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लखनऊ : सीएए, एनआरसी और एनपीए के विरोध के दौरान अलीगढ़ विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर 2019 को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार डॉक्टर कफील खान को तत्काल रिहा करने के आदेश हाई कोर्ट ने दिए हैं. कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेने और उसे बढ़ाए जाने को गैरकानूनी करार भी दिया है.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड में आरोपी डॉ. कफील को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. उनके ऊपर योगी सरकार की ओर से लगाया गया एनएसए ऐक्ट हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने डॉ. कफील को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है. डॉ. कफील के मामले में जल्दी ही फैसला देने का आदेश बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दिया था.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में विवादित बयान देने के मामले में डॉ. कफील खान की मुंबई से गिरफ्तारी की गई थी. वह फिलहाल मथुरा जेल में हैं. इस मुकदमे में 10 फरवरी के बाद डॉ. कफील की रिहाई की तैयारी चल रही थी. लेकिन उनके खिलाफ एनएसए के तहत मुकदमा लिखा गया था. हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि एनएसए के तहत डॉक्टर कफील को हिरासत में लेना और हिरासत की अवधि को बढ़ाना गैरकानूनी है, कफील खान को तुरंत रिहा किया जाए. बता दें कि डॉक्टर कफील पिछले 6 महीनों से जेल में बंद हैं. हाल ही में उनकी हिरासत को 3 महीने के लिए बढ़ाया गया था. डॉक्टर कफील ने जेल से पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख रिहा करने और कोविड-19 मरीजों की सेवा करने की मांग की थी, उन्होंने सरकार के लिए एक रोडमैड भी भेजा था.
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 अगस्त 2017 को ऑक्सीजन की कमी के चलते कई बच्चों की मौत हो गई. अखबारों और सोशल मीडिया में डॉ कफील को हीरो बताया गया क्योंकि उन्होंने बाहर से सिलेंडर मांगकर कई बच्चों की जान बचाई
22 अगस्त को डॉ. कफील को लापरवाही बरतने और तमाम गड़बड़ियों के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया.
2 सितंबर 2017 को डॉक्टर कफील को जेल भेज दिया गया
25 अप्रैल 2018 को 8 महीने बाद डॉ. कफील को जमानत मिल गई
मार्च 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि डॉ. कफील की जांच पूरी होने के बाद 90 दिन के अंदर उनको सौंपी जाए
यह जांच रिपोर्ट 18 अप्रैल 2019 को आ गई थी. लेकिन डॉ. कफील को 26 सितंबर को दी गई
अलीगढ़ विश्वविद्यालय में 13 दिसंबर 2019 को कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार -
नई दिल्ली : वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है। न्यायपालिका के खिलाफ अपने दो ट्वीट को लेकर न्यायालय की अवमानना के दोषी ठहराए गए वकील प्रशांत भूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने 1 रुपए का आर्थिक जुर्माना लगाया। कोर्ट ने प्रशांत भूषण को 15 सितंबर तक उसकी रजिस्ट्री में एक रुपये की जुर्माना राशि जमा करने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि जुर्माना राशि जमा कराने में विफल रहने पर तीन माह की जेल हो सकती है और वकालत से तीन साल तक प्रतिबंधित किया जा सकता है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को प्रशांत भूषण की सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। माफी मांगने से पहले ही इनकार कर चुके प्रशांत भूषण को कोर्ट ने 30 मिनट का समय दिया था और कहा था कि अपने रुख पर फिर विचार कर लें। लेकिन इसके बाद भी भूषण का विचार नहीं बदला तो कोर्ट ने यहां तक पूछा कि माफी मांगने में क्या गलत है, क्या यह बहुत बुरा शब्द है? न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने भूषण के खिलाफ अपना फैसला सुनाया।
