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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रामेश्वर वैष्णव द्वारा रचित है पुस्तक
रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने शनिवार रात रायपुर स्थित निवास कार्यालय में सुप्रसिद्ध साहित्यकार, गीतकार रामेश्वर दास वैष्णव द्वारा रचित पुस्तक ’मोदी है तो सम्भव है’ का विमोचन किया। विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुस्तक के लेखक रामेश्वर दास वैष्णव को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में प्रत्येक क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुए हैं। साथ ही देश के प्रत्येक वर्ग का सर्वांगीण विकास हुआ है। ऐसे में उन्होंने साहित्यिक रचना हेतु पुस्तक के लेखक को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों को अलग अंदाज में मुक्तकों के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री के प्रेस ऑफिसर श्री आलोक सिंह, सुप्रसिद्ध रंगकर्मी अनिल शर्मा, लेखक विजय मिश्रा ’अमित’, सतीश शर्मा, पत्रकार योगेश मिश्रा, प्रमोद मिश्रा, हेमंत शर्मा उपस्थित रहे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 23 सितम्बर को दोपहर 3 बजे राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषक सभागार में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस एवं सम्मान समारोह में शामिल होंगे। -
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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों द्वारा पुस्तकों को लापरवाहीपूर्वक रद्दी बनाने की घटना का तत्काल लिया संज्ञान
जांच में प्रथम दृष्टया लापरवाही पाए जाने पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर को किया गया निलंबित
प्रशासनिक शिथिलता और लापरवाही बिलकुल नहीं होगी बर्दाश्त
मुख्यमंत्री साय का प्रशासनिक शिथिलता और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
सुशासन के ध्येय के लिए भ्रष्टाचार के सभी अवसरों को ख़त्म करना मुख्यमंत्री की प्राथमिकता
लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध होगी कड़ी कार्यवाही
कलेक्टर कान्फ्रेंस में अधिकारियों को दिए थे निर्देश भ्रष्टाचार बिल्कुल नहीं होगा बर्दाश्त
मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई कर दिए जीरो टॉलरेंस के स्पष्ट संकेत
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कलेक्टर कान्फ्रेंस में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस को लेकर सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए थे। मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार को लेकर कड़ाई जमीनी स्तर पर भी उतनी ही सख्त नजर आ रही है। इसकी बानगी एक बार फिर सरकार की त्वरित कार्रवाई से दिखती है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई शैक्षणिक सत्र 2024-25 की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का मामला सामने आया था।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई वर्ष 2024-25 सत्र की नई किताबें के कबाड़ में बेचे जाने की घटना के प्रकाश में आने पर तत्काल गंभीरतापूर्वक संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु पिल्ले को इस घटना की जांच के निर्देश दिए थे। जांच के उपरांत छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा की प्रथम दृष्टया लापरवाही परिलक्षित होने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में कड़े तेवर दिखाने के बाद मुख्यमंत्री ने निलंबन की इस कार्यवाही से यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रशासनिक लापरवाही उन्हें बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं होगी।
छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम का मामला सामने आने पर इस घटना की जाँच का दायित्व मुख्य सचिव के पश्चात सबसे वरिष्ठ अधिकारी को देना यह स्पष्ट करता है कि इस राज्य में अब प्रशासनिक ढिलाई के दिन बीत चुके हैं । यदि किसी ने लापरवाही या भ्रष्टाचार किया, तो उस पर कार्यवाही अवश्य होगी।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों सीएम के रौद्र रूप कई प्रशासनिक निर्णयों में दृष्टिगोचर हुए हैं। सीएम शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों में बिलकुल भी लापरवाही नहीं चाहते। मुख्यमंत्री श्री साय ने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता बरतने वाले लापरवाह अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कारवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि यह सुशासन की सरकार है और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के द्वारा अपने शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी तथा लापरवाह अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कारवाई सुनिश्चित की जाएगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -
रायपुर : मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। राज्य मंत्रिमण्डल ने राज्य में गठित पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से संशोधन की मंजूरी दी है। इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा काफी विस्तृत किया गया है। पांचों प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को अब इसका सदस्य बनाया गया है। पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। शेष सभी सदस्य यथावत रहेंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में प्रस्तावित संशोधन को मंत्रिमण्डल ने मंजूरी दी, जिसके तहत मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक उपाध्यक्ष होंगे। इस प्राधिकरण में सदस्य के रूप में शामिल पूर्व में मात्र तीन विभागों के मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त माननीय मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्ष प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राधिकरण के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 35 विधायकगणों को और अन्य सदस्यों को यथावत रखा गया है।
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री एवं वित्त मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगण प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष भी अब प्राधिकरण के सदस्य होंगे। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार इसमें सदस्य के रूप में शामिल 14 विधायकगणों को यथावत शामिल किया गया है।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण
माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक (अ.जा. आरक्षित) प्राधिकरण के उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमण्डल के दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों, संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण के जिला पंचायत अध्यक्ष (अ.जा.), अनुसूचित जाति विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुरूप सदस्य के रूप में शामिल किए गए 10 विधायकों को यथावत रखा गया है।
मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में किए गए संशोधन के अनुसार अब दो मंत्रीगणों के स्थान पर राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों तथा प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस प्राधिकरण में आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप मंे तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। इस प्राधिकरण में पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 12 विधायकों को यथावत रखा गया है।बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
माननीय मुख्यमंत्री जी इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्राधिकरण क्षेत्र के निर्वाचित विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) इसके उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल मात्र दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद तथा प्राधिकरण क्षेत्र के जनजातीय बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग इस प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण में सदस्य के रूप में पूर्व में शामिल 12 विधायकगणों को यथावत सदस्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री जी के स्वेच्छानुदान मद से 262 व्यक्ति एवं संस्थाओं को 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार रूपये स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया। राज्य के शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया। जिसके तहत भूखण्डों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी विकास नीति (टी.डी.एस.) का अनुमोदन किया गया। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है।
प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि के समुचित रूप से विकास करने, अतिक्रमण तथा अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने एवं शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं के अभाव और असुविधाओं के निराकरण के लिए इस शहरी विकास नीति का निर्धारण किया गया है। नगर विकास योजना आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्रियान्वित की जा सकेगी। -
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मुख्यमंत्री ने परिवारजनों से बातचीत कर बंधाया ढाढस
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के ग्राम छरछेद में हुए जघन्य हत्याकांड पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने मृतकों के परिवारजनों को 10 लाख रूपए की सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज शाम वीडियो कालिंग के जरिए घटना में मृतक चैतराम केंवट के बड़े भाई भुवनेश्वर केंवट एवं माता मोंगरा बाई केंवट से बातचीत की और ढाढस बंधाते हुए कहा कि यह बहुत दुखद घटना है। इस दुःख की घड़ी में हम आपके साथ हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवार के दर्द को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मेरी संवेदनाएं आपके साथ है। इस जघन्य हत्याकांड के अपराधियों को कठोर सजा दिलाने के लिए हमारी सरकार संकल्पित है। -
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अभद्र भाषा के विरूद्ध बच्चों और पालकों को जागरूक करने प्रोजेक्ट ‘जागृति’ का संचालन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास में आयोजित ‘जनदर्शन’ में भिलाई की संस्था ‘स्वयंसिद्धा’ द्वारा संचालित प्रोजेक्ट ‘जागृति’ के फ्लेक्स का विमोचन किया। संस्था द्वारा प्रोजेक्ट ‘जागृति’ के माध्यम से दुर्ग जिले के 200 स्कूलों में बच्चों और पालकों को अभद्र भाषा के इस्तेमाल के विरूद्ध जागरूक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए इस नई पहल के लिए सदस्यों की पीठ थपथपाई।
मुख्यमंत्री श्री साय को ‘स्वयंसिद्धा’ की संस्थापक एवं निदेशक डॉ. सोनाली चक्रबर्ती ने बताया कि प्रोजेक्ट ‘जागृति’ के तहत बच्चों और पालकों को गंदी भाषा व अश्लीलता के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक और सेन्सिटाइज किया जा रहा है। दुर्ग जिले के 200 स्कूलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। शिक्षक दिवस के मौके पर विगत 5 सितम्बर से यह अभियान प्रारंभ किया गया है। टीवी, मोबाइल, ओटीटी व वेब सीरीज के बुरे प्रभाव के चलते बच्चों की भाषा बेहद चिंताजनक स्थिति में है। इसे सुधारने के लिए संस्था द्वारा यह पहल की गई है। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट ‘जागृति’ के माध्यम से स्कूली बच्चों की भाषा सुधारने के लिए कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही बच्चों को बिना गाली-गलौज के अच्छी भाषा में बात करने का संकल्प दिलवाया जा रहा है। इसके लिए अभिभावकों के लिए भी अलग से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। -
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मरीजों को इलाज के लिए मिली तत्काल मदद
दिव्यांगों को मोटराईज्ड ट्राइसायकिल एवं अन्य उपकरण प्रदान किए
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित जनदर्शन कार्यक्रम में मरीजों को इलाज के लिए तत्काल आर्थिक सहायता मंजूर करने के साथ ही दिव्यांगों को मोटराईज्ड ट्राइसाइकिल, वॉकर सहित अन्य सहायक उपकरण प्रदान की। जनदर्शन कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न इलाकों से सभी आयु वर्ग एवं समाज के हजारों लोग अपनी समस्या एवं मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे। जनदर्शन कार्यक्रम दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ और शाम 7 बजे तक चला। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस दौरान एक-एक कर सभी लोगों की समस्याओं एवं मांगों को बड़ी तन्मयता के साथ सुना और निदान के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने जनदर्शन कार्यक्रम में इलाज के लिए मदद का आवेदन लेकर आई रायपुर आमापारा की उषा ठाकुर, जो कि ओरल कैंसर से पीड़ित हैं, उन्हें इलाज के लिए एक लाख रूपए का चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने रायपुर के गुढ़ियारी निवासी रोशन साहू के 8 वर्षीय बीमार पुत्र के इलाज के लिए 25 हजार रूपए तथा दिव्यांग कलाकार विवेक भोंसले को वाद्ययंत्र खरीदने के लिए 15 हजार रूपए का चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने जनदर्शन कार्यक्रम में दिव्यांग राजूराम वाचम और लीलाशंकर साहू को मोटराईज्ड ट्राइसायकिल, मोहम्मद रसीद कुरैशी को व्हीलचेयर, इंद्रसेन गोस्वमी को एल-बो क्रेच एवं विवेक शर्मा को वॉकर प्रदान किया।यहाँ देखें विडियो :-<iframe width="560" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/rQWH6fiz_UM?si=m_7qTd_KpkWL8HkD" title="YouTube video player" frameborder="0" allow="accelerometer; autoplay; clipboard-write; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture; web-share" referrerpolicy="strict-origin-when-cross-origin" allowfullscreen></iframe>
