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नई दिल्ली : जैसे कि विपक्ष के रवैये को देखते हुए आज भी संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रहने के आसार लगाए जा रहे थे, सही वैसा ही देखने को मिल रहा है। दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया।पेगासस जासूसी प्रकरण की जांच कराए जाने की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। इसके अलावा विपक्ष तीन कृषि कानूनों और महंगाई के मुद्दों पर भी आंदोलित है।
इससे पहले भी संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही की शुरुआत से पहले सोमवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल युद्ध में शहीद वीर जवानों को श्रद्धांंजलि दी गई, जिसके बाद राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष ने पेगासस मुद्दे पर हंगामा किया और दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। 4 बजे एक बार फिर से राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, दो विधेयकों को चर्चा के बाद लोकसभा में पारित किया गया और सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, आज फिर कार्यवाही बाधित हो रही है।
लोकसभा दूसरी स्थगित। अब कार्यवाही 12 बजे तक रुकी।
-असम से कांग्रेस सांसद, रिपुन बोरा ने नियम 176 के तहत राज्यसभा में एक छोटी अवधि की चर्चा का नोटिस दिया और कल के असम-मिजोरम सीमा संघर्ष पर चर्चा की मांग की, जिसमें असम पुलिस के छह कर्मियों के शहीद होने की खबर मिली है।
-राज्यसभा स्थगित करने से पहले अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू बोले, 'मैं मीडिया रिपोर्टों के बारे में चिंतित हूं कि सदन के कुछ वर्गों ने शेष सत्र के लिए सदन को कार्य करने की अनुमति नहीं देने के लिए दृढ़ संकल्प किया है। संसद कानून बनाने और सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए है।' उन्होंने आगे कहा कि पार्टियों के नेताओं ने चल रही खेदजनक स्थिति और सार्वजनिक चिंताओं के मुद्दों को उठाने से वंचित होने पर मुझे अपनी चिंता व्यक्त की है। मैं आप सभी से इस रवैये पर पुनर्विचार करने की अपील करता हूं।
सदन में विपक्षी सांसदों की नारेबाज़ी के बीच लोकसभा को 11:45 बजे तक स्थगित किया गया।
-'पेगासस प्रोजेक्ट' रिपोर्ट पर चर्चा के लिए विपक्षी सांसदों की नारेबाजी मंगलवार को भी जारी है। इस बीच राज्यसभा दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई है।
-दिल्ली: संसद में भाजपा संसदीय दल की बैठक चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा संसदीय दल की बैठक के लिए संसद पहुंचे हुए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित दूसरे केंद्रीय मंत्री भी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।
-कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 'पेगासस' रिपोर्ट पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।
दिल्ली: मानसून सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा कार्यवाही को ना चलने देने पर पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के अलावा, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी भाजपा संसदीय दल की बैठक में शामिल रहेंगे। -
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार कह रही है कि किसान खुश हैं और धरने पर बैठे किसानों को आतंकवादी और न जाने क्या-क्या कहां जा रहा है. लेकिन हकीकत है कि किसानों के अधिकारों को छीना जा रहा है.
नई दिल्ली : किसान आंदोलन के समर्थन में विपक्षी दल कांग्रेस लगातार संसद से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस किसानों के प्रति समर्थन जताने का कोई भी मौका नहीं चूक रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को ट्रैक्टर के जरिये विजय चौक पहुंचे. इसके बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला और बाकि नेताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.पैंट शर्ट पहने राहुल गांधी ट्रैक्टर चला रहे थे, जबकि उनके साथ कई कांग्रेस नेता तख्तियां लेकर ट्रैक्टर पर बैठे हुए थे. उनके हाथों में किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग से जुड़ी तख्तियां थीं.
राहुल गांधी ने कहा कि सरकार कह रही है कि किसान खुश हैं और धरने पर बैठे किसानों को आतंकवादी और न जाने क्या-क्या कहां जा रहा है. लेकिन हकीकत है कि किसानों के अधिकारों को छीना जा रहा है. राहुल ने कहा, मैं किसानों का संदेश लेकर आया हूं. वे किसानों की आवाज दबाने का प्रयास कर रहे हैं और संसद में इन मुद्दों पर बहस नहीं होने दे रहे हैं. उन्हें इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना ही होगी.
पूरे देश को पता है कि इन कृषि कानूनों से सिर्फ 2-3 उद्योगपतियों को ही भला होगा. गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है, जहां विपक्ष लगातार सरकार को कृषि कानूनों, महंगाई और पेगासस जासूसी के मुद्दे पर घेरने का प्रयास कर रहा है. मानसून सत्र के पहले हफ्ते में लगातार हंगामे के कारण कामकाज नहीं हो सका है. -
नई दिल्ली : भारत में कोरोना की दूसरी लहर दिन प्रति दिन कम होती जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के अंदर देशभर में 39,361 कोरोना के नए मामले और 416 मौतें दर्ज की गईं हैं।सोमवार को सरकार की तरफ से जारी आकंड़ों के अनुसार देश में कोरोना के सक्रिय मामले 4,11,189 हैं। अब तक देश में 3,05,79,106 लोग कोरोना से उबर चुके हैं। देश में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 4,20,967 है। भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण के आंकड़ों की बात करें तो देश में अब तक कुल 43,51,96,001 टीके के डोज लगाए जा चुके हैं।
सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि केंद्र ने अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 45.37 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराक प्रदान की है। मंत्रालय ने कहा कि 59,39,010 और खुराकें जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी जाएंगी ये अभी पाइपलाइन में हैं।
