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दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले दिनों संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी चुनावी हलफनामे में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गलत सूचना देने के मामले में नोटिस जारी किया है. आम आदमी पार्टी के नेता और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र नेगी ने याचिका दाखिल की थी. बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र नेगी ने हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि मनीष सिसोदिया ने अपने नामांकन पत्र में अपने आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी थी.
सिसोदिया पर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर मामले को छिपाने का आरोप है, जिसमें आरोप है कि उन्होंने संतोष कोली की मौत के बाद इंडियन फ्लैग को जलाया था. इस मामले में दिल्ली की कोर्ट में उनके खिलाफ चार्जशीट भी दिल्ली पुलिस दाखिल कर चुकी है. साथ ही सिसोदिया पर चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का उल्लंघन का आरोप है.
सिसोदिया पर यह भी आरोप है कि उन्होंने 2018 में अपना फ्लैट बेच दिया था, लेकिन अपना पुराना वोटर आई कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी. प्रचार मानदंडों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई हैं। इस याचिका में दोनों के निर्वाचन को चुनौती दी गई है। इसे लेकर सिसोदिया को दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। -
गुजरात के राजकोट जिले में तीन लोगों ने 19 साल की दलित लड़की को कथित तौर पर अगवा किया और बंदूक का भय दिखाकर कार में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस ने बताया कि कोटदासनगनी तालुका की इस लड़की ने जिला पुलिस से शिकायत की कि अमित पडालिया और उसके दोस्तों- विपुल शेखदा तथा शांति पडालिया ने बुधवार को बंदूक का भय दिखाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
आरोप है कि अमित स्थानीय भाजपा नेता है। वह पहले पार्टी की कोटदासनगनी तालुका का महासचिव रहा था। खबरों के अनुसार शांति पडालिया इसी तालुका पंचायत का निर्वाचित कांग्रेस सदस्य है। पुलिस जांच में पता चला है कि अमित की मां उसी गांव की सरपंच हैं जिस की लड़की निवासी है।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता ने दावा किया कि तीनों ने उसे घर से अगवा किया और कार में जबरदस्ती बैठाया। पुलिस ने शिकायत के हवाले से कहा कि तीनों ने बंदूक का डर दिखाकर कार में उसके साथ दुष्कर्म किया और वे शाम को उसके घर के पास छोड़ गए। राजकोट के पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा ने कहा, 'हम उनकी राजनीतिक संबद्धताओं के बारे में नहीं जानते। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।'
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दिल्ली : बॉलीवुड तड़का टीम. मशहूर गीतकार और कहानीकार जावेद अख्तर ने दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल करते हुए ताहिर हुसैन पर हुई कार्रवाई को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। इसके साथ ही हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर भी बात हो रही है। दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 30 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। वहीं, हिंसा में आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन का नाम भी सामने आ रहा है।
इसी बीच गीतकार जावेद अख्तर ने भी दिल्ली की हिंसा और पुलिस की कार्रवाई को लेकर एक ट्वीट किया है। जावेद अख्तर ने कहा है कि "कई लोग मरे, कई घायल हुए, कई दुकानों को लूटा गया, कई घर जलाए गए। कई लोग बेसहारा हो गए। लेकिन दिल्ली पुलिस ने एक घर को सील किया और उसके मालिक की तलाश कर रही है। संयोग से उसका नाम ताहिर है। दिल्ली पुलिस की इस सजगता पर मैं नतमस्तक हूं"।
यहां बता दें कि दिल्ली में हुई हिंसा के बाद पुलिस को कार्रवाई के दौरान आम आदमी पार्टी से निलंबित किए गए पार्षद ताहिर हुसैन के घर से पत्थर, पेट्रोल बम, तेजाब बम आदि सामान मिला था। जावेद अख्तर के इस ट्वीट के बाद उनको कई लोगों ने अपने निशाने पर लिया है। -
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने तीन साल में टिकट कैंसिलेशन और नन कैंसिलेशन से 9 हजार करोड़ रुपये कमा लिए. ये कमाई 1 जनवरी 2017 से 31 जनवरी 2020 के दौरान की है. कमाई का खुलासा सूचना अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है. रेलवे ने ये भी बताया कि इंटरनेट और काउंटरों से टिकट हासिल करनेवाले यात्रियों की भी संख्या में अंतर है.
राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर से पूछे गये सवाल के जवाब में CRIS ने बताया, "तीन सालों में करीब साढ़े नौ करोड़ यात्रियों ने वेटिंग टिकट कैंसिल नहीं कराए. इससे रेलवे को 4335 करोड़ की आमदनी हुई. जबकि कंफर्म टिकट के कैंसिल कराने से रेलवे को 4684 करोड़ रुपये की कमाई हुई."
दरअसल RTI कार्यकर्ता स्वामी ने राजस्थान हाईकोर्ट में रेलवे की भेदभावपूर्ण रिजर्वेशन पॉलिसी के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने ऑनलाइन और काउंटर रिजर्वेशन की नीतियों के अंतर को उजागर किया था. अपनी याचिका में उन्होंने कोर्ट को बताया कि इससे यात्रियों पर अनावश्यक वित्तीय और मानसिक बोझ पड़ता है. याचिकाकर्ता ने रेलवे की भेदभावपूर्ण नीति को खत्म कर यात्रियों को राहत देने और अनुचित तरीके से कमाई पर रोक लगाने की मांग की. CRIS ने सूचना अधिकार के तहत मांगी गयी जानकारी के जवाब में कहा, "इंटरनेट और काउंटरों से टिकट खरीदने वाले लोगों की संख्या में भारी अंतर है. तीन साल की अवधि में 145 करोड़ से अधिक लोगों ने ऑनलाइन टिकट लिये जबकि 74 करोड़ लोगों ने रेलवे काउंटरों पर जाकर टिकट कटाया. सबसे ज्यादा कमाई दोनों सेगमेंट में स्लिपर क्लास के टिकट से हुई. -
दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है. इस पर हाई कोर्ट ने 13 अप्रैल तक का समय दे दिया है. तब तक केंद्र सरकार को भड़काऊ भाषण पर रिपोर्ट सौंपनी होगी. अब मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार यानी गृह मंत्रालय को दिल्ली हिंसा मामले में पक्षकार बनाए जाने की दलील को मंजूरी दी.
केंद्र और दिल्ली पुलिस के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कल कोर्ट ने आदेश जारी कर जवाब मांगा था कि जो भड़काऊ बयान दिए गए थे उनपर करवाई की जाए, जबकि ये बयान 1-2 महीने पहले दी गई. याचिकाकर्ता केवल तीन भड़काऊ बयानों को चुनकर कार्रवाई की मांग नहीं कर सकता.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पास इन तीन हेट स्पीच के अलावा कई और हेट स्पीच है, जिसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई. याचिकाकर्ता ने चुनिंदा सिर्फ तीन वीडियो का हवाला दिया है. एक जनहित याचिका में ऐसा नहीं होता. केंद्र को पक्षकार बनाया जाए या नहीं ये कोर्ट को तय करना है, याचिकाकर्ता को नहीं. हम हिंसा को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. -
नागपुर : आरएसएस के सरकार्यवाह सुरेश ‘भैयाजी' जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है और केंद्र को सुनिश्चित करना चाहिए कि दिल्ली में शांति बहाल हो. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक हिंसा से प्रभावित राष्ट्रीय राजधानी में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए आवश्यक कार्रवाई होनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को उन इलाकों में शांति बहाल करनी चाहिए, जहां अशांति है. किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. '' जोशी एक कार्यक्रम के इतर यहां दिल्ली हिंसा पर संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे.संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली के विभिन्न हिस्से में रविवार को हिंसा भड़क उठी जिसमें अभी तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं. -
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा पर नेताओं की ओर से बयानबाजी जारी है। इस बीच दिल्ली हिंसा पर हरियाणा के मंत्री रंजीत चौटाला का हैरान करने वाला बयान आया है। उन्होंने कहा है कि दंगे तो होते रहते हैं और ये जिंदगी का हिस्सा है। मंत्री रंजीत चौटाला का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब दिल्ली हिंसा से मौत के आंकड़ों में लागातार इजाफा हो रहा है और यह 34 पर पहुंच गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक हरियाणा सरकार में मंत्री रंजीत चौटाला ने कहा, 'दंगे होते रहते हैं। पहले भी होते रहे हैं, ऐसा नहीं है। जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई तो पूरी दिल्ली जलती रही। ये तो पार्टी ऑफ लाइफ है, जो होते रहते हैं।'
