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नई दिल्ली: मशहूर मैगजीन 'द इकोनॉमिस्ट' (The Economist) के नए कवर पेज पर विवाद शुरू हो गया है. मैगजीन ने नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) को लेकर भारत में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर मोदी सरकार पर हमला बोला है. कवर पेज पर कंटीली तारों के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) का चुनाव चिन्ह 'कमल का फूल' नजर आ रहा है. इसके ऊपर लिखा है, 'असहिष्णु भारत. कैसे मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को जोखिम में डाल रहे हैं.' 'द इकोनॉमिस्ट' ने गुरुवार को कवर पेज ट्वीट करते हुए लिखा, 'कैसे भारत के प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं.'
आर्टिकल के टाइटल में पीएम नरेंद्र मोदी पर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विभाजन का आरोप लगाया है. उसमें लिखा है कि भारत के 20 करोड़ मुसलमान डरे हुए हैं क्योंकि प्रधानमंत्री हिंदू राष्ट्र के निर्माण में जुटे हैं. 80 के दशक में राम मंदिर के लिए आंदोलन के साथ बीजेपी की शुरूआत पर चर्चा करते हुए लेख में तर्क दिया गया है कि संभावित तौर पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी को धर्म और राष्ट्रीय पहचान के आधार पर कथित विभाजन से फायदा पहुंचा है. NRC के मुद्दे पर लेख में लिखा है कि अवैध शरणार्थियों की पहचान करते हुए असल भारतीयों के लिए रजिस्टर तैयार करने की प्रक्रिया से 130 करोड़ भारतीय भी प्रभावित होंगे. ये कई साल तक चलेगा. लिस्ट तैयार होने के बाद इसको चुनौती और फिर से दुरुस्त करने का भी सिलसिला चलेगा.
मैगजीन ने लिखा है कि इस तरह के मुद्दों को आगे कर अन्य मुद्दों जैसे- अर्थव्यवस्था आदि पर जनता को भटकाया जा रहा है. बीजेपी की जीत के बाद से ही भारत की अर्थव्यवस्था चुनौतियों से जूझ रही है. कई बीजेपी नेताओं ने ट्वीट कर मैगजीन के कवर पेज की निंदा की है. बीजेपी नेता विजय चौथाईवाले ने मैगजीन को अहंकारी और औपनिवेशिक मानसिकता का बताया है. बताते चलें कि 'द इकोनॉमिस्ट' ग्रुप की इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) ने ही इसी हफ्ते 'ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स' की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में भारत 10 स्थान गिरकर 51वीं पोजिशन पर आ गया है. सूची के मुताबिक, 2018 में भारत के अंक 7.23 थे, जो 2019 में घटकर 6.90 रह गए हैं. -
मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेताओं की फोन टैंपिंग का मामला सामने आया है. इस मामले में उद्धव सरकार ने शुक्रवार को जांच के आदेश दिए हैं. यह फोन टैंपिंग चुनाव नतीजे आने के बाद सरकार बनाने की कोशिश के दौरान की गई थी. सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और संजय राउत उन नेताओं में से हैं, जिनके फोन टैप किए गए थे. फोन टैंपिंग की खबर सामने आने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि मैं बाल ठाकरे का चेला हूं, जो कुछ करता हूं, खुले तौर पर करता हूं.
महाराष्ट्र कैबिनेट में मंत्री अनिल देशमुख ने इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान गैरबीजेपी नेताओं के फोन टैप किए जा रहे थे. हमने इस गंभीर मसले में जांच के आदेश दिए हैं. वहीं संजय राउत ने एक वरिष्ठ बीजेपी नेता का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें पहले ही इस बारे में आगाह किया गया था. राउत ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'आपका फोन टैप किया जा रहा है, काफी पहले बीजेपी सरकार के एक मंत्री ने बताया था. तब मैंने उनसे कहा था कि जो भी मेरी बातचीत सुनना चाहता है सुने. मैं बाला साहेब ठाकरे का चेला हूं. मैं कुछ भी छिपा के नहीं करता हूं.' रिपोर्ट्स के मुताबिक संजय राउत के अलावा, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेनना प्रमुख उद्धव ठाकरे के फोन भी टैप किए जा रहे थे. फोन टैपिंग, चुनाव के बाद जब सरकार बनाने को लेकर सभी प्रमुख पार्टियों के बीच बैठक चल रही थी, बातें हो रही थी उस दौरान भी जारी थी.
