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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
डबल इंजन सरकार में तेजी से हो रहा बस्तर का विकास: कोंडागांव जिले में 307.96 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा 11.38 किमी लंबा 4-लेन केशकाल बाईपास
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर दी जानकारी: मुख्यमंत्री श्री साय ने आभार प्रकट करते हुए बस्तर के विकास के लिए बताया निर्णायक कदम
डबल इंजन सरकार में तेजी से हो रहा है बस्तर का विकास: मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी द्वारा 307.96 करोड़ रुपए की लागत से पेव्ड शोल्डर मानक के साथ 4 लेन में केशकाल बाईपास निर्माण की स्वीकृति प्रदान करने पर प्रदेशवासियों विशेषकर बस्तर अंचल की जनता की ओर से हार्दिक आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि यह बाईपास केशकाल घाट खंड में यातायात बाधाओं को दूर कर सुगम, सुरक्षित व निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डबल इंजन सरकार में तेजी से बस्तर अंचल का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह स्वीकृति केंद्र और राज्य सरकार की समन्वित विकास नीति का परिणाम है, जो बस्तर जैसे जनजातीय अंचल को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक और ठोस कदम है। इस ऐतिहासिक स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी की दूरदृष्टि और पहल के लिए आभार जताते हुए इसे बस्तर के विकास के लिए निर्णायक कदम बताया है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग-43 (नया NH-30) पर केशकाल घाट खंड को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए 307.96 करोड़ रुपए की लागत से 11.380 किलोमीटर लंबा 4-लेन बाईपास निर्माण अपग्रेड की स्वीकृति दी गई है। यह बाईपास पेव्ड शोल्डर मानक के अनुरूप होगा और इसके बनने से बस्तर अंचल में कनेक्टिविटी को नया आयाम मिलेगा। यह परियोजना विशेष रूप से केशकाल घाट के कठिन भौगोलिक खंड को पार करने में सहूलियत प्रदान करेगी।
बाईपास के निर्माण से न केवल वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा, बल्कि वाहन चालकों को तेज, सुगम और निर्बाध यात्रा का अनुभव भी मिलेगा। बाईपास निर्माण से शहरी क्षेत्रों में यातायात का दबाव कम होगा, जिससे स्थानीय नागरिकों को जाम और दुर्घटना की समस्या से राहत मिलेगी। इसके साथ ही प्रदूषण के स्तर में भी गिरावट आएगी, जिससे पर्यावरणीय संतुलन को भी बढ़ावा मिलेगा। -
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मुख्यमंत्री के हाथों 31 मेधावी श्रमिक बच्चों को मिली 2-2 लाख की प्रोत्साहन राशि
मुख्यमंत्री ने 38 हजार श्रमिकों के खातों में ऑनलाइन अंतरित किए 19.71 करोड़ की सहायता राशि
रायपुर : "हम श्रमिक परिवारों के सशक्तिकरण और उत्थान के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। आपका स्नेह और सहयोग ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है और हम सब मिलकर एक विकसित, समृद्ध और सशक्त छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करेंगे।" मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना के तहत कक्षा दसवीं और बारहवीं के टॉप 10 में स्थान पाने वाले पंजीकृत श्रमिकों के 31 मेधावी बच्चों को दो-दो लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि का वितरण कर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत राज्य के 38 हजार 200 निर्माण श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के तहत 19.71 करोड़ रूपए से ज्यादा की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की।
मुख्यमंत्री ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में उत्कृष्ट परिणाम हासिल करने वाले श्रमवीरों के मेधावी बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारी सरकार श्रमिक परिवारों की आवश्यकताओं को भली-भांति समझती है और उनके समग्र कल्याण के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज श्रमिक परिवार का बच्चा विदेश जाकर पढ़ना चाहे तो उसके लिए भी 50 लाख रुपए तक की सहायता का प्रावधान श्रम विभाग द्वारा किया गया है। श्री साय ने कहा कि हम नवाचार के साथ कदमताल करते हुए ऐसी नीतियां बना रहे हैं, जिनसे प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिले। प्रदेश की आकर्षक उद्योग नीति का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि अब तक 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार को प्राप्त हो चुके हैं, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
श्री साय ने श्रम मंत्रालय में केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि श्रमिकों से मेरा विशेष लगाव है और श्रमिकों के हित में कार्य करना हमेशा संतुष्टि देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल में दो वर्षों तक श्रम मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी और उनके नेतृत्व में श्रम राज्यमंत्री के रूप में श्रमिकों के पेंशन सुधार की दिशा में हमने कई ऐतिहासिक कदम उठाए और न्यूनतम पेंशन की राशि सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्रमिकों को लेकर संवेदनशील है और उनके निर्देश पर ही श्रमिकों के प्रोविडेंट फंड (PF) में वर्षों से पड़ी लगभग 27 हजार करोड़ रुपए की अन्क्लेम्ड राशि का उपयोग उनके हित में करने का बड़ा निर्णय भी इस दौरान हमने लिया था। राज्यमंत्री के रूप में यूनिवर्सल पीएफ नंबर की शुरुआत हमारी सरकार ने की, जिससे श्रमिकों द्वारा बार-बार पीएफ राशि क्लेम करने की समस्या दूर हुई।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी से आग्रह करते हुए कहा कि श्रम विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी अन्य ज़रूरतमंदों तक अवश्य पहुंचाएं, ताकि अधिक से अधिक श्रमिक इनका लाभ उठा सकें। उन्होंने श्रमिकों के लिए गर्म और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के साथ ही प्रदेश में संचालित अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी साझा की।
उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश चहुंमुखी विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि इन डेढ़ वर्षों में "मोदी की गारंटी" के तहत सभी वादों को पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि आज विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 38 हजार 2 सौ श्रमिकों को 19.71 करोड़ रुपये एवं प्रवीण्य सूची में चयनित 31 विद्यार्थियों को 62 लाख रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। श्री देवांगन ने बताया कि शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना के तहत 17 जिलों के 46 केन्द्रों में श्रमिकों को 5 रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और भविष्य में इसे सभी उद्योग प्रधान जिलों में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग सुविधा प्रारंभ करने की जानकारी भी दी।
श्रम मंत्री ने कहा कि नई उद्योग नीति के तहत उद्योगों की स्थापना के लिए नियमों को सरल बनाया गया है , जिससे निवेश बढ़ा है एवं युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं।
छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. राम प्रताप सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संकल्प के साथ प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर है। मण्डल के माध्यम से प्रदेश में 31 जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें नोनी सशक्तिकरण, महतारी जतन, श्रमिक सियान सहायता जैसी योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मण्डल प्रदेश के 29.47 लाख पंजीकृत श्रमिकों और उनके परिजनों को स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रहा है। श्रमिक अपना पंजीकरण श्रमेव जयते ऐप, लोक सेवा केन्द्र या श्रम कार्यालय में करवा सकते हैं।
नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना ने बदली मजदूर परिवार के बच्चों की ज़िंदगी
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सामने मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना से लाभान्वित बच्चों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए आभार व्यक्त किया। सभी बच्चों ने कहा कि वे मजदूर और गरीब परिवारों से हैं, लेकिन इस योजना ने उन्हें पढ़ाई का अवसर दिया। यह योजना श्रमिक परिवारों के सपनों को नई उड़ान दे रही है।
सूरजपुर जिले के भैयाथान के हीरा सिंह ने बताया कि आईआईआईटी से बी टेक की पढ़ाई पूरी कर अब जूनियर डेटा साइंस डेवलपर बन चुके हैं। इस योजना से उन्हें 4.10 लाख रुपए की सहायता मिली, जिससे उनकी पढ़ाई पूरी हो पाई थी।
इसी तरह बी.टेक अंतिम वर्ष के छात्र अमलेंद्र पैंकरा ने बताया कि उनका परिवार मजदूरी कर जीवन यापन करता है और इस योजना की मदद से कॉलेज की फीस भर पा रहे हैं।
एक अन्य छात्र दीपक पैंकरा ने सूरजपुर के छोटे से गांव से आईआईआईटी, रायपुर में एडमिशन तक के अपने संघर्ष भरे सफर को साझा किया। दीपक ने बताया कि योजना के माध्यम से अपने बीटेक की पढ़ाई की फीस भर रहे हैं और योजना से उन्हें लगभग 4 लाख रुपए की सहायता प्राप्त हो चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी श्रमवीरों के बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
योजनाओं और उनके लाभार्थियों की संख्या और राशि का विवरण इस प्रकार है
मिनीमाता महतारी जतन योजना अंतर्गत 1,915 श्रमिकों को 3.83 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना अंतर्गत 279 श्रमिकों को 10.33 लाख रूपए, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना अंतर्गत 6,319 श्रमिकों को 2.19 करोड रूपए, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना अंतर्गत 12 श्रमिकों को 94 हजार 800 रूपए, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत 4,825 श्रमिकों को 96.17 लाख रूपए, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना अंतर्गत 155 श्रमिक परिवार को 37.63 लाख रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक दीर्घायु सहायता योजना अंतर्गत 2 श्रमिकों को 40 हजार रूपए,मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना अंतर्गत 4,939 श्रमिकों को 74.08 लाख रूपए, निर्माण श्रमिकों के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 1 श्रमिक को 50 हजार रूपए, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना अंतर्गत 7 श्रमिकों को 7 लाख रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना अंतर्गत 264 श्रमिकों को 2.64 करोड रूपए़, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना अंतर्गत 2,486 श्रमिकों को 4.97 करोड़ रूपए,मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना अंतर्गत 372 श्रमिकों को 74.40 लाख रूपए, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना अंतर्गत 15,066 श्रमिकों को 2.00 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना अंतर्गत 25 श्रमिकों को 25 लाख रूपए प्रदाय किए गए। यह पहल राज्य के निर्माण श्रमिकों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस अवसर पर श्रम विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. फरिहा आलम, प्रभारी श्रम आयुक्त श्री एस एल जांगड़े सहित श्रम विभाग के अधिकारी कर्मचारी और श्रमिक परिवारजन मौजूद रहे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार राज्य के सभी जिलों में जल संरक्षण एवं संवर्धन के विशेष प्रयास किए जा रहें हैं। इस तारतम्य में सुरजपूर जिले मे कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के मार्गदर्शन में जिले में जल संरक्षण और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक अनुकरणीय पहल के रूप में गोडकटवा नरवा का संवर्धन कार्य संपन्न हुआ। जनपद पंचायत प्रतापपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदौरा, दरहोरा, देवरी, पकनी एवं सेमई में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत यह कार्य 58.81 लाख रुपये की स्वीकृत लागत से पूर्ण किया गया।