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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने निर्भीक पत्रकार, प्रबुद्ध लेखक और महान स्वतंत्रता सेनानी श्री गणेश शंकर विद्यार्थी की पुण्यतिथि (25 मार्च) पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जी न केवल पत्रकारिता के एक उज्ज्वल प्रतीक थे, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐसे योद्धा थे, जिन्होंने अपनी लेखनी से जनचेतना की क्रांति को जन्म दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विद्यार्थी जी ने ‘प्रताप’ जैसे समाचार पत्र के माध्यम से देश के पीड़ित किसानों, श्रमिकों और आम जन की आवाज़ को राष्ट्रीय मंच प्रदान किया। उन्होंने निडर पत्रकारिता के माध्यम से ब्रिटिश शासन की नींव हिला दी और स्वतंत्रता संग्राम को वैचारिक बल प्रदान किया। श्री साय ने कहा कि विद्यार्थी जी के जीवन से हम सभी को समाजसेवा और राष्ट्रप्रेम की प्रेरणा लेनी चाहिए। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर के महान जननायक और अंतिम काकतीय राजा महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव की पुण्यतिथि (25 मार्च) के अवसर पर उन्हें नमन किया है। उन्होंने कहा कि महाराजा भंजदेव न केवल बस्तर के गौरव थे, बल्कि जनजातीय अस्मिता, आत्मसम्मान और अधिकारों की आवाज़ भी थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव जी ने बस्तर की जल, जंगल और ज़मीन के साथ-साथ जनजातीय समाज के हक और सम्मान के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। श्री साय ने कहा कि उनका ग्रामीणों से गहरा आत्मीय संबंध था। वे आदिवासी समाज की आवाज़, संघर्ष और स्वाभिमान का प्रतीक थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव का जीवन, विचार और बलिदान आज भी हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कहा कि उनका जीवन हम सभी को परंपरा और मूल्यों की रक्षा करते हुए जनजातीय समाज के समग्र विकास के लिए सतत कार्य करने की प्रेरणा देता है। -
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रायपुर : लोरमी क्षेत्र के कई गांवों के लोगों की मांग पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के निर्देश के बाद ग्राम खुड़िया स्थित राजीव गांधी जलाशय का गेट खोल दिया गया है। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन ने तत्परता से निर्णय लेकर जलाशय से पानी छोड़ा है। इससे क्षेत्र के अनेक गांवों को निस्तारी के लिए जल उपलब्ध होगा।जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री आर.के. मिश्रा ने बताया कि खुड़िया जलाशय में अभी 65 प्रतिशत पानी भरा हुआ है। उप मुख्यमंत्री श्री साव के निर्देश पर जलाशय से 200 क्यूसेक पानी नहर व नदी के माध्यम से छोड़ा गया है, जिससे क्षेत्र के तालाबों और मनियारी नदी पर निर्मित एनीकटों को भरा जाएगा। इससे ग्रामीणों को निस्तारी के लिए जल मिलेगा। साथ ही पशुपालन और अन्य कार्यों में भी राहत मिलेगी।
खुड़िया जलाशय का गेट खुलने के बाद लोरमी क्षेत्र के लोगों ने उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और स्थानीय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है। उल्लेखनीय है कि लोरमी विकासखण्ड के कई गांवों के लोगों ने 19 मार्च को बिलासपुर में उप मुख्यमंत्री श्री साव से मुलाकात कर खुड़िया जलाशय से पानी छोड़े जाने की मांग की थी। श्री साव ने इस पर मुंगेली के कलेक्टर को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। कलेक्टर ने निर्देश के बाद जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा तत्काल गेट खोलकर जलाशय से पानी छोड़ा गया। -
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने गत दिवस विश्व योग प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों को 50 हजार रूपए की सहायता राशि प्रदान की है। ये प्रतिभागी आगामी अप्रैल माह में मलेशिया में आयोजित होने वाली 16वीं विश्व योग प्रतियोगिता में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करेंगे।छत्तीसगढ़ के प्रतिभागी खिलाड़ी सुश्री साक्षी वर्मा और श्री विभांशु बंजारे और उनके योग प्रशिक्षक श्री नमेश कुमार साहू ने राजभवन में राज्यपाल श्री डेका से मुलाकात की। श्री डेका ने प्रत्येक प्रतिभागी के लिए 25-25 हजार रूपये की अनुदान सहायता राशि स्वीकृत की और उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दी। -
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बस्तर पंडुम के माध्यम से पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, हस्तशिल्प और आदिवासी रीति-रिवाजों को मिला समुचित मंच
प्रतिभागियों ने बस्तर पंडुम में लिया उत्साहपूर्वक हिस्सा
22 एवं 23 मार्च को होगा दो दिवसीय जिला स्तरीय बस्तर पंडुम
रायपुर : बस्तर जिले के जगदलपुर, बस्तर, तोकापाल, बास्तानार एवं दरभा विकासखण्ड में गुरुवार को ब्लॉक स्तरीय बस्तर पंडुम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अवसर पर जनप्रतिनिधियों एवं समाज प्रमुखों ने कहा कि यह आयोजन बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और संवर्धित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। बस्तर पंडुम के माध्यम से पारंपरिक नृत्य, लोकगीत, हस्तशिल्प और आदिवासी रीति-रिवाजों को मंच प्रदान किया जा रहा है, जिससे स्थानीय संस्कृति को नई पहचान मिल रही है। इस उत्सव में विभिन्न जनजातीय समूह अपनी कला और परंपराओं का प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे न केवल सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ेगी बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।जिले के इन सभी ब्लॉक में आयोजित उक्त कार्यक्रम में स्थानीय लोक कलाकारों, जनजातीय समुदायों और संस्कृति प्रेमियों का उत्साह देखते ही बना। बस्तर पंडुम न केवल संस्कृति को सहेजने का प्रयास है बल्कि सामाजिक एकता और पारंपरिक मूल्यों को भी सुदृढ़ करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है। जिले के इन सभी विकासखंड में बस्तर पंडुम के तहत हजारों प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर उत्साहपूर्वक भाग लिया। जिले में बस्तर पंडुम का जिला स्तरीय कार्यक्रम 22 एवं 23 मार्च को इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम जगदलपुर में आयोजित किया जाएगा, जिसमें ब्लॉक स्तर से चयनित प्रतिभागी शामिल होंगे।उल्लेखनीय है कि बस्तर पंडुम 2025 के अन्तर्गत अनेक विधाएं शामिल की गई जिसमें जनजातीय नृत्यों के तहत गेड़ी, गौर-माड़िया, ककसाड़, मांदरी, हुलकीपाटा, परब सहित लोक गीत श्रृंखला के तहत जनजातीय गीत- चैतपरब, लेजा, जगारगीत, धनकुल, हुलकी पाटा (रीति-रिवाज, तीज त्यौहार, विवाह पद्धति एवं नामकरण संस्कार आदि) जनजातीय नाट्य श्रेणी में भतरा नाट्य जिन्हें लय एवं ताल, संगीत कला, वाद्य यंत्र, वेषभूषा, मौलिकता, लोकधुन, वाद्ययंत्र, पारंपरिकता, अभिनय, विषय-वस्तु, पटकथा, संवाद, कथानक के मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया।इसके अलावा जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन के तहत धनकुल, ढोल, चिटकुल, तोड़ी, अकुम, झाब, मांदर, मृदंग, बिरिया ढोल, सारंगी, गुदुम, मोहरी, सुलुङ, मुंडाबाजा, चिकारा शामिल रहे। जिन्हें संयोजन, पारंगता, प्रकार, प्राचीनता के आधार पर अंक दिए गए। जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण प्रदर्शन विधा में लुरकी, करधन, सुतिया, पैरी, बाहूंटा, बिछिया. ऐंठी, बन्धा, फुली, धमेल, नांगमोरी, खोचनी, मुंदरी, सुर्रा, सुता, पटा, पुतरी, नकबेसर जैसे आभूषण में एकरूपता, श्रृंगार, पौराणिकता को महत्व दिया गया।जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला का प्रदर्शन विधा के अंतर्गत घड़वा, माटी कला, काष्ठ, ढोकरा, लौह प्रस्तर, गोदना, भित्तीचित्र, शीशल, कौड़ी शिल्प, बांस की कंघी, गीकी (चटाई), घास के दानों की माला प्रदर्शन प्रस्तुतियां हुई। साथ ही जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन- सल्फी, ताड़ी, छिंदरस, लांदा, पेज, कोसरा एवं मड़िया पेज, चापड़ा चटनी, सुक्सी पुड़गा,मछरी पुड़गा,मछरी झोर, आमट साग, तिखुर इत्यादि के बनाने की विधि, स्थानीय मसाले, स्वाद, प्रकार का प्रस्तुतिकरण बस्तर पंडुम 2025 के मुख्य आकर्षण रहे। इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इस मौके पर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
