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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
स्वर्गीय श्री रामजीलाल अग्रवाल को श्रद्धांजलि अर्पित की, परिवारजनों से मिलकर शोक-संवेदना प्रकट की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज शाम सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल के पिताजी स्वर्गीय श्री रामजीलाल अग्रवाल के शांति मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वर्गीय श्री रामजीलाल अग्रवाल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल और उनके परिवारजनों से मिलकर शोक संवेदना प्रकट की।
मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल भी कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने भी स्वर्गीय श्री रामजीलाल अग्रवाल को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का आयोजन रायपुर के बेबीलोन इंटरनेशनल होटल में किया गया। सांसद श्री अग्रवाल ने अपने पिता जी स्वर्गीय श्री रामजीलाल अग्रवाल के व्यक्तित्व और कृतित्व तथा प्रेरणादायक जीवन पर प्रकाशित पुस्तक ‘हमर सियान’ की प्रति मुख्यमंत्री श्री साय को भेंट की। -
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लोगों से “एक पेड़ मां के नाम” अभियान से जुड़ने की अपील
रायपुर : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज कांकेर जिले के संबलपुर स्थित हाई स्कूल मैदान परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत बादाम का पौधा रोपित किया। यह कार्यक्रम राज्य में पर्यावरण संरक्षण को जनआंदोलन बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ कांकेर सांसद श्री भोजराज नाग, अंतागढ़ विधायक श्री विक्रमदेव उसेंडी, विधायक श्री आशाराम नेताम सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं आम नागरिकों ने भी उत्साहपूर्वक वृक्षारोपण किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम अभियान केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, यह माता के प्रति श्रद्धा, प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य की संकल्पना है। जब हम अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाते हैं, तो उसमें भावनात्मक जुड़ाव आता है और हम उसकी देखभाल भी पूरे मन से करते हैं। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान में सहभागी बनें और अपनी माता, आराध्य देवी-देव के नाम पर कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल छत्तीसगढ़ को हरित प्रदेश बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। एक पेड़ मां के नाम अभियान एक अभिनव पहल है, जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय जागरूकता के साथ सामाजिक और भावनात्मक सरोकार को जोड़ना है। -
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अन्य लोगों को अपने अभिनव प्रयोग का दे रहीं प्रशिक्षण
रायपुर : औषधीय गुणों से भरपूर सुपर फुड मुनगा की फसल लेकर धमतरी जिले के ग्राम कोकड़ी की महिलाएं अपनी आमदनी दुगुना कर रहीं हैं। मुनगा को सब्जी के तौर पर तो उपयोग किया ही जाता है। इसके साथ ही मुनगे की पत्तियों का पावडर मल्टीविटामिन सप्लीमेंट के साथ ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और बीपी को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। यही वजह है कि महिलाएं मुनगा की बिक्री ना केवल आसपास के बाजारों में कर रहीं हैं, बल्कि राजधानी रायपुर में भी इसकी सप्लाई कर रहीं हैं। इससे उन्हें दुगुनी आमदनी मिल रही है।
सरकार में मिल रही है मदद
धमतरी जिले के कुरूद विकासखण्ड स्थित ग्राम पंचायत कोकड़ी की जय मां लक्ष्मी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती रामेश्वरी साहू बतातीं हैं कि उनके समूह में 12 सदस्य हैं, जो मिल-जुलकर मुनगे की खेती कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि गांव के खाली पड़े लगभग साढ़े तीन एकड़ से अधिक की भाठा जमीन पर मिश्रित खेती करने के लिए उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 11 लाख 44 हजार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति मिली। इसके बाद महिलाओं ने इस भाठा जमीन पर साल भर मेहनत किया और उनके द्वारा लगाए गए पौधे लहलहाने लगे। इन पौधों में मुनगा के अलावा करौंदा, आंवला और नींबू के पौधे शामिल हैं। मुनगे के पेड़ों में फल जल्दी लगने लगे और साल में दो फसल मिलने लगी। इससे महिलाओं को दुगुनी आय मिल रही है। श्रीमती साहू बताती हैं कि उनके इस अभिनव प्रयोग को देखने के लिए जिले के अन्य गांव के लोग भी आते हैं और उनसे इसका प्रशिक्षण भी लेकर जाते हैं।
आजकल खेती के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है और आधुनिक तरीके से भी लोग खेती कर रहे हैं। धान, गेहूं, दलहन-तिलहन के अलावा अब लोग सब्जियों की फसल लेने में आगे आ रहे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं। मुनगा का पौधा किसी भी जमीन पर आसानी से उगने और कम पानी में भी जल्द फल देने वाला पौधा है। इसमें प्रोटिन, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन बी, सी और ए की मात्रा भरपूर होती है। मुनगा के जड़, छाल, फूल, पत्तियां और फल सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। यह सिर्फ स्वाद ही नहीं, बल्कि सेहत से भी सीधा रिश्ता रखता है। मुनगे के इसी गुण के कारण इसकी अच्छी खासी मांग रहती है।
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मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने नालंदा परिसर, मल्टी परपस हॉल व फायर स्टेशन स्थल का किया चयन
राजस्व मंत्री ने शहर के विभिन्न स्थलों का निरीक्षण कर अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रदेश के सभी जिलों में नालंदा परिसर का निर्माण किया जा रहा है। अत्याधुनिक शैक्षिक सुविधा से लैस नालंदा परिसर का निर्माण उन विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होगा जो छोटे शहरों में रहकर उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करना चाहते हैं या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। यह परिसर अपनी विश्वस्तरीय लाइब्रेरी और स्मार्ट स्टडी जोन के लिए प्रसिद्ध है। यहां सातों दिन 24 घंटा वाईफाई और हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा मिलती है। यह परिसर सिविल सर्विसेज, मेडिकल, इंजीनियरिंग, CLAT और मैथ्स ओलंपियाड जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करता है।
राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने जिला मुख्यालय बलौदाबाजार में करोड़ों की लागत से तैयार हो रहे महत्वपूर्ण विकास कार्यों का निरीक्षण कर स्थल भ्रमण किया। उन्होंने निर्माण हेतु उपयुक्त स्थल सहित अन्य जरुरी निर्देश अधिकारियों क़ो दिये। इस दौरान कलेक्टर दीपक सोनी, नगर पालिका अध्यक्ष अशोक जैन, भारत स्काउट गाइड के राज्य उपाध्यक्ष विजय केशरवानी भी साथ थे।
जिला मुख्यालय में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु युवाओं के लिए नालंदा परिसर का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए मंत्री श्री वर्मा ने शहर के वार्ड क्रमांक-20 स्थित 29 क्वार्टऱ के पास के स्थान क़ो उपयुक्त मानते हुए स्थल निर्धारित किया। यहां राजधानी रायपुर की तर्ज पर 4 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से नालंदा परिसर का निर्माण होगा। परिसर में 250 सीटर लाइब्रेरी के साथ इंटरनेट सहित अन्य आवश्यक सुविधाएं मिलेंगी।
इसी तरह खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा 15 करोड़ रूपए से अधिक की लागत से बनने वाले मल्टी परपज हॉल निर्माण हेतु आउट डोर स्टेडियम ग्राउंड के पीछे खाली जमीन क़ो चिन्हांकित किया गया। वहीं स्टेडियम ग्राउंड में 9 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले एथलेटिक्स ट्रैक का भी जायजा लिया। राजस्व मंत्री ने यहां जमीन के एक किनारे स्थित मुक्तिधाम के लिए शेड निर्माण हेतु प्रस्ताव तैयार करने नगर पालिका अधिकारी क़ो निर्देशित किया।
राजस्व मंत्री ने फायर स्टेशन निर्माण हेतु शाश्वत स्कूल के पास खाली जमीन का भी मुआयना किया और फायर स्टेशन के लिए स्थल चिन्हांकन किया। वर्तमान में फायर स्टेशन सकरी में है जो शहर से करीब 4 किलोमीटर दूर है। दूर होने के कारण फायर ब्रिगेड क़ो पहुंचने में देर हो जाती है जिससे शहर में किसी दुर्घटना या आपातकालीन स्थिति से निपटने में तत्काल सुविधा मिलने में दिक्कत होती है, अब जो फायर स्टेशन के लिए स्थल चिन्हांकित की गयी है वह शहर के मध्य स्थित है, जिससे किसी भी दुर्घटना या आपातकाल से निपटने में आसानी होगी।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और प्रत्येक विद्यार्थी को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की एक व्यापक और प्रभावशाली प्रक्रिया शुरू की है। इस पहल से दूरस्थ, आदिवासी व ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में शिक्षकों की उपलब्धता और शिक्षा की गुणवत्ता का नया संतुलन कायम होगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है। इसको ध्यान में रखकर शालाओं और शिक्षकों का तर्कसंगत समायोजन किया जा रहा है। जहां जरूरत ज्यादा है, वहां शिक्षकों का बेहतर ढंग से उपयोग सुनिश्चित हो। उन स्कूलों को, जो कम छात्रों के कारण समुचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें नजदीक के अच्छे स्कूलों के साथ समायोजित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को बेहतर माहौल, संसाधन और पढ़ाई का समान अवसर मिल सके। युक्तियुक्तकरण से शिक्षा का स्तर सुधरेगा और हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। यह पहल राज्य की शिक्षा व्यवस्था को ज्यादा सशक्त और संतुलित बनाएगी।
कोरबा जिले के सभी प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में अब न्यूनतम दो व तीन शिक्षक पदस्थ किए गए हैं। 287 सहायक शिक्षक, 147 माध्यमिक शिक्षक और 75 व्याख्याताओं को काउंसलिंग के माध्यम से ऐसी शालाओं में पदस्थ किया गया है, जहां शिक्षक की जरूरत थी। इससे पोड़ी उपरोड़ा, पाली, करतला, कटघोरा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में वर्षों से शिक्षकविहीन रहे विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। गणित, विज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञों शिक्षक स्कूलों में उपलब्ध होंगे।
रायपुर के धरसीवां विकासखंड में कई स्कूलों में छात्रों की संख्या के मान से शिक्षक अधिक पदस्थ हैं। नयापारा कन्या स्कूल में 33 छात्राओं पर 7 शिक्षक तथा रविग्राम में 82 विद्यार्थियों पर 8 शिक्षक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से इन शिक्षकों को आवश्यकता वाली शालाओं में पदस्थ किया जाएगा, जिससे शिक्षक और छात्र के अनुपात का संतुलन कायम होने के साथ ही दूरस्थ इलाकों के बच्चों को भी अध्यापन के लिए शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
इसी तरह शिक्षकों की पदस्थापना में असंतुलन के चलते राजनांदगांव और दुर्ग जिले के ग्रामीण स्कूलों के परीक्षा परिणामों में गिरावट आई है। राजनांदगांव के घोटिया स्कूल में 103 छात्रों पर मात्र 3 व्याख्याता हैं, वहीं दुर्ग के मुरमुदा, सिलितरा और बिरेझर जैसे स्कूलों में पर्याप्त संख्या में व्याख्याता न होने के कारण इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम प्रभावित हो रहा है। इसके उलट शहरी स्कूलों में शिक्षक आवश्यकता से अधिक पदस्थ हैं। युक्तियुक्तकरण से अब इस असमानता को दूर किया जा रहा है।
बस्तर संभाग के सात जिलों बस्तर, बीजापुर, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और सुकमा में कुल 1611 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इससे शैक्षणिक संसाधनों का समुचित वितरण, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, कंप्यूटर, खेल सामग्री जैसी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। साथ ही, एक ही परिसर में संचालित शालाओं का एकीकरण कर प्रशासनिक खर्च में भी बचत होगी। कमोवेश यह स्थिति कोरिया जिले में मिली, जिसके कारण जिले में 81 सहायक शिक्षक, 33 शिक्षक व 7 व्याख्याताओं को ऐसी शालाओं में पदस्थ किया गया, जहां शिक्षकों की जरूरत रही है। जिलों में युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से संचालित की जा रही है और अतिशेष शिक्षकों को काउंसलिंग के माध्यम से उनकी पसंद की शालाओं में पदस्थ किया जा रहा है।