अवमानना मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर प्रशांत भूषण 1 रुपए का जुर्माना 15 सितंबर तक नहीं भरते हैं तो इस स्थिति में उन्हें तीन महीने की जेल हो सकती है या फिर तीन साल तक वाकलत करने से रोक दिया जाएगा। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता, लेकिन दूसरों के अधिकारों का भी सम्मान किये जाने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद माना जा रहा है कि प्रशांत भूषण अपनी बात रखने के लिए आज शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
प्रशांत भूषण द्वारा न्यायालय की तरफ से माफी मांगने के सुझाव को खारिज किए जाने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने 25 अगस्त को शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कोर्ट की ओर से 'स्टेट्समैन' जैसा संदेश दिया जाना चाहिए और भूषण को शहीद न बनाएं। तीन न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति मिश्रा ने सजा के मुद्दे पर उस दिन अपना फैसला सुरक्षित रखा था। न्यायमूर्ति मिश्रा दो सितंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को भूषण को न्यायापालिका के खिलाफ उनके दो अपमानजनक ट्वीट के लिए उन्हें आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया था। भूषण का पक्ष रख रहे धवन ने भूषण के पूरक बयान का हवाला देते हुए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि वह अपने 14 अगस्त के फैसले को वापस ले ले और कोई सजा न दे। उन्होंने अनुरोध किया कि न सिर्फ इस मामले को बंद किया जाना चाहिए, बल्कि विवाद का भी अंत किया जाना चाहिए।
अटॉर्नी जनरल ने माफ करने की अपील की थीवहीं, अटॉर्नी जनरल के. के वेणुगोपाल ने अदालत से अनुरोध किया कि वह भूषण को इस संदेश के साथ माफ कर दे कि उन्हें भविष्य में ऐसा कृत्य नहीं दोहराना चाहिए। पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी भी शामिल हैं। पीठ ने ट्वीटों को लेकर माफी न मांगने के रुख पर पुनर्विचार के लिए भूषण को 30 मिनट का समय भी दिया था।
कोर्ट में भूषण ने किया था गांधी के कथन जिक्रप्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें इस बात से पीड़ा हुई है कि उन्हें इस मामले में 'बहुत गलत समझा गया'। उन्होंने कहा 'मैंने ट्वीट के जरिए अपने परम कर्तव्य का निर्वहन करने का प्रयास किया है।' महात्मा गांधी को उद्धृत करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा था, 'मैं दया की भीख नहीं मांगता हूं और न ही मैं आपसे उदारता की अपील करता हूं। मैं यहां किसी भी सजा को शिरोधार्य करने के लिए आया हूं, जो मुझे उस बात के लिए दी जाएगी जिसे कोर्ट ने अपराध माना है, जबकि वह मेरी नजर में गलती नहीं, बल्कि नागरिकों के प्रति मेरा सर्वोच्च कर्तव्य है।'
कब के ट्वीट का है मामलागौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्विटर पर न्यायाधीशों को लेकर की गई टिप्पणी के लिए 14 अगस्त को उन्हें दोषी ठहराया था। प्रशांत भूषण ने 27 जून को न्यायपालिका के छह वर्ष के कामकाज को लेकर एक टिप्पणी की थी, जबकि 22 जून को शीर्ष अदालत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबडे तथा चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर दूसरी टिप्पणी की थी। -
नई दिल्ली : दिल्ली कैंट स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल की ओर से शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मेडिकल बुलेटिन जारी की गई। अस्पताल की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक, 'प्रणब मुखर्जी की गहन देखभाल की जा रही है और उनके फेफड़ों में संक्रमण का इलाज जारी है। उनके गुर्दे के मापदंडों में सुधार हुआ है। वह गहरे कोमा में हैं और अब भी जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं। वह हेमोडायनामिक रूप से स्थिर हैं।'
अस्पताल ने एक बयान में कहा कि ‘‘प्रणब मुखर्जी की गहन देखभाल की जा रही है और उनके फेफड़ों में संक्रमण का इलाज भी जारी है। उनके गुर्दे के मापदंडों में सुधार हुआ है, लेकिन अब भी वह गहरे कोमा में हैं और जीवनरक्षक प्रणाली पर ही हैं। वह हिमोडायनामिकल्ली स्थिर हैं।’’
इससे पहले शुक्रवार को मेडिकल बुलेटिन में बताया गया था कि 'प्रणब मुखर्जी गहरे कोमा में हैं और अब भी वह जीवनरक्षक प्रणाली पर हैं। फेफड़ों के संक्रमण और गुर्दे की समस्या के लिए उनका इलाज किया जा रहा है। उनके अहम और क्लिनिकल पैरामीटर स्थिर बने हुए हैं यानी वे हेमोडायनामिक रूप से स्थिर हैं।
इससे पहले बुधवार को दिल्ली कैंट स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल ने बताया था कि मंगलवार से उनके रेनल पैरामीटर (गुर्दे के मापदंड) अव्यवस्थित हो गए हैं। वे लगातार गहरे कोमा में हैं और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।
मुखर्जी (84) को दस अगस्त को दिल्ली कैंट स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुखर्जी के मस्तिष्क में खून के थक्के जमने के बाद उनका ऑपरेशन किया गया था।अस्पताल में भर्ती कराए जाने के समय वह कोविड-19 से भी संक्रमित पाए गए थे। इसके बाद उन्हें श्वास संबंधी संक्रमण हो गया था। मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में 2012 से 2017 तक पद पर रहे।
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नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार सिंतबर में JEE और NEET परीक्षा करवाने जा रही है, जिसको लेकर विरोध बढ़ता ही जा रहा है, जिसमें राजनीतिक दलों के अलावा बहुत सारे छात्र भी शामिल हैं, अब इन छात्रों के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उतर आए हैं, उन्होंने छात्रों के समर्थन में ऑनलाइन कैंपेन शुरू की है, जिसमें छात्रों समेत लोगों से जुड़ने की अपील की गई है, छात्रों की मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
राहुल गांधी ने छेड़ी ऑनलाइन मुहिम राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि लाखों परेशान छात्रों के साथ अपनी आवाज़ जोड़िए। #SpeakUpForStudentSafety आज 10 बजे से। आइए, सरकार से छात्रों की बात सुनने की मांग करें। आपको बता दें कि बुधवार को गैर-भाजपा शासित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मिलकर इन परीक्षाओं को टलवाने के पक्ष में अपनी आवाज उठाई।
कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतरे बैठक के बाद कांग्रेस ने ऐलान किया कि वो परिक्षाओं की तारीख आगे बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगी। जिसके बाद आज कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतरे, साथ ही दोनों परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की है।
150 से अधिक शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा तो वहीं एक दिन पहले भारत और विदेशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 150 से अधिक शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई (मुख्य) और नीट में यदि और देरी हुई तो छात्रों का भविष्य इससे प्रभावित होगा, जो कि सही नहीं है। इन शिक्षाविदों ने अपने पत्र में कहा कि कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं, ये लोग सिर्फ अपने मतलब के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
4000 से अधिक छात्रों ने की भूख-हड़ताल गौरतलब है कि राजनेताओं के साथ-साथ छात्रगण भी कोरोना वायरस (कोविड-19) के बीच परीक्षाओं के आयोजन को गलत मान रहे हैं। देशभर के 4000 से अधिक छात्रों ने इन परीक्षाओं को स्थगित करवाने की मांग को लेकर एक दिन की भूख हड़ताल भी की थी, जबकि शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने परीक्षा कराए जाने के केंद्र के फैसले का समर्थन किया है। उनका कहना है कि छात्र और उनके माता-पिता खुद ये चाहतें हैं कि परीक्षा हो, उन्होंने कहा कि जेईई में बैठने वाले 80 फीसदी छात्रों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए गए हैं। -