समाज प्रमुखों ने बस्तर पंडुम आयोजन को सराहाबस्तर जिले में विकासखण्ड स्तर पर आयोजित बस्तर पंडुम में सक्रिय सहभागिता निभाने वाले समाज प्रमुखों में बस्तर पंडुम के प्रति खासा उत्साह एवं अलग ही लगाव देखने को मिला। इस दौरान इन समाज प्रमुखों ने बस्तर पंडुम आयोजन को सराहनीय पहल निरूपित करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट किया।
इस मौके पर पूर्व विधायक एवं सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष श्री राजाराम तोड़ेम ने बस्तर पंडुम को राज्य सरकार की जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक विविधता को देश-दुनिया में पहुंचाने की अनुपम प्रयास रेखांकित किया। वहीं सर्व आदिवासी समाज के बस्तर जिला अध्यक्ष श्री दशरथ कश्यप ने बस्तर पंडुम को जनजातीय संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में उल्लेखनीय पहल निरूपित करते हुए इसे हर साल आयोजित करने का सुझाव दिया।
सर्व आदिवासी समाज के महिला प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष चमेली जिराम ने बस्तर पंडुम को जनजातीय समुदाय के भावी पीढ़ी के लिए समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सीखने-समझने का बेहतर मंच बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में भावी पीढ़ी अपनी संस्कृति,परम्परा, रीति-रिवाजों से दूर हो रही है।बस्तर पंडुम जैसे आयोजन में सक्रिय सहभागी बनकर भावी पीढ़ी अपना जुड़ाव महसूस करेगी। इस बस्तर पंडुम में जनजातीय पेय पदार्थों के विधा में अपना प्रदर्शन करने पहुंचे नगरनार की अन्नपूर्णा नाग एवं भेजापदर की बुधरी बघेल ने कहा बस्तर पंडुम में जनजातीय संस्कृति की अलग छटा दिख रही है। जिसमें परम्परा, रीति-रिवाज, खान-पान सभी शामिल है। यह हमारी पहचान है और इसे संरक्षित करने के लिए सरकार का प्रयास प्रशंसनीय है। -
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रायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव आज मुंगेली जिले के बरेला और जरहागांव नगर पंचायत में नवनिर्वाचित अध्यक्षों और पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए। मुंगेली की एसडीएम श्रीमती पार्वती पटेल ने बरेला और जरहागांव में आयोजित दो अलग-अलग समारोहों में बरेला नगर पंचायत के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री नरेश पटेल और जरहागांव नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती रूपाली वेदप्रकाश कश्यप तथा दोनों नगर पंचायतों के पार्षदों को विधिपूर्वक शपथ दिलाई।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने शपथ ग्रहण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए सभी नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने कार्यों से नगरवासियों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की अपील की। उन्होंने नवगठित नगर पंचायतों की जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हुए कहा कि जनता ने जिन उम्मीदों के साथ जनादेश दिया है, उन पर पूरी निष्ठा से काम करना सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों का कर्तव्य है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कार्यक्रम में कहा कि विष्णु देव साय सरकार के नेतृत्व में नगर पंचायत बरेला एवं जरहागांव के चहुंमुखी विकास के लिए हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने दोनों नगर पंचायतों को स्वच्छ और सुंदर बनाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सभी को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने बिलासपुर के मोहभट्ठा में 30 मार्च को होने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में नागरिकों को शामिल होने का आग्रह किया।
मुंगेली के विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले ने अपने संबोधन में कहा कि नगर की जनता ने निष्पक्ष रूप से अपने मतदान का प्रयोग कर आप लोगों को जिताया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नगर पंचायत बरेला और जरहागांव के सभी नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पार्षद नागरिकों की अपेक्षाओं एवं आकांक्षाओं पर खरा उतरेंगे और नगर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। मुंगेली जिला पंचायत के सीईओ श्री प्रभाकर पाण्डेय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पाण्डेय, उपाध्यक्ष श्रीमती शांति देवचरण भास्कर और मुंगेली जनपद पंचायत के अध्यक्ष श्री रामकमल सिंह सहित अनेक गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में समारोह में मौजूद थे। -
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रायपुर : वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 21 मार्च 2025 को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ विधानसभा के समिति कक्ष में दोपहर एक बजे से आयोजित होगा।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय उपस्थित रहेंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता, छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे। इसके अलावा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव एवं श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्यामबिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े और खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा विशिष्ट अतिथि होंगे।
वर्ष 2025 में विश्व वानिकी दिवस की थीम ‘फारेस्ट एण्ड फूड‘ है, जो वनों की खाद्य सुरक्षा, पोषण, और आजीविकोपार्जन में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है। यह कार्यक्रम वनों के महत्व और उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वन श्रीमती ऋचा शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव सहित वरिष्ठ वन अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2012 में वनों के महत्व के प्रति जागरूकता में वृद्धि की दृष्टिकोण से दिनांक 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस के रूप में घोषित किया गया है। यह कार्यक्रम वनों के महत्व को समझने और उनके संरक्षण के लिए काम करने के लिए प्रेरित करेगा। इस कार्यक्रम में वनों के महत्व, उनके संरक्षण के तरीके, और वनों के साथ जुड़े लोगों के जीवन में सुधार करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी। यह कार्यक्रम वनों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करेगा। -
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ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों एवं किसानों की मांग पर श्री साव ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों दिए निर्देशरायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने मुंगेली जिले के खुड़िया जलाशय से जल्द पानी छोड़ने के निर्देश जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। इससे ग्रामीणों को निस्तारी के साथ ही खड़ी फसलों को बचाने में मदद मिलेगी। लोरमी क्षेत्र के ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने आज देर शाम बिलासपुर में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव से मुलाकात कर खुड़िया जलाशय से निस्तारी के लिए पानी छोड़ने का आग्रह किया।उप मुख्यमंत्री श्री साव से मिलने पहुंचे लोरमी क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही अनेक गांव में निस्तारी की समस्या उत्पन्न हो गई है। फसलों के साथ ही मवेशियों के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। इसलिए उन्होंने उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव से खुड़िया जलाशय से पानी छोड़ने की मांग की है।
