मनरेगा योजनांतर्गत सर्वाधिक हितग्राही मूलक कार्य कराने में जशपुर राज्य में अव्वल
जशपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव हेतु चल रहे लाॅकडाउन के बीच समस्त सुरक्षा उपायों का पालन करते हुए जिला जशपुर अंतर्गत बड़े पैमाने पर मनरेगा कार्यो का संचालन किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण लोगों की आजीविका और रोजगार की चिंता दूर हो गई है। शासन के निर्देशानुसार सभी गांवो में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत हितग्राही मूलक व सामुदायिक कार्यो को कराया जा रहा है।

कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के बताया कि लाॅकडाउन में मनरेगा कार्यो के दौरान सामाजिक दूरी का पूर्णतः पालन किया जा रहा है। जिले में पर्याप्त मात्रा में कार्य की स्वीकृति प्रदान की गई है, ताकि श्रमिकों को पर्याप्त मात्रा कार्य उपलब्ध कराया जा सके। स्थानीय स्तर पर कार्य के दौरान मास्क पहनने और सैनिटाइजर का उपयोग करने हेतु सचिवों और रोजगार सहायकों को निर्देशित किया गया है।
जिला पंचायत जशपुर मुख्य कार्यपालन अधिकारी के. एस. मण्डावी ने बताया कि जिला में लाॅकडाउन के दौरान नरेगा कार्यो का संचालन सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कार्यस्थल पर मास्क व सेनिटाइजर का उपयोग करते हुए कार्य किया जा रहा है। हितग्राही मूलक कार्यो को प्राथमिकता देते हुए जल संरक्षण व जल संवर्धन तथा सामुदायिक कार्यो को भी कराया जा रहा है। आगामी बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए 30 मई 2020 की समय सीमा निर्धारित करते हुए पत्र जारी कर समस्त जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यंात्रिकी सेवा, कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा, समस्त इंजीनियर व तकनीकी सहायकों के साथ ग्राम सचिव और रोजगार सहायकों को निर्देशित किया गया हैं कि इन कार्यो को प्राथमिकता देते हुए निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करावें।
एपीओ श्री शशिकान्त गुप्ता ने बताया कि मनरेगा अंतर्गत हितग्राहीमूलक कार्यो को सर्वाधिक प्राथमिकता देते हुए कराया जा रहा हैं। 02 मई 2020 की स्थिति में 80519 श्रमिक मनरेगा अंतर्गत जिले में नियोजित है जिसमें कुल 3996 कार्यो में से 3347 हितग्राहीमूलक कार्यो में 53002 श्रमिको को नियोजित करने के साथ ही हितग्राही मूलक कार्यो को प्राथमिकता देने में जशपुर जिला राज्य में प्रथम स्थान पर है। हितग्राही मूलक कार्यो में कुआं, निजी डबरी, मुर्गी शेड, बकरी शेड, पशु शेड, भूमि सुधार, अंजोला टैंक, वर्मी कम्पोस्ट पिट, नाडेप टंकी आदि कार्य कराए जा रहे है। इन कार्यो के साथ ही जल संवर्धन और संरक्षण के कार्यो में सामुदायिक तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, लघु सिंचाई तालाब, गली प्लग, गेबियन संरचना, लूज बोल्डर चेक डेम, कण्टूर ट्रेंच के अतिरिक्त गौठान एवं चारागाह निर्माण के कार्य भी कराएं जा रहे है।
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