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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नवसंकल्प शिक्षण संस्थान ला रहा युवाओं के जीवन में बदलाव
प्रतियोगी परीक्षाओं की कराई जा रही निःशुल्क तैयारी
विभिन्न परीक्षाओं में अब तक हुए है 150 युवा चयनित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में युवाओं का भविष्य संवर रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश के बाद जिला प्रशासन की ओर से रोजगार एवं कौशल विकास को लेकर अनेक कार्य हो रहे है। जिससे विशेष पिछड़ी जनजातियों और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए सार्थक पहल किया जा रहा है। इसी कड़ी में जशपुर जिला प्रशासन ने अभिनव पहल की है, इससे युवाओं का जीवन बदल रहा है। यहां युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए जशपुर में आवासीय नवसंकल्प शिक्षण संस्थान संचालित है।
जहां आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी कराई जा रही है। विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा दूरस्थ अंचल के बच्चों को वर्तमान में राज्य सेवा परीक्षा, उप पुलिस निरीक्षक, आरक्षक, शिक्षक भर्ती एवं नेट, सेेट, व्यापमं द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाएं, बैकिंग, अग्निवीर और एसएससी सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करवाई जा रही है।
जिला प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों को अध्ययन सामग्री निःशुल्क दी जाती है, ताकि अधिक से अधिक बच्चे प्रतियोगी परीक्षा की तैयार करके अपना भविष्य संवार सके। नवसंकल्प शिक्षण संस्थान में रहकर तैयारी कर एसएससी जीडी उत्तीर्ण कर चुके जशपुर बेलडीपा के युवा नेहरूलाल ने बताया कि पहले क्षेत्रवासियों को सेंट्रल लेवल परीक्षा की तैयारी के लिए दूर जाना पड़ता था। अब जशपुर में ही उन्हें निःशुल्क पढ़ाई की सुविधा मिलने लगी है।
सोगड़ा के सोनकश्यप प्रधान ने कहा कि मेरे घर वाले इतना फीस नही दे पाते थे कि कही और जाकर एसएससी जीडी की तैयारी कर सकू। नवसंकल्प शिक्षण संस्थान द्वारा हमें प्रतियोगी परीक्षा तैयारी के साथ-साथ हॉस्टल और मेस की सुविधा प्रदान की जाती है। एसएससी जीडी उत्तीर्ण शेखरपुर की अमीना ने कहा कि वे नवसंकल्प शिक्षण संस्थान जशपुर में रहकर तैयारी करते हुए उन्हें एसएससी जीडी में सफलता मिली है।नवसंकल्प शिक्षण संस्थान के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यह संस्था आवासीय है।
जिसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा की बच्चों को तैयारी कराई जाती है और अब तक इसमें से करीब 150 बच्चें विभिन्न शासकीय सेवाओं के लिए सेलेक्ट हो चुके हैं। उन्होंने ने कहा कि संस्था में युवाओं का परीक्षा की तैयारी के साथ-साथ सर्वांगीण विकास हो रहा है। विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयार कर रहे युवाओं ने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए धन्यवाद दिए। -
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रायपुर : राज्य शासन ने अहिंसा एवं गौ रक्षा के क्षेत्र के अविस्मरणीय कार्य, सेवाओं तथा अभिनव प्रयासों के लिए यतियतन लाल सम्मान वर्ष 2024 हेतु 03 अक्टूबर 2024 शाम 5.30 बजे तक आवेदन निर्धारित प्रारूप में आमंत्रित किए गए हैं। आवेदक जिस जिले का निवासी हो, उसे संबंधित जिले के कलेक्टर को ही अपनी प्रविष्टि निर्धारित अंतिम तिथि तक प्रस्तुत कर सकेंगे। यतियतन लाल सम्मान के लिए चयनित व्यक्ति/संस्था को दो लाख रूपए नगद, सम्मान प्रतीक चिन्ह युक्त पट्टिका एवं प्रमाण पत्र, प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाएगा।उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अहिंसा एवं गौ रक्षा के क्षेत्र के अविस्मरणीय कार्य, सेवाओं तथा अभिनव प्रयास के लिए सम्मानित करने और उनमें राष्ट्रीय कीर्तिमान विकसित करने की दृष्टि से राज्य स्तरीय यतियतन लाल सम्मान की स्थापना की गई है। -
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सुश्री अंजुम के कैंसर पीड़ित भाई का निःशुल्क इलाज डॉ. भीमराव आम्बेडकर अस्पताल में चल रहा है
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दिखाई संवेदना
रायपुर : संवदेनशील मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के पास पहुंचने वाले हर व्यक्ति को यथासंभव राहत मिलती है। इसका उदाहरण आज एक बार फिर देखने को मिला। जनदर्शन में आर्थिक सहायता की उम्मीद लेकर पहुंची सुश्री अंजुम को 20 हजार रूपए की आर्थिक सहायता का चेक मुख्यमंत्री के हाथों मिला।कैंसर पीड़ित मो. आदिल जाफरी की बहन सुश्री अंजुम ने जनदर्शन में मुख्यमंत्री श्री साय से मुलाकात कर उन्हें बताया कि उनके भाई का निःशुल्क इलाज राजधानी रायपुर के डॉ. भीमराव आम्बेडकर अस्पताल में चल रहा है। सुश्री अंजुम ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने अन्य जरूरी खर्चों के लिए मुख्यमंत्री से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह किया। जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें जनदर्शन के दौरान 20 हज़ार रुपए की आर्थिक सहायता का चेक प्रदान किया।उल्लेखनीय है कि मोमिन पारा, तत्यापारा वार्ड निवासी सुश्री अंजुम के भाई मो. आदिल जाफरी पेट के कैंसर से पीड़ित हैं। वर्ष 2016 में उन्होंने हैदराबाद के एआईजी हॉस्पिटल मे ऑपरेशन करवाया था। तब से आज तक लगातार वो दवाइयों का उपयोग करते आ रहे हैं। किन्तु विगत 1 माह से पेट मे दर्द होने के कारण उन्होंने 16 सितंबर 2024 को एम्स हॉस्पिटल रायपुर में जांच कराया।जांच उपरांत जो रिपोर्ट आई उसमें पता चला कि पुराना रोग फिर से बढ़ गया है तथा पेट की काफी हिस्से में संक्रमण फैल गया है। इसलिए उनका इलाज डॉ. भीमराव आम्बेडकर अस्पताल में चल रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय के द्वारा आर्थिक सहायता दिए जाने से मो. आदिल की बहन व परिजनों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 20 सितंबर को पूर्वान्ह 11.30 बजे कैबिनेट की बैठक मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित की गई है। -