श्री साव ने इस पर त्वरित संज्ञान लेते हुए खुड़िया जलाशय से उच्च अधिकारियों को पानी छोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्रामीणों की मांग और क्षेत्र की जरूरत को देखते हुए जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल पानी छोड़ने के लिए निर्देशित किया है। उप मुख्यमंत्री से मिलने आए लोरमी क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री गुरमीत सलूजा, आलोक शिवहरे, अशोक जायसवाल और महावीर राजपूत सहित बड़ी संख्या में किसान और ग्रामीण शामिल थे। -
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घर की चारदिवारी से निकलकर अब खुद को बना रहीं हैं आत्मनिर्भरबालोद : यह कहानी बालोद जिले के गुरूर विकासखण्ड के छोटे से गांव खैरवाही की है। जहाॅ सीमित अवसरों और संसाधनों के बीच गांव की कुछ महिलाओं ने अपने घर की चारदिवारी से निकलकर अपने जीवन की कहानी को एक नया मोड़ दिया है। इन महिलाओं ने सब्जी बाड़ी के कार्य को चुनकर अपने जीवन को आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की राह पर लाया है। ग्राम खैरवाही की कमला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने गाॅव में की जा रही पारम्परिक रूप से धान की खेती से हटकर सब्जी बाड़ी के कार्य को चुना। जिससे उन्हें अब प्रतिमाह बेहतर आय अर्जित हो रहा है, वे अब अपनी जरूरतों के साथ ही घर का खर्च भी वहन करने में सक्षम हुई हैं।कमला स्वसहायता समूह की श्रीमती सीता साहू ने बताया कि उनके समूह में कुल 10 महिलाएं हैं। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़कर अपने समूह को सशक्त बनाने का कार्य किया है। घरेलु महिलाओं को घर से बाहर ले जाने के साथ ही उन्हें बैंक से ऋण लेना, गाॅव में कृषि भूमि, सिंचाई का साधन, सब्जी की बुआई, उत्पादन सहित विक्रय हेतु सब्जी मण्डी तक परिवहन का कार्य करना, यह सब कार्य उन्होंने बिहान से जुड़कर सीखा है, जिससे आज उनके जीवन की कहानी में सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता एक नया अध्याय जुड़ा है।
समूह की महिलाओं ने बताया कि उन्होंने सब्जी बाड़ी के कार्य की शुरूआत छोटे स्तर से की थी, लेकिन समय के साथ आज वे लगभग 23 एकड़ कृषि भूमि में खेती का कार्य कर रहीं हैं। जिसके लिए उन्होंने गाॅव के अन्य लोगों को भी काम पर रखा हुआ है। उन्होंने बताया कि मौसम के आधार पर वे सब्जी की फसल का उत्पादन करती हैं, जिससे उन्हें अच्छा उत्पादन और बेहतर मुनाफा होता है। पहले वे आसपास के बाजार में सब्जियों का विक्रय करते थे, लेकिन अब उत्पादन अधिक होने से बालोद सहित धमतरी और चारामा के सब्जी मंडी में भी उत्पादित सब्जियों का विक्रय करते हैं। वर्तमान में उनके द्वारा भिण्डी, कुम्हड़ा, लौकी, गोभी, ककड़ी आदि का उत्पादन किया जा रहा है।
समूह की सदस्य श्रीमती सीता साहू ने बताया कि उनके समूह की सभी महिलाओं को प्रतिमाह महतारी वंदन योजना का भी लाभ मिल रहा है। जिससे उन्हें अपने कार्य को निरंतर ही बेहतर ढंग से करने के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है। महिलाओं ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय प्रदेश में महिलाओं के हित में बेहतर कार्य कर रहे हैं। हम महिलाओं को सशक्त बनाकर लखपति दीदी बनाने का कार्य किया जा रहा है। समूह की सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे महिलाओं को आगे बढ़ाने व प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर कार्य कर रहे हैं।जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. संजय कन्नौजे ने आज महिलाओं द्वारा किए जा रहे सब्जी बाड़ी उत्पादन के कार्य का जायजा लिया। उन्होंने महिलाओं द्वारा उत्पादित सब्जी का अवलोकन कर उसकी सराहना की। डाॅ. कन्नौजे ने कहा कि जिले में मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के अनुरूप महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत महिलाओं को समय समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है तथा उन्हें आजीविकामूलक गतिविधियों से जोड़कर सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। -
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उप मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा कीविभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिए, 25 मार्च तक सभी काम पूर्ण करने को कहामुख्य मंच, हेलीपेड, पार्किंग की तैयारियों को नजदीक से देखा, सड़कों की मरम्मत करने और स्वच्छता अभियान चलाने के दिए निर्देशरायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरुण साव ने आज मोहभठ्ठा में अधिकारियों की बैठक लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 30 मार्च के प्रवास को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अब तक हुए कार्यों की जानकारी लेकर 25 मार्च तक तमाम कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। श्री साव ने कहा कि प्रधानमंत्री का छत्तीसगढ़ और विशेषकर बिलासपुर आगमन हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। उनके कार्यक्रम को लेकर लोगों मेें बड़ा उत्साह है। इसे ऐतिहासिक एवं यादगार बनाने के लिए लोग ब्रेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने प्रधानमंत्री के आगमन के पूर्व 25 मार्च से 29 मार्च तक पूरे जिले में विशेष स्वच्छता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसमें नवनिर्वाचित पार्षदों, पंचों, सरपंचों एवं जनप्रतिनिधियों को सहभागी बनाने को कहा। श्री साव ने सभास्थल एवं इसके आसपास बन रहे पार्किंग स्थल में की जा रही तैयारी का मुआयना किया और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव एवं बिलासपुर के प्रभारी सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, आईजी श्री संजीव शुक्ला, कलेक्टर श्री अवनीश शरण और एसपी श्री रजनेश सिंह सहित राज्य शासन एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने प्रधानमंत्री के प्रवास की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि बिलासपुर को प्रधानमंत्री के राज्य स्तरीय कार्यक्रम की मेजबानी का सौभाग्य मिला है। हमें अपनी योजनाओं को अच्छे स्वरूप में पूरे राज्य के लोगों को दिखाने का अच्छा मौका मिल रहा है। पूरे राज्य के लोग इस समारोह में आएंगे। उन्हें इस कार्यक्रम के जरिए अच्छा संदेश देना है। वे हमारे लिए मेहमान की तरह होेंगे। उन्हें पर्याप्त सम्मान देना है। उन्हें परायापन महसूस नहीं होना चाहिए। श्री साव ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से अभियान चलाकर बिल्हा के आसपास सहित पूरे जिले की सड़कों की मरम्मत करने के निर्देश दिए। -
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रायपुर : विधान सभा परिसर स्थित ऐलोपैथिक चिकित्सालय में आज विधान सभा के सदस्यों के लिए आयोजित तीन दिवसीय “स्वास्थ्य परीक्षण शिविर” का शुभारंभ विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप एवं लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने किया।
इस अवसर पर मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायकगण, विधान सभा सचिव श्री दिनेश शर्मा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया भी उपस्थित थे। यह शिविर दिनांक 18 से 20 मार्च तक रहेगा। इस शिविर में पं. जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के विभिन्न विशेषज्ञ एवं चिकित्सक पूर्वान्हः 11.00 बजे से अपरान्ह् 5.00 बजे के मध्य विधायकों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे।
“स्वास्थ्य परीक्षण शिविर” के शुभारंभ अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा मंत्री, श्री श्याम बिहारी जायसवाल का स्वास्थ्य परीक्षण चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा किया गया। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिवर्ष विधान सभा परिसर में बजट सत्र के दौरान समस्त मान. सदस्यों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है। इस शिविर में ई.सी.जी., एक्सरे, सोनोग्राफी एवं पैथोलॉजी टेस्ट के साथ दन्त, ऑख, नाक, गला, संबंधी विभिन्न विशेषज्ञ/ चिकित्सक उपस्थित रहकर विधायकों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। -
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प्रधानमंत्री आवास योजना केवल ईंट और गारे से बने घरों का कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह लाखों जरूरतमंदों के सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है: श्री विजय शर्मा
