगाल में आखिरी के तीन चरणों की वोटिंग एक साथ कराए जाने की मांग भी की गई थी। हालांकि चुनाव आयोग ने इन मांगों को खारिज कर दिया था। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी चुनाव आयोग से यह मांग की थी। सोमवार को चुनाव आयोग पर अदालत की ओर से की गई टिप्पणियों के बाद भी ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया सामने आई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि हाई कोर्ट ने आयोग को सही फटकार लगाई है। बता दें कि बंगाल, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और असम में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम 2 मई को आने वाले हैं। सभी राज्यों में चुनाव हो चुके हैं, जबकि बंगाल में 29 अप्रैल को 8वें राउंड की वोटिंग होनी है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासंक्रमण के लक्षण वाले व्यक्ति को तुरंत उपलब्ध कराएं दवा किट
सक्ती तथा खरसिया नगर पालिकाओं में डीएमएफ मद से डॉक्टरों की नियुक्ति की अनुमति
रतनपुर और तखतपुर में तत्काल ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की व्यवस्था के निर्देश
मुख्यमंत्री ने बिलासपुर, सरगुजा तथा बस्तर संभाग के नगर पालिकाओं में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग की समस्त 25 नगर पालिका परिषदों के अध्यक्ष एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस से संयुक्त बैठक लेकर कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति तथा रोकथाम के उपायों की समीक्षा की। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा राज्य में कोरोना संक्रमण से बचाव तथा रोकथाम की व्यवस्थाओं की लगातार समीक्षा की जा रही है। इस तारतम्य में गत दिवस 25 अप्रैल को रायपुर तथा दुर्ग संभाग के नगर पालिका परिषदों की समीक्षा की गई थी। आज यहां मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया सहित मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और नगरीय प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी. शामिल हुईं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करते हुए समस्त नगर पालिका परिषदों में स्वच्छता, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता और मरीजों का तत्परता से इलाज पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने नगरीय निकायों के हर गली-मोहल्ले में नियमित साफ-सफाई के लिए विशेष जोर दिया। उन्होंने वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते हुए नगरीय क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की सतत आपूर्ति के लिए भी निर्देशित किया। साथ ही पीलिया आदि बीमारियों की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने नगर पालिकाओं में चालू अप्रैल माह में राशन कार्ड धारियों को राशन वितरण तथा अगले माह एक साथ मुफ्त दिए जाने वाले मई और जून के राशन के भण्डारण के संबंध में भी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस दौरान समस्त नगर पालिका परिषदों के अध्यक्षों और मुख्य नगर पालिका अधिकरियों से एक-एक कर चर्चा की और उन्हें कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत मरीजों का तत्परता से इलाज और अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चत करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है। ऐसी स्थिति में लक्षण के आधार पर ही व्यक्ति को तुरंत दवा किट उपलब्ध करा दी जाए, जिससे संक्रमण न फैल सके और बीमारी के बढ़ने के कारण किसी तरह की गंभीर स्थिति का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मरीजों के सुगमता से इलाज और अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन के मद्देनजर नगर पालिका परिषद के अध्यक्षों की मांग पर सक्ती और खरसिया में आवश्यकता के अनुरूप डॉक्टरों की भर्ती के लिए अनुमति दी। उन्होंने कहा कि संबंधित जिला कलेक्टर जिला खनिज मद की राशि से इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। इसी तरह उन्होंने नगर पालिका परिषद रतनपुर और तखतपुर में मरीजों की सहूलियत के लिए तत्काल ऑक्सीजन युक्त बिस्तर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के संबंध में भी निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता लाने और लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के संबंध में भी निर्देशित किया। उन्होंने इस दौरान नगरीय निकाय क्षेत्र के अंतर्गत रेल्वे स्टेशनों और बस स्टेंडों सहित चेक पोस्टों में बाहर से आने वाले लोगों और प्रवासी श्रमिकों की सघन जांच के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े सभी नगर पालिकाओं के अध्यक्षों और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना पर नियंत्रण के लिए सभी नगरीय निकाय अच्छा काम कर रहे हैं। शासन के दिशा-निर्देशों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान राशन, सब्जी और फल जैसी अत्यावश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था बनाए। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को कोविड अनुकूल व्यवहार, मास्क लगाने, शारीरिक दूरी बरतने और हाथों की अच्छी साफ-सफाई के लिए प्रेरित करें। बाहर से आने वाले लोगों की जांच करें और एसओपी के अनुसार उनका क्वारेंटाईन सुनिश्चित करें। उन्होंने नगरीय निकायों के सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स का जल्द से जल्द शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का क्रियान्वयन एक माह के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। -
एजेंसीनई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ा एलान किया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ़्त में वैक्सीन दी जाएगी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने दिल्ली में एक करोड़ 34 लाख वैक्सीन खरीदने की मंजूरी दी है। केजरीवाल ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि इसे जल्द से जल्द खरीदा जाए और लोगों को जल्द से जल्द प्रशासित किया जाए।
वैक्सीन के एक निर्माता ने कहा है कि वो राज्य सरकारों को 400 और दूसरे ने कहा कि वो 600 रुपये में वैक्सीन देंगे और केंद्र सरकार को 150 रुपये में देंगे। इसकी एक ही कीमत होनी चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि मैं वैक्सीन निर्माताओं से अपील करता हूं कि वे कीमत 150 रुपये डोज़ तक कम करें। मुनाफा कमाने के लिए आपका पूरा जीवन होता है। यह ऐसा करने का समय नहीं है जब एक उग्र महामारी हो। मैं केंद्र सरकार से भी अपील करता हूं कि जरूरत पड़ने पर (टीकों की) कीमत तय करें।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस महामारी में हमने देखा है कि 18 साल से कम उम्र के जवान और बच्चे भी बहुत संक्रमित हो रहे हैं, अब उनके लिए भी सोचने का समय आ गया है कि ये वैक्सीन उनको भी लगाई जा सकती हैं और अगर नहीं लगाई जा सकती तो मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द दूसरी वैक्सीन भी ईजाद होंगी।