नई दिल्ली: देश भर में मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति मांग रही याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हर जगह स्थानीय प्रशासन स्थिति के हिसाब से निर्णय लेता है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। पूरे देश पर लागू होने वाला कोई आदेश नहीं दिया जा सकता। आपको बता दें कि शिया धर्म गुरु कल्बे जव्वाद ने इस मामले में याचिका दाखिल की थी। मामला सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े को अध्यक्षता वाली बेंच में लगा।
धर्मगुरु की तरफ से पेश वकील ने कहा कि पूरा एहतियात बरतते हुए जुलूस निकालने की अनुमति दी जानी चाहिए। जिस तरह पूरी में रथ यात्रा की अनुमति दी गई। पर्यूषण पर्व के दौरान जैन समुदाय को मंदिर में जाने की अनुमति दी गई। वैसा ही इस मामले में भी किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि 'सामान्य आदेश' की अनुमति "अराजकता पैदा कर सकती है'। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक विशेष समुदाय को कोविड को फैलाने के लिए लक्षित किया जाएगा। हम उन आदेशों को पारित नहीं करेंगे, जो इतने लोगों के स्वास्थ्य को जोखिम में डाल सकते हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मुहर्रम के जुलूस के लिए कोई चिन्हित स्थान नहीं होता है, जहां प्रतिबंध और सावधानी बरती जा सकती है। बेंच ने कहा कि आप इस समुदाय के लिए पूरे देश के लिए अस्पष्ट निर्देश मांग रहे हैं। -
नई दिल्ली : कोरोना वायरस ने बीते 24 घंटे में अब तक के सारे रिकॉर्ड को तोड़ दिए। 75,760 नए पॉजिटिव केस के साथ भारत में कुल मामलों की संख्या 33 लाख के पार कर गई। आपको बता दें कि एक दिन में सामने वाले पॉजिटिव केस की यह सर्वाधिक संख्या है। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 1023 मरीजों की मौत भी हो गई।
केंद्र सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों पर अगर गौर करें तो भारत में कोरोना के कुल मामले 33,10,235 हो गए हैं। इनमें से 7,25,991 एक्टिव केस हैं। इसके साथ ही अभी तक 25,23,772 मरीज या तो स्वस्थ हो चुके हैं या फिर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
अगर कोरोना से होने वाले मौत के आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में अभी तक 60,472 मरीजों की इस माहामारी के कारण जान चली गई है।
ओडिशा में 200 करोड़ के विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलानकोरोना वायरस कहर के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे ओडिशा के गरीब परिवारों और जरूरतमंदों के लिए नवीन पटनायक सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को राज्य में कोविड-19 महामारी से प्रभावित गरीब और अत्यंत गरीब परिवारों के लिए 200 करोड़ रुपये के विशेष सहायता पैकेज की मंजूरी दी। नवीन पटनायक ने राज्य में कोविड-19 के हालात और उसके प्रबंधन की समीक्षा बैठक के दौरान इस स्पेशल पैकेज की मंजूरी दी। यह बैठक वर्चुअल थी और इसमें कलेक्टर से लेकर सीनियर सरकारी अधिकारी शामिल थे।
आधिकारिक बयान में कहा गया, 'मुख्यमंत्री पटनायक ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार पर जोर देते हुए कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित राज्य में गरीब और अत्यंत गरीब परिवारों के लिए 200 करोड़ रुपये के विशेष सहायता पैकेज को मंजूरी दी। यह विशेष सहयोग पैकेज ग्रामीण गरीब, बहुत गरीब और प्रवासियों को आजीविका गतिविधियों के विकास में मदद करेगा।' -
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोतवाली काकोरी में हरदोई रोड पर रोडवेज बसों की आमने-सामने की भीषण टक्कर हुई है। हादसे में छह यात्रियों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक ट्रक को ओवर टेक कर आगे निकली रोड वेज बस हरदोई की तरफ से आ रही रोड वेज बस से आमने सामने जा भिड़ी। सुबह करीब 6 बजे हरदोई रोड पर अमेठीया मोड़ के पास हादसा हुआ। लखनऊ से रोडवेज बस हरदोई की तरफ जा रही थी तभी रास्ते मे हरदोई रोड पर अमेठीया मोड़ पड़ाका फैक्ट्री के पास ट्रक को ओवर टेक कर आगे निकली यह बस हरदोई की तरफ से सामने से आ रही रोडवेज बस टकरा गई। वहीं पीछे से आ रहा ट्रक भी बसों में भिड़ गया। आमने सामने टक्कर से बसों के परखच्चे उड़ गए।
