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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : सावन मास के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ के प्राचीन, धार्मिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के तीर्थ स्थल बाबा भोरमदेव मंदिर में भक्ति और श्रद्धा की गूंज उस समय चरम पर पहुँच गई जब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने हजारों कांवड़ियों और शिवभक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत और अभिनंदन किया। इस शुभ अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्रीद्वय श्री विजय शर्मा और श्री अरुण साव उपस्थित थे।
यह लगातार दूसरा वर्ष है जब मुख्यमंत्री स्वयं श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पुष्पवर्षा कर रहे हैं। पुष्पवर्षा के पश्चात् मुख्यमंत्री श्री साय ने बाबा भोरमदेव मंदिर पहुंचकर मंत्रोच्चारण, विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक किया तथा प्रदेश की समृद्धि, शांति और खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मंदिर परिसर में उपस्थित कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं से भेंट कर उनका हालचाल जाना और पूरे आत्मीय भाव से अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सावन मास के तीसरे सोमवार को बाबा भोरमदेव की पावन धरती पर शिवभक्तों के साथ जुड़ना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य और गर्व का विषय है। हजारों श्रद्धालु सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर भगवान भोलेनाथ के दर्शन हेतु यहां पहुंचे हैं—यह हमारी आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक विरासत की जीवंत मिसाल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अमरकंटक से 151 किलोमीटर पदयात्रा कर भोरमदेव मंदिर में जलाभिषेक करने वाली पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा को भगवा वस्त्र और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत भोरमदेव कॉरिडोर विकास के लिए 146 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना न केवल मंदिर परिसर का कायाकल्प करेगी, बल्कि मड़वा महल, छेरकी महल, रामचुवा से लेकर सरोदा जलाशय तक एक समग्र धार्मिक-पर्यटन कॉरिडोर के रूप में विकसित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ से अमरकंटक जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश के अनूपपुर में 5 एकड़ भूमि आबंटन की प्रक्रिया जारी है, जहाँ एक भव्य श्रद्धालु भवन का निर्माण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं को सावन मास की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हेलीकॉप्टर से की गई पुष्पवर्षा इस पुण्य अवसर की महत्ता को और भी अभूतपूर्व बना गई है।
पौराणिक परंपरा का गौरव: भक्ति से सराबोर हुआ बाबा भोरमदेव परिसर
सावन मास में भगवान शिव—देवों के देव—के जलाभिषेक की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कवर्धा से 18 किलोमीटर दूर ग्राम चौरा में स्थित 11वीं शताब्दी का यह भोरमदेव मंदिर ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। श्रावण मास में छत्तीसगढ़ के कबीरधाम, मुंगेली, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव सहित मध्यप्रदेश के अमरकंटक से हजारों श्रद्धालु पदयात्रा कर बाबा भोरमदेव, बूढ़ा महादेव और डोंगरिया के प्राचीन जलेश्वर शिवलिंग में जलाभिषेक करने आते हैं। श्रद्धालु माँ नर्मदा से जल भरकर नंगे पाँव और भगवा वस्त्रों में 150 किलोमीटर से अधिक की दुर्गम यात्रा कर “बोल बम” के जयघोष और भजनों के साथ भोरमदेव, जलेश्वर महादेव और पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर पहुँचते हैं। -
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मुख्यमंत्री श्री साय ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट में हुए शामिल, स्टील उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में यूनिट लगाने का आमंत्रण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने देश के विभिन्न स्टील उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में उत्पादन यूनिट स्थापित करने का आमंत्रण दिया है। उन्होंने आज स्थानीय होटल में आयोजित ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट में सहभागिता कर उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में इस उद्योग की भरपूर संभावनाओं और इसके लिए विकसित अधोसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) की जानकारी दी। यह समिट कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज द्वारा पूर्वी क्षेत्र के सदस्यों के लिए आयोजित की गई थी।
समिट में उपस्थित उद्यमियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में स्टील सेक्टर को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया गया है। यदि कोई उद्यमी ग्रीन स्टील का उत्पादन कर रहा हो, तो उसे विशेष अनुदान देने का प्रावधान भी छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्टील हब बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उनके नेतृत्व में देश में स्टील उत्पादन 100 मिलियन टन से बढ़कर 200 मिलियन टन हो गया है, और वर्ष 2030 तक इसे बढ़ाकर 300 मिलियन टन तक पहुँचाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी स्टील की वर्तमान उत्पादन क्षमता 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं।
खनिज संसाधनों से समृद्ध, औद्योगिक संभावनाओं से परिपूर्ण राज्य
छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपने भरपूर खनिज संसाधनों के कारण समृद्ध है। इनके उचित दोहन से यहाँ औद्योगिक संभावनाओं में अत्यधिक विस्तार संभव है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार की रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और राज्य सरकार की स्थानीय लोगों को रोजगार देने हेतु अनुदान योजनाओं से इस दिशा में सार्थक कार्य होगा।
‘अंजोर विज़न’ दस्तावेज़ में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रमुखता
मुख्यमंत्री ने उपस्थित उद्यमियों को बताया कि विकसित भारत @2047 के लक्ष्य के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की परिकल्पना पर आधारित अंजोर विजन डाक्यूमेंट तैयार कर लिया गया है। इस दस्तावेज़ में चरणबद्ध रूप से विकास की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है। उन्होंने बताया कि इस विज़न दस्तावेज़ में सर्वाधिक फोकस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर है, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की कोर इंडस्ट्री – जैसे स्टील एवं पावर – को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।
लक्ष्य प्राप्ति हेतु अधोसंरचना सहित सभी तैयारियाँ पूर्ण
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अधोसंरचना सहित सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। राज्य में रेलवे अधोसंरचना को सशक्त किया गया है। तेज़ी से रेल नेटवर्क और उससे संबंधित अधोसंरचना का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे स्टील सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 47 हज़ार करोड़ रुपये की लागत से रेलवे के विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर कार्य हो रहा है। अब रावघाट से जगदलपुर रेलमार्ग पर भी कार्य आरंभ होगा। किरंदुल से तेलंगाना के कोठागुडेम तक नई रेललाइन बिछाई जाएगी, जिसमें 138 किलोमीटर का हिस्सा बस्तर से गुजरेगा। रायगढ़ के खरसिया से राजनांदगांव के परमालकसा तक नया रेल नेटवर्क बनाकर कई प्रमुख औद्योगिक केंद्रों तक कच्चे माल की आपूर्ति एवं तैयार माल की ढुलाई की प्रक्रिया आसान की जाएगी, जिससे उत्पादन लागत में भारी कमी आएगी।
इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए 350 से अधिक सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम और इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रक्रिया को लागू किया गया है। साथ ही 350 से अधिक नीतिगत सुधार किए गए हैं, जिनका सीधा लाभ स्टील सेक्टर में किए गए निवेशकों को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रीन एनर्जी को अपनाने वाले औद्योगिक संस्थानों को विशेष अनुदान दिया जाएगा। श्री साय ने राज्य में ग्रीन स्टील उत्पादन हेतु हाइड्रोजन जैसी उन्नत तकनीकों के उपयोग पर प्रसन्नता व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ माह पूर्व आयोजित एनर्जी समिट में छत्तीसगढ़ में लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 57 हज़ार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव जलविद्युत परियोजनाओं से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) उत्पादन की दिशा में भी छत्तीसगढ़ तेज़ी से प्रगति कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक कॉरिडोर के निर्माण पर तीव्र गति से कार्य हो रहा है, और नए औद्योगिक पार्क भी स्थापित किए जा रहे हैं। निजी क्षेत्र को औद्योगिक पार्क स्थापित करने हेतु विशेष अनुदान का प्रावधान किया गया है। उन्होंने समिट में उपस्थित उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में निवेश करने और यूनिट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।
प्रशिक्षित जनशक्ति एवं लॉजिस्टिक नीति का लाभ उठाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के सभी विकासखंडों में स्किल इंडिया के सेंटर प्रारंभ कर दिए गए हैं, जिससे उद्योगों को प्रशिक्षित जनशक्ति की कोई कमी नहीं होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि निवेशकों को नई लॉजिस्टिक नीति का भी लाभ मिलेगा। इस नीति के अंतर्गत ड्राय पोर्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो आदि की स्थापना पर भी अनुदान प्रदान किया जाएगा। छत्तीसगढ़ की सेंट्रल इंडिया में स्थिति होने के कारण लॉजिस्टिक के क्षेत्र में असीम संभावनाएँ हैं। एक्सप्रेसवे, रेलवे और राजमार्गों के माध्यम से देश के चारों दिशाओं में बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ स्टील सेक्टर को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने रायपुर-दुर्ग-भिलाई जैसे शहरों को शामिल कर स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में एक बड़े स्टील क्लस्टर के विकास की योजना की जानकारी भी दी।
250 से अधिक औद्योगिक संस्थान हुए समिट में शामिल
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज द्वारा आयोजित इस ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट में पूर्वी भारत के पांच राज्यों – पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ – के 250 से अधिक स्टील और पावर सेक्टर से जुड़े औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ में उद्योगों की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने सीआईआई द्वारा आयोजित औद्योगिक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
समिट में सीआईआई छत्तीसगढ़ के चेयरमैन श्री संजय जैन, को-चेयरमैन श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, वाइस चेयरमैन श्री बजरंग गोयल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत एवं सचिव उद्योग श्री रजत कुमार उपस्थित थे। -
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क्षमता विकास आयोग और छत्तीसगढ़ शासन के बीच हुआ एमओयू
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के समक्ष आज नवा रायपुर स्थित एक निजी होटल में भारत सरकार की क्षमता विकास आयोग एवं छत्तीसगढ़ शासन के मध्य एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत हुए इस एमओयू पर छत्तीसगढ़ शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी के महानिदेशक श्री सुब्रत साहू तथा क्षमता विकास आयोग की ओर से सदस्य सचिव श्रीमती वी. ललिता लक्ष्मी ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि मिशन कर्मयोगी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के स्वप्नों को साकार करने वाला एक दूरदर्शी मिशन है। इस मिशन के माध्यम से देश के सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों में कर्मयोगी की भावना विकसित होगी और वे राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में चार लाख शासकीय सेवकों को सतत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अब तक लगभग 50 हजार अधिकारी-कर्मचारी इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते वैश्विक और राष्ट्रीय परिदृश्य के अनुरूप कौशल विकास आज की अनिवार्यता बन गया है। इस नए युग के साथ निरंतर कौशल उन्नयन तथा शासन-प्रशासन में उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने में मिशन कर्मयोगी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस सुशासन की स्थापना के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है, उसे नई ऊँचाई प्रदान करने में यह एमओयू एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। इस साझेदारी के माध्यम से राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप नवीन प्रशिक्षण पद्धतियों को अपनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन कर्मयोगी को पूर्ण समर्पण के साथ लागू करने तथा इसके लाभ को प्रशासन के प्रत्येक स्तर तक पहुँचाने हेतु राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगी। सरकार निरंतर शासन एवं प्रशासनिक स्तर पर नवाचार और अभिनव पहलों के माध्यम से व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा नागरिकों को बेहतर सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि यह पहल लोक सेवकों को नागरिकों की आवश्यकताओं के प्रति अधिक संवेदनशील और उत्तरदायी बनाने में सहायक सिद्ध होगी, साथ ही जन-केंद्रित नीतियों और सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहयोग प्रदान करेगी। श्री साय ने कहा कि इन प्रयासों के माध्यम से हम सभी मिलकर कुशल और प्रेरित लोक सेवकों के सहयोग से विकसित छत्तीसगढ़ के स्वप्न को साकार कर पाएँगे।
इस अवसर पर आयोग की सदस्य डॉ. अल्का मित्तल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, मिशन कर्मयोगी योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राकेश वर्मा, प्रशासन अकादमी के संचालक श्री टी.सी. महावर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा एवं श्री अरुण साव भी रहेंगे उपस्थित, हजारों श्रद्धालुओं की होगी सहभागिता
रायपुर : श्रावण मास के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थापित बाबा भोरमदेव धाम एक बार फिर श्रद्धा, भक्ति और सनातन आस्था का जीवंत प्रतीक बनने जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय हेलीकॉप्टर से भोरमदेव मंदिर परिसर पहुँचकर सुबह कावड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं, भक्तों और कावड़ियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत और अभिनंदन करेंगे। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब मुख्यमंत्री स्वयं श्रद्धालुओं का पुष्प वर्षा के माध्यम से स्वागत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय के साथ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा तथा उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव भी उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन छत्तीसगढ़ सरकार की सनातन परंपरा, लोक आस्था और श्रद्धालुओं के प्रति सम्मान भाव को दर्शाता है। श्रावण मास में भोरमदेव मंदिर विशेष महत्व रखता है। यह तीसरा सोमवार होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या और आस्था दोनों चरम पर रहेंगी। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव, बलौदा बाजार, मुंगेली, बिलासपुर सहित अन्य जिलों से हजारों की संख्या में कांवड़िए भोरमदेव पहुँचते हैं। हजारों की संख्या में माँ नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु जल लेकर पदयात्रा करते हुए भोरमदेव मंदिर पहुँचते हैं और भगवान भोलेनाथ को जलाभिषेक करते हैं।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल पर कांवड़ यात्रियों के स्वागत के लिए सुरक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य, भोजन, रात्रि विश्राम, पार्किंग, मार्गदर्शन एवं प्राथमिक चिकित्सा जैसी सुविधाओं की विशेष व्यवस्था की गई है। मंदिर क्षेत्र को विद्युत सज्जा, भजन संध्या और स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से पूरी तरह भक्तिमय रूप में परिवर्तित किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में श्रद्धालुओं के सम्मान एवं सेवा की यह परंपरा एक नई ऊँचाई की ओर बढ़ रही है। पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं का अभिनंदन करना केवल एक प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि सरकार की इस भावना का प्रमाण है कि वह धर्म, आस्था और संस्कृति के साथ खड़ी है। भोरमदेव धाम जिसे "छत्तीसगढ़ का खजुराहो" भी कहा जाता है, सावन के इस विशेष दिन पर आस्था के महासंगम का केंद्र बनेगा। कांवड़ यात्रा और मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों की उपस्थिति के चलते यह आयोजन आध्यात्मिक ऊर्जा, प्रशासनिक सक्रियता और सामाजिक सहभागिता का अनुपम उदाहरण बन जाएगा। -