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एजेंसीनई दिल्ली : निर्भया रेप कांड के दोषियों का डेथ वारंट जारी करने वाले जज सतीश कुमार अरोड़ा का ट्रांसफर हो गया है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के पद पर तैनात जज सतीश अरोड़ा को अब सुप्रीम कोर्ट भेजा गया है. सुप्रीम कोर्ट में उन्हें अतिरिक्त रजिस्ट्रार के तौर पर एक साल के लिए डेपुटेशन पर भेजा गया है.
साल 2012 में दिल्ली में हुए गैंगरेप के चारों दोषियों के खिलाफ बीते दिनों ही डेथ वारंट जारी किया गया था. ये मामला पिछले कई वर्षों से अदालत के चक्कर काट रहा था. लेकिन अब 1 फरवरी, 2020 की सुबह सात बजे फांसी देने का समय तय किया गया है.
दो बार जारी हो चुका है डेथ वारंट
बता दें कि निर्भया केस के चार दोषी मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को पहले ही फांसी की सजा दिए जाने का ऐलान हो गया है. पिछले एक महीने में दो बार चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी हो गया है, पहले 22 जनवरी 2020 को फांसी देने का ऐलान किया गया था. लेकिन दोषी विनय के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की वजह से फांसी की सजा टल गई और उसे बढ़ाकर 1 फरवरी 2020 कर दिया गया.
याचिकाओं के चक्कर में आगे बढ़ रही तारीख
निर्भया के दोषी फांसी की सजा को टालने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं. पहले विनय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की गई, फिर मुकेश ने भी ऐसा ही किया. लेकिन बारी-बारी से दोनों की याचिकाओं को खारिज कर दिया गया. इसके बाद मुकेश ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने दया याचिका दायर की थी, लेकिन वहां से भी याचिका को खारिज कर दिया गया. लगातार याचिकाओं की वजह से ही कोर्ट ने फांसी की तारीख को बढ़ा दिया था.
तैयारी पूरी, पूछी गई आखिरी इच्छा
तिहाड़ जेल प्रशासन ने निर्भया के चारों दोषियों को फांसी की सजा देने की तैयार शुरू कर दी है. प्रशासन ने चारों दोषियों से उनकी आखिरी इच्छा पूछी है. प्रशासन की ओर से पूछा गया है कि फांसी से पहले वह अपनी अंतिम मुलाकात किससे करना चाहते हैं? उनके नाम अगर कोई प्रॉपर्टी या बैंक खाते में जमा कोई रकम है तो उसे किसी के नाम ट्रांसफर करना चाहते हैं? -
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून का जेडीयू द्वारा समर्थन किए जाने के बाद से ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं। वहीं, उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा के गठबंधन पर भी नाराजगी जाहिर की थी। पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर इस गठबंधन पर सवाल उठाए थे। उनकी इस चिट्ठी के बाद बिहार के सीएम और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार का बड़ा बयान आया है।
नीतीश कुमार ने पवन वर्मा की चिट्ठी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'अगर किसी को कोई समस्या है तो वह इस मुद्दे पर पार्टी में अपनी बात रख सकता है, लेकिन इस तरह के सार्वजनिक बयान और पत्र हैरान करने वाले हैं। उनको जो पार्टी पसंद हो उसमें चले जाएं, मेरी शुभकामनाएं हैं।' पवन वर्मा लगातार नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ बोल रहे हैं। पिछले दिनों भी उन्होंने इस कानून को समाज को तोड़ने वाला बताया था और नीतीश कुमार से इस पर सवाल किए थे। -
भाषा की खबर