हादसा इतना भीषण था कि बसों के परखच्चे करीब 500 मीटर के दायरे में फैल गए । हादसे में रोड किनारे होटल पर बैठे लोग भी चपेट आ गए। टक्कर के बाद बसे व ट्रक आपस मे फंस गए। राहगीरो ने हादसे की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने जेसीबी व क्रेन बुलाकर फंसी बसों व ट्रक को अलग कर घायलों व मृतको को बाहर निकाला। करीब 3 घण्टे बचाव कार्य चला। पुलिस ने घायलों को इलाज़ के लिए ट्रामा सेंटर भेजा ।
मौके पर जेसीपी नवीन अरोरा व डीसीपी साउथ राइस अख्तर ,सुरेश चन्र्द रावत ,पहुँचे। डीसीपी साउथ के मुताबिक हादसे में छह लोग की मौत की सूचना की पुष्टि है। हादसे में करीब डेढ़ दर्जन लोगों के घायल होने की भी पुष्टि की वहीं मौके पर कैसर बाग बस डिपो के एआरएम गौरव वर्मा भी पहुँचे। गौरव वर्मा ने बताया कि मृतको में बसों के दोनो चालक भी शामिल है। वही ट्रक चालक हादसे में सुरक्षित बच गया।
एसीपी एसएम कासिम आबिदी ने इसकी पुष्टि की है। मृतकों में नितेश भारती, लकी सक्सेना, राजेंद्र सक्सेना, सरवाघार, हरीराम व एक महिला शामिल है। -
एजेंसीनई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी की वजह से वैश्विक पर्यटन उद्योग पूरी तरह 'ध्वस्त हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को कहा कि इस महामारी की वजह से पर्यटन उद्योग को इस साल के पहले पांच महीनों में 320 अरब डॉलर के निर्यात का नुकसान हुआ है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग में 12 करोड़ नौकरियां खतरे में हैं।
गुतारेस ने वीडियो संबोधन में कहा कि पर्यटन वैश्विक अर्थव्यवस्था का ईंधन और रसायन के बाद तीसरा सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र है। 2019 में वैश्विक व्यापार में इसका हिस्सा सात प्रतिशत रहा था। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि पृथ्वी पर प्रत्येक 10 में से एक व्यक्ति को इस क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सिर्फ अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ने में ही मदद नहीं करता, बल्कि इसके जरिये लोगों को दुनिया की संस्कृति को जानने तथा प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाने का अवसर भी मिलता है। इसके जरिये लोगों को एक-दूसरे को जानने का मौका मिलता है। गुतारेस ने कहा कि 2020 के पहले पांच महीनों में महामारी की वजह से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आवाजाही 50 प्रतिशत से भी अधिक घट गई है। क्षेत्र की आय बुरी तरह प्रभावित हुई है।
गुतारेस ने कहा कि यह अमीर विकसित देशों के लिए एक 'बड़ा झटका है, लेकिन विकासशील देशों लिए तो 'आपात स्थिति है। इनमें कई छोटे द्वीपीय विकासशील देश और अफ्रीकी देश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा 20 प्रतिशत से अधिक है। -
बेंगलुरु : कर्नाटक मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के दौरे के विरोध में किसानों ने बेलगावी हवाई अड्डे पर सड़क जाम कर दिया। किसान बाढ़ के दौरान अपनी क्षतिग्रस्त फसलों के लिए राज्य सरकार द्वारा पिछले साल घोषित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री किसान योजना से राज्य के 52.5 लाख किसानों को लाभ मिलने की जानकारी साझा की थी। इस दौरान उन्होंने बताया था कि 1,049 करोड़ रुपये का पहला किश्त उनके खाते में किसानों के खाते में आया है। गौरतलब कि पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के किसानों के लिए एक लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की थी।
इस योजना के बाद बाद येदियुरप्पा ने ट्वीट कर कर कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार मानती है कि भारत का भविष्य उसके किसानों के कल्याण में निहित है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय का शुक्रिया अदा किया, जिससे कर्नाटक में 52.5 लाख किसानों को लाभ मिला है। -
