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  दुर्ग : लाकडाउन में केवल फिजिकल डिस्टेंसिंग, नालेज डिस्टेंसिंग नहीं
पढ़ई तुहर द्वार से पढ़ाई कर रहे दुर्ग के 94 हजार से अधिक बच्चे
दुर्ग : अप्रैल महीना चल रहा है। पूरे देश में लाकडाउन है और स्कूल बंद हैं लेकिन आनलाइन एजुकेशन की वजह से छत्तीसगढ़ और दुर्ग जिले में बच्चे उसी तरह पढ़ रहे हैं जैसे स्कूल में इस वक्त पढ़ते होते। दुर्ग जिले के 6937 शिक्षकों की टीम ने अपनी कड़ी मेहनत से लाकडाउन के दौरान भी आनलाइन पढ़ाई कर बच्चों की पढ़ाई जारी रखी है।
 
पढ़ई तुहर द्वार से दुर्ग जिले के 94 हजार से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं। इसके लिए टीचर्स बच्चों के लिए शैक्षणिक सामग्री जिसमें आडियो, वीडियो, पीडीएफ वर्जन भी शामिल हैं बनाकर एप्रूवल के लिए एडमिन के पास भेज रहे हैं। एडमिन का एक पैनल जिला स्तर पर बनाया गया है जो सामग्री की गुणवत्ता को देखता है और इसके एप्रूवल के बाद यह बच्चों को भी नजर आने लगता है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रवास सिंह बघेल ने बताया कि पढ़ई तुहर द्वार अभियान वरदान साबित हुआ है। हमारे पास जो सामग्री आई है वो काफी गुणवत्तापूर्वक है। इससे छात्र-छात्राओं को काफी मदद मिलेगी। श्री बघेल ने बताया कि आनलाइन कक्षाएं भी नियमित समय पर चलाई जा रही हैं जो बच्चों के लिए काफी उपयोगी हैं। बच्चों को होमवर्क भी दिया जा रहा है और वे होमवर्क को पूरा कर रहे हैं। श्री बघेल ने बताया है कि बस मोड बदला है अब फिजिकल डिस्टेंसिंग है लेकिन नालेज डिस्टेंसिंग नहीं है। सहायक संचालक श्री अमित घोष ने बताया कि बच्चे डिजिटल माध्यम में काफी रुचि ले रहे हैं। आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से पढ़ाई करना बच्चों के लिए बहुत अच्छा अनुभव होता है। यह उन्हें डिजिटली साक्षर बनाने के लिए भी उपयोगी है। साथ ही बच्चों के लिए ज्ञान का नया संसार खोल देता है और इंटरनेट के रचनात्मक पक्षों की समझ उन्हें प्रदान करता है। आनलाइन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रही ऋतु सिन्हा, रश्मि नामदेव एवं मिलिंद चंद्रा ने बताया कि बच्चों का रिस्पांस बहुत अच्छा है। हमने लाकडाउन के समय का काफी रचनात्मक उपयोग कर लिया। सामग्री एप्रूवल करने वाले एडमिन ने चर्चा में बताया कि शिक्षकों से बहुत अच्छी सामग्री आ रही है। हमने अलग-अलग खंड को अलग-अलग शिक्षकों को सौंपा है। उनके अनुभवों से और पढ़ाने के नवाचार का लाभ भी इन वीडियो के माध्यम से मिलेगा। बहेबीववसण्पद एक ऐसा वेबसाइट है जिसमें बहुत अच्छी शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध होगी। उल्लेखनीय है कि बच्चों को मध्याह्न भोजन में किसी तरह की दिक्कत न आए, इसके लिए भी शिक्षा विभाग ने सभी बच्चों के घरों में निर्धारित सामग्री का राशन पहुंचा दिया है।

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