वीडियो के अंत में मंत्री चौटाला कहते हैं कि सरकार इस मामले में मुस्तैदी से कंट्रोल कर रही है। मीडिया में भी दिख रहा है। पर इसमें क्योंकि दिल्ली का मामला है और इसमें कुछ जुडिशियल मैटर है तो इसमें ज्याजा बोलना सही नहीं है। बता दें कि रंजीत चौटाला रानिया सीट से विधायक हैं। -
नई दिल्ली। हाल ही में जनता दल (यूनाइटेड) से निकाले गए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कुछ दिनों पहले ही प्रशांत किशोर ने 'बात बिहार की' अभियान शुरू किया था। अब इसी मामले में उनके खिलाफ पटना के पाटलीपुत्र थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि प्रशांत किशोर ने 'बात बिहार की' के लिए कंटेट की नकल की है। मोतिहारी के रहने वाले शाश्वत गौतम ने प्रशांत किशोर के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
शाश्वत गौतम का आरोप है कि 'बात बिहार की' उसका प्रोजेक्ट था, लेकिन उसके एक पूर्व सहयोगी ओसामा ने ये आइडिया और कंटेट प्रशांत किशोर को दे दिया और उन्होंने उसी नाम से अपना कैंपेन बना दिया। गौतम ने ओसामा के खिलाफ केस दर्ज कराया है। ओसामा पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ सचिव का चुनाव लड़ चुका है। शाश्वत ने पहले कांग्रेस के लिए काम किया है।
प्रशांत किशोर के खिलाफ पाटलीपुत्र थाने में धारा 420, 426 के तहत केस दर्ज किया गया है। पटना पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुपरविजन आलाधिकारी करेंगे। उसके बाद ही कोई कार्रवाई होगी। पिछले दिनों प्रशांत किशोर ने पूरे बिहार में 'बात बिहार की' नाम से कैंपेन शुरू किया था। नागरिकता संशोधन कानून के लगातार विरोध और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निजी हमलों की वजह से प्रशांत किशोर को जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। वे फिलहाल औपचारिक तौर पर किसी पार्टी में नहीं हैं। -
दिल्ली
रविवार शाम से पूर्वोत्तर दिल्ली में शुरू हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर गुरुवार को 32 हो गई है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक हिंसा को लेकर अब तक 18 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं और 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अभी हिंसा के मामलों में और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई चल रही है। उनकी पहचान की जा रही है।
इससे पहले दिल्ली हिंसा पर सुनवाई करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर का ट्रांसफर कर दिया गया। जस्टिस एस. मुरलीधर ने अपनी सुनवाई के दौरान भकड़ाऊ बयान देने वाले नेताओं पर सख्ती की बात कही थी और दिल्ली पुलिस को भी आड़े हाथ लिया गया था। जज मुरलीधर के ट्रांसफर पर प्रियंका गांधी ने सवाल खड़े किए हैं। प्रियंका ने कहा “सरकार न्याय का गला घोंटना चाहती है। आधी रात को ट्रांसफर किया जाना निंदनीय और शर्मनाक है।”
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राजस्थान के बूंदी जिले में पापड़ी गांव के पास बुधवार को एक दर्दनाक घटना घटी। बारातियों से भरी एक बस नदी में जा गिरी जिसके चलते कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई जबकि 5 लोग घायल बताए जा रहे हैं। चश्मदीदों के मुताबिक हादसे के वक्त बस की स्पीड काफी तेज थी जिसके चलते मेज नदी के पुल पर बस अनियंत्रित होकर नदी में जा गिरी।
जानकारी के मुताबिक बस में 28 लोग सवार थे। बस सुबह कोटा से सवाई माधोपुर के लिए रवाना हुई थी। ड्राइवर ने लखीरी पुलिस स्टेशन की सीमा के तहत पापड़ी गांव के पास एक पुल पर बस का नियंत्रण खो दिया जिसके बाद यह हादसा हुआ। हादसे में मरने वालों में 11 पुरुष, 10 महिला और तीन बच्चे शामिल हैं। हालांकि प्रशासन की तरफ से मरने वालों की संख्या को लेकर आधिकारिक बयान नहीं आया है। हादसे के बाद पुलिस रेस्क्यू करने में जुट गई है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे को लेकर संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘बूंदी में हुए हादसे के बारे में जान मुझे गहरा दुख हुआ है, जिसमें करीब 25 लोग बस के नदी में गिर जाने के बाद जान गंवा चुके हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है जिन्होंने इस त्रासदी में अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।’ इसके अलावा उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और अन्य कई नेताओं ने भी ट्विट कर घटना को लेकर शोक प्रकट किया है।