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'मन की बात’ में छत्तीसगढ़ की गूंज – बिल्हा की महिलाओं ने बदली शहर की तस्वीर, पीएम ने की सराहना
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय बोले – यह हर छत्तीसगढ़वासी के लिए गर्व का क्षण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम का सामूहिक श्रवण किया। इस अवसर पर श्री विकास मरकाम, श्री नवीन मार्कण्डेय, श्री अमित चिमनानी, श्रीमती हर्षिता पांडे, श्री अमित साहू सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ‘मन की बात’ न केवल जन संवाद का एक सशक्त माध्यम है, बल्कि यह देशभर के नवाचारों, जनप्रयासों और प्रेरणादायक कहानियों को सामने लाकर लोगों में नई ऊर्जा भरने का कार्य करता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज का दिन छत्तीसगढ़ के लिए विशेष गौरव का विषय है, क्योंकि बिलासपुर जिले के नगर पंचायत बिल्हा में स्वच्छता के क्षेत्र में मातृशक्ति द्वारा किए गए नवाचार का उल्लेख स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम में किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिल्हा की महिलाओं को वेस्ट मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी गई और उन्होंने मिलकर शहर की तस्वीर बदल डाली। यह उल्लेख हम सभी छत्तीसगढ़वासियों के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बिल्हा की महिलाओं ने दिखा दिया कि जब संकल्प और सहयोग एक साथ हों, तो कोई भी बदलाव असंभव नहीं होता। स्वच्छता की इस मिसाल ने पूरे देश में छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया है। बिल्हा की महिलाओं ने अपने संकल्प से इसे देश का सबसे स्वच्छ शहर बना दिया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति ने स्वच्छता के क्षेत्र में जो नवाचार किया है, उसे आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में विशेष रूप से रेखांकित किया। यह दिखाता है कि स्वच्छता केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से बनता हुआ एक सशक्त जनांदोलन है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 7 शहरों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत माननीय राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है, जिनमें नगर पंचायत बिल्हा सहित अन्य नगरीय निकाय शामिल हैं। उन्होंने नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों, निगम आयुक्तों, सीएमओ, स्वच्छता दीदियों और सफाईकर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि यह सभी के समर्पण और मेहनत का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय मंचों पर सम्मानित हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी बताया कि हाल ही में जशपुर जिले के दौरे के दौरान उन्हें जानकारी मिली कि जिले के पाँचों नगरीय निकायों ने स्वच्छता रैंकिंग में अभूतपूर्व छलांग लगाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर दो दिन पहले उन्होंने जशपुर में स्वच्छता दीदियों और कर्मियों को स्वयं सम्मानित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में एक सकारात्मक वातावरण बना है और हमारी सरकार ने जिस निष्ठा एवं संकल्प के साथ स्वच्छ भारत मिशन को लागू किया है, उसका परिणाम आज देश के सामने है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ‘मन की बात’ आज देश के कोने-कोने की साधारण कहानियों को असाधारण प्रेरणा में बदलने वाला राष्ट्रीय अभियान बन गया है जो भारत के लोकतंत्र की जीवंतता का साक्षात प्रमाण है। -
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बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को करेंगे पूर्ण
सतनामी समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह में हुए शामिल
रायपुर में बहुद्देशीय सतनामी समाज भवन हेतु 1 करोड़ रुपये की घोषणा
गिरौदपुरी स्थित मड़वा महल के अधूरे कार्यों हेतु 50 लाख की मंजूरी
प्रतिभावान विद्यार्थियों को राज्य सरकार देगी 5-5 हजार की प्रोत्साहन राशि
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आयोजित सतनामी समाज के नवनिर्वाचित प्रदेश पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह में सम्मिलित हुए। उन्होंने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि शिक्षा समाज के विकास का मूलमंत्र है। समाज के सर्वांगीण विकास के लिए हम सबको मिल-जुलकर कार्य करना होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में गिरौदपुरी धाम में कुतुब मीनार से भी ऊँचा जैतखाम निर्मित किया गया, साथ ही अनेक विकास कार्य भी संपन्न हुए। इससे न केवल समाज का गौरव बढ़ा है, बल्कि सतनामी समाज को वैश्विक पहचान भी मिली है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया है। इसी अनुरूप हमारी सरकार ने भी छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया है। हमें पूर्ण विश्वास है कि बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से यह संकल्प अवश्य पूर्ण होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर राजधानी रायपुर में सतनामी समाज के बहुद्देशीय भवन निर्माण हेतु 1 करोड़ रुपये की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, गिरौदपुरी स्थित मड़वा महल के शेष अधूरे कार्यों की पूर्णता हेतु 50 लाख रुपये की मंजूरी भी प्रदान की गई। उन्होंने समारोह में सम्मानित हो रहे प्रतिभावान विद्यार्थियों को पाँच–पाँच हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की। इस अवसर पर कक्षा 10वीं और 12वीं के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सतनामी समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि जब समाज के पदाधिकारी प्रतिबद्धता, निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करते हैं, तो समाज की विश्वसनीयता बढ़ती है और समरसता के साथ समाज प्रगति की दिशा में अग्रसर होता है। उन्होंने कहा कि टीम भावना से कार्य करने पर रचनात्मक प्रयासों को बल मिलता है। उन्होंने गिरौदपुरी धाम में नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री एल.एल. कोसले के नेतृत्व में भव्य धर्मशाला निर्माण की पहल के लिए बधाई भी दी।
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से उन्हें सार्वजनिक जीवन के इन 40 वर्षों में विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री और अब विधानसभा अध्यक्ष जैसे विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करने का अवसर मिला। बाबा जी का “मनखे-मनखे एक बराबर” का संदेश, श्वेत ध्वजा और श्वेत वस्त्र प्रदेश को शांति का प्रतीक बनाते हैं। पंथी नृत्य की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति भी विश्व में छत्तीसगढ़ की शांति व समरसता को स्थापित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी की सहभागिता और बाबा जी के आशीर्वाद से आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देश का सबसे विकसित राज्य बनेगा।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि समाज की उन्नति के लिए सामाजिक एकता और शिक्षा दो महत्त्वपूर्ण आधार हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और प्रत्येक वर्ष प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में सतनामी समाज उन्नति के नए शिखर पर पहुँचेगा।
खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने सतनामी समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि इन पदाधिकारियों के कंधों पर समाज को सशक्त बनाने की बड़ी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में समाज को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उद्योग, व्यापार एवं स्वरोजगार की दिशा में समाज को आगे आने का आह्वान किया। मंत्री श्री बघेल ने जानकारी दी कि देशभर से पधारे सतनामी समाज के आध्यात्मिक गुरुओं की उपस्थिति में गिरौदपुरी धाम में ‘गुरु दर्शन’ के उपरांत एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी समाजजनों की सहभागिता अपेक्षित है।
