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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के अन्नदाता किसानों की आय को बढ़ाने और उनकी खुशहाली के लिए कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के संचालन के साथ ही किसान हित में लगातार निर्णय ले रहें है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने के लिए बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क हटाने के साथ ही खाद्य तेलों के आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी एवं प्याज के निर्यात शुल्क में कमी करने का निर्णय का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वागत करते हुए कहा है कि इसका फायदा निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ के किसानों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने श्री विष्णु देव साय ने देश के अन्नदाता किसानों के हित में लिए गए इस निर्णय के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने, खाद्य तेलों के आयात शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने के साथ ही प्याज के निर्यात शुल्क को 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। केन्द्र सरकार ने रिफाइन ऑयल के बेसिक ड्यूटी को 32.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस निर्णय से निश्चित रूप से सोयाबीन, बासमती, प्याज, सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली के उत्पादक किसानों के आय में वृद्धि होगी। इसका लाभ छत्तीसगढ़ के किसानों को भी मिलेगा। उनके उपज की बाजार में और अधिक मांग बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने इसके लिए केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया। -
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रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई में जल्द शुरू होगी ई-बस सेवा
नागरिकों को मिलेगी किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा – उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक परिवहन के लिए 240 ई-बसों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन बसों का संचालन राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई में किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों मंस सार्वजनिक परिवहन के ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम ई-बस सेवा योजना प्रारंभ की गई है। राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा रायपुर के लिए 100, बिलासपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई के लिए 50-50 तथा कोरबा के लिए 40 ई-बसें स्वीकृत की गई हैं।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन सेवा की इस अभिनव योजना में केंद्र सरकार द्वारा शहरों को बसों की खरीद तथा उनके संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका एक बड़ा हिस्सा शहरों में बस डिपो जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी खर्च किया जाएगा। योजना के अंतर्गत तीन तरह की बसें स्टैंडर्ड, मीडियम और मिनी चलाई जाएंगी। विभिन्न राज्यों में शहरों की जनसंख्या के आधार पर बसों की संख्या निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि ई-बस सेवा प्रारंभ होने से छत्तीसगढ़ के शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन से वायु गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरण का संरक्षण होगा। कम ऊर्जा खपत और बेहतर ईंधन दक्षता के साथ ही नागरिकों को आरामदायक आवागमन की सुविधा सुलभ होगी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि भारत सरकार की पीएम ई-बस सेवा योजना राज्यों को मिलने वाली केंद्रीय सहायता को पारदर्शिता और उनके प्रदर्शन से जोड़ने की कोशिश का हिस्सा है। इसे शहरों में मेट्रो के विकल्प या उसके सहयोगी साधन के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि लोगों को किफायती, भरोसेमंद और सुगम परिवहन की सुविधा मिले। योजना के तहत शहरों को जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। 20 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों को 150, दस से बीस लाख और पांच से दस लाख तक की आबादी वाले शहरों को 100-100 तथा पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 ई-बसों की पात्रता है। इसके आधार पर रायपुर को 100 मीडियम ई-बसों, दुर्ग-भिलाई को 50 मीडियम ई-बसों, बिलासपुर को 35 मीडियम और 15 मिनी ई-बसों तथा कोरबा को 20 मीडियम एवं 20 मिनी ई-बसों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
पीएम ई-बस सेवा योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार बसों का क्रय तथा संचालन एजेंसी का चयन भारत सरकार द्वारा किया जाएगा। एजेंसी को केंद्रीय सहायता सुनिश्चित किलोमीटर संचालन के आधार पर दी जाएगी। अगर बसें इससे कम किलोमीटर चलती हैं तो केंद्रीय सहायता उसी के अनुपात में कम हो जाएगी। केंद्र सरकार द्वारा शहरों के प्रदर्शन के आधार पर पैसा दिया जाएगा। पीएम ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत हर तीन महीने में बसों के संचालन का हिसाब-किताब देना होगा। योजना की सामान्य शर्तों में यह भी शामिल है कि प्रोजेक्ट के तहत दिए जाने वाले पैसे का थर्ड पार्टी ऑडिट अनिवार्य होगा, ताकि पूरी पारदर्शिता रहे। -
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छत्तीसगढ़ श्रम विभाग द्वारा कार्यक्रम का आयोजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश के श्रमिकों के हित में अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसका सीधा लाभ श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को मिल रहा है। उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 17 सितंबर विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर ‘श्रमिक सम्मेलन‘ में 57 हजार से अधिक पंजीकृत श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को 49 करोड़ 43 लाख 52 हजार 294 रूपए केन्द्रीकृत डी.बी.टी. के माध्यम से वितरण करेंगे। यह सम्मेलन राजधानी के इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय जोरा के कृषि मंडपम में आयोजित होगा।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि प्रदेश के पंजीकृत श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों को श्रम विभाग के अधीन छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सर्न्न्मिाण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 47 हजार 726 निर्माण श्रमिकों 38 करोड़ 37 लाख 10 हजार 652 रूपए, छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल अंतर्गत 6873 श्रमिकों को 9 करोड़ 86 लाख 58 हजार 500 रूपए एवं छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल अंतर्गत 2496 श्रमिकों को 1 करोड़ 19 लाख 83 हजार 142 रूपए की राशि डी.बी.टी. के जरिए वितरण करेंगे। इस तरह कुल 57 हजार 95 श्रमिकों को कुल राशि 49 करोड़ 43 लाख 5 हजार 229 रूपये का वितरण केन्द्रीयकृत डी.बी.टी. के माध्यम से किया जाएगा। -
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कलेक्टर एसपी कान्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों का हो प्रभावी ढंग से पालन
कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस से बदली हुई कार्यप्रणाली का तत्काल दिखना चाहिए जिलों में असर
आत्म समर्पित माओवादियों के पुनर्वास के लिए व्यापक नीति जल्द
स्थानीय समस्याओं का निराकरण जिला स्तर पर ही सुनिश्चित हो
रायपुर में मुख्यमंत्री जनदर्शन माह में केवल एक बार होगा आयोजित
महिलाओं के विरूद्ध अपराधों में अपराधी को सजा दिलाने त्वरित हो कार्यवाही