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पारंपरिक खेती छोड़ डच रोज़ की खेती से हो रही मालामाल
रायपुर : आज के समय में पारंपरिक खेती की तुलना में बागवानी या फूलों की खेती किसानों के लिए अधिक मुनाफा देने वाली खेती साबित हो रही है। मुख्य रूप से गुलाब की खेती की तरफ किसानों का रुझान बढ़ रहा है। गुलाब की मांग पूरे वर्ष बनी रहती है। साथ ही त्योहारों, शादी समारोह व विभिन्न आयोजनों के समय इसकी मांग काफी बढ़ जाती है। धान की पैदावार के लिए पहचान रखने वाले छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कटघोरा विकासखण्ड की कुमगरी की रहने वाली श्रीमती रजनी कंवर ने गुलाब की खेती करके एक मिसाल कायम की है और दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बनी है। रजनी ने विभागीय सहायता से डच रोज़ की खेती शुरू की और आज 30 हजार से अधिक की प्रतिमाह कमाई कर रही हैं। पिछले 5 माह में ही उसे 3 लाख से अधिक रूपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है।
कुछ नया करने के इरादे ने रजनी का डच रोज़ की खेती की तरफ बढ़ाया रुचि -रजनी बताती हैं कि वर्तमान समय में किसान को बेमौसम बारिश, तूफान, अतिवृष्टि, सूखा जैसी कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है साथ ही विभिन्न प्रकार के कीटों व बीमारियों से अपनी फसलों की रक्षा करनी पड़ती है। इतनी परेशनियों के बाद भी किसान को अपेक्षाकृत अधिक लाभ नहीं होता। उनके द्वारा पूर्व में भी अपनी जमीन पर धान की फसल उगाया जाता था, जिससे उन्हें अधिक आमदनी नही होती थी। रजनी व उनके पति श्री जय सिंह ने परम्परागत कृषि से अलग आधुनिक खेती कर अपने आय में वृद्धि करने की सोची। इसी दौरान लाभार्थी को नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड द्वारा डच रोज़ की खेती की जानकारी मिली।डच रोज़ कल्टीवेशन से लंबे समय तके होने वाले लाभ की सोच से उन्होंने इसका खेती करने का निश्चय किया और अपने जमीन पर पाली हॉउस तैयार कर गुलाब की खेती प्रारंभ की। उद्यानिकी विभाग द्वारा उनके हौसले को बढ़ाते हुए समय पर दस्तावेजों की पूर्ति कराई गई एवं नाबार्ड द्वारा 40 लाख का वित्तीय सहयोग प्रदान किया गया। जिसमें उन्हें 50 प्रतिशत अनुदान भी दिया जा रहा है। साथ ही पॉली हाऊस में ड्रिप, बोर, स्टोरेज रूम जैसी सुविधाएं भी प्रदान की गई है। समय समय पर विभाग द्वारा रजनी को आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है।रजनी द्वारा फरवरी 2024 में अपने 2600 वर्गमीटर लगभग 65 डिसमिल जमीन पर पॉली हाऊस का निर्माण कराकर डच रोज़ की खेती प्रारंभ की गई। जहां उन्होंने इसकी 22000 पौधे का प्लांटेशन किया। पॉली हाऊस के अंदर डच रोज़ की खेती करने से पौधों को सीधे सूर्य की रौशनी, बारिश, आंधी से सुरक्षा मिलती है। सूक्ष्म सिंचाई और टपक विधि से कम पानी में गुलाब की खेती में सफलता प्राप्त हो रही है। रजनी द्वारा किए गए गुलाब की खेती को देखने के लिए दूर-दूर से लोग भी आते हैं।उनके फॉर्म में प्रतिदिन 40 से 50 किलो गुलाब कल्टीवेशन किए जाते है। मजदूरों द्वारा इन गुलाब को तोड़कर डिमांड अनुसार पैकेजिंग व सप्लाई किया जाता है। रजनी ने बताया कि इन पौधों की ठीक ढंग से देखभाल करने से इनसे 2-3 साल तक उत्पादन लिया जा सकता है। जिससे लंबे समय तक पौधों से लाभ मिलेगा।गुलाब के उत्पादन के शुरुआत से ही बाजार में इसकी मांग आने से रजनी का उत्साह बढ़ा हुआ है। अपनी खुशी जाहिर करते हुए वे कहती है कि अपने पति श्री जयसिंह के सहयोग व विभागीय मदद से उन्होंने डच रोज की खेती करने का बड़ा फैसला लिया है। जिसका अब उन्हें लाभ मिल रहा है। प्रतिमाह उसे मजदूरी भुगतान, दवाई, खाद सभी खर्चों के बाद भी औसतन 30-40 हजार तक का लाभ हो रहा है। वर्तमान में उनके द्वारा कोरबा, बिलासपुर, अम्बिकापुर में फूलो का विक्रय किया जा रहा है। साथ ही उनके द्वारा इवेंट ऑर्गेनाइजर, डेकोरेशन शॉप्स वालों से भी संपर्क किया जा रहा है। जिससे आगे चलकर बड़े पैमानों पर गुलाब का विक्रय किया जा सके। आने वाले त्यौहारों व शादी सीजन में बाजारों में फूलो की मांग बढ़ेगी जिससे उनके आय में और अधिक वृद्धि होगी। -
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खनिज शाखा के लेखापाल को कारण बताओ नोटिस जारी, कार्यालय जिला पंचायत को 3 दिन के भीतर कैश बुक पूर्ण करने के दिए निर्देश
लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आने वाले विभागों को कार्यालयों के सामने डिस्प्ले बोर्ड एवं कर्मचारियों के नेमप्लेट लगाने के दिए निर्देश