जनदर्शन में आने वाले लोगों के लिए बैठने और स्वल्पाहार का विशेष प्रबंध मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश के परिपालन में किया गया था। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में लोगों के प्रवेश की व्यवस्था को भी सहज रखा गया था, ताकि लोगों को किसी भी तरह की तकलीफ न हो। कार्यक्रम स्थल में मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण का भी प्रबंध किया गया है।जनदर्शन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से जशपुर जिले के ग्राम कदेलकछार निवासी विनोद कुमार लकड़ा ने मुलाकात कर जुनाडीह से बरकानी सड़क निर्माण का मामला लंबित होने की जानकारी देने के साथ ही सड़क निर्माण शुरू कराए जाने का आग्रह किया। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम माल्दी के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से गांव के जलाशय क्षेत्र को अतिक्रमण से बचाने तथा इसमें संलिप्त लोगों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से इस जलाशय को संरक्षित करने के साथ ही पूर्व की भांति इससे किसानों को सिंचाई के लिए जलापूर्ति किए जाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई का भरोसा ग्रामीणों दिलाया। बिलाईगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक की अनुपस्थिति और इलाज के नाम पर खानापूर्ति किए जाने की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए।
जनदर्शन कार्यक्रम में जशपुर से आई दृष्टिबाधित कुमारी रूपवर्षा ने पढ़ने में आ रही दिक्कत को दूर करने के लिए ऑर्बिट रीडर यन्त्र प्रदान किए जाने का आग्रह किया। रायगढ़ जिले की खरसिया की रहने वाले 45 वर्षीया दुर्गेश नंदिनी राठौर ने मुख्यमंत्री से सब्जी बाड़ी एवं मछली पालन के लिए भूमि पट्टे पर दिए जाने की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कलेक्टर रायगढ़ को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। एक दुर्घटना में बांया हाथ खो चुके दुर्ग निवासी श्री सागर देवांगन के आवेदन पर मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को निःशुल्क कृत्रिम हाथ लगवाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बालिका खिलाड़ियों को हौसला बढ़ाया
दक्षिण कोरिया में 25-30 अगस्त तक आयोजित एशियन कप बीच वुडबॉल चैम्पियनशिप में ब्रॉज मेडल हासिल करने वाली महासमुंद की चैन कुमारी निषाद और रायपुर की रंजीता खलको भी मुख्यमंत्री से मुलाकात करने जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंची थी। मुख्यमंत्री ने दोनों खिलाड़ियों को अपने पास मंच पर बुलाकर उनकी हौसला अफजाई की और उनके साथ फोटो भी खिंचाई। -
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’प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान’ की स्वीकृति जनजातीय समुदाय के उत्थान की दिशा में बड़ा कदम
अन्नदाताओं और उपभोक्ताओं के लिए हितकारी है ’प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना’ को जारी रखने का फैसला
अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई अनुसंधान परियोजनाओं से भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होगी सशक्त उपस्थिति
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय कैबिनेट में जनजातीय समुदाय के उत्थान, किसानों और उपभोक्ता कल्याण के संबंध में लिए गए निर्णयों के लिए छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार प्रकट किया है। केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज ’प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान’ को स्वीकृति और प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना को वर्ष 2025-26 तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा है कि इन निर्णयों का लाभ प्रदेशवासियों को भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के प्रति आभार करते हुए कहा है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जनजातीय समुदाय के उत्थान की दिशा में ’प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान’ को मिली स्वीकृति ऐतिहासिक है। प्रधानमंत्री जी के इस मिशन से देश के 63,000 से अधिक आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों के आदिवासी गांवों के लोगों जीवन-स्तर में सुधार एवं समृद्धि आएगी। निश्चित ही इसका लाभ हमारे प्रदेश के जनजातीय भाई-बहनों को मिलेगा। जनजातीय समुदाय के उत्थान की दिशा में इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री जी का सहृदय आभार और देश-प्रदेश के समस्त जनजातीय भाई-बहनों को ढेरों शुभकामनाएं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा है कि केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा ’प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजना’ को वर्ष 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दी गई है, जो अत्यंत सराहनीय है। इस योजना के तहत 35,000 करोड़ रूपए के कुल वित्तीय व्यय से अन्नदाता किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी। निश्चित ही हमारे प्रदेश के अन्नदाताओं और उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिलेगा। कृषक और उपभोक्ता कल्याण को समर्पित इस निर्णय के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा है कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्नदाता किसान भाई-बहनों को निरंतर सस्ती दरों पर खाद की आपूर्ति के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरों को स्वीकृति प्रदान की है। 2024 के रबी सीजन हेतु फॉस्फेटिक और पोटाश (पी एंड के) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरें तय करने के इस पहल से किसानों को किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। जिसका लाभ हमारे प्रदेश के अन्नदाताओं को मिलेगा। किसानों के हित में लिए गए इस निर्णय के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का सहृदय आभार।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में लिए गए निर्णयों की भी सराहना की है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने चंद्रयान - 4 मिशन को स्वीकृति दी है। इस मिशन का उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा पर उतारना, सैंपल कलेक्ट करना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वीनस ऑर्बिटर मिशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) की स्थापना सहित गगनयान फॉलो-ऑन मिशन को भी स्वीकृति दी है। अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में यह सभी निर्णय भारत की सशक्त उपस्थिति को दर्शाता है। इस निर्णय के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का आभार और समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं। -
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मुख्यमंत्री मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना से पंकज के जीवन में आया बदलाव
राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने होनहार युवा पंकज साहू को किया सम्मानित