देश में 16 जनवरी से शुरू हुआ था टीकाकरण
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी को देशव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत की, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों ने भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई की अग्रिम पंक्ति में अपनी पहली जद्दोजहद की। देश में 1 मार्च से टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण शुरू हुआ था, जिसमें 60 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति और 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगवाना शुरू किया गया।
लोगों में नहीं दिख रही सतर्कता
गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लोगों में सतर्कता देखने को नहीं मिल रही है। लापरवाही बढ़ने के कारण संक्रमण में वृद्धि होने की आशंका बनी हुई है। अगर अब भी लोग नहीं संभले तो जिले में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगेंगे और आंकड़ों में तेजी से उछाल देखा जा सकता है। -
मुंबई : महाराष्ट्र में मानसूनी बारिश का कहर के चलते दो दिनों में 129 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण रायगढ़, रत्नागिरी एवं सतारा में हुई इन घटनाओं में कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं, कई मकान तबाह हो चुके हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आज दोपहर 12 बजे हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित महाड़ के लिए रवाना होंगे।वह अपनी यात्रा के दौरान बाढ़ प्रभावित तलाई गांव का भी दौरा करेंगे। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम रत्नागिरी जिले के बाढ़ प्रभावित निचले चिपलूण इलाके में बचाव और राहत अभियान चला रही है। भारी बारिश के बाद महाराष्ट्र के कई हिस्सों में सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं एनडीआरएफ लोगों के बीच भोजन वितरित कर रही है।
भारी बारिश के कारण सांगली जिले के तंदुलवाड़ी गांव में बाढ़ आ गई है। बचाव और राहत कार्य जारी है राज्य में बाढ़ से 76 लोगों की मौत हो चुकी है।
राहत एवं पुनर्वास विभाग के मुताबिक बाढ़ से 76 लोगों और 75 जानवरों की मौत हो चुकी है। कुल 38 लोग घायल हुए और 30 लोग लापता हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों से 90,000 लोगों को निकाला गया है।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को फोन किया और राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण जान-माल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की। राज्यपाल ने उन्हें स्थिति की जानकारी देते हुए किए जा रहे बचाव और राहत कार्यों से अवगत कराया।
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तलाई गांव में कल लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने से कई मकान तबाह हो गए। एक निवासी, अंकिता ने बताया , "मेरा घर बह गया है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। लोगों ने नए घर बनाए थे और उनके लिए कर्ज लिया था। सब कुछ तबाह हो गया।
जिला कलेक्टर निधि चौधरी के अनुसार महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में भूस्खलन के कारण दो अलग-अलग घटनाओं में कुल 44 लोगों की मौत हो गई है जबकि 25 से ज्यादा लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। 35 लोगों का इलाज चल रहा है । बता दें कि रायगढ़ में छह स्थानों पर भूस्खलन हुआ है।
जलस्तर कम होने पर दिखी नुकसान की भयावहता
पिछले तीन दिनों से महाराष्ट्र के समुद्रतटीय कोंकण, रायगढ़ एवं पश्चिम महाराष्ट्र में भारी बारिश हो रही है जिससे हुए हादसों में अब तक 129 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। रत्नागिरी जिले के चिपलूण शहर बड़ा हिस्सा गुरुवार को पूरी तरह जलमग्न हो गया था, जलस्तर कम होने पर वहां हुए नुकसान का भयावहता नजर आने लगी है। इन इलाकों में भूस्खलन से अब तक 100 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इस क्षेत्र में स्थित पर्यटन स्थल महाबलेश्वर में बीते तीन दिनों में रिकार्ड 1500 मिमी. बारिश दर्ज की गई है।
महाराष्ट्र में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं नदियां
पश्चिम महाराष्ट्र के कोल्हापुर, सांगली एवं सातारा की नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है जबकि कोंकण के रत्नागिरी एवं रायगढ़ जिलों में बरसात का पानी शुक्रवार को उतरता दिखाई दिया। कोल्हापुर की पंचगंगा एक दिन पहले से ही रौद्र रूप दिखा रही है। सांगली की कृष्णा नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से आस पास के इलाके पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं।
पानी में डूबा पुणे-बेंगलुरु हाइवे
कोंकण एवं पश्चिम महाराष्ट्र में बचाव अभियान जारी है लेकिन तेज हवा और भारी बरसात के कारण बचाव दल का पहुंचना मुश्किल हो रहा है। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। अब तक यहां के बाढ़ग्रस्त इलाकों में एनडीआरएफ की 18 टीमें पहुंच चुकी हैं।पुणे-बेंगलुरु हाइवे पानी से डूबा नजर आ रहा है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को घरों की छतों पर जाने के लिए कहा जा रहा है तो कुछ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। -
श्रीनगर : उत्तरी कश्मीर के जिला बांडीपोरा के सुंबलर इलाके के शोकबाबा जंगलों में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच जारी मुठभेड़ में अभी तक दो आतंकियों को मार गिराया गया है। मुठभेड़ के दौरान सेना के तीन जवान भी घायल हुए हैं। सुरक्षाबलों का अभियान अभी भी जारी है।
मारे गए आतंकियों की फिलहाल पहचान नहीं हो पाई है। घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हतियात के तौर पर इलाके में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज तड़के स्थानीय सूत्रों से पुलिस को सूचना मिली कि शोकबाबा केे जंगल में कुछ आतंकवादी देखे गए हैं। सूचना मिलते ही एसओजी के जवान सेना व सीआरपीएफ की टीम के साथ इलाके में पहुंच गए और आतंकियों की तलाश शुरू कर दी।