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू ने बताया कि गोडकटवा नाला, जो कि एक बारहमासी जल स्रोत है, अब ग्रामीणों के लिए केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि आजीविका और समृद्धि का साधन बन चुका है। जल संरक्षण की दिशा में किए गए इस कार्य के अंतर्गत ब्रशवुड, मिट्टी बांध, गली प्लग और बोल्डर चेक डैम जैसे कुल 64 संरचनात्मक कार्यों में 285 स्थायी स्ट्रक्चर का निर्माण किया गया। इस सम्पूर्ण कार्य में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी, श्रमदान एवं मेहनत का विशेष योगदान रहा है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के क्रियान्वयन से चंदौरा से लेकर सेमई तक के किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। इससे लगभग 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है, कृषकों को रबी एवं खरीफ दोनों मौसमों में अच्छी फसल प्राप्त हो रही है। इतना ही नहीं, अब किसान गर्मियों में भी गेहूं, उड़द, तथा हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि बाजार पर निर्भरता घटने से परिवारों को आर्थिक बचत भी हो रही है।
गोडकटवा नाला के संवर्धन से जल स्तर अब इतना बढ़ गया है कि स्थानीय कृषकों ने उसमें मछली पालन की शुरुआत भी कर दी है। इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आमदनी का एक नया स्रोत प्राप्त हुआ है। एक किसान ने बताया कि धान फसल के समय जब सिंचाई जल की अत्यधिक आवश्यकता होती है, तब गोडकटवा नरवा उनके फसलों के लिए जीवनदायिनी के रूप में है। जल की समुचित व्यवस्था के चलते अब फसलें अधिक स्वस्थ, हरी-भरी होने से उत्पादन मे वृद्धि हो रही हैं। फसल खराब नहीं हो रही है।
मनरेगा के तहत हुए इस कार्य से न केवल जल संसाधनों का विकास हुआ है, बल्कि बड़ी संख्या में ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। इससे ग्रामवासियों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और उनके जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है।
इस परियोजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि सही दिशा-निर्देशन, समुदायिक की सहभागिता और योजनाबद्ध क्रियान्वयन हो, तो जल संरक्षण के माध्यम से ग्रामीण जीवन में समृद्धि लाई जा सकती है। गोडकटवा नाला का यह विकास कार्य अब संपूर्ण जिले में जल प्रबंधन और ग्रामीण पुनरुत्थान का एक अनुकरणीय मॉडल बन चुका है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने गुजरात के अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना को अत्यंत हृदयविदारक और दुखद घटना बताया है। उन्होंने इस भीषण दुर्घटना में मृत यात्रियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना करते हुए उनके परिजनों को इस दुख की घड़ी में संबल और शक्ति प्रदान करने की कामना की है। -
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कन्वेन्शन सेंटर को अब पुण्य श्लोक अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर जाना जायेगा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज कोरबा शहर के रिसदी में नवनिर्मित कन्वेन्शन सेंटर के नामकरण, प्रतिमा अनावरण और 223 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कन्वेन्शन सेंटर का नाम माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर करने के साथ ही प्रवेश द्वार पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज कोरबा जिले को करोड़ो रूपये के विकास कार्यों की सौगात मिली है। इसमे 145 करोड़ रुपए के सड़क से सम्बंधित कार्य शामिल भी है। इससे जिले में आवागमन बेहतर होगा और कोरबावासियों को भी इसका समुचित लाभ मिलेगा। उन्होंने कन्वेन्शन सेंटर को वातानुकूलित बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि कन्वेन्शन सेंटर बहुत बड़ा है और इसमे अनेक बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। कोरबावासियों को इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने हाऊसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित कन्वेन्शन सेंटर की प्रशंसा भी की।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वे छः माह पहले भी कोरबा आये थे, इस दौरान भी 600 करोड़ से अधिक की राशि के विभिन्न विकास कार्यों की सौगातें दी गई। आज सवा दो सौ करोड़ के विकास कार्यों की सौगात से कोरबा के लोगो को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर के प्रतिमा का अनावरण भी किया है। वे इंदौर की महारानी थी और निष्पक्ष और न्यायप्रिय थी। उन्होंने देश के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों, धार्मिक स्थलों को संवारा और पहचान दिलाई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कोरबा में एल्युमिनियम पार्क की स्थापना की आई मांग पर भी आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। कोरबावासियों को विकास कार्यों की सौगात मिलने के साथ ही कन्वेन्शन सेंटर का नामकरण माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर किया गया। उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर की जीवन को रेखांकित करते हुए कहा कि माता अहिल्याबाई ने महिलाओं की शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने, नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के साथ ही देश के तीर्थ स्थानों, धार्मिक स्थलों को संवारने का काम किया। अपने राज्य की जनता के सुख-दुख में सहभागी बनने के साथ ही देश को आगे बढ़ाने का काम किया। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने प्रतिमा अनावरण एवं नामकरण होने पर सभी बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
