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नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से कम हो रहे हैं। एक तरफ देश में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है तो दूसरी ओर कोरोना के सक्रिय मामले लगातार कम हो रहे हैं।भारत की दैनिक कोरोना मौतों का आंकड़ा भी 100 से कम पर आ गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 11,831 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 84 लोगों की मौत हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमण के अब तक कुल 1 करोड़ 8 लाख 38 हजार 194 मामले सामने आए हैं। हालांकि, इनमें से 1 करोड़ 5 लाख 34 हजार 505 लोग ठीक हो चुके हैं।देश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 1 लाख 48 हजार 606 है। भारत में कोरोना से अब तक कुल 1 लाख 55 हजार 80 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
रिकवरी रेट बढ़ादेश की कोरोना रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है। देश में बीते 24 घंटों में कोरोना से 11,904 लोग ठीक हुए हैं। इससे रिकवरी दर बढ़कर 97.20% हो गई है। इसी तरह देश में बीते 24 घंटों में कोरोना के 157 सक्रिय केस कम हुए हैं, जिससे एक्टिव दर 1.37% हो गई है। भारत की कोरोना मृत्यु दर फिलहाल 1.43% है।
देश में कोरोना की जांच का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। देश में अब तक 20 करोड़ से ज्यादा कोरोना जांच की जा चुकी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research, ICMR) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में रविवार(8 फरवरी, 2021) तक 20,19,00,614 सैंपलों की जांच हो चुकी है, जिनमें से 5,32,236 टेस्ट कल किए गए हैं।
देश में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण जारी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 58 लाख 12 हजार 362 लोगों को टीका लगाया चुका है। इसमें से बीते 24 घंटों में 36 हजार 804 लोगों को टीका लगाया गया है। -
नई दिल्ली : केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान देशभर में लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में किसानों ने आज (6 फरवरी) को तीन घंटे, दोपहर 12 से तीन बजे तक के के चक्का जाम कर रहे हैं।
नेशनल और स्टेट हाइवे पर किसानों ने आज जाम लगाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। देशभर में किसानों के इस चक्का जाम का असर देखा जा रहा है। दिल्ली में चक्का जाम को देखते हुए सुरक्षा के काफी कड़े इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली एनसीआर में करीब 50 हजार सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
हरियाणा में पलवल और दूसरे शहरों में किसानों ने जाम लगाया है। वहीं शाहजहांपुर (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी चक्का जाम है। पंजाब में अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे समेत ज्यादातर जगहों पर किसानों का चक्का जाम है। जम्मू-कश्मीर में किसान संगठनों के चक्का जाम के आह्वान पर किसानों ने जम्मू-पठानकोट हाईवे जाम किया है।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में चक्का जाम का ज्यादा असर है। राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में इसका असर कम है। इसकी वजह ये भी है कि भारतीय किसान यूनियन ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम ना करने का फैसला किया है।
बता दें कि केंद्र सरकार बीते साल जून में तीन नए कृषि कानून लेकर आई थी, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून के महीने से लगातार आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
किसानों का आंदोलन जून, 2020 से नवंबर तक मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में चल रहा था। सरकार की ओर से प्रदर्शन पर ध्यान ना देने की बात कहते हुए 26 नवंबर को किसानों ने दिल्ली के लिए कूच कर दिया।इसके बाद 26 नवंबर, 2020 से देशभर के किसान दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर गाजीपुर बॉर्डर और दिल्ली के दूसरे बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। -
नई दिल्ली : देश में कोरोना महामारी के मद्देनजर हालात दिन पर दिन सुधरते जा रहे हैं। सक्रीय मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट देखने और ठीक हो रहे मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटे के दौरान संक्रमण के कारण 100 से कम लोगों की मौत हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के अनुसार देश में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना के 11 हजार 713 मामले सामने आए। इस दौरान 14 हजार 488 मरीज ठीक हुए और 95 लोगों की मौत हुई। इस दौरान सात लाख 40 हजार 794 सैंपल टेस्ट हुए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब तक कुल कोरोना के एक करोड़ आठ लाख 14 हजार 304 मामले सामने आ गए हैं।
एक्टिव केस एक लाख 48 हजार 590 है, जो कुल मामलों का 1.37 फीसद है। एक करोड़ पांच लाख 10 हजार 796 मरीज संक्रमण से उबर गए हैं, जो कुल मामलों का 97.19 फीसद है। महामारी के कारण अब तक एक लाख 54 हजार 918 लोगों की मौत हो गई है, जो कुल मामलों का 1.43 फीसद है। कुल अब तक 20 करोड़ छह लाख 72 हजार 589 सैंपल टेस्ट हो गए हैं।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौत
महाराष्ट्र में अब तक सबसे ज्यादा 51 हजार 255, तमिलनाडु में 12,379, कर्नाटक में 12 हजार 230, दिल्ली में 10,873, पश्चिम बंगाल 10,201 उत्तर प्रदेश में 8682, आंध्र प्रदेश में 7158, पंजाब में 5635 और गुजरात में 4393 लोगों की मौत हो गई है।
अब तक कुल 54 लाख लोगों को टीका लगाया गया
बता दें कि देश में कोरोना टीकाकरण का भी काम जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक कुल 54 लाख 16 हजार 590 लोगों को टीका लगाया जा चुका है।
जनवरी की शुरुआत में दो टीकों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू हुआ। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशिल्ड और पूरी तरह से स्वदेशी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के इस्तेमाल से टीकाकरण हो रहा है। -
नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ करीब ढाई माह से जारी आंदोलन के बीच कल किसान देश भर में चक्का जाम करेंगे। वहीं किसी अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन भी तैयारी में जुटा हुआ है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपने-अपने जगहों पर कल चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कल यानी 6 फरवरी सिर्फ 2 राज्यों में चक्का जाम नहीं होगा। ये 2 राज्य हैं- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड। इन 2 राज्यों और दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में चक्का जाम होगा।
किसान नेता राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम करने की घोषणा कर चुके हैं। वहीं इस पर दिल्ली पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चक्का जाम को लेकर हमसे किसी भी किसान नेता ने संपर्क नहीं किया है, लेकिन दिल्ली, यूपी और हरियाणा पुलिस इसको लेकर काफी गंभीर है।
दरअसल शनिवार होने के कारण हाईवे पर अच्छी खासी वाहनों की भीड़ होती है। 26 जनवरी की हिंसा से काफी लोग आंदोलन को लेकर गुस्सा भी हैं। ऐसे में पुलिस बेहद सतर्कता बरत रही है।
दिल्ली पुलिस पीआरओ ने कहा कि पूरे देश में कल किसानों का तीन घंटे का चक्का जाम होने वाला है, उसके मद्देनज़र हमने दिल्ली की सभी बॉर्डर पर सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की है। हालांकि किसानों ने कहा कि वे दिल्ली में ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं लेकिन 26 जनवरी को जो हुआ उसके मद्देनज़र हमने ऐसा किया है।
हरियाणा में प्रशासन तैयार, एडवाइजरी जारी
हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि एसपी जिलों में किसानों से बात कर रहे हैं ताकि कहीं कोई समस्या न हो। उन्होंने बताया कि पुलिस की ओर से ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की जाएगी। इससे लोगों को घर से निकलने से पहले यह पता रहेगा कि उन्हें किस रूट से जाना है।
यूपी और राजस्थान में आज किसान पंचायत
किसान आंदोलन का मजबूती देने के लिए शुक्रवार से उत्तर प्रदेश और राजस्थान में किसान पंचायतों की सीरीज शुरू की जाएगी, जो फरवरी के अंत तक चलेगी। इन पंचायतों का आयोजन राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की तरफ से किया जा रहा है। आरएलडी ने पिछले हफ्ते किसान आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की थी। -
चेन्नई : तमिलनाडु सरकार ने राज्य के किसानों के लिए राहत भरा कदम उठाते हुए शुक्रवार को अहम ऐलान किया है।
इसके तहत राज्य के कोऑपरेटिव बैंक से लिए गए फसली कर्ज को माफ कर दिया गया है।तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडापड्डी के पलानीस्वामी ने शुक्रवार को ऐलान किया कि कोऑपरेटिव बैंकों से लिया जाने वाला फसली ऋण माफ कर दिया जाएगा। इससे यहां के करीब 16.13 लाख किसानों को फायदा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में Rule 110 के तहत यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कोऑपरेटिव बैंकों से किसानों द्वारा लिया गया 12,110 करोड़ रुपये के फसली ऋण को माफ कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में चक्रवाती तूफानों निवार (Nivar), बुरेवी (Burevi) व भारी बारिश के कारण किसानों की स्थिति बदहाल है जिसे देखते हुए यह फैसला किया जा रहा है।
राज्य मुख्यमंत्री एडापड्डी पलानीस्वामी (Edappadi Palaniswami) ने कहा कि राज्य के कोऑपरेटिव बैंकों से लिया गया किसानों का ऋण माफ कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इससे पहले यह भी कहा था कि खराब हुई फसलों के लिए मुआवजे के तौर पर 1,117 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी जिससे करीब 11 लाख किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
जनवरी में तमिलनाडु में अधिक बारिश होने से फसल को काफी नुकसान पहुंचा। 1 जनवरी से 5 फरवरी के बीच राज्य में सामान्य से कई गुना अधिक बारिश हुई। सबसे अधिक धान की फसल क्षतिग्रस्त हुई है। इस क्षति का मुआयना करने के लिए एक सेंट्रल टीम भी राज्य में भेजी गई है।
पुडुकोट्टाइ जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए प्रेस रिलीज के अनुसार, यहां बारिश के कारण धान, मकई, मूंगफली आदि की फसलों को खासा नुकसान हुआ है वहीं तंजावुर जिले में धान और मूंगफली के अलावा दाल की भी फसल को नुकसान हुआ है। इसी तरह विरुधुननगर जिले में धान, दाल, कपास आदि की फसलों को बारिश के कारण नुकसान हुआ है। -
राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कृषि मंत्री तोमर ने तीनों कानून के फायदे गिनाए और कहा कि संधोधन में बदलाव के प्रस्ताव का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इन कानूनों में कुछ गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि किसान की आमदनी दोगुनी हो इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6 हजार रुपये का योगदान दिया है.
नई दिल्ली : केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले करीब सवा दो महीनों से राजधानी दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन को लेकर राज्यसभा में भी पिछले तीन दिनों से लगातार चर्चा हो रही है. आज राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार गांवों और किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. किसानों को भड़काया जा रहा है कि उनकी जमीन चली जाएगी. कोई हमें बताए कि कानून के किस प्रावधान में किसानों की जमीन छीनने का जिक्र है? उन्होंने कहा, ''विपक्ष और कानून संगठन बताएं कि इस कानून में काला क्या है?'' कृषि मंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष ने खूब हंगामा किया.
सरकार गांवों और किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध- तोमर
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकारों ने पंचायतों का विकास करने उन्हें मजबूत किया है. उन्होंने कहा कि वित्तीय आयोग की सिफारिशों के मुताबिक पंचायतों को पैसा दिया गया है. उन्होंने कहा कि गांव में अगर किसी शख्स के घर से सड़क गुजर रही है तो उसके मुआवजे का आंकलन भी शहरों की तरह ही होगा.
सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है- तोमर
कृषि मंत्री ने कहा, ''कई बार विपक्ष की तरफ से ये बात सामने आती है कि आप कहते हैं कि सब मोदी जी की सरकार ने किया है, पिछली सरकारों ने तो कुछ भी नहीं किया. मैं इस मामले में ये कहना चाहता हूं कि इस प्रकार का आरोप लगाना उचित नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''मोदी जी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण में और 15 अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि मेरे पूर्व जितनी भी सरकारे थी उन सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है.''