सुरक्षाबलों को अपने नजदीक आते देख घने जंगलों में पेड़ों के पीछे छिपे आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। सेना के अधिकारियों ने आतंकियों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा परंतु उन्होंने हथियार डालने से मना कर दिया। इस पर सुरक्षाबलों ने भी आतंकवादियों की गोलीबारी का जवाब देना शुरू कर दिया।
मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों की गोली लगने से तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। जबकि सुरक्षाबलों ने भी अभी तक दो आतंकियों को मार गिराया है। सैन्य सूत्रों का कहना है कि जंगल में अभी भी दो से तीन आतंकी मौजूद हैं। उनके खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। अन्य विवरण प्रतीक्षारत है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मछली पालन से जुड़े दो लाख से अधिक मत्स्य कृषकों और मछुआरों को मिलेंगी कई तरह की सहूलियतें
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट द्वारा बीते 20 जुलाई को राज्य में मछली पालन को कृषि का दर्जा देने का फैसला सराहनीय है। सरकार के इस फैसले से मछुआरों को मत्स्य पालन के लिए किसानों के समान ब्याज रहित ऋण सुविधा मिलने के साथ ही जलकर और विद्युत शुल्क में भी छूट का लाभ मिलेगा। इससे राज्य में मछली पालन को बढ़ावा मिलने के साथ ही इससे जुड़े 2 लाख 20 हजार लोगों की स्थिति में सकारात्मक बदलाव आएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य में बीते ढाई सालों में छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से मछली पालन के क्षेत्र में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। राज्य में ढाई सालों में मत्स्य बीज उत्पादन के मामले में 13 प्रतिशत और मत्स्य उत्पादन में 9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। कृषि का दर्जा मिलने से मत्स्य पालन के क्षेत्र में राज्य अब और तेजी से आगे बढ़ेगा, यह संभावना प्रबल हो गई है।छत्तीसगढ़ राज्य में मत्स्य पालन के लिए अभी मछुआरों को एक प्रतिशत ब्याज पर एक लाख तक तथा 3 प्रतिशत ब्याज पर अधिकतम 3 लाख रुपए तक ऋण मिलता था। इस क्षेत्र को कृषि का दर्जा मिलने से अब मत्स्य पालन से जुड़े लोग सहकारी समितियों से अब अपनी जरूरत के अनुसार शून्य प्रतिशत ब्याज पर सहजता से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। किसानों की भांति अब मत्स्य पालकों एवं मछुआरों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिलेगी।
राज्य में मछली पालन के लिए 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई बांधों एवं जलाशयों से नहर के माध्यम से जलापूर्ति आवश्यकता पड़ती थी, जिसके लिए मत्स्य कृषकों एवं मछुआरों को प्रति 10 हजार घन फीट पानी के बदले 4 रूपए का शुल्क अदा करना पड़ता था, जो अब उन्हें फ्री में मिलेगा। मत्स्य पालक कृषकों एवं मछुआरों को प्रति यूनिट 4.40 रुपए की दर से विद्युत शुल्क भी अदा नहीं करना होगा।सरकार के इस फैसले से मत्स्य उत्पादन की लागत में प्रति किलो लगभग 10 रुपए की कमी आएगी, जिसका सीधा लाभ मत्स्य पालन व्यवसाय से जुड़े लोगों को मिलेगा। इससे उनकी आमदनी में इजाफा होगा और उनकी माली हालत बेहतर होगी।
राज्य में मत्स्य कृषकों मछुआरों को सरकार द्वारा दी जा रही सहूलियतों का ही यह परिणाम है कि छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य बीज उत्पादन एवं मत्स्य उत्पादन में देश में छठवें स्थान पर है। मछली पालन को कृषि का दर्जा मिलने से राज्य 6 वें पायदान से ऊपर की ओर अग्रसर होगा और मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनेगा, इसकी उम्मीद बढ़ गई है।राज्य में वर्तमान में 93 हजार 698 जलाशय और तालाब विद्यमान हैं, जिनका जल क्षेत्र एक लाख 92 हजार हेक्टेयर है। इसमें से 81 हजार 616 जलाशयों एवं तालाबों का एक लाख 81 हजार 200 हेक्टेयर जल क्षेत्र मछली पालन के अंतर्गत है, जो कुल उपलब्ध जल क्षेत्र का 94 प्रतिशत है।
मत्स्य बीज उत्पादन के मामले में छत्तीसगढ़ राज्य न सिर्फ आत्मनिर्भर है, बल्कि यहां से मत्स्य बीज की आपूर्ति पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश उड़ीसा और बिहार को होती है।छत्तीसगढ़ राज्य में वर्तमान में 288 करोड़ मत्स्य बीज फ्राई तथा 5.77 लाख मैट्रिक टन मछली का उत्पादन प्रतिवर्ष होता है। राज्य की मत्स्य उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 3.682 मीटरिक टन है, जो राष्ट्रीय उत्पादकता 3.250 मीटरिक टन से लगभग 0.432 मीटरिक टन अधिक है।
छत्तीसगढ़ राज्य में मत्स्य उत्पादन में उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए अब केज कल्चर को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में अब तक 2386 केज स्थापित किए जा चुके हैं। कोरबा जिले के हसदेव बांगो जलाशय में 1000 केज की स्थापना की जा रही है।इस तकनीकी में जलाशयों में 6 बाई 4 बाई 4 मीटर में केज स्थापित कर तीव्र बढ़वार वाली मछली जैसे पंगेसिएश एवं तिलापिया प्रजाति का पालन किया जाता है, जिससे प्रति केज 3 मेट्रिक टन से अधिक मत्स्य उत्पादन होता है।
लैंडलॉक प्रदेश होने के कारण राज्य के मत्स्य कृषकों एवं मछुआ समूहों द्वारा स्वयं की भूमि पर बड़ी संख्या में तालाबों का निर्माण कराकर मत्स्य पालन करना, मत्स्य क्षेत्र के विस्तार का अच्छा संकेत है। बीते ढाई सालों में सरकार की मदद से लगभग एक हजार नवीन तालाबों का निर्माण मत्स्य पालन के उद्देश्य से हुआ है।सरकार इसके लिए सामान्य वर्ग के मत्स्य कृषकों को अधिकतम 4.40 लाख रुपए तथा अनुसूचित जाति जनजाति एवं महिला वर्ग के हितग्राहियों को 6.60 लाख रुपए की अनुदान सहायता तालाब निर्माण और मत्स्य आहार के लिए देती है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मत्स्य पालन क्षेत्र को संवर्धित करने के उद्देश्य से मछुआरों को मछुआ दुर्घटना बीमा का कवरेज भी प्रदान करती है। बीमित मत्स्य कृषक की मृत्यु पर 5 लाख रूपए की दावा राशि का भुगतान किया जाता है।बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर 25 हजार रुपये तक के इलाज की सुविधा का प्रावधान है। मछुआ सहकारी समितियों को मत्स्य पालन के लिए जाल, मत्स्य बीज एवं आहार के लिए 3 सालों में 3 लाख रुपए तक की सहायता दी जाती है। बायोफ्लॉक तकनीकी से मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य कृषकों को 7.50 लाख रुपए की इकाई लागत पर 40 प्रतिशत की अनुदान सहायता दिए जाने का प्रावधान है।
राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और मत्स्य कृषकों मछुआरों को सहूलियत देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नवीन मछली पालन नीति तैयार की जा रही है। इसके लिए कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में गठित समिति ने मछुआरों को उत्पादकता बोनस दिए जाने, ऐसे एनीकट जिनका क्षेत्रफल 20 हेक्टेयर तक है, उसे स्थानीय मछुआरों के निःशुल्क मत्स्याखेट के लिए सुरक्षित रखने तथा मछुआ जाति के लोगों की सहकारी समिति को सर्वाेच्च प्राथमिकता के आधार पर जलाशयों को मछली पालन के लिए पट्टे पर देने की सिफारिश की है। -
नई दिल्ली : पेगासस जासूसी मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इसे समूचे भारत पर हमला बताया है.राहुल ने कहा, ‘मेरा फोन स्पष्ट तौर पर टैप किया गया, मैं संभावित टारगेट नहीं हूं.’ राहुल ने आरोप लगाया कि उनके सभी फोन टैप किए जा रहे थे और उनके सिक्युरिटी मैन को उनकी (राहुल की) हर बात की जानकारी देने के लिए कहा गया था.संवाददाताओं से बातचीत में राहुल ने कहा, ‘मैं संभावित टारगेट हूं, मेरा फोन टैप किया गया. केवल यह फोन नहीं, मेरे सभी फोन टैप किए गए.’गौरतलब है कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस की लीक सूची में राहुल गांधी का नाम सामने आया है. राहुल ने यह भी दावा किया कि उनके सुरक्षाकर्मियों ने बताया था कि उनकी बातचीत पर निगरानी रखी जा रही है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे पास IB (Intelligence Bureau) के लोगों के फोन आते हैं जो मेरा फोन टैप करते हैं. मेरे सुरक्षाकर्मियों ने बताया है कि उन्हें वह सब बताना है जो मैंने कहा है. कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि उनके दोस्तों को भी फोन आया कि फोन का टैप किया गया.’ उन्होंने कहा, ‘मैं भयभीत नहीं हूं. इस देश में यदि आप भ्रष्ट और चोर हैं तो आप डरेंगे. यदि आप इनमें से नहीं हैं तो डरने की जरूरत नहीं है.
‘गौरतलब है कि कुछ मीडिया ऑर्गेनाइजेशंस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें कहा गया है कि कुछ राजनीतिक नेताओं, सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों सहित अनेक भारतीयों की निगरानी करने के लिये इजराइली स्पाइवेयर पेगासस का कथित तौर पर उपयोग किया गया था. -
फिलहाल रातभर से बारिश रुकी होने की वजह से रत्नागिरी के खेड़ में जहां बाढ़ का पानी जमा हुआ था वह अब उतरने लगा है. चिपलूण में अब भी पानी भरा है. हजारों लोग अब भी फंसे हैं. उनके रिश्तेदार जो चिपलूण से बाहर हैं, वे सोशल मीडिया के जरिये अपनों को वहां से सुरक्षित निकालने की गुहार लगा रहे हैं.
मुंबई : महाराष्ट्र में भारी बारिश और नदियों में उफान आने से लोग बुरी फंस गए हैं. एनडीआरएफ की टीमों के साथ नौसेना को भी बचाव अभियान में लगाया गया है. मुंबई से सटे रायगढ़ जिले के महाड में कुल तीन जगहों पर भूस्खलन हुआ है. पुलिस के मुताबिक- सात लोगों के शव मिले हैं और 9 लोगों की तलाश जारी है. मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. महाड में सावित्री नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बहकर सब कुछ डुबा रही है. महाड और खेड में NDRF और कोस्टगार्ड की मदद ली जा रही थी.अब बचाव के लिए नौसेना की टीम भी पहुंची है. महाड से थोड़ा पहले दासगांव, टोल नाके के पास नौसेना की टीम अपने साथ लाए बोट पानी में उतारकर मदद कर रही है. इसके आगे सड़क पर भी पानी भरा है.
वहीं फिलहाल रातभर से बारिश रुकी होने की वजह से रत्नागिरी के खेड़ में जहां बाढ़ का पानी जमा हुआ था वह अब उतरने लगा है. चिपलूण में अब भी पानी भरा है. हजारों लोग अब भी फंसे हैं. उनके रिश्तेदार जो चिपलूण से बाहर हैं, वे सोशल मीडिया के जरिये अपनों को वहां से सुरक्षित निकालने की गुहार लगा रहे हैं. इगतपुरी में कसारा घाट पर चट्टान खिसकने और तेज बारिश से मध्य रेल की पटरी तक बह गई, मुंबई से सटे कल्याण और भिवंडी को भी बारिश के पानी ने अपनी आगोश में ले लिया. सांगली में भी कृष्णा नदी में भी पानी तेजी से भर रहा है. नदी का पानी खतरे के निशान के करीब कभी भी पहुंच सकता है इसलिए आसपास के इलाकों में लोगों को घर खाली कर सुरक्षित जाने की चेतावनी दी गई है.
उधर, महाराष्ट्र के कोंकण रेलवे मार्ग पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हो गई और करीब छह हजार यात्री फंस गए है. भारी बारिश की वजह से मुंबई सहित राज्य के कई अन्य हिस्सों में रेल और सड़क यातायात प्रभावित हुआ है. कोल्हापुर जिले में भारी बारिश के चलते सड़कों के जलमग्न हो जाने पर करीब 47 गांवों का संपर्क टूट गया है और 965 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा. बारिश से हालात इतने खराब है कि एक महिला सहित दो लोग पानी में बह गए.
कोंकण रेलवे मार्ग प्रभावित होने की वजह से अबतक नौ रेलगाड़ियों का मार्ग परिवर्तन किया गया है या रद्द किया गया है या उनके मार्ग को छोटा किया गया है.भारी बारिश की वजह से कोंकण क्षेत्र की प्रमुख नदियां रत्नागिरि और रायगढ़ जिले में नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और सरकारी अमला प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में जुटा है. मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लगातार हो रही बारिश से इन दो तटीय जिलों में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की है. वहीं भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने तटीय क्षेत्रों के लिए अगले तीन दिन तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने और नदियों के जलस्तर पर नजर रखने एवं लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया है. -
पिछले 24 घंटों में अमेरिका, ब्राजील, इंडोनेशिया, ब्रिटेन में भारत से ज्यादा कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं. भारत सातवां देश है, जहां सबसे ज्यादा कोरोना एक्टिव मामले है.