उद्योग, वाणिज्य एवं श्रममंत्री श्री लखनलाल देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने विगत 16 माह के कार्यकाल में प्रदेश में विकास की गंगा बहाई है। उन्होंने मोदी की गारंटी को पूरा कर गरीबों का कल्याण किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कुछ दिन पहले ही कोरबावासियों को 650 करोड़ रूपये से अधिक राशि के विकास कार्यों की सौगात दी थी। बजट में भी उन्होंने कोरबा जिले के विकास के लिए राशि का प्रावधान किया है। इसके साथ ही वे जनता के प्रति संकल्पित होकर राज्य को विकास की दिशा में आगे ले जा रहे हैं। मंत्री श्री देवांगन ने कोरबा जिले में एल्युमिनियम पार्क की स्थापना के लिये मुख्यमंत्री से आवश्यक सहयोग की भी मांग रखी।
कलेक्टर श्री बसंत ने राजमाता अहिल्याबाई होल्कर के शासन, शिक्षा आदि के योगदान को भी रेखांकित किया। इस अवसर पर कटघोरा विधायक श्री प्रेम चंद पटेल, अध्यक्ष गृह निर्माण मंडल श्री अनुराग सिंहदेव, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह कंवर, महापौर श्रीमती संजू देवी राजपुत, सभापति श्री नूतन सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री श्री ननकीराम कंवर, सहित जनप्रतिनिधिगण और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
प्लेन क्रैश में मृत लोगो के प्रति जताई संवेदना
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने गुजरात से लंदन जा रही प्लेन के क्रैश होने की घटना और इसमे मृत लोगो के प्रति श्रदांजलि व्यक्त करते हुए उनके प्रति संवेदना प्रकट की। -
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अब शिक्षक विहीन नहीं रहा राज्य का कोई भी प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकेण्डरी स्कूल
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया बच्चों के भविष्य को संवारने का सफल प्रयास: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बेहद सार्थक परिणाम सामने आए हैं। राज्य की कुल 453 शिक्षक विहीन शालाओं में से 447 स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। राज्य में 16 जून से शुरू हो रहे नए शिक्षा सत्र से इन स्कूलों में घंटी बजेगी, क्लास लगेगी और बच्चों के पढ़ाई के स्वर गुंजेंगे। शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना से एक नई उम्मीद जगी है। गांवों में शिक्षक के आने की खबर से पालक और बच्चे बेहद खुश हैं। शासन-प्रशासन का आभार जताने के साथ ही पालकगण बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद फिर से संजोने लगे हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि शिक्षा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य के कई स्कूल शिक्षक विहीन स्थिति में थे विशेष रूप से सुदूर अंचलों के। इसलिए हमनें युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से लागू किया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि जहां-जहां जरूरत हो वहां शिक्षकों की तैनाती हो। राज्य के शत-प्रतिशत शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना इस प्रक्रिया की सफलता का प्रमाण है। यह केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में किया गया सफल प्रयास है।
शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत शिक्षक विहीन 357 प्राथमिक शालाओं, 30 माध्यमिक शालाओं में नियमित शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है। राज्य के शिक्षक विहीन 66 हाई स्कूलों में से सुकमा जिले के 4 हाई स्कूल तथा नारायणपुर जिले के 2 हाई स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए अभी काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है, जबकि 60 शिक्षक विहीन हाईस्कूलों में शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी नारायणपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 3 शिक्षक विहीन हाई स्कूलों में से सुलेगा धौड़ाई हाई स्कूल में 3 शिक्षकों की नियुक्ति युक्तियुक्तकरण के माध्यम से पूरी कर ली गई है। हाईस्कूल कन्हारगांव एवं सोनपुर हाईस्कूल में शिक्षकों की तैनाती के लिए 12 जून को काउंसलिंग की जाएगी। इसी तरह सुकमा जिले के चिंतलनार, गुम्मा, गंजेनार एवं कांजीपानी हाई स्कूल जिला स्तर पर पूरी हो चुकी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बाद भी शिक्षक विहीन हैं। इन हाई स्कूलों में राज्य स्तर पर होने वाली काउंसलिंग के माध्यम से शिक्षकों की पदस्थापना की उम्मीद जिला प्रशासन को है। जिला शिक्षा अधिकारी सुकमा ने बताया कि उक्त चारों हाई स्कूलों के कैम्पस में संचालित पूर्व माध्यमिक शालाओं एवं अतिथि शिक्षकों के माध्यम से यहां अध्ययन-अध्यापन का प्रबंध पूर्व से ही होता रहा है। अब तक की स्थिति में सुकमा जिले के 4 और बीजापुर जिले के मात्र 2 हाई स्कूलों को फिलहाल छोड़ भी दें, (जबकि इन 6 हाई स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती अभी प्रक्रियाधीन है) तो राज्य में प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकण्डरी स्कूल तक अब ऐसा कोई भी स्कूल है, जो शिक्षक विहीन हो।
यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य का कोई भी हायर सेकेण्डरी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं था। मात्र 4 हायर सेकेण्डरी स्कूल एकल शिक्षकीय थे, जिनमें युक्तियुक्तकरण के तहत एक से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति गई है। युक्तियुक्तकरण के तहत हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में विषयवार व्याख्याताओं की नियुक्ति प्राथमिकता के आधार पर की गई है, ताकि बच्चों को नियमित रूप से अध्ययन-अध्यापन का बेहतर अवसर उपलब्ध हो सके।
राज्य में 5672 प्राथमिक स्कूल एकल शिक्षकीय थे, इनमें से युक्तियुक्तकरण के बाद 4465 स्कूलों में दो अथवा दो से अधिक शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है। राज्य में मात्र 1207 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय रह गई हैं। इसी तरह 211 एकल शिक्षकीय पूर्व माध्यमिक शालाओं में से 204 शालाओं दो अथवा दो अधिक शिक्षकों की तैनाती की गई है, अब मात्र 7 माध्यमिक शालाएं ही राज्य में एकल शिक्षकीय रह गई हैं। इन शालाओं में भी और अधिक शिक्षकों की तैनाती को लेकर शिक्षा विभाग व्यवस्था बनाने में जुटा है। इसी तरह राज्य के 49 एकल शिक्षकीय हाई स्कूलों में से 48 हाई स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की पदस्थापना पूरी कर ली गई है। आज की स्थिति में राज्य में मात्र एक हाई स्कूल एकल शिक्षकीय बचा है। -