मनरेगा योजना को लेकर तोमर ने कहा, ''कुछ लोग मनरेगा को गड्ढों वाली योजना कहते थे. जब तक आपकी सरकार थी उसमें गड्ढे खोदने का ही काम होता था, लेकिन मुझे ये कहते हुए प्रसन्नता और गर्व है कि इस योजना की शुरुआत आपने की लेकिन इसे परिमार्जित हमने किया.''
विपक्ष और कानून संगठन बताएं कि इस कानून में काला क्या है?- तोमर
कृषि कानूनों और किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री ने कहा, ''देश में सिर्फ एक राज्य के किसानों को कानून को लेकर गलतफहमी है. किसानों को भड़काया जा रहा है कि उनकी जमीन चली जाएगी. कोई हमें बताए कि कानून के किस प्रावधान में किसानों की जमीन छीनने का जिक्र है?'' उन्होंने कहा, ''मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जितना कोसना जरूरी था, उसमें भी कंजूसी नहीं की. मैं विपक्ष और कानून संगठनों से जानना चाहता हूं कि इस कानून में काला क्या है? पता तो चले. ताकि मैं उसे साफ कर सकूं. मैंने 12 बार किसानों को बैठक के लिए बुलाकर यही जानने की कोशिश की है.''
कांग्रेस खून से और बीजेपी पानी से करती है खेती- तोमर
तोमर ने आगे कहा, ''संधोधन में बदलाव के प्रस्ताव का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि इन कानूनों में कुछ गलत है. कांग्रेस सिर्फ खून से खेती करना जानती है. बीजेपी सिर्फ पानी से खेती करती है.'' उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के कानून में किसान जेल जा सकता है, लेकिन हमारे कानून में ऐसा कुछ नहीं है. किसान जब चाहे इस कानून से अलग हो सकता है.''
किसानों को लेकर नरेंद्र तोमर ने कहा, ''किसान की आमदनी दोगुनी हो इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6 हजार रुपये का योगदान दिया है. आज हम ये कह सकते हैं कि दस करोड़ 75 लाख किसानों को 1,15,000 करोड़ रुपये डीबीटी से उनके अकाउंट में भेजने का काम किया है.'' -
बेंगलुरु : चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे तनाव के बीच भारत ने सीमा पर सुरक्षाबलों की पर्याप्त तैनाती की है। एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने गुरुवार को कहा कि राफेल विमानों के आने से चीनी खेमे की चिंता बढ़ गई है।चीन ने जैसे ही भारतीय क्षेत्र के करीब J-20 फाइटर जेट्स को तैनात किया था, वैसे ही भारत ने भी फ्रांसीसी मूल के जेट विमानों को तैनात किया है।आइएएफ प्रमुख ने कहा कि वर्तमान में भारत और चीन के बीच बातचीत चल रही है। जितनी फोर्स की जरूरत है हमने तैनाती की है। हमारी तरफ से बातचीत पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। अगर कोई नई स्थिति पैदा होती है तो हम उसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या राफेल विमान चीन के लिए चिंता पैदा की है, वयुसेना प्रमुख ने कहा कि निश्चित रूप से यह चीन को परेशान करने वाला है।चीन पूर्वी लद्दाख के करीब के क्षेत्रों में अपना जे- 20 लड़ाकू विमान लेकर आया, लेकिन जब हम इस क्षेत्र में राफेल लेकर आए तो वह पीछे चले गए। हम उनके कार्यों और क्षमताओं को अच्छे से जानते हैं।
उन्होंने कहा कि पूंजीगत खर्च में 20,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी सरकार का बड़ा कदम है। पिछले साल भी 20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड उपलब्ध कराए गए थे। इससे तीनों सेनाओं को मदद मिली। मुझे लगता है कि यह हमारी क्षमता निर्माण के लिए पर्याप्त है।
नए हथियार प्रणालियों के अधिग्रहण के लिए सुरबलों को पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। आपातकालीन और अन्य प्रावधानों के तहत हथियार और अन्य पुर्जों को खरीदने पर अतिरिक्त 20,776 करोड़ रुपये खर्च किया गया है।इस धन का उपयोग स्पाइस -2000 बम, स्पाइक एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, असॉल्ट राइफलें, टैंक और फाइटर जेट्स के लिए गोला बारूद बनाने के लिए किया गया है।
2021-22 के केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय को 4,78,195.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। रक्षा पेंशन के लिए 1.15 लाख करोड़ रुपये भी आवंटित किए गए हैं जो सैन्य और नागरिक दोनों को दिया जाएगा, जिन्होंने रक्षा मंत्रालय के तहत काम किया है। -
जींद : कंडेला गांव में आयोजित किसान महापंचायत में मंच टूटने से हड़कंप मच गया। इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (अराजनीति) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और अन्य किसान नेता भाग ले रहे हैं। टिकैत और किसान नेता मंच पर ही मौजूद थे। टिकैत इस घटना में बाल-बाल बच गए। इस घटना से वहां हड़कंप मच गया। मंच टूटने के बाद राकेश टिकैत और पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवााल सहित कई नेता मंच के साथ नीचे गिर गए। गनीमत रही कि किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। बड़ी संख्या में लोगों के मंच पर चढ़ जाने के कारण यह टूटा।
भीड़ ज्यादा होने से टूटा मंच, गिरे राकेश टिकैत व राजेवाल सहित कई किसान नेता