कार्यक्रम को सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, गुरु खुशवंत साहेब, प्रगतिशील सतनामी समाज के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष श्री एल.एल. कोसले ने भी संबोधित किया।
इस शपथग्रहण समारोह में विधायकगण श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, श्रीमती उत्तरी जांगड़े, श्रीमती शेषराज हरवंश, श्रीमती कविता प्राण लहरे, उत्तर प्रदेश से श्री कमलेश दास, असम से श्री मदन सतनामी, बिहार से श्री श्याम दास, ओडिशा से सूरज भारती, राजस्थान से मारवाड़ सतनामी समाज के अध्यक्ष श्री महेंद्र सतनामी, मध्यप्रदेश से श्री किशन बंजारे तथा दिल्ली से डॉ. जगजीवन खरे सहित सतनामी समाज के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी एवं अध्यात्म गुरुगण उपस्थित रहे। साथ ही, प्रदेश साहू समाज, यादव समाज, कुर्मी समाज, सर्व आदिवासी समाज सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिगण भी इस समारोह में सम्मिलित हुए। -
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मुख्यमंत्री श्री साय ने किया “रक्त-मित्र” पुस्तिका का विमोचन, रेडक्रॉस के आजीवन सदस्यों को किया सम्मानित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि रक्तदान एक पुनीत कार्य है, जो न केवल किसी जरूरतमंद को जीवनदान देता है, बल्कि मानवता के प्रति हमारी सेवा भावना का श्रेष्ठतम उदाहरण भी है। मुख्यमंत्री श्री साय आज जशपुर जिले के ग्राम बगिया में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि “रक्त-मित्र” डायरेक्ट्री एक ऐतिहासिक और सराहनीय पहल है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति समय पर रक्तदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित कर सकता है। यह पहल जीवनरक्षक सहायता को सहज, सुलभ और समयबद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मुझे यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जशपुर जिले में हर वर्ग के नागरिक स्वैच्छिक रक्तदान और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं और समाज सेवा में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं। आज रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ, क्योंकि जीवनदान देने वाला व्यक्ति वास्तव में ईश्वर के समकक्ष होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि रक्त का हमारे जीवन में क्या महत्व है। सही समय पर उपयुक्त रक्त समूह का रक्त मिलने से किसी के प्राणों की रक्षा की जा सकती है, इसलिए रक्तदान को ‘महादान’ कहा गया है। राज्य में रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से सर्वाधिक रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है, जो जनसेवा की उत्कृष्ट मिसाल है। मैं इस मंच से प्रदेशवासियों से आह्वान करता हूँ कि वे यथासंभव रक्तदान कर इस जीवनरक्षक कार्य में सहभागी बनें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार हेतु राज्य सरकार निरंतर प्रतिबद्ध है। हाल ही में हमने एम्बुलेंस सेवाओं को हरी झंडी दिखाकर त्वरित चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस पहल की है। उन्होंने कहा कि मैं सभी नागरिकों को यह आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हमारी सरकार प्रत्येक व्यक्ति को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और त्वरित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए संकल्पित है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कैम्प कार्यालय बगिया में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी जशपुर के आजीवन सदस्यों को प्रमाण पत्र वितरित किए और “रक्त-मित्र” पुस्तिका का विमोचन किया। इस दौरान उन्होंने श्री नीरज शर्मा, श्री अजय कुमार कुशवाहा और श्री शिव नारायण सोनी को प्रमाण पत्र प्रदान कर उनके योगदान की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि “रक्त-मित्र” डायरेक्ट्री, जिला प्रशासन एवं भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, जिला जशपुर की एक अभिनव पहल है, जिसके अंतर्गत 480 स्वैच्छिक रक्तदाताओं के नाम एवं मोबाइल नंबर सूचीबद्ध किए गए हैं। इस डायरेक्ट्री के माध्यम से जब भी किसी मरीज को रक्त की आवश्यकता होगी, वह सीधे सूची में दिए गए नंबरों पर संपर्क कर रक्त प्राप्त कर सकता है।
इस प्रयास से रोगियों को इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और उन्हें समय पर रक्त मिल सकेगा। यदि कोई व्यक्ति या समाजसेवी “रक्त-मित्र” बनना चाहता है, तो वह डायरेक्ट्री में दिए गए QR कोड को स्कैन कर गूगल फॉर्म भर सकता है। साथ ही, कलेक्टर एवं अध्यक्ष, भारतीय रेडक्रॉस जिला मुख्यालय, जशपुर (कलेक्ट्रेट परिसर, कक्ष क्रमांक 122) में संपर्क कर भी “रक्त-मित्र” के रूप में पंजीयन कर सकता है।
इस गरिमामय कार्यक्रम में सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं पत्थलगाँव विधायक श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह, डिप्टी कलेक्टर श्री हरिओम द्विवेदी, डिप्टी कलेक्टर श्री प्रशांत कुशवाहा, रेडक्रॉस सोसायटी के श्री रूपेश प्राणी ग्राही, अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयासों से मिली स्वीकृति
स्थानीय युवाओं को कैरियर बनाने में मिलेगी मदद
मुख्यमंत्री से एयर एनसीसी के छात्रों ने की मुलाकात
रायपुर : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के युुवाओं को अब एनसीसी में एयर स्क्वाड्रन के जरिए अपना कैरियर बनाने के लिए मदद मिल पाएगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रयासों से जिले के पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय में एनसीसी की एयर स्क्वाड्रन शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। यह छत्तीसगढ़ की 3 सीजी एनसीसी एयर स्क्वाड्रन होगी। श्री साय के प्रयासों से यह जिले के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो स्थानीय युवाओं के भविष्य को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने विद्यालय में एयर एनसीसी के लिए चयनित 25 मेधावी विद्यार्थियों को एनसीसी कैडेट्स का बैच लगाकर पंजीयन की शुरुआत की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इनमें 13 बालिकाएं और 12 बालक शामिल हैं। इस अवसर पर विंग कमांडर श्री विवेक कुमार साहू ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस दौरान विधायक श्रीमती गोमती साय और श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव सहित जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
रंग लाई मुख्यमंत्री की पहल, जशपुर मेेें शुरू हुई एयर स्कवाड्रन
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय ने पिछले एनसीसी दिवस समारोह के दौरान रायपुर के समान राज्य के अन्य हवाई पट्टी वाले शहरों में भी एनसीसी की एयर स्कवाड्रन शुरू करने की इच्छा व्यक्त की थी। अभी तक छत्तीसगढ़ में केवल रायपुर में ही एयर एनसीसी और उड़ान का प्रशिक्षण दिया जाता है, जबकि जगदलपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर और जशपुर जैसे स्थानों पर भी हवाई पट्टियों की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री की इस पहल पर मार्च माह में जशपुर की आगडीह हवाई पट्टी को 3 सीजी एयर एनसीसी स्क्वाड्रन के लिए स्वीकृति प्रदान की गई और एक माइक्रोलाइट विमान को प्रशिक्षण हेतु जशपुर भेजा गया। इस दौरान लगभग 100 कैडेट्स को उड़ान का वास्तविक अनुभव प्रदान किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं हवाई पट्टी पहुंचकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का निरीक्षण किया और कैडेट्स से संवाद किया। कैडेट्स ने उन्हें विमान से संबंधित तकनीकी जानकारियाँ भी साझा कीं।
प्रशिक्षण प्राप्त कैडेट को रोजगार के बेहतर अवसर
वर्तमान में 3 सीजी एयर एनसीसी एयर स्क्वाड्रन, पूरे देश में एकमात्र एयर स्क्वाड्रन है जिसमें एम्स, एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्र कैडेट के रूप में जुड़े हुए हैं। कैडेटों को यूपीएससी और एसएसबी साक्षात्कार के माध्यम से सेना में 25 वैकेन्सी /पाठ्यक्रम के अवसर मिलते हैं, एसएससी के माध्यम से ऑफिसर्स ट्रेनिग अकादमी के लिए 50 वैकेंसी/पाठ्यक्रम के अवसर मिलते हैं जिसमें यूपीएससी परीक्षा की आवश्यकता नहीं होती है और केवल एसएसबी साक्षात्कार के माध्यम से चयन के अवसर मिलते है। 20 सीटें लडकियों के लिए आरक्षित होती हैं। वायु सेना के उड़ान प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों सहित सभी पाठ्यक्रमों में 10 प्रतिशत वेकेंसी होती है। जिसके लिए एएफसीएटी, यूपीएससी परीक्षा की आवश्यकता नहीं होती है। इसी तरह से पैरामिलिट्री फोर्स भर्ती में 2 से 10 बोनस अंक दिया जाता है।कई उद्योगों में भी एनसीसी सी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरियों में प्राथमिकता दी जाती है। -
