- Home
- मुख्य समाचार
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे को कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है. वर्तमान कुलपति बल्देव भाई शर्मा का कार्यकाल 4 मार्च को पूर्ण होने के बाद रायपुर संभागायुक्त पदभार ग्रहण करेंगे.
छत्तीसगढ़ : 6 लोगों की मौत, हादसे हुए दो जिलों में
राज्यपाल सचिव डॉ. सीआर प्रसन्ना ने छत्तीसगढ़ कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति की ओर से आदेश जारी किया है. रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे को उनके वर्तमान दायित्वों के साथ-साथ 5 मार्च से आगामी आदेश तक अथवा अधिकतम छह माह की अवधि तक के लिये कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य करने के लिये नामनिर्देशित किया गया है. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पाली महोत्सव से कोरबा को मिल रही अलग पहचान: कैबिनेट मंत्री श्री लखन लालरायपुर : प्रदेश के वाणिज्य, उद्योग व श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन के मुख्य आतिथ्य में महाशिवरात्रि पर्व पर पाली में आयोजित दो दिवसीय पाली महोत्सव का समापन समारोह आयोजित हुआ। कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पाली महोत्सव कोरबा वासियो के लिए गौरव की बात है। उन्होंने क्षेत्रवासियों को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पाली देवाधिदेव भगवान शिव व महिषासुर मर्दिनी की नगरी है। जिसका अपना ऐतिहासिक महत्व है। तीज, त्यौहार, मड़ई, मेला, सुआ, ददरिया ये हमारी संस्कृति की पहचान है, इसकी रक्षा की जिम्मेदारी हम सबकी है।
कैबिनट मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि पाली महोत्सव के दो दिवसीय कार्यक्रम में बॉलीवुड, छालीवुड सहित स्थानीय कलाकारों द्वारा अपनी कला संस्कृति का शानदार प्रस्तुति दी। जिसका हम सभी ने भरपूर आनंद लिया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य स्थानीय कला संस्कृति को बढ़ावा देना, स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करना एवं मंच के माध्यम से आमजनों का मनोरंजन करना है। जिला प्रशासन द्वारा महोत्सव का बहुत अच्छा आयोजन किया गया है। आगे भी प्रशासन द्वारा इस प्रकार का आयोजन किया जाता रहेगा। कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि प्रदेश सरकार के गठन के साथ ही मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के कुशल नेतृत्व में प्रदेश का विकास तेजी से किया जा रहा है। अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन लाभान्वित हो रहे हैं। किसानों के परिश्रम को सम्मान देते हुए उनके उपज को 3100 रुपए प्रति क्विंटल एवं 21 क्विन्टल प्रति एकड़ की दर से खरीदी की गई है। इसी प्रकार प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में आगे भी निरंतर कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पाली में भी क्षेत्रवासियों की मांग को ध्यान में रखकर अनेक विकास कार्याे की स्वीकृति प्रदान की गई है। यहां के प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थल की व्यवस्थित विकास हेतु कार्य योजना तैयार कर डीएमएफ के आने वाली बैठक में अनुमोदन कर कार्य की स्वीकृति प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार आगे भी विकास कार्य निरंतर जारी रहेगा। श्री देवांगन ने गरिमामय कार्यक्रम के आयोजन के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया। समापन समरोह को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर श्री वसंत ने सभी को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि पाली की शिव मंदिर की गरिमा को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। क्षेत्र के विकास के सम्बंध में आने वाली बैठक में चर्चा कर ऐतिहासिक महत्व के स्थलों का व्यवस्थित ढंग से विकास किया जाएगा। जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के आपसी समन्वय से विकास कार्याे में तेजी आएगी । आभार प्रदर्शन जिला पंचायत सीईओ श्री दिनेश नाग ने किया।
समारोह को विधायक पाली तानाखार श्री तुलेश्वर मरकाम, विधायक कटघोरा श्री प्रेमचंद पटेल,नवनिर्वाचित महापौर कोरबा श्रीमती संजू देवी राजपूत सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया एवं सभी को महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम का आनंद लेने का आग्रह किया। इस दौरान जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पाली महोत्सव के अंतर्गत आयोजित विडियोग्राफी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। जिसके अंतर्गत प्रथम पुरस्कार पाली के रितिक कुमार पटेल, द्वितीय स्थान आईटीआई रामपुर कोरबा के विवेक कुमार यादव , तृतीय स्थान पाली के किसन कुमार मरकाम ने प्राप्त किया। सभी विजेताओं को मंच से अतिथियो द्वारा सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष पाली श्री अजय जायसवाल, सरपंच श्रीमती गिरजा सत्यनारायण पैकरा, पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं भारी संख्या में आमनागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम में अतिथियों सहित अधिकारियों ने कलाकारों की प्रस्तुति का आनंद लिया। जिला प्रशासन द्वारा कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन, सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। बॉलीवुड के मशहूर गायक शान की सुरीली आवाज ने बांधा समा शान की गीतों पर जनकर झूमे दर्शकलोकप्रिय छत्तीसगढ़ी गायक दिलीप षड़ंगी ने दी मनमोहक प्रस्तुति
पाली महोत्सव के समापन अवसर पर बॉलीवुड के मशहूर गायक शान के गीतों ने समा बांधा, उनके गीतों पर दर्शक जमकर झूमे, शान की सुरीली आवाज ने दर्शकों का मन मोह लिया और दर्शक उनके गीतों में खूब नाचे। शान ने मैं हूँ डॉन गाने के साथ मंच पर प्रवेश किया। दर्शकों से रूबरू होते हुए उन्होंने भगवान शिव की वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी गीत छूनुर छुनुर पैरी बाजे.. गीत से उन्होंने पाली के लोगों समन्वय बनाया। चार कदम बस चार कदम चल दो ना साथ मेरे, चांद सिफारिश जो करता हमारी,.. हे शोना हे शोना,. दिवानगी दिवानगी,. ओम शांति ओम, दिल ने तुमको चुन लिया है,..तन्हा दिल तन्हा सफर,. जैसे अनेक लोकप्रिय गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी। शान के सुरीली आवाज सुनकर दर्शक खुद को झूमने से नही रोक सके और सभी दर्शक झूमने लगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रकाशनार्थ
(टिप्पणी : संजय पराते)
रायपुर : छत्तीसगढ़ में 173 नगर निकायों, जिनमें 10 नगर निगम, 49 नगर पालिका परिषद तथा 114 नगर पंचायत शामिल हैं, में हुए चुनावों के नतीजे घोषित हो गए हैं। इन चुनावों में कुल 3200 वार्ड थे, जिनमें से भाजपा ने 1868, कांग्रेस ने 952 तथा अन्य ने 227 वार्डों में विजय प्राप्त की है। भाजपा की जीत में आश्चर्य की कोई बात नहीं है, क्योंकि विधान सभा चुनाव के ठीक एक साल बाद होने वाले नगर निकाय चुनावों में साधारणतः सत्ता पक्ष का पलड़ा ही भारी रहता है। कांग्रेस की हार का भी दुख नहीं है, क्योंकि कांग्रेस की हार तय थी। शायद कांग्रेस को भी इसका दुख नहीं है, क्योंकि वह दिखावे के लिए और हारने के लिए ही चुनाव लड़ रही थी। लेकिन जो लोग संघ-भाजपा के रूप में देश पर मंडरा रहे खतरे को जानते-समझते हैं, उन्हें इस बात का दुख अवश्य है कि पिछले एक साल में कांग्रेस का जनाधार और कमजोर हुआ है और जिन सीटों पर विधानसभा चुनाव में उसे बढ़त हासिल थी, उन क्षेत्रों के नगर निकायों में भी उसने अपनी बढ़त खो दी है।