टिकैत ने इससे पहले महापंचायत में किसान आंदोलन के बारे में जानकारी दी और हरियाणा के किसानों से दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने की अपील की। महापंचायत में किसानों की मांगों और किसान आंदोलन को लेकर पांच प्रस्ताव पारित किए गए।
अभी तो कृषि कानून वापसी की ही बात की है, अगर गद्दी वापसी की बात की तो सरकार क्या करेगी : टिकैत
मंच टूटने के थोड़ी देर बाद महापंचायत फिर शुरू हो गई। इसके बाद राकेश टिकैत ने महापंचायत को संबोधित किया। टिकैत ने कहा कि अभी तक तो किसानों ने कृषि कानूनों की वापसी की बात कही है, अगर गद्दी वापसी की बात की तो सरकार क्या करेगी। टिकैत ने किसानों से अपील की कि शांतिपूर्वक आंदोलन चलाएं। उन्होंने कहा कि किसान नंगे पांव खेत में जाएं और अपने खेत की मिट्टी शरीर पर लगाएं। इसके बाद किसान के मन में जमीन को बेचने का ख्याल तक नहीं आएगा।
कंडेला में आयोजित महापंचायत में मौजूद किसान
कंडेला गांव के राजीव गांधी खेल स्टेडियम में आयोजित महापंचायत में 50 से ज्यादा खापों के हजारों किसानों ने भाग लिया। सुबह 10 बजे ही किसान स्टेडियम में जुटना शुरू हो गए थे। टिकैत ने यह भी आह्वान किया कि अभी किसान दिल्ली कूच न करें, अपनी तैयारीकर के रखें, जब जरूरत होगी, तब बुला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उस दिन उन्होंने पानी मांगा, क्योंकि पानी ठंडा होता है, अगर वह उस दिन आग मांग लेते तो दिल्ली और सरकार क्या करती।
टिकैत बोले- युद्ध में घोड़े नहीं बदले जाते
राकेश टिकैत ने का कि युद्ध में कभी घोड़े नहीं बदले जाते। सरकार से बातचीत के लिए जो 40 किसानों की कमेटी बनाई गई है, उसके सदस्य नहीं बदले जाएंगे। कमेटी भी वही रहेगी और इसके सदस्य भी वही रहेंगे। ऑफिस भी पहले जहां था, वहीं रहेगा। किसानों को भाकियू नेता गुरनाम चढ़ूनी, बलवीर राजेवाला ने भी संबोधित किया।
कंडेला के खेल स्टेडियम में आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत और अन्य नेताओं की मौजूदगी में व्यापक चर्चा हुई। महापंचायत में कृषि कानूनों और किसानों के प्रति सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई गई। महापंचायत में पांच प्रस्ताव पारित किए गए।
कंडेला में खापों की महापंचायत में पारित किए गए पांच प्रस्ताव-
1. तीनों केंद्रीय कृषि कानून रद किए जाएं
2. एमएसपी पर कानून जामा पहनाया जाए
3. स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाए
4. किसानों का कर्जा माफ किया जाए
5. 26 जनवरी को पकड़े गए किसानों को रिहा किया जाए और जब्त किए गए ट्रैक्टरों को छोड़ा जाए। दर्ज मुकदमे वापिस लिए जाए
इससे पहले यहां पहुंचने पर किसान नेताओं और महापंचायत में मौजूद लोगों ने टिकैत का गर्मजोशी से स्वागत किया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पहली बार हरियाणा के बांगर क्षेत्र में आए हैं। टिकैत का गाजीपुर बार्डर पर 28 जनवरी की भावुक होने का वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद हरियाणा के किसान उनके समर्थन में सामने आए और किसान आंदोलन में भाग लेने का ऐलान किया। कई गांवाें से किसानों ने दिल्ली कूच किया। आज की महापंचायत भी किसान आंदोलन को लेकर आयोजित की गई है।
जींद जिले के कंडेला में आयोजित किसान महापंचायत में भाकियू नेता राकेश टिकैत
राकेश टिकैत कंडेला गांव में किसान महापंचायत के मुख्य वक्ता हैं। इसके अलावा वह खटकड़ टोल पर भी आसपास के गांवों के किसानों को संबोधित करेंगे। कंडेला खाप के प्रधान व सर्वजातीय खाप पंचायतों के राष्ट्रीय संयोजक चौ. टेकराम कंडेला सहित कई किसान नेताओं ने टिकैत का स्वागत किया।
कंडेला गांव के खेल स्टेडियम में आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत के अलावा राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह, पंजाब किसान यूनियन नेता बलबीर सिंह राजेवाल, हरियाणा भाकियू नेता गुरनाम सिह चढूनी, रतन सिंह मान, चौ. जोगेन्द्र मान आदि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता भी मौजूद हैं। -
गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि हम फिलहाल दखल नहीं देंगे, सरकार को जांच कर उचित कार्रवाई करने दीजिए.
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा तोड़फोड और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के मामलों की न्यायिक जांच कराने की मांग वाली जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि हम फिलहाल दखल नहीं देंगे, सरकार को जांच कर उचित कार्रवाई करने दीजिए. CJI ने ये भी कहा कि हमने पढ़ा है कि सरकार मामले की जांच कर रही है. हमने पीएम का बयान भी देखा है कि कानून अपना काम करेगा.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन की बेंच में इस मामले पर सुनवाई हुई. 26 जनवरी को किसान रैली के दौरान हुई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल हुई हैं. याचिका में दिल्ली में आयोजित ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की गई.
