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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम‘‘ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले समारोह का किया शुभारंभ

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

जिले के समस्त शासकीय कार्यालय एवं शैक्षणिक संस्थानों में हुआ इसका प्रसारण

राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र निर्माताओं की अनगिनत पीढ़िओं करती है प्रेरित - मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े

सूरजपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली से राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम‘‘ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर देशभर में एक साथ “वंदे मातरम्” का सामूहिक गायन किया गया, जिससे राष्ट्रभक्ति और एकता का अद्भुत वातावरण बना। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कार्यक्रम के दौरान “वंदे मातरम्” पर आधारित विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया। इस ऐतिहासिक अवसर का सीधा प्रसारण देशभर के सभी जिलों, शासकीय कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में किया गया, जहाँ अधिकारी, कर्मचारी, छात्र-छात्राएँ और जनप्रतिनिधि एक स्वर में राष्ट्रीय गीत के सामूहिक गायन में शामिल हुए।

जिले में संयुक्त जिला कार्यालय कलेक्ट्रेट के सभा कक्ष मे भी वंदे मातरम् के 150वीं वर्षगांठ को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, प्रेमनगर विधायक श्री भूलन सिंह मरावी, पूर्व गृहमंत्री व वन विकास निगम के अध्यक्ष श्री राम सेवक पैकरा, श्री शैलेश अग्रवाल, श्री लोकेश पैकरा, रेडक्रॉस सोसायटी सूरजपुर के अध्यक्ष श्री बाबूलाल अग्रवाल, श्री भीमसेन अग्रवाल, श्री मुरली मनोहर सोनी, श्री सत्यनारायण सिंह, श्री शशिकांत गर्ग, श्री अजय अग्रवाल, श्री संत सिंह व अन्य जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत कुमार ठाकुर, जिला पंचायत सीईओ श्री विजेन्द्र सिंह पाटले, अधिकारी-कर्मचारी सम्मलित थे।

मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् रचना को स्वतंत्रता सेनानियों और राष्ट्र निर्माताओं की अनगिनत पीढ़िओं को प्रेरित करने वाली रचना बताया। उन्होने कहा यह भारत की राष्ट्रीय पहचान और सामूहिक भावना का चिरस्थायी प्रतीक है। उन्होने कार्यक्रम के संबंध मे प्रकाश डालते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण अवसर को मनाना सभी भारतीयों के लिए एकता, बलिदान और भक्ति के उस शाश्वत संदेश को फिर से दोहराने का अवसर है, जो वंदे मातरम में समाहित है।

प्रेमनगर विधायक श्री भूलन सिंह मराबी अपने संबोधन में कहा कि “वंदे मातरम” केवल एक शब्द नहीं, यह एक मंत्र है, एक ऊर्जा है, एक स्वप्न है, और एक दृढ़ संकल्प है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को इस राष्ट्रीय गीत के महत्व और उसके ऐतिहासिक योगदान से अवगत कराना हम सभी का दायित्व है, ताकि उनमें भी राष्ट्रप्रेम और समर्पण की वही भावना जागृत हो सके।

पूर्व गृह मंत्री एवं वन विकास के अध्यक्ष श्री राम सेवक पैकरा कहा कि वंदे मातरम के महत्व को समझने के लिए, इसके ऐतिहासिक मूल को जानना बहुत ज़रूरी है। यह एक ऐसा मार्ग है, जो साहित्य, राष्ट्रवाद और भारत के स्वाधीनता संग्राम को जोड़ता है। उन्होने आगे कहा भारत की आज़ादी के दीवानों के लिए “वंदे मातरम्” केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक मंत्र था।
 

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