बलौदाबाजार : कमिश्नर रायपुर श्री महादेव कावरे ने आज पहली दफा यहां जिला कार्यालय सहित एसडीएम, तहसील एवं जिला पंचायत कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने बलौदाबाजार जिले के बचे हुए भू-अभिलेख के रिकार्ड जल्द पुराने जिले रायपुर से यहां भिजवाने का भरोसा दिलाया है. भू-अभिलेख शाखा के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर दीपक सोनी ने उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया।श्री कांवरे ने लगभग घण्टे भर तक जिला कार्यालय की विभिन्न शाखाओं और कार्यालयों के काम-काज का अवलोकन किया। उन्होंने सरकारी अभिलेखों का व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से रख-रखाव करने पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि जिला कार्यालय को अन्य कार्यालयों के लिए आदर्श होने चाहिए। उन्होंने वित्त शाखा,भू-अभिलेख,शिकायत शाखा,उद्योग विभाग,नजारत शाखा,खनिज शाखा,महिला एवं बाल विकास, खाद्य,आदिवासी विकास,आबकारी,श्रम,उद्यानिकी, सांख्यिकीय,समाज कल्याण,रिकार्ड रूम अपर कलेक्टर कक्ष सहित अन्य कई कार्यालयों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान खनिज शाखा के लेखापाल कामता प्रसाद बंजारे द्वारा रिकार्ड दुरुस्त एवं कैश बुक के संधारण नही करने पर कारण बताओं नोटिस दिया गया है। इसी तरह कार्यालय जिला पंचायत में निरीक्षण के दौरान अधूरे कैश बुक संधारण पर नाराजगी जताते हुए तीन दिवस के भीतर ही कैश बुक पूर्ण कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए है।इसके साथ ही कावरे ने कर्मचारियों के नेम प्लेट एवं उनके शाखा के नाम नहीं लिखने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए तीन दिवस के भीतर ही समस्त कार्यालयों में कर्मचारियों के बैठने के स्थान पर नेम प्लेट लगाने के निर्देश संबंधित विभागों के जिला अधिकारियों को दिए है साथ ही साथ लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आने वाले विभागों को कार्यालय के सामने डिस्प्ले बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं।इस दौरान उन्होंने अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कार्यालय और तहसील कार्यालय का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर संयुक्त आयुक्त श्रीमती सरिता तिवारी,जिला पंचायत सीईओ दिव्या अग्रवाल,अपर कलेक्टर दीप्ति गौते,एसडीएम अमित गुप्ता लेखाधिकारी पूजा रानी सोरी,अधीक्षक एम.एम.टाण्डेय, सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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18 माह के शब्बीर की गंभीर बीमारी का हुआ इलाज
क्लेफ्ट पैलेट की समस्या का हुआ सफल ऑपरेशन, आकाश के चेहरे पे लौटी मुस्कान
रायपुर : शासन द्वारा दी जाने वाली की मूलभूत सुविधाओं में से एक स्वास्थ्य सुविधा है और केंद्र सरकार बचपन में ही बीमारियों का पता लगाकर उसे समूल समाप्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित कर रही है, जिसके अंतर्गत जटिल से जटिल बीमारियों का निःशुल्क इलाज किया जाता है। एक ओर जहां निजी अस्पतालों में उपचार के लिए लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं, वहीं सीमित आय वाला व्यक्ति अपने बच्चों का जीवन बचाने में नाकामयाब हो जाते हैं। इन्हीं तकलीफों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिकित्सकों की टीम “चिरायु“ योजना अंतर्गत स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर स्वास्थ्य परीक्षण करती है किसी प्रकार की असाधारण व्याधि परिलक्षित होने पर चिरायु और आयुष्मान योजना के तहत आगे उच्च स्तरीय उपचार के लिए रेफर किया जाता है।
कांकेर जिला के विकासखंड चारामा के वार्ड क्र. 7 निवासी श्री मोईनुद्दीन खान के पुत्र शब्बीर खान आयु 18 माह का स्वास्थ्य परीक्षण चिरायु दल द्वारा किया गया। इसके पहले, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक के द्वारा चिरायु दल को सूचित किया गया था स उसके उपरांत चिरायु दल द्वारा उसके घर जाकर शारीरिक परीक्षण किया गया, जिसमें बालक के सिर में डर्माेइड सिस्ट होना पाया गया। आगे के इलाज की कार्रवाई करते हुए चिरायु दल द्वारा रायपुर के एक निजी अस्पताल में बच्चे की जाँच कराई गई, जिसका निःशुल्क ऑपरेशन अगस्त माह में डीकेएस हॉस्पिटल रायपुर में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। परिणामस्वरूप वर्तमान में बालक पूर्ण रूप से स्वस्थ है एवं बालक के परिजन भी चिरायु योजना एवं आयुष्मान योजना के तहत हुए इलाज से संतुष्ट और प्रसन्न हैं। इसके बाद चिरायु टीम द्वारा ऑपरेशन के पश्चात बच्चे का नियमित फॉलोअप लिया जा रहा है। बच्चा वर्तमान में सामान्य बच्चों की तरह अपने व्यवहार में वापस लौट आया है बालक के माता-पिता और परिजनों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और शासन को धन्यवाद दिया है।
इसी तरह मुंगेली जिला के नगर पंचायत सरंगाव के आकाश साहू को जन्म से ही क्लेफ्ट पैलेट की समस्या थी। इस समस्या का निजात पाने के लिए उसके परिजन कई स्वास्थ्य केन्द्रों का चक्कर लगा चुके थे। लेकिन अत्यधिक खर्च के कारण उनके लिए उपचार कराना संभव नहीं था। इसी बीच चिरायु टीम पथरिया द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला हकीमनगर में 11 वर्षीय आकाश साहू का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और क्लेफ्ट पैलेट की समस्या के उपचार के लिए बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 11 जुलाई 2024 को स्माइल ट्रेन फाउंडेशन के तहत् निःशुल्क सर्जरी कराई गई।