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मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की
गाय और बछड़े को लोंदी खिलाकर दिया पशुधन संरक्षण का संदेश
रायपुर : छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति के पहले पर्व “हरेली” पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में गौरी-गणेश, नवग्रह की पूजा कर भगवान शिव का अभिषेक किया। पहली बार मुख्यमंत्री निवास में हरेली के पूजन में भिलाई की ग्रेजुएट सुश्री धनिष्ठा शर्मा ने अपने बड़े भाई श्री दिव्य शर्मा के साथ भगवान शिव के अभिषेक में मंत्रोच्चार किया, इससे मुख्यमंत्री श्री साय एवं उनके परिजनों सहित मौजूद सभी अतिथि प्रभावित हुए।
हरेली के पूजा-पाठ में विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम, महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े और राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने खेती किसानी के कामों में उपयोग होने वाले नांगर, रापा, कुदाल व दूसरे कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा-अर्चना कर हरेली उत्सव का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश के किसानों समेत समस्त छत्तीसगढ़ वासियों की ख़ुशहाली एवं सुख-समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने पशुधन संरक्षण के संदेश के साथ गाय और बछड़े को पारंपरिक लोंदी और हरा चारा खिलाया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को हरेली पर्व की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हरेली पर्व केवल किसानों का उत्सव नहीं है, बल्कि यह प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन से जुड़े हमारे गहरे रिश्ते को भी दर्शाता है। इस दिन गाय एवं अन्य मवेशियों को गेहूं के आटे, नमक और अरंडी के पत्तों से तैयार लोंदी खिलाने की परंपरा है। मान्यता है कि इससे पशुओं को कई प्रकार की बीमारियों से बचाव मिलता है और उनकी सेहत बेहतर रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में पशुओं को परिवार का सदस्य माना गया है। हरेली का यह पर्व हमें पशुधन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके संरक्षण का संकल्प लेने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अपनी परंपराओं से जुड़ें और पशुधन की देखभाल एवं सुरक्षा को प्राथमिकता दें। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस अवसर पर पारंपरिक छत्तीसगढ़ी परिवेश और पूजा-पद्धति के साथ लोक संस्कृति की जीवंत झलक देखने को मिली। -
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किसानों की खुशहाली और समृद्धि हमारा प्रमुख ध्येय मुख्यमंत्री श्री साय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ कर रहा है ऐतिहासिक प्रगति: डॉ. रमन सिंह
किसानों की खुशहाली और हरियाली का उत्सव बना मुख्यमंत्री निवास का हरेली तिहार आयोजन
रायपुर : रायपुर सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री निवास में आज हरेली पर्व का गरिमामय आयोजन हुआ। त्यौहार मनाने के लिए पूरे परिसर को ग्रामीण परिवेश में सजाया गया था। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की खुशहाली और समृद्धि हमारी सरकार का मुख्य ध्येय है। हरेली तिहार छत्तीसगढ़ की परंपरा, प्रकृति और खेती-किसानी से जुड़ा ऐसा पर्व है, जो हमें अपने मूल से जोड़ता है। आज पूरा छत्तीसगढ़ हरेली की खुशी में डूबा है। मुख्यमंत्री निवास में भी यह पर्व पूरे उल्लास और पारंपरिक तरीके से मनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बस्तर से लेकर सरगुजा तक हरेली को मनाने का अपना-अपना अंदाज है। लेकिन सभी जगह इसका रंग एक ही है, आस्था और उत्साह एक ही है। जिस तरह प्रकृति हमारा ख्याल रखती है, उसी तरह हमें भी प्रकृति का ख्याल रखना चाहिए। हरेली केवल खेती-किसानी का त्यौहार नहीं है, बल्कि यह अपनी धरती की हरियाली और प्रकृति पूजा का भी त्यौहार है। छत्तीसगढ़ महतारी की कृपा हम सब पर बरसाती रहे और सभी किसान भाई खुशहाल रहें।
यही मंगल कामना है उन्होंने कहा कि श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने और 21 क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तय कर ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। हम सभी ने 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ का सपना देखा है और इसके लिए हमने अपना विजन डॉक्यूमेंट भी बनाया है। हमारी सरकार राज्य से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पूरी तरह से प्रयास कर रही है।
हरेली त्योहार पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि हरेली छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा और किसान जीवन का उत्सव है। इस पावन अवसर पर मैं प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ। यह त्योहार प्रकृति, कृषि और पशुधन से जुड़े हमारे जीवन मूल्यों की गूंज है। उन्होंने कहा कि ऐसा विश्वास है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती स्वयं धरती पर आकर किसानों के बीच उपस्थित होते हैं और उनके खेतों का निरीक्षण करते हैं। यही कारण है कि इस दिन किसान अपने कृषि यंत्रों, हल-बैल और खेत-खलिहानों की पूजा करते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में आज छत्तीसगढ़ कृषि के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति कर रहा है। किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीद और विभिन्न योजनाओं में 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है। यह हिंदुस्तान में किसी भी राज्य द्वारा किसानों के लिए किया गया सबसे बड़ा कार्य है। यह दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ में एक ऐसा मुख्यमंत्री है, जो केवल घोषणाएं नहीं करता, बल्कि धरातल पर किसानों के पसीने की कीमत चुका रहा है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायकगण, निगम मंडल आयोग के अध्यक्ष सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर स्थित विधायक कॉलोनी में आयोजित शोक सभा में शामिल होकर वन मंत्री श्री केदार कश्यप के भतीजे एवं बस्तर के पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप के सुपुत्र स्वर्गीय श्री निखिल कश्यप को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने स्व. निखिल कश्यप की पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी तथा शोकाकुल परिजनों से भेंट कर गहरी संवेदना प्रकट की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस दुःखद अवसर पर ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे। -
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तीन उच्च स्तरीय पुलों का होगा निर्माण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले के समग्र विकास को दृष्टिगत रखते हुए एक और बड़ी सौगात दी है। जिले के तीन प्रमुख नदी-नालों में उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग निर्माण कार्य के लिए कुल 11 करोड़ 52 लाख 43 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इन निर्माण कार्यों से ग्रामीण अंचल की कनेक्टिविटी सुदृढ़ होगी और वर्षा ऋतु में भी अब नागरिकों को सुगम आवागमन की सुविधा मिलेगी।
तीन प्रमुख स्थलों पर होगा पुल निर्माण
लोक निर्माण विभाग मंत्रालय द्वारा जशपुर जिले के बोडोकछार से चटकपुर मार्ग पर स्थित चंपाझरिया नाला में उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए 4 करोड़ 46 लाख 58 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। यह मार्ग क्षेत्र के कई गांवों को जोड़ता है और पुल निर्माण से वर्षा के दिनों में बहाव से कटने वाली सड़क की समस्या स्थायी रूप से दूर होगी। जिले के भालूमुंडा-खजूरघाट मार्ग पर स्थित कोकिया नदी पर उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग निर्माण हेतु 3 करोड़ 32 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस पुल के निर्माण से ग्रामीणों को पूरे साल निर्बाध रूप से आवाजाही की सुविधा मिल सकेगी। डूमरबहार से तमता मार्ग पर शेखरपुर के पास गुढ़ा नाला पर 3 करोड़ 73 लाख 85 हजार रुपए की लागत से उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंच मार्ग निर्माण को मंजूरी दी गई है। इससे न केवल यातायात सुगम होगा बल्कि आपातकालीन सेवाएं भी सुगमता से पहुंच सकेंगी।