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दिल्ली : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में जारी हिंसा के बीच बुधवार को दिल्ली के चांदबाग इलाके में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अफसर अंकित शर्मा का शव मिला है। शर्मा (26) इंटेलिजेंस ब्यूरो में ट्रेनिंग पर थे। शर्मा घर लौटते वक्त चांदबाग में ही पत्थरबाज भीड़ के निशाने पर आ गए।
भीड़ ने उन्हें चांदबाग पुल तक दौड़ाया और पकड़ने के बाद पीट-पीटकर हत्या कर दी। उनका शव चांदबाग के नाले में मिला। परिवार मंगलवार शाम से ही उनकी तलाश कर रहा था। बताया गया है कि शर्मा ने 2017 में इंटेलिजेंस ब्यूरो ज्वॉइन की थी और वह सिक्योरिटी असिस्टेंट के पद पर अपनी ट्रेनिंग पूरी कर रहे थे। वह खजूरी खास इलाके में परिवार के साथ रह रहे थे।
बता दें कि चांदबाग दिल्ली के उन हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है जहां पर सीएए विरोधी और सीएए समर्थकों के बीच हिंसा से माहौल तनावपूर्ण है। अब तक दिल्ली में 21 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। -
मुंबई: शिवसेना ने दिल्ली की इस भयावह स्थिति को एक डरावनी फिल्म करार देते हुए कहा कि इसने 1984 सिख विरोधी दंगों के जख्मों को एक बार फिर ताजा कर दिया. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब 'प्रेम का संदेश' देने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे तब उसकी सड़कों पर खून-खराबा मचा था और इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी की कभी इतनी बदनाम नहीं हुई थी. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के सम्पादकीय ने अफसोस जताया कि ऐसे समय दिल्ली में ट्रंप का स्वागत किया गया जब उसकी सड़कों पर खून-खराबा मचा था. उसने कहा कि हिंसा सीधे तौर पर यह संदेश दे सकती है कि केन्द्र सरकार दिल्ली में कानूव एवं व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही.शिवसेना ने कहा, 'दिल्ली में हिंसा भड़की. लोग डंडे, तलवार, रिवाल्वर लेकर सड़कों पर आ गए, सड़कों पर खून बिखरा था. दिल्ली में स्थिति एक डरावनी फिल्म की तरह थी, जिसने 1984 के सिख विरोधी दंगों के जख्मों को हरा कर दिया.' उसने कहा कि भाजपा आज भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुई हिंसा में सैकड़ों सिखों की हत्या के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराती है.
शिवसेना ने "कुछ भाजपा नेताओं की धमकी और चेतावनी की भाषा" का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्पष्ट किए जाने की जरूरत है कि दिल्ली के मौजूदा दंगों के लिए कौन जिम्मेदार है. सम्पादकीय में कहा गया है, "राष्ट्रीय राजधानी उस समय झुलस रही थी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वार्ता कर रहे थे." उसने कहा, "यह बिल्कुल ठीक नहीं है कि ट्रंप का दिल्ली में स्वागत हिंसा की डरावनी फिल्म, सड़कों पर खून-खराबा, लोगों की चीख-पुकार और आंसू गैस के गोलों के बीच किया गया. ट्रंप साहेब प्रेम के संदेश के साथ दिल्ली आए थे, लेकिन उनके सामने कैसी तस्वीर पेश की गई. अहमदाबाद में 'नमस्ते' और दिल्ली में हिंसा. दिल्ली की ऐसी बदनामी पहले कभी नहीं हुई." -
नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा की वारदात को लेकर पीएम मोदी ने बुधवार को ट्वीट किया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "दिल्ली के विभिन्न इलाकों के हालात की गहन समीक्षा की है... पुलिस तथा अन्य एजेंसियां शांति तथा सामान्य माहौल सुनिश्चित करने के लिए लगातार ज़मीन पर काम कर रही हैं... शांति तथा सौहार्द हमारे चरित्र का केंद्र हैं... मैं दिल्ली में रहने वाले अपने भाइयों-बहनों से हर वक्त शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील करता हूं... शांति का बहाल होना और जल्द से जल्द सामान्य माहौल की वापसी बेहद अहम है..."