कोरोना अपडेट : देश में दो दिनों बाद फिर कोरोना मामलों का आंकड़ा 40 हजार से कम दर्ज हुआ है. शुक्रवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 35,342 नए कोरोना केस आए और 483 संक्रमितों की जान चली गई है. इससे पहले गुरुवार को 41383 और बुधवार को 42015 नए मामले आए थे. वहीं पिछले 24 घंटे में 38,740 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 3881 एक्टिव केस कम हो गए.
कोरोना संक्रमण के कुल मामलेदेश में कोरोना एक्टिव केस की संख्या चार लाख से ज्यादा बनी हुई है. कुल 4 लाख 5 हजार लोग अभी भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, जिनका इलाज चल रहा है. महामारी की शुरुआत से लेकर अबतक तीन करोड़ 12 लाख 93 हजार लोग संक्रमित हुए हैं. इनमें से 4 लाख 19 हजार 470 लोगों की मौत हो चुकी है. अच्छी बात ये है कि 3 करोड़ 4 लाख 68 हजार लोग ठीक भी हुए हैं.
42 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन के डोज दिए गए
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 22 जुलाई तक देशभर में 42 करोड़ 34 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं. बीते दिन 54 लाख 76 हजार टीके लगाए गए. वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, अबतक 45 करोड़ 29 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. बीते दिन 16.68 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 3 फीसदी से कम है.
देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.34 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट 97 फीसदी से ज्यादा है. एक्टिव केस 1.30 फीसदी हैं. कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत सातवे स्थान पर है. कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है. जबकि अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है.
कुछ राज्यों में कोरोना की स्थिति
मध्य प्रदेश में गुरुवार को कोरोना के 17 नए मामले आए. संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या 7,91,721 पहुंच गयी है. बीमारी से मरने वालों की संख्या 10,512 है.
छत्तीसगढ़ में वायरस के 217 नए मामले सामने आए हैं. राज्य में इस वायरस से संक्रमित हुए लोगों की संख्या 10,00,763 हो गई है. राज्य में कल कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज की मृत्यु हुई है.
गोवा में 97 नए मामले सामने आए जिससे राज्य में महामारी के कुल मामलों की संख्या 1,70,199 हो गई है.
पांच मरीजों की मौत के बाद राज्य में महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 3,123 हो गई है.
राजस्थान में संक्रमण के 25 नए मामले आए. वहीं इस घातक संक्रमण से और एक मरीज की मौत हो गई. जयपुर में पांच, उदयपुर में चार जबकि अलवर और बांसवाड़ा में तीन-तीन मामले आए हैं. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष एवं सदस्यों का पदभार ग्रहण समारोह
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है, कि छत्तीसगढ़ की सरकार, किसानों की सरकार है। राज्य में खेती-किसानी को समृद्ध बनाने और किसानों के कल्याण और खुशहाली की जिम्मेदारी उनकी सरकार ने किसान पुत्रों एवं वर्षों से कृषि से जुड़े अनुभवी लोगों को सौंपी है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इसका लाभ राज्य के किसान भाइयों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज अपने निवास कार्यालय से छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री अग्नि चंद्राकर, सदस्य श्री जालम सिंह पटेल, श्री दिलीप पांडे एवं श्री शंकर बघेल के पदभार ग्रहण समारोह को वर्चुअल रूप से संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर बीज निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष एवं सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य में कृषि के क्षेत्र और किसानों की बेहतरी के लिए बहुत काम करने की जरूरत है। धान की खेती के साथ-साथ अन्य फसलों की खेती, उद्यानिकी और वृक्षारोपण को सरकार बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा कि धान के साथ-साथ अन्य फसलों के अच्छे क्वालिटी के बीज का उत्पादन राज्य में हो, किसान लाभकारी फसलों की खेती के लिए आगे आए, यह प्रयास हम सबको करने की जरूरत है। उन्होंने कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए सर्व श्री अग्नि चंद्राकर, श्री जालम सिंह पटेल, श्री शंकर बघेल सहित कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र शर्मा के कार्यों की सराहना की और कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों को इनके अनुभव का लाभ मिलेगा।
कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। राज्य का सर्वांगीण विकास और गांवों में खुशहाली, कृषि पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों एवं कार्यक्रमों के चलते राज्य में बंपर फसल उत्पादन होने लगा है।
आने वाले सालों में इसमें और अधिक बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी मांग के अनुरूप उन्नत क्वालिटी के बीज की आपूर्ति की जिम्मेदारी राज्य बीज निगम की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बीज उत्पादन के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन जाए, यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
कार्यक्रम को नवनियुक्त अध्यक्ष श्री अग्नि चन्द्राकर ने भी सम्बोधित किया और कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे कामों को पूरी जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ाने का काम उनकी नई टीम करेगी।
उन्होंने कहा कि बीज एवं अन्य कृषि संबंधी सामग्री की आपूर्ति के मामले में किसानों का बीज निगम पर भरोसा रहे, यही हमारी प्राथमिकता होगी। इस अवसर पर कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा, श्री लक्ष्मण पटेल, श्रीमती रश्मि चन्द्राकर, श्रीमती उषा पटेल सहित अन्य कृषक प्रतिनिधि उपस्थित थे। -
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वर्षों से लंबित मुआवजा मिलने से खुश हुए किसान
सिंचाई के लिए कलमा बैराज के दोनों तटों पर मेगा लिफ्ट
सिंचाई योजना प्रस्तावित: 15000 हेक्टेयर में हो सकेगी सिंचाई
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कलमा बैराज से प्रभावित जांजगीर-चांपा जिले के चन्द्रपुर इलाके के 314 किसानों को भू-अर्जन मुआवजा के रूप में 22.78 करोड़ रूपए की राशि के चेक का वितरण करते हुए सभी किसानों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुआवजा वितरण का यह वर्चुअल कार्यक्रम आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में जलसंसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू उपस्थित थे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव श्री विनोद सेवन लाल चन्द्राकर, विधायक श्री रामकुमार यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि कलमा बैराज का निर्माण जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम कलमा तथा रायगढ़ जिले के ग्राम बरगांव के मध्य महानदी पर 377.42 करोड़ रूपए की लागत से कराया गया है। इसका निर्माण फरवरी 2011 में शुरू किया गया था और मार्च 2016 में यह बैराज बनकर तैयार हुआ। बैराज के निर्माण से जांजगीर-चांपा जिले के 13 गांव के 682 किसानों की 97.89 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई थी।
उन्होंने 314 किसानों के काफी अर्से से लम्बित मुआवजा प्रकरण के निराकरण के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, जलसंसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, विधायक श्री रामकुमार यादव सहित जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि किसानों की बेहतरी और उनके मुद्दों को प्राथमिकता से निराकृत करना, छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है और इस काम में छत्तीसगढ़ सरकार की पूरी टीम लगी हुई है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने किसानों के भू-अर्जन के लंबित प्रकरणों के निदान एवं मुआवजा राशि के वितरण के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि भू-अर्जन का यह मामला वर्षों से लंबित था, जिसका निदान छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है। आज किसानों को मुआवजा राशि मिल रही है, यह हम सब के लिए खुशी की बात है।
जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि इस बैराज से किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिले, इसको लेकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश के परिपालन में जलसंसाधन विभाग द्वारा बैराज के दोनों तटों पर मेगा लिफ्ट एरीगेशन प्रोजेक्ट प्रस्तावित किया गया है।इससे 15 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में किसानों को जलापूर्ति होगी। कार्यक्रम को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया।इस अवसर पर श्री रामअवतार अग्रवाल, श्री शरद अग्रवाल, श्री मोतीलाल सहित अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि, किसान और ग्रामीणजन उपस्थित थे। -
महज 17 साल की उम्र में पीवी सिंधु बैडमिंटन की विश्व रैंकिंग में टॉप 20 में शुमार हो गई थीं. 2016 में रियो ओलंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था. इसके बाद भी अब तक कई गोल्ड जीत चुकी हैं.
