हेपेटाइटिस से बचने के लिए जागरूकता है जरूरी, डॉ. मीरा बघेल
कोविड-19 के संकट के बीच दुनिया भर में मनाया जा रहा है हेपेटाइटिस दिवस
रायपुर : विश्व भर में कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण के बीच आज विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जा रहा है । हेपेटाइटिस से बचने के लिए लोगों में जागरूकता का होना जरूरी है । इसके कारण और बचाव के उपाय के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर वर्ष 28 जुलाई को हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है ।
वैश्विक महामारी (कोविड-19) को देखते हुए इस बार वर्चअल कार्यक्रम आयोजित किए जाने का निर्णय लिया गया है । इस बार हेपेटाइटिस दिवस की थीम 'हेपेटाइटिस फ्री फ्यूचर'रखा गया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मीरा बघेल ने बताया हेपेटाइटिस एक जानलेवा बीमारी है, जिसके प्रति लोगों में जागरूकता की काफी कमी है। वैज्ञानिकों ने हेपेटाइटिस के लिए पांच जिम्मेदार वायरसों की खोज की है। इन्हें ए, बी, सी, डी और ई नाम दिया गया है।
हेपेटाइटिस बी और सी का संक्रमण शरीर में कई साल तक खामोश रहता है। इससे क्रोनिक हेपेटाइटिस होने का खतरा बढा रहता जिसके बाद मरीज का लीवर
ख़राब हो जाता है|
हेपेटाइटिस से बचने के लियें सावधानी
साफ-सफाई पर सबसे पहले ध्यान रखना, ब्रश और रेजर को साझा नहीं करना, और शराब के सेवन से बचना। शुरुआती दौर में हेपेटाइटिस के लक्षण समझ नहीं आते है। समयानुसार थकान, भूख न लगना, पेट में दर्द, सिर का दर्द, चक्कर आना,मूत्र का पीला होने की समस्याएं आने लगती हैं।इस प्रकार की समस्या होने पर तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें ।
शुरुवाती लक्षण
कई लोगों को प्रारंभ में हेपेटाइटिस के लक्षण दिखाई नहीं देते है। कुछ के लक्षण 15 से 180 दिनों के बाद दिखाई देने लगते हैं जिसमें बुखार आना, डायरिया होना, थकान महसूस होना, उल्टीयॉ होना, भूख न लगना, घबराट होना पेट में दर्द की शिकायत रहना, और वजन में कमी आना है। त्वचा, आंखों के सफेद भाग, जीभ का रंग पीला पड़ जाना (ये लक्षण पीलिया में दिखाई देते हैं)|
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