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नवागढ़ क्षेत्र के संस्थान में जल दोहन एवं नियम उल्लंघन पर कार्रवाई, निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

बेमेतरा : बेमेतरा जिले के नवागढ़ क्षेत्र स्थित एक निजी संस्थान का निरीक्षण कलेक्टर के निर्देश पर किया गया। निरीक्षण में यह पाया गया कि संस्थान को प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, रायपुर द्वारा वार्षिक 0.5475 मि.घ.मी. जल आबंटन की स्वीकृति प्राप्त है। इसमें से जुलाई से नवम्बर तक 0.1805 मि.घ.मी. जल पथरिया बैराज से तथा दिसम्बर से जून तक 0.367 मि.घ.मी. जल स्वयं के बैलेंसिंग रिजर्वायर से उपयोग करने की अनुमति दी गई है। किंतु वर्तमान में जल संसाधन संभाग मुंगेली से अनुबंध न होने के कारण पथरिया बैराज से जल आहरण नहीं किया जा रहा है।निरीक्षण में यह भी सामने आया कि संस्थान में निर्माण कार्य के लिए कुल 5 नग 9 इंच के बोर पम्प स्थापित हैं, जिनमें से 2 बोर पम्प सूखे पाए गए। शेष 3 बोरों से प्रतिदिन लगभग 4 हजार लीटर प्रति बोर जल आहरित किया जा रहा है। हालांकि संस्थान के पास केन्द्रीय भू-जल बोर्ड की अनुमति है, लेकिन राज्य शासन या जिला स्तर के सक्षम अधिकारी से स्वीकृति प्राप्त नहीं पाई गई।

जिला श्रम अधिकारी और जिला उद्योग अधिकारी द्वारा भी संस्थान का निरीक्षण कर श्रम एवं उद्योग नियमों के उल्लंघन पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में खेड़ा ग्राम पंचायत में आयोजित समाधान शिविर में ग्रामीणों ने उद्योगों द्वारा बड़े पैमाने पर बोर खनन एवं जल दोहन की शिकायत खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल के समक्ष की थी। मंत्री के निर्देश पर कलेक्टर ने जांच कर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया था।

गौरतलब है कि इस वर्ष बेमेतरा जिले में भीषण गर्मी के कारण भू-जल स्तर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। नवागढ़ क्षेत्र को केन्द्रीय भू-जल आयोग द्वारा “क्रिटिकल” श्रेणी में रखा गया है और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। इसी स्थिति को देखते हुए कलेक्टर महोदय ने जिले में नए बोर खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। परिस्थितियों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए संस्थान को आज दिनांक से निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जल के अत्यधिक दोहन को रोका जा सके। साथ ही चेतावनी दी गई है कि निर्देश का पालन न करने पर संस्थान के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी संस्था प्रबंधन की होगी।
 

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