जनता के सेवक के रूप में कर्तव्यों का करें निर्वहन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से कहा है कि कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों का रिजल्ट कल से ही मैदानी स्तर पर दिखना शुरू हो जाए। उन्होंने कहा कि जिले स्तर की समस्याओं का निराकरण जिला स्तर पर ही किया जाए, इसके लिए सुविधा अनुसार जिले में नियमित जनदर्शन आयोजित किए जाएं। उन्होंने कलेक्टर और एसपी को सम्बोधित करते हुए कहा कि कलेक्टर एसपी कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों का आज से ही त्वरित एवं प्रभावी परिपालन सुनिश्चित करते हुए अपनी कार्यप्रणाली को बेहतर करें, जिसका असर तत्काल जिलों में दिखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्थानीय एवं जिले स्तर पर निराकृत हो सकने वाले मामले स्थानीय एवं जिले स्तर पर ही निराकृत हो, यह सभी कलेक्टर प्रति सप्ताह जनदर्शन लेकर सुनिश्चित करें। यदि स्थानीय स्तर पर निराकृत होने वाले प्रकरण राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री जनदर्शन में आएंगे, तो वह संबंधित जिले में प्रशासनिक अमले की प्रभावशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगने की दृष्टि से देखा जाएगा । उन्होंने कहा कि राज्य स्तर की समस्याओं का समाधान प्रदेश स्तर पर किया जाएगा। रायपुर में अब मुख्यमंत्री जनदर्शन माह में केवल एक बार आयोजित किया जाएगा, जिसमें महत्वपूर्ण और राज्य स्तरीय मामले ही आने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आत्म समर्पित माओवादियों के पुनर्वास के लिए व्यापक नीति जल्द लायी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मोदी जी की गारंटी और सुशासन की गारंटी की सरकार है। अधिकारी स्वयं को जनता का सेवक मानते हुए पूरे समर्पण, मेहनत और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। शासन की नीतियों और योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी पारदर्शिता के साथ मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकार को 9 माह पूरे हो रहे हैं। इस खास मौके पर आप सभी से चर्चा का यह अनुभव शानदार रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला और पुलिस प्रशासन सरकार की आंख और कान के समान है। जिला प्रशासन के कार्याें से शासन की इमेज बनती है। उन्होंने कहा कि पुलिस के हाथ लोहे के और दिल मोम का होना चाहिये। अपराधियों और असामाजिक तत्वों में पुलिस का भय हो तथा समाज के कमजोर वर्गाें, महिलाओं, और बच्चों में सुरक्षा का भाव जगे। जिला और पुलिस प्रशासन के प्रमुखों में इन वर्गाें के प्रति गार्जियनशिप की भावना होनी चाहिए। जिले में कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक दोनों आपस में समन्वय स्थापित करते हुए संयुक्त रूप से दौरा करें। श्री साय ने कहा कि पुलिस विभाग की रीढ़ अनुशासन है। ऐसे में आवश्यक है कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पुलिस के कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि महिलाओं से संबंधित गंभीर अपराधों में आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी हो और विशेष अभियोजक नियुक्त कर समयबध्द ट्रायल पूर्ण करवाकर दोष सिद्ध होने पर सजा दिलाना सुनिश्चित किया जाए। सैद्धांतिक रूप से इन प्रकरणों के आरोपियों को तीन माह की समय-सीमा में समस्त वैधानिक कार्यवाही पूर्ण कर न्यायालय द्वारा प्रकरण में सजा दिलाने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए। अवैध शराब, सट्टा, मादक पदार्थ, जुआ के विरूद्ध जीरो टालरेंस के साथ काम किया जाए। ऐसी शिकायतें मिलने पर इसके लिये पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार माने जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सायबर क्राईम को रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही की जाए। लोगों को जागरूक किया जाए। साथ ही यह भी आवश्यक है कि इन अपराधों पर नियंत्रण के लिये पुलिस सक्षम हो। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में मौतों को रोकने के लिए दुर्घटना जन्य स्थानों की पहचान की जाए। लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करें। प्रतिबंधात्मक कार्यवाही विशेषकर जिला बदर के प्रकरणों में कलेक्टर समय-सीमा में आदेश प्रसारित करें। आदेश केवल कागज पर ही न रहें, उसका पालन सुनिश्चित हो। वाहनों को राजसात करने व चिटफण्ड के प्रकरणों में भी आवश्यक ध्यान देने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने नक्सल मोर्चे पर मिली सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि आप सभी की बहादुरी, कौशल और पैरा मिलेट्री फोर्सेस के साथ समन्वय से प्रदेश में नक्सलियों के पांव उखड़ रहे है। यह जरूरी है कि इन सुदूर इलाकों में विकास का उजाला भी पहुंचेे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ‘‘नियाद नेल्लानार योजना‘‘ का प्रभावी कियान्वयन जरूरी है। नई सरकार के गठन के बाद माओवादी समस्या के समूल उन्मूलन के लिए ज्वाईन्ट एक्शन प्लान पर अमल किया जा रहा है, जिसका यह परिणाम है कि विगत् 09 माह में सुरक्षा बलों द्वारा 108 मुठभेड़ों में 159 माओवादियों के शव और बड़ी मात्रा हथियार विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। विगत 9 माह में 34 फारवर्ड सुरक्षा कैम्पों की स्थापना की गई है। जिससे माओवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। छत्तीसगढ़ को 04 नवीन सीआरपीएफ बटालियनें आबंटित की गई है। सुदूर क्षेत्रों में विकास कार्याें के तहत 44 मार्ग और 10 पुलों का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पीड़ित एवं आत्म समर्पित माओवादियों के पुनर्वास के लिए व्यापक नीति जल्द लाई जाएगी। माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में आमजनों का विश्वास अर्जित करने और माओवादियों के उन्मूलन के लिए आक्रामक कार्यवाही की रणनीति जारी रहेगी। जनता और शासन प्रशासन के बीच निरंतर संवाद जनता के बीच विश्वास पैदा करता है। नियमित पुलिसिंग, लोगों की समस्याओं का त्वरित निराकरण, पुलिस की पारदर्शी कार्य प्रणाली सुशासन की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जन सेवा हम सबका उद्देश्य है। छत्तीसगढ़ में खुशहाली हो, शांति और सुरक्षा हो, इसकी जिम्मेदारी हम सब पर है।
कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह श्री मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, मुख्यमंत्री के सचिव सर्वश्री राहुल भगत, श्री पी. दयानंद, श्री बसव राजु एस., सभी संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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तेलासीपुरी धाम में आयोजित दशहरा मेला उत्सव के लिए दिया आमंत्रण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज यहां उनके निवास कार्यालय में खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल के नेतृत्व में आये सतनामी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री को प्रतिनिधिमंडल ने तेलासीपुरी धाम में आयोजित दशहरा मेला उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का आमंत्रण दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधिमंडल को तेलासीपुरी धाम दशहरा मेला उत्सव में आमंत्रण के लिए धन्यवाद देते हुए मेला उत्सव के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री गुरु दयाल बंजारे, पूर्व विधायक श्री संजय ढीढी सहित सतनामी समाज के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन के कार्यक्रम में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन के कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आईएएस अधिकारियों पर शासन की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने की बड़ी जिम्मेदारी रहती है। मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन के सदस्यों ने दिव्यांग बच्चों द्वारा बनाया गया स्मृति चिन्ह भेंट किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएएस अधिकारियों और राजनेताओं का जीवन बहुत कुछ एक जैसा होता है। दोनों का उद्देश्य जनसेवा ही रहता है । आईएएस अधिकारी के रूप में आप हमेशा व्यस्त रहते हैं, अपने घर पर भी समय नहीं दे पाते। आईएएस अधिकारी इस सेवा में आने के लिए विशेष पढ़ाई करते हैं। आप सभी बुद्धिजीवी हैं लेकिन समाज से ही आते हैं । हम सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं। हमारा कर्तव्य राज्य की 3 करोड़ जनता की सेवा करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में अपने कार्य के द्वारा अपनी पहचान बनाना सबसे महत्वपूर्ण होता है। आप अपने कार्यक्षेत्र में ऐसा काम करें कि आपके जाने के बाद भी लोग आपको याद करें । जनता के मन में आपकी स्मृति ऐसी हो कि उन्हें लगे कि वे अधिकारी बहुत अच्छे थे, वे सभी की सुनते थे और समस्याओं का त्वरित निराकरण करते थे। हमें टीम भावना से मिल कर कार्य करना है । छत्तीसगढ़ को विकसित छत्तीसगढ़ के रूप में खड़ा करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है। हमारी बहुत अच्छी टीम है । आशा है कि हम प्रदेश को बहुत आगे ले जाएंगे ।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, छत्तीसगढ़ आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री मनोज पिंगुआ, सचिव श्री आर प्रसन्ना सहित अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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योजनाओं के क्रियान्वयन में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