सुप्रीम कोर्ट में द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि पूरे मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत जज की अध्यक्षता और हाईकोर्ट के दो जजों का तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित किया जाए. साथ ही हिंसा के लिए हिंसा और तिरंगे के कथित अपमान के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए.बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली बेकाबू हो गई थी. आईटीओ से लालकिले तक जमकर हंगामा हुआ था. -
नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020-21 में किसानों को एक और बड़ी सौगात दी है। बजट में सरकार ने कृषि लोन (Agriculture Loan) की लिमिट को बढ़ा दिया है।सरकार ने इस बार किसानों को 16.5 लाख करोड़ तक लोन देने का लक्ष्य तय किया है। बजट में सरकार ने पशुपालन, डेयरी और मछली पालन से जुड़े किसानों की आमदनी बढ़ाने पर फोकस किया है।
बता दें कि हर बार बजट में सरकार कृषि लोन के टारगेट को बढ़ाती है। साल 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण का लक्ष्य रखा गया था। इस बार कृषि कानूनों के विरोध में जो माहौल देश में बना हुआ है, उसे देखते हुए मोदी सरकार का फैसला काफी अहम माना जा रहा है।
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा-भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा-आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, 5वां-नवाचार और अनुसंधान और विकास, 6वां स्तंभ-न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन।
बता दें कि आम बजट 2021 देश का पेपरलेस बजट है। कोरोना वायरस महामारी के दौर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी शुरुआत की। इस बार वह स्वदेशी 'बहीखाता' की जगह एक टैबलेट में बजट लेकर आईं, जो लाल रंग के कपड़े के भीतर रखा हुआ था। -
एजेंसीनई दिल्ली : देश में आज महात्मा गांधी के पुण्यतिथि मनाई जा रही है। इस बीच अमेरिका से महात्मा गांधी का अनादर करने की खबर आई है। अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य के एक पार्क में कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़-फोड़ की है। इस घटना से अमेरिका में रहने वाले भारतीय-अमेरिकियों के बीच खासा रोष है। बापू का अनादर होने से नाराज भारतीय समुदाय ने मांग की है कि प्रशासन इसे घृणित अपराध के रूप में देखें और इस मामले की तत्काल जांच शुरू करें।
उत्तरी कैलिफोर्निया के डेविस सिटी के एक पार्क में महात्मा गांधी की छह फीट ऊंची और 294 किलोग्राम की कांसे की मूर्ति स्थापित है। उपद्रवियों ने गांधी की प्रतिमा के साथ बुरी तरह तोड़-फोड़ की है। मूर्ति के चेहरे को बुरी तरह खंडित कर दिया है और प्रतिमा को पैर से नीचे के हिस्से को भी तोड़ा दिया है।
पुलिस ने कहा कि 27 जनवरी की सुबह तड़के एक पार्क कर्मचारी को महात्मा गांधी की टूटी हुई प्रतिमा मिली। डेविस सिटी काउंसिलर लुकास फ्रेरिच ने कहा कि फिलहाल, प्रतिमा को हटाया जा रहा है और इसे तब तक सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा, जब तक इसका मूल्यांकन नहीं किया जाता। जांचकर्ताओं को अभी तक ये मालूम नहीं है कि वास्तव में प्रतिमा के साथ तोड़-फोड़ कब की गई और उपद्रवियों का ऐसा करने के पीछे मंशा क्या थी।
भारत सरकार ने दी थी बापू की प्रतिमा
डेविस पुलिस विभाग के उप प्रमुख पॉल डोरोशोव ने कहा कि डेविस में लोगों के एक हिस्से के लिए इसे एक सांस्कृतिक आइकन के रूप में देखा जाता है, इसलिए हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। महात्मा गांधी की इस मूर्ति को भारत सरकार की ओर से डेविस सिटी को दान में दिया गया था। इस मूर्ति को सिटी काउंसिल ने चार साल पहले गांधी-विरोधी और भारत-विरोधी संगठनों के प्रदर्शन के दौरान स्थापित किया था।
मूर्ति स्थापित करने का किया था विरोध
ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइनोरिटीज इन इंडिया (ओएफएमआई ) और खालिस्तान समूह ने इन विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई की और प्रतिमा की स्थापना का विरोध किया। दूसरी ओर डेविस सिटी के नागिरकों ने मूर्ति को स्थापित किए जाने का समर्थन किया और इसकी स्थापना की गई। इस घटना के बाद से ही ओएफएमआई ने महात्मा गांधी की मूर्ति को हटाने के लिए अभियान चलाया हुआ है। वहीं, इस घटना के बाद से डेविस सिटी में रहने वाले भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने नाराजगी व्यक्त की है और अपना रोष जाहिर किया है।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने भाषण में कृषि कानूनों और गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर टिप्पणी की और पिछले कुछ सालों में मोदी सरकार के तहत उठाए गए बड़े कदमों और उपलब्धियों की जानकारी दी.
नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए अपने बजट अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत कर दी है. राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कृषि कानूनों और गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर टिप्पणी की और पिछले कुछ सालों में मोदी सरकार के तहत उठाए गए बड़े कदमों और उपलब्धियों की जानकारी दी. राष्ट्रपति ने कोरोना का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने कोरोना के खिलाफ की लड़ाई को जनआंदोलन में बदला और आज देश दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान भी चला रहा है. राष्टपति ने अपने भाषण में कहा कि उनकी सरकार कृषि कानूनों पर लोगों के भ्रम दूर करने की कोशिश कर रही है और कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के आखिरी फैसले का सम्मान किया जाएगा.
राष्ट्रपति के भाषण की अहम बातें
1. राष्ट्रपति कोविंद ने अपने भाषण के शुरुआत में आत्मनिर्भर भारत का आह्वान करते हुए कृषि कानूनों का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत अभियान केवल भारत में निर्माण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के हर नागरिक का जीवन स्तर ऊपर उठाने तथा देश का आत्मविश्वास बढ़ाने का भी अभियान है. सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो.'
2. कृषि कानूनों पर राष्ट्रपति ने कहा कि 'मेरी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करते हुए लागत से डेढ़ गुना MSP देने का फैसला भी किया था. मेरी सरकार आज न सिर्फ MSP पर रिकॉर्ड मात्रा में खरीद कर रही है बल्कि खरीद केंद्रों की संख्या को भी बढ़ा रही है.' राष्ट्रपति ने कहा कि 'मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.'
3. उन्होंने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर कहा कि 'पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.'
4. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से इन कानूनों को स्थगित किए जाने के आदेश पर राष्ट्रपति ने कहा कि 'वर्तमान में इन कानूनों का अमलीकरण देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है. मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी.'