वहीं, हिंसा को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा. सोनिया गांधी ने कहा कि हिंसा और दुखद घटनाओं के पीछे साजिश की गई है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी साजिश देखी गई, भाजपा नेताओं ने भड़काऊ भाषण देकर भय का माहौल बनाया. दिल्ली में मौजूदा हालात के लिए केन्द्र सरकार, गृह मंत्री और दिल्ली सरकार जिम्मेदार. साथ ही उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली में हिंसा के लिए जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए. -
दिल्ली : दिल्ली में हुई हिंसा के मामले से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. इस दौरान हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाया और कपिल मिश्रा का भड़काऊ भाषण देने वाला वीडियो देखा. सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा कि कपिल मिश्रा के साथ दिख रहा अफसर कौन है. कपिल मिश्रा के अलावा हाई कोर्ट ने अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा का भी वीडियो देखा. हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील तुषार मेहता से सभी वीडियो देखने के लिए कहा. हालांकि, हाई कोर्ट ने एफआईआर के सीधे आदेश नहीं दिए है, लेकिन कहा है कि तुषार मेहता पुलिस कमिश्नर को सलाह दें कि इस वीडियो को देखने के बाद पुलिस को क्या किया जाना चाहिए.
दिल्ली हाई कोर्ट में बीजेपी नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई चल रही है. इस याचिका में कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा समेत कई बीजेपी नेताओं पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है. दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में मृतकों को मुआवजा देने और न्यायिक जांच की भी मांग की गई है. मंगलवार से दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच छुट्टी पर है. इसके अलावा जस्टिस सस्तानी के भी आज छुट्टी पर होने के कारण जस्टिस एस. मुरलीधर अब इस मामले की सुनवाई करेंगे.
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीएसई से कहा कि उसे हिंसा प्रभावित नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में बोर्ड एग्जाम को लेकर स्थाई इंतजाम करने होंगे. हाई कोर्ट ने सीबीएसई से कहा कि एक-एक दिन एग्जाम टालने से छात्रों की दिक्कतें खत्म नहीं हो रही है, बल्कि उनकी टेंशन और बढ़ रही है, इसलिए बोर्ड जल्द से जल्द उनकी परीक्षाओं को लेकर कोई स्थाई समाधान खोजें.
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नई दिल्ली। सुनंदा पुस्कर केस में आरोप का सामना कर रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को दिल्ली की एक अदालत से बड़ी राहत मिली है। शशि थरूर के विदेश यात्रा पर लगी रोक के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को कांग्रेस नेता के हित में फैसला सुनाया। कोर्ट ने शशि थरूर को चार महीने के लिए चुनिंदा देशों की यात्रा के लिए अनुमति दे दी है। बता दें कि कोर्ट ने शशि थरूर फ्रांस, नार्वे और UAE जाने की अनुमति दी है।
वर्ष 2014 में अपनी ही पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर आरोपों का सामना कर रहे हैं। मालमा अभी न्यायालय में है। कोर्ट ने इस दौरान शशि थरूर की विदेश यात्रा पर रोक लगा दी थी जिस वजह से उन्हें देश छोड़ कर जाने की अनुमति नहीं थी। पिछले वर्ष नवंबर में शशि थरूर ने फ्रांस, नार्वे और UAE जाने की अमुमति कोर्ट से मांगी थी, याचिका में उन्होंने कहा था कि इन देशों में उनका कुछ कार्यक्रम होना है जिस वजह से जाना जरूरी है। थरूर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति दे दी है। -
कोलकाता। स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बहु और पूर्व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कृष्णा बोस का शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। कृष्णा बोस 89 वर्ष की थीं और उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थीं। पारिवार वालों ने बताया कि कृष्णा बोस पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं, उनके बेटे सुमंत्रा बोस के मुताबिक हाल ही में उन्हें दूसरा स्ट्रोक आया था जिसके बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था।
बता दें कि कृष्णा बोस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भतीजे शिशिर बोस की पत्नी थीं, उन्होंने शनिवार को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। जिस दौरान उनका निधन हुआ उस समय उनके बेटे सुगत और सुमंत बोस वहां मौजूद थे। कृष्णा बोस के निधन से सिर्फ उनके परिजनों में ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिम बंगाल में शोक फैल गया है। शिक्षक से राजनीति में कदम रखने वालीं कृष्णा बोस जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र से टीएमसी की सांसद भी रह चुकी हैं।
कृष्णा बोस के राजनीति करियर की बात करें तो सबसे पहले कांग्रेस के टिकट से वर्ष 1996 में जादवपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। उसके बाद वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गई और साल 1998 और 1999 में तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंचीं। कृष्णा बोस अपने ससुर नेताजी के रिसर्च ब्यूरो की चेरयरपर्सन भी रह चुकीं थीं। कृष्णा बोस के दो बेटे के अलावा उनकी एक बेटी शर्मिला भी हैं। -
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) 24 और 25 फरवरी को भारत दौरे पर रहेंगे. उनके दो दिवसीय दौर से पहले अहमदाबाद में होने वाले 'नमस्ते ट्रंप' कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर चल रही है. डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत में होने वाले खर्च को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सवाल उठाया है. एक अखबार में छपे खबर के हवाले से प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा, ''राष्ट्रपति ट्रंप के आगमन पर 100 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं. लेकिन ये पैसा एक समिति के जरिए खर्च हो रहा है. समिति के सदस्यों को पता ही नहीं कि वो उसके सदस्य हैं. क्या देश को ये जानने का हक नहीं कि किस मंत्रालय ने समिति को कितना पैसा दिया? समिति की आंड़ में सरकार क्या छिपा रही है?''
