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कोरबा : टेटी नदी पर आठ साल बाद बना पुल, दस से अधिक गांवो तक पहुंच हुई आसान
कोरबा : कोरबा जिले के पाली तानाखार क्षेत्र में सासिन और बर्रा के बीच टेटी नदी पर पिछले साल पुल का निर्माण पूरा हो जाने से आसपास के दस से अधिक गांवो तक अब पहुंच आसान हो गई है। यह पुल पिछले आठ सालों से अपने निर्माण के पूरा होने के इंतजार में था।
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कभी तकनीकी कारणों से तो कभी प्रशासकीय स्वीकृति में देरी से इस पुल का निर्माण लंबे समय तक नहीं हो सका था। राज्य में नई सरकार के पदभार ग्रहण करने के बाद इस पुल का काम पूरा करने के लिए तत्परता दिखी और तकनीकी रूकावटों को निराकृत करते हुए पिछले साल मई माह में इस पुल का निर्माण पूरा हो गया। 
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टेटी नदी पर पहले बरसात के मौसम में जलभराव के कारण इस पूरे क्षेत्र का संपर्क जिला मुख्यालय से कट जाता था। ग्राम पंचायत के मातिन के लोधीपारा में रहने वाले श्री पदुमदास महंत बताते हैं कि पुल बन जाने से सबसे ज्यादा सुविधा क्षेत्र के बच्चों को हुई है। पढ़ाई के लिए मातिन हाई स्कूल आने वाले क्षेत्र के बच्चों को बरसात के मौसम में बड़ी परेशानी होती थी।

लगातार नदी में पानी रहने से कई बार बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पाते थे जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित होती थी। श्री महंत बताते हैं कि अब पुल बन जाने से बारह मासी आने-जाने की सुविधा मिल गई है। गांव के बाजार में भी रौनक रहती है। इसके साथ ही और भी कई सुविधाएं आसपास के गांवो को इस पुल के बन जाने से मिल रहीं हैं।  

टेटी पहाड़ी नदी है और पानी का बहाव भी काफी तेज होता है। ऐसे में पूरे बरसात के सीजन में नदी के पार रहने वाले लगभग दस गांवो के लोगों को कोरबा जिला मुख्यालय आने-जाने के लिए काफी परेशानी होती थी। टेटी नदी पर उच्च स्तरीय पुल दो करोड़ 25 लाख रूपए की लागत से बनाया गया है। 75 मीटर लंबे इस पुल पर 25-25 मीटर की दूरी पर तीन स्पान खड़े किए गए हैं।

पुल की चैड़ाई लगभग साढे आठ मीटर है और पुल से आमने-सामने से दो भारी वाहन आसानी से पार हो जाते हैं। पुल के साथ लगभग 500 मीटर की एप्रोच रोड भी बनाई गई है। इस पुल के बन जाने से अब कोदवारी, पुटीपखना, बगनखा, मातिन, कुदरी, कुकरीबहरा और भवलपुर जैसे लगभग दस गांवो के छह हजार लोगों को बरसात में ही नहीं बल्कि पूरे साल आने-जाने की बेहतर सुविधा मिलने लगी है। बड़े बाजार तक पहुंचना हो या ईलाज के लिए बड़े अस्पताल तक, अब सभी कुछ आसान हो गया है।

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