वित्तीय वर्ष 2025-26 में पीएम आवास के लिए 8500 करोड़ रूपए का प्रावधान
बस्तर में नक्सल विरोधी बल बस्तर फाइटर्स के लिए 3202 नए पदों का सृजनराज्य के पुलिस बल को आधुनिक संसाधनों से किया जा रहा सुसज्जित
2 लाख 24 हजार से अधिक महिलाएं बनी लखपति दीदी
5 साइबर, 6 अजाक, 3 महिला और 2 नवीन पुलिस थाना खोलने की घोषणा
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पुलिस, गृह, जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के वित्तीय सहायता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 21,277 करोड़ 28 लाख रूपए से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गई। इसमें पुलिस विभाग से संबंधित व्यय के लिए 8237 करोड़ 13 लाख 16 हजार रूपए, गृह विभाग से संबंधित व्यय के लिए 141 करोड़ 64 लाख 25 हजार रूपए, जेल विभाग के लिए 278 करोड़ 99 लाख 90 हजार रूपए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के लिए 8055 करोड़ 65 लाख 97 हजार, त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं के वित्तीय सहायता के लिए 4025 करोड़ 76 लाख 69 हजार रूपए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए 64 करोड़ रूपए तथा तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए 474 करोड़ 8 लाख 4 हजार रूपए की अनुदान मांगे पारित की गई।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सदन में बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए एक-एक गारंटी को पूरा करने का काम कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के हर आवासविहीन परिवारों को छत देने का सपना को साकार करने का काम रही है। हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत राज्य के 18 लाख गरीब परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए पहली कैबिनेट बैठक में ही स्वीकृति प्रदान कर इस दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना हमारे सरकार के लिए केवल ईंट और गारे से बने घरों का कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह लाखों जरूरतमंदों के सम्मान, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि भारत सरकार हमारी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए 11 लाख 50 हजार नऐ मकानों की मंजूरी दी, इसके लिए 8 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया, अब तक 7 लाख 69 हजार मकानों की स्वीकृति दी जा चुकी है और निर्माण कार्य तीव्र गति से जारी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सरकार के नेतृत्व वाले सरकार ने इस वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए 8500 करोड़ ऐतिहासिक प्रावधान किया गया है। इससे आवासहीन एवं जरूरतमंद परिवारों का स्वयं के मकान का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाभियान के तहत 26 हजार 426 विशेष पिछड़ी जनजाति के हितग्राहियों को मकानों की स्वीकृति दी गई और उनके खातों में 259 करोड़ की राशि हस्तांतरित की गई है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सदन बताया कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 2.70 लाख स्व सहायता समूह के माध्यम से 29.14 लाख से अधिक गरीब परिवारों की महिलाओं को जोड़कर विभिन्न आयमूलक गतिविधियों के माध्यम से रोजगार मुहैया कराई जा रही है। योजना के तहत अब तक संगठनों को 6873 करोड़ रूपए से अधिक की राशि आपदा कोष के रूप में जारी किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में दो लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य के विरूद्ध 2.24 लाख से अधिक महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में आ चुकी है। वहीं केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से नमों ड्रोन दीदी योजना शुरू की गई है। अभी तक 14 ड्रोन दीदी तैयार कर 74 और ड्रोन दीदीयों के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान पर देश में जन आंदोलन के रूप में वृहद स्तर स्वच्छ भारत मिशन अभियान चलाया गया, जिसका उत्साहवर्धक परिणाम प्राप्त हुए हैं। हमारी सरकार इस वर्ष के बजट में स्वच्छ भारत मिशन के लिए 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बस्तर संभाग के ऐसे अपूर्ण सड़के जो कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में है, सुरक्षा बलों के सहयोग से 204 किलोमीटर की 19 सड़के पूर्ण कर लिया गया है। वहीं 35 वृहद पुलों का निर्माण कर 85 करोड़ रूपए व्यय किया गया हैं। इस वर्ष बजट में नवीनीकरण कार्य हेतु 350 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार पीएम-जनमन योजना अंतर्गत पीवीजीटी बसाहटों में सड़क निर्माण के लिए 500 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम सडक विकास योजना के लिए 92.70 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है इससे 167 किलोमीटर की 66 सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ग्राम गौरवपथ योजना के लिए 100 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि हमारी सरकार ग्रामीण महिलाओ को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने तथा आपसी समरसता स्थापित करने के उद्देश्य से 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार 70 ग्राम पंचायतों में भवन निर्माण हेतु 14 करोड़ रूपए का प्रावधान है। वहीं प्रदेश सभी पंचायतों में पंचायत राज मंत्रालय के सहयोग से कम्प्यूटर उपलब्ध कराया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष में प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जो ठोस कदम उठाए गए हैं, वे मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। विशेष रूप से नक्सल उन्मूलन के क्षेत्र में किए गए प्रयासों से प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में विकास कार्य तेज हुए हैं और नक्सलवाद अपनी अंतिम अवस्था में पहुँच चुका है। इस वित्तीय वर्ष में गृह विभाग के लिए पिछले वर्ष की बजट की तुलना में 10 प्रतिशत की वृद्धि की हुई है, जो यह दर्शाती है कि सरकार कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने और पुलिस बल को आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
प्रदेश में पुलिस अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए इस बजट में ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं। पुलिस अधोसंरचना निर्माण के लिए 518 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जो पिछले वर्षों के कुल बजट से भी अधिक है। पिछले बजट में इस मद के लिए 200 करोड़ की राशि रखी गई थी, लेकिन इस बार इसे ढाई गुना से अधिक बढ़ाया गया है। सरकार का यह निर्णय पुलिस बल को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने और उनके कार्यस्थल की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस थानों, प्रशिक्षण केंद्रों, प्रशासनिक भवनों और पुलिस आवासों के निर्माण एवं उन्नयन के लिए यह राशि खर्च की जाएगी।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हमारी सरकार द्वारा बीते एक वर्ष में अभूतपूर्व कार्य किए गए हैं। प्रदेश के जवान कठिन परिस्थितियों में भी पूरी बहादुरी से नक्सलवाद का सामना कर रहे हैं। बीते 14 महीनों में 157 मुठभेड़ों में 305 माओवादियों के शव बरामद हुए हैं, 396 हथियार और 492 आईईडी पकड़े गए हैं, जबकि 1205 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है। हमारी पुनर्वास नीति एवं सुरक्षा बलों के दबाव के चलते 975 नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा में लौटने के लिए आत्मसमर्पण किया है। यह हमारे सुरक्षा बलों की कार्यकुशलता और सरकार की दूरदर्शी नीतियों का प्रतिफल है।
नक्सल उन्मूलन के लिए इस वर्ष के बजट में कई नए प्रावधान किए गए हैं। बस्तर के सातों जिलों में नक्सल विरोधी बल बस्तर फाइटर्स के लिए 3202 नए पदों के सृजन का निर्णय लिया गया है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के प्रशासनिक और आवासीय भवनों के निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है। नक्सल आसूचना तंत्र को और मजबूत करने के लिए नवीन भवन निर्माण एवं उपकरणों के लिए लगभग 2.74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा नक्सल विरोधी अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 14 करोड़ की लागत से एक विशेष डब्लूएचएपी वाहन खरीदा जाएगा।
