मोदी सरकार ने देशद्रोह किया... पेगासस खुलासे के बाद बोले राहुल गांधी...
मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली : इजराइली स्पाइवेयर पेगासस डील पर न्यूयॉर्क टाइम्स की नई रिपोर्ट ने देश की सियासत को फिर से गरमा दिया है। इसे लेकर विपक्ष देश की मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने मोदी सरकार से सवाल पूछे हैं।
दरअसल, अमेरिका के दैनिक समाचार पत्र 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने अपनी एक खबर में यह दवा कि कि इजराइली स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली भारत-इजराइल के बीच 2017 में हुए लगभग दो अरब डॉलर के हथियार एवं खुफिया उपकरण सौदे के "केंद्रबिंदु" थे।
पेगासस मुद्दे पर किसने क्या कहा?
सरकार पर हमला करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर कहा, "मोदी सरकार ने भारत के दुश्मनों की तरह काम क्यों किया और भारतीय नागरिकों के खिलाफ युद्ध के हथियार का इस्तेमाल क्यों किया?" उन्होंने आगे कहा कि पेगासस का उपयोग करके अवैध जासूसी करना देशद्रोह की श्रेणी में आता है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि न्याय मिले।
पेगासस मुद्दे पर कई बार मोदी सरकार को घेर चुके राहुल ने आज फिर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है। राहुल ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राज नेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस खरीदा था। फोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है, ये देशद्रोह है। मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है।
वहीं, राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में "खुलासे" का मतलब है कि सरकार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और संसद को "गुमराह" किया।
वहीं, यूथ कांग्रेस प्रमुख श्रीनिवास बीवी ने भी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि ऐसे में साबित हुआ! चौकीदार ही जासूस है..'
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि स्पाइवेयर का इस्तेमाल रक्षा उद्देश्यों के लिए नहीं बल्कि विपक्ष और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए किया गया था। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "अगर बीजेपी है तो संभव है। उन्होंने देश को बिग बॉस शो बना दिया है।"
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, "मोदी सरकार को आज न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे का खंडन करना चाहिए कि उसने वास्तव में इजरायली एनएसओ कंपनी द्वारा बेचे गए स्पाइवेयर पेगासस को करदाताओं के पैसे से र 300 करोड़ का भुगतान किया था।
बता दें कि पिछले साल उस समय विवाद खड़ा हो गया था, जब भारत सहित कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार रक्षकों, नेताओं और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए कुछ सरकारों द्वारा कथित तौर पर एनएसओ समूह के पेगासस सॉफ्टवेयर के उपयोग की बात सामने आई थी। इसके चलते गोपनीयता संबंधी मुद्दों के लेकर चिंताएं पैदा हो गई थीं।
'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने " द बैटल फॉर द वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल साइबरवेपन" शीर्षक वाली एक खबर में कहा कि इजराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप लगभग एक दशक से इस दावे के साथ "अपने निगरानी सॉफ्टवेयर को दुनिया भर में कानून-प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को बेच'' रहा था कि वह जैसा काम कर सकता है, वैसा कोई और नहीं कर सकता।
खबर में पीएम मोदी का उल्लेख
खबर में जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा का भी उल्लेख किया गया। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजराइल यात्रा थी खबर में कहा गया है कि भारत-इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के हथियार एवं खुफिया उपकरण सौदे में स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली
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