सरगुजा जिले में भी युक्तियुक्तकरण के माध्यम से 283 सहायक शिक्षकों को उन शालाओं में भेजा गया है, जहां शिक्षकों की जरूरत थी। जांजगीर जिले में 18 प्रधान पाठक, 196 शिक्षक और 436 सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग प्रक्रिया पारदर्शी व वरिष्ठता प्रणाली के आधार पर पूर्ण की गई। चयनित शिक्षकों को तत्काल पदस्थापना आदेश भी दे दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ में शिक्षक युक्तियुक्तकरण की यह नीति न केवल शैक्षणिक असमानताओं को दूर कर रही है, बल्कि प्रत्येक विद्यार्थी को समान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में एक सशक्त और दूरदर्शी कदम है।
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छत्तीसगढ़ में रूफटॉप सोलर सिस्टम से उपभोक्ता हो रहे आत्मनिर्भर, बिजली बिल से मिल रही बड़ी राहत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना ने प्रदेश के आम नागरिकों को अपनी छतों पर सोलर पैनल लगाकर खुद बिजली पैदा करने की सुविधा दी है, जिससे न केवल पर्यावरण को फायदा हो रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से लाभ पहुंच रहा है। घरों में रूफटॉप सोलन सिस्टम लगाए जाने से बिजली बिल शुन्य हो रहा है, इससे उपभोक्ता बिजली के लिए आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं।
सरकार से मिल रही है सब्सिडी
इसी योजना से लाभान्वित हुए हैं जांजगीर-चांपा जिले के चांपा नगर निवासी श्री रजनीकांत राठौर। उन्होंने अपने मकान की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाया है, जिसकी कुल लागत 1.80 लाख रुपए रही। इसमें उन्हें सरकार की ओर से 78 हजार रुपए की सब्सिडी प्राप्त हुई। श्री राठौर ने बताया कि पहले उनका बिजली बिल काफी ज्यादा आता था, लेकिन अब बिल पूरी तरह शून्य हो गया है। उन्होंने इस योजना को आमजन के लिए आर्थिक रूप से राहत देने वाली और पर्यावरण हितैषी बताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के अंतर्गत राज्य के पात्र उपभोक्ताओं को 78 हजार रूपए तक की सब्सिडी सीधे उनके बैंक खाते में प्रदान की जा रही है। योजनांतर्गत 0 से 105 यूनिट मासिक खपत के लिए 1 से 2 किलोवाट सोलर प्लांट पर 30 हजार से 60 हजार रुपए तक अनुदान, 150 से 300 यूनिट मासिक खपत के लिए 2 से 3 किलोवाट सोलर प्लांट पर 60 हजार से 78 हजार रुपए तक अनुदान, औसत मासिक विद्युत खपत 300 से अधिक यूनिट के लिए 3 किलो वॉट से अधिक रूफटॉप सोलर प्लांट क्षमता हेतु 78 हजार रूपए तक का अनुदान का प्रावधान है। इस योजना ने छत्तीसगढ़ में न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया है, बल्कि लाखों घरों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का मार्ग भी प्रशस्त किया है। श्री रजनीकांत की तरह प्रदेश के अनेक परिवार अब अपने बिजली बिल से पूरी तरह मुक्ति पा चुके हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : भारतीय रिजर्व बैंक रायपुर कार्यालय का नवीन कार्यालय 2 जून 2025 से नवा रायपुर सेक्टर-24, अटल नगर में संचालित हो रहा है। क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिजर्व बैंक रायपुर से मिली जानकारी के अनुसार कार्यालय के सभी संचार नए पते पर भेजे जा सकते हैं। दूरभाष 07771-2242321 एवं ई-मेल [email protected] अपरिवर्तित रहेगा। -
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रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के प्रयासों से पुलिस विभाग के अंतर्गत कार्यरत निरीक्षक संवर्ग के वर्ष 1999 और 2000 बैच के निरीक्षक को उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) के पद पर पदोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू हो गया है। यह निर्णय उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा की दृढ़ इच्छाशक्ति, संवेदनशील नेतृत्व और त्वरित प्रशासनिक पहल का परिणाम है।
उल्लेखनीय है कि निरीक्षक संवर्ग के इन अधिकारियों ने लंबे समय से डीएसपी पदोन्नति की मांग की थी। विभाग में मात्र 17 रिक्त पदों के कारण यह प्रक्रिया अटकी हुई थी। ऐसे में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा से अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मिलकर अपनी समस्या को उनके समक्ष प्रस्तुत किया। संवेदनशीलता के साथ अधिकारियों की बातों को सुनते हुए उपमुख्यमंत्री ने न केवल उन्हें शीघ्र पदोन्नति का आश्वासन दिया, बल्कि पूरी प्रक्रिया को गति देने हेतु आवश्यक निर्देश भी तत्काल प्रभाव से जारी किए।
पदोन्नति की बाधा मुख्यतः रिक्त पदों की सीमित संख्या के कारण थी। इसे देखते हुए श्री विजय शर्मा ने पुलिस विभाग के हित में डीएसपी के पदों में संख्यायेत्तर वृद्धि का निर्णय लिया और इस हेतु प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजा गया। वित्त विभाग से स्वीकृति प्राप्त होते ही पदोन्नति की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई, जो पूर्णता की ओर है।
इस निर्णय के तहत अब कुल 55 निरीक्षक डीएसपी पद पर पदोन्नत हो गए हैं। इसके अलावा रक्षित निरीक्षक संवर्ग से 1 अधिकारी, विशेष शाखा (एसबी) से 1 निरीक्षक, आर्म्स शाखा से 1 निरीक्षक तथा कंपनी कमांडर पद पर कार्यरत 7 अधिकारियों को सहायक सेनानी पद पर पदोन्नत किया गया है। इस प्रकार कुल 65 अधिकारियों को उनकी पात्रता और वरिष्ठता के आधार पर उच्च पदों पर पदोन्नति दी गई है।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि यह निर्णय केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह उन अधिकारियों के समर्पण, अनुशासन और वर्षों की सेवा के सम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सुशासन की सरकार में सभी विभागों में समय पर पदोन्नति और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि कर्मचारी वर्ग का मनोबल ऊँचा रहे और सेवा का स्तर उत्तरोत्तर बेहतर होता जाए।
यह पदोन्नति ना केवल संबंधित अधिकारियों के व्यक्तिगत जीवन में एक उपलब्धि है, बल्कि यह प्रदेश की कानून व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की कार्यक्षमता को भी मजबूती प्रदान करेगी। श्री शर्मा ने उम्मीद जताई कि पदोन्नत अधिकारी अपनी नई जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा, सजगता और कर्तव्यपरायणता के साथ करेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : जगदलपुर के मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और वन मंत्री श्री केदार कश्यप अपने एक दिवसीय संक्षिप्त बस्तर प्रवास में जगदलपुर आगमन पर जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान विधायक चित्रकोट श्री विनायक गोयल भी साथ रहे।अतिथियों का स्वागत बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप, महापौर श्री संजय पाण्डे सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ ही एडीजी नक्सल ऑप. श्री विवेकानंद सिन्हा, कमिश्नर श्री डोमन सिंह, बस्तर आईजी श्री सुंदरराज पी., एसपी श्री शलभ कुमार सिन्हा, प्रभारी कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ श्री प्रतीक जैन सहित अन्य अधिकारियों द्वारा किया गया। -
