राज्योत्सव समापन समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
आदिवासी संस्कृति और महाविद्यालयीन प्रतिभाओं की रही विशेष झलक
पारंपरिक आदिवासी नृत्यों से सजी शाम
सुआ, सरहुल, करमा आदि नृत्यों ने लोगों का मोहा मन
भव्यता के साथ 3 दिवसीय जिला स्तरीय राज्योत्सव हुआ संपन्न
जशपुरनगर : छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के 3 दिवसीय जिला स्तरीय समारोह विगत दिवस जिला मुख्यालय जशपुर के रणजीता स्टेडियम में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर देर शाम तक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। समारोह में आदिवासी लोककला, नृत्य, गीत और प्रेरक नाटक की मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विभिन्न विभागों एवं महाविद्यालयों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों ने जशपुर सहित छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले सांस्कृतिक दल के सदस्यों को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय शामिल हुए। विशिष्ट आतिथि के रूप में नगर पालिका अध्यक्ष जशपुर श्री अरविंद भगत , जनपद अध्यक्ष जशपुर श्री गंगाराम भगत, पूर्व विधायक श्री जागेश्वर भगत, नगर पालिका उपाध्यक्ष जशपुर श्री यशप्रताप सिंह जूदेव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, डीएफओ श्री शशि कुमार, अपर कलेक्टर श्री प्रदीप साहू, एसडीएम श्री विश्वासराव मस्के, डिप्टी कलेक्टर श्री हरिओम द्विवेदी, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के पूर्व अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार राय, पूर्व उपाध्यक्ष नगर पालिका जशपुर श्री राजेश गुप्ता, जनप्रतिनिधिगण, अधिकारी कर्मचारी सहित भारी संख्या में नागरिकगण मौजूद रहे।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय श्री दिलीप सिंह जूदेव के राज्य निर्माण में योगदान को नमन करते हुए कहा कि कुमार साहब ने भी राज्य निर्माण के लिए महत्वपूर्व पहल की थी। उन्होंने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश से अलग होकर बने छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में जशपुर जिले का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की दूरदृष्टि और नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ, जिससे इस अंचल के विकास को नई दिशा मिली। उन्होंने स्मरण किया कि उस समय जशपुर जिला शिक्षा और संस्कार का केंद्र था, जहाँ साक्षरता दर सर्वाधिक थी। उन्होंने कहा कि आज जशपुर जिले में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। जिले में मेडिकल कॉलेज, हॉर्टिकल्चर कॉलेज, उद्यानिकी कॉलेज की स्थापना से युवाओं को स्थानीय स्तर पर शिक्षा के अवसर मिलेंगे। स्वास्थ्य सेवाओं में भी तेजी से विस्तार हुआ है। उन्होंने बताया कि फरसाबहार में सत्य साईं सत्संग ट्रस्ट अस्पताल खुलने जा रहा है, जो लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देगा। कृषि क्षेत्र में नाशपाती, महुआ जैसे उत्पादों को नई पहचान मिली है। महुआ अब केवल शराब का प्रतीक नहीं, बल्कि व्यंजनों और आर्थिक सशक्तिकरण का साधन बन गया है। उन्होंने कहा कि मधेश्वर पहाड़ जैसे धार्मिक स्थल जिले को पर्यटन मानचित्र पर स्थापित कर रहे हैं। जशपुर आज हर क्षेत्र में विकास की गाथा लिख रहा है।
आदिवासी विकास विभाग की प्रस्तुतियों से गूंजा मंच -
राज्योत्सव समापन समारोह की शुरुआत आदिवासी विकास विभाग के दलों की पारंपरिक प्रस्तुतियों से हुई। नटकेला, कुनकुरी, मनोरा, बगीचा, जशपुर और ईचकेला के जनजाति कलाकारों ने एक से बढ़कर एक सुआ, करमा, सरहुल आदि लोकनृत्य और लोकगीत प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। ईचकेला दल द्वारा प्रस्तुत लोकगीत ने वातावरण में लोकसंस्कृति की सुगंध घोल दी, वहीं मनोरा और बगीचा के कलाकारों की तालबद्ध नृत्य प्रस्तुति ने दर्शकों से खूब सराहना पाई।
स्वास्थ्य विभाग का नाटक रहा आकर्षण का केंद्र- स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तुत सामाजिक संदेश से भरपूर नाटक ने लोगों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। नाटक की प्रभावशाली प्रस्तुति और संवादों ने दर्शकों को गहराई तक प्रभावित किया। नाटक के माध्यम से 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ में सुदृढ़ हुई स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में बताया गया।
महाविद्यालयीन छात्राओं की प्रस्तुतियों में झलकी युवा ऊर्जा -
जिला स्तरीय राज्योत्सव के अंतिम दिन विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। शासकीय रा.भ.रा.एन.ई.एस. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जशपुर नगर के विद्यार्थियों ने सुवा, कर्मा, सरहुल और छत्तीसगढ़ी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। शासकीय विजय भूषण सिंह देव कन्या महाविद्यालय, जशपुर नगर तथा शासकीय बाला साहब देशपांडे महाविद्यालय, कुनकुरी के विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ी नृत्य प्रस्तुत किए। ठाकूर शोभा सिंह शासकीय महाविद्यालय एवं अशासकीय गुरुकुल महाविद्यालय, पत्थलगांव के विद्यार्थियों ने अपनी नृत्य प्रस्तुतियों से समापन समारोह को उत्साहपूर्ण बना दिया।
संस्कृति और परंपरा का हुआ संगम -
कार्यक्रम में कोमल जैन द्वारा स्वरचित छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति के रूप में भीम सुमन लोक कला मंच जशपुर के सदस्यों द्वारा जशपुर की मिट्टी की महिमा का गुणगान किया गया। सुंदर लोकगीतों के माध्यम से जशपुर की परंपरा और संस्कृति तथा यहां मौजूद मधेश्वर पहाड़, खुड़िया रानी, देशदेखा, कैलाश गुफा एवं अन्य पर्यटन स्थलों का वर्णन किया गया। कार्यक्रम के दौरान दर्शक पारंपरिक गीत-संगीत की धुनों पर झूमते नजर आए। मंच पर विविधता से भरे प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि जशपुर जिला न केवल प्राकृतिक सौंदर्य में समृद्ध है बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर में भी अनुपम है।

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