इन पुलों के निर्माण से संबंधित क्षेत्रों के हजारों ग्रामीणों को सीधा लाभ मिलेगा। इन परियोजनाओं से क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेंगी। जिससे कृषि, व्यापार, स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्रों में सुधार होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय द्वारा जिले के विकास के लिए निरंतर की जा रही घोषणाएं और स्वीकृतियाँ यह दर्शाती हैं कि राज्य सरकार जशपुर जैसे दूरस्थ अंचलों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।वहीं क्षेत्र वासियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताया है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन की महतारी वंदन योजना ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बदलाव की नई इबारत लिख रही है। यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि परिवार की जरूरतों में भी सहभागी बन रही हैं।
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के ग्राम पंडरीतराई निवासी श्रीमती रबीना पिस्दा जो एक गृहिणी हैं। उन्हें योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 1000 रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है। उन्होंने बताया कि इस राशि को वह अपने बेटे की शिक्षा और जरूरी घरेलू कार्यों में उपयोग कर रही हैं। इस वर्ष जब उनके बेटे का पहली कक्षा में प्रवेश हुआ, तो उन्होंने महतारी वंदन योजना की राशि से बेटे के लिए बस्ता, स्लेट, पेंसिल, जूते सहित अन्य शिक्षण सामग्री खरीदी। श्रीमती रबीना बताती हैं कि उनके पति कृषि कार्य करते हैं और वह स्वयं भी खेती में हाथ बंटाती हैं। पहले किसी भी प्रकार की बचत कर पाना मुश्किल था, लेकिन इस योजना से अब हर माह थोड़ी-बहुत राशि बचाकर वह अपने बेटे के उज्जवल भविष्य की नींव मजबूत कर पा रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के प्रति आभार व्यक्त करते हुए श्रीमती रबीना ने कहा कि महतारी वंदन योजना उनके जैसी हजारों-लाखों महिलाओं के लिए संबल बनी है। इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने और परिवार में योगदान देने का अवसर मिल रहा है। -
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राज्य सरकार प्रतिबद्ध है प्रदेश के हर खिलाड़ी को अवसर, संसाधन और मंच देने के लिए : मुख्यमंत्री
महासमुंद की नवलीन कौर ने तीरंदाजी में नेशनल गेम्स में बनाया स्थान, राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जीता था गोल्ड मेडल
रायपुर : खेल प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के हर खिलाड़ी को उसकी मेहनत, लगन और क्षमता के अनुरूप अवसर, संसाधन और मंच उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने महासमुंद जिले की नवोदित तीरंदाज नवलीन कौर को आगामी राष्ट्रीय खेलों में तीरंदाजी में स्थान बनाने पर बधाई और शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवलीन जैसी खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के भविष्य की नींव हैं और सरकार उन्हें खेल के हर स्तर पर निखारने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।
जन्म से ही स्वास्थ्यगत चुनौतियों से जूझने वाली नवलीन ने इसे अपनी कमज़ोरी नहीं, बल्कि ताकत में बदल दिया और खेल को अपना जीवन-मार्ग चुना। उन्होंने फरवरी 2025 में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर यह साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति और मेहनत के आगे कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।
महासमुंद जिले के बागबाहरा की निवासी नवलीन कौर, श्री अरविंद एवं श्रीमती रंजीत कौर छाबड़ा की सुपुत्री हैं। उनका जन्म गर्भावस्था के सातवें महीने में हुआ था, जिससे प्रारंभिक वर्षों में स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियाँ रहीं। आस-पड़ोस, रिश्तेदार और परिचित हमेशा उनकी तबीयत के बारे में पूछते रहते थे, जिससे वह कभी-कभी उदास हो जाती थीं। लेकिन नवलीन ने इस जिज्ञासा को चुनौती के रूप में स्वीकार किया और खुद को एक नई दिशा में ढाल दिया।
वर्ष 2018 में नवलीन ने बागबाहरा से लगभग पांच किलोमीटर दूर स्थित बिहाझर बालाश्रम में तीरंदाजी का प्रशिक्षण प्रारंभ किया। वे महासमुंद जिले की पहली महिला तीरंदाज बनीं। स्कूली शिक्षा के दौरान उन्होंने दो बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किए और एक बार राष्ट्रीय स्तर की स्कूली तीरंदाजी प्रतियोगिता में चौथा स्थान अर्जित किया। वर्ष 2023 में उन्होंने गुजरात में आयोजित एफजीएफआई राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया और राज्य स्तरीय सीनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
नवलीन का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए पदक जीतना है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में कंपाउंड बो से खेला जाता है, जिसके लिए उनके परिजनों ने उन्हें एक नया आधुनिक कंपाउंड धनुष प्रदान किया है। उन्होंने सिटी ओपन तीरंदाजी प्रतियोगिता में कंपाउंड राउंड बालिका वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर इसकी शानदार शुरुआत की है। वर्तमान में नवलीन कोच श्री एवन साहू एवं खेल अधिकारी श्री मनोज धृतलहरे से तीरंदाजी के गुर सीख रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि क्रिकेट की लोकप्रियता के इस दौर में कोई खिलाड़ी यदि तीरंदाजी जैसे विशिष्ट खेल में कड़ी मेहनत करके प्रदेश और देश के लिए मेडल लाने की दिशा में काम कर रहा है, तो यह न केवल सराहनीय है बल्कि प्रेरणास्पद भी। नवलीन जैसी प्रतिभाएं छत्तीसगढ़ के युवाओं को यह संदेश देती हैं कि प्रतिबद्धता, अभ्यास और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। -
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पीएचई के अभियंताओं के लिए बीआईएस द्वारा आयोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रम में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री
देशभर से आए विशेषज्ञ जल प्रदाय योजनाओं में प्रयुक्त सामग्री और कार्यों के नए मानकों की दे रहे जानकारी
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री अरुण साव आज भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अभियंताओं के लिए आयोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रम में शामिल हुए। भारतीय मानक ब्यूरो के रायपुर कार्यालय द्वारा रायपुर के नवीन विश्राम भवन में 21 जुलाई और 22 जुलाई को दो दिवसीय इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। देशभर से आए विषय विशेषज्ञ कार्यक्रम में पीएचई के अभियंताओं को जल प्रदाय योजनाओं में प्रयुक्त सामग्री और कार्यों के नए मानकों की जानकारी दे रहे हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रदेशभर के 120 से अधिक अभियंता इसमें हिस्सा ले रहे हैं जिनमें मुख्य अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता और सहायक अभियंता शामिल हैं।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने क्षमता निर्माण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अभियंताओं से कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में नए मानकों और नवाचारों से अपडेट रहना जरूरी है। एक इंजीनियर के रूप में सम-सामयिक तकनीकी पहलुओं और उनके नवीन मापदंडों की जानकारी आवश्यक है। कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के लिए इनकी अच्छी जानकारी काफी मददगार होती है। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो को क्षमता निर्माण कार्यक्रम के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे हमारे अभियंताओं की दक्षता और क्षमता बढ़ेगी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का कार्य सीधे जन कल्याण से जुड़ा हुआ है। चाहे वह स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो, जल शोधन की प्रक्रिया हो या ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति तंत्र को सुदृढ़ बनाना हो। इन कार्यों की प्रभावशीलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम मानकों का कितना पालन करते हैं और तकनीकी ज्ञान को कितनी सफलता से धरातल पर उतारते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अभियंताओं के लिए यह कार्यक्रम उनके कार्यस्थल पर प्रभावी कार्य संपादन में सहायक होगी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने कहा कि देश-दुनिया में प्रचलित मानकों और मापदंडों से विभाग के अभियंताओं को अवगत कराने भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने विभागीय अभियंताओं से अपील की कि वे यहां सीखी गई बातों को फील्ड में कार्यों के मापन और मूल्यांकन में जरूर अपनाएं। जल जीवन मिशन के संचालक श्री जितेन्द्र शुक्ला, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता श्री टी.डी. सांडिल्य और भारतीय मानक ब्यूरों के क्षेत्रीय निदेशक श्री एस.के. गुप्ता ने भी प्रतिभागी अभियंताओं को संबोधित किया।
दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम में इनसे संबंधित मानकों की दी जाएगी जानकारी
भारतीय मानक ब्यूरो के विशेषज्ञ दो दिनों तक चलने वाले क्षमता निर्माण कार्यक्रम में पीएचई के अभियंताओं को भवन उपयोगिता में वृद्धि हेतु जल आपूर्ति, जल निकासी एवं स्वच्छता के लिए श्रेष्ठ व्यवहार, सेवाओं एवं संसाधनों का अनुकूलन : पेयजल आपूर्ति सेवाएं और परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली, सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने पेयजल की गुणवत्ता, नमूनाकरण एवं परीक्षण में मानकों की भूमिका, सतत संचयन : वर्षा जल प्रबंधन में बीआईएस मानकों की भूमिका, आधुनिक स्वच्छता समाधान : रोटेशनल मोल्डेड पॉलीएथिलीन सेप्टिक टैंक और आईएस 18666, ओवरहेड टैंक, सिविल संरचनाएं (धातु, सीमेंट, आरसीसी), पैकेज्ड जल उपचार संयंत्र (पारंपरिक व अपरंपरागत), दक्षता का अनुकूलन : अपशिष्ट जल आपूर्ति नेटवर्क में परिसंपत्ति प्रबंधन, पाइप सामग्री (DI/CI/PVC/HDPE) तथा पंपिंग प्रणालियों में मानकीकरण के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने के बारे में जानकारी देंगे।
बीआईएस के ये विशेषज्ञ दे रहे जानकारी
रिसोर्स पर्सन के रूप में भारतीय मानक ब्यूरो के विशेषज्ञ सर्वश्री फालेन्द्र कुमार, राजेश कुमार दास, देवेन्द्र सिंह धपोला, आर.पी. देवांगन, डॉ. एन. मुरली मोहन और डॉ. मयूर जे. कपाड़िया लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के इंजीनियरों को जल प्रदाय प्रणाली और रेन वाटर हार्वेस्टिंग से संबंधित नए मानकों और मापदंडों की जानकारी दे रहे हैं। -
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उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कबीरधाम जिले के ग्राम खुंटू, जमुनिया, सांरगपुर, डबराभाट, बिजई और तालपुर का दौरा कर ग्रामीणों से किया सीधा संवाद
ग्रामीणों ने परंपरागत तरीके से फूल-मालाओं और नारियल भेंट कर उपमुख्मंत्री का किया अभिनंदन
रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा आज कबीरधाम जिले के प्रवास पर रहे। अपने दौरे के दौरान उन्होंने कवर्धा विधानसभा के ग्राम खुंटू, जमुनिया, सांरगपुर, डबराभाट का दौरा कर ग्रामीणों से सीधा संवाद स्थापित किया। गांवों में पहुंचने पर उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा का युवा, बुजुर्ग और महिलाओं ने गर्मजोशी से आत्मीय स्वागत किया। ग्रामीणों ने परंपरागत तरीके से फूल-मालाओं और नारियल भेंट कर उनका अभिनंदन किया। इसके बाद ग्राम बिजई और तालपुर के कार्यक्रम में शामिल हुए।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने जनसंपर्क के दौरान क्षेत्रवासियों की समस्याएं, मांगें और शिकायतें ध्यानपूर्वक सुनीं। उन्होंने सभी मुद्दों के त्वरित निराकरण का आश्वासन देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार हर नागरिक की सुविधा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को मौके पर ही कई समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए। जनसंपर्क कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने विष्णुदेव साय सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी ग्रामीणों को दी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों, श्रमिकों, महिलाओं और युवाओं के हित में कई योजनाएं चला रही है, जिनका लाभ प्रत्येक पात्र हितग्राही तक पहुंचाना प्राथमिकता है।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में महतारी वंदन योजना के तहत 01 हजार रूपए की राशि महिलाओं के खाते में हस्तांतरित की जा रही है। महतारी वंदन योजना की राशि को निकालने के लिए माताओं-बहनों को अब शहरों तक नहीं जाना पड़ रहा है। शहर जाने से जहां समय और धन दोनों की बर्बादी होती है, वहीं कई बार महिलाओं को अतिरिक्त परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। आज इन डिजिटल केंद्रों के माध्यम से उन्हें अपने ही गांव में पैसे निकालने सहित अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं मिलने लगी है। उन्होंने बताया कि जिले में 42 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र संचालित हो रहे हैं। जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किया है। अटल डिजिटल सुविधा केंद्र में महिलाओं सहित बुजुगों एवं दिव्यांगों को भी पेंशन की राशि अपने पंचायत में ही मिल रही है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बताया कि अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों के जरिए न केवल योजना की राशि का भुगतान, बल्कि बैंकिंग सेवाएं, दस्तावेज़ प्रिंट, ऑनलाइन आवेदन और अन्य डिजिटल सेवाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है। यह पहल ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि जिले की 42 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सुविधा केंद्र संचालित हो रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में सभी पंचायतों को इस सुविधा से जोड़ा जाए, ताकि हर महिला और परिवार बिना किसी बाधा के सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सके और गांवों में डिजिटल सेवाओं का विस्तार हो सके।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ग्रामीणों से योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक भी लिया और कहा कि पारदर्शी प्रशासन और त्वरित सेवा सरकार की प्राथमिकता है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने लोगों से अपील की कि वे सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अपने सुझाव सरकार तक पहुंचाएं, जिससे नीतियों को और बेहतर बनाया जा सके। जनसंपर्क के दौरान गांवों में विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा भी की गई और उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों की हर समस्या का प्राथमिकता से समाधान किया जाए। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष श्रीमती सुषमा गणपत बघेल, जिला पंचायत सदस्य डॉ. बीरेन्द्र साहू, श्री विजय पाटिल सहित जनप्रतिनिधि, ग्रामीण उपस्थित थे। -
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वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी ने लैलूंगा में किया 2.72 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन
लैलूंगा में खुलेगा पंजीयन कार्यालय, वित्त मंत्री श्री चौधरी ने की घोषणा
जयदयाल सिंघानिया फाउंडेशन के सहयोग से निर्मित कन्या प्राथमिक शाला भवन का हुआ लोकार्पण
रायपुर : वित्त मंत्री श्री ओ.पी.चौधरी ने आज रायगढ़ जिले के नगर पंचायत लैलूंगा में 2 करोड़ 72 लाख रुपये से अधिक लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इस दौरान उन्होंने जयदयाल सिंघानिया फाउंडेशन के सहयोग से नवनिर्मित सेठ जयदयाल कन्या प्राथमिक शाला भवन का लोकार्पण किया, साथ ही स्कूल परिसर में सेठ जयदयाल सिंघानिया की प्रतिमा का अनावरण भी किया। कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ करते हुए वित्त मंत्री श्री चौधरी ने स्कूल के छात्रों को ड्रेस, पाठ्य सामग्री व श्रीफल का वितरण किया। कार्यक्रम में वित्त मंत्री श्री चौधरी ने लैलूंगा में पंजीयन कार्यालय खोलने की महत्वपूर्ण घोषणा की। जिससे यहां के लोगों को जमीन रजिस्ट्री के लिए दूर जाने की जरूरत नही पड़ेगी और स्थानीय स्तर पर ही काम होने से समय व ऊर्जा की बचत होगी।