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रायपुर : हमने कभी नहीं सोचा था कि गांव की महिलाएं भी राजमिस्त्री बन सकती हैं, यह कहते हुए ग्राम तुर्काडीह की ममता यादव की आंखों में आत्मविश्वास की चमक दिखाई देती है। ममता उन 22 महिलाओं में शामिल हैं जो इन दिनों बिलासपुर के कोनी स्थित एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान आरसेटी में राजमिस्त्री प्रशिक्षण में भाग ले रही हैं। अब वे सिर्फ दीवारें नहीं बना रहीं, बल्कि अपने भविष्य की नींव भी मजबूत कर रही हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को व्यावसायिक दक्षता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य यह संस्थान बखूबी कर रहा है। खासकर बीपीएल परिवारों के लिए यह एक वरदान साबित हो रहा है, जहां निःशुल्क आवास, भोजन और प्रशिक्षण की सुविधा मिल रही है। प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताते हुए कहती हैं कि सरकार की योजनाओं से अब ग्रामीण महिलाएं भी आगे बढ़ रही हैं। यह बदलाव केवल कौशल तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं की सोच, आत्मनिर्भरता और सामाजिक स्थिति में भी सकारात्मक परिवर्तन ला रहा है।
ग्राम मानिकपुरी की शांता मरावी बताती हैं कि उन्होंने स्व सहायता समूह से प्रशिक्षण की जानकारी मिलने पर तुरंत भाग लिया। वे कहती हैं, यहां रहने और खाने की उत्तम व्यवस्था है और वह भी पूरी तरह निःशुल्क। इससे हम बिना चिंता के प्रशिक्षण पर ध्यान दे पा रहे हैं। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद वे अपने गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण कार्य में काम कर आजीविका कमाना चाहती हैं।
संस्थान के निदेशक श्री नरेंद्र साहू ने बताया कि हर वर्ष 1000 से अधिक युवाओं और महिलाओं को यहां प्रशिक्षित किया जाता है। संस्थान का मुख्य उद्देश्य बीपीएल परिवारों को व्यावसायिक रूप से दक्ष बनाना है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें बैंकों से जोड़ा जाता है, ताकि वे स्वरोजगार के लिए ऋण प्राप्त कर सकें। संस्थान विभिन्न ट्रेडों जैसे- दर्जी, ब्यूटी पार्लर, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, जैविक खेती, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, बेकिंग, कुकिंग, बागवानी, ज्वेलरी मेकिंग और मोबाइल रिपेयरिंग में प्रशिक्षण देता है।
यह संस्थान आत्मनिर्भर भारत अभियान के उद्देश्य को साकार करता हुआ न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक बदलाव का वाहक बन रहा है। महिलाएं, जो कभी घर की चारदीवारी तक सीमित थीं, अब निर्माण कार्य में सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं। इससे न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ा है, बल्कि गांवों में महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में भी सकारात्मक परिवर्तन आया है। -
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उप मुख्यमंत्री ने 'हरित स्वच्छता अभियान' का किया प्रदेशव्यापी शुभारंभ
स्वच्छता जागरूकता के लिए आयोजित वॉकेथॉन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने दिलाई शपथ
वन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायकगण सर्वश्री मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा और महापौर श्रीमती मीनल चौबे भी शुभारंभ कार्यक्रम में हुईं शामिल
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज रायपुर के तेलीबांधा तालाब में ‘हरित स्वच्छता अभियान’ का राज्य स्तरीय शुभारंभ किया। अभियान के तहत लोगों को प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए प्रेरित और जागरूक किया जाएगा। पूरे प्रदेश में यह अभियान संचालित की जाएगी। उप मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्वच्छता जागरूकता के लिए आयोजित वॉकेथॉन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को रायपुर को प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने की शपथ दिलाई। श्री साव एवं अन्य अतिथियों ने तेलीबांधा तालाब के किनारे झाड़ू लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया और दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता को शामिल करने के लिए प्रेरित किया। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायकगण सर्वश्री मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा तथा महापौर श्रीमती मीनल चौबे भी शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुईं।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के निर्देश पर आयोजित पांच दिवसीय "हरित भारत-स्वच्छ भारत" अभियान का शुभारंभ करते हुए कहा कि पर्यावरण का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है। आज विश्व में पर्यावरण संरक्षण एक बड़ी चुनौती है। ‘हरित भारत-स्वच्छ भारत’ के संकल्प के तहत हम रायपुर और पूरे प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में संकल्पित होकर कार्य करेंगे। प्लास्टिक मुक्त रायपुर बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है क्योंकि राजधानी से पूरे प्रदेश में जागरूकता का संदेश जाता है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि भारत दुनिया में प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाला पांचवां सबसे बड़ा देश है। देश में हर दिन करीब 26 हजार टन प्लास्टिक कचरा निकलता है। इस प्लास्टिक का एक बड़ा हिस्सा ठीक से इकट्ठा नहीं किया जाता है, जिससे नदियां प्रदूषित होती हैं, नालियां बंद हो जाती हैं, मिट्टी दूषित हो जाती है तथा गलती से इसे खाने वाले जानवरों को नुकसान पहुंचता है। स्वच्छ भारत अभियान जैसे आंदोलनों ने नागरिकों को अपने आसपास की सफाई करने और कचरे का बेहतर प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत भी इस