टोक्यो ओलंपिक शुरू होने में अब 24 घंटे का समय रह गया है. टोक्यो अपने दूसरे ओलंपिक के लिए तैयार है. भारतीय खिलाड़ी खेल गांव पहुंच चुके हैं. जिनमें रियो ओलंपिक 2016 की गोल्ड मेडलिस्ट स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का नाम भी है. पीवी सिंधु ओलंपिक में जाने वाली अकेली महिला भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं. लेकिन इस बार उनपर ज्यादा दबाव है और ज्यादा चुनौतियां भी हैं. एबीपी न्यूज के ओलंपिक स्पेशल ई-कॉन्क्लेव में पीवी सिंधु ने खुद ये बात कही है.
पीवी सिंधु ने कहा, "रियो ओलंपिक 2016 में सिंधु एक अंडरडॉग थी लेकिन अब 2021 में सब सोचते हैं कि सिंधु जाएगी तो मेडल वापस लेकर आना है. वो दबाव रहता है लेकिन मैं सिर्फ फोकस के साथ अपना गेम खेलना चाहती हूं. कभी ये नहीं सोचा कि बाहर लोग क्या सोचते हैं. उससे और ज्यादा दबाव बनता है. इसलिए मैं सिर्फ खेलने के बारे में सोचती हूं. जब जीत जाती हूं तो सभी के लिए गर्व की बात होती है."
ओलंपिक स्पेशल ई-कॉन्क्लेव में पीवी सिंधु ने बताया, "इस बार चुनौतियां भी ज्यादा होंगी क्योंकि इस बार का ओलंपिक पिछली बार से बहुत अलग है. हर दिन हमारा कोविड का टेस्ट होगा. मास्क हमेशा पहनकर रखना है. बाहर नहीं जा सकते हैं. ये आसान नहीं होगा लेकिन ये अच्छी बात है. जापान सरकार नियमों का सख्ती से पालन कर रही है."
सिंधु ओलंपिक में गोल्ड मेडल के प्रमुख दावेदारों में शुमार
रियो ओलंपिक के बाद अब तक पीवी सिंधु कई गोल्ड सिल्वर और ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम कर चुकी हैं. एक बार फिर पूरे देश की नजरें पीवी सिंधु पर टिकी हुई हैं. पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीवी सिंधु के साथ वर्चुअल संवाद कर उनका हौसला बढ़ाया था और उनसे बिना दबाव के ओलंपिक में खेलने के लिए कहा था. पीवी सिंधु इस बार ओलंपिक में गोल्ड मेडल के प्रमुख दावेदारों में शुमार हैं. -
केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया है. दूसरी तरफ राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने प्रदर्शन किया है.
संसद के मानसूत्र के दौरान केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन शुरू हो गया है. इसके मद्देनजर मध्य दिल्ली में जंतर-मंतर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. जंतर-मंतर, संसद भवन से कुछ मीटर की दूरी पर ही है. दूसरी तरफ राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने प्रदर्शन किया है.
सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचे 200 किसान
जंतर मंतर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया है. पुलिस की सुरक्षा के साथ 200 किसानों का एक समूह बसों में सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पहुंचा है. इस साल 26 जनवरी को एक ट्रैक्टर परेड के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के बाद यह पहली बार है, जब अधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों को शहर में प्रवेश की अनुमति दी है.
राहुल की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों का प्रदर्शन
कांग्रेस के सांसदों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया. संसद भवन में परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष आयोजित इस प्रदर्शन में कांग्रेस के दोनों सदनों के कई सदस्यों ने हिस्सा लिया.
राहुल गांधी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी, गौरव गोगोई, रवनीत बिट्टू, राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और कई अन्य सांसद इस धरने में शामिल हुए. कांग्रेस सांसदों ने ‘काले कानून वापस लो’ और ‘प्रधानमंत्री न्याय करो’ के नारे लगाए.
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के लोकसभा सांसद भगवंत मान ने कहा है, ‘कृषि कानूनों के वापस लेने के सिवा और कोई विकल्प नहीं है. नरेंद्र सिंह तोमर बयान देते हैं कि हम किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, बस वे तीन कानूनों को वापस लेने की बात न करें. तो फिर और क्या बात करें? सरकार ने क्या कहा है?’’
विरोध प्रदर्शन को लेकर सरकार ने क्या कहा?