सर्जरी होने के बाद अब आकाश साहू पूरी तरह से स्वस्थ्य है और उनके चेहरे की मुस्कान लौट आयी है। बच्चे का निःशुल्क सफल ईलाज होने पर पिता देवकुमार साहू ने इस योजना की सराहना की तथा खुशी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और शासन का आभार किया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप राज्य के स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए चिरायु योजना (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) का संचालन किया जा रहा है। योजना अंतर्गत कटे-फटे होंठ, जन्मजात मोतियाबिंद, टेढ़े-मेढ़े हाथ पैर, श्रवण बाधा सहित विभिन्न प्रकार की बीमारी तथा विकृति पर निःशुल्क उपचार होता है। किसी केस में टीम के सहयोग से बच्चों का उच्च स्थान में रेफर कर ईलाज भी होता है, इसके लिए किसी प्रकार का कोई धन खर्च नहीं करना पड़ता। -
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विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह भी लोकार्पण कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े
रायपुर : विश्व बांस दिवस पर आज केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने बेमेतरा में तैयार विश्व के सबसे ऊंचे बांस के टॉवर (Bamboo Tower) का ऑनलाइन लोकार्पण किया। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह भी लोकार्पण कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े। बेमेतरा जिले के ग्राम कठिया में भव्य सृष्टि उद्योग द्वारा दुनिया के सबसे ऊंचे बांस के टॉवर का निर्माण किया गया है। करीब 11 लाख रुपए की लागत से निर्मित इस टॉवर की ऊंचाई 140 फीट और वजन 7400 किलोग्राम है। पेरिस के एफिल टॉवर जैसी डिजाइन वाला यह टॉवर भव्य सृष्टि उद्योग के फाउंडर और बांस प्रौद्योगिकी से जुड़े श्री गणेश वर्मा ने बनाया है।
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने बांस-टॉवर का लोकार्पण करते हुए कहा कि भव्य सृष्टि उद्योग बांस पर लगातार अनुसंधान कर इसकी नई-नई खासियतों को सामने ला रहा है। अपनी नई सोच और पहल से उन्होंने 140 फीट ऊंचा यह टॉवर बनाया है। यह टॉवर वजन में हल्का है और इसका जीवन काल कम से कम 25 वर्षों का है। वॉच टॉवर, टेलीकॉम टॉवर, ट्रांसमिशन टॉवर और रेडियो टॉवर के रूप में इसका उपयोग हो सकता है। उन्होंने कहा कि भव्य सृष्टि उद्योग बांस के उपयोग और इससे निर्मित सामग्रियों की नई-नई डिजाइन और परिकल्पना पर लगातार काम कर रहा है। हम लोग उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं। उनके इस कार्य के लिए मैं उन्हें बहुत बधाई देता हूं।
श्री गडकरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार यदि बांस के उपयोग के बारे में कोई नीति बनाती है और उसे प्रोत्साहित करती है, तो वहां के आदिवासियों का जीवन बदल जाएगा। छत्तीसगढ़ के हैंडलूम्स, हैंडीक्रॉफ्ट्स और मेटल-क्रॉफ्ट्स में नए डिजाइन बनेंगे तो उनकी अच्छी बिक्री होगी। मैं डॉ. रमन सिंह के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार से अनुरोध करूंगा कि बांस से फर्नीचर और अन्य सामग्रियों के नए-नए डिजाइन उनकी उपयोगिता के आधार पर तैयार करने के लिए डिजाइन सेंटर बनेंगे तो राज्य में निर्यात करने लायक उत्पाद भी तैयार हो सकेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लोकार्पण कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि 140 फीट के इस नवनिर्मित टॉवर से छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ा है। दुनिया के सबसे ऊंचे 140 फीट के बांस के टॉवर को देखकर मैं गौरवान्वित हुआ हूं। इसके लिए मैं भव्य सृष्टि उद्योग से जुड़े सभी साथियों को बधाई देता हूं। छत्तीसगढ़ का यह नया स्टार्ट-अप धरती से जुड़ा है, किसान से जुड़ा है और हमारे वनवासियों से जुड़ा है। सांसद श्री विजय बघेल तथा विधायकद्वय श्री दीपेश साहू और श्री ईश्वर साहू भी कठिया में बांस-टॉवर के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए।
भव्य सृष्टि उद्योग के फाउंडर श्री गणेश वर्मा ने बताया कि उनकी कंपनी के उत्पादों को नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, भारतीय रेलवे, भारतीय सड़क कांग्रेस और अन्य सरकारी संस्थानों द्वारा मान्यता प्राप्त है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस पर्यावरण अनुकूल और अभिनव समाधान को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। मंत्रालय देश के 25 राज्यों में सैकड़ों किलोमीटर की लंबाई में बांस क्रैश बैरियर्स लगाने की परीक्षण परियोजनाएं शुरू करने के लिए तैयार है, जिनका क्रियान्वयन अगले कुछ महीनों के भीतर किया जाएगा। इसके आधार पर बांस क्रैश बैरियर्स की व्यापक स्थापना की संभावनाओं का आंकलन किया जाएगा, जो किसानों, गांवों की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए वरदान साबित हो सकता है। -
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इंटरलॉकिंग सड़क बनने से शिक्षा में आया सुधार
रायपुर : छत्तीसगढ़ में ग्रामीण विकास और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) ने क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। इस योजना का उद्देश्य न केवल गरीब ग्रामीणों को रोजगार प्रदान करना है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाना है। ऐसी ही एक कहानी है छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ग्राम पंचायत पीपरबहरा की जहाँ मनरेगा के माध्यम से इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण का कार्य किया गया और इसका सीधा लाभ विद्यालय के बच्चों और शिक्षकों को मिला।