राज्य स्तरीय समस्याएं ही मुख्यमंत्री जनदर्शन में आए
राजस्व के मामलों का त्वरित निराकरण के निर्देश
मुख्यमंत्री ने 8 घंटे चली मैराथन कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में की शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा
पीएम जनमन योजना का क्रियान्वयन को दें सर्वोच्च प्राथमिकता
भूमिहीन परिवारों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में न हो दिक्कत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि कलेक्टर्स आम जनता के हितों को केन्द्र में रखकर संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान हो। शासन की फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। इन योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंचाने के लिए मिशन मोड पर जुट कर काम करें। प्रशासन के कार्यों से जनता के मन में शासन और प्रशासन के प्रति विश्वास का भाव उत्पन्न हो।
मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रायपुर में लगातार 8 घंटों तक चली कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में ये दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए। लंच ब्रेक को छोड़कर मुख्यमंत्री लगातार बैठक में उपस्थित रहे। कॉन्फ्रेंस में अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, श्री बसवराजु एस., श्री राहुल भगत तथा सभी संबंधित विभागों के सचिव सहित सभी संभागों के आयुक्त, सभी जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के आयुक्त भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे कार्यों की सराहना होगी और कार्य में लापरवाही बरतने पर कड़ा रूख भी अपनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टरों के परफार्मेंस की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाएगी और जिलों की रैंकिंग तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी जिम्मेदारी आपको सौंपी गई है उसकी मॉनिटरिंग की जाती है। फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन और जिला प्रशासन के कार्यों पर हमारी नजर रहती है। जिले में होनी वाली घटनाओं पर जिला प्रशासन कितनी तत्परता से काम करता है, यह भी देखा जाता है। कलेक्टरों की पहली जिम्मेदारी दंडाधिकारी के रूप में कानून व्यवस्था बनाए रखने की है। विभिन्न संगठनों के साथ संवाद के दौरान यदि असंतोष की कोई बात सामने आती है, तो उसका समाधान स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर में गुरूवार को जनदर्शन आयोजित किया जाता है। इसमें अनेक ऐसी छोटी-छोटी समस्याएं आती हैं जिनका समाधान तहसील और जिला स्तर पर किया जा सकता है। कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि रायपुर में होने वाले जनदर्शन में ऐसी समस्याएं ही आएं जिनका समाधान जिला स्तर पर नहीं हो सकता है। जिलों में आम जनता की समस्या के समाधान के लिए कलेक्टर जनदर्शन का कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किया जाए। नागरिकों तक शासन की योजनाओं की सुगम पहुंच से शासन की छवि बनती है। कलेक्टर यह भी सुनिश्चित करें कि भूमिहीन परिवारों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में दिक्कत न आए। प्राथमिकता के साथ इन परिवारों का जाति प्रमाण पत्र बनाए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम जनमन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया जाए। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों की पीड़ा को मैंने करीब से महसूस किया है। पीएम जनमन योजना इन जनजातियों के लिए आशा की नई किरण है। इसका क्रियान्वयन पूरी गंभीरता से करते हुए योजनाओं का हितग्राहियों को शत-प्रतिशत लाभ दिलाएं। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के बीच जाकर मैं स्वयं पीएम जनमन योजना के क्रियान्वयन का निरीक्षण करूंगा। प्रधानमंत्री जी ने हाल ही में आयोजित कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत प्रदेश में 8 लाख 46 हजार आवासों की स्वीकृति दी है। जिससे गरीब परिवारों के स्वयं के घर का सपना अब पूरा होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पहली बार पैरेंट्स टीचर मीटिंग और जनभागीदारी से न्योता भोज की पहल की गई है। स्थानीय भाषा में बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था की गई है। शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ स्कूलों की इमारत की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए। स्कूलों में बच्चों के स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों का निराकरण समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ हो। राजस्व मामलों को हल करने में अमला जितनी तत्परता दिखायेगा, सरकार की छवि भी उतनी ही अच्छी बनेगी। हम जितना तकनीकी नवाचार को बढ़ाएंगे, राजस्व संबंधी भ्रष्टाचार उतना ही घटेगा। डिजिटल क्राप सर्वे, भू नक्शे की जियो-रिफ्रेंसिंग आदि के माध्यम से इस क्षेत्र में पारदर्शिता आयेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के माध्यम से अधिकतम रोजगार के अवसर सृजित हों। जल संचय के कार्यों को बढ़ावा दिया जाए। छत्तीसगढ़ में तालाबों की सुन्दर परंपरा रही है। नये तालाब बनाए जाएं, इससे जल स्तर बेहतर होगा, खेती-किसानी के लिए पानी मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा प्रारंभ की गई अमृत सरोवर योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। बस्तर, सरगुजा और मैदानी क्षेत्रों के ऐसे गांव जो मानसून में कट जाते हैं, उन क्षेत्रों के लिए सड़कों का प्रस्ताव बनाकर शीघ्र भेजें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो, निजी अस्पतालों में भी मरीजों का आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने में कोई दिक्कत न आए। पीएम जनऔषधि केन्द्र प्राइम लोकेशन पर हो, यहां दवाईयों की पर्याप्त उपलब्धता हो। प्रदेश की बड़ी आबादी शासकीय अस्पतालों पर निर्भर हैं, इसकी व्यवस्था दुरूस्त हो। हेल्थ बजट का उचित उपयोग हो और बुनियादी स्वास्थ्य अधोसंरचनाएं तैयार करने में जीवन दीप समितियों और डीएमएफ की राशि का उपयोग किया जाए। डेंगू और मलेरिया को लेकर सतत अभियान चलाया जाए। सिकल सेल के मरीजों को चिन्हांकन और इलाज की समुचित व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों में तकनीकी वजहों से कुछ हितग्राहियों को महतारी वंदन योजना की राशि मिलने में दिक्कत आती है, इस पर कलेक्टर नजर रखें। कुपोषण दूर करने के लिए सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए। दलहन-तिलहन और मिलेट्स का रकबा बढ़ाया जाए। उद्यानिकी, पशुपालन और मछलीपालन के माध्यम से किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में काम हो। शहरी क्षेत्रों में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के क्रियान्वयन, पेयजल, सीवरेज सिस्टम साफ-सफाई के काम पर पूरा फोकस रखें। शहरों में आबादी तेजी से शिफ्ट हो रही है। यहां नागरिक सुविधाओं को नये सिरे से तैयार किया जाए। वनाधिकार पत्रों के आवेदनों पर तेजी से काम करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पीडीएस का माडल पूरे देश ने अपनाया है। धान खरीदी से लेकर भंडारण, मिलिंग से उपभोक्ताओं को पीडीएस दुकानों में राशन की उपलब्धता तक हर स्तर पर बारीक मानिटरिंग जरूरी है। उन्होंने कहा कि सुशासन एवं अभिसरण विभाग बनाया गया है। आम आदमी की शिकायतों को हल करने का जितना बेहतर तंत्र हम बना सकेंगे, उससे ही शासन की छवि बनेगी। मुख्यमंत्री जनदर्शन में आये सभी आवेदनों पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। जिले में उपलब्ध संसाधनों और आवश्यकताओं के अनुसार स्किल डेवलपमेंट के लिए कार्य हों। नियोक्ताओं तक स्किल लेबर की पहुंच सुनिश्चित करें। समाज कल्याण विभाग की पेंशन योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन में किसी तरह की दिक्कत न हो, यह भी सुनिश्चित करें। जल जीवन मिशन के कार्यों की मानिटरिंग करते रहें। यदि किसी तरह की दिक्कत आ रही हो तो इसकी जानकारी दी जाए।