महासमुंद : उद्यानिकी फसल की सुरक्षा के लिए राज्य प्रवर्तित सामुदायिक फेंसिंग योजना का दिया जा रहा है लाभ कृषकों को
महासमुंद 29 मई : उद्यानिकी फसल की सुरक्षा हेतु राज्य प्रवर्तित सामुदायिक फेंसिंग योजना का लाभ कृषको द्वारा लिया जा रहा है। खरीफ फसल धान की खेती के बाद कृषकों द्वारा जानवरांे को खुला छोड़ दिया जाता है, जिसके कारण बहुत से कृषक चाहते हुए भी रबी मौसम में सब्जी आदि उद्यानिकी फसलों की खेती नहीं कर पाते। उक्त परेशानियों को देखते हुए शासन द्वारा कृषकों के हित में उद्यानिकी फसलों की खेती करने वाले लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए सामुदायिक फेंसिंग योजना वर्ष 2016-17 से लागू की गई है।
इसी तारतम्य में जिले के लघु एवं सीमांत कृषकों द्वारा 35.00 हेक्टेयर में सामुदायिक फेंसिंग योजना का लाभ लिया गया है। तथा चालू वर्ष 2020-21 में 35.00 हेक्टेयर का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसे विकासखंड प्रभारियों को विकासखंडवार विभाजन करते हुए महासमुन्द-7.00 हे., बागबाहरा-7.00 हे., पिथौरा-7.00 हे., बसना-7.00 हे. एवं सरायपाली को 7.00 हेक्टेयर का भौतिक लक्ष्य आबंटित किया गया है। जिसमें प्रति विकासखंड सामान्य में 3.00 हे., अजजा में 2.00 हे. एवं अजा में 2.00 हे. इस प्रकार जिला स्तर पर कुल सामान्य में 15.00 हे., अजजा में 10.00 हे. तथा अजा में 10.00 हे. निर्धारित है।

सहायक संचालक उद्यानिकी ने बताया कि सामुदायिक फेंसिंग योजना का लाभ लेने हेतु शर्ते निर्धारित की गई है। इसके तहत् कृषकों को ‘‘पहले आओ पहले पाओ‘‘ के आधार पर चयन किया जावेगा। योजना के लिए कम से कम 02 कृषक, जो एक ही वर्ग के (सामान्य/अजजा/ अजा) होना अनिवार्य है, सभी लघु/सीमांत (न्यूनतम 0.50 हेक्टेयर एवं अधिकतम 2.00 हेक्टेयर) वाले कृषक हो, तथा सभी कृषकों के चयनित भूमि एक ही प्लाट पर लगे हुए होना अनिवार्य है। योजना में महिला हितग्राहियों को प्राथमिकता दी जावेगी। कृषकों द्वारा उनके चयनित भूमि में वर्षभर उद्यानिकी फसल लेने के लिए स्वयं का पर्याप्त सिंचाई साधन होना चाहिए। योजनान्तर्गत कृषक/कृषक समूह को एक ही बार लाभ दिया जावेगा। इस योजना के तहत् प्रति हेक्टेयर इकाई लागत 1,08,970.00 रु. का 50ः राशि 54,485.00 रु. अनुदान दिये जाने का प्रावधान है तथा शेष 50ः राशि 54,485.00 रु. कृषक अंश राशि कृषकों द्वारा बीज निगम में जमा करना होगा, तभी योजना का लाभ मिल सकेगा।
उन्होंने बताया कि सामुदायिक फेंसिंग योजना का लाभ लेने वाले कृषकों को विभागीय फलपौध रोपण योजना के तहत् फेंसिंग के लिए चयनित भूमि में पहले फलपौध रोपण करना अनिवार्य होगा। बाद में फेंसिंग का लाभ दिया जायेगा। लाभान्वित होने वाले कृषकों को सीमेंट पोल एवं चैनलिंक वायर लगाने का कार्य, स्वयं से करना होगा। योजना का लाभ लेने हेतु अपने विकासखंड के प्रभारी अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। विकासखंड महासमुन्द के लिए श्री बी.एस. परिहार, मो.नं. 8770250694, विकासखंड बागबाहरा के लिए सुश्री धनिता पटेल, ग्रा.उ.वि.अ., मो.नं. 6265427233, विकासखंड पिथौरा के लिए श्री भोलाराम पाटकर, ग्रा.उ.वि.अ., मो.नं. 8370034951, विकासखंड बसना के लिए श्री उपेन्द्र नाग, ग्रा.उ.वि.अ., मो.नं. 8120379902, विकासखंड सरायपाली के लिए श्री गुरुदत्त यदु, ग्रा.उ.वि.अ., मो.नं. 9131833408 प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सामुदायिक फेंसिंग योजना के लिए आवेदन पत्र, आवेदक का फोटो, आधार कार्ड, बैंक खाता, बी-1, नक्शा, खसरा दस्तावेज अनिवार्य हैं, जिन्हें प्रस्तुत करना होगा। कृषकों द्वारा आदान सामग्री की खरीदी पंजीकृत संस्था से ही किया जावेगा, तथा देयक इस कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे।
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