10 नगर निगमों के सभी महापौर पदों पर भाजपा ने कब्जा किया है। नगर पालिका परिषदों के सिर्फ 8 अध्यक्ष पदों पर कांग्रेस जीती है, जबकि आम आदमी पार्टी ने 1 और निर्दलीयों ने 5 पद जीते हैं। भाजपा 35 अध्यक्ष पदों पर जीतने में सफल रही है। इसी प्रकार, नगर पंचायत अध्यक्षों की केवल 22 सीटों पर ही कांग्रेस जीत पाई है, जबकि बसपा ने 1 और निर्दलीयों ने 10 सीटें जीती हैं। उल्लेखनीय है कि इन पदों पर चुनाव सीधे जनता के द्वारा किया गया है, न कि वार्ड के पार्षदों द्वारा।
इन नगर निकाय प्रमुखों के पदों पर कांग्रेस को कुल मिलाकर 31.25% वोट मिले हैं और वार्ड के पार्षद सीटों पर 33.58%, जबकि भाजपा को क्रमशः 56.04% तथा 46.62% वोट मिले हैं। विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस और भाजपा को क्रमशः 42.23% तथा 46.27% वोट मिले थे। विधानसभा चुनाव के वोटों से तुलना करने पर कांग्रेस के जनाधार में गिरावट स्पष्ट है।
अपनी जिन कमजोरियों के कारण कांग्रेस विधानसभा चुनाव हारी, एक साल में भी उसने अपनी उन कमजोरियों को दूर नहीं किया। कांग्रेस पार्टी का संगठन अस्त व्यस्त और गुटबाजी से ग्रस्त है, जिसका नतीजा था कि एकजुट चुनाव प्रचार नहीं कर पाए। जनाधार वाले जमीनी नेताओं को टिकट देने के बजाए उसने पैसे खर्च कर सकने वाले प्रत्याशियों को तरजीह दी, लेकिन भाजपा के धन बल के आगे वे कहीं टिक नहीं पाए। अपने शासन काल में उसने बड़े-बड़े भ्रष्टाचार किए थे, जिसकी जांच का हवाला देते हुए भाजपा राज ने कई कांग्रेसी नेताओं और अफसरों को गिरफ्तार किया है।इन घोटालों का कांग्रेस के पास कोई जवाब नहीं है और वह भाजपा के आक्रामक हमलों को नहीं झेल पाई। उदार हिंदुत्व की नीतियों पर अमल जारी है, जिससे भाजपा की सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की नीति का वह मुकाबला नहीं कर पाई। कांग्रेस का कोई राजनैतिक और नीतिगत प्रचार नहीं था। उसने अपना पूरा समय भाजपा नेताओं पर 'पलटवार' करने में ही लगाया। भाजपा भी ऐसा ही चाहती थी। नीतियों के मामले में दोनों खामोश थे। इसका नुकसान भी कांग्रेस को उठाना पड़ा।
लेकिन सबसे निचले स्तर के इन चुनावों ने यह भी दिखा दिया है कि सामान्य तौर पर कांग्रेस और भाजपा के बीच ध्रुवीकृत राजनीति में, प्रदेश की 15-20 प्रतिशत जनता आज भी कांग्रेस और भाजपा के राजनैतिक प्रभाव से बाहर है। यही कारण है कि निर्दलीयों सहित 12% पार्षद सीटें गैर-भाजपा, गैर-कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीती हैं।छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद से ही यह स्थिति बनी हुई है। पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा को 2% तथा आप को 1% वोट मिले थे और ये दोनों पार्टियां एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। बहरहाल, इन नगर निकायों के चुनाव में आप पार्टी ने 1 नगर पालिका अध्यक्ष और बसपा ने 1 नगर पंचायत अध्यक्ष का पद जीता है।ये जीतें जिन क्षेत्रों में हुई है, वहां उनके व्यापक राजनैतिक प्रभाव को दिखाता है। भाकपा के कुल 6 वार्ड पार्षद जीते हैं -- किरंदुल में 5 और राजनांदगांव में एक। बाकीमोंगरा पालिका क्षेत्र में माकपा ने 4 पार्षद सीटों पर चुनाव लड़ा था, 3 में वह दूसरे स्थान पर रही। इस क्षेत्र में ये नतीजे माकपा के संघर्ष के प्रभाव को दर्शाते हैं। कांग्रेस-भाजपा के राजनैतिक प्रभाव से बाहर की यह जनता एक मजबूत भाजपा विरोधी मोर्चे के सपने को साकार करने में मददगार साबित हो सकती है, यदि कांग्रेस इस दिशा में राजनैतिक पहलकदमी करें और वामपंथ का इसे समर्थन मिले।लेकिन ऐसे किसी भी मोर्चे के साकार होने की पहली शर्त यही होगी कि आम जनता जिन समस्याओं से जूझ रही है, उस पर जमीनी स्तर पर एक तीखा और निरंतर संघर्ष छेड़ा जाएं, ताकि वह आम जनता का विश्वास जीत सके। इसके साथ ही उदार हिंदुत्व या हिंदुत्व की राजनीति से किसी भी प्रकार के समझौते की प्रवृत्ति के खिलाफ भी इस मोर्चे को चौकसी बरतनी होगी, ताकि हमारी राजनीति में धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत की रक्षा की जा सके। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सिरपुर की कमार जनजातीय महिलाओं के लिए वरदान बनी योजना
आर्थिक तंगी से आत्मनिर्भरता तक का सफर
रायपुर : सुशासन का मूल उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुँचाना होता है। जब कोई नीति या योजना समाज के वंचित वर्गों तक प्रभावी ढंग से पहुँचती है, तो उसका असर न केवल एक व्यक्ति बल्कि पूरे समुदाय पर पड़ता है। ऐसी ही एक पहल “महतारी वंदन योजना“ ने महासमुंद जिले के सिरपुर क्षेत्र की कमार जनजातीय महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और सशक्तिकरण की नई राह दिखाई है।सिरपुर की रहने वाली श्रीमती केंवरा कमार पहले परंपरागत बांस शिल्प कारीगरी पर निर्भर थीं। यह उनकी आजीविका का मुख्य साधन था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनका व्यवसाय ठप पड़ गया था। सीमित संसाधनों और बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो रहा था। मगर महिला एवं बाल विकास विभाग से 1000 रुपये प्रतिमाह की सहायता राशि मिलने के बाद उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया। इस आर्थिक सहयोग से उन्होंने बांस, रस्सी और अन्य आवश्यक सामग्री खरीदनी शुरू की, इससे उनका व्यवसाय फिर से अच्छा चल रहा है, और अब वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में सक्षम हो रही हैं।इसी तरह सिरपुर की ही रहने वाली भामिनी गोस्वामी इस योजना का लाभ उठाकर अपनी बेटी टांसी गोस्वामी के भविष्य को संवार रही हैं। हर माह मिलने वाली 1000 रुपये की सहायता राशि को वे सुकन्या समृद्धि योजना में जमा कर रही हैं। यह छोटी-सी बचत उनकी बेटी के लिए एक मजबूत आर्थिक संबल बन रही है, जो आगे चलकर उसकी उच्च शिक्षा और विवाह में सहायक सिद्ध होगी। भामिनी कहती हैं, “पहले हमारे पास इतनी बचत नहीं होती थी कि हम अपनी बेटी के भविष्य के बारे में सोच सकें, लेकिन महतारी वंदन योजना ने हमें यह अवसर दिया है कि हम अपने बच्चों को एक सुरक्षित और उज्जवल भविष्य दे सकें।“ महतारी वंदन योजना केवल एक आर्थिक सहायता योजना भर नहीं है, बल्कि यह महिलाओं के सशक्तिकरण का आधार भी बन रही है। खासकर दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय के प्रयास को 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुम्भ नगरी में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन में रूककर बनाया सार्थकमनोज कुमार सिंह, सहायक संचालक ( महाकुम्भ से लौटकर)रायपुर : आप सभी को एक बात कहना चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुम्भ 2025 का आयोजन हो रहा है। मैं चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु वहां जाएं। आप को वहां जाकर रूकने और खाने की चिंता नहीं करनी है। आपके लिए हमारी सरकार ने प्रयागराज के सेक्टर 6 में साढ़े चार एकड़ में छत्तीसगढ़ पैवेलियन बनाया है। वहां पर आपके रूकने और खाने की निःशुल्क व्यवस्था की है।“
यह कथन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने महाकुम्भ 2025 शुरू होने के पहले अपने सार्वजनिक संबोधनों में कई जगह कही थी। मुख्यमंत्री श्री साय राज्य की जनता की आवश्यकताओं और इच्छाओं को समझते हैं, इसीलिए मुख्यमंत्री श्री साय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से बात की और प्रयागराज स्थित कुंभ मेला क्षेत्र में साढ़े चार एकड़ में छत्तीसगढ़ पैवेलियन का निर्माण कराया और छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने खर्च पर 45 दिनों तक राज्य के श्रद्धालुओं के ठहरने और भोजन की निःशुल्क व्यवस्था की।
इन 45 दिनों में छत्तीसगढ़ के लगभग 50 हजार श्रद्धालुओं ने चिंतामुक्त होकर महाकुम्भ 2025 के संगम में आस्था की डुबकी लगाई। 45 दिनों तक चलने वाला आस्था और परंपरा का विश्व का सबसे बड़ा त्यौहार अब समाप्त हो चुका है, लेकिन जाते हुए भी ये छत्तीसगढ़ की जनता को अविस्मरणीय यादें दे गया है जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय भी शामिल हैं।
ऐसा नहीं है कि प्रयागराज के मेला क्षेत्र के सेक्टर 6 में स्थित छत्तीसगढ़ पैवेलियन सिर्फ छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए ही था, बल्कि ये देश विदेश के सैलानियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र था। छत्तीसगढ़ पैवेलियन में लगी प्रदर्शनी को देखने के लिए देश विदेश के पर्यटक और श्रद्धालुओं का हुजूम लगा रहता था। एक तरफ जहां अन्य राज्यों के पैवेलियन रात 8 बजे के बाद बंद हो जाया करते थे, छत्तीसगढ़ पैवेलियन का सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 10 बजे तक लोगों का मनोरंजन करता रहता था। छत्तीसगढ़ के स्थानीय कलाकारों ने प्रयागराज में महाकुम्भ की धरती पर ऐसा समां बांधा था कि भाषा और संस्कृति के आवरण से दूर देश के हर राज्य के लोग इसे देखने और सुनने को आतुर दिखते थे।
छत्तीसगढ़ पैवेलियन का प्रवेश द्वार बस्तर की पहचान गौर मुकुट से सुशोभित था। ये दूर से ही लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर लेता था। भीतर प्रवेश करते ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा छत्तीसगढ़ की ममतामयी पहचान को परिलक्षित करती थी। इसके साथ ही राज्य की चार ईष्ट देवियों ( मां महामाया, मां दंतेश्वरी, मां बम्लेश्वरी और मां चंद्रहासिनी) की तस्वीरों के आगे लोगों के सिर श्रद्धा से झुक जाते थे। प्रदर्शनी में राज्य सरकार की योजनाओं को जानने के लिए लोग आतुर दिखते थे। प्रदर्शनी में सिरपुर, कुतुबमीनार से ऊंचे जैतखाम, भारत का नियाग्रा कहे जाने वाले चित्रकोट वाटरफाल, आधुनिक शहर नया रायपुर के बारे मे जानकर लोग स्तब्ध रह जाते थे।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदर्शनी में टेक्नालाजी का भी इस्तेमाल किया गया था। 360 डिग्री का वीडियो दिखाने वाले इमर्सिव डोम में भीतर जाने के लिए पूरे देश के लोग लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करते थे और ऐसा ही कुछ हाल वर्चुअल रियेलिटी के जरिए छत्तीसगढ़ को जानने के लिए भी था। इतना ही नहीं प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति, कला, आभूषण, रहन-सहन, खान-पान, नृत्य, पशु एवं पक्षियों को भी दर्शाया गया था जो लंबे समय तक प्रादेशिक और राष्ट्रीय मीडिया के लिए आकर्षण का विषय बने हुए थे।
अब महाकुम्भ का समापन हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे एकता का महाकुम्भ कहकर संबोधित किया है। छत्तीसगढ़ पैवेलियन अपने आप में इसका एक बड़ा उदाहरण है जहां बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति के लिए निःशुल्क भोजन उपलब्ध था। बिना किसी ऊंच नीच के हर वर्ग, हर जाति और हर धर्म और हर संप्रदाय यहां तक की विदेशी भी आते थे और छत्तीसगढ़ को पास से जानकर आश्चर्य और रोमांच से भर जाते थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को दी महाकुंभ के सफल आयोजन की बधाई
महाकुम्भ के समापन पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को महाकुम्भ के सफल आयोजन और छत्तीसगढ़ को साढ़े चार एकड़ जगह उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शी पहल और समर्पित प्रयासों के चलते छत्तीसगढ़ के लगभग 50 हजार श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ 2025 का हिस्सा बने। इन श्रद्धालुओं की भागीदारी ने राज्य की तीन करोड़ जनता को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से इस महान आध्यात्मिक आयोजन से जोड़ा। छत्तीसगढ़ के संत, विद्वान और श्रद्धालु महाकुंभ के पवित्र संगम में स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठानों में शामिल हुए, जिससे प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का भव्य प्रदर्शन हुआ। इसके माध्यम से राज्य ने अखिल भारतीय आध्यात्मिक चेतना में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल ने छत्तीसगढ़ को महाकुंभ के वैश्विक मंच पर एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में प्रतिष्ठित किया, जिससे राज्य की तीन करोड़ जनता को सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव की अनुभूति हुई। यह आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र यात्रा बना, बल्कि राज्य की आध्यात्मिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का एक सशक्त माध्यम भी साबित हुआ है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
वनक्षेत्र बारनवापारा के 1222 किसानों को सोलर पम्प से मिली सिंचाई सुविधारायपुर : आजादी के दशकों बाद भी परंपरागत बिजली से वंचित रहे बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा क्षेत्र के किसानों के लिए छत्तीसगढ़ शासन की सौर सुजला योजना वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में क्रेडा विभाग द्वारा अब तक बारनवापारा क्षेत्र में 1222 किसानों के खेतों में सौर सिंचाई पम्प स्थापित किए गए हैं, जिससे अब किसान बिना किसी चिंता के सिंचाई सुविधा का लाभ उठाकर लाभकारी खेती कर रहे हैं।
सौर सुजला योजना के तहत बारनवापारा क्षेत्र में 2 हार्स पावर के 03, तीन हार्स पावर के 615 और 5 हार्स पावर के 604 सोलर पम्प स्थापित किए गए हैं। यह योजना उन किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, जिनके खेतों तक बिजली नहीं पहुंची थी या जिनके पास सिंचाई के अन्य संसाधन नहीं थे।
ग्राम डेबी के किसान नित्यानंद बताते हैं कि पहले सिंचाई की सुविधा न होने के कारण उनकी सालाना आमदनी मात्र 25 से 30 हजार रुपये थी। लेकिन सोलर पम्प लगने के बाद अब वे धान के साथ सब्जियां जैसे आलू, टमाटर और बरबटी उगाकर तीन से चार गुना अधिक आय प्राप्त कर रहे हैं। इसी तरह, बंशराम चौहान, बसंत कुमार कैवर्त्य, अमरू राम, धनीराम बिंझवार और गौरी बाई दीवान सहित कई अन्य किसानों की आमदनी में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
पहले किसान नदी-नालों से डीजल पम्प के जरिए सिंचाई करते थे, जिससे उनकी आय का बड़ा हिस्सा ईंधन पर खर्च हो जाता था। लेकिन सौर सुजला योजना के तहत मात्र 24,800 रुपये में सोलर पम्प मिलने से अब उनकी यह समस्या समाप्त हो गई है। छत्तीसगढ़ शासन किसानों को बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर सौर पम्प उपलब्ध करा रही है। तीन हार्स पावर के पम्प के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसानों को मात्र 10,000 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग के किसानों को 15,000 रुपये, सामान्य वर्ग के किसानों को 21,000 रुपये का अंशदान देना होता है, जबकि 5 हार्स पावर के पम्प के लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के किसानों को 15,000 रुपये, अन्य पिछड़ा वर्ग को 20,000 रुपये तथा सामान्य वर्ग के कृषक को 25,000 रुपये का अंशदान देना होता है।बलौदाबाजार जिले में अब तक 5198 सौर पम्प लगाए जा चुके हैं।
सौर सुजला योजना का लाभ लेने के लिए कृषि विभाग, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और क्रेडा विभाग के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। सिंचाई के लिए नदी, नाले, कुएं और नलकूप प्राथमिकता से चिन्हांकित किए जाते हैं।छत्तीसगढ़ शासन की यह योजना किसानों के लिए कम लागत में सिंचाई की बेहतर और स्थायी व्यवस्था है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बस्तर के कमिश्नर-आईजी और कलेक्टर-एसपी को तैयारी करने दिए निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर बस्तर की समृद्ध जनजातीय कला एवं संस्कृति के धरोहर को पुनर्जीवित करने बस्तर पंडुम का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन मार्च में होगा। इस संबंध में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने मंगलवार शाम को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बस्तर के कमिश्नर-आईजी सहित सातों जिले के कलेक्टर एवं एसपी को आवश्यक तैयारी एवं व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। इस दौरान प्रमुख सचिव अनुसूचित जाति एवं आदिम जाति विकास विभाग श्री सोनमणि बोरा, सचिव संस्कृति विभाग श्री अनबलगन पी सहित राज्य शासन के वरिष्ठ उच्चाधिकारी मौजूद रहे।वीडियो कांफ्रेंसिंग में सचिव संस्कृति श्री अनबलगन पी ने बताया कि बस्तर के जनजातीय समुदाय के लोगों विशेषकर युवाओं के मध्य समरसता और एकता स्थापित करने की इस अनूठी पहल से बस्तर की जनता में विश्वास,शान्ति और विकास को बढ़ावा मिलेगा। बस्तर पंडुम का आयोजन ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर किया जाएगा। जिसमें जनजातीय नृत्य, गीत, नाट्य सहित जनजातीय वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन, जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन, जनजातीय कला एवं गोदना का प्रदर्शन तथा जनजातीय व्यंजन एवं पेय पदार्थों का प्रदर्शन विधाओं को शामिल किया गया है।साथ ही केवल संभाग स्तर आयोजन में जनजातीय रीति-रिवाज एवं तीज-त्यौहार पर आधारित प्रदर्शनी को समाहित किया गया है। ब्लॉक स्तर के बस्तर पंडुम में सभी कलाकारों एवं प्रतिभागियों को ओपन एंट्री दी जाएगी। इसके बाद चयनित दल एवं प्रतिभागी जिला स्तर और जिला स्तर से चयनित दल एवं प्रतिभागी संभाग स्तर के बस्तर पंडुम में अपनी सहभागिता निभाएंगे। बस्तर पंडुम के प्रत्येक स्तर को बस्तर में उत्सव की तरह मनाया जायेगा जिसमें समाज प्रमुखों, वरिष्ठ नागरिकों, जनप्रतिनिधियों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जायेगा। जिला एवं संभाग स्तर पर बड़े स्तर के कलाकारों को आमंत्रित कर कार्यक्रम प्रस्तुति का अवसर प्रदान किया जाएगा।साथ ही मेहमान कलाकारों के रूप में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के दलों को आमंत्रित किया जाएगा। बस्तर पंडुम के प्रत्येक स्तर पर विजेता दलों एवं प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र सहित फोटो फ्रेम भेंटकर सम्मानित किया जायेगा। इस आयोजन के प्रत्येक स्तर पर निःशुल्क भोजन एवं आवागमन हेतु वाहन की व्यवस्था सहित ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष में कमिश्नर बस्तर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री हरिस एस एवं एसपी श्री शलभ सिन्हा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।बस्तर: अद्वितीय जनजातीय कला एवं संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्धदंडकारण्य के घने जंगल में बसा बस्तर अपने अद्वितीय जनजातीय कला एवं संस्कृति के लिए विश्व प्रसिद्ध है, यहां की जनजातीय समाज घने जंगल, पहाड़ी एवं दुर्गम स्थानों में निवासरत है, जिनकी एक विशेष बोली-भाषा, खान-पान, रहन-सहन सहित कला-संस्कृति तथा तीज-त्यौहार हैं। बस्तर की नैसर्गिक सुंदरता भी अप्रतिम है जो देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर राजिम कुंभ कल्प में त्रिवेणी संगम में पूज्य संतों के साथ शाही स्नान किया। इस शुभ अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना की। शाही स्नान के बाद उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने भगवान राजीव लोचन और भगवान भोलेनाथ का विधिवत पूजन-अर्चन कर प्रदेश की समृद्धि और उन्नति के लिए आशीर्वाद मांगा।उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी आध्यात्मिक परंपरा, भक्ति और सनातन संस्कृति का महोत्सव है, जो हमें जीवन में संयम, त्याग और साधना का मार्ग दिखाता है।उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने श्रद्धालुओं और संत समाज का अभिवादन करते हुए कहा कि राजिम कुंभ कल्प छत्तीसगढ़ की आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है, जहाँ संत-महात्माओं की उपस्थिति से पूरा वातावरण शिवमय हो जाता है। उन्होंने इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया और कहा कि छत्तीसगढ़ की पावन धरती संत परंपरा की धरोहर रही है, जिसे सशक्त बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा विशेष पूंजीगत सहायता के तहत 202 करोड़ स्वीकृत
रायपुर में तीन, बिलासपुर में दो और नया रायपुर में बनेगा एक छात्रावास
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शहरों में कामकाजी महिलाओं के सुरक्षित व सस्ते आवास के लिए राशि मुहैया कराने भारत सरकार को दिया धन्यवाद
रायपुर : छत्तीसगढ़ के दो सबसे बड़े शहरों रायपुर और बिलासपुर में कामकाजी महिलाओं की सुरक्षित एवं सस्ते आवास की बड़ी जरूरत जल्द पूरी होगी। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता योजना (Scheme for Special Assistance to States for Capital Investment 2024-25) के अंतर्गत रायपुर, बिलासपुर और नया रायपुर में छह कामकाजी महिला छात्रावासों (Working Women’s Hostel) के लिए 202 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इस राशि से रायपुर नगर निगम द्वारा तेलीबांधा और टाटीबंध में 250-250 सीटर तथा भैंसथान में 223 सीटर महिला छात्रावास बनाए जाएंगे। वहीं बिलासपुर के तिफरा और सिरगिट्टी में सीएसआईडीसी द्वारा 224-224 सीटर छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। नया रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण नया रायपुर में एक हजार सीटर छात्रावास बनाएगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शहरों में कामकाजी महिलाओं के सुरक्षित एवं सस्ते आवास के लिए राशि मुहैया कराने भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि सुशासन के साथ-साथ महिला सशक्तीकरण तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन ‘विकसित भारत-2047’ के लक्ष्य को हासिल करने राज्य शासन ने वर्किंग वीमेन हॉस्टल बनाने के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया था।उन्होंने इसकी मंजूरी मिलने पर राज्य की महिलाओं की ओर से भारत सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया है।उन्होंने कहा कि छात्रावासों के निर्माण से तीनों शहरों में कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित आवास मिलेगा।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा विशेष पूंजीगत सहायता के तहत नया रायपुर में एक हजार सीटर महिला छात्रावास के लिए 103 करोड़ 22 लाख रुपए, रायपुर के टाटीबंध और तेलीबांधा में 250-250 सीटर छात्रावास के लिए क्रमशः 15 करोड़ 10 लाख रुपए और 15 करोड़ पांच लाख रुपए मंजूर किए हैं। रायपुर के ही भैंसथान में 223 सीटर छात्रावास के लिए 17 करोड़ 23 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। भारत सरकार द्वारा बिलासपुर के तिफरा और सिरगिट्टी में 224-224 सीटर छात्रावास के लिए क्रमशः 26 करोड़ 15 लाख रुपए और 25 करोड़ 25 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
वित्तीय सुधार की दिशा में काम कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार: वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी
छत्तीसगढ़ को वित्तीय सुधारों के कारण केन्द्र सरकार से मिली सर्वाधिक 6000 करोड़ की प्रोत्साहन राशि
ऋण की अग्रिम अदायगी के लिए 2250 करोड़ का प्रावधान
उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत देने 326.97 करोड़ रूपए
औद्योगिक क्षेत्रों में 76 करोड़ से होंगे अधोसंरचनात्मक कार्य
छत्तीसगढ़ का बजट अब बढ़कर हुआ एक लाख 75 हजार 342 करोड़ रूपए
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार का तृतीय अनुपूरक बजट आज विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हुआ। वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने वर्ष 2024-25 के लिए 19762 करोड़ 12 लाख 42 हजार 523 रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। चर्चा पश्चात पारित हुए उक्त अनुपूरक बजट को मिलाकर वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य के बजट का आकार कुल 01 लाख 75 हजार 342 करोड़ रूपए का हो गया है। इसमें मुख्य बजट के रूप में पारित 1 लाख 47 हजार 446 करोड़, प्रथम अनुपूरक बजट में 7 हजार 329 करोड़ रूपए, द्वितीय अनुपूरक बजट में 805 करोड़ 71 लाख 74 हजार 286 रूपए और तृतीय अनुपूरक बजट में 19762 करोड़ 12 लाख 42 हजार 523 रूपए शामिल है।
वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी ने तृतीय अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी पर भरोसा करती है। सरकार बनने के 12 दिनों बाद ही मोदी जी की गारंटी के अनुरूप सरकार ने 12 लाख से अधिक किसानों को दो साल के बकाया बोनस राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान किया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने समर्थन मूल्य पर इस वर्ष 149 लाख टन धान की खरीदी की है, जो अपने आप में रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को धान खरीदी समाप्त हुई और एक सप्ताह के भीतर 25 लाख 49 हजार किसानों के बैंक खाते में 12 हजार करोड़ रूपए का भुगतान एकमुश्त किया गया। पूरे देश में इतना बड़ा ट्रांजैक्शन किसान भाइयों के खाते में करने का अपने आप में इतिहास है, यह एक रिकॉर्ड है।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कहा कि मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमने विभिन्न वित्तीय सुधारों के माध्यम से केंद्र सरकार से 6,000 करोड़ से अधिक की प्रोत्साहन राशि प्राप्त की है, जो देश में सर्वाधिक है। वित्तीय संतुलन बनाए रखने, पूंजीगत व्यय बढ़ाने व विकास योजनाओं को तेज करने की दिशा में यह बड़ा कदम है। पिछले सवा साल में छत्तीसगढ़ में गुड गवर्नेंस रहा है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ की जनता ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नेतृत्व वाली सरकार पर भरोसा जताते हुए अपना लगातार समर्थन दिया है।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने आगे कहा कि हम वित्तीय अनुशासन के साथ सुधारवादी बजट लेकर आए हैं। अनुपूरक बजट में वित्तीय अनुशासन व सुधारों के जरिए पुराने घाटों को भरने व ब्याज बचत करते हुए भुगतान-देनदारी निपटाने के लिए बड़ा प्रावधान किया गया है, ताकि विकास में कोई बाधा न आए। हमारा लक्ष्य सुव्यवस्थित वित्तीय प्रबंधन के साथ छत्तीसगढ़ को प्रगति की ऊंचाइयों तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन,छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड और पुलिस हाउसिंग इन तीनों को मिलाकर लगभग 3500 करोड़ का लोन है, जो महंगे ब्याज दरों पर चल रहे हैं, इस अनुपूरक बजट में इन तीनों लोन का हम प्री पेमेंट कर रहे हैं। इससे प्रतिवर्ष 50 करोड़ से अधिक का ब्याज बचेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राजनांदगांव जिले, जांजगीर-चांपा जिले एवं नवा रायपुर अटल नगर में फार्मास्यूटिकल पार्क की स्थापना के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक संस्थान, इंजीनियरिंग पार्क की स्थापना के लिए भी 76 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। रायपुर, नवा रायपुर, बिलासपुर में वर्किंग वूमेन हॉस्टल के निर्माण के लिए 34 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
तृतीय अनुपूरक बजट 2024-25 में पुलिस प्रशिक्षण शालाएं के लिए 3 करोड़, जिला चिकित्सालय के लिए 145 करोड़ रूपए, निवृत्ति वेतन भोगियों को देय 1 हजार 278 करोड़, परिवार पेंशन के लिए 320 करोड़, पुलिस 500 करोड़, राज्य सहकारी विपणन संघ को खाद्यान्न उपार्जन में हुई हानि का प्रतिपूर्ति 600 करोड़, लघु एवं लघुतम सिंचाई योजनाएं 125 करोड़, सेवा एवं मूल्य निवृत्ति पुरस्कार 37 करोड़, एनीकट/स्टापडेम का निर्माण 15 करोड़, नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के लिए 1 हजार 43 करोड़, नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना 195 करोड़,सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र 86 करोड़, सड़कों के निर्माण कार्य हेतु लिए गए ऋण की अदायगी के लिए 2 हजार 250 करोड़, कृषि पंपो को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु अनुदान 2 हजार 200 करोड़, अन्तोदय अन्न योजनांतर्गत चना का प्रदाय 451 करोड़, उपभोक्ताओं को विद्युत शुल्क में राहत हेतु सब्सिडी 326 करोड़, राज्य सहकारी विपणन संघ को खाद्यान्न उपार्जन में हुए व्ययों की प्रतिपूर्ति 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रदेश की 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 सब-जेल में विशेष आयोजन:आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धि के लिए कैदियों को मिला गंगा जल स्नान का अवसर
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की एक अनूठी पहल के तहत प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को गंगा जल स्नान का अवसर प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस पुनीत कार्य पर कहा कि मां गंगा की कृपा सभी पर बनी रहे, यही हमारी कामना है। यह पहल कैदियों को मानसिक शांति और आत्मचिंतन का अवसर प्रदान करेगी, जिससे वे सकारात्मक बदलाव की ओर अग्रसर हो सकें। प्रदेश सरकार जेल सुधार के साथ-साथ कैदियों के आध्यात्मिक एवं नैतिक उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रहेंगे।
आध्यात्मिक जागरूकता और सामाजिक समावेश की दिशा में बड़ा कदम
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि संस्कार और संस्कृति किसी भी व्यक्ति के जीवन का अभिन्न हिस्सा होते हैं, और जेलों में बंद कैदी भी इससे अछूते नहीं हैं। 144 वर्षों बाद आयोजित हो रहे महाकुंभ के पुण्य लाभ से समाज का हर वर्ग वंचित न रहे, इसलिए राज्य सरकार ने यह विशेष आयोजन किया। इससे कैदियों में आत्मशुद्धि, सकारात्मक सोच और नैतिक जागरूकता का संचार होगा। उन्होंने कहा कि 5 सेंट्रल जेल, 20 जिला जेल और 8 उपजेल में गंगा जल स्नान और सामूहिक प्रार्थना का विशेष आयोजन किया गया, जिससे कैदियों को आध्यात्मिक और मानसिक शुद्धि का अनुभव मिला।
प्रदेशभर में कैदियों में दिखा उत्साह, सामूहिक प्रार्थना में लिया भाग
इस विशेष आयोजन के दौरान प्रदेशभर की जेलों में कैदियों के लिए गंगा जल की आपूर्ति और स्नान की उपयुक्त व्यवस्था एवं सामूहिक प्रार्थना की व्यवस्था की गई है। जेल अधीक्षकों ने बताया कि कैदियों ने इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लिया और इसे एक सकारात्मक अनुभव बताया। कई कैदियों ने कहा कि इस आयोजन से उन्हें आत्मशुद्धि और मानसिक शांति का अनुभव हुआ।
कैदियों के सुधार और पुनर्वास की दिशा में सरकार की नई पहल
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश सरकार कैदियों के सुधार और सामाजिक पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध है। इस पहल को इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि जेल केवल दंड का स्थान नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास का केंद्र भी होना चाहिए। कैदियों को नैतिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने का यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा।
छत्तीसगढ़ सरकार का सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में सराहनीय प्रयास
राज्य सरकार द्वारा जेलों में आयोजित यह गंगा जल स्नान और आध्यात्मिक कार्यक्रम कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक और सराहनीय पहल है। यह पहल न केवल कैदियों को आत्मशुद्धि और मानसिक शांति प्रदान करेगी, बल्कि उनके पुनर्वास की दिशा में भी एक प्रभावी कदम साबित होगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ ने भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित प्रकृति परीक्षण अभियान में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त किया। राज्य ने स्ट्राइक रेट लक्ष्य में देशभर में तीसरा स्थान और कुल प्रकृति परीक्षण मानकों पर नौवां स्थान प्राप्त किया। इस उपलब्धि के लिए केन्द्रीय आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रताप राव जाधव ने छत्तीसगढ़ को प्रशस्ति पत्र और ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया।यह सम्मान अभियान के राज्य समन्वयक डॉ. संजय शुक्ला ने ग्रहण किया। जहांगीर भाभा थियेटर, मुंबई में आयोजित अभियान के समापन समारोह में छत्तीसगढ़ को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आयुष विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य और आयुर्वेद के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की बढ़ती उत्कृष्टता का प्रमाण है, जिससे राज्य में आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सशक्त किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आयुष विभाग के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस तरह की पहल न केवल नागरिकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाएगी, बल्कि प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा में लाने में भी सहायक होगी।
उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर से 25 दिसंबर 2024 तक चले इस अभियान के तहत देशभर में 1.29 करोड़ से अधिक नागरिकों का परीक्षण किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ ने 4.45 लाख से अधिक नागरिकों का सफलतापूर्वक परीक्षण कर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। इस अभियान में राज्य के 3551 वालंटियर्स ने योगदान दिया।
इसके अतिरिक्त अभियान की महत्ता को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीनस्थ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के 40,000 से अधिक अधिकारियों और जवानों का भी सफलतापूर्वक प्रकृति परीक्षण किया गया, जो आयुष चिकित्सा के प्रति बढ़ती जागरूकता और विश्वास को दर्शाता है।
नागरिकों के लिए निरंतर जारी रहेगा अभियान
आयुष विभाग के संचालक ने बताया कि मोबाइल एप्लीकेशन आधारित इस अभियान को नागरिकों से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में इस अभियान को निरंतर जारी रखने का निर्णय लिया गया है। अब राज्य के नागरिक निकटतम आयुर्वेद महाविद्यालय, जिला आयुर्वेद चिकित्सालय, आयुष विंग, स्पेशलाइज्ड थैरेपी सेंटर, शासकीय आयुर्वेद औषधालयों एवं निजी आयुर्वेद चिकित्सकों से संपर्क कर अपना प्रकृति परीक्षण करवा सकते हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रति एकड़ 3 से 4 लाख तक कमाई
60 किसान कर रहे हैं खेतीरायपुर : छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में स्ट्राबेरी की खेती लोकप्रिय होे रही है। अपने लजीज स्वाद और मेडिसिनल वेल्यू के कारण यह बड़े स्वाद के खाया जाता है। राज्य के जशपुर, अंबिकापुर, बलरामपुर क्षेत्र में कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं। स्ट्राबेरी की अभी स्थानीय स्तर पर ही खपत हो रही है। इसकी खेती से मिलने वाले लाभ के कारण लगातार किसान आकर्षित हो रहे हैं। एक एकड़ खेत में इसकी खेती 3 से 4 लाख की आमदनी ली जा सकती है।जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की की शुरूआत की थी, अब 33 किसान 42 एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। जशपुर में विंटर डान प्रजाति की स्ट्राबेरी के पौधे लगाए गए हैं। इन किसानों को उद्यानिकी विभाग की योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत तकनीकी मार्गदर्शन और अन्य सहायता मिल रही है। किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में होने वाली स्ट्राबेरी की गुणवत्ता अच्छी है और साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने के कारण व्यापारियों को ताजे फल मिल रहे हैं।जिसके कारण उन्हें अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। नाबार्ड के एफएसपीएफ योजना के तहत रीड्स संस्था द्वारा बगीचा विकासखंड के ग्राम सन्ना, अकरीकाना, लोरो, कोपा, लरंगा और मैना गांव का चयन स्ट्रॉबेरी की खेती करवाई थी। साल 2023 में उत्पादन भी बेहतर हुआ था और उच्च क्वालिटी के स्ट्रॉबेरी निकले थे। इसे देखते हुए साल 2024 में उद्यान विभाग द्वारा किसानों को किसानों को स्ट्रॉबेरी के उत्पादन से जोड़ा गया और किसानों को विभाग द्वारा सहयोग भी दिया गया है। किसान रीड्स संस्था की देखरेख में लगभग 60 किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं।धान के मुकाबले 8 से 9 गुना फायदास्ट्राबेरी की खेती धान के मुकाबले कई गुना फायदे का सौदा है। जहां धान की खेती के लिए मिट्टी का उपजाऊपन के साथ साथ ज्यादा पानी और तापमान की जरूरत होती है वहीं स्ट्राबेरी के लिए सामान्य भूमि और सामान्य सिंचाई में भी यह लगाया जा सकता है। धान की खेती में जहां देख-रेख की ज्यादा जरूरत पड़ती है वहीं स्ट्राबेरी के लिए देख-रेख की कम जरूरत पड़ी है, सिर्फ इसके लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है। जहां धान से एक एकड़ में करीब 50 हजार की आमदनी ली जा सकती है वहीं स्ट्राबेरी की खेती में 3 से 4 लाख की आमदनी हो सकती है। इस प्रकार धान से 8-9 गुना आमदनी मिलती है। स्ट्राबेरी की खेती छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में ली जा सकती है। इसके लिए राज्य के अंबिकापुर, कोरिया, बलरामपुर, सूरजपुर जशपुर का क्षेत्र उपयुक्त है।जमीन का उपजाऊ होना आवश्यक नहींजशपुर के किसान श्री धनेश्वर राम ने बताया कि पहले उनके पास कुछ जमीन थी जो अधिक उपजाऊ नहीं थी वह बंजर जैसी थी। मुश्किल से कुछ मात्रा में धान की फसल हो पाती थी। जब उन्हें विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन मिलने पर फलंों की खेती प्रारंभ की। नाबार्ड संस्था से सहयोग भी मिला। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित हुआ साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो 2025रायपुर : दक्षिण एशिया के सबसे बड़े ट्रैवल एक्सपो SATTE ( साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो) 2025 में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई है। 19 से 21 फरवरी 2025 तक आयोजित इस भव्य आयोजन में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों को प्रमोट करने के लिए एक विशेष स्टॉल लगाया गया, जिसने देशभर के टूर ऑपरेटर्स, निवेशकों और पर्यटकों का ध्यान आकर्षित किया।
एक्सपो के दौरान छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य ने विभिन्न राज्यों से आए पर्यटन विभाग के अधिकारियों और टूर ऑपरेटर्स से मुलाकात की। श्री आचार्य ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से चित्रकोट जलप्रपात, बारनवापारा अभयारण्य, बस्तर की गुफाएं, सिरपुर, मैनपाट सहित राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों की जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने छत्तीसगढ़ में पर्यटन विकास और निवेश के अवसरों पर भी प्रकाश डाला।
विवेक आचार्य ने कहा, "छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की पर्यटन नीतियां इसे एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में उभरने में मदद कर रही हैं।" उन्होंने बताया कि राज्य सरकार पर्यटकों और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने हेतु कई नई योजनाओं पर कार्य कर रही है।
SATTE 2025 में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड का स्टॉल एक्सपो के आकर्षण का केंद्र बना रहा, जहां बड़ी संख्या में टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों, उद्योग विशेषज्ञों और पर्यटन प्रेमियों ने भाग लिया। एक्सपो में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों और संभावनाओं को लेकर उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली, जिससे यह साफ है कि राज्य जल्द ही देश के शीर्ष पर्यटन स्थलों में अपनी मजबूत पहचान बनाएगा।
विभिन्न राज्यों के टूर ऑपरेटरर्स और ट्रेवेल एजेंटस ने SATTE ( साउथ एशिया ट्रेवल एंड टूरिज्म एक्सपो) के स्टाल में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के साथ अपना स्पॉट रजिस्ट्रेशन भी कराया ताकि टूरिज्म बोर्ड की नीतियों के तहत उन्हें टूरिज्म बुकिंग का लाभ मिल सके और दूसरे राज्यों के पर्यटक अधिक से अधिक संख्या में छत्तीसगढ़ के आकर्षक पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी कर सकें। इस छोटी सी शुरूवात ने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के लिए भविष्य की सार्थक संभावनाओं के द्वार खोले हैं।
दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के महाप्रबंधक श्री वेदव्रत सिरमौर, उप महाप्रबंधक श्री संदीप ठाकुर एवं विभिन्न अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों, सरकारी अधिकारियों और निवेशकों से मुलाकात कर राज्य के पर्यटन स्थलों, योजनाओं और निवेश के अवसरों पर विस्तार से चर्चा की। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
एम.के मधुबालापत्रकार
नयी दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर कल यहां तीस हाज़री अदालत में संगोष्ठी आयोजित की गयी। भारतीय भाषा अभियान तीस हजारी न्यायालय इकाई की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में तीस हजारी न्यायालय के जिला न्यायाधीश( कुटुम्ब न्यायालय, केंद्रीय जिला) श्री मुरारी प्रसाद सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में हिंदी विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय के आचार्य डॉ अनिल राय मौजूद थे।
इसके अलावा आचार्य,डॉ अजित पूरी, सहायक आचार्य विष्णु शर्मा एवं मुख्य वक्ता श्री जयदीप राय जी सहित कई विशिष्टगण मौजूद थे।इस कार्यक्रम का आयोजन अधिवक्ता श्रीमती सविता कसाना की अगुआई में किया गया था। संगोष्ठी में मातृभाषा के जरिए स्वाभिमान को जगाने और मानासिक दासता की बेड़ियों को तोड़ने का संकल्प दोहराया गया। एल.एस. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
साइंस सिटी बनेगा वैज्ञानिक शोध और नवाचार का हब, छत्तीसगढ़ विज्ञान के क्षेत्र में रचेगा इतिहास- मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव सायउपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजितरायपुर : छत्तीसगढ़ अब शिक्षा, विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान बनाने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में साइंस सिटी की स्थापना की दिशा में निर्णायक कदम बढ़ाए जा रहे हैं। नवा रायपुर के सेक्टर-13 में 30 एकड़ भूमि पर बनने वाली इस साइंस सिटी को आधुनिकतम तकनीकों से युक्त किया जाएगा, जो छत्तीसगढ़ को विज्ञान और तकनीक का नया केंद्र बनाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर आज उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के विजन के अनुरूप इस परियोजना को तेजी से और समयबद्ध रूप से पूरा करने की रणनीति पर चर्चा हुई।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग श्रीमती रेणु जी पिल्ले, छत्तीसगढ़ रीजनल साइंस सेंटर के महानिदेशक डॉ. एस. कर्मकार सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का विजन: छत्तीसगढ़ बनेगा विज्ञान और नवाचार का अग्रणी राज्य
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के विजन के अनुरूप छत्तीसगढ़ को केवल प्राकृतिक संसाधनों का राज्य नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचारों के केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाना है। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने बैठक में निर्देशित किया कि साइंस सिटी को "एडुटेनमेंट" (शिक्षा + मनोरंजन) की अवधारणा पर विकसित किया जाए, जिससे छात्रों, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि विकसित करने का अवसर मिले।
बैठक में बताया गया कि साइंस सिटी में कई अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी, जो इसे देश के अग्रणी विज्ञान केंद्रों में शामिल करेंगी। इसमें अंतरिक्ष एवं खगोल विज्ञान केंद्र, स्मार्ट सिटी एवं ग्रीन टेक्नोलॉजी सेक्शन, जलवायु परिवर्तन केंद्र, रोबोटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब, एयरोस्पेस रिसर्च सेक्शन, वर्चुअल एक्सपेरिमेंट लैब, थ्रीडी थिएटर और इमर्सिव डिस्प्ले जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। इन नवाचारों के माध्यम से छात्रों, शोधकर्ताओं और आम नागरिकों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुचि विकसित करने का अवसर मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि साइंस सिटी सिर्फ एक शैक्षिक संस्थान नहीं, बल्कि यह प्रदेश के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक केंद्र बनेगा। उन्होंने निर्देश दिया कि इसमें छात्रों के लिए एक्सपेरिमेंटल लर्निंग ज़ोन बनाए जाएं, जहां वे वैज्ञानिक अवधारणाओं को व्यावहारिक रूप से समझ सकें।
बैठक में चर्चा हुई कि साइंस सिटी छत्तीसगढ़ के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह न केवल छत्तीसगढ़ में विज्ञान पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि यहां के युवाओं और वैज्ञानिकों को वैश्विक स्तर के अनुसंधान और नवाचार के अवसर उपलब्ध कराएगी।
साइंस सिटी का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व
साइंस सिटी न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए विज्ञान शिक्षा और नवाचार को नई दिशा देने वाली परियोजना होगी। बैठक में निर्णय लिया गया कि इस केंद्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के विज्ञान सम्मेलन और शोध कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे यहां के विद्यार्थी और शोधकर्ता दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिकों के साथ काम करने का अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
समयबद्ध क्रियान्वयन और तकनीकी नवाचारों पर विशेष जोर
बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस परियोजना को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा किया जाए और इसे भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया जाए। उन्होंने कहा कि साइंस सिटी को नवाचार और अनुसंधान का वैश्विक स्तर का केंद्र बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की यह साइंस सिटी देश की प्रमुख विज्ञान परियोजनाओं में से एक होगी और यह प्रदेश के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास में अभूतपूर्व योगदान देगी। बैठक में बताया गया कि साइंस सिटी के विभिन्न सेक्शनों को इस तरह डिज़ाइन किया जाए कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की विज्ञान प्रदर्शनियों, नवाचार प्रतियोगिताओं और शोध परियोजनाओं की मेजबानी कर सकें। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को जल्द से जल्द मूर्त रूप देने के लिए राज्य सरकार, वैज्ञानिक समुदाय और शिक्षाविदों के सहयोग से एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिससे छत्तीसगढ़ विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में एक नई पहचान बना सके।
छत्तीसगढ़ का भविष्य विज्ञान और नवाचार में - मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ को केवल पारंपरिक संसाधनों और कृषि राज्य तक सीमित नहीं रखा जाएगा। अब हमें आगे बढ़कर विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में देश और दुनिया के अग्रणी राज्यों में शामिल होना है। साइंस सिटी इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए नए अवसर खोलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना सिर्फ एक शैक्षिक केंद्र नहीं होगी, बल्कि यह प्रदेश के युवाओं और वैज्ञानिकों को वैश्विक मंच प्रदान करने का एक सशक्त प्रयास है। अब छत्तीसगढ़ सिर्फ धान का कटोरा नहीं, बल्कि विज्ञान और नवाचार की राजधानी बनने की ओर अग्रसर हो रहा है I -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ग्रामोद्योग विभाग द्वारा लोगों को दी जा रही जानकारीरायपुर : राजिम कुंभ कल्प मेला में गरियाबंद जिले के विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में ग्रामोद्योग विभाग के रेशम प्रभाग का स्टाल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस स्टाल में किसानों, महिलाओं और आम नागरिकों को कोसा उत्पादन की प्रक्रिया की जानकारी दी जा रही है। अब तक हजारों लोग इस स्टाल पर पहुंचकर कोसा उत्पादन की जानकारी प्राप्त कर चुके हैं। कोसा उत्पादन किसानों के लिए न केवल आय का एक अतिरिक्त जरिया बन सकता है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाने में मददगार होगा।
स्टाल प्रभारी राम गोपाल चौहान ने बताया कि कोसा उत्पादन वन एवं कृषि आधारित रोजगार का एक बेहतरीन जरिया है, जिससे गांवों में ही आजीविका प्राप्त की जा सकती है। छत्तीसगढ़, जो हरितिमा से आच्छादित राज्य है, में खेतों के किनारे अर्जुन के पेड़ लगाकर कोसा उत्पादन किया जा सकता है। अर्जुन पेड़ों की पत्तियों पर कोसा कीड़े तीस दिन में कोसा फल तैयार कर देते हैं, जिसे किसान आसानी से बाजार में बेच सकते हैं।
कोसा उत्पादन कृषि के लिए भी लाभदायक है, क्योंकि इसका पालन खेतों में बायो-फर्टिलाइजर के रूप में भी उपयोगी होता है। प्रति अर्जुन वृक्ष 50 से 60 कोसा फल उत्पन्न होते हैं, जो बाजार में एक से दो रुपये प्रति फल की दर से बिकते हैं। इस प्रक्रिया में 70 प्रतिशत कोसा फल तोड़कर बेचा जाता है, जबकि 30 प्रतिशत को प्राकृतिक वंश वृद्धि के लिए पेड़ों पर ही छोड़ना आवश्यक होता है, जिससे आगे कोसा तितलियां विकसित होकर उत्पादन की श्रृंखला को बनाए रखें। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पूजा-अर्चना कर सर्वकल्याण की कामना की
रायपुर : महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान किया और विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेश और देशवासियों के सर्वकल्याण की कामना की। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ सनातन परंपराओं का जीवंत प्रतीक है, जहां श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाकर आत्मशुद्धि एवं मोक्ष की प्राप्ति का संकल्प लेते हैं।उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम का यह पुण्य स्नान न केवल आध्यात्मिक उन्नयन का अवसर है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और सनातन मूल्यों की अद्वितीय छटा भी प्रस्तुत करता है। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने त्रिवेणी संगम में स्नान और पूजा-अर्चना के बाद कुंभ क्षेत्र में मौजूद श्रद्धालुओं से भेंट कर उनकी कुशलक्षेम पूछी।