मनरेगा से शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन की शुरुआतग्राम पंचायत पीपरबहरा, एक ऐसा गाँव है जहाँ वर्षों से विद्यालय और आंगनबाड़ी तक जाने का मार्ग बेहद कठिन था। मुख्य मार्ग से मझपारा आंगनबाड़ी और प्राथमिक शाला तक का रास्ता कच्चा था, जिससे बारिश के दिनों में बच्चों और शिक्षकों के लिए आना-जाना बेहद मुश्किल हो जाता था। खासकर बरसात के दिनों में स्थिति इतनी खराब हो जाती थी कि कीचड़ और पानी भरने की वजह से स्कूल की गतिविधियाँ प्रभावित होती थीं। आखिरकार मनरेगा के तहत इस समस्या का समाधान किया गया। शासन द्वारा मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत पीपरबहरा को सड़क निर्माण हेतु कुल स्वीकृत राशि 8 लाख 69 हजार 571 रुपए की मंजूरी प्राप्त हुई थी, जिससे ग्राम पंचायत पीपरबहरा में इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया गया।इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य मझपारा आंगनबाड़ी और प्राथमिक शाला तक एक सुरक्षित और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करना था। कार्य शुरू होते ही गाँव के लोगों और विशेष रूप से बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई। सड़क का निर्माण तेजी से हुआ और कुछ ही महीनों में यह सड़क बनकर तैयार हो गई। अब बच्चों और शिक्षकों के लिए यह सड़क न केवल आसान पहुँच प्रदान करती है, बल्कि उनके दैनिक जीवन में भी कई सकारात्मक बदलाव लेकर आई है। पहले जहाँ बरसात के दिनों में कीचड़ और पानी भरने की समस्या थी, अब वहाँ एक साफ और सुंदर मार्ग है, जिससे विद्यालय तक पहुँचना बहुत आसान हो गया है।
इंटरलॉकिंग सड़क बनने से शिक्षा में आया सुधारइस सड़क निर्माण का सबसे बड़ा प्रभाव गाँव के शिक्षा स्तर पर पड़ा है। जहाँ पहले बच्चों का स्कूल आना-जाना असुविधाजनक होने के कारण उनकी उपस्थिति कम होती थी, अब बच्चों की उपस्थिति में स्पष्ट सुधार देखा गया है। उनके चेहरे पर पढ़ाई के प्रति उत्साह साफ दिखाई देने लगा है। इसके अलावा स्कूल के शिक्षक भी अब बच्चों को और अधिक ध्यान देकर पढ़ाने में सक्षम हैं, क्योंकि वे बिना किसी कठिनाई के स्कूल पहुँच सकते हैं। इस प्रकार मनरेगा के तहत सड़क निर्माण ने गाँव के शिक्षा स्तर को सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।ग्राम पंचायत पीपरबहरा की यह सफलता केवल एक सड़क निर्माण की कहानी नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इस परियोजना ने न केवल बच्चों और शिक्षकों के जीवन को आसान बनाया है, बल्कि गाँव के समग्र विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ग्राम पंचायत पीपरबहरा में मनरेगा के तहत इंटरलॉकिंग सड़क का निर्माण केवल एक भौतिक संरचना का निर्माण नहीं है, बल्कि यह गाँव के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सड़क ने न केवल बच्चों और शिक्षकों के जीवन को बेहतर बनाया है, बल्कि पूरे गाँव के लिए एक नई उम्मीद जगाई है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित 'मोर आवास मोर अधिकार' कार्यक्रम में अपने प्रशासनिक और राजनीतिक जीवन का एक भावुक और अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। मोर आवास मोर अधिकार कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जनसेवा की नई मिसाल कायम करते हुए हितग्राहियों के पांव पखारकर उनका आशीर्वाद लिया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इसके माध्यम से जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को यह संदेश भी दिया है की वे स्वयं को आम जनता से ऊपर न समझकर स्वयं को जनता का सेवक समझें और मानवीय दृष्टिकोण से आदर के साथ आमजन की समस्याओं को सहृदयतापूर्वक सुनकर उनका त्वरित निराकरण सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री साय के द्वारा हितग्राहियों के पांव पखार कर आशीर्वाद लेना छत्तीसगढ़ में जनप्रतिनिधियों और आम जनता के बीच विश्वास और सेवा का प्रतीक बन गया है। -
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राज्य की नई औद्योगिक नीति के तहत हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए निवेशकों को मिलेगी हर संभव मदद
गुजरात में आयोजित ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर मीट 2024 के ’’ग्रीन हाइड्रोजन सीईओ राऊंड टेबल’’ में निवेशकों को दी गई जानकारी
छत्तीसगढ़ की अपरम्परागत ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश हेतु निवेशकों को किया गया आमंत्रित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और ऊर्जा विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद की गरिमामय उपस्थिति में गुजरात में आयोजित ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर मीट-2024 के दौरान आयोजित ’’ग्रीन हाइड्रोजन सीईओ राऊंड टेबल’’ कॉन्फ्रेंस में निवेशकों को यह जानकारी दी गई कि छत्तीसगढ़ में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए छत्तीसगढ़ में निवेश करने वाले निवेशकों को राज्य की नवीन औद्योगिक नीति 2024-29 के तहत हर संभव प्रोत्साहन और सहयोग प्रदान किया जाएगा। इस कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुमित सरकार द्वारा किया गया।
सीबीडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा इस अंतर्राष्ट्रीय इन्वेस्टर मीट में छत्तीसगढ़ राज्य में अपरम्परागत ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया। निवेशकों को छत्तीसगढ़ में भविष्य की महत्वपूर्ण बायोमास आधारित योजनायें जैसे-बायो-एथेनॉल, बायोजेट एवियेशन फ्यूल, कम्प्रेस्ड बायोगैस तथा ग्रीन हाइड्रोजन आदि में निवेश के लिये निवेशकों को आमंत्रित किया गया।
निवेशकों को जानकारी दी गई कि छत्तीसगढ़ राज्य के पूरे ग्रामीण परिदृश्य में बायोमास जैसे कि कृषि अपशिष्ट, डेयरी उद्योग से निकलने वाले अपशिष्ट, फल एवं सब्जी बाजारों के अपशिष्ट, गोबर की बहुतायत है, जिसका उपयुक्त तकनीक से प्रसंस्करण कर वृहद पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की अपार संभावनायें हैं। यह प्रयास सफल होने पर राज्य में संचालित वृहद स्टील उद्योगों, खादय प्रसंस्करण इकाईयों, फर्टीलाईजर इकाई में ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग इन्डस्ट्रीयल एप्लीकेशन के रूप में किया जाएगा। इस तरह राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन वर्ष 2030 के लक्ष्य 05 मिलियन मीट्रिक टन उत्पादन की दिशा में छत्तीसगढ़ का अहम् योगदान निश्चित होगा तथा ऊर्जा संरक्षण की दिशा में आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी।
सीबीडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा सभी निवशकों को आश्वस्त किया कि राज्य की नवीन औद्योगिक नीति 2024-29 में हरित अर्थव्यवस्था के निर्माण हेतु निवेशकों को यथासंभव प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही राज्य में रोजगार के नवीन अवसर भी सृजित होंगे। -
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रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए संचालित पीएम जनमन योजना (प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान) के चलते छत्तीसगढ़ राज्य अति पिछड़े जनजातीय समुदाय तकदीर और इनकी बसाहटों की तस्वीर तेजी से बदलने लगी है। विशेष पिछड़ी जनजातियों के रहवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विकास होने लगा है। बरसों-बरस से आवास, स्वच्छ पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित इन जनजातीय समूहों को अब मिशन मोड में यह बुनियादी सुविधाएं सुभल होने लगी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पीएम जनमन योजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य के सभी विशेष पिछड़ी जनजातीय इलाकों में बुनियादी विकास एवं निर्माण के कार्य तेजी से कराये जा रहे है। राज्य में पीएम जनमन योजना को शुरू हुए अभी एक साल का भी अरसा पूरा नहीं हुआ है, फिर भी छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता के चलते इसके सार्थक परिणाम दिखाई देने लगे है। कबीरधाम जिले में प्रधानमंत्री जनमन योजना के चलते बैगा समुदाय की तकदीर और इनकी बसाहटों की तस्वीर बदलने लगी है।
छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित कबीरधाम, राजनांदगांव, मुंगेली, बिलासपुर और कोरिया जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के लोग निवास करते है। जनसंख्यात्मक दृष्टिकोण से बैगा, छत्तीसगढ़ राज्य की विशेष पिछड़ी जनजातियों में सर्वाधिक आबादी वाला जनजाति समुदाय है। छत्तीसगढ़ राज्य में उक्त 5 जिलों में बैगा समुदाय के 24 हजार 589 परिवार निवासरत है, जिसमें से लगभग 46 प्रतिशत यानि 11 हजार 261 परिवार कबीरधाम जिले में रहते हैं।
कबीरधाम जिले के बोड़ला एवं पंडरिया में बैगा समुदाय के लोग निवास करते हैं। इस समुदाय की 38 बसाहटों में निवासरत 255 परिवारों के घरों में विद्युत सुविधा से रौशन किया जा चुका है, जबकि 56 बैगा बसाहटों को जोड़ने के लिए 186.20 किलोमीटर लम्बाई वाली 47 सड़कों के निर्माण के लिए 135.72 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। इनमें से 42 सड़कों के निर्माण प्रारंभ हो चुका है, जिसके अंतर्गत पक्की डामरीकृत सड़क एवं नदी-नालों पर पुल-पुलियों का निर्माण जारी है।
कबीरधाम के पंडरिया विकासखंड के ग्राम भागड़ा, जामुनपानी, कामठी, कुई, मंगली सारपानी टाकटाईयां, बदना, गुडा, छिरहा, मुनमुना, नेउर और लालपुर में विशेष शिविर लगाकर बैगा समुदाय के लोगों के स्वास्थ्य एवं सिकलसेल की जांच के साथ ही 1870 बैगा परिवारों को आयुष्मान कार्ड प्रदान किए गए हैं। इन गांवों के 86 गर्भवती माताओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया। स्वास्थ के प्रति जन-जागरूकता का विशेष अभियान संचालित करने का यह परिणाम है कि अब बैगा समुदाय की महिलाएं भी प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों में बिना झिझक आने लगी है।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा खेती-किसानी के लिए दी जा रही मदद के चलते अब बैगा समुदाय के लोग बेवर खेती को छोड़ परंपरागत तौर-तरीकों से खेती-किसानी करने लगे है। बेवर खेती दरअसल झूम खेती है। बैगा समुदाय के लोग एक स्थान पर स्थायी तौर पर निवास न करने के कारण बेवर यानी झूम खेती किया करते थे। बिना ब्याज के कृषि ऋण, अनुदान पर कृषि यंत्रों सहित अन्य सुविधाएं मिलने की वजह से बैगा समुदाय के लोग अब बेवर खेती को छोड़ स्थायी खेती करने लगे है। कबीरधाम जिले में शासन द्वारा बैगा समुदाय के लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड एवं खेती-किसानी के लिए इस वर्ष 11.70 लाख रूपए का कृषि ऋण दिया जा चुका है।