रायपुर : एक छोटे से गांव से निकल कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना और वहां से आईआईटी धनबाद का सफ़र और फिर टाटा स्टील जैसे बड़ी कंपनी में मैनेजर का प्रतिष्ठापूर्ण पद प्राप्त करना किसी भी श्रमिक परिवार के बच्चे के लिए एक सपने जैसा है। इस सपने को हकीकत में बदलने का काम एक श्रमिक परिवार के होनहार बच्चे ने कर दिखाया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर में आयोजित राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में श्रमिक परिवार के इस होनहार युवा श्री पंकज साहू को इस शानदार कामयाबी के लिए सम्मानित किया और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। वर्तमान में पंकज साहू ओडिशा के जैपुर जिले के कलियापानी स्थित टाटा स्टील कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत है। पंकज साहू इस सम्मान के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का हृदय से आभार मानते हैं।
पंकज साहू की कहानी संघर्ष, मेहनत, इच्छाशक्ति और सरकारी योजनाओं से मिले सहयोग का एक जीता जागता उदाहरण है। धमतरी जिले के छोटे से गाँव दर्री के निवासी पंकज एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पंकज साहू बताते हैं कि उनके पिता श्री जयलाल साहू धमतरी के एक निजी दुकान में श्रमिक के रूप में कार्यरत थे और उनकी माता श्रीमती ज्ञानबती साहू रेज़ा मज़दूर के रूप में काम करती थी। वे छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग में निर्माणी श्रमिक के तौर पर पंजीकृत है। पंकज की प्रारंभिक पढ़ाई गाँव में ही हुई थी।
पंकज बताते है कि उन्हें बचपन से ही मैथ्स, साइंस जैसे विषयों में विशेष रूचि थी, उनके पिता भी मैथ्स ग्रेजुएट है। आर्थिक परिस्थिति के चलते उन्हें श्रमिक के रूप में कार्य करना पड़ रहा था। पंकज साहू ने स्कूल के दिनों में ही तय कर लिया था कि इंजीनियर बनकर परिवार की परिस्थिति को बदलेंगे। लेकिन जब इंजीनियरिंग करने की बारी आई, तो परिवार के सामने आर्थिक चुनौतियाँ खड़ी हो गईं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च वहन करना उनके परिवार के लिए नामुमकिन था।
पंकज साहू और उनके परिवार के लिए छह हज़ार की सीमित आय में शिक्षा की ऊँचाइयों को छूना आसान नहीं था। पंकज साहू भावुक होकर कहते हैं कि उन्होंने अपने स्कूल शिक्षा के दौरान ही स्वयं सेवी संस्था के साथ जुड़कर काम करना शुरू कर दिया था। गर्मियों की छुट्टियों में आस पड़ोस के बच्चों को प्राइवेट ट्यूशन दिया करते थे। उससे मिली मेहताना से अपने पढ़ाई का खर्चा उठाते थे। उन्होंने बताया कि 12वीं पास होने के बाद पैसे की कमी होने के कारण वे पीईटी का फार्म तक नहीं भर पाये थे।
ऐसे में उन्हें बीएससी में एडमिशन लेना पड़ा। लेकिन पंकज साहू की इंजीनियरिंग करने की चाहत तब भी क़ायम रही। उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के साथ धमतरी में निजी दुकानों में काम करना शुरू किया, साथ ही प्राइवेट कोचिंग और एनजीओ के साथ काम जारी रखा। इस तरह उन्होंने पैसे जोड़कर पीईटी परीक्षा में पास होकर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज जगदलपुर में माईनिंग डिपार्टमेंट में बीई में दाखिला लिया। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान ही एनजीओ में वॉलंटियर के रूप में कार्य करते रहे जिससे वे अपने कॉलेज और हॉस्टल का व्यय वहन कर सका।
इंजीनियरिंग के बाद भी पंकज की राह आसान नहीं थी। उन्होंने एम टेक करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने गेट की परीक्षा पास की, लेकिन मुश्किलें थमी नहीं थी, एम टेक की पढ़ाई का खर्च सालाना लगभग एक लाख रुपये था, जो उनके परिवार के लिए एक भारी बोझ था। इतनी सीमित आय में उच्च शिक्षा ग्रहण करना मुश्किल था, लेकिन पंकज के जीवन में श्रम विभाग द्वारा संचालित मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना मील का पत्थर साबित हुई। उन्हें गांव के कुछ जागरूक जनप्रतिनिधियों से योजना के बारे में पता चला, जिसने उनके सपनों को नई उड़ान मिली। योजना के तहत पंकज की एमटेक की शिक्षा का पूरा खर्च छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वहन किया गया। इस योजना का लाभ लेते हुए उन्होंने आईआईटी धनबाद से एमटेक की डिग्री प्राप्त की और अपनी कड़ी मेहनत और लगन के कारण गोल्ड मेडल हासिल किया।
धनबाद में अपनी एमटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद पंकज को वेदांता रिसोर्स में प्लेसमेंट मिला, और जल्द ही उन्हें टाटा स्टील कंपनी में मैनेजर के पद पर नियुक्ति मिली। आज पंकज सालाना 18 लाख रुपये के पैकेज पर कार्यरत हैं और उनका जीवन पूरी तरह से बदल चुका है।
पंकज ने भावुक होते हुए कहते हैं कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री मेधावी छात्र-छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना और उनके माता-पिता का सहारा न मिलता, तो शायद उनके लिए इतनी बड़ी कंपनी में मैनेजर की पोस्ट तक पहुँचना एक सपना ही रह जाता। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार का आभार व्यक्त किया, जिसके चलते उनके जैसे कई गरीब बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है।
पंकज की कहानी उन लाखों बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत है जो आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं। यह कहानी बताती है कि सरकारी योजनाएँ यदि सही ढंग से लागू हों और जरूरतमंदों तक पहुँचें, तो वे किसी के भी जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकती हैं। -
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जिला प्रशासन को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने कहा गया
रायपुर : जशपुर जिले के प्रसिद्ध शिव धाम कैलाश गुफा से दर्शन कर लौट रहे पिकअप वाहन में 25 से 30 श्रद्धालु सवार थे। पिकअप वाहन लौटते समय वाहन गहरी खाई गिर कर पलट गई, जिससे उसमें सवार लोगों को चोट आयी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने घायलों के ईलाज के समुचित इलाज के निर्देश चिकित्सकों को दिए हैं। बगीचा क्षेत्र में हुए इस हादसे की सूचना मिलते ही सीएम कैंप कार्यालय बगिया ने तत्काल संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को इलाज के समुचित व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं। घटना स्थल पर एंबुलेस और मेडिकल टीम भेजी गई है। घायलों को बगीचा अस्पताल पहुंचाया जा रहा है, किन्तु गंभीर रूप से घायलों को अंबिकापुर रिफर किया गया है।
जशपुर जिले के प्रसिद्ध शिव धाम कैलाश गुफा से दर्शन कर श्रद्धालु लौट रहे थे कि पिकअप वाहन खाई में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मामला बगीचा थाने के सोनगेरसा का है, जहां से कैलाश गुफा जाते हैं। बताया जा रहा है कि हादसे के समय पिकअप में 25 से 30 लोग सवार थे। घटना की सूचना मिलते ही बगीचा अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस प्रशासन और मेडिकल टीम रवाना किया गया है।ग्रामीणों के सहयोग से राहत बचाव कार्य किया गया। आसपास के ग्रामीणों ने हर संभव प्रयास करते हुए घायलों को ईलाज के लिए तत्परता दिखाते हुए अपने स्वयं के वाहन से बगीचा अस्पताल ले जाया गया और गम्भीर रूप से घायलों को अम्बिकापुर अस्पताल रेफर किया गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने घायलों को हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने जिला प्रशासन को निर्देश दिए है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की जनहितकारी योजनाएं न सिर्फ आर्थिक सहायता प्रदान कर रही हैं, बल्कि राज्य की महिलाओं के सपनों को नई उड़ान भी दे रही हैं। ऐसी ही एक योजना है महतारी वंदन योजना, जिसने सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम टुंडरी की निवासी श्रीमती दुजेमती सोनवानी के जीवन में अद्वितीय बदलाव ला दिया है।