महाराष्ट्र में 26 जनवरी से सभी स्कूलों में हर रोज सुबह की प्रार्थना के बाद संविधान की प्रस्तावना का पाठ अनिवार्य रूप से किया जाएगा। राज्य मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। राज्य सरकार के एक सर्कुलर में कहा गया है कि प्रस्तावना का पाठ ‘संविधान की संप्रभुत्ता, सबका कल्याण’ अभियान का हिस्सा है। महाराष्ट्र सरकार ऐसा करने के पीछे छात्रों में संविधान का महत्व जगाने की अद्देश्य बता रही है। बता दें कि CAA के लागू होने की बात सामने आने पर विपक्षी पार्टियां इस कानून को संविधान के खिलाफ बता रही है। वहीं विपक्षी पार्टियां इसके विरोध में जगह जगह संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी है।
इस पर कांग्रेस विधायक और मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा,‘छात्र संविधान की प्रस्तावना का पाठ करेंगे ताकि वे इसका महत्व जानें। सरकार का यह काफी पुराना प्रस्ताव है लेकिन हम इसे 26 जनवरी से लागू करेंगे’’ इस संबंध में सरकार ने फरवरी 2013 में सर्कुलर जारी किया था। उस समय राज्य में कांग्रेस, राकांपा की सरकार थी। मंत्री ने कहा कि छात्र हर रोज सुबह की प्रार्थना के बाद प्रस्तावना का पाठ करेंगे। हालांकि सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब देश भर में CAA का विरोध हो रहा है। -
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनपीआर की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र का पक्ष सुने बिना सीएए पर कोई स्थगन आदेश जारी नहीं करेगा. कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है.
न्यायालय ने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता तय करने के लिए वह अपीलों को वृहद संविधान पीठ के पास भेज सकता है. वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से सीएए के क्रियान्वयन पर रोक लगाने और एनपीआर की कवायद फिलहाल टाल देने का अनुरोध किया था.केंद्र सरकार ने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली उन याचिकाओं पर जवाब देने के लिए उसे समय चाहिए जो उसे अभी नहीं मिल पायी है.
केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली 143 याचिकाओं में से करीब 60 की प्रतियां सरकार को दी गई हैं .
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नई दिल्ली : भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को तीस हजारी कोर्ट ने राजधानी दिल्ली आने की इजाजत दे दी है. हालांकि, ये इजाजत सशर्त दी गई है. मंगलवार को सुनवाई करते हुए दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आदेश दिया कि चंद्रशेखर अगर दिल्ली आना चाहते हैं तो उन्हें अपने पूरे कार्यक्रम की जानकारी पहले ही देनी होगी. नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने के बाद भीम आर्मी चीफ को गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, बाद में जब उन्हें जमानत दी गई तो दिल्ली से बाहर भेज दिया गया.
तीस हजारी कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि चंद्रशेखर को दिल्ली में कब आना है, कहां आना है और क्या करना है इसकी पूरी जानकारी क्षेत्र के DCP को देनी होगी. जज की ओर से कहा गया कि आज के समय में सोशल मीडिया के जरिए भी अपनी बात पहुंचाई जा सकती है, ऐसे में कहीं मौजूद होने की जरूरत नहीं है.
पहले अदालत ने दिल्ली चुनाव के मद्देनज़र भीम आर्मी प्रमुख को चार हफ्ते बाहर रहने का आदेश दिया था, लेकिन अब आदेश मॉडिफाई कर दिया गया है. मंगलवार को सुनवाई के दौरान चंद्रशेखर के वकील महमूद प्राचा ने अदालत में एक शख्स का बयान पढ़ा. अब्बास का बयान पढ़ते हुए वकील ने कहा कि उनका कहना है कि चंद्रशेखर उनके यहां पर रुक सकते हैं, इससे कोई परेशानी नहीं होगी.
