पतंजलि की दवा ‘कोरोनिल’ पर आयुष मंत्रालय ने उठाए सवाल
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए बाबा रामदेव ने मंगलवार को ‘कोरोनिल’ नाम की दवा पेश करते हुए दावा किया था कि इससे मरीज अधिकतम 14 दिनों ठीक हो सकता है। बाबा रामदेव की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से ही दवा को लेकर विवाद छिड़ गया है। आयुष मंत्रालय ने ही बाबा रामदेव के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि ऐसी किसी भी दवा को पहले मंजूरी के लिए मिनिस्ट्री के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। मोदी सरकार के आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा कि यह अच्छी बात है कि बाबा रामदेव ने देश को नई दवा दी है, लेकिन नियम के मुताबिक इसे पहले मंत्रालय के समक्ष रखा जाना चाहिए था। नाइक ने कहा कि पतंजलि का कहना है कि उन्होंने हमें रिपोर्ट भेजी है, जिसे हम देखेंगे। रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही दवा के बारे में कुछ कहा जाएगा।
यही नहीं पतंजलि की ओर से दावा किए जाने के बाद खुद आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल दवा को लेकर बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि से जानकारी मांगी है। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि कोरोनिल दवा में इस्तेमाल किए गए तत्वों का विवरण दें। इसके साथ ही जहां दवा पर अध्ययन किया गया है उस जगह का नाम, हॉस्पिटल का नाम, प्रोटोकॉल, सैंपल साइज की भी डिटेल दें। इसके अलावा मंत्रालय ने संस्थागत आचार समिति की मंजूरी, सीटीआरआई रजिस्ट्रेशन और अध्ययन के नतीजों का डेटा भी पतंजलि से मांगा है।
इस बीच मंगलवार की शाम को सवाल उठने के बाद पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर इस मसले पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि हमसे जो जानकारी मांगी गई थी, वह हमने आयुष मंत्रालय को दे दी है। बालकृष्ण ने ट्वीट किया, ‘यह सरकार आयुर्वेद को प्रोत्साहन व गौरव देने वाली है। जो कम्युनिकेशन गैप था, वह दूर हो गया है। क्लीनिकल ट्रायल के सभी पैमानों को हमने पूरा किया है और इस संबंध में आयुष मंत्रालय को हमारी ओर से पूरी डिटेल दे दी गई है।


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