5. राष्ट्रपति ने अर्थव्यवस्था और उसकी जरूरतों के हिसाब से उठाए गए कदमों पर कहा कि 'अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए रिकॉर्ड आर्थिक पैकेज की घोषणा के साथ ही सरकार ने इस बात का भी ध्यान रखा कि किसी गरीब को भूखा न रहना पड़े. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना' के माध्यम से 8 महीनों तक 80 करोड़ लोगों को 5 किलो प्रतिमाह अतिरिक्त अनाज निशुल्क सुनिश्चित किया गया. सरकार ने प्रवासी श्रमिकों, कामगारों और अपने घर से दूर रहने वाले लोगों की भी चिंता की.'
6. कोरोना के खिलाफ लड़ाई पर बोलते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि 'सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है. आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक होने वालों संख्या भी बहुत अधिक है.' उन्होंने इस महामारी से जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि भी दी और कहा कि 'महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है. मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए. मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.'
7. महिलाओं से जुड़े कदमों पर जानकारी देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि 'मेरी सरकार ने महिलाओं को स्वरोज़गार के नए अवसर देने के लिए कई कदम उठाए हैं. मुद्रा योजना के तहत अब तक 25 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए जा चुके हैं, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत ऋण महिला उद्यमियों को मिले हैं.' राष्ट्रपति ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार एक रुपए में ‘सुविधा' सैनिटरी नैपकिन देने की योजना भी चला रही है.
8. राष्ट्रपति ने नए संसद भवन के निर्माण का भी जिक्र अपने भाषण में किया. उन्होंने कहा कि इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी और नए संसद भवन में सांसदों को कई नई सुविधाएं मिलेंगी. उन्होंने कहा, 'संसद की नई इमारत को लेकर पहले की सरकारों ने भी प्रयास किए थे लेकिन आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए हमारे देश ने, संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है. नए संसद भवन के बनने से अपने संसदीय दायित्वों को निभाने में हर सदस्य को अधिक सुविधा मिलेगी.'
9. पिछले साल जून में गलवान घाटी की हिंसक झड़प को लेकर राष्ट्रपति ने कहा कि 'जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है.' उन्होंने कहा कि सरकार देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क है. LAC पर भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्यबलों की तैनाती भी की गई है.
10. राष्ट्रपति ने अपने भाषण में मलयालम के श्रेष्ठ कवि वल्लथोल के श्लोक का भी जिक्र किया- 'भारतम् ऐन्ना पेरू केट्टाल अभिमाना पूरिदम् आगनम् अंतरंगम्' अर्थात, जब भी आप भारत का नाम सुनें, आपका हृदय गर्व से भर जाना चाहिए. वहीं, भाषण की शुरुआत में उन्होंने असम केसरी कवि अंबिकागिरि रायचौधरी की यह पंक्तियां भी दोहराईं- 'ओम तत्सत् भारत महत, एक चेतोनात, एक ध्यानोत, एक साधोनात, एक आवेगोत, एक होइ ज़ा, एक होइ ज़ा' (भारत की महानता परम सत्य है. एक ही चेतना में, एक ही ध्यान में, एक ही साधना में, एक ही आवेग में, एक हो जाओ, एक हो जाओ). -
नई दिल्ली : देश भर में कोविड-19 संक्रमितों के नए मामलों का आंकड़ा 19 हजार के करीब पहुंच गया जो पिछले दिनों 10 हजार से कम हो गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 ( COVID-19) के 18,855 नए मामले आए और इस अवधि में कुल 163 लोगों की मौत हो गई इसके साथ ही अब तक देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ 7 लाख 20 हजार 48 हो गई वहीं अब तक देश में 1 लाख 54 हजार 10 संक्रमितों की मौत हो गई है।मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार तक देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या अब 1 लाख 71 हजार 6 सौ 86 है और कुल स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हुए मामलों का आंकड़ा 1 करोड़ 3 लाख 94 हजार 3 सौ 52 है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने बताया कि भारत में 28 जनवरी तक कोरोना वायरस के लिए कुल 19 करोड़ 50 लाख 81 हजार 79 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 7,42,306 सैंपल कल टेस्ट किए गए।
मिज़ोरम की बात करें तो यहां पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस का एक नया मामला सामने आया। कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या अब 4,363 है जिसमें 41 सक्रिय मामले, 4,313 डिस्चार्ज हो चुके मामले हैं और 9 संक्रमितों की मौत हो गई है।यह जानकारी मिजोरम सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग की ओर से दी गई है। वहीं उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसान ने बताया, 'प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 251 नए मामले सामने आए हैं। उपचार के बाद 380 लोग डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में सक्रिय मामलों की संख्या 6,230 है। संक्रमण से अब तक 8,642 लोगों की मृत्यु हुई है।
र दिन आने वाले मामलों में 78 फीसद की साझीदारी सात राज्यों- केरल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात की है। देश भर में कोविड-19 वैक्सीन लगाए जाने की शुरुआत 16 जनवरी को हुई। देश भर के 28 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। -
राष्ट्रपति कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुक्रवार को बजट सत्र का आगाज होगा.
कांग्रेस के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, आम आदमी पार्टी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी.
नई दिल्ली : केद्र के कृषि कानूनों को लेकर देश में बवाल जारी है. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि कांग्रेस समेत देश के 16 विपक्षी दलों ने आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है.
बीजेपी सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है- विपक्ष
राष्ट्रपति कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुक्रवार को बजट सत्र का आगाज होगा. विपक्षी दलों के नेताओं ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है. सरकार की असंवेदनशीलता से स्तब्ध हम विपक्षी दलों ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग दोहराते हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया है.’’