समस्या को हल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। सरकार ने प्लास्टिक के स्ट्रॉ, कटलरी और पॉलीथीन बैग जैसी कई सिंगल-यूज प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया है। देशभर में इस दिशा में नवाचार हो रहे हैं। पुणे, चेन्नई और इंदौर जैसे शहर पुनर्नवीनीकृत प्लास्टिक का उपयोग कर सड़कें बना रहे हैं, जिससे सड़कें मजबूत हो रही हैं और प्लास्टिक अपशिष्ट में कमी आ रही है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कार्यक्रम स्थल पर महिला स्वसहायता समूहों द्वारा कपड़े से बने थैलों के वितरण के लिए बनाए गए कियोस्क का शुभारंभ किया। पॉलिथीन के उपयोग को रोकने के लिए डे-एनयूएलएम के सहयोग और स्वसहायता समूहों की सहभागिता से तेलीबांधा तालाब परिसर में पांच फैब्रिक बैग वितरण कियोस्क स्थापित किए गए हैं। कियोस्क में महिलाओं ने उप मुख्यमंत्री तथा अन्य अतिथियों को कपड़े के थैले भेंट किए। 5 जून तक चलने वाले पांच दिवसीय "हरित भारत-स्वच्छ भारत" अभियान के अंतर्गत आर.आर.आर. (रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल) सेंटर्स भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। श्री साव ने नागरिकों से अपील की कि वे कपड़े, किताबें और घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण इन आर.आर.आर. सेंटर्स में दान कर रायपुर को स्वच्छ और हरित बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
मानव संस्कृति में प्रकृति को विकृत नहीं, संरक्षित करने की परंपरा - वन मंत्री श्री केदार कश्यप
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी मानव संस्कृति में प्रकृति को विकृत करने की नहीं, बल्कि उसे संरक्षित करने की परंपरा रही है। छत्तीसगढ़ देश के सबसे ज्यादा वन क्षेत्र वाले राज्यों में से एक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत इस वर्ष हमने 2.75 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा है। गत वर्षों में हमारे वन क्षेत्र में वृद्धि देखने को मिल रही है जो खुशी की बात है। शहरी क्षेत्रों में जन-जागरण के लिए यह महत्वपूर्ण आयोजन है क्योंकि स्वच्छ घर से स्वच्छ वार्ड और स्वच्छ शहर बनाने का संकल्प पूरा होता है।
बहनें ठान लें तो कोई भी अभियान सफल हो सकता है – महापौर श्रीमती मीनल चौबे
महापौर श्रीमती मीनल चौबे ने कार्यक्रम में कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सभी का सहयोग और सहभागिता जरूरी है। हमारी बहनें ठान ले तो कोई भी अभियान सफल हो सकता है। हम कम से कम प्लास्टिक उपयोग करने का प्रण लें। प्लास्टिक की वजह से जो कचरा होता है उससे नाले-नालियां जाम होती हैं और बरसात में जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ता है। ठेलों और होटलों में प्लास्टिक डिस्पोजेबल्स के उपयोग को रोकने के लिए नगर निगम गंभीरता से प्रयास करेगा।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., संचालक श्री आर. एक्का, रायपुर नगर निगम के आयुक्त श्री विश्वदीप, राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय और अतिरिक्त सीईओ श्री दुष्यंत कुमार रायस्त सहित नगर निगम के एमआईसी सदस्य, जोन अध्यक्ष, पार्षदगण, विभिन्न सामाजिक संस्थाओं एवं संगठनों के प्रतिनिधि भी 'हरित स्वच्छता अभियान' के शुभारंभ कार्यक्रम में मौजूद थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कोटानपानी की 100 से अधिक महिलाएं बना रही हैं परंपरा को पहचान
हर साल बन रही हैं लखपति दीदियां
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण को गति देते हुए ग्रामीण आजीविका मिशन ‘‘बिहान‘‘ के अंतर्गत महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इसी दिशा में जशपुर जिले के काँसाबेल विकासखंड के आदिवासी बहुल कोटानपानी ग्राम पंचायत की महिलाओं ने छिंद और कांसा घास से बनी टोकरी को पहचान दिलाकर एक अनोखी सफलता की कहानी रच दी है।
कोटानपानी की महिलाएं अब पारंपरिक ज्ञान और हस्तशिल्प को आजीविका का आधार बनाकर अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। लगभग 100 महिलाएं छिंद और कांसा से टिकाऊ, सुंदर और आकर्षक टोकरियां बना रही हैं, जिनकी मांग न केवल जशपुर जिले में बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों से भी बनी हुई है। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड और बिहान मिशन के सहयोग से इस पारंपरिक उत्पाद को राष्ट्रीय पहचान मिली है, और महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में शामिल हो चुकी हैं।
30 वर्षों पुरानी परंपरा को मिली नई दिशा
यह कला कोई नई नहीं, बल्कि लगभग 30 वर्ष पुरानी है। इसकी नींव रखी थी कोटानपानी की मन्मति नामक किशोरी ने, जिन्होंने 25 वर्ष पूर्व अपनी ननिहाल पगुराबहार (फरसाबहार विकासखंड) में यह कला सीखी और वापस अपने गांव में टोकरियों का निर्माण शुरू किया। शुरुआत में व्यक्तिगत उपयोग तक सीमित यह कला धीरे-धीरे अन्य महिलाओं तक पहुंची और स्थानीय बाजारों में इसकी बिक्री शुरू हुई। 2017 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व-सहायता समूहों के गठन के बाद इस पारंपरिक हुनर को संस्थागत रूप मिला। शुरुआत में हरियाली, ज्ञान गंगा और गीता नामक तीन समूह इस कार्य से जुड़े। फिर 2019 में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड के आगमन से महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण मिला। समूह की महिलाओं ने बिहान मेलों में भाग लेकर अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई, जिससे इस उत्पाद को पहचान मिली। जशप्योर ब्रांड के तहत बिक्री होने से देशभर से मांग आने लगी और महिलाओं की आय में जबरदस्त वृद्धि हुई।
प्राकृतिक और सांस्कृतिक पहचान वाला उत्पाद
छिंद (खजूर के पेड़ की सूखी पत्तियां) और कांसा (एक प्रकार की घास) से बनी यह टोकरी न केवल पर्यावरण अनुकूल है, बल्कि जशपुर के आदिवासी समाज में इसका सांस्कृतिक महत्व भी है। विवाह, देवपूजन और छठ पूजा जैसे अवसरों पर इसका उपयोग किया जाता है। छिंद की पत्तियां सालभर उपलब्ध रहती हैं जबकि कांसा घास विशेष रूप से सावन-भादों में एकत्र कर सुरक्षित रखी जाती है। टोकरी निर्माण में छिंद को कांसा पर लपेटकर मजबूती और आकर्षक आकार दिया जाता है। ये टोकरियां पूजा सामग्री, फल अथवा उपहार स्वरूप उपयोग की जाती हैं।
आजीविका का सशक्त माध्यम बनी टोकरी