श्रीमती दुजेमती, एक घरेलू महिला है, जो पहले कभी भी हवाई यात्रा करने के बारे में नहीं सोच पाई थीं, अब इस योजना की मदद से अपने इस सपने को साकार कर चुकी हैं। महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की राशि सीधे बैंक खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से मिलती है। श्रीमती दुजेमती ने धीरे-धीरे इस राशि को एकत्रित किया और अपनी पहली हवाई यात्रा की योजना बनाई।
श्रीमती दुजेमती ने रायपुर से जगदलपुर की हवाई यात्रा की और जगदलपुर के प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात का भ्रमण किया। यह यात्रा उनके जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव था, जिसे उन्होंने वर्षों से सपनों में संजोया हुआ था। श्रीमती दुजेमती ने बताया कि बचपन से ही वह हवाई जहाज में सफर करने का सपना देखती थीं, लेकिन आर्थिक स्थिति के कारण यह कभी संभव नहीं हो पाया था।
महतारी वंदन योजना ने न केवल उनके इस सपने को पूरा किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनने का एक नया अहसास भी दिया। उन्होंने खुशी-खुशी बताया कि इस योजना से उन्हें हर महीने आर्थिक सहायता मिलती है, जिसका उपयोग वे कभी त्योहारों की खरीदारी में करती हैं, तो कभी अपनी यात्रा की इच्छाओं को पूरा करने में।
श्रीमती दुजेमती ने छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि महतारी वंदन योजना ने उनके जैसे कई महिलाओं के जीवन में उम्मीद की नई किरण जलाई है। आज वे गर्व महसूस करती हैं कि सरकारी योजनाओं का सही लाभ पाकर वे अपने सपनों को पूरा कर पा रही हैं। यह योजना सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि महिलाओं के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण साधन बन गई है।
श्रीमती दुजेमती सोनवानी की यह कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। महतारी वंदन योजना ने दिखा दिया कि सही योजना और प्रयासों से कोई भी सपना पूरा हो सकता है।
गौरतलब है कि प्रदेश में महिलाओ के आर्थिक स्वावलंबन तथा उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर मे सतत सुधार तथा परिवार मे उनकी निर्णायक भूमिका सुदृढ़ करने हेतु, समाज मे महिलाओं के प्रति भेदभाव, असमानता एवं जागरूकता की कमी को दूर करने, स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर मे सुधार करने तथा आर्थिक स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “महतारी वंदन योजना” लागू किए जाने का निर्णय लिया गया। जिसके अंतर्गत राज्य की विवाहित, विधवा परित्यक्ता और तलाकशुदा जिनकी उम्र 21 वर्ष से अधिक हो ऐसी महिलाओ को प्रतिमाह 1000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 10 मार्च 2024 को महतारी वंदन योजना की शुरूआत की गई थी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बटन दबाकर प्रथम किश्त की राशि जारी की थी।
योजना के तहत पहले चरण में करीब 70 लाख से अधिक महिलाओं को लाभार्थी के तौर पर चुना गया है जिनके बैंक खाते में योजना की सात किश्ते ट्रांसफर कर दी गई हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मार्च से सितंबर तक 07 माह की सहायता राशि4578 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान महिलाओं ने खाते में किया जा चुका है।
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श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा सहायता योजना होगी प्रारंभ
मुख्यमंत्री ने 57 हजार श्रमिकों को 49.43 करोड़ राशि का डी.बी.टी. के माध्यम से अंतरित की
विश्वकर्मा जयंती पर राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन का आयोजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय श्रमिक सम्मेलन में राज्य के सभी जिलों में अन्नपूर्णा दाल-भात केन्द्र और पंजीकृत श्रमिक परिवारों के बच्चों को श्रेष्ठ आवासीय विद्यालय में निःशुल्क अध्ययन की सुविधा देने के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा सहायता योजना शुरू करने की घोषणा की।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने इस मौके पर श्रमिकों को विश्वकर्मा दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए 57 हजार से अधिक पंजीकृत परिवारों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 49.43 करोड़ रूपए की राशि डी.बी.टी. के माध्यम से उनके खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में श्रमवीरों को शाल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने श्रम विभाग द्वारा तैयार की गई कॉफी टेबल बुक ‘क्रेडल्स ऑफ होप’ का विमोचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रमिकों के हित में श्रम विभाग द्वारा शुरू किए गए श्रमेव जयते एप और श्रमिक हेल्पलाइन नंबर की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल में उन्होंने ढाई से 3 साल तक केंद्र में श्रम राज्य मंत्री के रूप में काम किया। तब श्रमिकों को बहुत ही कम पेंशन राशि मिलती थी। प्रधानमंत्री की पहल पर यह राशि बढ़ाकर एक हजार रूपए की गई। साथ ही प्रोविडेंट फंड बनाकर श्रमिकों को यूनिवर्सल नंबर आबंटित किए गए। इस यूनिवर्सल नंबर के जरिए श्रमिकों को देश के किसी भी स्थान जाने पर इस स्थायी नंबर के जरिए विभिन्न लाभ मिलते हैं। इसी प्रकार श्रमिक भाई पीएफ की राशि क्लेम नहीं करते थे, उन्हें 27 हजार करोड़ रूपए दावा राशि का भुगतान कराया गया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार में योजनाओं के क्रियान्वयन में सुशासन और पारदर्शिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। श्रमिकों को आज विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सहायता राशि डीबीटी के माध्यम से भेजी गई है। श्रमिकों के बीच अब कोई बिचौलिया नहीं आएगा। श्रमिकों को अब राशि सीधे उनके बैंक खातों में मिल रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए संचालित अनेक कल्याणकारी योजनाएं जिसे पिछली सरकार ने बंद कर दी थी।मुख्यमंत्री श्री साय उन योजनाओं को पुनः शुरूआत कर रहे हैं। यह श्रमिकों के लिए खुशी का अवसर है। श्रम मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश के श्रमिकों के हित अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा 235 करोड़ रूपए अलग-अलग योजना के माध्यम से सहायता राशि श्रमिकों को प्रदान की गई है। जिसका सीधा लाभ श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मिल रहा है।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि श्रमेव जयते एप और शिकायत निवारण पोर्टल एवं टोल फ्री नंबर जारी किया गया है। अब श्रमवीरों द्वारा किसी भी समय अपने शंका, समस्या का निवारण घर बैठे कर सकते हैं। रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि श्रमवीर हमारे प्रदेश के रीड़ की हड्डी है, इनके दम पर ही हमारा राज्य प्रगतिशील है। श्रमवीरों के सच्चे सम्मान के लिए हमारी सरकार हमेशा कार्यरत है। उन्होंने कहा कि श्रमवीरों के बच्चों के भविष्य व शिक्षा के लिए हमें बेहतर से बेहतर प्रयास करना चाहिए।