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199 करोड़ से अधिक राशि के 50 विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन, 24 करोड़ से अधिक राशि के 16 कार्यों का करेंगे लोकार्पण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 12 जून को कोरबा जिले के प्रवास के दौरान जिलेवासियों को लगभग 223 करोड़ 88 लाख 41 हजार से अधिक लागत की 66 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात देंगे। श्री साय विभिन्न विभागों के अंतर्गत किए जा रहे 66 विकास कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास करेंगे। इन विकास कार्यों में 24 करोड़ 10 लाख 70 हजार से अधिक राशि के 16 कार्यों का लोकार्पण एवं 199 करोड़ 77 लाख 71 हजार से अधिक राशि की 50 कार्यों का भूमिपूजन/शिलान्यास शामिल हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय रिस्दी पुलिस लाइन के पास नवनिर्मित कन्वेंशन सेंटर में महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का लोकार्पण भी करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा किए जाने वाली 16 लोकार्पण कार्यों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत 15 करोड़ 06 लाख 77 हजार लागत के 11 कार्य, स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत भैसमा, कुदमुरा और पसान में 75-75 लाख की लागत से नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण, नगर पालिक निगम कोरबा के अन्तर्गत 03 करोड़ 58 लाख की लागत से स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम विद्यालय एनसीडीसी कोरबा में नवीन भवन/जीर्णोद्धार कार्य, और क्रेड़ा विभाग अन्तर्गत 03 करोड़ 20 लाख 70 हजार 920 रूपये की लागत से कोरबा जिले के 47 छात्रावासों/आश्रमों में 2.4 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापना कार्य शामिल हैं।
भूमि पूजन के कार्यों के अंतर्गत नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नगर पालिका निगम कोरबा व नगर पालिका परिषद दीपका में डीएमएफ, 15 वें वित्त सहित अन्य मदों से 15 करोड़ 38 लाख 85 हजार लागत के 09 कार्यों का भूमि पूजन/शिलान्यास किया जाएगा। इनमें 06 करोड़ 66 लाख 35 हजार की लागत से 15 वें वित्त अंतर्गत नगर पालिक निगम कोरबा हेतु 100 टीपीडी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, 05 करोड़ 78 लाख एक हजार की लागत से प्रधानमंत्री ई-बस सेवा अंतर्गत दर्री जोन क्रमांक 06 में सिटी बस डिपो/टर्मिनल कॉपलेक्स का निर्माण कार्य, 41 लाख 13 हजार की लागत से 100 बैड हॉस्पिटल में एसएनसीयू हॉल, गैलरी शेड, रैम्प एवं बाउण्ड्रीवाल का निर्माण कार्य, 61 लाख की लागत से वार्ड क्रमांक 32 में प्रशिक्षण हाल निर्माण,वार्ड क्रमांक 31 में 50 लाख की लागत से प्रशिक्षण हॉल निर्माण, 25 लाख की लागत से अयोध्यापुरी तालाब में जल संवर्धन हेतु निर्माण कार्य, 42 लाख 31 हजार की लागत से भू-जल स्त्रोत सुधार के लिए रिचार्ज वेल, डिसिल्टींग, आयल एवं ग्रीस टै्रपिंग का निर्माण कार्य, नगर पालिका परिषद दीपका अंतर्गत 68 लाख 20 हजार की लागत से निकाय क्षेत्रांतर्गत घरों में पेयजल हेतु सर्विस कनेक्शन प्रदाय कार्य और 06 लाख 85 हजार लागत की वार्ड क्रमांक 06 में टॉवर रोड से गणेश साहू घर तक आरसीसी नाली निर्माण कार्य शामिल हैं।इसी तरह ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अंतर्गत जिला खनिज संस्थान न्यास मद से 03 करोड़ 72 लाख 08 हजार की लागत से 07 कार्यों का भूमिपूजन किया जायेगा। इनमें 04 ट्रेनिंग हॉल, 01 प्रयोगशाला कक्ष, प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला हेतु 02-02 नवीन भवन निर्माण, शासकीय उप स्वास्थ्य केन्द्र नोनदरहा हेतु नवीन भवन निर्माण, खाद भंडारण केन्द्र कटघोरा में अहाता निर्माण और कलमीटिकरा से बरपाली आर.डी. 2 किलोमीटर में पुलिया निर्माण कार्य शामिल है।जल संसाधन विभाग अंतर्गत 02 करोड़ 79 लाख 32 हजार की लागत से तेन्दुभाठा एनीकट और 02 करोड़ 89 लाख 13 हजार की लागत से हाउसिंग बोर्ड कालोनी उरगा के पास डोमनाला स्टापडेम का निर्माण कार्य, 03 करोड़ 02 लाख 25 हजार की लागत से मिनीमाता बांगो बांध परिक्षेत्र में स्थित आई.बी. का जीर्णोंद्धार कार्य, 01 करोड़ 19 लाख 78 हजार की लागत से पोंड़ी उपरोड़ा से लेपरा मार्ग के 274 मीटर लंबाई में पुर्ननिर्माण एवं रिटर्निंग वॉल निर्माण कार्य, 02 करोड़ 68 लाख 89 हजार 100 की लागत से विभिन्न स्थलों में 50 नग सोलर हाईमास्ट संयंत्र स्थापना कार्य, 02 करोड़ 14 हजार 350 की लागत से 50 उप स्वास्थ्य केन्दा्रें में 1.2 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापना कार्य और लोक निर्माण विभाग अंतर्गत 166 करोड़ 07 लाख 27 हजार की लागत से पुल-पुलिया, सड़क, भवन निर्माण, पहुंच मार्ग निर्माण सहित कुल 28 कार्यों का भूमिपूजन किया जायेगा l -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
स्वेच्छानुदान मद से दी गई राशि से मिलेगा पौष्टिक आहार, स्वास्थ्य सुधार की दिशा में सराहनीय पहल
रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका ने सक्ति जिले के 10 टीबी मरीजों के लिए एक सराहनीय कदम उठाते हुए उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने हेतु 60 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। यह सहायता राशि उन्होंने अपने स्वेच्छानुदान मद से दी है, जिससे मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद मिलेगी। प्रत्येक मरीज को प्रति माह 500 रुपए के मान से एक वर्ष तक सहायता दी जाएगी।
भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत राज्य को टीबी मुक्त बनाने के लिए राज्यपाल श्री डेका ने इस अभियान में समुदाय की भागीदारी को अत्यंत आवश्यक बताया और जन सहयोग की महत्ता पर बल दिया है। वे जिलों के भ्रमण के दौरान मरीजों की स्थिति की जानकारी लेते हैं और उनकी हरसंभव सहायता व मदद सुनिश्चित कराते हैं। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 11 जून को संत कबीर साहेब जी की जयंती पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई दी है। उन्होंने कहा कि संत कबीर साहेब जी केवल एक महान आध्यात्मिक संत ही नहीं थे, बल्कि समाज सुधारक और युग-प्रवर्तक भी थे। अपने अमूल्य दोहों के माध्यम से उन्होंने समाज में एकता, प्रेम और सद्भाव का संदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर साहेब के विचारों ने न केवल भारतवर्ष, बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। सत्य, अहिंसा, दया, करुणा, परोपकार और सामाजिक समरसता का उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है। छत्तीसगढ़ की धरती पर भी उनके विचारों की अलख जगाए रखने का कार्य उनके अनुयायी लगातार कर रहे हैं। कबीरधाम से लेकर दामाखेड़ा तक उनके अनुयायियों द्वारा उनकी शिक्षाओं को आत्मसात कर समाज में सद्भाव और भाईचारे की भावना को मजबूत किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि संत कबीर साहेब जी ने सदैव सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वासों पर प्रहार करते हुए मानवतावादी समाज के निर्माण की राह दिखाई है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि हम सभी संत कबीर साहेब जी के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात कर सामाजिक एकता और सद्भाव को और अधिक सशक्त बनाएं। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण आईईडी विस्फोट में एएसपी आकाश राव गिरीपुंजे जी के शहीद होने पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह अत्यंत ही दुखद है। मैं उनकी शहादत को नमन करता हूँ।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस कायराना हमले में कुछ अन्य अधिकारी एवं जवानों के भी घायल होने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा एक बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है, जिसमें सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। इसी से बौखलाकर नक्सली इस तरह की कायराना करतूतों को अंजाम दे रहे हैं। नक्सलियों को इसका परिणाम भुगतना होगा। वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं, जब छत्तीसगढ़ से इनका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे जी के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ी है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने चक्रधर सम्मान से सम्मानित, संगीत साधना के महान पुरोधा, कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर ‘बेदम’ जी के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कलागुरु ‘बेदम’ जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन संगीत की साधना एवं प्रचार-प्रसार में समर्पित कर दिया। रायगढ़ को ‘सांस्कृतिक राजधानी’ के रूप में गौरवान्वित करने में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। उनके व्यक्तित्व, साधना और कला ने न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश के सांस्कृतिक जीवन को समृद्ध किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देशभर के अनेक प्रतिष्ठित मंच उनकी प्रतिभा से आलोकित हुए हैं। उनके शिष्यों और संगीत साधकों के लिए उनका जाना अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने तथा शोकाकुल परिवार और शिष्यों को इस दुःख की घड़ी में संबल देने की प्रार्थना की। -
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मुख्यमंत्री ने मुलाकात के दौरान दंतेवाड़ा के युवा उद्यमियों को किया प्रोत्साहित:आईआईएम में दंतेवाड़ा के 50 युवा उद्यमी ले रहे हैं प्रशिक्षण
रायपुर : छत्तीसगढ़ में खनिज, वन सहित अन्य प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके फलस्वरूप कृषि के साथ-साथ उद्योग-धंधों सहित प्रत्येक क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी मौजूदा क्षमताओं का सही ढंग से उपयोग कर प्रदेश और देश के नव निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय विगत दिवस नवा रायपुर स्थित आईआईएम परिसर में दंतेवाड़ा के नवोदित उद्यमियों को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा जिले के 50 युवाओं का एक बैच देश के प्रतिष्ठित प्रबंधन संस्थान आईआईएम में उद्यमिता का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे सभी युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि यह प्रशिक्षण उनके कैरियर निर्माण एवं जीवन संवारने में अत्यंत कारगर सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जब कोई युवा उद्यमी अपने सपनों को साकार करता है, तो वह अनेक युवाओं के लिए प्रेरणा और अवसर का द्वार खोलता है। यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप सभी बस्तर क्षेत्र से हैं और उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। आज बस्तर को सबसे संभावनाओं वाला क्षेत्र माना जा रहा है। प्रशिक्षण में आपने उद्यमिता से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें सीख ली हैं। अब उन्हें लागू कर अपने उद्यम को आरंभ कीजिए। शासन की ओर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र के साथ-साथ उद्योगों के विकास के लिए भी अनुकूल वातावरण है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के समग्र विकास के लिए हम निरंतर नवाचार, अनुसंधान तथा उद्यमिता को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए हमने ‘नई औद्योगिक नीति 2024-30’ लागू की है। इस नीति का मूल मंत्र है: “न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन।” इसके तहत उद्योग स्थापना की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ‘सिंगल विंडो 2.0’ व्यवस्था लागू की गई है, जिसके माध्यम से सभी आवश्यक क्लीयरेंस सुलभता से प्रदान किए जा रहे हैं। नई औद्योगिक नीति में प्रदेश के पिछड़े माने जाने वाले बस्तर और सरगुजा अंचल को सर्वाधिक निवेश प्रोत्साहन क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है, ताकि उनका त्वरित विकास सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने चर्चा के दौरान यह भी बताया कि नई औद्योगिक नीति के अंतर्गत बस्तर में उद्योग स्थापित करने पर विशेष अनुदान का प्रावधान किया गया है। बस्तर के विकास का रोडमैप भी गत माह तैयार किया गया है, जिसमें कृषि, वनोपज आधारित व्यवसाय और पर्यटन सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई गई हैं। बस्तर की कनेक्टिविटी अब उत्कृष्ट हो गई है, जिससे उद्यमियों के उत्पाद देश भर के बाजारों तक आसानी से पहुँच सकें। सड़कों के सशक्त जाल के माध्यम से विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