आज कोटानपानी की महिलाएं न केवल कच्चे माल का संग्रहण स्वयं करती हैं बल्कि प्रति किलोग्राम 150 रुपये की दर से कच्चा माल भी बेचती हैं। जिले के 15 से अधिक समूह इस कार्य से जुड़ चुके हैं, जिससे 100 से अधिक महिलाओं को सतत आजीविका मिली है। सरकारी सहयोग और महिलाओं के सामूहिक प्रयास से यह परंपरा अब पहचान बन चुकी है।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज कोण्डागांव जिले के भोंगापाल से डेयरी समग्र विकास योजना अंतर्गत दुधारू पशु प्रदाय योजना का शुभारंभ किया। जनजातीय समुदाय के 08 चयनित हितग्राहियों को दुधारू पशु का वितरण कर इस महती योजना का राज्य स्तरीय आगाज हुआ। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की मदद से दुधारू पशु प्रदाय योजना का क्रियान्वयन छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित के माध्यम से पायलट प्रोजेक्ट के तहत 6 जिलों क्रमशः जशपुर, बलरामपुर, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद और सारंगढ़ बिलाईगढ़ के 325 अनुसूचित जनजाति परिवारों के महिला हितग्राहियों को कुल 650 दुधारू पशु प्रदाय किया जाएगा। इस योजना के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा देने और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ते हुए अनुसूचित जनजाति परिवारों को परिवारों के आर्थिक एवं सामाजिक जीवन स्तर में सुधार होगा। इससे दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होगी।
गौरतलब है कि डेयरी सहकारिता के कव्हरेज, सस्टेनेबल डेयरी पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण तथा दुग्ध उत्पादन और विपणन से किसानों और पशुपालकों को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में एनडीडीबी, छत्तीसगढ़ सरकार और छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मर्यादित के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे। इसी कड़ी में आज दुधारू पशु प्रदाय योजना की शुरुआत हुई। इसके माध्यम से दुग्ध और दुग्ध उत्पादों के वितरण में सुधार, पशु प्रजनन, पशु स्वास्थ्य, पशु पोषण से उत्पादकता में वृद्धि, दुग्ध प्रसंस्करण अवसंरचना का सुदृढ़ीकरण और प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण का कार्य पायलट प्रोजेक्ट के लिए चयनित जिलों में प्रारम्भ किया जा रहा हैं। योजना अंतर्गत किसानों और पशुपालकों को उन्नत नस्ल के दुधारू गायों का वितरण किया जाएगा।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, विधायक सुश्री लता उसेंडी, विधायक श्री नीलकंठ टेकाम, बौद्ध धर्मगुरु भदन्त आर्य नागार्जुन सुरई ससई, श्री अनिल खोब्रागड़े संयोजक बुद्ध महोत्सव और बड़ी संख्या में बौद्ध समाज के अनुयायी, प्रबुद्धजन मौजूद थे।
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बेलमेटल कलाकृतियों की सराहना की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज शिल्पनगरी कोण्डागांव के आगमन पर शबरी एंपोरियम का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने बेलमेटल, रॉट आयरन, बांस एवं काष्ठ शिल्प के बस्तर की जीवन शैली और समृद्ध जनजातीय संस्कृतियों को दर्शाती कलाकृतियों को देखा और इसकी सराहना की। उन्होंने यहां शिल्पियों से मुलाकात कर बेलमेटल सहित विभिन्न कलाकृतियों की निर्माण प्रक्रिया और उनकी मार्केटिंग के संबंध में जानकारी ली। शिल्पकारों ने मुख्यमंत्री को बेलमेटल से बने कलाकृति भेंट की।
इस अवसर पर बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप, केशकाल विधायक श्री नीलकंठ टेकाम, नगर पालिका अध्यक्ष श्री नरपति पटेल, उपाध्यक्ष श्री जसकेतु उसेंडी, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसव राजू, कमिश्नर श्री डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक श्री सुंदरराज पी, कलेक्टर श्रीमती नूपुर राशि पन्ना, पुलिस अधीक्षक श्री वाय अक्षय कुमार, पूर्व विधायक श्री सेवकराम नेताम सहित जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। -
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हमने ईमानदारी से काम किया, इसलिए जनता के बीच रख रहे हैं सरकार का रिपोर्ट कार्ड
सुशासन तिहार में योजनाओं की ज़मीनी हकीकत जानने मुख्यमंत्री पहुंचे जनता के बीच
सुकमा में 500 करोड़ रूपए से अधिक लागत के विकास कार्यों की घोषणा की
सुकमा-दंतेवाड़ा मार्ग के निर्माण हेतु 230 करोड़ रुपए की घोषणा
मुख्यमंत्री ने पीएम आवास हितग्राहियों को सौंपी खुशियों की चाबी
रायपुर : बस्तर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजते हुए विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब बस्तर के कोने कोने का विकास होगा और विकास के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करेंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज सुशासन तिहार अंतर्गत सुकमा जिले के तोंगपाल में आयोजित समाधान शिविर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान सुकमा जिले में 500 करोड़ रूपए से अधिक लागत के विकास कार्यों की घोषणा की और 16 करोड़ से अधिक की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण कर क्षेत्रवासियों को बड़ी सौगात दी। इस अवसर पर त्रिस्तरीय पंचायती राज सस्थाओं के जनप्रतिनिधि, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ.बसव राजु एस. भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के अंतिम चरण में आप लोगों के बीच पहुंचकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यहां का वातावरण बड़ा सुंदर है और महुआ की सुंदर छांव शीतलता दे रही है। उन्होंने परंपरागत रूप से स्वागत करने पर सभी का आभार जताया। श्री साय ने कहा कि बस्तर से बदलाव की बुलंद आवाज ने माओवादियों के हौसले पस्त कर दिए हैं। बस्तर में माओवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है। नक्सलगढ़ के रूप जाना जाने वाले सुकमा में स्कूलों की घंटियां बज रही हैं, बच्चे निर्भीक होकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।