ग्राम दमगढ़ निवासी समेलाल बैगा के पास 5.5 एकड़ कृषि भूमि है। प्रधानमंत्री जनमन येाजना के तहत उन्होंने एक लाख रूपए ऋण लेकर अपनी कृषि भूमि पर धान की खेती के लायक बना दिया है। समेलाल का कहना है कि धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी और राशि का तत्काल भुगतान होने से उन्हें कृषि से लाभ होने लगा है। ग्राम रोखनी के राजकुमार बैगा के पास 02 एकड़ कृषि भूमि है। प्रधानमंत्री जनमन योजना से ऋण लेकर उन्होंने खेत का सुधार कराया है और धान की खेती की है। फसल अच्छी होने की वजह से उन्हें, इससे लाभ होने की उम्मीद है। नवीन क्रेडिट कार्ड से ऋण मिलने से खेती की जरूरतें पूरी होने लगी है।
पीएम-जनमन योजना के चलते कबीरधाम जिले की 260 बैगा बसाहटों में सोलर पंप, पानी टंकी, पाईप लाईन के माध्यम से बैगा परिवारों के घरों में नल से जल की आपूर्ति का काम तेजी से कराया जा रहा है। वर्तमान में विकासखंड बोड़ला के 181 बसाहटों में से 62 बसाहटों में सोलर पंप, पानी टंकी, पाईप लाईन के माध्यम से जलापूर्ति शुरू कर दी गई है, शेष 119 बसाहटों में नल कनेक्शन दिए जाने का काम जारी है। पंडरिया ब्लॉक अंतर्गत 78 बैगा बसाहटों में से 18 बसाहटों में नल से जल प्रदाय करने का काम पूरा हो चुका है, जबकि शेष बसाहटों में पानी टंकी निर्माण कार्य, पाईप लाईन बिछाने का काम जारी है। बैगा बसाहटों में पेयजल के लिए पहले से हैण्डपंप स्थापित है।
प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत कबीरधाम जिले में 8 हजार 596 विशेष पिछड़ी जनजाति के तहत बैगा समुदाय के परिवारों का सर्वे में 8 हजार 440 परिवार बैगा परिवार आवास के लिए पात्र पाए गए है, जिनमें से 7853 का परिवारों का पंजीयन आवास पोर्टल में किया गया है एवं 7394 परिवारों को आवास की स्वीकृति प्रदान की गई है। स्वीकृत परिवारों में से 6 हजार 678 हितग्राहियों को प्रथम किश्त, 3031 हितग्राहियों को द्वितीय किश्त एवं 1081 हितग्राहियों को तृतीय किश्त की राशि ऑनलाईन डी.बी.टी. के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है। बैगा समुदाय के रहवासी इलाकों में 4 छात्रावास, 39 आंगनबाड़ी केन्द्र, 2 वनधन केन्द्र, 13 बहुद्देशीय केन्द्र सहित कुल 370 कार्यों की स्वीकृति दी गई हैं, जिन्हें तेजी से पूरा कराया जा रहा है। -
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विकसित भारत-मोदी की संकल्पना पर आधारित है छाया प्रदर्शनी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विकसित भारत की संकल्पना पर आधारित छाया चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। यह प्रदर्शनी छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा लगाई गई है। प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनकल्याण एवं भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाने के लिए बीते दस सालों में शुरू की गई अभिनव एवं क्रांतिकारी योजनाओं, कार्यक्रमों एवं नीतियों के साथ-साथ प्रधानमंत्री जी के जीवन के पहलुओं को छाया-चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज जन्म दिन है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री जी जन्मदिन के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के 5 लाख से अधिक परिवारांे को पक्का मकान बनाने के लिए प्रथम किस्त की राशि का अंतरण भी हितग्राहियों को डी.बी.टी. के माध्यम से खाते में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इसके तहत् राज्य में 18 लाख से अधिक परिवारों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आवास की स्वीकृति दी गई है।
छाया-चित्र प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री जी द्वारा देश में पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ वृ़क्षारोपण अभियान, डिजिटल इकोनॉमी-जन-जन को बैंकिंक सुविधा, नए अंतरिक्ष शक्ति के रूप में उभरता भारत, आतंकवाद के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही, औपनिवेशिक काल के कानूनों में बदलाव एवं नवीन न्याय संहिता को लागू करना, भारतीय सैन्य शक्ति को सुदृढ़ करना, जन भागीदारी से देश को नई दिशा, भारत का गौरव बढ़ाती उपलब्धियां, जनधन योजना, देश में अधोसंरचना का तेजी से निर्माण, एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार, एक ग्रिड,एक राशन कार्ड, एक संविधान और वोकल फार लोकल आदि विषयों को छाया-चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से प्रभावी ढंग से प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जीवन से जुड़े प्रसंगो को भी दर्शाया गया है।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह,गृह मंत्री श्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही उपस्थित थे। -
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" हिंदी काव्य रत्न " सम्मान मानद उपाधि