प्रदेश में पुलिस बल के आधुनिकीकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इस वर्ष के बजट में पुलिस बल को अत्याधुनिक हथियारों, संचार उपकरणों, बुलेटप्रूफ जैकेट और विशेष निगरानी ड्रोन से लैस करने के लिए 350 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए प्रदेश में आधुनिक साइबर सेल की स्थापना की जा रही है, जिसके लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। पुलिस वाहनों की संख्या बढ़ाने एवं गश्त की गुणवत्ता सुधारने के लिए भी इस बजट में महत्वपूर्ण आवंटन किया गया है। पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। पुलिस आवासीय सुविधा को बेहतर बनाने के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिससे पुलिस कॉलोनियों का निर्माण एवं मरम्मत कार्य किया जाएगा। पुलिस कर्मियों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 75 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जिसमें पुलिस अस्पतालों का उन्नयन एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति शामिल है।
महिला सुरक्षा को और अधिक सशक्त बनाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। ‘सखी वन स्टॉप सेंटर’ और ‘निर्भया पेट्रोलिंग यूनिट’ का विस्तार करने के लिए 100 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। प्रत्येक थाना स्तर पर महिला हेल्पडेस्क स्थापित करने की योजना बनाई गई है, जिससे महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान की जा सके।प्रदेश में पुलिस और जनता के बीच समन्वय को बढ़ाने के लिए ‘जनसंवाद कार्यक्रम’ की शुरुआत की गई है, जिसके तहत स्थानीय नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के बीच नियमित संवाद स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 30 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है।
सड़क और संचार नेटवर्क का विस्तार भी सरकार की प्राथमिकता में है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए 53 नए सुरक्षा कैम्प स्थापित किए गए हैं। इस प्रयास के तहत नारायणपुर-धौड़ाई-दंतेवाड़ा-बारसूर मार्ग को चालू किया गया है, जिससे वर्षों से प्रभावित क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त, अन्य महत्वपूर्ण मार्गों पर सुरक्षा उपलब्ध कराकर निर्माण कार्य तेजी से कराया जा रहा है। वर्ष 2023 से जनवरी 2025 तक की अवधि में विभिन्न योजनाओं के तहत 49 मार्गों पर 243 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण और 11 पुलों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है।संचार नेटवर्क को सशक्त करने के लिए माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में 577 नए मोबाइल टॉवर स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, विद्युतीकरण के कार्य भी तेज किए गए हैं, जिससे सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में पहली बार बिजली पहुँची है। प्रदेश की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और विकास को प्राथमिकता देते हुए इस बजट में ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं। सरकार की मंशा केवल नक्सल उन्मूलन तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रदेश में शांति, विकास और स्थायित्व को स्थापित करना भी हमारा संकल्प है। पुलिस बल को सशक्त करने, अधोसंरचना का विकास करने, महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में यह बजट एक महत्वपूर्ण कदम है।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के अनुदान मांग पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग को सशक्त बनाने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 474 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिससे संस्थानों का विस्तार, अधोसंरचना विकास और युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को राहत देने के लिए 5 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। साथ ही छात्र स्टार्टअप और नवाचार नीति के तहत 500 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे प्रदेश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा। -
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उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने युवाओं से कहा-सरकार आपके गांवों में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध
स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत शैक्षणिक भ्रमण पर पहुंचे युवा: पहली बार देखा रेलवे स्टेशन, विधानसभा और वनवासी कल्याण आश्रम
रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के दूरस्थ गांवों से आए युवाओं के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा। स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना के तहत नियद नेल्लानार योजना में शामिल सिलगेर, पूवर्ती, एलमागुंडा, लखापाल, शालातोंग, साकलेर, छोटेकेडवाल, बगडेगुड़ा और बेदरे जैसे गांवों के 119 युवा पहली बार अपने गांव से बाहर निकले और राजधानी रायपुर पहुंचे।इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान युवाओं ने रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़ विधानसभा और वनवासी कल्याण आश्रम का दौरा किया।राजधानी आगमन के दौरान युवाओं ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का भ्रमण किया और दर्शक दीर्घा में बैठकर सदन की कार्यवाही देखी, जिससे वे बेहद उत्साहित नजर आए। इस अवसर पर उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा से भेंट की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने युवाओं से चर्चा करते हुए कहा कि युवा चाहें तो अपने गांव में अमन-चैन और विकास की रोशनी फैला सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने युवाओं से उनके गांव की स्थिति के बारे में जानकारी ली। उन्होंने युवाओं को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार उनके गांवों में पक्की सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल, राशन, चिकित्सा और आवास जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने युवाओं को सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की और कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में हम सभी मिलकर छत्तीसगढ़ को विकसित और समृद्ध राज्य बनाएंगे।उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने नियद नेल्लानार योजना के तहत गांवों के आर्थिक विकास के लिए विशेष रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन गांवों के निकट नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जिससे माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके और शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे।उल्लेखनीय है कि आजादी के 75 साल बाद पहली बार अपने गांव से बाहर निकल कर राजधानी पहुंचे अनेक ग्रामीणों ने प्रदेश की प्रगति को नजदीक से देखा और भविष्य में अपने गांवों के विकास में योगदान देने की इच्छा व्यक्त की। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार यह सुनिश्चित कर रही है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में दूरस्थ क्षेत्रों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचे और वहां के लोग विकास की मुख्यधारा से जुड़ें। राज्य सरकार प्रदेश के माओवाद प्रभावित इलाकों में तेजी से बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है।
राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ अब इन दूरस्थ गांवों तक पहुंचाया जा रहा है, जिससे युवाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना और नियद नेल्ला नार योजना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे ग्रामीण युवाओं को प्रदेश की विकास प्रक्रिया से जोड़ने में मदद मिल रही है। यह पहल न केवल इन गांवों के युवाओं के लिए एक नई आशा की किरण लेकर आई है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के उज्जवल भविष्य की भी झलक देती है। -
