बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन का दावा, आयुर्वेद से कोरोना का इलाज संभव
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के इलाज के लिए बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन को मध्य प्रदेश के इंदौर में डीएम मनीष सिंह ने मरीजों पर आयुर्वेदिक दवाओं के ट्रायल की इजाजत दे दी है, जिसके बाद इस पूरे मसले पर विवाद खड़ा हो गया है। डीएम की ओर से इस बात की इजाजत दी गई है कि रामदेव की कंपनी कोरोना के मरीजों की इम्युनिटी और निवारक क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा का ट्रायल करेगी। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने डीएम के इस फैसले से आश्चर्यचकित हैं कि बिना नियामक की अनुमति के कैसे डीएम ने इसकी अनुमति दे दी।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे भरोसा है कि डीएम को गाइडलाइन की जानकारी नहीं है। मैं उनसे और मध्य प्रदेश की सरकार से अपील करूंगा कि इंदौर के लोगों का गिनि पिग की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाए। इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नई दवा की अनुमति के लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत अनुमति लेने की जरूरत होती है। बिना अनुमति लिए इन दवाओं का ट्रायल मरीजों पर नहीं किया जा रहा है। इसके लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की अनुमति लेना आवश्यक है।
वहीं रिपोर्ट की मानें तो इस दवा का 19 मरीजों पर ट्रायल किया गया, जिसके बाद बाबा रामदेव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से कहा कि इसका मरीजों पर सकारात्मक असर देखने को मिला है। लेकिन डीएम मनीष सिंह ने इन खबरों का खंडन किया है कि पतंजलि को दवा के ट्रायल की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में भ्रम फैलाया गया है। वहीं पतंजलि के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि पतंजलि कोरोना के मरीजों पर यह ट्रायल नहीं करना चाहता है, लोगों के बीच यह गलत जानकारी फैलाई गई है। हमारी प्रस्तावित पारंपरिक दवा का इस्तेमाल पहले से ही लाखों लोग कर रहे हैं। हम इलाज की इस प्रक्रिया को पूरी दुनिया में वैज्ञानिक रूप से साबित करना चाहते हैं।


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