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 दुर्ग : कोरोना वायरस की आशंका से निपटने सतर्क रहें अधिकारी, संभागायुक्त श्री जीआर चुरेंद्र ने बैठक में दिये निर्देश

- कहा सभी अधिकारी-कर्मचारियों का बनाएं वर्कप्लान, इसके मुताबिक देखें किस तरह से हो रही प्रगति

दुर्ग। संभागायुक्त श्री जीआर चुरेंद्र ने आज हिंदी भवन में संभागीय अधिकारियों की बैठक ली। वहां उन्होंने सभी विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की। सबसे पहले संभागायुक्त ने कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों को लेकर समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लोगों में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाएं ताकि वे इनसे निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा बताए सुरक्षा नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए जिस तरह से भी सकारात्मक कोशिश होती है वो करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल-कालेज के संबंध में शासन ने जो आदेश जारी किए हैं उनका सख्ती से पालन हो ताकि इसके संक्रमण की आशंका को पूरी तरह से रोका जा सके। 

संभागायुक्त ने कहा कि जलसंरक्षण सबसे अहम आवश्यकता है। इसके लिए तालाबों के संरक्षण और ऐसे ही प्रयासों को लेकर कुछ निर्देश कलेक्टरों को दिये गए हैं। सभी अधिकारी प्रकृति को सहेजने की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि अभी व्यापक पौधरोपण अभियान होना है। इसमें आप शासकीय कार्यालयों में भी पौधे लगाएं। इसके लिए माँगपत्र डीएफओ को दे दें ताकि वे आवश्यक पौधों की व्यवस्था कर सकें। संभागायुक्त ने कहा कि इसके साथ ही आश्रम छात्रावासों और स्कूलों में भी व्यापक रूप से पौधरोपण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी एक पैच तैयार कराएं जहां फलों के पौधे रोपे जा सकें, ये सुंदर जगह प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय भूमि जो खाली पड़ी है और जहां पर बाड़ी की संभावनाएं हो सकती हैं वहां स्वसहायता समूह का चयन कर बाड़ी निर्माण कार्य कराएं। इस मौके पर नगर निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी, डिप्टी कमिश्नर श्री बीएल गजपाल, श्री आरके खुंटे, सुश्री मोनिका कौड़ो, रिसाली कमिश्नर श्री प्रकाश सर्वे, दुर्ग कमिश्नर श्री इंद्रजीत बर्मन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यालयों में वर्क प्लान- संभागायुक्त ने कहा कि कार्यालयों में अनुशासन सबसे अहम है। संभाग स्तरीय अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्यालयों का नियमित दौरा करें और सुनिश्चित करें कि स्टाफ समय पर आता रहे। साथ ही अधिकारी-कर्मचारियों का वर्कप्लान भी जरूरी है। अगले दिन का शासकीय कार्य का आठ घंटे का प्लान होना चाहिए। साथ ही मासिक और त्रैमासिक प्लान भी होना चाहिए ताकि इसके अनुसार मानिटरिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था कार्य की मानिटरिंग के लिए बहुत अच्छी साबित होती है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी टूर डायरी बनाएं और इसे संभागायुक्त कार्यालय द्वारा तय तिथि तक प्रेषित कर दें।

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