विरोध प्रदर्शन को लेकर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, ‘’मुद्दों, तथ्यों और तर्कों को लेकर किसी भी आंदोलन का स्वागत है, लेकिन किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर किस मुद्दे पर कुछ लोग आंदोलन करना दिखा रहे हैं. सरकार ने कहा कि आप आईये जो मुद्दे आपके पास हैं, उन पर बात करिए, मुद्दे हैं नहीं.’’
बेनतीजा रही कई दौर की वार्ता
गौरतलब है कि दिल्ली से लगे टिकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान पिछले साल नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए. हालांकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसान हितैषी हैं. सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही है. -
मौतों के आंकड़ों में यह उछाल महाराष्ट्र में मौतों का बैकलॉग जोड़े जाने के कारण हुआ है. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भारत में एक्टिव केस की तादाद 407170 रह गई है. एक्टिस केस 1.30 फीसदी हैं.
नई दिल्ली : भारत में कोरोना से हुई मौतों के मामले में बड़ा उछाल देखने को मिला है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 42,105 मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि इस दौरान 3998 मौतें सामने आई हैं. मौतों के आंकड़ों में यह उछाल महाराष्ट्र में मौतों का बैकलॉग (पिछला संशोधित आंकड़ा) जोड़े जाने के कारण हुआ है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार को ये आंकड़े जारी किए गए. स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि भारत में एक्टिव केस की तादाद 407170 रह गई है. जबकि कुल कोरोना के संक्रमित मरीजों के अनुपात में एक्टिव केस 1.30 फीसदी हैं.
महाराष्ट्र ने 3509 मौतों का बैकलॉग जोड़ा है और 2479 पुराने केस जोड़े हैं. देश में कोरोना का वीकली पॉजिटिविटी रेट भी लगातार पांच फीसदी से नीचे रहा है. बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार ये 2.09 फीसदी है. जबकि रोजाना का पॉजिटिविटी रेट 2.27 फीसदी है. यह लगातार 30वां दिन है, जब पॉजिटिविटी रेट यानी कुल जांच के मुकाबले मिले संक्रमितों की संख्या 3 फीसदी से कम रही है. देश में टेस्टिंग कैपेसिटी तेजी से बढ़ी है. अब तक 44.91 करोड़ कोरोना जांच की जा चुकी हैं.
महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि राज्य में कोरोना से हुई मौतों को 12 जुलाई और मामलों को 10 जुलाई तक अपडेट कर लिया गया है. संबंधित जिलों में कोरोना के मामलों और मौतों के अपडेट होने से राज्य में कोरोना के मामलों में 2479 की अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई है. जबकि मौतों के आंकड़े में 3509 का इजाफा हुआ है. कोरोना के मामलों और मौतों के अपडेशन में दोहराव और पतों के आधार पर कोरोना के मामलों में बदलाव देखने को मिला है. इस कारण कुछ जगह मामले और मौतों की संख्या बढ़ी और कुछ जगह कमी देखने को मिली है.
देश में अब तक 30390687 मरीज कोरोना की महामारी से उबर चुके हैं. रिकवरी रेट भी बढ़कर 97.36 फीसदी तक पहुंच गया है. पिछले 24 घंटे में 36,977 मरीज कोरोना से उबरे हैं. बुलेटिन में बताया गया है कि देशव्यापी अभियान के तहत अब तक 41.54 करोड़ कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं. पिछले 24 घंटे में 34,25, 446 लोगों को कोविड वैक्सीन लगाई गई है. -
मंगलवार को राज्यसभा में सरकार से सवाल पूछा गया था कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कितने मरीजों की मौत हुई ? जिस पर सरकार ने जवाब दिया कि ऑक्सीजन की वजह से एक भी मौत नहीं हुई.
नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार के उस दावे पर सवाल उठाए हैं, जिसमें कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई. प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कई आरोप लगाए.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, '"ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई": केंद्र सरकार. मौतें इसलिए हुईं क्योंकि महामारी वाले साल में सरकार ने ऑक्सीजन निर्यात 700% तक बढ़ा दिया. क्योंकि सरकार ने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकरों की व्यवस्था नहीं की. एंपावर्ड ग्रुप और संसदीय समिति की सलाह को नजरंदाज कर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया. अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने में कोई सक्रियता नहीं दिखाई.''
बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा में सरकार से सवाल पूछा गया था कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से कितने मरीजों की मौत हुई ? जिस पर सरकार ने जवाब दिया कि ऑक्सीजन की वजह से एक भी मौत नहीं हुई.
राज्यसभा में सरकार ने क्या कहा?