हालांकि, सरकारी वकील की ओर से इसका विरोध किया गया. सरकारी वकील ने अदालत में कहा कि चंद्रशेखर के दिल्ली में सुरक्षा को खतरा हो सकता है. जिसके जवाब में चंद्रशेखर के वकील ने कहा कि उन्हें एक PSO दिया जाए, जो उनपर हमेशा नज़र रखता रहे. वकील बोला कि उन्हें दिल्ली में आने से इसलिए रोका जा रहा है क्योंकि वो SC जाति से हैं. -
भोपाल : नागरिकता संशोधन बिल (CAA) पर प्रदर्शन के दौरान बीजेपी वर्कर को थप्पड़ मारने वाली डिप्टी कलेक्टर को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने शाबाशी दी है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने ट्विटर के जरिये घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अनियंत्रित बीजेपी नेताओं की पिटाई करने वाली अधिकारी की वीरता पर गर्व है। मामला राजगढ़ का है। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में बवाल मच गया है। बता दें कि इस दौरान एक प्रदर्शनकारी ने महिला अधिकारी की चोटी भी खींच दी थी।
दिग्विजय सिंह ने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘राजगढ़ की दो महिला अधिकारियों की वीरता पर गर्व करते हैं, जिन्होंने कथित तौर पर कुछ अनियंत्रित बीजेपी नेताओं की पिटाई की। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में बीजेपी की गुंडागर्दी सामने आ गई। जिला कलेक्टर और एसडीएम अधिकारियों को पीटा गया, बाल खींचे गए।’ -
मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को छात्रों से 'परीक्षा पे चर्चा' की, इस दौरान उन्होंने बोर्ड एग्जाम में बैठने को तैयार छात्रों के सवालों का बखूबी जवाब दिया. बता दें, दसवीं और बाहरवीं के बोर्ड की परीक्षा शुरू होने वाली है, इसको लेकर पीएम मोदी ने छात्रों को तनावमुक्त होकर परीक्षा में बैठने की सलाह दी. पीएम मोदी ने उनके साथ अपने मूल्यवान सुझाव साझा किए, साथ ही उन्हें शिक्षा से संबंधित कई खास बातें भी बताईं. अब 'परीक्षा पे चर्चा' को लेकर बॉलीवुड एक्टर प्रकाश राज ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा है.
हाल ही में, बॉलीवुड एक्टर प्रकाश राज ने एक ट्वीट किया है, अपने ट्वीट के जरिए एक्टर ने प्रकाश राज ने पीएम मोदी (PM Modi) से उनकी डिग्री दिखाने की मांग की है. लगभग हर समसामियक मुद्दे पर अपनी राय जनता के सामने पेश करने वाले प्रकाश राज ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, "परीक्षा पे चर्चा करने से पहले डिग्री के कागज दिखाओ..." प्रकाश राज के इस ट्वीट पर लोग खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित किए गए 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि छात्र तनावमुक्त होकर आगामी बोर्ड एवं प्रवेश परीक्षाएं दें. दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में आयोजित किए गए 'परीक्षा पे चर्चा' के तीसरे सत्र में पीएम मोदी ने छात्रों और शिक्षकों से परीक्षा के तनाव को दूर करने पर संवाद किया. -
दिल्ली : निर्भया केस में दोषी पवन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने घटना के वक्त नाबालिग होने की उसकी याचिका सोमवार को खारिज कर दिया. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि याचिका और दलीलों में कुछ भी नया नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि घटना के वक्त पवन बालिग था.
इससे पहले याचिका पर सुनवाई के दौरान पवन के वकील एपी सिंह ने अपने मुवक्किल को नाबालिग बताते हुए कोर्ट में अंबेडकरनगर जिले के टांडा स्थित गायत्री बाल संस्कारशाला से स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार घटना के वक्त पवन की उम्र 17 साल 1 महीने 27 दिन थी. इस सर्टिफिकेट को साल 2017 में कनविक्शन के बाद हासिल किया गया. कोर्ट ने इस बाबत सवाल किए तो दोषी के वकील ने दलील दी कि मुकदमे के दौरान जब जरूरत पड़ी तब इसे स्कूल से मंगवाया गया.