वित्तमंत्री श्री चौधरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ओपी सिंघानिया का लैलूंगा की मिट्टी से गहरा नाता है। वे इसी अंचल में जन्मे, पले-बढ़े और आज देश-प्रदेश में एक प्रतिष्ठित चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है। इस क्षेत्र के लिए उनका योगदान अनुकरणीय है। उन्होंने नवनिर्मित सेठ जयदयाल कन्या प्राथमिक शाला भवन के निर्माण को अत्यंत सुंदर और प्रेरणादायक बताते हुए सिंघानिया फाउंडेशन को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया। वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पूरी प्रतिबद्धता और पारदर्शिता के साथ छत्तीसगढ़ के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमने सरकार बनते ही दो साल के बकाया बोनस राशि वितरण किया। धान खरीदी की मात्रा 21 क्विंटल प्रति एकड़ और 3100 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया। 18 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान स्वीकृत किए गए, जिनमें से अधिकतर आवास मात्र डेढ़ साल में पूर्ण कर लिए गए। 70 लाख माताओं-बहनों को महतारी वंदन योजना का प्रत्यक्ष लाभ सुनिश्चित किया गया है। श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए श्रीरामलला दर्शन योजना प्रारंभ की गई है, ताकि अयोध्या धाम के दर्शन का सौभाग्य आम जन को मिल सके।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने लैलूंगा में विकास के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि यहां जल्द ही पंजीयन कार्यालय प्रारंभ किया जाएगा। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, ऑक्सीजन जोन, मुक्तिधाम और बायपास सड़क निर्माण जैसे कार्यों को प्राथमिकता के साथ स्वीकृति दी जाएगी। विद्यालय के उन्नयन के लिए हरसंभव सहयोग किया जाएगा, ताकि यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर वातावरण मिल सके। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी आत्मविश्वास के साथ जीवन में आगे बढ़ें। जब लैलूंगा का एक बेटा देश प्रदेश का ख्यातनाम सीए बन सकता है, तो यहां का हर बच्चा ऊंचाइयों को छू सकता है। हम सबका संकल्प है कि इस अंचल को समृद्ध बनाएंगे और पूरे छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य की श्रेणी में अग्रणी बनाएंगे।
पूर्व मंत्री श्री सत्यानंद राठिया एवं नगर पंचायत अध्यक्ष श्री कपिल सिंघानिया ने वित्त मंत्री श्री चौधरी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे सदैव आमजन के सुख-दुख में सहभागी रहते हैं। जल आवर्धन योजना जैसे रुके हुए कार्यों को पुनरू प्रारंभ कराकर उन्होंने जनता के प्रति अपनी संवेदनशीलता दर्शाई है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री दीपक सिदार ने कहा कि शासन की मंशा अनुरूप लैलूंगा क्षेत्र में सड़क, पेयजल, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। ग्रामीणों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है ताकि आमजन को सीधा लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि आगे भी क्षेत्र की जनता की आवश्यकताओं और मांगों को प्राथमिकता देते हुए नए विकास कार्य स्वीकृत कराए जाएंगे। जनसुविधाओं को सुलभ और सशक्त बनाने की दिशा में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। श्री सिदार ने क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए शासन-प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में आईएनएच न्यूज के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी, जनपद अध्यक्ष श्रीमती ज्योति भगत, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती शांता भगत व श्री गोपाल अग्रवाल, जनपद उपाध्यक्ष श्री मनोज अग्रवाल, नगर पंचायत उपाध्यक्ष श्री कृष्णा जायसवाल, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक व स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
इन कार्यों का किया लोकार्पण व भूमिपूजन
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कार्यक्रम में 50 लाख रुपए की लागत से सेठ जयदयाल कन्या प्राथमिक शाला भवन और 42.28 लाख रुपए की लागत से इंद्रप्रस्थ मिनी स्टेडियम में सीटिंग व्यवस्था का लोकार्पण किया। इसके साथ ही उन्होंने 40 लाख रुपए से इंद्रप्रस्थ मिनी स्टेडियम उन्नयन, 20 लाख रुपए की लागत से बास्केटबॉल कोर्ट निर्माण, 5 लाख रुपए की लागत से पेंशनर भवन के पास स्नानागार, शौचालय व कक्ष निर्माण और 1.14 करोड़ से अधिक लागत से बी.टी. रोड निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। साथ ही, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, ऑक्सीजोन, मुक्तिधाम, बायपास सड़क और अन्य विकास कार्यों को भी प्राथमिकता देने की बात कही। -
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एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत बालोद जिले में 1.74 लाख पौधरोपण
रायपुर : बालोद जिला प्रशासन की पहल पर आयोजित वृहद वृक्षारोपण सह वन महोत्सव कार्यक्रम में एक लाख 74 हजार पौधों का रोपण किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि बालोद जिले के लिए यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने इस पुनीत कार्य में शामिल सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। समारोह में श्री शर्मा ने वृक्षारोपण कार्य में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया और उपस्थित जनसमूह को ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अनिवार्य रूप से पौधरोपण करने तथा उनकी देखभाल एवं सुरक्षा की समुचित उपाय सुनिश्चित करने की शपथ भी दिलाई।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे माताओं और बहनें जब कोई संकल्प ले लेती है, तो उस संकल्प को पूरा करके ही छोड़ती है। उन्होंने इस कार्यक्रम मुक्तकंठ से सराहना करते हुए कहा कि जब हम रोजमर्रा के कार्यों के अलावा जन कल्याण के पुनीत भावना को लेकर जनहित में इस प्रकार के महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने का बीड़ा उठाते है तब वह कार्य सभी के लिए आदर्श एवं प्रेरणादायी बन जाता है। इस पावन कार्य का लाभ हमारी आने वाली पीढ़ी को चीरकाल तक मिलता रहेगा। इस मौके पर उन्होंने वेबएक्स के माध्यम से पौधरोपण के कार्य में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों से बातचीत कर उनका उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद श्री भोजराज नाग ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के फलस्वरूप उसका दुष्प्रभाव मानव जाति के अलावा संपूर्ण जीव-जगत पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे पुराणों में उल्लेख किया गया है कि एक पेड़ लगाने के पुनीत कार्य को दस पुत्रों के बराबर माना गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ’एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान से प्रत्येक नागरिक जुड़ने की अपील की। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और सांसद श्री भोजराज नाग सहित सभी अतिथियों, आमनागरिकों, अधिकारी-कर्मचारियों ने एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत अपनी-अपनी माताओं के नाम से पौध रोपण किया।
कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि गुरूर विकासखण्ड भू-जल की दृष्टि से क्रिटिकल जोन में शामिल है। भविष्य में आने वाली भूजल संकट से निपटने हेतु बालोद जिले में जल जतन अभियान के अंतर्गत चलाए जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल संचय भागीदारी के कार्य में बालोद जिला पूरे देश में तीसरा स्थान पर है। उन्होंने वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिलेवासियों के अलावा भिलाई स्टील प्लांट, निको, आईसीआईसीआई बैंक, राइस मिल ऐसोसिएशन सहित सभी स्वयं सेवी संस्थाओं एवं उनके प्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती तारणी पुष्पेन्द्र चन्द्राकर, राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेश चंद्रवंशी, नगर पालिका परिषद बालोद की अध्यक्ष श्रीमती प्रतिभा चौधरी, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य श्री यशवंत जैन, पूर्व विधायक श्री बिरेन्द्र साहू एवं श्री प्रीतम साहू, जनपद अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती टेमरिया सहित अनेक जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।

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