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स्वावलंबन की मिसाल बनीं दीपा साहू- ब्यूटी पार्लर, रेडीमेड कपड़े और केक व्यवसाय से पा रहीं हैं सफलता

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

कोरिया : कोरिया की शांत घाटियों से एक प्रेरणादायक सफलता की कहानी सामने आई है। सोनहत जनपद की ग्राम कटगोड़ी निवासी श्रीमती दीपा साहू आज उन महिलाओं के लिए उदाहरण बन चुकी हैं, जो आत्मनिर्भर बनने का सपना देखती हैं। एक समय था जब दीपा सिर्फ घरेलू कार्यों तक सीमित थीं, लेकिन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़ने के बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। अनादी महिला स्व सहायता समूह की सदस्य बनने के साथ उन्हें समूह का अध्यक्ष बनने का अवसर मिला। यहीं से उनके आत्मनिर्भर बनने की यात्रा ने गति पकड़ी।

प्रशिक्षण से शुरू हुआ नया सफर

दीपा ने पहले ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अपने घर में ही एक छोटा सा पार्लर आरंभ किया। इसके बाद उन्होंने सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ) से 60 हजार रुपए और बैंक लिंकेज से 1.20 लाख रुपए का ऋण प्राप्त कर, न केवल पार्लर का विस्तार किया, बल्कि रेडीमेड कपड़ों की दुकान भी खोल ली। साथ ही, केक बनाने का प्रशिक्षण लेकर यह हुनर भी व्यवसाय में शामिल कर लिया। आज दीपा के पास तीन सफल व्यवसाय है। पार्लर, कपड़े की दुकान और केक निर्माण। मेहनत, ईमानदारी और बचत की आदत से उन्होंने अपनी पहचान एक सफल महिला उद्यमी के रूप में बना ली है। इन सभी कार्यों से उन्हें हर माह लगभग 20 से 25 हजार रुपये की आमदनी हो रही है। दीपा साहू कहती हैं ‘हर महिला में कोई न कोई हुनर जरूर होता है, बस जरूरत होती है उसे पहचानने और निखारने की। जब महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी होंगी, तभी परिवार और समाज मजबूत होगा।‘

क्या है सीआईएफ

बिहान योजना के तहत, स्व- सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ) प्रदान की जाती है। यह निधि समूहों को उनकी आजीविका गतिविधियों को विकसित करने और सामाजिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करती है। सीआईएफ नंबर एक अद्वितीय पहचानकर्ता है, जो बैंक खाते और लेनदेन से संबंधित जानकारी को सुरक्षित रखने में मदद करता है। यह खाताधारकों को विभिन्न बैंकिंग सेवाओं जैसे कि ऋण, खाता अपडेट और अन्य वित्तीय लेनदेन को आसानी से प्राप्त करने में मदद करता है।

बिहान योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाना और गरीबी को कम करना है। यह योजना स्व-सहायता समूहों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान करके हासिल की जाती है।।बिहान से मिले सहयोग, सतत प्रयास और आत्मविश्वास से आज दीपा साहू सिर्फ अपने परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी हैं।
 

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