मुख्यमंत्री श्री साय से मुलाकात के दौरान युवा अत्यंत उत्साहित नजर आए और उन्होंने भी अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर बड़े बचेली से श्री चंद्रकुमार साहू, किरंदुल-बैलाडीला से श्री अभिषेक गुप्ता, बचेली से श्री अनिरुद्ध कुमार, बीजापुर से श्री तेजस्व कुमार एवं श्री नीलम पांडे, बचेली से कु. शिल्पा कुमारी तथा दंतेवाड़ा से श्री राकेश यादव सहित कुल 50 युवा उद्यमी उपस्थित थे। -
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रायपुर : साहित्य अकादमी नई दिल्ली और साहित्य अकादमी, छत्तीसगढ संस्कृति परिषद रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज नवीन विश्राम भवन (सिविल लाईंस) रायपुर के कन्वेंशन हॉल में आयोजित अखिल भारतीय आदिवासी लेखक सम्मिलन में लेखिका शकुंतला तरार की हल्बी में 101 लेजा गीत चो गीत की हल्बी के साथ हिंदी में अनुवाद के साथ शब्दार्थ सहित पुस्तक का विमोचन अध्यक्ष साहित्य अकादमी दिल्ली श्री माधव कौशिक, सचिव साहित्य अकादमी दिल्ली श्री के. श्रीनिवास राव, लोक साहित्य विद डॉ महेंद्र ठाकुर, लोक साहित्यकार श्री रुद्रनारायण पाणिग्राही, कुलपति छत्रपति महाराज विश्व विद्यालय मुंबई डॉ. केशरीलाल वर्मा, अध्यक्ष साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ श्री शशांक शर्मा के करकमलों से संपन्न हुआ।अध्यक्ष साहित्य अकादमी दिल्ली श्री माधव कौशिक, सचिव साहित्य अकादमी दिल्ली श्री के. श्रीनिवास राव, ने कहा कि लेखिका शकुंतला तरार की हल्बी में 101 लेजा गीत चो गीत एक विधा होती है उसका 101 गीत हिंदी में अनुवाद के साथ शब्दार्थ सहित पुस्तक शोधार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। इस अवसर पर भाषाविद, साहित्यकार, कविगण सहित जनप्रतिनिध ओर गण मान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ विभिन्न आसनों का किया अभ्यास
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नवा रायपुर परिसर के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ योगासन कर चिंतन शिविर 2.0 के दूसरे दिन की शुरुआत की। उन्होंने योग को स्वस्थ जीवनशैली का आधार बताते हुए कहा कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि मन को भी शांत करता है और हमें प्रकृति के अधिक समीप लाता है। यह योगाभ्यास न केवल एक प्रेरणादायक पहल थी, बल्कि प्रदेश में स्वास्थ्य एवं संतुलित जीवनशैली को प्रोत्साहित करने का भी सशक्त संदेश था।
मुख्यमंत्री श्री साय के साथ इस योग सत्र में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा तथा आईआईएम रायपुर के निदेशक प्रो. रामकुमार काकानी भी शामिल हुए। -
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आईआईएम रायपुर में दो दिवसीय शिविर का आयोजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों का दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 आज आईआईएम रायपुर में प्रारंभ हो गया है। छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा भारतीय प्रबंधन संस्थान, रायपुर (आईआईएम) के सहयोग से दो दिवसीय चिंतन शिविर 2.0 का आयोजन किया गया है।
कार्यक्रम के शुभारंभ के पश्चात आज ‘परिवर्तनकारी नेतृत्व और दूरदर्शी शासन’, संस्कृति, सुशासन और राष्ट्र निर्माण तथा सक्षमता से सततता तक: विकास के लिए सार्वजनिक वित्त पर पुनर्विचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र का आयोजित किया जा रहा है। दो दिवसीय शिविर के दौरान भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, प्रो. हिमांशु राय (डायरेक्टर आईआईएम इंदौर), डॉ. रविंद्र ढोलकिया (आईआईएम अहमदाबाद), श्री संजीव सान्याल (प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद सदस्य), पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक उदय माहुरकर, ग्लोबल डिजिटल स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता जैसे ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ विभिन्न सत्रों को संबोधित करेंगे। -
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विदेशी कलाकारों द्वारा प्रवेश हेतु बढ़-चढ़कर किया जाता है आवेदन
रचनात्मक प्रतिभा को उजागर कर, कला के क्षेत्र में रच रहा नया इतिहास
प्रवेश हेतु पंजीयन की अंतिम तिथि 16 जून
रायपुर : छत्तीसगढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ नृत्य, संगीत एवं ललित कला के क्षेत्र में एशिया का एकमात्र विशिष्ट विश्वविद्यालय है। यह संस्थान विद्यार्थियों के लिए एक समग्र, शोधोन्मुख एवं विद्यार्थी-केंद्रित वातावरण तैयार कर उनकी रचनात्मक क्षमता को जागृत करने और कला की गहराइयों से परिचित कराने का सुनहरा अवसर प्रदान करता है। संगीत विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया है। ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया का पंजीयन 16 जून तक होगी। प्रवेश के लिए प्रथम अभिरुचि परीक्षा 24 से 27 जून तक आयोजित होगा, 30 जून तक इसका परिणाम जारी किया जाएगा। इसी तरह द्वितीय अभिरुचि परीक्षा 22 से 24 जुलाई तक आयोजित होगी, इसकी चयन सूची 25 जुलाई को जारी की जाएगी।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इस विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। भारत के अतिरिक्त अन्य कई देशों के विदेशी विद्यार्थियों द्वारा भी इस विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु बढ़-चढ़कर आवेदन किए जा रहें है। इस विश्विद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर हिन्दुस्तानी गायन, हिन्दुस्तानी वायलिन, सितार, सरोद, तबला, कत्थक, भरतनाट्यम, ओडिसी, लोक संगीत, नाटक, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला, टेक्सटाइल्स डिज़ाइन जैसे पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा और डिग्री दी जाती है। इस विस्तृत पाठ्यक्रम संरचना से न केवल कला की विविध धाराओं में पारंगत होने का अवसर मिलेगा, बल्कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा। इसके साथ-साथ विश्वविद्यालय में शोधात्मक गतिविधियों के विस्तार हेतु विभिन्न विषयों में पीएच.डी. एवं डी.लिट् की सुविधा प्रदान करने वाला संभवतः भारत का एकमात्र विश्वविद्यालय है।