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन के भुगतान में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगीमुख्यमंत्री ने कहा कि वंचित तबके के जीवन का आधार पेंशन की राशि होती है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि हितग्राहियों को समय पर पेंशन का भुगतान हो। उन्होंने कहा कि निराश्रित निधि में 400 करोड़ रूपए की राशि उपलब्ध है। दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष स्कूल और अस्पताल के निर्माण की कार्ययोजना बनाकर शीघ्र प्रस्तुत करें। नशामुक्ति आज राष्ट्रीय समस्या बन चुकी है। प्रत्येक जिले में नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना कर विशेष अभियान चलाएं।
बस्तर ओलंपिक 2024 का होगा आयोजनमुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित और संवेदनशील जिलों की खेल प्रतिभाओं को दुनिया से जोड़ने के लिए बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन किया जा रहा है। दिव्यांग और आत्मसमर्पित नक्सलियों को भी इसमें खेल प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा। -
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मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा पर्व के आयोजन के सम्बंध में की समीक्षा
15 अक्टूबर को मुरिया दरबार का होगा आयोजन
द बस्तर मड़ई में बिखरेगी बस्तर की बहुरंगी कला-संस्कृति की छटा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कल शाम यहां अपने निवास कार्यालय 75 दिन तक मनाये जाने वाले देश के ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के सफल आयोजन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक ली। उन्होंने इस दौरान बस्तर दशहरा पर्व की गरिमा के अनुरूप सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सर्व संबंधितों को सौंपे गए दायित्व का कुशलतापूर्वक निर्वहन किये जाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि 75 दिन तक चलने वाला बस्तर दशहरा पर्व हरेली अमावस्या के दिन पाट जात्रा पूजा विधान के साथ 4 अगस्त 2024 से शुरू हो गया है, जो कि 19 अक्टूबर 2024 तक मनाया जाएगा। यह दशहरा पर्व विभिन्न जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक भावना का महत्वपूर्ण प्रतीक है।
मुख्यमंत्री श्री साय को इस दौरान बस्तर दशहरा उत्सव समिति द्वारा इसमें तिथिवार विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी। जिसमें बताया गया कि ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के दौरान 15 अक्टूबर 2024 को मुड़िया दरबार का आयोजन होगा। इसी तरह बस्तर दशहरा को भव्य रूप देने के लिए बस्तर मड़ई, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स मीट, एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम, बस्तर टूरिस्ट सर्किट, दसरा पसरा, नगरगुड़ी टेंट सिटी, टूरिज्म ट्रेवलर्स आपरेटर मीट, देव सराय, स्वच्छता पखवाड़ा जैसे विविध कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। बस्तर दशहरा पर्व में लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष यात्री बसों के संचालन के सम्बंध में भी चर्चा की गई।
4 अगस्त को पाट जात्रा पूजा विधान से शुरू हुए ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व 2024 के अंतर्गत 2 अक्टूबर को काछनगादी पूजा विधान, रेलामाता पूजा विधान। 5 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक प्रतिदिन नवरात्रि पूजा विधान, रथ परिक्रमा पूजा विधान। 12 अक्टूबर को मावली परघाव विधान, 15 अक्टूबर को काछन जात्रा पूजा विधान और मुरिया दरबार, 16 अक्टूबर को कुटुम्ब जात्रा पूजा विधान, 19 अक्टूबर को मावली माता जी की डोली की विदाई पूजा विधान आयोजित है।
मुरिया दरबार
गौरतलब है कि मुरिया दरबार में विभिन्न जनजातीय समुदायों के प्रमुख, नेता और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर संस्कृति, परंपरा और प्रथाओं को सहेजने और सामुदायिक मांग तथा समस्याओं पर विचार करते हैं। इस वर्ष 15 अक्टूबर 2024 को मुरिया दरबार का आयोजन किया जायेगा।मुरिया दरबार आयोजन के 10 दिन बाद बस्तर संभाग के मांझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरीन, पुजारी, कोटवार, पटेल, मातागुड़ी के मुख्य पुजारियों का सम्मेलन आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।
ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा कई अभिनव पहल की जा रही है। द बस्तर मड़ई के अंतर्गत बस्तर की प्राकृतिक सौन्दर्य, एतिहासिक एवं पुरातत्विक स्थलों, एडवेंचर स्थलों, सांस्कृतिक स्थलों से पर्यटकों को अवगत कराने के लिए प्रशासन द्वारा "द बस्तर मड़ई" की अवधारणा तैयार की गयी है।
बस्तर मड़ई के अंतर्गत 21 सितम्बर को सामूहिक नृत्य कार्यक्रम, 21 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक बस्तर हाट-आमचो खाजा, 24 सितम्बर को सिरहासार परिसर मैदान में बस्तर नाचा, 27 सितम्बर को पारंपरिक लोक संगीत, 29 सितम्बर को बस्तर की कहानियां एवं हास्य कवि सम्मेलन, 30 सितम्बर को बस्तरिया नाचा जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन होगा। 2 अक्टूबर से बस्तर दशहरा 2024 की समाप्ति तक बस्तर के पारंपरिक व्यंजन के स्टॉल लगाए जाएंगे।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप तथा विधायक द्वय श्री किरण सिंहदेव व सुश्री लता उसेंडी और मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन तथा मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानन्द, श्री बसवराजू एस, श्री राहुल भगत और सचिव अन्बलगन पी, आयुक्त बस्तर श्री डोमन सिंह, बस्तर कलेक्टर श्री विजय दयाराम, एसपी श्री शलभ सिन्हा उपस्थित रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 12 और 13 सितम्बर को राजधानी रायपुर में कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस लेंगे। राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस के पहले दिन मुख्यमंत्री 12 सितम्बर को जिलों के कलेक्टर और संभाग के कमिश्नर से राज्य और केन्द्र सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करेंगे।वहीं कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन 13 सितम्बर को मुख्यमंत्री कलेक्टर और संभागायुक्त के साथ पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक के साथ जिलों में कानून व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा करेंगे। कलेक्टर कॉन्फ्रेंस राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में प्रातः 10 बजे से शुरू होगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
करमा महोत्सव का आमंत्रण दिया
