ब्रेकिंग न्यूज़

 आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सदन में सरकार के सहयोगी दलों ने खोला मोर्चा
नई दिल्ली : आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार के सहयोगी दलों ने सदन में सोमवार को मोर्चा खोला दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान और अपना दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने खुलकर विरोध किया। इसे लेकर लोकसभा में कांग्रेस और विपक्षी दलों ने भी जोरदार हंगामा किया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई।

चिराग पासवान ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से खुश नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है। भारत सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। समाज कल्याण मंत्री आज दोपहर 2:15 बजे बयान देंगे। वहीं अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में कहा कि अपना दल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है। यह अब तक का सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया सबसे दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है।

इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला संवेदनशील है और सरकार इस पर बयान देगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि समाज कल्याण मंत्री जल्द ही बयान देंगे। कृपया उसके बयान के लिए उसकी प्रतीक्षा करें। कांग्रेस पार्टी इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण कर रही है। स्पीकर ओम बिड़ला ने विपक्ष के हंगामे को देखते हुए कहा कि वे यह मुद्दा जीरो ऑवर में उठा सकते हैं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में इस बात का जिक्र किया कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन के लिए कोटा और आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यों को कोटा प्रदान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है और राज्यों को सार्वजनिक सेवा में कुछ समुदायों के प्रतिनिधित्व में असंतुलन दिखाए बिना ऐसे प्रावधान करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर कई राजनीतिक दलों ने असहमति जताई है।
 

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook