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सहारनपुर: सहारनपुर के थाना बेहट के गांव जमालपुर में एक नाबालिग लड़की के साथ रेप हुआ है. गांव के ही एक युवक पर बलात्कार का संगीन आरोप लगा है. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है. हालत बिगड़ने पर पुलिस ने लड़की को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय भेजा. फिलहाल आरोपी घटना के बाद से फरार है और पुलिस उसे पकड़ने के लिए जगह-जगह छापे मारी कर रही है.
बताया जा रहा है कि युवक जबरन नाबालिग लड़की को दादी के घर से लौटते समय खाली मकान में ले गया जहां उसने उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. घटना के बाद से ही आरोपी फरार हो गया. लड़की ने रो-रो कर अपनी आप बीती परिजनों को बताई. फिर इसकी शिकायत पुलिस की गई.
नाबालिग लड़की से दुष्कर्म
पुलिस और लड़की के परिजन उसे लेकर बेहट सीएचसी पहुंचे जहां उसे डॉक्टरों ने हायर सेंटर रेफर कर दिया. पीड़ित लड़की का इलाज सहारनपुर के जिला चिकित्सालय में चल रहा है. लड़की की तबीयत अच्छी नहीं बताई जा रही है.
पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी
वहीं एसपी देहात अशोक कुमार मीणा ने बताया कि इस मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. साथ ही युवती का मेडिकल करवाया जा रहा है. एसपी देहात ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई है. उसे जल्द ही सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. -
एजेंसीचेन्नई : चेन्नई में तैनात सीआरपीएफ की बटालियन के अधिकारी ने अपने दफ्तर में खुद को अपनी राइफल से गोली मार कर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने से पहले अधिकारी ने एक सुसाइड नोट भी लिखा और शव घर न भेजने की जगह चेन्नई में ही अंतिम संस्कार करने का अनरोध किया है।
मृतक कालीकट का रहने वाला था और बतौर एसआई भर्ती हुआ था। मंगलवार को अपने दफ्तर में खुद को गोली मार ली। गोली नीचे की ओर से गर्दन के हिस्से पर चली। जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
हालांकि सुसाइड लेटर में आत्महत्या की कोई वजह नहीं लिखी है। पत्र में लिखा है कि बटालियन ने मुझे बहुत सम्मान, कल्याण और प्यार दिया है। इसके लिए आप सभी का धन्यवाद। मेरी मौत का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर कोई जिम्मेदार नहीं है। यह पूरी तरह से व्यक्तिगत मामला है।
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एजेंसीमुंबई : शिवसेना और मुंबई पुलिस पर बयानबाजी करना अभिनेत्री कंगना रनौत को भारी पड़ गया है, बुधवार को बीएमसी ने बांद्रा वेस्ट के पाली हिल रोड पर स्थित कंगना रनौत के ऑफिस में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।इसके लिए बीएमसी की टीम जेसीबी और मजदूरों को लेकर पहुंच गई है। कंगना ने भी कार्रवाई की फोटो ट्वीट कर महाराष्ट्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है तो वहीं बीएमसी की इस कार्रवाई के खिलाफ कंगना ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दायर की है, कंगना की ओर से रिजवान सिद्दीकी ने अर्जी दाखिल की, जिस पर जस्टिस एस कथावाला थोड़ी देर में सुनवाई करेंगे।
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रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को अपने निवास कार्यालय से वीडियों कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश के 76 हजार 803 गोबर विक्रेताओं को तृतीय किस्त 6 करोड़ 27 लाख रूपए का भुगतान किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर ’गोधन न्याय योजना एप’ का भी शुभारंभ किया।
इस एप के माध्यम से अब प्रदेश के गोबर विक्रेताओं को ऑनलाइन घर पर ही गोबर विक्रय के संबंध में विस्तृत जानकारी मिल जाएगी। श्री बघेल ने पशुपालकों एवं गोबर विक्रेताओं के सुविधाओं के लिए एप तैयार करने के लिए अधिकारियों की सराहना की। एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। एप के माध्यम से गोबर विक्रेताओं के साथ-साथ स्व-सहायकता समूह को भी जोड़ा जा सकता है।
गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट बनाने और उसे बेचने तक की जानकारी उपलब्ध रहेगी। इसके साथ ही कौन-कौन से विभागों के साथ समन्वय किया गया है, यह जानकारी भी विक्रेताओं को मिलेगी। इससे हितग्राहियों को निर्मित कम्पोस्ट खाद के मार्केटिंग के लिए और अधिक अवसर उपलब्ध हो सकेगा। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सविच श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, राज्य महिला आयोग की अघ्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, सचिव डॉ. एम.गीता, सचिव श्री आर. प्रसन्ना, श्री नीलेश क्षीरसागर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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तमिलनाडु : तमिलनाडु सरकार ने गरीबों को लाभ पहुंचाने वाली प्रधानमंत्री किसान योजना में बड़े घोटाले का खुलासा किया है. तमिलनाडु सरकार ने पाया कि धोखाधड़ी करके 110 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान ऑनलाइन निकाल लिया गया. यह सब सरकारी अधिकारियों और कुछ स्थानीय राजनेताओं की मदद से हुआ.
तमिलनाडु के प्रमुख सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने बताया कि अगस्त में नाटकीय रूप से कई लोगों को इस योजना में जोड़ा गया था. जांच में पाया गया कि एग्रीकल्चर विभाग के अधिकारियों ने ऑनलाइन आवेदन अनुमोदन प्रणाली का उपयोग किया था और कई लाभार्थियों को अवैध रूप से जोड़ा था. मॉडस ऑपरेंडी में सरकारी अधिकारी शामिल थे, जो नए लाभार्थियों में जुड़ने वाले दलालों को लॉगिन और पासवर्ड प्रदान करते थे और उन्हें 2000 रुपये देते थे.
प्रमुख सचिव गगनदीप सिंह बेदी ने कहा कि कृषि योजनाओं से जुड़े 80 अधिकारियों-कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है और 34 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. दलाल या एजेंट के रूप में पहचाने जाने वाले 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. सरकार ने 110 करोड़ रुपये में से 32 करोड़ रुपये की वसूली की है.
तमिलनाडु सरकार का दावा है कि बाकी पैसे अगले 40 दिनों के भीतर वापस आ जाएंगे. कल्लाकुरिची, विल्लुपुरम, कुड्डलोर, तिरुवन्नमलाई, वेल्लोर, रानीपेट, सलेम, धर्मपुरी, कृष्णगिरि और चेंगलपेट जिले ऐसे थे, जहां घोटाले हुए. अधिकांश नए लाभार्थी इस योजना से अनभिज्ञ थे या इस योजना में शामिल नहीं हो रहे थे.
अगस्त के अंतिम सप्ताह में प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत धन के वितरण में भ्रष्टाचार के कारण कालाकुरिची में दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था. योजना से गैर किसानों को धन दिए जाने की शिकायत के बाद घोटाले का खुलासा हुआ. दो वरिष्ठ अधिकारी अमुधा और राजेसकरन समेत 15 अन्य सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था.साभार aajtak -
एजेंसी
कुशीनगर : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर (Kushinagar) ज़िले में एक शिक्षक की हत्या के आरोपी को भीड़ ने पुलिस के सामने पीट पीट कर मार डाला. कुशीनगर के रामपुर बंगला इलाके के एक टीचर सुधीर सिंह की उनके घर में हत्या कर दी गई. हत्या करने वाला भीड़ जमा होने पर आत्मसमर्पण करना चाहता था. लेकिन वहां मौजूद ग्रामीण गुस्से में बेकाबू थे और पुलिस के सामने ही युवक पर टूट पड़े. पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन वह आरोपी को बचाने में नाकामयाब रहे.इस घटना का वीडियो भी सामने आया है, जहां मौके पर कई पुलिसकर्मी मौजूद नजर आ रहे हैं और भीड़ को समझाने की कोशिश भी कर रहे हैं लेकिन भीड़ की नाराजगी के आगे उनकी एक नहीं चल रही है. पुलिस की मौजूदगी में लोग शख्स को पीट रहे हैं.पुलिस के अनुसार शख्स गोरखपुर का था और उसने पर अपने पिता की बंदूक से एक अध्यापक की कथित हत्या की थी.
स्थानीय रिपोर्ट के अनुसार शिक्षक को गोली मारने के बाद युवक अपनी छत पर चढ़ गया और अपनी बंदूक लहराने लगा. उसने ग्रामीणों को दूर रहने की धमकी भी दी थी. जब पुलिस पहुंची तो उसने आत्मसमर्पण के लिए अपना हाथ उठाया. पुलिस द्वारा ही उसे छत से नीचे लाया गया. जब वह पुलिस की जीप में बैठ रहा था तभी किसी ने उसे खींच लिया और फिर गुस्से में बेकाबू भीड़ युवक पर टूट पड़ी. -
भाषा की रिपोर्टनई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने चालू वित्त वर्ष की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 23.9 प्रतिशत की गिरावट को चिंताजनक बताया है. उन्होंने कहा है कि नौकरशाही को अब आत्मसंतोष से बाहर निकलकर कुछ अर्थपूर्ण कार्रवाई करनी होगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा संकट के दौरान एक अधिक विचारवान और सक्रिय सरकार की जरूरत है. राजन ने कहा, ‘दुर्भाग्य से शुरुआत में जो गतिविधियां एकदम तेजी से बढ़ी थीं, अब फिर ठंडी पड़ गई हैं.’
राजन ने अपने लिंक्डइन पेज पर पोस्ट में लिखा है, ‘आर्थिक वृद्धि में इतनी बड़ी गिरावट हम सभी के लिए चेतावनी है. भारत में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है. (असंगठित क्षेत्र के आंकड़े आने के बाद यह गिरावट और अधिक हो सकती है). वहीं कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित देशों इटली में इसमें 12.4 प्रतिशत और अमेरिका में 9.5 प्रतिशत की गिरावट आई है.’
उन्होंने कहा कि इतने खराब GDP आंकड़ों की एक अच्छी बात यह हो सकती है कि अधिकारी तंत्र अब आत्मसंतोष की स्थिति से बाहर निकलेगा और कुछ अर्थपूर्ण गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगा. राजन फिलाहल शिकॉगो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 (Covid-19) के मामले अब भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में रेस्तरां जैसी सेवाओं पर विवेकाधीन खर्च और उससे जुड़ा रोजगार उस समय तक निचले स्तर पर रहेगा, जब तक कि वायरस को नियंत्रित नहीं कर लिया जाता.
राजन ने कहा कि सरकार संभवत: इस समय अधिक कुछ करने से इसलिए बच रही है, ताकि भविष्य के संभावित प्रोत्साहन के लिए संसाधन बचाए जा सकें. उन्होंने राय जताई कि यह आत्मघाती रणनीति है. एक उदाहरण देते हुए राजन ने कहा कि यदि हम अर्थव्यवस्था को मरीज के रूप में लें, तो मरीज को उस समय सबसे अधिक राहत की जरूरत होती है जबकि वह बिस्तर पर है और बीमारी से लड़ रहा है.
उन्होंने कहा, ‘बिना राहत या सहायता के परिवार भोजन नहीं कर पाएंगे, अपने बच्चों को स्कूल से निकल लेंगे और उन्हें काम करने या भीख मांगने भेज देंगे. अपना सोना गिरवी रखेंगे. ईएमआई और किराये का भुगतान नहीं करेंगे. ऐसे में जब तक बीमारी को नियंत्रित किया जाएगा, मरीज खुद ढांचा बन जाएगा.’
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने कहा कि अब आर्थिक प्रोत्साहन को ‘टॉनिक’ के रूप में देखें. ‘जब बीमारी समाप्त हो जाएगी, तो मरीज तेजी से अपने बिस्तर से निकल सकेगा, लेकिन यदि मरीज की हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाएगी, तो प्रोत्साहन से उसे कोई लाभ नहीं होगा. राजन ने कहा कि वाहन जैसे क्षेत्रों में हालिया सुधार वी-आकार के सुधार (जितनी तेजी से गिरावट आई, उतनी ही तेजी से उबरना) का प्रमाण नहीं है. -
नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी के कारण पांच महीने से अधिक समय तक बंद रहने के बाद दिल्ली मेट्रो ने सोमवार को 'येलो लाइन पर अपनी सीमित सेवाएं बहाल कीं। इस दौरान यात्री भरपूर सतर्कता बरतते नजर आए। 'येलो लाइन' दिल्ली के समयपुर बादली को गुडगांव के हुडा सिटी सेंटर से जोड़ती है। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के एक अधिकारी ने बताया कि कड़ी सुरक्षा और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करते हुए सेवाएं सुबह सात बजे बहाल की गईं। पहली ट्रेनें समयपुर बादली से हुडा सिटी सेंटर के लिए और हुडा सिटी सेंटर से समयपुर बादली के लिए रवाना हुईं।
डीएमआरसी ने हुडा सिटी सेंटर से रवाना हो रही पहली ट्रेन का वीडियो ट्विटर पर साझा किया। उसने लिखा, 'हम आ रहे हैं। हम 169 दिन से आपसे नहीं मिले। यात्रा जिम्मेदारी के साथ और अतिआवश्यक होने पर ही करें।' अधिकारी ने बताया कि 'येलो लाइन के किसी भी स्टेशन के निषिद्ध क्षेत्र में नहीं होने की वजह से कोई भी स्टेशन बंद नहीं है। दिन की शुरुआत में 'येलो लाइन' पर कश्मीरी गेट और हौज खास जैसे स्टेशनों पर यात्री मास्क पहने नजर आए।
डीएमआरसी ने एक अन्य ट्वीट में कुछ यात्रियों की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, '' पांच महीने से अधिक समय बाद पहली यात्रा कर रहे लोगों के खुशहाल चेहरे। वहीं एक यात्री ने लिखा यह बहुत ही अच्छआ कदम है। मेट्रो से पैसे और समय की बचत होती है। यात्रियों को हर सावधानी का ख्याल रखना चाहिए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी मेट्रो सेवाएं बहाल होने पर खुशी जाहिर की। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'मुझे ख़ुशी है कि आज से मेट्रो शुरू हो रही है। मेट्रो ने अच्छे इंतज़ाम किए हैं। हम सबको भी सावधानी बरतना चाहिए, कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए।' यात्रियों को तापमान मापने और हाथ सैनिटाइज करने के बाद ही स्टेशन परिसर में जाने दिया जा रहा है। दिल्ली मेट्रो के कर्मचारी और केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवान भी 'फेस शील्ड, मास्क और दस्ताने पहने दिखे। -
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के बरेली में गुरुवार को एक शख्स की मौत हो गई, जिसे कथित लोहा चोरी के आरोप में भीड़ ने पेड़ से बांधकर पीटा था. जानकारी के अनुसार मृतक 32 साल का था और भीड़ ने उसे लोहा चोरी करने के आरोप में पकड़कर एक पेड़ से बांध दिया था और जमकर पिटाई की थी. पुलिस के अनुसार मामले की शिकायत दर्ज कर ली गई है जल्द ही आरोपरियों को गिरफ्तार किया जाएगा. इस घटना का विचलित कर देने वाला वीडिया सामने आया था. पुलिस के अनुसार वीडियो में दिखाई दे रहे शख्स का नाम वासिद है जोकि नशे का आदि था. वीडियो के अनुसार शख्स के दोनों हाथों को पेड़ से बांध दिया गया था. पिटाई के बाद शख्स मदद की गुहार लगा रहा था लेकिन वहां मौजूद लोग बेपरवाह बातचीत कर रहे थे. वहीं कुछ पीड़ित के पास जरूर गए लेकिन वह सिर्फ वीडियो बनाकर और फोटो खींचकर वापस आ गए.
पुलिस के अनुसार वासिद कथित तौर पर सरकारी दफ्तर से लोहा चुरा रहा था. तभी वहां के गार्ड ने उन्हें पकड़ लिया. इसके बाद कुछ लोग वहां पहुंचे और उसे पेड़ से बांधकर बुरी तरह से पीटा गया. पुलिस ने बताया कि पीटने के बाद उसे कुछ लोग थाने लेकर आए. य़हां वह लोग भी पहुंचे जिनका सामाान चुराने के आरोप में वासिद की पिटाई हुई थी. थाने में आकर उन्होंने कहा कि चूंकि उनका सामान वापस मिल गया है और वासिद उनका पड़ोसी है इसलिए वह शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहते हैं.
इस घटना का एक और वीडियो भी सामने आया है, जहां शख्स थाने में एक लकड़ी की बेंच पर बैठा हुआ दिखाई दे रहा है. दर्द से कराहते हुए उसका दाहिने पैर में लगा घाव भी दिखाई दे रहा था. पैर में लगे घाव से प्रतीत हो रहा है कि उसे किसी पत्थर से मारा गया था. वहीं एक पुलिसकर्मी भी दिखाई दे रहा है जिसके चेहरे पर मास्क है. वह पूरे वीडियो के दौरान भाव विहिन नजर आ रहा है. पुलिस स्टेशन में कथित समझौते के एक घंटे बाद वासिद की मौत हो गई. मृतक का पोस्टमार्टम किया जा रहा है. पुलिस के अनुसार रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा. -
नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। पिछले एक महीन में ही दिल्ली में कोरोना वायरस के एक्टिव केस 90 फीसदी बढ़े हैं। 4 अगस्त को यहां कोरोना के एक्टिव मामले 9,897 थे, जो 4 सितंबर को बढ़कर 18,845 हो गए। इस दौरान देश में बढ़े कुल एक्टिव केस के मुकाबले यहां दोगुनी तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं। हालांकि दिल्ली में मिले कोरोना के कुल मरीजों में फिलहाल महज 10 फीसदी ही एक्टिव केस हैं, जबकि देश में यह आंकड़ा 24 फीसदी है।
जून महीने के अंत में दिल्ली में जिस वक्त कोरोना वायरस अपने शिखर पर था, उस समय राजधानी में एक्टिव केस करीब 28 हजार थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इस मामले पर कहा कि दिल्ली में बढ़ रहे एक्टिव केस बीमारी के और ज्यादा फैलने का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा आने वाले दिनों में राजधानी में कोरोना वायरस के बेड की मांग भी बढ़ सकती है।
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली में एक दिन के अंदर कोरोना वायरस के 2914 नए मामले मिले। पिछले 70 दिनों में यह अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इन नए मरीजों के साथ दिल्ली में कोरोना वायरस के कुल केस बढ़कर 1 लाख 85 हजार के पार पहुंच गए हैं। वहीं शुक्रवार को कोरोना की वजह से दिल्ली में 13 लोगों की मौत हुई और मृतकों की संख्या बढ़कर 4513 हो गई।
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने हाल ही में अपनी रणनीति में भी बदलाव किया है और राजधानी के अंदर टेस्टिंग की संख्या बढ़ा दी गई है। दिल्ली में पिछले 24 घंटों के भीतर ही कोरोना वायरस के 36219 टेस्ट किए गए हैं। इनमें 8,488 टेस्ट आरटीपीसीआर के जरिए और 27731 टेस्ट रैपिड एंटीजन के माध्यम से किए गए। इसे लेकर डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि निश्चित तौर पर टेस्टिंग बढ़ाने से कोरोना के केस भी बढ़े हैं, लेकिन इसके साथ ही संक्रमण की दर भी बढ़ गई है। इसकी एक बड़ी वजह आर्थिक गतिविधियों का खुलना और लोगों का नियमों का पालन ना करना है।
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बंगलूरू में हाल में हुए दंगे ‘पूर्व नियोजित’ थे और पूरी तरह सांप्रदायिक रूप से प्रेरित थे। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को सौंपी गई एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
बंगलूरू : सिटीजन फॉर डेमोक्रेसी नामक संगठन ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में कहा है कि 11 अगस्त की रात को दंगों के दौरान भीड़ ने कुछ हिंदू बहुल इलाकों को विशेष तौर पर निशाना बनाया। पूरी हिंसा सरकार में लोगों का विश्वास कम करने के मकसद से की गई।
संगठन के मुताबिक, फैक्ट फाइंडिंग समिति में रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट जज श्रीकांत डी बबालाडी, पूर्व आईएएस अधिकारी मदन गोपाल, पूर्व आईएफएस अधिकारी आर राजू समेत कुछ रिटायर नौकरशाह शामिल हैं।मदन गोपाल की अध्यक्षता वाली समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दंगों में 36 सरकारी, 300 निजी वाहन और कई घरों को नुकसान पहुंचाया गया, जिससे करीब 10 से 15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। न सिर्फ दंगों में स्थानीय लोग शामिल थे, बल्कि उन्हें पहले से ही इसकी सूचना भी थी। निसंदेह यह सांप्रदायिक तौर पर प्रेरित थे।
समिति का यह भी मानना है कि जिस तरह से घरों और लोगों को निशाना बनाया गया, उसका मकसद डर फैलाना हो सकता है ताकि इलाके को मुस्लिम बहुल बनाया जा सके। दंगों में एसडीपीआई और पीएफआई की प्रमुख भूमिका थी।
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छतीसगढ़ : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शनिवार सुबह एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। इस हादसे में सात मजदूरों की मौत हो गई है और सात अन्य घायल हो गए हैं। रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तेलीबांधा पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत सेरीखेड़ी गांव के करीब बस और ट्रक के बीच हुई टक्कर में बस में सवार सात मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई है और सात अन्य घायल हो गए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी राज्य ओडिशा के 59 मजदूर एक बस में सवार होकर गुजरात के लिए रवाना हुए थे। जब बस सेरीखेड़ी गांव के करीब पहुंची तब वह ट्रक से टकरा गई। इस घटना में सात मजूदरों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।अधिकारियों ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर घटनास्थल के लिए पुलिस दल रवाना किया गया। पुलिस ने शवों को और घायलों को अस्पताल भेजा है। उन्होंने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि ओडिशा के गंजाम जिले के निवासी मजदूर गुजरात के सूरत में कपड़ा मिल में काम करने जा रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है तथा मामले की जांच की जा रही है।
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एजेंसीचेन्नई : तमिलनाडु (Tamilnadu) के कुड्डालोर जिले में एक पटाखा फैक्टरी में धमाके (Explosion) में सात लोगों की मौत हो गई है जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से जख्मी हैं. धमाके में फैक्टरी मालिक की भी मौत हो गई है. तमिलनाडु पुलिस ने यह जानकारी दी. यह हादसा कुड्डालोर जिले के कट्टूमन्नारकोली इलाके में स्थित फैक्टरी में हुआ है. यह जगह राजधानी चेन्नई से 190 किलोमीटर दूर है. हादसे के दृश्यों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हादसा कितना भयंकर है. धमाके में कंक्रीट का बना ढांचा गिर गया और मलबे के पास लोग रोते बिलखते नजर आ रहे हैं. घटना का पता चलने के बाद घटनास्थल पर भीड़ जमा हो गई.
कुड्डालोर के पुलिस अधीक्षक श्री अभिनव ने एनडीटीवी को बताया, "फैक्टरी के पास लाइसेंस है. सभी लोग यहां काम करने वाले ही हैं. इस बात की जांच चल रही है कि क्या वे Country Made Bombs बनाते थे या केवल अनुमति प्राप्त विस्फोटकों का उपयोग कर रहे थे."
यह हादसा ऐसे समय हुआ है जब राज्य सरकार ने कोरोना वायरस महामरी के बीच 100 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करने की उद्योगों को अनुमति दी है. कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से दिवाली से पहले पटाखों के विनिर्माण का जो सीजन होता है वो निकल चुका है. देश की पटाखों की राजधानी शिवाकाशी भी तमिलनाडु में ही है. -
एजेंसीउत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर में लॉकडाउन खत्म होने के बाद आपराधिक घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है. बाइक सवार बदमाशों ने मथुरा में आज दोपहर एक सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया. दिनदहाड़े बदमाश बैंक के बाहर से एक बुजुर्ग से चार लाख पंद्रह हजार रुपये लूट ले गए. बुजुर्ग ने शोर भी मचाया, लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया.
जानकारी के मुताबिक, बुजुर्ग व्यक्ति का नाम रमेश चंद्र मीना है और उनकी उम्र 60 साल है. बुजुर्ग शहर के धौली प्याऊ के रहने वाले हैं. वह सुबह करीब 11 बजे सौंख अड्डा स्थित पंजाब नेशनल बैंक से रुपये निकालने गए थे. उन्होंने खाते से 4.15 लाख रुपये निकालने के बाद एक थैले में अपने रुपये लेकर वह पैदल घर जा रहे थे.
लेकिन जैसे ही बुजुर्ग बैंक के बाहर निकले और अपने घर की ओर मुड़े, तभी बदमाशों ने उनका रुपयों का थैला छीन लिया. एक बदमाश बाइक पर सवार था, जबकि दूसरे ने उनसे रुपयों से भरा बैग छीन लिया और बाइक से भाग निकले. इस बीच बुजुर्ग ने मदद के लिए शोर मचाया लेकिन कोई मदद के लिए आगे नहीं आया. इसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई.
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने बैंक के बाहर और अंदर लगे सीसीटीवी खंगाले. एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर भी मौके पर पहुंचे. पूरे जिले में हाई अलर्ट घोषित कर वाहनों की चेकिंग कराई जा रही है. एसएसपी ने बताया कि बैंक से बाहर निकलते ही बुजुर्ग का रुपयों का थैला लूट लिया गया है. माना जा रहा है कि लुटेरे बैंक के अंदर से ही रमेश चंद्र मीना की रेकी कर रहे थे, फिर बाहर निकलते ही वारदात को अंजाम दिया. पूरे जिले में वाहनों की चेकिंग कराकर बदमाशों की तलाश की जा रही है.
वहीं, एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर का कहना है कि हमें सूचना मिली है कि पंजाब नेशनल बैंक से रमेश चंद्र मीणा जो 4.15 लाख रुपये एक थैले में लेकर जा रहे थे. तभी बैंक से निकलते समय अचानक 2 लड़के मोटरसाइकिल से आए और हाथ में जो थैला था उसको छीन कर ले गए. बैंक के आसपास के सीसीटीवी फुटेज लिए जा रहे हैं. मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
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मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट के टि्वटर अकाउंट को हैक कर लिया गया है। हैकर ने कोरोना वायरस रिलीफ फंड के लिए दान में बिटक्वॉइन की मांग की है। हालांकि तुरंत इन ट्वीट्स को डिलीट कर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी की पर्सनल वेबसाइट के टि्वटर अकाउंट पर हैकर ने लिखा, 'मैं आप लोगों से अपील करता हूं कि कोविड-19 के लिए बनाए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रिलीफ फंड में दान करें।'
एक अन्य ट्वीट में हैकर ने लिखा, 'यह अकाउंट जॉन विक ([email protected]) ने हैक किया है। हमने पेटीएम मॉल हैक नहीं किया है।' यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब जुलाई के महीने में कई प्रतिष्ठित हस्तियों के ट्विटर अकाउंट को हैक किया गया था।बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की निजी वेबसाइट के ट्विटर अकाउंट के 25 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। प्रधानमंत्री मोदी की निजी वेबसाइट के ट्विटर अकाउंट के हैक होने की गुरुवार को ट्वीटर ने पुष्टि करते हुए कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट के एक खाते को कई ट्वीट्स के साथ हैक किया गया।
इस मामले पर ट्विटर का कहना है कि उसे प्रधानमंत्री मोदी की वेबसाइट के अकाउंट की गतिविधि की जानकारी है और उसने इसे सुरक्षित करने के लिए कदम उठाए हैं। ट्विटर प्रवक्ता ने कहा, 'हम स्थिति की सक्रिय रूप से जांच कर रहे हैं। इस समय, हमें अतिरिक्त खातों के प्रभावित होने की जानकारी नहीं है।' -
एजेंसीमध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश के कुख्यात हनी ट्रैप कांड में न्यायिक हिरासत के तहत जिला जेल में बंद 40 वर्षीय महिला आरोपी के साथ जेलर की बातचीत की खुफिया तरीके से खींची गईं तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। जेल विभाग ने इन तस्वीरों के पीछे कारागार स्टाफ के ही किसी व्यक्ति का हाथ होने का संदेह जताते हुए मामले की जांच का आदेश दिया है।
वायरल तस्वीरों में जेलर केके कुलश्रेष्ठ जेल के महिला वॉर्ड में बने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष के बाहर बरामदे में कुर्सी पर बैठे नजर आते हैं, जबकि हनी ट्रैप कांड के आरोपियों में शामिल 40 साल की श्वेता विजय जैन उनके पास खड़ी होकर उनसे बातें करती दिखाई दे रही है।जेल विभाग के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) संजय पांडेय ने गुरुवार को जिला जेल के दौरे के बाद बताया, 'हमने इन तस्वीरों का संज्ञान लिया है। केंद्रीय जेल के अधीक्षक राकेश कुमार भांगरे को आदेश दिया गया है कि वह हनी ट्रैप कांड की विचाराधीन कैदी श्वेता विजय जैन के साथ जिला जेल के जेलर केके कुलश्रेष्ठ की बातचीत की खुफिया तरीके से फोटो खींचने के मामले में जांच करें।'
डीआईजी ने बताया कि केंद्रीय जेल अधीक्षक को इस मामले में हफ्ते भर के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। पांडेय ने कहा कि यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि जिला जेल में विवादास्पद तस्वीरें कब खींची गई थीं? पांडेय ने कहा, 'वायरल तस्वीरों में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है क्योंकि सभी जेलरों का दायित्व होता है कि वे हर रोज जेल के सभी वार्डों का भ्रमण कर इंतजामों का जायजा लें।'
उन्होंने कहा, 'पहली नजर में लग रहा है कि जिला जेल के भीतर गुप्त रूप से तस्वीरें खींचे जाने और इन्हें वायरल करने के पीछे जेल स्टाफ के ही किसी व्यक्ति का हाथ है। जेल में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल से इस तरह फोटो खींचना गंभीर अपराध है।'
डीआईजी ने बताया कि वह जिला जेल में हफ्ते भर के भीतर करीब 50 कैदियों के कोविड-19 से संक्रमित होने के मद्देनजर महामारी से बचाव के उपायों का जायजा लेने इंदौर आए थे और उन्होंने जेल अफसरों को जरूरी निर्देश दिए हैं। श्वेता विजय जैन समेत हनी ट्रैप गिरोह की पांच महिलाओं और उनके ड्राइवर को भोपाल और इंदौर से सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस ने इस मामले में एक स्थानीय अदालत में 16 दिसंबर 2019 को पेश आरोप पत्र में कहा था कि यह संगठित गिरोह मानव तस्करी के जरिए भोपाल लाई गईं युवतियों का इस्तेमाल कर धनवान लोगों और ऊंचे ओहदों पर बैठे लोगों को अपने जाल में फांसता था। फिर अंतरंग पलों के खुफिया कैमरे से बनाए गए वीडियो, सोशल मीडिया चैट के स्क्रीनशॉट आदि आपत्तिजनक सामग्री के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल करता था।
आरोप पत्र के मुताबिक हनी ट्रैप गिरोह ने अपने जाल में फंसे रसूखदारों को धमकाकर उनसे सरकारी अधिकारियों दों की 'ट्रांसफर-पोस्टिंग' की सिफारिशें तक कराई थीं और इन कामों के आधार पर भी अवैध लाभ कमाया था। हनी ट्रैप कांड का मामला फिलहाल जिला अदालत में विचाराधीन है।
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एजेंसीतमिलनाडु : देश में कोरोना वायरस का संकट लगातार बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना संकट के बीच देश में जेईई और नीट की परीक्षा भी करवाई जा रही है. इस दौरान नीट प्रवेश परीक्षा का हॉल टिकट नहीं आने के कारण एक 17 साल की छात्रा ने आत्महत्या कर ली.
मामला तमिलनाडु के पुधुकोट्टई जिले का है. जहां 17 वर्षीय छात्रा का नीट का प्रवेश परीक्षा का हॉल टिकट नहीं आया था. जिसके कारण छात्रा काफी परेशान हो गई थी. आखिर में छात्रा ने डिप्रेस होकर आत्महत्या कर ली. छात्रा का नाम हरिश्मा था. हाल ही में छात्रा ने 12वीं कक्षा पास की थी और नीट परीक्षा देने का इंतजार कर रही थी.
हालांकि नीट का एडमिट कार्ड छात्रा को नहीं मिला, जबकि उसके दोस्तों को नीट परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड मिल गए थे. इस बात से छात्रा काफी परेशान थी. छात्रा को चिंता सताने लगी थी कि वह नीट परीक्षा नहीं दे पाएगी और इसके कारण वह डॉक्टर भी नहीं बन सकेगी. इस चिंता के चलते छात्रा ने रविवार को आत्महत्या कर अपनी जान दे दी.
घर पर आया हॉल टिकट
हालांकि दुख की बात रही कि आत्महत्या करने के अगले दिन सोमवार को लड़की का नीट प्रवेश परीक्षा का हॉल टिकट उसके घर पर पहुंच गया था. हरिश्मा का पुधुकोट्टई के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था, लेकिन मंगलवार को उसकी मौत हो गई. -
नई दिल्ली: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के आदेश के करीब 12 घंटे बाद डॉक्टर कफील खान (Dr Kafeel Khan) आखिरकार मथुरा जेल से मंगलवार देर रात रिहा हो गएजेल से बाहर आने के बाद डॉक्टर कफील खान ने NDTV से बातचीत में बताया कि पिछले 7 महीनों में जेल में उनका समय कितना कठिन रहा. डॉक्टर कफील (Dr Kafeel Khan) के अनुसार जनवरी में उन्हें गिरफ्तार करने के बाद जब उन्हें जेल लेकर गए तो पहले पांच दिन बुरी तरह से प्रताड़ित किया. उनके अनुसार न तो उन्हें खाना दिया और न ही पानी, साथ ही कुछ अजीबो-गरीब सवाल भी पूछे गएरामायण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने पढ़ा है कि राजा को राजधर्म का पालन करना चाहिए उसे राजहठ नहीं करना चाहिए, लेकिन यहां मेरा राजा बालहठ कर रहा है. यूपी सरकार पर सवाल उठाते हुए कफील खान (Dr Kafeel Khan) ने कहा कि जिस भाषण को भड़काऊ बताकर मेरे खिलाफ कार्रवाई की गई, वह दिंसबर 2019 का था और मेरी गिरफ्तार 29 जनवरी को हुई है. बीच के समय में मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी कि मेरे भाषण को भड़काउ बताकर एफआईआर दर्ज की गई है. और न ही मुझसे किसी तरह के सवाल पूछे गए.
डॉक्टर कफील ने बताया कि गोरखपुर अस्पताल में हुए मामले को लेकर मुझे दूसरी जांच में 23 जनवरी को क्लीन चिट मिली थी. इसके बाद सरकार ने परेशान होकर मुझ पर इस तरह से कार्रवाई की जैसे मैं कोई आतंकवादी हूं. उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या बच्चों को बचाना आतंकवाद होता है.























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