पवन के वकील ने पुलिस पर बड़ी साजिश के तहत पवन की उम्र संबंधी सच्चाई छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह दस्तावेज उसकी उम्र की तस्दीक करते हैं. दोषी पवन ने यह भी कहा कि वह तिहाड़ जेल में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भी शामिल होता था. उसने जेल प्रशासन के उस दावे को गलत बताया, जिसमें यह कहा गया था कि पवन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लेता था.
सुप्रीम कोर्ट ने पवन के वकील से पूछा कि जब रिव्यू पर सुनवाई हो रही थी, तब उस याचिका में यह सब क्यों नहीं बताया. आप हर बार एक दस्तावेज लेकर हाजिर नहीं हो सकते. कोर्ट ने कहा कि इन दस्तावेजों में कुछ भी नया नहीं है. ये दलीलें और दस्तावेज मजिस्ट्रेट कोर्ट, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू तक में खारिज हो चुके हैं. निचली अदालत ने 10 जनवरी 2013 को ही यह दावा खारिज कर दिया था कि घटना के वक्त पवन नाबालिग था. -
मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारत में गरीबी और अमीरी को लेकर एक हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। जिससे साफ पता चल रहा है कि अमीरी और गरीबी के बीच की ये खाई कम नहीं हुई बल्कि और ज्यादा बढ़ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के एक फीसदी बेहद अमीर लोगों के पास देश के कुल 95.3 करोड़ लोगों से करीब चार गुना ज्यादा पैसा है। इन लोगों के पास इतनी संपत्ति है कि इसमें देश का पूरे एक साल का बजट बन जाए। ये बात विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की सालाना बैठक में जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में कही गई है।
स्विटजरलैंड के दावोस शहर में डब्लूईएफ की 50वीं सालाना बैठक हुई। जिसमें ऑक्सफेम (Oxfam) कंफेडरेशन ने 'टाइम टू केयर' नाम से ये रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के कुल 2,153 अरबपतियों के पास धरती की कुल आबादी का 60 फीसदी हिस्सा रखने वाले 4.6 अरब लोगों से भी ज्यादा संपत्ति है। वहीं भारत को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां के 63 अरबपतियों के पास देश के कुल बजट से भी अधिक संपत्ति है। इस मामले में साल 2018-2019 बजट का संदर्भ लिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ना केवल भारत बल्कि दुनियाभर में अमीरों और गरीबों के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। अधिकतर अमीरों की संपत्ति एक दशक में दोगुनी हो चुकी है। वहीं अगर संयुक्त रूप में देखें तो उनकी संपत्ति पिछले एक साल में कुछ कम भी हुई है। रिपोर्ट को पेश करने वाले ऑक्सफेम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा, 'अमीरों और गरीबों के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है। इसे असमानता को कम करने वाली नीतियों को लाए बिना खत्म नहीं किया जा सकता। बहुत कम सरकारें ही ऐसा कर रही हैं।'
इस अध्ययन में 163 औद्योगिक क्षेत्र और उनकी सप्लाई सीरीज का भी विश्लेषण किया गया है। जिससे ये पता चलाता है कि दुनिया की करीब आधी जीडीपी प्रकृति पर या फिर उससे मिलने वाली सेवाओं पर ही निर्भर है। इसमें बताया गया है कि प्रकृति पर ही दुनिया की 44,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है। जो दुनिया की जीडीपी का करीब आधा है। -
नई दिल्ली। रॉबर्ट वाड्रा के करीबी माने जाने वाले यूएई स्थित एनआरआई कारोबारी सीसी थंपी को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने गिरफ्तार कर लिया है। थंपी पर भारत के कई रक्षा सौदे करवाने का आरोप है। वह दुबई सहित भारत में कई स्थानों पर अवैध संपत्ति भी बना चुका है। ईडी से मिली जानकारी के अनुसार, रॉबर्ट वाड्रा की लंदन स्थित संपत्ति में भी संजय भंडारी और सीसी थंपी का नाम आया था। इससे पहले ईडी ने थंपी से कई बार पूछताछ भी की है।