AAP भी नहीं होगी अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल
किसान आंदोलन के समर्थन में आम आदमी पार्टी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी. आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा है, ''हम लोग तीन कृषि कानूनों का विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे. इसलिए आम आदमी पार्टी महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सांसद भगवंत मान और राज्य सभा के हम तीन सांसद कल राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.''
कौन कौनसे दल होंगे शामिल?
कांग्रेस के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, आम आदमी पार्टी, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ ने संयुक्त रूप से राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है. -
कोण्डागांव जिला को 278 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की दी सौगात
अनुसूचित क्षेत्र में कोई भी आदिवासी भूमिहीन नहीं होगा
कोण्डागांव जिले के प्रत्येक देवगुड़ी के लिए 5 लाख रूपए देने की घोषणा
विश्रामपुरी में महाविद्यालय की स्थापना, मर्दापाल और धनोरा को पूर्ण तहसीलतथा बांसकोट, बड़ेडोंगर और बीजापुर को उप-तहसील बनाने की घोषणा
कोण्डागांव जिला में लघु वनोपजों के भण्डारण हेतु कोल्ड स्टोरेज का होगा निर्माणकोण्डागांव जिला में बंदोबस्त की होगी शुरूआत
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कल कोण्डागांव जिले के ग्राम कोंगेरा में आयोजित भूमिपूजन तथा लोर्कापण कार्यक्रम में 278 करोड़ रूपये की लागत के विकास कार्याें की सौगात दी।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर के विकास के लिए धन की कमी नहीं होगी। बस्तर में वनवासियों सहित आम आदमी के सर्वांगीण विकास के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क व रोजगार और सिंचाई सुविधा पर सरकार विशेष फोकस कर रही है।बस्तर में बंद स्कूलो को प्रारंभ कराने और लोगों के आर्थिक स्तर को निरतंर ऊंचा उठाने के लिए सरकार द्वारा हर संभव पहल की जा रही है। लॉकडाउन के दौरान लघुवनोपजों की खरीदी की समुचित व्यवस्था की गई और इसे निरंतर बढ़ाते हुए वर्तमान में वनवासियों के हित में 52 लघु वनोपजों की खरीदी की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर कोण्डागांव जिले के अंतर्गत विश्रामपुरी में महाविद्यालय की स्थापना, धनोरा और मर्दापाल को तहसील तथा बांसकोट, बड़ेडोंगर और बीजापुर में उपतहसील खोलने की घोषणा की।उन्होंने इसी तरह ग्राम पंचायत विश्रामपुरी में कॉमप्लेक्स निर्माण, गम्हरी से नयापारा तक सड़क निर्माण, विश्रामपुरी में मिनी स्टेडियम, कोण्डागांव जिले में लघुवनोपज हेतु कोल्ड स्टोरेज निर्माण तथा कोण्डागांव जिला में बंदोबस्त भूमि सुधार की शुरूआत करने की भी घोषणा की।इस अवसर पर प्रदेश के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार, बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, उपाध्यक्ष श्री संतराम नेताम, विधायक सर्वश्री मोहन मरकाम, श्री चंदन कश्यप, श्री रेखचन्द जैन, श्री राजमन वेंजाम, राज्य सभा सांसद श्रीमती फूलो देवी नेताम और मुख्यमंत्री जी के सलाहकार श्री राजेश तिवारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधी विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समुदायिक एवं व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा के वितरण की शुरूआत बस्तर के कोण्डागांव जिले से हई है। सामुदायिक वन अधिकार क्षेत्रो में फलदार एवं औषधीय पौधे लगाये जायेंगे।इससे वनवासियों को सभी तरह के वनोपज मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रो में कोई भी आदिवासी भूमिहीन नहीं रहेगा। हर व्यक्ति को राजस्व विभाग द्वारा जमीन उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार छत्तीसगढ़ की विलुप्त संस्कृति को पुर्नजीवित कर रही है।बस्तर की पहचान दशहरा महोत्सव, दंतेश्वरी मेटल कार्य, मुर्गा लड़ाई और घोटुल के नाम पर रही है। सरकार यहां की पुरातन संस्कृति को संवारने जन समुदाय के सहयोग से संकल्पित है। उन्होंने कोण्डागांव के प्रत्येक देवगुड़ी के लिए 5 लाख रूपये प्रदान करने की घोषणा करते हुए परांपरागत घोटुल व्यवस्था को विकसित करने की बात कही।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गोधन न्याय योजना अंतर्गत सरकार द्वारा गोबर खरीदी से लोगों की माली हालत में हुई सुधार और नरवा योजना अंतर्गत जन संरक्षण एवं सवंर्धन का जीर्क करते हुए का कि बस्तर के विकास के लिए सिंचाई संसाधनो को विकसित करना जरूरी है। उन्होने कहा कि बोधघाट परियोजना के पूर्ण होने से यहां कि सिंचाई रकबा बढ़ोत्तरी होगी।लिफ्ट ऐरिगेशन के माध्यम से बोधघाट का पानी नारायणपुर और कोण्डागांव जिला तक पंहुचेगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बस्तर में जल जंगल और जमीन का जीर्क करते हुए यहां के खनिजो की समुचित दोहन की उद्योग स्थापना पर जोर देते हुए कहा कि बस्तर में शासकीय जमीन में उद्योग लगाई जायेगी।उन्होने लोगो को भरोसा दिलाया कि उद्योग स्थापना के लिए आदिवसियों की जमीने नही ली जावेगीं। नये स्थापित उद्योगो में रोजगार हेतु यहां के निवासियों को प्राथमिकता दी जावेगी।
आबकारी एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने अपने उधबोधन में सरकार की योजनाओं को विस्तार पूर्वक रेखाकिंत किया।लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जिले के प्रभारी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने अपने संक्षिप्त उधबोधन में कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम क्षेत्र के विकास की दिशा और दशा को दर्शाता है। मुख्यमंत्री की मंशा है कि हर स्तर पर बस्तर का विकास जरूरी है।कार्यक्रम को कोण्डागांव के विधायक श्री मोहन मरकाम और क्षेत्रीय विधायक श्री संतराम ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समारोह स्थल पर विभिन्न विभागो के विकास प्रर्दशनी, पारंपरिक वाद्ययंत्रो की प्रर्दशनी का अवलोकन किया। समारोह में शामिल मांझी, चालकी, गांयता, पुजारी, से भेंट एवं चर्चा कर उनका स्वागत किया।उन्होने कोण्डागांव जिले के लोगो (प्रतीक चिन्ह) का अनावरण किया और जिले के पर्यटन ब्रोसर का भी विमोचन किया। इस अवसर पर 6 हितग्राहियों को वन संसाधन पत्र, नगर पालिका कोण्डागांव को चिखलपुटी का सामुदायिक अधिकार, दो हितग्राही को तेंदुपत्ता सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत दो-दो लाख रूपए की राशि का चेक तथा ग्राम मुराहनगोहान की पार्वति बाई और बड़ेराजपुर के श्रीमती फूलेश्वरी मरकाम को कृषि यांत्रिकरण मिशन के तहत टेªक्टर की चाबी प्रदान किया। -
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि कल हुई हिंसा के दौरान राजधानी दिल्ली में किसानों के हमलों में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
फिलहाल हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं. पुलिस ने इस पूरे मामले के बाद 22 एफआईआर दर्ज की हैं.
नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान कल हुई हिंसा में तीन सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. ये पुलिस कर्मी लाल किला, आईटीओ और नांगलौई समेत बाकी जगह पर हुई हिंसा के दौरान घायल हुए. बताया जा रहा है कि लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर आज दिल्ली पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेगी. दिल्ली पुलिस कमिश्नर अभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं.
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक पुलिस कमिश्नर की बैठक जारी
बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के एसएचओ बुराड़ी के सर में चोट लगी है. एसएचओ वजीराबाद भी गंभीर रूप से घायल हैं और वह अस्पताल में भर्ती हैं. फिलहाल उनकी उंगलियों का ऑपरेशन किया जा रहा है. डीसीपी नार्थ के स्टाफ ऑफिसर को भी चोट लगी है. हिंसा के दौरान उत्तरी दिल्ली में 41 पुलिसकर्मी वहीं, पूर्वी दिल्ली में 34, पश्चिमी दिल्ली में 27, द्वारका में 32, बाहरी-उत्तरी जिले में 12, शाहदरा में 5, दक्षिण जिले में 4 और दिल्ली के बाहरी जिलों में75 पुलिसकर्मी घायल हुए.
अबतक 22 एफआईआर दर्ज
हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली छावनी में तब्दील हो गई है. दिल्ली में पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं. हिंसा के दौरान एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत भी हो गई. पुलिस ने इस पूरे मामले के बाद 22 एफआईआर दर्ज की हैं.
कल लाल किला पर हुआ था बड़ा बवाल
बता दें कि कल गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली. रैली के दौरान किसान राजधानी दिल्ली में घुस गए और लाल किला पर जबरदस्त बवाल काटा. प्रदर्शनकारी किसानों ने लाला किले पर चढ़कर खालसा पंत का झंडा फहराया. इस दौरान पुलिस बल और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच खूब झड़प देखने को मिली. प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो गए कि वह पुलिस को मारने पर उतारू दिखे. हालांकि देर रात तक सभी प्रदर्शनकारियों को लाल किला से हटा दिया गया. -
New COVID-19 Cases : भारत में एक दिन में कोरोना वायरस के 12,689 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, नए मरीजों के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,06,89,527 हो गई है.
नई दिल्ली : भारत में एक दिन में कोरोना वायरस के 12,689 नए मरीजों की पुष्टि हुई है, नए मरीजों के साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,06,89,527 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 137 संक्रमितों की मौत हुई है जिसके बाद कुल मृतकों की संख्या 1,53,724 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, मंगलवार सुबह तक 1,03,59,305 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं. संक्रमण मुक्त होने का राष्ट्रीय औसत 96.91 हो गया है. मृत्यु दर 1.43 प्रतिशत हो गया है.
देश में संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 1,76,498 हो गई है जो कुल मामलों का 1.65 प्रतिशत है. यह लगातार आठवां दिन है जब संक्रमण का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या दो लाख से कम है. भारत में कोरोना वायरस के मामले सात अगस्त को 20 लाख के पार चले गए थे जबकि 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख से अधिक हो गए थे.
बताते चले संक्रमण के मामले पिछले साल 19 दिसंबर को एक करोड़ से अधिक हो गए थे. ICMR के मुताबिक, 26 जनवरी तक 19,36,13,120 नमूनों की जांच की जा चुकी है. मंगलवार को 5,50,426 नमूनों का परीक्षण किया गया था. -
नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन निकाली गई किसानों की ट्रैक्टर रैली हिंसक हो गई है। प्रदर्शनकारी किसान बड़ी संख्या में लाल किले पर पहुंच गए हैं। वहीं हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत की खबर आ रही है। जानकारी के मुताबिक राजधानी के मिंटो रोड पर ये घटना हुई है।
किसान का शव बरामद किया गया है। घटनास्थल से मिल रही सूचनाओं के मुताबिक शव ट्रैक्टर के नीचे कुचला मिला है। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि पुलिस की गोली चलने से ये मौत हुई है।
प्रदर्शनकारी किसान शव को तिरंगे में लपेटकर आईटीओ पर बैठ गए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि पुलिस की फायरिंग के चलते ट्रैक्टर अनियंत्रित हो गया जिसके चलते प्रदर्शनकारी की मौत हुई।
वहीं इस बीच सिंघु बॉर्डर पर भी एक किसान की मौत की खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि सोनीपत से प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे किसान को प्रदर्शन स्थल पर हार्ट अटैक आ गया जिसके चलते उसकी मौत हो गई।