नेपाल लुंबिनी : नेपाल के लुंबिनी में आयोजित किए गए एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम में कवयित्री श्रीमती सुषमा प्रेम पटेल जी रायपुर छ, ग ,को सम्मानित किया गया है। नेपाल की प्रसिद्ध संस्था शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल द्वारा भाषा तथा साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले रचनाकारों को एक ऑनलाइन प्रतियोगिता के माध्यम से आज सम्मानित किया गया है।आज हिंदी दिवस के मौके पर शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल द्वारा आयोजित किए गए हिंदी दिवस अंतरराष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में बहुमुखी प्रतिभा के धनी आ.सुषमा प्रेम पटेल जी को " हिंदी काव्य रत्न " मानद उपाधि सम्मान से सम्मानित किया गया है। सुषमा प्रेम पटेल जिले के ख्याति प्राप्त कवयित्री हैं ,जिनकी अनेक रचनाएं साहित्य के क्षेत्र मे गौरवान्वित हैं ।उल्लेखनीय योगदान के लिए अब तक ५०० से अधिक ऑनलाइन ऑफलाइन सम्मान मिल चुके हैं। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आनन्द गिरि मायालु कहते हैं - सुषमा पटेल जी की रचना जीवंत लगती है, बड़े अच्छे शब्दों का चयन किया है कविता में। ऐसे साहित्यकारों से ही असल समाज का निर्माण होता है ,जो ऐसे विशिष्ट रचनाकारों की पहचान कर राज्य की प्रोत्साहन राशि तथा सम्मान करने की आवश्कता है।आयोजित किए गए इस प्रतियोगिता में नेपाल, भारत, अमेरिका, कनाडा तथा तंजानिया से 6742 महिला पुरुष रचनाकारों की सहभागिता थी जिसमें 675 प्रतिभाओं का उत्कृष्ट कविता के आधार पर चयन कर सम्मानित किया गया है। आयोजक संस्था को हार्दिक धन्यवाद देते हुए- शब्द प्रतिभा वर्षों से देश विदेश के कवि तथा लेखकों को विभिन्न प्रतियोगिता के माध्यम से सम्मान कर प्रोत्साहित करती आई है।संस्था की सचिव चरना कौर कहती हैं - हिंदी आज किसी एक देश की भाषा नहीं बल्कि विश्व भाषा बन चुकी है। सभी के अपनी भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति का सम्मान करना चाहिए। इस प्रतियोगिता में हजारों साहित्यकारों ने देश विदेश में प्रतिभागिता की जो संस्था के लिए गर्व का विषय है। " -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुस्लिम भाईयों सहित प्रदेशवासियों को पैगम्बर साहब के जन्मदिवस ईद-मिलादुन्नबी की मुबारकबाद दी है। इस पवित्र मौके पर उन्होंने देश-दुनिया में अमन-चैन और लोगों की खुशहाली की कामना की है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (सीएसवीटीयू), भिलाई के तत्त्वावधान में शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर में जनजातीय गौरव दिवस के निमित्त एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान को सामने लाना है।
कार्यक्रम का आयोजन रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती (5 अक्टूबर) और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती (15 नवंबर) को ध्यान में रखते हुए किया गया, जिसके अंतर्गत पूरे राज्य में 5 अक्टूबर से 15 नवंबर तक 40 दिनों तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत, उनके सामाजिक मूल्यों और स्वतंत्रता आंदोलनों में महत्त्वपूर्ण भूमिका को समाज के सामने लाया जाएगा।
इस कार्यशाला में राज्यभर के विभिन्न इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निकल एवं आईटीआई संस्थानों के समन्वयक एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा थे। मुख्य प्रशिक्षक एवं वक्ता के रूप में बस्तर से आए श्री रामनाथ कश्यप और सामाजिक कार्यकर्ता श्री वैभव सुरंगे ने जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक पहलुओं पर गहन प्रकाश डाला। कार्यक्रम स्थल पर जनजाति नायकों की सुंदर प्रदर्शनी भी लगाई गई जो विद्यार्थियों व प्राध्यापकों के बीच में आकर्षण का केंद्र रही।
इस अवसर पर सीएसवीटीयू के कुलपति प्रो. एम. के. वर्मा, वनवासी विकास समिति के प्रांत अध्यक्ष श्री उमेश कच्छप, रजिस्ट्रार प्रो. अंकित अरोड़ा, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एम.आर. खान, डॉ अनुराग जैन प्रांत सचिव वनवासी विकास समिति, टेक्निकल एजुकेशन के उप संचालक और राष्ट्रीय सेवा योजना के अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन श्री राजीव शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर जनजाति छात्राओं द्वारा आकर्षक स्वागत नृत्य की प्रस्तुति भी की गई। कार्यक्रम में सरगुजा, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग और बस्तर संभाग से बड़ी संख्या में अध्येताओं और छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने 14 सितम्बर को हिंदी दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा है कि राजभाषा हिंदी राष्ट्रीय एकता और सद्भावना को बनाए रखने में मह्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हिंदी के सहज-सरल होने के कारण इसने देश को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाई है।
श्री साय ने कहा है कि हिन्दी अत्यंत समृद्ध एवं जीवंत भाषा है, इसका स्वरूप समावेशी है। इसकी लिपि देवनागरी विश्व की सबसे पुरानी एवं वैज्ञानिक लिपियों में से है। हिन्दी के गुण उसे भाषा के दर्जे से ऊपर एक संस्कृति के रूप में प्रतिष्ठित करतेे हैं। उन्होंने कहा है कि हिंदी दिवस हमें याद दिलाता है कि भाषा के माध्यम से हम अपनी पहचान और संस्कृति को संरक्षित कर सकते हैं। हमें चाहिए कि हम हिंदी को प्रोत्साहित करें और अधिक से अधिक इसका उपयोग करें। मातृभाषा की उन्नति बिना, किसी भी समाज की तरक्की संभव नहीं है। राजभाषा के गौरव और महत्व को और आगे ले जाने के लिए सब संकल्पित भाव से कार्य करें। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए 16 सितंबर 2024 (सोमवार) को ‘ईद-ए-मिलाद’ (मिलाद-उन-नबी) के अवसर पर राज्य में सार्वजनिक और सामान्य अवकाश घोषित किया है। 17 सितंबर 2024 को अनंत चतुर्दशी और विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पहले से निर्धारित ऐच्छिक अवकाश को यथावत रखा गया है। गौरतलब है कि पूर्व में ‘ईद-ए-मिलाद’ पर 17 सितम्बर को अवकाश घोषित किया गया था।