श्री साय ने कहा कि प्रदेशव्यापी इस अभियान का उद्देश्य योजनाओं की वास्तविक स्थिति का मूल्यांकन करना है। आज देखने आया हूं कि प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य आपके गांव में सुचारू रूप से चल रहा है या नहीं, महतारी वंदन योजना की राशि माताओं-बहनों को समय पर मिल रही है या नहीं। उन्होंने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान वे मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता पर विशेष रूप जानकारी ले रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन चरण में आयोजित सुशासन तिहार अपने उद्देश्य में सफल हुआ है। प्रशासन ने कड़ी मेहनत कर आपकी समस्याओं का समाधान किया है। श्री साय ने कहा कि ऐसा काम वही सरकार कर सकती है जिसकी नीति और नियत साफ है। हमने ईमानदारी से काम किया है, इसीलिए जनता के बीच जाकर अपना रिपोर्ट कार्ड रख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं।हमने पूरे प्रदेश में पीएम आवास के माध्यम से लोगों के लिए पक्का मकान स्वीकृत कर उनके गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार सुनिश्चित किया है। पहले ही कैबिनेट में हमने 18 लाख आवास स्वीकृत किया था, यह काम लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि हम किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान, 3100 रूपए प्रति क्विंटल के मूल्य पर खरीद रहे हैं। धान के दो वर्षों के बकाया बोनस की राशि भी किसानों को दी जा चुकी है। रामलला दर्शन योजना और मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को धार्मिक स्थलों की यात्रा करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेंदूपता संग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए परिश्रमिक की दर प्रति मानक बोरा 5000 रुपए की दर स्वीकृत की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीणों को बैंकिंग सुविधाएं पंचायत भवन में ही मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र प्रारंभ किया गया है। अगले एक वर्ष में यह सुविधा सभी पंचायतों में शुरू होगी।
योजनाओं की जानी हकीकतमुख्यमंत्री श्री साय ने तोंगपाल समाधान शिविर में पहुंचे ग्रामीणों से संवाद कर योजनाओं का फीडबैक लिया। तोंगपाल की त्रिवेणी रावटे ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें प्रति माह महतारी वंदन योजना की राशि मिल रही है। बच्चों के पालन पोषण में इस राशि के उपयोग की उन्होंने जानकारी दी। इसी तरह श्रीमती वेदमती कश्यप ने बताया कि हमारी समूह की दीदियां गणवेश सिलाई का काम करती हैं। तीन एकलव्य स्कूल के बच्चों की गणवेश सिलाई से उन्हें सालाना डेढ़ लाख रूपए से अधिक की कमाई हो रही है। शिविर में पहुंचे अन्य लोगों ने भी अपनी मांगे रखी और योजनाओं से मिल रहे लाभ की जानकारी दी।
किस्टाराम- कोंटा मार्ग पर दौड़ेगी ‘‘प्रतिज्ञा हक्कुम मेल‘‘बस्तर अंचल के कभी संवेदनशील क्षेत्र रहे किस्टाराम- कोंटा मार्ग पर अब ‘‘प्रतिज्ञा हक्कुम मेल‘‘ बस दौड़ेगी। दुरस्थ क्षेत्रों में बेहतर आवगमन सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयासों के तहत मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने तोंगापाल के समाधान शिविर में मरईगुड़ा के प्रतिज्ञा महिला क्लस्टर संगठन को हुक्कुम मेल बस की चाबी सौंपी। इससे अंचल के ग्रामीणों को बेहतर आवागमन की सुविधा मिलेगी।
पीएम आवास हितग्राहियों को सौंपी खुशियों की चाबीमुख्यमंत्री श्री साय ने तोंगपाल के समाधान शिविर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को खुशियों की चाबी देकर उनके सपनों के घर की सौगात दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 4 हितग्राहियों को आवास के पहली किस्त के चेक भी बांटे। साथ ही पूरे हो चुके आवास के 4 हितग्राहियों को उनके नए घर की चाबी सौंपी।
खेलो इंडिया पहल के 10 खिलाड़ियों को मिले खेल किटशिविर में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत 10 खिलाड़ियों को खेल सामग्री (किट) प्रदान किए। इनमें 8 महिला फुटबॉल खिलाड़ी और 2 हाकी खिलाड़ी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि खेलो इंडिया एकेडमी रायपुर और सुकमा में जिले की 8 महिला फुटबॉल खिलाड़ियों का चयन हुआ है।
मुख्यमंत्री ने सुशासन शिविर में की बड़ी घोषणाएंसुकमा दंतेवाड़ा मार्ग हेतु 230 करोड़ रूपए, .झीरम व्यापवर्तन योजना हेतु 32 करोड़ 50 लाख, कावराकोपा में पुलिया निर्माण हेतु 35 लाख, जैमर में पुलिया निर्माण 35 लाख, हमीरगढ़ में सामाजिक भवन 30 लाख, टहकवाडा में एक पुल- पुलिया 35 लाख, तोंगपाल में समूह के लिए प्रशिक्षण केंद्र 25 लाख, मारेंगा में सी सी सड़क हेतु 16 लाख, एलेननार में पंचायत भवन 25 लाख और पुलिया हेतु 3.50 लाख, धोबनपाल देवगुड़ी में बाउंड्री वाल हेतु 10 लाख, सीतापाल के स्कूल में बाउंड्री वाल हेतु 8 लाख, वारदेरास में पुलिया हेतु 16 लाख रूपए की घोषणा की। -
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मुख्यमंत्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नागरिक अभिनंदन समारोह में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम सभागार में आयोजित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक के तहत आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र शक्ति है। हमारे देश में विश्व में सबसे ज्यादा युवा हैं। 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। यह बहुत खुशी की बात है की छत्तीसगढ़ की धरती पर यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय परिषद बैठक आयोजित हो रही है। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा है। शिक्षा विकास का मूलमंत्र है। आज छत्तीसगढ़ में शिक्षा के सभी शीर्षस्थ संस्थान स्थापित हैं। आज हमारे प्रदेश में युवा आईआईटी, एम्स, ट्रिपल आईटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय संस्थानों में पढ़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति लागू है। नई शिक्षा नीति के तहत हम युवाओं को रोजगार से भी जोड़ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रयास जैसी संस्था स्कूली बच्चों को शिक्षा देने का कार्य कर रही है। प्रयास में पढ़े बच्चे बड़ी संख्या में प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ऐसे युवा जो सिविल सेवा आदि परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं, उनके लिए नई दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल स्थापित है। हमने इस ट्राईबल यूथ हॉस्टल की क्षमता को बढ़ाकर 200 सीट कर दिया है। प्रदेश भर में हम नालंदा परिसर बना रहे हैं जहां बच्चे एक शांत वातावरण में पढ़ाई कर सकें। हमने यहां पहल की है कि मेडिकल की