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के यहां उनके निवास कार्यालय में कंवर समाज के प्रतिनिधि मंडल ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कंवर समाज के अध्यक्ष श्री हरवंश सिँह मिरी के नेतृत्व में सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री साय को युवा कंवर समाज द्वारा आयोजित होने वाले करमा महोत्सव के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने आमंत्रण के लिए प्रतिनिधि मंडल को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर कंवर समाज के महासचिव श्री नकुल चंद्रवंशी, श्री टूकेश कंवर भी उपस्थित थे। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के साथ उत्तर बस्तर कांकेर जिले के चारामा विकासखंड के जेपरा सहित विभिन्न गांवों में विकास कार्यों से संबंधित विषयों पर विचार विमर्श किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने उल्लेखनीय योगदान के लिए कार्टूनिस्टों को किया सम्मानित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के एक निजी होटल में कार्टून वॉच पत्रिका द्वारा आयोजित कार्टून फेस्टिवल-2024 में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कार्टून फेस्टिवल-2024 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कार्टून एक ऐसी कला जिसके द्वारा बहुत थोड़ी जगह में पूरी बात को स्पष्टता के साथ मनोरंजक और व्यंगात्मक ढंग से व्यक्त किया जाता है। छोटा सा कार्टून बड़ी बात कहता है। कभी-कभी सम्पादकीय में जिस बात को आधे पेज में लिखा जाता है, उसे सिर्फ एक कार्टून के माध्यम से व्यक्त कर दिया जाता है ।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्टून फेस्टिवल में इंदौर के कार्टूनिस्ट श्री इस्माइल लहरी को कार्टून क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने कार्टून फेस्टिवल में संत श्री तुलसीदास जी के दोहों पर आधारित कार्टून पुस्तक 'तुलसी सुगन्ध' का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस कार्टून फेस्टिवल में शामिल होना मेरे लिए बहुत आनन्द का विषय है। यह बहुत खुशी की बात है कि कार्टून वॉच परिवार लगातार 28 वर्षों से कार्टून के क्षेत्र में कार्य को कर रहा है। श्री त्रयम्बक शर्मा कार्टून की पूरी मैगज़ीन निकाल रहे हैं, जो कि बहुत बड़ी बात है। इसके लिए मैं कार्टून वॉच परिवार को बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूँ।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि कार्टून वॉच मैगज़ीन के 28 साल की सतत यात्रा रही है। कार्टून एक ऐसा माध्यम जो समाज को आईना दिखाता है। कार्टून कभी गुदगुदाता है तो कभी ऐसी कड़वी दवाई की तरह होता है, जिसका परिणाम अच्छा होता है। कार्टूनिस्ट देश की परिस्थिति को कलम से अभिव्यक्त करता है। वह समाज को नई दिशा देता है । कार्टून और एनिमेशन समाज के सभी वर्गों को प्रभावित करते हैं।
इस अवसर पर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कार्टूनिस्ट श्री त्रयम्बक शर्मा ने कार्टून की विधा को जिंदा रखा है। वे कार्यक्रम के जरिये नई पीढ़ी तक कार्टून को पहुंचा रहे हैं । इस मौके पर कार्टून विधा से जुड़े डॉ के सी पन्त और मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी श्री आलोक सिंह सहित अन्य लोगों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, डॉ हिमांशु द्विवेदी, श्री इस्माइल लहरी, कार्टून वॉच के सम्पादक श्री त्रयम्बक शर्मा सहित कई कार्टूनिस्ट और साहित्य-कला क्षेत्र से गणमान्य-जन उपस्थित रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने किया कृषि के शिल्पकार भगवान श्री बलराम जी की जयंती को हरवर्ष किसान दिवस के रूप मनाने का आह्वान
राजधानी सहित प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्र में मनाया गया किसान दिवस
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि गौ-आधारित प्राकृतिक खेती किसानों के लिए खुशहाली और समृद्धि का रास्ता खोलेगी। जैविक खेती से जुड़कर धान के कटोरे के किसान समृद्ध होंगे। जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर स्थानीय इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर भगवान श्री बलराम जी की जयंती भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष षष्ठी तिथि को हर वर्ष किसान दिवस के रूप मनाने का आह्वान भी किया। गौ-आधारित जैविक और प्राकृतिक खेती करने वाले तथा इस क्षेत्र में किसानों को प्रेरित करने वाले उत्कृष्ट किसानों को सम्मानित किया।
कार्यशाला में मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों को भगवान श्री बलराम जी जयंती की बधाई और शुभकनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में देश के किसानों की समृद्धि को प्राथमिकता में रखते हुए कृषक कल्याण मंत्रालय का गठन हुआ। इस मंत्रालय के माध्यम से खेती-किसानी की बेहतरी और किसानों की आय बढ़ाने पर काम हो रहा है। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उद्यानिकी, मछलीपालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में किसानों की भागीदारी बढ़ने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई। भगवान श्री बलराम जी की जयंती के मौके पर राजधानी सहित प्रदेश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों में किसान दिवस का आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश की बड़ी आबादी अपनी आजीविका के लिए खेती-किसानी पर निर्भर है। आज कृषि के क्षेत्र में अनेकों नवाचार हो रहे हैं, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पहले किसान साहूकार और महाजनों से अत्यधिक ब्याज दर पर पैसे लेने को मजबूर थे। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किसानों की पीड़ा को समझा और किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की व्यवस्था की। किसानों को आज निःशुल्क अथवा बहुत की कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के किसानों को दो साल के धान के बकाया बोनस की राशि 3716 करोड़ रुपए किसानों को दिए। 21 क्विंटल प्रति एकड़ और 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से रिकार्ड 145 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए बजट में 2000 करोड़ रुपए से अधिक राशि का प्रावधान किया गया है। सिंचाई सुविधाओं के बढ़ने से किसानों की आय बढ़ेगी। साथ ही हम पुराने सिंचाई परियोजनाओं को दुरस्त करने का भी काम कर रहे है।
अखिल भारतीय किसान संघ के श्री दिनेश कुलकर्णी ने गौ-आधारित प्राकृतिक खेती के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज जैविक एवं प्राकृतिक खेती की जरूरत है। मांग के अनुरूप प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जैविक और प्राकृतिक खेती के लिए वैचारिक रूप से परिपक्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौ-आधारित जैविक एवं प्राकृतिक खेती के संबंध में गीता में उल्लेख है। उन्होंने कहा गौ पालन के लिए भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं गौपालन कर लोगों को प्रेरित किया है।
कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के बीते इन 10 वर्षों में कृषि के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आया है। केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने किसानों को प्राथमिकता में लेकर किसान हित में नीतिगत् फैसले लिए हैं, जिससे किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज दौर में हमें मांग अनुरूप हमें गौ-आधारित जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने की जरूरत हैं, ताकि किसान की आर्थिक स्थिति और मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व नीतिगत् फैसलों और कार्यों से प्रदेश के किसान आज सामर्थवान बन रहे है। किसान अब खेती-किसानी को व्यवसाय के रूप में अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश के किसानों में अच्छा वातावरण का निर्माण हुआ है।
सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भगवान श्री बलराम जी द्वारा कृषि के क्षेत्र में योगदान का स्मरण कराती है। वर्तमान दौर में जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर इस जयंती समारोह उद्देश्य को पूरा करने दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें कृषि वैज्ञानिकों के रिसर्च और वैज्ञानिक तकनीकियों और सहयोग से गौ-आधारित प्राकृतिक खेती की और आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जैविक और प्राकृतिक खेती के फायदे के बारे में भी किसानों को जानकारी होगी तभी भगवान श्री बलराम जी के जयंती का उद्देश्य भी पूरा होगा। स्वागत भाषण इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरिश चंदेल ने दिया। इस अवसर पर विधायक श्री मोतीलाल साहू, अखिल भारतीय किसान संघ, छत्तीसगढ़ प्रान्त के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्रवंशी सहित बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
देश और प्रदेश की समृद्धि में योगदान दे रही हैं महिलाएं : डॉ. रमन सिंह
राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने तीज मिलन में बहनों का किया स्वागत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी में छत्तीसगढ़ में महिलाओं के सबसे बड़े पारंपरिक पर्व तीज के मौके पर आयोजित तीज मिलन समारोह में शामिल हुए और बहनों को आशीष दिया। राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा के राजधानी रायपुर स्थित निवास में आयोजित इस समारोह में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आयी महिलाएं शामिल हुई। राजस्व मंत्री ने महिलाओं का परंपरागत रूप से स्वागत किया। इस अवसर पर लोक कलाकारों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने तीज मिलन के इस अवसर पर आईं माता, बहनों को तीजा की बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशहाली का अवसर है। तीज मिलन के इस अवसर पर बहनें यहां आईं हैं, मैं आप सभी का स्वागत करता हूं। तीजा में सुहागन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की दीर्घायु जीवन की कामना लेकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म में मान्यता है कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः इसी मान्यता का अनुसरण करते हुए हमारी सरकार महिलाओं को हर महीने महतारी वंदन योजना की राशि जारी कर रही है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने समारोह में आयी माताओं-बहनों को तीज मिलन की बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के तीज-त्यौहारों की परंपरा काफी समृद्ध है। यहां की महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खेत-खलिहानों में काम करके देश और प्रदेश की समृद्धि में योगदान दे रही हैं। छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ की महिलाओं में तेजी से शिक्षा और साक्षरता का प्रसार हुआ है। राज्य सरकार द्वारा भी महिलाओं को सशक्त करने के लिए अनेक कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। इससे राज्य की महिलाएं सशक्त हो रही हैं।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने महिलाओं को तीज पर्व की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राजस्व मंत्री ने न्यौता देकर तीज मिलन हेतु अपने घर पर बुलाया है। यह पूरे मातृ शक्ति का सम्मान है। इस मौके पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने छत्तीसगढ़ के लोक कवि भैय्या लाल हेड़ाऊ के गीत ’धन-धन तै मोरे किसान’ गाकर सुमधुर प्रस्तुति दी।
तीज मिलन के लिए राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा के निवास की विशेष सजावट की गई थी। इस अवसर पर परम्परागत ग्रामीण परिवेश की झलक दिखाई दी। राजस्व मंत्री के निवास में आयोजित तीज मिलन में राजनांदगांव के धरोहर सांस्कृतिक दल के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति पर माता-बहनों ने जमकर नाच गाकर तीज मिलन का लुफ्त उठाया।
इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री अनुज शर्मा, गुरु श्री खुशवंत साहेब, श्री मोतीलाल साहू, पूर्व सांसद श्री सुनील सोनी उपस्थित रहे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामविचार नेताम व वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी भी कार्यक्रम में हुए सम्मिलित
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने तमनार को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की
मुख्यमंत्री श्री साय ने 2.51 करोड़ के कार्यों का किया शिलान्यास व लोकार्पण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ प्रवास के दूसरे दिन तराईमाल धाम स्थित श्री बंजारी माई की पूजा अर्चना एवं दर्शन लाभ लेकर प्रदेश वासियों के सुख, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। उन्होंने परिसर में ही स्थापित पुजारी ब्रह्मलीन श्री रामगोपाल महाराज जी, ब्रह्मलीन अंकुर मालाकार जी, पुजारिन सोनागिरी माता जी के प्रतिमा का भी अनावरण किया। साथ ही उन्होंने श्री बंजारी माई धाम तराईमाल में विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से नव निर्माण कार्यों का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया, जिसमें 8 कार्यों के लिए कुल 2 करोड़ 51 लाख रूपये के कार्य शामिल है। इस दौरान उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए तमनार को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की। इस मौके पर जिले के प्रभारी एवं कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम, वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी, राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, लोकसभा सांसद श्री राधेश्याम राठिया उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आभार जताते हुए कहा कि मैं जब सांसद के रूप में चुना गया तब से मां बंजारी के पूजा-अर्चना के साथ दर्शन लाभ मिल रहा है। मां बंजारी के आशीर्वाद से ही मैं आज प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचा हूं। उनके आशीर्वाद से प्रदेश के जनता को सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना करता हूं। अंकुर गौटिया के भागीरथ प्रयास से इस धाम का विकास हुआ है। वह मोपेड चलाते हुए बगिया तक भी पहुंच जाते थे कभी कोई बात करनी होती थी ऐसे जुझारू कार्य के बदौलत यह धाम आज अपने स्वरूप में है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ प्रदेश का गठन हुआ जिसे संवारने का काम हमारी सरकार कर रही है। महतारी वंदन, राम लला दर्शन योजना के माध्यम से हर महीने 8 हजार से अधिक दर्शन लोगों को आयोध्या, काशी ले जा रहे है। दो दिन पहले ही 8 लाख से अधिक गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास को स्वीकृति प्रदान की है। हम लगातार विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत है।
कृषि एवं प्रभारी मंत्री श्री राम विचार नेताम ने कहा कि मां बंजारी के आशीर्वाद से ही दोनों बेटे आज प्रदेश के मुखिया और वित्त मंत्री बने है। दोनों के पास ही विकास की चाबी है। जिससे रायगढ़ सहित प्रदेश को विकास की एक नई धारा में ले जा रहे है। मां बंजारी धाम के विकास के लिए जो आप सब लोगों ने मिलकर जो कार्य किए है वह काबिले तारीफ है। सरकार अपना काम करती ही है पर स्थानीय जनता, गरीबों को और अधिक सुविधा मुहैया के उद्देश्य से निजी संस्था भी सामुदायिक सहभागिता के नाते अपना सहयोग प्रदान करते है जो कि सराहनीय है।
वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी ने कहा कि बंजारी धाम में जीवन समर्पित करने वाली विभूतियों के प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला यह सौभाग्य की बात है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय यहां से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। यह रायगढ़ तथा आस पास के लोगों के बीच आस्था का बड़ा केंद्र है। रायगढ़-घरघोड़ा सड़क निर्माण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। अधिकांश हिस्से के काम पूरा कर लिया गया है। जो काम बचा है उसे बारिश के तत्काल बाद पूर्ण कर लिया जाएगा।तमनार से पूंजीपथरा सड़क का निर्माण किया जा रहा है वो भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। हम इस क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रहे है। कार्यक्रम को सांसद रायगढ़ श्री राधेश्याम राठिया ने भी संबोधित किया। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा कि इस अंचल के प्रमुख आस्था के केन्द्र में यहां के प्रमुख विभूतियों के प्रतिमा अनावरण में शामिल होने के लिए आप पहुंचे है। उन्होंने कहा कि यहां सड़कों का काम भी तेजी से हो रहा है। अंधोसंरचनात्मक विकास कार्यों को लेकर भी कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वित की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं, तमनार को मिलेगा नगर पंचायत का दर्जा
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बड़ी घोषणा करते हुए तमनार को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की। इसके साथ ही छर्राटांगर में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 50 लाख रुपए की घोषणा, पूंजीपथरा थाना में 5 स्टाफ क्वार्टर निर्माण की घोषणा, घरघोड़ा कॉलेज में एम.ए. की कक्षाएं प्रारंभ करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने छर्राटांगर से पाकादरहा के बीच कुक्कुट नदी में पुलिया निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार कर कलेक्टर को शीघ्र प्रेषित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बंजारी धाम स्मारिका का विमोचन किया। साथ ही उन्होंने श्री बांछा निधि भोय व श्री आई.पी.शर्मा को सम्मानित किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री रायगढ़ में चक्रधर समारोह का किया शुभारंभ