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2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक 11,581 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित
44 खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक ई-नीलामी: देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी
बैलाडीला क्षेत्र में तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी
जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त: 9,362 विकास कार्यों को दी गई मंजूरी
राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी, डिजिटल निगरानी और पर्यावरण-संवेदनशील खनन रणनीतियों को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नए आयाम दिए हैं।
खनिज संसाधनों के सुव्यवस्थित उत्खनन के चलते बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया और 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है। यह पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासन का परिणाम है। अब तक 44 खनिज ब्लॉकों की ई-नीलामी सफलतापूर्वक की जा चुकी है, जिसमें अब तक चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल, क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लाक की निलामी की गई है।
प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स की सफलतापूर्वक नीलामी
भारत सरकार द्वारा देश के आर्थिक एवं सामरिक विकास को ध्यान में रखते हुए क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के लिए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन की घोषणा जनवरी, 2025 में की गई है। इस के अनुरूप प्रदेश में विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 से ही क्रिटिकल एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण / खोज पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके तहत 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 परियोजनाओं अंतर्गत क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स पर कार्य किये जा रहे है।
प्रदेश में अब तक 10 क्रिटिकल एवं डीप सीटेड मिनरल्स ब्लॉक्स जिसमें लिथियम का 1, स्वर्ण का 3, निकल, क्रोमियम का 2, ग्रेफाइट का 2 ग्लूकोनाइट के 2 मिनरल ब्लॉक की नीलामी की गई है।
देश में पहली बार खनिज लिथियम ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी की कार्यवाही भारत सरकार द्वारा की गई है जिसके तहत् जिला कोरबा के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को मेसर्स साउथ मायकी मायनिंग कंपनी को 76 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर आबंटित किया गया है। राज्य के सुकमा एवं कोरबा जिले में भी लिथियम अन्वेषण कार्य किया जा रहा है जिसमें लिथियम के भण्डार पाये जाने की पूर्ण संभावना है।
बैलाडीला लौह अयस्क: भारत के खनन क्षेत्र का मजबूत स्तंभ
बैलाडीला क्षेत्र भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क भंडारों में से एक है। यहां तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया जारी है, जिसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाएगा। इसके अलावा कांकेर जिले के हाहालद्दी लौह अयस्क खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है।
पर्यावरण संतुलन और पारदर्शी निगरानी प्रणाली
पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने कई नई पहल की हैं। सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी की जा रही है। गौण खनिज खानों में सुव्यवस्थित और वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार बेहतर कार्य करने वाले पट्टेधारियों को ‘स्टार रेटिंग’ प्रणाली के तहत प्रोत्साहित कर रही है।
खनिज राजस्व से सामाजिक विकास और बुनियादी सुविधाओं में निवेश
खनिज राजस्व का एक बड़ा हिस्सा प्रदेश के सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है। जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई है, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास सहित 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है।
खनिज अन्वेषण कार्यों का विस्तार और नई परियोजनाएँ
राज्य सरकार ने चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में अन्वेषण कार्य शुरू किया है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार का अनुमान लगाया गया है। स्वर्ण, ग्रेफाइट और ग्लूकोनाइट जैसे खनिजों की खोज भी की जा रही है, जिससे राज्य के खनन क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। कोल बेड मीथेन पूर्ववर्ती कोरिया जिले में वेदांता लिमि. एवं ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लायसेंस स्वीकृत किया गया है। मैंगनीज ओर इंडिया लि. (मोईल) द्वारा सीएमडीसी के साथ प्रदेश में प्रथम बार बलरामपुर क्षेत्र में खनिज मैगनीज का भंडार चिन्हित किया गया है।
मुख्य खनिजों के लिए अन्वेषण हेतु केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की गई है। इसी तर्ज पर खनिज विभाग द्वारा राज्य के गौण खनिजों के व्यवस्थित विकास एवं अन्वेषण के लिए राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की स्थापना की योजना पर कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के समृद्ध राज्यों में से एक है। कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, बॉक्साइट, स्वर्ण, निकल, क्रोमियम और प्लेटिनम समूह के तत्व सहित कुल 28 प्रकार के खनिजों की प्रचुरता ने इस राज्य को देश के खनन क्षेत्र में एक अग्रणी भूमिका में ला खड़ा किया है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ भारत के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। खनिज संपदा के माध्यम से प्रदेश न केवल आर्थिक मजबूती प्राप्त कर रहा है, बल्कि हरित और सतत विकास की दिशा में भी अग्रसर हो रहा है। आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहल के साथ भारत के माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक सशक्त करेगा। -
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तखतपुर में खुलेगा उद्यानिकी महाविद्यालय: कृषि मंत्री ने की घोषणा
प्रदेश का धरोहर बनेगा नया रायपुर में निर्माणाधीन आदिवासी संग्रहालय
आश्रम-छात्रावासों केे सुव्यवस्थित संचालन के लिए अधिकारियों की टीम करेगी निरीक्षण, जीर्ण-शीर्ण आश्रम-छात्रावासों का होगा जीर्णाेंद्धार
आश्रम-छात्रावास परिसर में बनाए जाएंगे अधीक्षक निवास
वर्टिकल फार्मिंग के लिए किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम के विभागों के लिए कुल 63,273 करोड़ 82 लाख 11 हजार रूपए की अनुदान मांगें पारित की गई। इसमें अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए 229 करोड़ 35 लाख 38 हजार रूपए, आदिम जाति कल्याण के लिए 155 करोड़ 28 लाख 40 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए 38,271 करोड़ 21 लाख 50 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना से संबंधित लोक निर्माण कार्य-सड़कें और पुल के लिए 1814 करोड़ 54 लाख 30 हजार रूपए, अनुसूचित जाति कल्याण के लिए 2 करोड़ 73 लाख 90 हजार रूपए अनुदान मांगें शामिल हैं।इसी प्रकार अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत नगरीय निकाय को वित्तीय सहायता के लिए 198 करोड़ 83 लाख 67 हजार रूपए, अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 13792 करोड़ 21 हजार रूपए, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 291 करोड़ 3 लाख 50 हजार रूपए, अनुसूचित जाति उपयोजना से संबंधित लोक निर्माण कार्य-भवन के लिए 261 करोड़ 65 लाख 10 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं को वित्तीय सहायता के लिए 461 करोड़ 20 लाख 98 हजार रूपए, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए नगरीय निकायों को वित्तीय सहायता के लिए 283 करोड़ 14 लाख 71 हजार रूपए, कृषि के लिए 7056 करोड़ 53 लाख 60 हजार रूपए तथा कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा से संबंधित व्यय के लिए 456 करोड़ 26 लाख 86 हजार रूपए की अनुदान मांगें शामिल हैं।
कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार मोदी की गारंटी के अनुरूप गांव, गरीब, किसान, युवा और वंचित वर्गाें के लिए काम कर रही है। ‘‘हमने बनाया है, हम ही संवारेंगे‘‘ के जज्बे के साथ अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक सबके लिए काम कर रही है। इन सभी वर्गाें के उत्थान के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आदिवासियों के लिए योजना बनाकर काम शुरू किया गया है। इनके परिणाम अब धरातल पर दिख रहे हैं और आदिवासी समाज का बेटा छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बना है। विशेष पिछड़ी जनजाति की बेटी देश की राष्ट्रपति है।
श्री नेताम ने सदन में बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व एवं पूंजीगत व्यय में 2956 करोड़ 40 लाख 52 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। इसमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 2205 करोड़ 19 लाख 38 हजार रूपए, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 531 करोड़ 17 लाख 64 हजार रूपए तथा अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लिए 220 करोड़ 3 लाख 50 हजार रूपए के प्रावधान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आदिवासी उपयोजना मद में विभिन्न विभागों के लिए आगामी बजट में कुल 40,800 करोड़ 76 लाख 49 हजार रूपए का बजट प्रावधान है। अनुसूचित जाति उपयोजना मद में कुल 14,036 करोड़ 49 लाख 56 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है।
श्री नेताम ने अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों और अनुसूचित जाति बाहुल्य गांवों के विकास एवं स्थानीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए बहुत से कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) नाम से एक महत्वपूर्ण अभियान क्रियान्वित किया जा रहा है, इसमें राज्य की पांच विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, पहाड़ी कोरबा, कमार, अबूझमाड़िया एवं बिरहोर को शामिल किया गया है। इसके माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति बसाहटों में मूलभूत सुविधाओं के विकास एवं विस्तार के लिए त्वरित कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने नये बजट में विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने बताया कि राज्य के 18 जिलों के 2161 बसाहटों में 59 हजार 800 से अधिक विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार निवासरत हैं, जिनकी जनसंख्या करीब 2 लाख 29 हजार है।
आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने सदन में बताया कि दूरस्थ क्षेत्रों के निवासी नियद नेल्ला नार के माध्यम से विकास की मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान भारत सरकार द्वारा संचालित 80 हजार करोड़ रूपए की योजना है, जिसमें छत्तीसगढ़ के 6 हजार गांव शामिल हैं। इस अभियान के तहत वन क्षेत्रों के गांवों में सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल, सिंचाई के साधन, क्षमता निर्माण जैसे काम किए जा रहे हैं। भारत सरकार की निगरानी में राज्य में इन क्षेत्रों में काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों केे सुव्यवस्थित संचालन के लिए अधिकारियों की टीम नियमित निरीक्षण करेगी। साथ ही जीर्ण-शीर्ण आश्रम-छात्रावासों का शीघ्र जीर्णाेंद्धार किया जाएगा।
श्री नेताम ने बताया कि नया रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी संग्रहालय देश का सबसे अच्छा आदिवासी संग्रहालय होगा। यह प्रदेश की धरोहर बनने जा रहा है। आदिवासी समाज के लोगों के आजादी में योगदान और उनके संघर्षों को यहां चित्रित किया जा रहा है। इसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उन्हांेने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के श्रद्धा/पूजा स्थलों ‘‘अखरा विकास‘‘ के परिरक्षण एवं विकास के लिए 2 करोड़ 50 लाख रूपए तथा आदिवासी समुदायों की पुरातन परंपरा ‘‘करमा‘‘ के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए 2 करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान नये बजट में किया गया है। उन्होंने बताया कि संत शिरोमणि बाबा गुरू घासीदास जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए गिरौदपुरी के साथ ही भण्डापुरी जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में अधोसंरचना विकास एवं मूलभूत सुविधाओं के विस्तार एवं विकास के लिए बजट में 2 करोड़ 24 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। भण्डारपुरी धर्म स्थल में गुरूद्वारा (मोती महल) निर्माण के लिए 17.80 लाख रूपए का भी प्रावधान किया गया है।
कृषि मंत्री श्री नेताम ने विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि किसान परहित और परिश्रम का पर्याय है। कृषि और ऋषि संस्कृति में हम सब रचे-बसे हैं। श्री नेताम ने तखतपुर में उद्यानिकी महाविद्यालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के अनुपूरक बजट में इसे शामिल किया जाएगा। उन्हांेने सदन में बताया कि नये बजट में किसान समृद्धि योजना के लिए 11 करोड़ रूपए और किसानों के कृषि प्रशिक्षण एवं पर्यटन के लिए 2 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में श्रीअन्न (कोदो, कुटकी, रागी) की खेती को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाकर काम किया जा रहा है।
मंत्री श्री नेताम ने सदन में कहा कि खरीफ एवं रबी फसलों की मक्का, सरसो, सोयाबीन, उड़द, मूंग, चना जैसी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था नैफेड और एनसीएफ के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए 80 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए नये बजट में 10 करोड़ रूपए प्रावधानित है। उन्हांेने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्टिकल फार्मिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हो रही है। किसानों को उन्नत वर्टिकल फार्मिंग के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग इसके माध्यम से प्रदान किया जाएगा। आगामी बजट में इसके लिए 15 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
अनुदान मांगों की चर्चा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, सदस्यगण श्री अजय चंद्राकर, श्री पुन्नू लाल मोहले, श्री धरमलाल कौशिक, श्री धर्मजीत सिंह, श्री लखेश्वर बघेल, श्रीमती संगीता सिन्हा, श्री दलेश्वर साहू, श्री दिलीप लहरिया, श्री कुंवर सिंह निषाद, श्रीमती गोमती साय, श्री रामकुमार यादव, श्री प्रबोध मिंज, श्री अटल श्रीवास्तव, श्री व्यास कश्यप, श्रीमती भावना बोहरा, श्रीमती रायमुनि भगत, श्री जनक धु्रव, श्री प्रणव कुमार मरपच्ची, श्री नीलकंठ टेकाम और श्रीमती उद्धेश्वरी पैकरा ने हिस्सा लिया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए - मंत्रिपरिषद ने राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल करते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 के स्थान पर छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025 विधानसभा के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। मुख्यमंत्री ने 27 फरवरी को फिल्म ‘‘छावा‘‘ को राज्य में टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी।मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुपालन में फिल्म छावा के प्रदर्शन पर प्रवेश हेतु देय राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी) के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किए जाने का अनुमोदन किया गया। मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए राज्य जल सूचना केन्द्र (SWIC) का गठन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने की सहमति प्रदान की गई।स्टेट वाटर इंफॉर्मेशन सेंटर वर्षा, नदी और जलाशयों के स्तर, भूजल गुणवत्ता, गाद, नहरों में जल प्रवाह, फसल कवरेज, जलभृत मानचित्रण, भूमि और मिट्टी के डेटा सहित जल संसाधन संबंधी विभिन्न सूचनाओं का संग्रह, विश्लेषण और भंडारण करेगा। SWIC, NWIC द्वारा विकसित डिजिटल प्लेटफार्म की सहायता से जल संसाधन प्रबंधन के लिए प्रमाणिक डेटा उपलब्ध कराएगा। इससे नीति निर्माण, रणनीतिक निर्णय, मॉडलिंग, विश्लेषणात्मक उपकरणों के विकास और जल प्रबंधन को मजबूती मिलेगी।
मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के जल संसाधन विभाग के 09 बॉधों के सुधार कार्यों के लिए 522.22 करोड़ रूपए भारत सरकार के माध्यम से ऋण स्वीकृति प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। इनमें मनियारी टैंक, घोंघा टैंक, दुधावा, किंकारी, सोंढूर, मूरूमसिल्ली (भाग-2), रविशंकर सागर परियोजना (भाग-2), न्यूज रूद्री बैराज और पेण्ड्रावन टैंक शामिल हैं। मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य में सुशासन और नीति क्रियान्वयन को मजबूत करने में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
यह योजना आईआईएम रायपुर और ट्रांसफार्मिंग रूरल इंडिया फाउण्डेशन नई दिल्ली के सहयोग से सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा संचालित की जाएगी। यह योजना छत्तीसगढ़ के मूल निवासी युवाओं के लिए होगी। इस कार्यक्रम को सुफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले फेलो को आईआईएम रायपुर द्वारा एमबीए के डिग्री प्रदान की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर चयनित फेलो को दो वर्ष की कुछ अवधि में आईआईएम रायपुर में शैक्षणिक सत्र में शामिल होना होगा तथा शेष अवधि में जिला/विभाग में राज्य की योजनाओं एवं कार्यक्रम हेतु कार्य करके जिला/विभाग को सहयोग प्रदान करना होगा।इस कार्यक्रम में होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा साथ ही फेलो को प्रति माह स्टाईपेंड भी प्रदान किया जाएगा। मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू के माध्यम से जांच कराने का निर्णय लिया है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महान समाजसेविका एवं छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। उन्होंने कहा कि मिनीमाता जी का संपूर्ण जीवन समाज में व्याप्त छुआछूत, गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए समर्पित था। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नारी शिक्षा और मजदूरों के कल्याण के लिए उनके प्रयास ऐतिहासिक रहे हैं।उन्होंने सामाजिक बुराइयों के खिलाफ न केवल आवाज उठाई, बल्कि उन्हें समाप्त करने के लिए संघर्ष भी किया। वंचितों, शोषितों और महिलाओं के सशक्तिकरण में उनका योगदान अमूल्य है। श्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी का सेवाभावी, कर्मठ और प्रेरणादायी व्यक्तित्व सभी के लिए मार्गदर्शक है। उनके विचार और कार्य हमें समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे। -
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बस्तर में शांति स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा बस्तर पंडुम : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव सायबस्तर के असल जीवन को करीब से जानने-समझने का मिलेगा अवसरबस्तर पंडुम 2025: लोकसंस्कृति और परंपराओं का भव्य उत्सवबस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की अनूठी पहल है बस्तर पंडुमरायपुर : बस्तर के लोग जीवन का हर पल उत्सव की तरह जीते हैं और अपनी खुशी की अभिव्यक्ति के लिए उनके पास समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। बस्तर में शांति स्थापना के लिए हम तेजी से अपने कदम बढ़ा रहे हैं और बस्तर पंडुम के माध्यम से बस्तर के लोकजीवन और लोकसंस्कृति को सहेजने के साथ ही उनकी उत्सवधर्मिता में हम सहभागी बनेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में मांदर की थाप पर नाचते कलाकारों की मौजूदगी में बस्तर पंडुम 2025 के लोगो का अनावरण किया और यह बातें कही। उन्होंने बस्तर पंडुम के सफल आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आयोजन सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने के साथ ही बस्तर के प्रतिभाशाली कलाकारों को सशक्त मंच प्रदान करेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बस्तर पंडुम के बुकलेट का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद बस्तर का विकास और वहां के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल रहा है। बस्तर को माओवाद से मुक्त करने की दिशा में हमने तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक और हाल ही में आयोजित अबूझमाड़ पीस हॉफ मैराथन में भी बस्तर वासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। यह दर्शाता है कि बस्तर वासियों का विश्वास लगातार शासन के प्रति बढ़ा है और वे क्षेत्र में शांति और अमन-चैन चाहते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने बजट में नक्सली हिंसा से ग्रसित रहे पुवर्ती गांव में भी अस्पताल खोलने का बड़ा निर्णय लिया है। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से हम बस्तर वासियों के मूलभूत जरूरत को तेजी से पूरा कर रहें हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के लोग अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं और हर मौके को अपने खास अंदाज में सेलिब्रेट करते हैं । बस्तर पंडुम के माध्यम से बस्तर के असल जीवन को और करीब से देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर पंडुम में नृत्य, गीत, लोककला, लोकसंस्कृति, नाट्य, शिल्प, रीति- रिवाज, परंपरा और व्यंजन सहित विभिन्न 7 विधाओं में प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। श्री साय ने कहा कि बस्तर में खुशहाली हो, लोग भयमुक्त होकर अपने अंदाज में जिये और उन्हें शासन की सभी सुविधाओं का लाभ मिले। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, विधायक श्री किरण देव, विधायक सुश्री लता उसेंडी, विधायक श्री विनायक गोयल, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी. और संचालक संस्कृति श्री विवेक आचार्य मौजूद रहे।
बस्तर की पहचान को दर्शा रहा है बस्तर पंडुम का लोगो
बस्तर पंडुम के लोगो में बस्तर के लोकजीवन को जीवंत रूप में प्रदर्शित किया गया है और यह उनकी सांस्कृतिक पहचान से गहरे से जुड़ा हुआ है। बस्तर के विरासत को बहुत ही कलात्मक ढंग से दिखाने का प्रयास इसमें किया गया है। "बस्तर पंडुम" गोंडी का शब्द है जिसका अर्थ है बस्तर का उत्सव। प्रतीक चिन्ह में बस्तर की जीवनरेखा इंद्रावती नदी, चित्रकूट जलप्रपात, छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वनभैंसा, राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, बायसन हॉर्न मुकुट, तुरही, ढोल, सल्फी और ताड़ी के पेड़ को शामिल गया है। इस प्रतीक चिन्ह के माध्यम से सरल, सहज और उम्मीदों से भरे अद्वितीय बस्तर को आसानी से जाना और समझा जा सकता है।
नृत्य, गीत समेत 07 प्रमुख विधाओं पर केंद्रित होगा आयोजन
‘‘बस्तर पंडुम 2025’’ में जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य, वाद्ययंत्र, पारंपरिक वेशभूषा एवं आभूषण, शिल्प-चित्रकला और जनजातीय व्यंजन एवं पारंपरिक पेय से जुड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। ये स्पर्धाएं तीन चरणों में संपन्न होंगी। जनपद स्तरीय प्रतियोगिता 12 से 20 मार्च, जिला स्तरीय प्रतियोगिता 21 से 23 मार्च, संभाग स्तरीय प्रतियोगिता दंतेवाड़ा में 1 से 3 अप्रैल तक सम्पन्न होगी। प्रत्येक स्तर पर प्रतिभागियों को विशेष पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
बस्तर के लोकजीवन और परंपराओं पर आधारित आयोजन होंगे प्रमुख आकर्षण
बस्तर पंडुम में बस्तर की पारंपरिक नृत्य-शैली, गीत, रीति-रिवाज, वेशभूषा, आभूषण और पारंपरिक व्यंजनों का शानदार प्रदर्शन होगा। प्रतियोगियों के प्रदर्शन को मौलिकता, पारंपरिकता और प्रस्तुति के आधार पर अंक दिए जाएंगे। आयोजन में समाज प्रमुखों, जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। प्रतियोगिता के विजेताओं के चयन के लिए एक विशेष समिति बनाई गई है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ आदिवासी समाज के वरिष्ठ मुखिया, पुजारी और अनुभवी कलाकार शामिल रहेंगे। इससे प्रतियोगिता में पारदर्शिता बनी रहेगी और पारंपरिक लोककला को न्याय मिलेगा।