कार्यक्रम में विधायक सर्वश्री मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, गुरू खुशवंत साहेब, श्रम विभाग के सचिव सह श्रमायुक्त श्रीमती अलेरमंगई डी., इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह, अपर श्रमायुक्त श्रीमती सविता मिश्रा एवं एल.ए. जांगड़े सहित बड़ी संख्या श्रमवीर, विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे। -
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जशपुर के श्रीमती फुलजेन्सिया एक्का और श्रीमती कुसुम सहित हितग्राहियों का जाना कुशलक्षेम
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने ‘आज मोर आवास-मोर अधिकार‘ कार्यक्रम के पश्चात प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के साथ बैठकर भोजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने साथ में बैठकर भोजन कर रही जशपुर जिले के कुनकुरी निवासी श्रीमती फुलजेन्सिया एक्का और फरसाबहार की श्रीमती कुसुम से चर्चा करते हुए उनका एवं उनके परिवार का कुशलक्षेम जाना।मुख्यमंत्री के साथ भोजन करने वालों में जशपुर के श्री राम, कबीरधाम के श्री दौलतराम व श्री लालाराम, बस्तर के श्री लाहेन्द्र सिंह और श्रीमती सोनामणि, मुंगेली के श्री महेश और श्री समारू साहू, कांकेर की श्रीमती पूर्णिमा पटेल, बलौदाबाजार की श्रीमती हेमिन ध्रुव, रायपुर की श्रीमती रामबती पुरैना और श्री जट्टासिंग शामिल थे।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, रायपुर लोकसभा सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक द्वय गुरु खुशवंत साहेब और श्री अनुज शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे। -
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राज्य के 5 लाख 11 हजार परिवारों के आवास का सपना हुआ पूरा
23 हजार से अधिक शहरी परिवारों को मिली खुशियों की चाबी
आवासहीनों को पक्का मकान देने की मोदी की गारंटी हो रही पूरी
पीएम आवास योजना में शिकायत मिली तो सीधे कलेक्टर के ऊपर होगी कार्रवाई: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
रायपुर : प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने जन्म दिन के मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य के 5 लाख 11 हजार से अधिक आवासहीन परिवारों को स्वयं का पक्का मकान बनाने के लिए पहली किश्त 2044 करोड़ रूपए की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ऑनलाईन ट्रान्सफर की।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं अन्य मंत्रीगण की मौजूदगी में मोर आवास-मोर अधिकार कार्यक्रम राजधानी स्थित रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने आवास निर्माण के लिए चयनित हितग्राहियों को प्रथम किश्त की राशि अंतरित करते हुए हितग्राहियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि समाज के गरीब और कमजोर तबके के लोगों के जीवन में खुशहाली लाना ही उनकी सरकार का लक्ष्य रहा है। 10 सालों में हमने इस लक्ष्य को हासिल करने में शानदार सफलता अर्जित की हैं। इस मौके पर 23 हजार से अधिक शहरी परिवारों को उनके निर्मित आवासों की चाबी, आवास का पूर्णता प्रमाण पत्र, द्वार तोरण, पूजा सामग्री प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को विश्वकर्मा जयंती एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए दोहरी खुशी लेकर आया है। एक ओर प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन और दूसरी ओर प्रदेश के लाखों लोगों के आवास का सपने साकार हो रहा हैं। इसके लिए हम प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। लाभार्थियों का हमने पांव धोकर स्वागत किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान आम आदमी की सबसे बुनियादी आवश्यकताएं हैं, लेकिन आज़ादी के कई दशक बाद भी देश के करोड़ों नागरिकों के पास स्वयं का मकान नहीं हैं। आवासहीन परिवारों के मकान के सपने को प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पूरे देश में 32 लाख आवास स्वीकृत हुए हैं, उनमें से लगभग 30 फीसदी आवास छत्तीसगढ़ को मिला है।ं यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री बनने के बाद हमने सबसे पहला काम 18 लाख पीएम आवास की स्वीकृति दी थी। आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के 5 लाख 11 हज़ार हितग्राहियों के खाते में पहली किश्त का अंतरण किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। इसमें किसी भी तरह की कोताही और गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीएम आवास योजना में एक रुपए की भी गड़बड़ी की शिकायत मिली तो सीधे कलेक्टर के ऊपर कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां स्वच्छता का संकल्प भी दिलाया गया। उन्होंने लोगों से स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखने के साथ ही अपने घर एवं आस-पास के परिवेश सहित स्कूलों, अस्पतालों एवं सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता बनाए रखने की अपील की। उन्हांेने कहा कि स्वच्छता को हमें अपनी आदत में शामिल करना होगा।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ के इतिहास को लिखने का दिन है। छत्तीसगढ़ के आवासहीन लोगों के जीवन में एक नई रोशनी मिलेगी। हमने जो वादा किया था, उसे आज पूरा किया है। यह सामाजिक न्याय और समरसता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने 4 करोड़ आवास बनाकर गरीबों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। इसके साथ ही मोदी जी के तीसरे कार्यकाल में 3 करोड़ नए आवासों की स्वीकृति दी गई है जिससे यह योजना और अधिक प्रभावी हो रही है।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की एक और गारंटी पूरी होने जा रही है। सरकार बनते ही हर महीने 25 हजार नए आवास बनकर तैयार हो रहे हैं। एक लाख 96 हजार आवास बनकर तैयार हो गए हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 24 हजार आवास भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से अब तक छत्तीसगढ़ को 8 लाख 47 हजार आवास आवंटित किए गए हैं, जबकि 47 हजार आवास मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना गरीबों के लिए एक बड़ा उपहार है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। गांव-गांव में जिन लोगों के नाम सर्वे सूची में नहीं आए हैं उनके नाम भी अब सूची में जोड़े जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना पर आधारित तकनीकी मार्गदर्शिका का विमोचन और गृह पोर्टल का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह पोर्टल आवास योजना को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक होगा और हितग्राही बिना किसी कठिनाई के अपने घर का निर्माण कार्य कर सकेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष सहित मंत्रिमंडल के सदस्यों ने पीएम आवास योजना के हितग्राहियोें के साथ भोजन भी किया।इस अवसर पर खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, महासमुंद सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, श्री मोती लाल साहू, पद्मश्री अनुज शर्मा, श्री इन्द्रकुमार साहू और श्री गुरू खुशवंत साहेब उपस्थित थे। -