रायगढ़ में संगीत महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की
रायपुर : संगीत एवं कलाधानी नगरी रायगढ़ में आज 39वें चक्रधर समारोह का भव्य एवं रंगारंग आगाज हुआ। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 10 दिन तक चलने वाले इस समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि संगीत सम्राट महाराज चक्रधर ने शास्त्रीय कला संगीत को विश्व में एक नई पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के गारंटी को सायं-सायं पूरा कर रही है। उन्होंने प्रदेश के किसानों, गरीबों सहित सभी वर्गों का आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी सरकार राज्य के प्रगति के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है।उन्होंने स्थानीय कला संस्कृति के साथ-साथ पारंपरिक विरासत को सहेजने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने इस मौके पर रायगढ़ में संगीत महाविद्यालय प्रांरभ करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने संगीत और कला के क्षेत्र में योगदान देने वाले संगीत के मर्मज्ञ विद्वतजनों को नमन किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर रायगढ़ के शैल चित्रों पर आधारित अभिलेखीकरण पुस्तिका एवं चक्रधर समारोह की परिचय पुस्तिका का विमोचन किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विगत पांच सालों में चक्रधर समारोह का आयोजन फीका पड़ गया था, अब रायगढ़ के विधायक और हमारे सरकार में वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी की पहल से चक्रधर समारोह के आयोजन को और बेहतर तथा भव्य स्वरूप दिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को प्रकृति ने भरपूर खनिज संपदा से नवाजा है। यहां हीरा, कोयला, लोहा का भरपूर भंडार है, यहां की धरती में भरपूर उर्वरा शक्ति है।मेहनतकश किसान और हम सब मिलकर छत्तीगसढ़ को कृषि प्रदेश बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने किए गए वायदे के अनुरूप प्रदेश के किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल 3100 रूपए के भाव से खरीदने का वायदा पूरा किया। तेन्दूपत्ता का पारिश्रमिक दर प्रति मानक बोरा 4000 रूपए से बढ़ाकर 5500 रूपए किया गया। महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख से अधिक माताओं-बहनों को उनके खाते में राशि अंतरित करने का काम कर रही है।श्रीरामलला दर्शन योजना से यहां के लोगों को प्रभु श्रीराम का दर्शन करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अभी दो दिन पहले ही छत्तीसगढ़ को साढ़े आठ लाख से अधिक परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति प्रदान की है, हम इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने चक्रधर समारोह को नये स्वरूप में भव्य और आकर्षक रूप में आयोजित करने के लिए संस्कृति एवं पर्यटन विभाग को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्री विनय पाण्डेय द्वारा ब्राम्हीलिपि एवं खरोष्ठी लिपि में अनुसंधान पर आधारित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया। श्री पाण्डेय द्वारा इस मौके पर मुख्यमंत्री को ब्राम्ही लिपि में लिखी नाम पट्टिका भेंट की गई।
कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार ने कहा कि महाराज चक्रधर ने रायगढ़ घराना के कला संगीत को संजोकर रखा है। उन्होंने कला संगीत को देश और दुनिया में एक नई ऊचाई देने का काम किया है। उनके इस योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि सम्राट चक्रधर शास्त्रीय कला संगीत के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान कर कला संस्कृति को एक नया आयाम दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश की कला संस्कृति, यहां की विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए तत्परता से काम कर रही है।वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने चक्रधर समारोह के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा चक्रधर समारोह को एक भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा और आज उसे जिला प्रशासन, संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग के सहयोग से आज भव्य स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देश के प्रतिष्ठित आठ पद्मश्री कलाकार भाग लेने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चक्रधर समारोह की महत्ता अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देश के विभिन्न प्रांतों के नामी-गिनामी कलाकार यहां अपनी प्रस्तुति देने की अभिलाषा रखते हैं। उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए जिला प्रशासन सहित आयोजकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस मौके पर राज्यसभा सांसद श्री कुंवर देवेन्द्र प्रताप सिंह, रायगढ़ सांसद श्री राधेश्याम राठिया, राजपरिवार के श्रीमती उर्वशी सिंह, श्रीमती बिजया सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जशपुर एवं पत्थलगांव क्षेत्र में सड़कों के निर्माण की मिली प्रशासकीय स्वीकृति
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप राज्य में एक मजबूत अधोसंरचना निर्माण के लिए सड़कें, पुल-पुलिया के साथ ही स्कूल, छात्रावास सहित अन्य शासकीय भवनों के निर्माण आदि के लिए राज्य शासन द्वारा लगातार स्वीकृति दी जा रही है। किसी भी क्षेत्र में अगर एक बेहतर अधोसंरचना हैं। गांवों में अच्छी सड़क होने के साथ ही मुख्य मार्ग से जुड़ा हुआ हो तो वहां की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ती है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर ही जशपुर एवं पत्थलगांव क्षेत्र में सड़क निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जशपुर क्षेत्र में चांदीडांड हात्ता हल्काटोली पहुंच मार्ग निर्माण लंबाई 2.36 किलोमीटर के लिए 3 करोड़ 39 लाख 79 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी तरह पत्थलगांव क्षेत्र में बगिया-सूजीबहार मार्ग लंबाई 8.70 किमी में मजबूतीकरण निर्माण कार्य के लिए 7 करोड़ 98 लाख 86 हजार रूपए, बाबूसाजबहार से गोलीडीह नदी तक मार्ग निर्माण कार्य लंबाई 4 किमी तक के लिए 4 करोड़ 3 लाख 45 हजार रूपए और विकासखंड कांसाबेल के ग्राम करंजटोली रजौटी मार्ग लंबाई 1.20 किमी के लिए 3 करोड़ 36 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव की सरकार के बने अभी 9 महीने ही हुए हैं। इतने कम समय में ही जिले में राज्य सरकार ने विकास की एक रूपरेखा बना कर उस पर काम करना शुरू कर दिया है। स्कूल व छात्रावास भवनों के निर्माण, सिंचाई व्यवस्था के लिए एनीकट, व्यपवर्तन, जीर्णाेद्धार एवं लाईनिंग कार्य, जलाशय, सी.सी.लाईनिंग कार्य, मुख्य एवं शाखा नहर के मरम्मत, पुराने पक्के कार्याे का सुधार, तालाब निर्माण, सड़कों का निर्माण, अस्पतालों के निर्माण सहित डॉक्टरों एवं अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति आदि कार्य प्राथमिकता के साथ किए जा रहे हैं। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने चयनित शिक्षकों के नामों की घोषणा की
रायपुर : राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार 2024-25 के लिए 64 शिक्षकों के नाम की घोषणा आज राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की। चयनित शिक्षकों को आगामी वर्ष शिक्षक दिवस के मौके पर सम्मानित एवं पुरस्कृत किया जाएगा। यहां यह उल्लेखनीय है कि राजभवन के दरबार हॉल में आज राज्यपाल श्री रमेन डेका के मुुख्य आतिथ्य एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित गरिमामय समारोह में 55 शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान पुरस्कार वर्ष 2023 से सम्मानित किया गया तथा आगामी वर्ष सम्मानित होने वाले शिक्षकों के नामों की घोषणा की गई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने समारोह में राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार वर्ष 2024-25 के लिए रायपुर जिले के प्रधान पाठक श्री गोपाल राम यादव और सहायक शिक्षक एलबी श्रीमती कामिनी साहू, धमतरी जिले के सहायक शिक्षक एलबी कुमारी प्रीति सांडिल्य और प्रधान पाठक श्रीमती किरण साहू, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की प्रधान पाठक श्रीमती प्रियंका गोस्वामी और सहायक शिक्षक एलबी श्री समय लाल काठे, राजनांदगांव के प्राचार्य डॉ. शोभा श्रीवास्तव और प्रधान पाठक श्री मुन्हेलाल लिल्हारे, दंतेवाड़ा के प्रधान अध्यापक श्रीमती सुमन जार्ज और सहायक शिक्षक एलबी श्रीमती सुनीता अजीत, कबीरधाम के व्याख्याता श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी और व्याख्याता श्रीमती कामिनी जोशी, सरगुजा के शिक्षक श्रीमती बंदना महथा और व्याख्याता श्रीमती अनिता मंदिलवार, नारायणपुर के शिक्षक एलबी श्री उमेश कुमार सलाम और प्रधान अध्यापक सुश्री सविता यादव, जशपुर के प्रधान पाठक श्रीमती सरिता नायक और प्रधान पाठक श्री प्रवीण कुमार पाठक,
कोरिया के व्याख्याता श्री अमृत लाल गुप्ता और जेल शिक्षक श्रीमती विवेक सिद्धकी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के व्याख्याता एलबी श्री राजेश कुमार द्विवेदी और प्रधान पाठक श्रीमती मीना जायसवाल, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के प्रधान अध्यापक श्री किशोर कुमार शर्मा और सहायक शिक्षक एलबी श्री राजेश कुमार प्रजापति, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के प्रधान पाठक श्रीमती संध्या साहू और व्याख्याता एलबी श्री संजय देवांगन, बलरामपुर-रामानुजगंज के शिक्षक एलबी श्रीमती चंद्रमुखी मेहता, दुर्ग के शिक्षक एलबी श्री नरोत्तम कुमार साहू और शिलक एलबी श्रीमती खेमलता गोस्वामी, कोरबा के शिक्षक एलबी श्रीमती मधुलिका और प्रधान पाठक श्रीमती प्रिया दुबे, सूरजपुर के प्रधान पाठक श्री रंजय कुमार सिंह और व्याख्याता एलबी श्री प्रदीप कुमार जायसवाल, बलौदाबाजार-भाटापारा के शिक्षक एलबी श्री मोहन लाल वर्मा और व्याख्याता एलबी श्री जगदीश साहू, मुंगेली के व्याख्याता एलबी श्रीमती दुर्गा तिवारी और सहायक शिक्षक एलबी श्रीमती सुधारानी शर्मा,
कोण्डागांव के प्रभारी प्राचार्य श्री मनोज कुमार डड़सेना शिक्षक एलबी श्री शिवचरण साहू, रायगढ़ के सहायक शिक्षक एलबी श्री टिकेश्वर प्रसाद पटेल प्रधान पाठक श्री नंद किशोर सतपथी, सुकमा के सहायक शिक्षक श्रीमती अंजु बारसे और शिक्षक एलबी श्री गांगाधर राना, गरियाबंद के सहायक शिक्षक एलबी श्री खोमन लाल सिन्हा और शिक्षक एलबी श्रीमती दिप्ती मिश्रा, सक्ती के शिक्षक एलबी श्री संजीव कुमार सूर्यवंशी और सहायक शिक्षक एलबी श्रीमती नीरा साहू, बालोद के व्याख्याता एलबी श्री नरोत्तम कुमार यदु और व्याख्याता एलबी सुश्री एनुका शार्वा, जांजगीर-चांपा के व्याख्याता श्री अमृत लाल साहू और व्याख्याता एलबी श्रीमती प्रतिक्षा सिंह, बेमेतरा के शिक्षक एलबी श्रीमती सुनिता राजपूत और शिक्षक एलबी श्रीमती केवरा सेन, महासमुंद के व्याख्याता एलबी श्री जगदीश सिन्हा और व्याख्याता डॉ.ज्योति किरण चंद्राकर, बिलासपुर के व्याख्याता एलबी श्रीमती शांति सोनी और प्रधान पाठक श्री शिव कुमार छत्रवाणी, बस्तर के व्याख्याता श्रीमती सईदा खान और व्याख्याता श्रीमती देवश्री गोयल, उत्तर बस्तर कांकेर के व्याख्याता श्री मती कुसुम जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही के प्राचार्य श्रीमती आरती तिवारी और प्रधान पाठक एलबी कुमारी साबरा निशा, बीजापुर जिले के प्रधान पाठक श्री जगदीश्वर तोरेंम और व्याख्याता एलबी श्री अरूण कुमार सिंह के नामों की विधिवत् घोषणा की। -
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प्रदेश के महान साहित्यकारों के नाम पर 3 शिक्षकों को स्मृति पुरस्कार
52 राज्यपाल शिक्षक सम्मान से होंगे सम्मानित
रायपुर : शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में 05 सितंबर 2024 को प्रातः 11 बजे से राजभवन के दरबार हॉल में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय करेंगे।शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में 55 शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा। इनमें से 52 शिक्षक राज्यपाल शिक्षक सम्मान और 3 शिक्षकों को प्रदेश के महान साहित्यकारों के नाम पर राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार वर्ष 2024
शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय समारोह में प्रदेश के तीन महान साहित्यिक विभूतियों के नाम पर तीन शिक्षकों को राज्य शिक्षक सम्मान से नवाजा जाएगा। इनमें बिलासपुर जिले की व्याखाता डॉ. रश्मि सिंह धुर्वे को ’’डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी स्मृति पुरस्कार’’, कबीरधाम जिले के शिक्षक री राजर्षि पाण्डेय को ’’डॉ. मुकुटधर पाण्डेय स्मृति पुरस्कार’’, दुर्ग जिले की उच्च वर्ग शिक्षक डॉ. श्रीमती सरिता साहू को ’’डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार’’ प्रदान किया जाएगा।
राज्यपाल शिक्षक सम्मान पुरस्कार वर्ष 2023-24
राज्यपाल शिक्षक सम्मान पुरस्कार वर्ष 2023-24 से सम्मानित होने वाले 52 शिक्षकों में दंतेवाड़ा जिले की व्याख्याता श्रीमती नेहा नाथ और शिक्षक एलबी कुमारी माधुरी उके, सरगुजा जिले की प्रधान पाठक कुमारी मधु सोनवानी और व्याख्याता श्रीमती नीतु सिंह यादव, सूरजपुर जिले की व्याख्याता एलबी श्रीमती रीता गिरी और प्रधान पाठक कुमारी विनिता सिंह, बालोद जिले के व्याख्याता एलबी श्री धमेंन्द्र कुमार और व्याख्याता डॉ. भरतलाल साहसी, जशपुर जिले के व्याख्याता एलबी श्री टुमनु गोसाई और श्री अयोध किशोर गुप्ता, सुकमा जिले की प्रधान पाठक श्रीमती जयमाला और श्री हपका मुत्ता, मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले के सहायक शिक्षक श्री नीलकंठ कोमरे और अंगद सलामें, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले की सहायक शिक्षक श्रीमती स्वप्निल सिंह पवार और शिक्षक एलबी अर्चना सामुएल मसीह, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के व्याख्याता एलबी श्री मानस साहू और सहायक शिक्षक एलबी श्री महादीप जंघेल, उत्तर बस्तर कांकेर जिले के व्याख्याता श्री सेवक राम निषाद और व्याख्याता एलबी श्री पवन कुमार सेन, कोण्डागांव जिले की व्याख्याता श्रीमती तनुजा देवांगन और उच्च श्रेणी शिक्षक श्रीमती सरस्वती नाग, कोरिया जिले की सहायक शिक्षक एलबी श्रीमती श्वेता सोनी और श्रीमती अर्पणा मिश्रा, राजनांदगांव जिले के व्याख्याता एलबी श्री गोकुल दास जंघेल और श्री जयप्रकाश साहू के नामों की विधिवत् घोषणा की।राज्यपाल शिक्षक सम्मान पुरस्कार 2023 के लिए चयनित शिक्षकों में नारायणपुर जिले की शिक्षक एलबी श्रीमती कविता हिरवानी और व्याख्याता एलबी श्रीमती लता मानिकपुरी, जांजगीर-चांपा जिले के व्याख्याता एलबी श्री दिनेश कुमार चतुर्वेदी और सहायक शिक्षक एलबी श्री कामता प्रसाद सिंह, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के सहायक शिक्षक एलबी सुनिता यादव और व्याख्याता श्री पूनम सिंह साहू, बेमेतरा जिले की सहायक शिक्षक एलबी सुश्री हिमकल्याणी और व्याख्याता एलबी श्री भुवनलाल साहू, महासमुंद जिले के व्याख्याता श्री प्रमोद कुमार कन्नौजे और व्याख्याता एलबी श्री शैलेन्द्र कुमार नायक, बलरामपुर जिले के शिक्षक श्री श्याम कुमार गुप्ता और प्रधान पाठक श्री विनोद कुमार पंथ, मुंगेली जिले के शिक्षक एलबी डॉ. श्री सत्यनारायण तिवारी और प्रधान पाठक श्री जितेन्द्र गेंदले, गरियाबंद जिले के सहायक शिक्षक एलबी श्री डिगेश्वर कुमार साहू और उच्च श्रेणी शिक्षक श्री किशोर कुमार निर्मलकर, धमतरी जिले की व्याख्याता एलबी श्रीमती ज्योति मगर और डॉ. आशीष नायक, रायगढ़ जिले की प्रधान पाठक डॉ. मनीषा त्रिपाठी और सुशील कुमार गुप्ता, कोरबा जिले के व्याख्याता श्री भुपेन्द्र कुमार राठौर और सहायक शिक्षक श्रीमती वसुंधरा कुर्रे, जगदलपुर जिले की व्याख्याता श्रीमती मीरा हिरवानी और मोहम्मद अकबर खान, बीजापुर जिले के प्रधान पाठक श्री पवन कुमार सिन्हा और शिक्षक एलबी श्री ककेम नारायण के नाम शामिल हैं।