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मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही अपने तेजतर्रार बयानों और शेर-ओ-शायरी को लेकर सुर्खियों में रहे शिवसेना नेता संजय राउत ने फिर बयान दिया है। कांग्रेस-एनसीपी के साथ शिवसेना के गठबंधन के वक्त वीर सावरकर को भारत रत्न दिलाने का मुद्दा काफी गर्माया था। हिंदुत्व के मसले पर मुखर रहने वाली शिवसेना ने अपनी इस मांग में नरमी भी बरती थी, लेकिन राउत के बयान से फिर स्थितियां बदलती दिखाई दे रही हैं। हाल ही में राउत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर भी एक बयान दिया था, जिसके बाद कांग्रेस ने सख्त रुख अख्तियार किया था।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक और राज्यसभा सांसद राउत ने कहा, ‘जो वीर सावरकर का विरोध कर रहे हैं वो चाहे किसी भी पार्टी के हो, उन्हें सिर्फ दो दिनों के लिए उसी अंडमान सेल्युलर जेल में रहना चाहिए, जहां वीर सावरकर को रखा गया था। तभी उन्हें देश के लिए किए गए उनके त्याग और योगदान का अहसास होगा।’
गौरतलब है कि हाल ही में राउत ने कहा था, ‘इंदिरा गांधी मुंबई आकर गैंगस्टर करीम लाला से मुलाकात करती थीं।’ राउत के इस बयान के बाद कांग्रेस और शिवसेना के बीच तलवारें खींचती नजर आई थीं। कई कांग्रेस नेताओं ने राउत के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी, इसके बाद वर्ली से विधायक और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी इस मसले पर प्रतिक्रिया दी थी। -
नई दिल्ली : निर्भया गैंगरेप मामले में दिल्ली की अदालत ने सभी चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया। इस नए डेथ वारंट के अनुसार अब 22 जनवरी की जगह सभी दोषियों को एक फरवरी सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जाएगी।
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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया जिसमें समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां का निर्वाचन रद्द कर दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता नवाब काजिम अली खां को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया लेकिन CJI बोबडे ने कहा, " इतने उतावले मत बनिए, हाईकोर्ट का फैसला सबूतों पर आधारित है और हम इससे संतुष्ट हैं लेकिन आपने संदेह व्यक्त किया है तो इसका परीक्षण करेंगे।"
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया था निर्वाचन रद्द
दरअसल अब्दुल्ला ने विधायक का निर्वाचन रद्द किए जाने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस एसपी केसरवानी की बेंच ने यह कहते हुए अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर कर दी थी कि वर्ष 2017 में उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए कम थी। वह 11 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में स्थित स्वार से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। हाईकोर्ट ने स्वार विधानसभा क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां की याचिका पर सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला के निर्वाचन को रद्द कर दिया था। -
एजेंसीपंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में संशोधित नागरिकता कानून को रद्द करने की मांग करने वाला प्रस्ताव पेश किया। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में भी संशोधन की मांग की है, ताकि लोगों के बीच फैले एनपीआर और एनआरसी के डर को खत्म किया जा सके। बता दें कि पंजाब से पहले केरल की लेफ्ट सरकार भी ऐसा प्रस्ताव ला चुकी है। वहीं कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ सरकार भी राज्य में NPR लागू करने के केन्द्र सरकार के फैसले को निरूपित करने पर विचार कर रही है।बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार विभाजनकारी सीएए को लागू नहीं करने देगी। सिंह ने कहा कि वह और कांग्रेस धार्मिक उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन उनका विरोध सीएए में मुस्लिमों समेत कुछ अन्य धार्मिक समुदायों के प्रति किए गए भेदभाव को लेकर है। केरल विधानसभा ने इस विवादित कानून को खत्म करने के लिए प्रस्ताव पारित किया है। ऐसा करने वाला केरल पहला राज्य है।