पढ़ाई भी छात्र हिंदी भाषा में कर पाएं। प्रदेश में प्राथमिक स्तर के बच्चों को उनकी मातृभाषा गोंडी, हल्बी आदि में शिक्षा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति की पूरे देश में सराहना की जा रही है। नई औद्योगिक नीति के तहत हम न सिर्फ राज्य में निवेश ला रहे हैं बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में सेमीकंडक्टर चिप निर्माण और एआई डाटा सेंटर का कार्य प्रारंभ हुआ है। इन क्षेत्रों में भी युवाओं के रोजगार की बड़ी संभावना सृजित होगी। हमारी सरकार ने पीएससी में हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई को सौंपी है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान डेढ़ साल में सरकार द्वारा किये कार्यों का फीडबैक हम जनता से ले रहे हैं। सुशासन तिहार का अभी तीसरा चरण चल रहा है, जिसके तहत हम पूरे प्रदेश का भ्रमण कर रहे हैं। प्रथम चरण में जो आवेदन प्राप्त हुए उनका द्वितीय चरण में हमारे अधिकारियों के द्वारा निराकरण किया गया। अब तृतीय चरण में हम जनता के पास जा रहे हैं। डेढ़ साल में हमने प्रधानमंत्री मोदी की अधिकांश गारंटी को पूरा किया है। लोगों से प्रधानमंत्री आवास देने का जो वादा हमने किया था उसे निभाया है। 70 लाख माताओं-बहनों को महतारी वंदन की राशि मिल रही है।सुशासन तिहार के दौरान नारायणपुर में एक महिला ने मुझे यह बहुत खुशी से बताया कि महतारी वंदन की राशि से उसने एक सिलाई मशीन खरीदी है। जिसके माध्यम से वह 4 से 5 हजार की कमाई कर रही है। इसी तरह एक बहन ने बताया कि वह इस राशि से किराना दुकान चला रही है और दो से तीन हजार रुपए की आय अर्जित कर रही है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां सुशासन एवं अभिसरण विभाग प्रारंभ किया गया है। सरकार के सारे काम पारदर्शिता से हो रहे हैं। हम अब डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ रहे हैं। ई-फाइल के माद्यम से फाइलें अब ऑनलाइन हैं। भ्रष्टाचार के सारे रास्ते हम बंद कर रहे हैं।
इस अवसर पर कॄषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक श्री किरण देव, विधायक श्री मोतीलाल साहू सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री साय भैंसा में आयोजित सुशासन तिहार में ग्रामीणों से हुए रूबरू
'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के लिए 10 जागरूकता रथों को दिखाई हरी झंडी
भैंसा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पानी टंकी, हायर सेकेंडरी स्कूल भवन सहित विभिन्न विकास कार्यों के लिए दी ₹3.5 करोड़ की सौगात
नवीन पुलिस चौकी की स्थापना की घोषणा
समाधान शिविर में 110 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास की चाबी सौंपी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज रायपुर जिले के ग्राम भैंसा में आयोजित सुशासन शिविर में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने देशभर में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 29 मई से 12 जून तक चलने वाले 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के तहत 10 जागरूकता रथों को हरी झंडी दिखाकर अभियान की शुरुआत की।
शिविर में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित 110 पक्के मकानों की चाबी हितग्राहियों को सौंपी, और कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि देश का कोई भी गरीब परिवार कच्चे मकान में न रहे। हमारी सरकार इस संकल्प को साकार करने हेतु छत्तीसगढ़ में 18 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर चुकी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बचे हुए पात्र परिवारों को ‘आवास प्लस प्लस’ योजना के अंतर्गत जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने ग्राम भैंसा और आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत वाले विभिन्न कार्यों की घोषणा की। इसमें ग्राम भैंसा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 75 लाख रुपए, हाईस्कूल भवन निर्माण के लिए 75 लाख रुपए, पानी टंकी एवं पाइपलाइन विस्तार हेतु 55 लाख रुपए, हायर सेकेंडरी स्कूल निर्माण हेतु 50 लाख रुपए, अहाता एवं शेड निर्माण हेतु 20 लाख रुपए, ग्राम अमोड़ी में पाइपलाइन विस्तार हेतु 42 लाख रुपए, हायर सेकेंडरी स्कूल में तीन अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु 24 लाख रुपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने भैंसा में नवीन पुलिस चौकी खोलने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने समाधान शिविर के दौरान विभिन्न हितग्राहियों से योजनाओं के फीडबैक भी लिए। श्रीमती चंदन ने 'महतारी वंदन योजना' के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि वे इस योजना की राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई और आवश्यक जरूरतों में करती हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तभी सार्थक होता है जब उसकी गूंज गांव-गांव और घर-घर तक सुनाई दे। आज प्रधानमंत्री आवास की चाबियाँ सिर्फ मकान की नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और सुरक्षित जीवन की चाबियाँ हैं। -
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वीर सावरकर का जीवन राष्ट्रभक्ति, आत्मबलिदान और वैचारिक दृढ़ता का प्रतीक है - मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक श्री धरमलाल कौशिक एवं जनप्रतिनिधिगण भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वीर सावरकर का संपूर्ण जीवन मातृभूमि की सेवा और राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए समर्पित था। वीर सावरकर न केवल आज़ादी की लड़ाई के अग्रणी योद्धा थे, बल्कि वे एक समाज सुधारक, इतिहासकार, लेखक और दूरदर्शी राजनेता भी थे। उन्होंने सामाजिक रूढ़ियों के विरुद्ध आवाज़ उठाई और आधुनिक भारत के निर्माण की आधारशिला रखी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सेल्युलर जेल में बिताए गए सावरकर जी के कठोरतम वर्ष उनके अदम्य साहस, राष्ट्रभक्ति और मानसिक दृढ़ता के प्रमाण हैं। उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे वीर सावरकर के विचारों और जीवन मूल्यों से प्रेरणा लें और राष्ट्र सेवा को अपना परम कर्तव्य मानते हुए आगे बढ़ें। वीर सावरकर का जीवन हर भारतीय के लिए आत्मबलिदान, समर्पण और देशभक्ति की जीवंत मिसाल है।