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारें आंकड़े देती है, हम कंपाइल करके उसे छापते हैं. केंद्र सरकार की इससे ज्यादा कोई भूमिका नहीं होती इस जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने ये भी साफ कर दिया कि स्वास्थ्य व्यवस्था राज्यों के अधिकार क्षेत्र का मुद्दा है. राज्यों ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत का जिक्र नहीं किया. मतलब ये कि विपक्ष के सवालों की जवाबदेही केंद्र सरकार ने राज्यों पर डाल दी. सवाल ये भी है कि राज्यों ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई मौतों का आंकड़ा केंद्र को क्यो नहीं दिया ? -
सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, 'यह अफसोस की बात है कि राज्य सरकार व्यापारी संगठनों के दबाव में आ गई। उन इलाकों में भी दुकान खोलने की अनुमति दी जहां कोरोना दर 15 फीसदी से अधिक है और लोगों की जान को खतरे में डाल दिया।'
केरल में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में केरल सरकार की ओर से बकरीद पर लॉकडाउन में ढील दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा, 'यह अफसोस की बात है कि राज्य सरकार व्यापारी संगठनों के दबाव में आ गई। उन इलाकों में भी दुकान खोलने की अनुमति दी जहां कोरोना दर 15 फीसदी से अधिक है और लोगों की जान को खतरे में डाल दिया।'
सुप्रीम कोर्ट ने बकरीद के मद्देनजर लॉकडाउन में ढील देने पर केरल सरकार को जमकर लताड़ लगाई। कहा कि यह चौंकाने वाली स्थिति है। राज्य सरकार ने ट्रेडर्स समूह के दबाव में बाजार खोल दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल सरकार का हलफनामा चिंताजनक। यह भारत के सभी नागरिकों को जीवन के अधिकार की गारंटी नहीं देता है। केरल सरकार ने बकरीद के अवसर पर इस तरह की छूट देकर देश के नागरिकों के लिए राष्ट्रव्यापी महामारी के जोखिम को बढ़ा दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम केरल सरकार को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन के अधिकार पर ध्यान देने का निर्देश देते हैं।' साथ ही कहा कि अगर अगर बकरीद के लिए राज्य द्वारा दी गई ढील से कोविड-19 का और प्रसार होता है, तो वह कार्रवाई करेगा।
हालांकि, बकरीद पर लॉकडाउन ढील पर केरल सरकार द्वारा अधिसूचना को रद्द करने पर सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश नहीं दिया। लॉकडाउन में ढील का आज आखिरी दिन है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने कहा कि कुछ आदेश पारित किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा अब कोई मतलब नहीं है। -
नई दिल्ली : भारत में लगातार कोरोना के मामलों में गिरावट दर्ज की जा रही है। देशवासियों के लिए ये एक राहत भरी खबर है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देशभर में पिछले 24 घंटों के दौरान 30,093 मामले सामने आए, जिसके बाद देश में संक्रमितों की संख्या 3,11,74,322 हो गई है। आपको बता दें कि बीते 4 माह के दौरान सामने आए ये सबसे कम मामले हैं।
गौरतलब है कि केरल और महाराष्ट्र में सामने आने वाले कोरोना के मामले लगातार केंद्र और राज्य सरकार के लिए चिंता की वजह बने हुए हैं। पिछले दिनों पीएम नरेंद्र मोदी ने ऐसे 6 राज्यों के सीएम से इस मुद्दे पर बातचीत की थी जहां पर अधिक मामले आ रहे हैं। केंद्र की तरफ से यहां पर विशेषज्ञों की एक टीम भी भेजी गई है। केंद्र लगातार इन सभी राज्यों पर निगाह रखे हुए है।
पीएम ने इन सभी राज्यों को कहा है कि वो हर संसाधन का इस्तेमाल करें और यहां पर बढ़ते मामलों पर काबू पाएं। उन्होंने ये भी कहा था कि यदि यहां पर बढ़ते मामलों को नहीं रोका गया तो हालात खराब हो सकते हैं।उन्होंने पिछले दिनों इन राज्यों के सीएम के साथ हुई वर्चुअल बैठक के दौरान कहा था कि हर हाल में तीसरी लहर की आशंका को दूर करना हम सभी की जिम्मेदारी है।इसके लिए तेजी से काम करना होगा और केंद्र द्वारा दिए गए फंड का इस्तेमाल करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को अपने यहां पर सुधारना होगा। आपको बता दें कि देश के कुछ राज्यों में डेल्टा वैरिएंट के भी मामले सामने आ चुके हैं। -
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छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा थे डॉ.खूबचंद बघेल
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने डॉ.खूबचंद बघेल के परिवारजनों को किया सम्मानितमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहाँ अपने निवास कार्यालय से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल की जयंती समारोह में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग द्वारा महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय के सभागार में किया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर डॉ.खूबचंद बघेल के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया और उनके परिवारजनों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों को शॉल, श्रीफल तथा प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान भी किया।
इस अवसर पर संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत आयोजन स्थल से वर्चुअल माध्यम से तथा छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी एवं डॉ. खूबचंद बघेल के परिवारजन तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारीगण मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ.खूबचंद बघेल का व्यक्तित्व तथा कृतित्व बहुआयामी था। उनका जीवन देश प्रेम की भावना से ओत-प्रोत था और छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम स्वप्नदृष्टा थे। हर छत्तीसगढ़िया के हित को पूरा करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ का निर्माण उनका महान लक्ष्य था।
वे कुशल राजनीतिज्ञ के साथ-साथ साहित्यकार, समाज सुधारक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। उन्होंने कहा कि डॉ.खूबचंद बघेल की जीवन यात्रा कठिन संघर्ष से भरी रही। वे समाज में अन्याय, अत्याचार तथा शोषण के खिलाफ जीवनभर लड़ाई लड़ते रहे। उन्होंने समाज में ऊंच-नीच के भेदभाव को भी नकारा और समाज को एकसूत्र में पिरोने के लिए ’पंक्ति तोड़ो-समाज जोड़ो’ का महत्वपूर्ण नारा दिया।
इस तरह कई रचनात्मक और किसान तथा मजदूर हितैषी गतिविधियों से जुड़कर जीवन के अंतिम समय तक वे छत्तीसगढ़ की सेवा करते रहे। उनके योगदान को छत्तीसगढ़ में कभी भुलाया नही जा सकता और यह हमेशा लोगों के स्मरण में रहेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हमारे पुरखों तथा डॉं. खूबचंद बघेल के सपनों के अनुरूप विकास की राह पर छत्तीसगढ़ तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसे निरंतर नये स्वरूप में गढ़ने का कार्य किया जा रहा है।यहां हर वर्ग के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए अनेक नई-नई कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिससे हर छत्तीसगढ़िया को आगे बढ़ने का बेहतर मौका मिल रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना तथा गोधन न्याय योजना जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
इसी तरह राज्य में आदिवासी-वनवासी लोगों के हित में अनेक निर्णय लिया गया है। इसके तहत तेंदूपत्ता प्रति मानक बोरा को 2 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 4 हजार रूपए कर दिया गया है। इनका सीधा-सीधा लाभ 13 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलने लगा है।
इसके अलावा प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों की खरीदी संख्या को 7 से बढ़ाकर वर्तमान में 52 तक कर दी गई है। इनमें कई लघु वनोपजों के मूल्य में भी बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में भूमिहीन कृषि मजदूरों के हित में जल्द ही नवीन योजनाएं लाई जा रही है। इस तरह राज्य में हर वर्ग के लोगों के उत्थान सहित छत्तीसगढ़ की समृद्धि और विकास के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं।कार्यक्रम को संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने भी सम्बोधित करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण सहित समाज में डॉ.खूबचंद बघेल के योगदान का उल्लेख किया और इसे अविस्मरणीय बताया। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन संस्कृति विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी.तथा आभार प्रदर्शन संचालक संस्कृति श्री विवेक आचार्य ने किया।