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नई दिल्ली। दिल्ली में विधानसभा चुनाव को अब काफी कम समय बचा है। इस बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को नामांकन दाखिल किया है। इससे पहले उन्होंने पैदल यात्रा की और बाइक रैली भी निकाली। सिसोदिया द्वारा दाखिल हलफनामे के मुताबिक उनके पास वर्तमान में कार तक नहीं है। वहीं जितनी संपत्ति उनकी 2015 में थी, उतनी ही लगभग अब भी है। लेकिन इस दौरान उनकी पत्नी की संपत्ति 65 लाख रुपये हो गई है।
बता दें सिसोदिया पूर्वी दिल्ली में फिर से पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव आयोग में दायर हलफनामे में सिसोदिया ने कहा कि उनकी चल संपत्ति 2018-19 में 4,74,888 रुपये थी, जबकि 2013-14 में यह 4,92,624 रुपये थी। पहले उनके पास कार थी लेकिन इस बार वाहन वाले कॉलम में उन्होंने कुछ नहीं लिखा। 2015 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक सिसोदिया ने कहा था कि गाजियाबाद के वसुंधरा में उन्होंने अप्रैल 2001 में 5.07 लाख रुपये की संपत्ति खरीदी थी। जिसकी कीमत 2015 में 12 लाख हो गई।
अपने वर्तमान हलफनामे में भी उन्होंने इसी संपत्ति के बारे में लिखा है। जिसकी कीमत 2020 में बढ़कर 21 लाख रुपये हो गई है। 2015 के हलफनामे में सिसोदिया ने ये भी कहा था कि उनकी पत्नी ने मार्च 2008 में 8.07 लाख रुपये की संपत्ति खरीदी थी। जिसकी कीमत 2015 में 20 लाख रुपये के करीब हो गई। उन्होंने 2020 के हलफनामे में कहा कि उनकी पत्नी की स्व-अर्जित अचल संपत्ति का अनुमानित वर्तमान बाजार मूल्य 65 लाख रुपये है। गौरतलब है कि दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होगा और नतीजों की घोषणा 11 फरवरी को होगी। यहां 2689 केंद्रों पर 13750 बूथ बनवाए गए हैं, जहां मतदाता वोट डाल सकेंगे। दिल्ली के 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन दोहराते हुए 70 में से 67 सीटें हासिल की थीं। भाजपा केवल तीन सीट हासिल कर पाई थी जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी। -
मुंबई
बॉलीवुड अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल ने आतंकवादियों के पकड़े जाने को लेकर एक ट्वीट किया है, जिसको लेकर वो सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गई है। तमाम यूजर्स सिमी ग्रेवाल को जमकर भला-बुरा कह रहे हैं। अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल के ट्वीट ने लोगों को इतना गुस्सा दिला दिया है कि लोग उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे हैं। सिमी ग्रेवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट में सवाल पूछते हुए लिखा, ‘आतंकवादियों को दिल्ली लाओ। गणतंत्र दिवस पर बम धमाका होता है, सैकड़ों लोग मरते हैं। फिर मुसलमानों को दोषी ठहराया और निशाना बनाया बनाया जाता है। क्या यही पटकथा थी?’
उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया पर लोगों ने आपत्ति जताई है। सिम्री ग्रेवाल के इस ट्वीट एक यूजर ने तो गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए अभिनेत्री को गिरफ्तार करने की मांग की है। दरअसल, राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी से पहले 3 आतंकी पकड़े गए हैं। जिसके बाद से दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है। जानकारी के अनुसार आईएसआईएस के 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। जानकारी के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी तमिलनाडु से फरार थे।