बताते चले कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के भारत दौरे को लेकर गुजरात के अहमदाबाद और उत्तर प्रदेश के आगरा में जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. ट्रंप के साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप, बेटी इवांका ट्रंप और दामाद जेरेड कुशनेर भी होंगे. जेरेड अमेरिकी राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार भी हैं. ट्रंप परिवार के स्वागत में अहमदाबाद को खूब सजाया जा रहा है.
ट्रंप अमेरिकी मीडिया से बातचीत के दौरान कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि अपनी भारत यात्रा के लिए वह बेहद उत्साहित हैं और अहमदाबाद में उनके स्वागत के लिए करीब 70 लाख लोग जुट रहे हैं. हालांकि कांग्रेस (Congress) ने इस मुद्दे को रोजगार से जोड़ते हुए एक ट्वीट के जरिए मोदी सरकार (Modi Govt) पर तंज कसा है.
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मीडिया रिपोर्टओडिशा: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की भुवनेश्वर इकाई में हिंदी भाषा के फरमान पर विवाद खड़ा हो गया है. विरोध में कांग्रेस ने मोर्चा खोलते हुए राज्य सरकार से दखल की मांग की है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हिंदी को जबरन थोपने का आरोप लगाया है. दरअसल हिंदी दिवस के मौके पर एम्स के उप निदेशक (प्रशासन) की तरफ से सर्कुलर जारी किया गया था. सर्कुलर में एम्स कर्मचारियों को हिंदी में हस्ताक्षर करने और दस्तावेज तैयार का आदेश दिया गया.
उप निदेशक (प्रशासन) पीके राय की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक, कर्मचारियों को आदेश दिया जाता है कि दस्तावेज तैयार करने, फाइल की नोटिंग्स और ड्राफ्टिंग में ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा का इस्तेमाल करें. यहां तक कि अगर जवाब भी देना है तो हिंदी में लिखा जाए. एम्स की प्रशासनिक बैठक में होनेवाली परिचर्चा और बहस भी हिंदी में होगी. एम्स का आदेश जाकी होते ही कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया.उन्होंने इसे मनमाना फैसला करार दिया. साथ ही गैर हिंदी भाषियों पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि जिनको हिंदी नहीं आती उन्हें हिंदी सीखना होगा. एम्स के एक कर्मचारी ने बताया कि चिट्ठी, इलाज की पर्ची को अंग्रेजी में लिखा जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि बोलचाल की भाषा उड़िया है. उन्होंने कहा कि अब उन्हें हिंदी में आवेदन पर हस्ताक्षर करने हैं. ऐसे में ये फरमान बहुत ही भ्रमित करनेवाला है.
एम्स कर्मियों के विरोध में विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी कूद पड़ी. प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने ट्वीट कर फरमान को गैर हिंदुओं के ऊपर हिंदी थोपे जानेवाला कदम बताया. निरंजन पटनायक ने कहा, "ओडिशा कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी. मोदी सरकार को हिंदी के प्रति उग्रता खत्म करनी चाहिए. हिंदी के बजाय ओडिशा भाषा को बढ़ावा देना चाहिए."