मोदी सरकार ने समाचार एजेंसी पीटीआई पर लगाया 84.4 करोड़ रुपये का जुर्माना
मीडिया रिपोर्टो से ली गई खबर
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) पर कथित तौर पर लीज की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए 84.48 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. जिसके तहत पीटीआई को दिल्ली में संसद मार्ग कार्यालय के लिए भूमि आवंटित की गई थी. केंद्रीय आवास मंत्रालय के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है. लेकिन इस बात से इनकार किया कि समाचार एजेंसी को हटाया जा रहा है.
सरकार द्वारा चीनी राजदूत सन सुन वेइदोन के साथ एक साक्षात्कार के लिए पीटीआई को दंडित करने के एक कथित प्रयास के बीच यह जुर्माना लगाया गया, जिसमें बाद पिछले महीने लद्दाख गतिरोध और गलवान घाटी संघर्ष के लिए भारत को दोषी बताया गया था. साक्षात्कार के बाद, सार्वजनिक सेवा प्रसारक प्रसार भारती ने पीटीआई को बताया कि वह 7 करोड़ रुपये के वार्षिक अनुबंध की समीक्षा कर रहा है. कथित रूप से ‘हालिया समाचार रिपोर्टों’ के मद्देनजर समाचार एजेंसी को भारत के राष्ट्रीय हित और देश की क्षेत्रीय अखंडता के लिए हानि पहुंचाने वाला बताया था.
पीटीआई को 84.48 करोड़ रुपये का डिमांड नोटिस जारी किया गया था, जिसकी एक प्रति 7 जुलाई को मंत्रालय के भूमि और विकास कार्यालय (एल एंड डीओ) द्वारा दी गई थी. इसकी एक कॉपी दिप्रिंट को भी मिली है. यह भुगतान करने के लिए 7 अगस्त तक का समय दिया गया है और यदि यह नहीं किया गया तो बकाए पर 10 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा.
किसी भी स्पष्टीकरण के लिए पीटीआई को एक सप्ताह का समय दिया गया है. आवास मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, सरकार द्वारा एजेंसी को लीज पर दी गई जमीन पर पीटीआई कार्यालय बनाया गया है. अधिकारियों ने कहा कि पीटीआई ने 1984 से जमीन का किराया नहीं दिया था. अधिकारी ने कहा, ‘1984 के बाद से, पीटीआई ने जमीन के किराए का भुगतान नहीं किया है. इसके अलावा, उन्होंने बेसमेंट को एक कार्यालय में परिवर्तित करके भूमि-आवंटन की शर्तों का दुरुपयोग किया है. लीज अवधि के तहत, बेसमेंट का उपयोग केवल भंडारण उद्देश्यों के लिए किया जाना है.
अधिकारी ने कहा कि समाचार एजेंसी ने भूमि पर अनधिकृत निर्माण भी किया था. अधिकारी ने कहा, ’84 करोड़ रुपये का जुर्माना इन सभी उल्लंघनों को जोड़ता है, जिसे एजेंसी ने अतीत में कई नोटिसों के बावजूद संबोधित करने में विफल रही है.’


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