विश्वविद्यालय की अनोखी विशेषताएँ
इंदिरा गांधी कला विश्वविद्यालय रचनात्मकता का मुक्त मंच- यहां छात्रों को अनुभवी शिक्षकों द्वारा मनोहारी प्राकृतिक वातावरण में तनावरहित शिक्षण एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिससे उनकी कला में गहराई एवं शोध का समागम होता है। नृत्य, संगीत, ड्रामा एवं ललित कला के साथ-साथ अन्य विषयों की भी व्यापक जानकारी दी जा रही है, जिससे छात्रों का बौद्धिक विकास सुनिश्चित हो रहा है। विश्वविद्यालय का लक्ष्य शुद्ध अंतःकरण एवं बाधा रहित प्रशिक्षण व्यवस्था के साथ कला साधकों को ज्ञान के नए आयामों तथा कला की सच्ची भावना से परिचित कराना है।इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय न केवल एक शिक्षण संस्थान है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहाँ विद्यार्थी अपनी रचनात्मक प्रतिभा को उजागर कर, कला के क्षेत्र में नया इतिहास रच रहे हैं। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा लगातार राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 700 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किए हैं। हाल ही में यूथ-फेस्टिवल में संगीत विश्वविद्यालय द्वारा चौंपियनशिप ट्राफी प्राप्त किया है। इस विश्वविद्यालय को सभी कला साधकों एवं समुदाय के लिए एक तीर्थस्थल के रूप में स्थापित किया गया है, जहाँ परंपरा एवं नवाचार साथ-साथ प्रगति कर रहें हैं। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2025-26 के प्रवेश हेतु विश्वविद्यालय की अधिकारिक वेबसाईट www.iksv.ac.in पर विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है। -
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने ईद-उल-जुहा (बकरीद) पर्व के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि ईद-उल-जुहा का त्यौहार हमें बलिदानी-संस्कारवान बनने और मानव उत्थान के लिए समर्पण की सीख देता है। राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की है। -
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स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से आवश्यक जांच कराने, समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश
सामान्य लक्षणों के चलते मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं
रायपुर : छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कोविड-19 के जो भी मामले सामने आए हैं, उनमें अधिकतर मरीजों में सामान्य इंफ्लूएंजा जैसे लक्षण ही देखे जा रहे हैं, जैसे हल्का बुखार, सर्दी-खांसी या गले में खराश। विशेषज्ञों के अनुसार, इन लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है और मरीजों की स्थिति स्थिर बनी हुई है। अब तक राज्य में कुल 1183 लोगों की जांच की गई है, जिनमें से 50 व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि सभी संक्रमितों में सिर्फ सामान्य सर्दी-खांसी जैसे हल्के लक्षण पाए गए हैं और केवल गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियांे को चिकित्सालय में उपचार हेतु संदर्भित करने के लिए निर्देश दिये गये है।
सतर्कता के साथ संपर्क जांच और निगरानी का कार्य जारी
आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक सभी कदम उठाए हैं। जिन व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर जांच की जा रही है। साथ ही, उनके निवास क्षेत्रों में स्वास्थ्य दल भेजकर सर्वेक्षण किया गया है। यदि किसी में लक्षण पाए जा रहे हैं तो उसकी जांच कराई जा रही है, और गंभीर लक्षण होने की स्थिति में उपचार के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है।
राज्य भर में मॉक ड्रिल, सभी अस्पताल तैयार
5 जून 2025 को पूरे राज्य के अस्पतालों में कोविड-19 की रोकथाम एवं उपचार की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस दौरान सभी जिलों की व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई और संक्रमण से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की तरफ से निर्देश दिए गए हैं कि राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों, सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पताल कोविड-19 के संदिग्ध मामलों की निगरानी करें, आवश्यक जांच कराएं, और समय पर सैंपल परीक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
घबराएं नहीं, सतर्क रहें: विशेषज्ञों की सलाह
भारत सरकार के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान में कोविड-19 के लक्षण सामान्य फ्लू की तरह ही हैं, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार ने मौसमी बीमारियों और कोविड-19 दोनों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि यदि किसी में हल्के सर्दी-जुकाम, बुखार या गले में खराश जैसे लक्षण दिखें, तो वह निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सजग रहें, लेकिन भयभीत न हों।
राज्य सरकार ने भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 एवं मौसमी बीमारियों के संभावित मरीजों के उपचार की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की है। अस्पतालों में दवाएं, परीक्षण सुविधा एवं चिकित्सकीय संसाधन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।