सरकारी पहल से बदलती तस्वीर : बेमेतरा जिला अस्पताल का एनआरसी बना कुपोषित बच्चों के लिए जीवनदाता 1953 बच्चों को मिला सुपोषण, स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ाया कदम
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बेमेतरा : बेमेतरा जिले में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) एक सशक्त सामाजिक पहल बनकर उभरा है, जिसने अब तक 1953 कुपोषित बच्चों को स्वस्थ जीवन की ओर अग्रसर किया है। जिला अस्पताल बेमेतरा के एमसीएच बिल्डिंग में संचालित यह केंद्र जनवरी 2013 से सतत रूप से कार्यरत है, जहां 1 माह से 5 वर्ष तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को विशेष देखभाल और पोषक आहार के साथ नि:शुल्क उपचार प्रदान किया जाता है।
मानवता और सेवा की मिसाल बना एनआरसी
एनआरसी में बच्चों को 15 दिनों तक विशेष पोषण आहार जैसे थेराप्यूटिक फूड (F75, F100), फार्मूला मिल्क के साथ-साथ दलिया, खिचड़ी, हलवा, इडली आदि भी दिया जाता है। माताओं को दो समय का भोजन और 15 दिन बाद 2,250 रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाती है। यहां भर्ती की प्रक्रिया सरल है दृ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मितानिन, एएनएम और चिरायु टीम की सिफारिश या पालकों की पहल पर सीधे बच्चों को भर्ती किया जाता है।
पोषण से पुनर्जीवन तक: साल दर साल सफलता की कहानी
’केंद्र की वार्षिक रिपोर्ट दर्शाती है कि कैसे यह पहल निरंतर कुपोषण से लड़ रही है’:-
वर्ष सुपोषित बच्चे
2013-14 87
2014-15 127
2015-16 149
2016-17 134
2017-18 225
2018-19 208
2019-20 213
2020-21 88
2021-22 33
2022-23 180
2023-24 221
2024-25 224
अप्रैल-जून 2025 63
कुल 1953 बच्चे
संपूर्ण टीम व समर्पण से मिल रहा बेहतर परिणाम
इस उपलब्धि के पीछे जिला प्रशासन की सजगता और स्वास्थ्य विभाग की समर्पित टीम का योगदान है। कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के मार्गदर्शन में सीएमएचओ डॉ. अमृत रोहड़ेलकर, सिविल सर्जन डॉ. लोकेश साहू, अस्पताल प्रमुख डॉ. स्वाति यदु, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कुमार निराला तथा डॉ. पवन वर्मा सहित पूरी स्वास्थ्य टीम सतत निगरानी और देखरेख करती है। श्रीमती दीप्ति धुरंधर (फीडिंग डिमॉन्स्ट्रेटर), स्टाफ नर्स अंकिता वर्मा, लक्ष्मी परगनिहा, रोहिणी चंद्राकर एवं श्रीमती नमिता दुबे (कुक) जैसे कर्मठ कर्मचारियों का योगदान इस केंद्र की रीढ़ है।
एक कदम बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ओर
एनआरसी न केवल बच्चों के शरीर को पोषण देता है, बल्कि उनके परिवारों को भी पोषण और स्वास्थ्य के महत्व के प्रति जागरूक करता है। यह पहल बेमेतरा को कुपोषण मुक्त जिला बनाने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हो रही है।
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