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रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के अन्नदाता किसानों की आय को बढ़ाने और उनकी खुशहाली के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के संचालन के साथ ही किसान हित में लगातार निर्णय ले रहें है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क हटाने के साथ ही खाद्य तेलों के आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी एवं प्याज के निर्यात शुल्क में कमी करने का निर्णय का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वागत करते हुए कहा है कि इसका फायदा निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ के किसानों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने श्री विष्णु देव साय ने देश के अन्नदाता किसानों के हित में लिए गए इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने, खाद्य तेलों के आयात शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने के साथ ही प्याज के निर्यात शुल्क को 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। केन्द्र सरकार ने रिफाइन ऑयल के बेसिक ड्यूटी को 32.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस निर्णय से निश्चित रूप से सोयाबीन, बासमती, प्याज, सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली के उत्पादक किसानों के आय में वृद्धि होगी। इसका लाभ छत्तीसगढ़ के किसानों को भी मिलेगा। उनके उपज की बाजार में और अधिक मांग बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया। -
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रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई में जल्द शुरू होगी ई-बस सेवा
नागरिकों को मिलेगी किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा – उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक परिवहन के लिए 240 ई-बसों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन बसों का संचालन राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई में किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों मंस सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम ई-बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा रायपुर के लिए 100, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई के लिए 50-50 तथा कोरबा के लिए 40 ई-बसें स्वीकृत की गई हैं।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन सेवा की इस अभिनव योजना में केंद्र सरकार द्वारा शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका एक बड़ा हिस्सा शहरों में बस डिपो जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा। योजना के अंतर्गत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएंगी। विभिन्न राज्यों में शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि ई-बस सेवा प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरण का संरक्षण होगा। कम ऊर्जा खपत और बेहतर ईंधन दक्षता के साथ ही नागरिकों को आरामदायक आवागमन की सुविधा सुलभ होगी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि भारत सरकार की पीएम ई-बस सेवा योजना राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय सहायता को पारदर्शिता और उनके प्रदर्शन से जोड़ने की कोशिश का हिस्सा है। इसे शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले। योजना के तहत शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। 20 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख और पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई-बसों की पात्रता है। इसके आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई-बसों, दुर्ग-भिलाई को 50 मीडियम ई-बसों, बिलासपुर को 35 मीडियम और 15 मिनी ई-बसों तथा कोरबा को 20 मीडियम एवं 20 मिनी ई-बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
पीएम ई-बस सेवा योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बसों का क्रय तथा संचालन एजेंसी का चयन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। एजेंसी को केंद्रीय सहायता सुनिश्चित किलोमीटर संचालन के आधार पर दी जाएगी। अगर बसें इससे कम किलोमीटर चलती हैं तो केंद्रीय सहायता उसी के अनुपात में कम हो जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा शहरों के प्रदर्शन के आधार पर पैसा दिया जाएगा। पीएम ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत हर तीन महीने में बसों के संचालन का हिसाब-किताब देना होगा। योजना की सामान्य शर्तों में यह भी शामिल है कि प्रोजेक्ट के तहत दिए जाने वाले पैसे का थर्ड पार्टी ऑडिट अनिवार्य होगा, ताकि पूरी पारदर्शिता रहे। -
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छत्तीसगढ़ श्रम विभाग द्वारा कार्यक्रम का आयोजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश के श्रमिकों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसका सीधा लाभ श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मिल रहा है। उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर ‘श्रमिक सम्मेलन‘ में 57 हजार से अधिक पंजीकृत श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को 49 करोड़ 43 लाख 52 हजार 294 रूपए केन्द्रीकृत डी.बी.टी. के माध्यम से वितरण करेंगे। यह सम्मेलन राजधानी के इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय जोरा के कृषि मंडपम में आयोजित होगा।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि प्रदेश के पंजीकृत श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को श्रम विभाग के अधीन छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सर्न्न्मिाण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 47 हजार 726 निर्माण श्रमिकों 38 करोड़ 37 लाख 10 हजार 652 रूपए, छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल अंतर्गत 6873 श्रमिकों को 9 करोड़ 86 लाख 58 हजार 500 रूपए एवं छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल अंतर्गत 2496 श्रमिकों को 1 करोड़ 19 लाख 83 हजार 142 रूपए की राशि डी.बी.टी. के जरिए वितरण करेंगे। इस तरह कुल 57 हजार 95 श्रमिकों को कुल राशि 49 करोड़ 43 लाख 5 हजार 229 रूपये का वितरण केन्द्रीयकृत डी.बी.टी. के माध्यम से किया जाएगा। -
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कलेक्टर एसपी कान्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों का हो प्रभावी ढंग से पालन
कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस से बदली हुई कार्यप्रणाली का तत्काल दिखना चाहिए जिलों में असर
आत्म समर्पित माओवादियों के पुनर्वास के लिए व्यापक नीति जल्द
स्थानीय समस्याओं का निराकरण जिला स्तर पर ही सुनिश्चित हो
रायपुर में मुख्यमंत्री जनदर्शन माह में केवल एक बार होगा आयोजित
महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में अपराधी को सजा दिलाने त्वरित हो कार्यवाही
जनता के सेवक के रूप में कर्तव्यों का करें निर्वहन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों का रिजल्ट कल से ही मैदानी स्तर पर दिखना शुरू हो जाए। उन्होंने कहा कि जिले स्तर की समस्याओं का निराकरण जिला स्तर पर ही किया जाए, इसके लिए सुविधा अनुसार जिले में नियमित जनदर्शन आयोजित किए जाएं। उन्होंने कलेक्टर और एसपी को सम्बोधित करते हुए कहा कि कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों का आज से ही त्वरित एवं प्रभावी परिपालन सुनिश्चित करते हुए अपनी कार्यप्रणाली को बेहतर करें, जिसका असर तत्काल जिलों में दिखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्थानीय एवं जिले स्तर पर निराकृत हो सकने वाले मामले स्थानीय एवं जिले स्तर पर ही निराकृत हो, यह सभी कलेक्टर प्रति सप्ताह जनदर्शन लेकर सुनिश्चित करें। यदि स्थानीय स्तर पर निराकृत होने वाले प्रकरण राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री जनदर्शन में आएंगे, तो वह संबंधित जिले में प्रशासनिक अमले की प्रभावशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगने की दृष्टि से देखा जाएगा । उन्होंने कहा कि राज्य स्तर की समस्याओं का समाधान प्रदेश स्तर पर किया जाएगा। रायपुर में अब मुख्यमंत्री जनदर्शन माह में केवल एक बार आयोजित किया जाएगा, जिसमें महत्वपूर्ण और राज्य स्तरीय मामले ही आने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आत्म समर्पित माओवादियों के पुनर्वास के लिए व्यापक नीति जल्द लायी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मोदी जी की गारंटी और सुशासन की गारंटी की सरकार है। अधिकारी स्वयं को जनता का सेवक मानते हुए पूरे समर्पण, मेहनत और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। शासन की नीतियों और योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी पारदर्शिता के साथ मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार को 9 माह पूरे हो रहे हैं। इस खास मौके पर आप सभी से चर्चा का यह अनुभव शानदार रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला और पुलिस प्रशासन सरकार की आंख और कान के समान है। जिला प्रशासन के कार्याें से शासन की इमेज बनती है। उन्होंने कहा कि पुलिस के हाथ लोहे के और दिल मोम का होना चाहिये। अपराधियों और असामाजिक तत्वों में पुलिस का भय हो तथा समाज के कमजोर वर्गाें, महिलाओं, और बच्चों में सुरक्षा का भाव जगे। जिला और पुलिस प्रशासन के प्रमुखों में इन वर्गाें के प्रति गार्जियनशिप की भावना होनी चाहिए। जिले में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक दोनों आपस में समन्वय स्थापित करते हुए संयुक्त रूप से दौरा करें। श्री साय ने कहा कि पुलिस विभाग की रीढ़ अनुशासन है। ऐसे में आवश्यक है कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पुलिस के कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि महिलाओं से संबंधित गंभीर अपराधों में आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी हो और विशेष अभियोजक नियुक्त कर समयबध्द ट्रायल पूर्ण करवाकर दोष सिद्ध होने पर सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाए। सैद्धांतिक रूप से इन प्रकरणों के आरोपियों को तीन माह की समय-सीमा में समस्त वैधानिक कार्यवाही पूर्ण कर न्यायालय द्वारा प्रकरण में सजा दिलाने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए। अवैध शराब, सट्टा, मादक पदार्थ, जुआ के विरूद्ध जीरो टालरेंस के साथ काम किया जाए। ऐसी शिकायतें मिलने पर इसके लिये पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार माने जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सायबर क्राईम को रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। लोगों को जागरूक किया जाए। साथ ही यह भी आवश्यक है कि इन अपराधों पर नियंत्रण के लिये पुलिस सक्षम हो। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को रोकने के लिए दुर्घटना जन्य स्थानों की पहचान की जाए। लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करें। प्रतिबंधात्मक कार्यवाही विशेषकर जिला बदर के प्रकरणों में कलेक्टर समय-सीमा में आदेश प्रसारित करें। आदेश केवल कागज पर ही न रहें, उसका पालन सुनिश्चित हो। वाहनों को राजसात करने व चिटफण्ड के प्रकरणों में भी आवश्यक ध्यान देने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर मिली सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि आप सभी की बहादुरी, कौशल और पैरा मिलेट्री फोर्सेस के साथ समन्वय से प्रदेश में नक्सलियों के पांव उखड़ रहे है। यह जरूरी है कि इन सुदूर इलाकों में विकास का उजाला भी पहुंचेे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ‘‘नियाद नेल्लानार योजना‘‘ का प्रभावी कियान्वयन जरूरी है। नई सरकार के गठन के बाद माओवादी समस्या के समूल उन्मूलन के लिए ज्वाईन्ट एक्शन प्लान पर अमल किया जा रहा है, जिसका यह परिणाम है कि विगत् 09 माह में सुरक्षा बलों द्वारा 108 मुठभेड़ों में 159 माओवादियों के शव और बड़ी मात्रा हथियार विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। विगत 9 माह में 34 फारवर्ड सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई है। जिससे माओवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। छत्तीसगढ़ को 04 नवीन सीआरपीएफ बटालियनें आबंटित की गई है। सुदूर क्षेत्रों में विकास कार्याें के तहत 44 मार्ग और 10 पुलों का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पीड़ित एवं आत्म समर्पित माओवादियों के पुनर्वास के लिए व्यापक नीति जल्द लाई जाएगी। माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में आमजनों का विश्वास अर्जित करने और माओवादियों के उन्मूलन के लिए आक्रामक कार्यवाही की रणनीति जारी रहेगी। जनता और शासन प्रशासन के बीच निरंतर संवाद जनता के बीच विश्वास पैदा करता है। नियमित पुलिसिंग, लोगों की समस्याओं का त्वरित निराकरण, पुलिस की पारदर्शी कार्य प्रणाली सुशासन की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जन सेवा हम सबका उद्देश्य है। छत्तीसगढ़ में खुशहाली हो, शांति और सुरक्षा हो, इसकी जिम्मेदारी हम सब पर है।
कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह श्री मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, मुख्यमंत्री के सचिव सर्वश्री राहुल भगत, श्री पी. दयानंद, श्री बसव राजु एस., सभी संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।