नई दिल्ली : वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगने से इनकार कर दिया है। भूषण ने शीर्ष अदालत में अपना बयान दाखिल कर कहा है कि उनका बयान सद्भावनापूर्ण था और मांफी मांगने पर उनकी अंतरात्मा की अवमानना होगी।
प्रशांत भूषण ने कहा, मेरा मानना है कि सुप्रीम कोर्ट मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए आशा का अंतिम गढ़ है। उन्होंने कहा, मेरा बयान सद्भावनापूर्थ था और अगर मैं इस अदालत से माफी मांगता हूं तो ये मेरी अंतरात्मा और उस संस्थान की अवमानना होगी जिसमें मैं सर्वोच्च विश्वास रखता हूं।गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील को अदालत की अवमानना का दोषी माना है। ऐसे में उन्हें बिना शर्त माफी मांगने का मौका दिया गया था, जिसकी समयसीमा का आखिरी दिन आज था।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने अवमानना मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने भूषण को अपने बयान पर विचार करने के लिए कहा था। अदालत का कहना था कि भूषण चाहें तो 24 अगस्त तक बिना शर्त माफीमाना दाखिल कर सकते हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो 25 अगस्त को अदालत उनके खिलाफ सजा पर फैसला सुनाएगी।
मैं नहीं करता दया की अपील: प्रशांत भूषणअदालत के फैसले पर प्रशांत भूषण ने कहा कि मुझे पीड़ा है कि मुझे अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया गया है। जिसकी महिमा मैंने दरबारी के रूप में नहीं बल्कि 30 सालों से एक संरक्षक के रूप में बनाए रखने की कोशिश की है। मैं सदमे में हूं और इस बात से निराश हूं कि अदालत इस मामले में मेरे इरादों का सबूत दिए बिना ही निष्कर्ष पर पहुंची है। उन्होंने महात्मा गांधी के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मैं दया की अपील नहीं करता हूं। अदालत से जो भी सजा मिलेगी वो मुझे मंजूर है।
क्या है पूरा मामला22 जून को वरिष्ठ वकील ने अदालत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एसए बोबडे और चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद 27 जून के ट्वीट में प्रशांत भूषण ने सर्वोच्च न्यायालय के छह साल के कामकाज को लेकर टिप्पणी की थी। इन ट्वीट्स पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत ने उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की थी।
अदालत ने उन्हें नोटिस भेजा था। इसके जवाब में भूषण ने कहा था कि सीजेआई की आलोचना करना उच्चतम न्यायालय की गरिमा को कम नहीं करता है। उन्होंने कहा था कि पूर्व सीजेआई को लेकर किए गए ट्वीट के पीछे मेरी एक सोच है, जो बेशक अप्रिय लगे लेकिन अवमानना नहीं है।
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एजेंसीहैदराबाद : हैदराबाद में 25 साल की एक महिला ने आरोप लगाया है कि बीते कई साल में 139 से ज्यादा लोगों ने उसका यौन उत्पीड़न किया है. महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.
पीड़ित महिला की साल 2010 में शादी हुई थी लेकिन साल भर के अंदर उसका तलाक हो गया. शिकायत में महिला ने यह आरोप भी लगाया है कि उसके पूर्व पति के घरवालों में भी कुछ ने उसका यौन उत्पीड़न किया. महिला की शिकायत पर आईपीसी की धारा और एससी/एसटी एक्ट के तहत गुरुवार को एफआईआर दर्ज कर ली गई. पुलिस ने 42 पन्नों में एफआईआर दर्ज की है. महिला का मेडिकल परीक्षण करा लिया गया है.
पुलिस ने क्या बताया
हैदराबाद के पुंजूगुट्टा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है. इस थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर एक मुकदमा दर्ज किया गया है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है. महिला के मुताबिक उसे धमकियां दी जाती रहीं और बीते कई साल में 139 से ज्यादा लोगों ने उसका यौन उत्पीड़न किया. ये वारदात अलग-अलग जगहों पर किए जाने का आरोप लगाया गया है.
इस मामले में सवाल ये भी उठा कि इतने वर्षों बाद केस क्यों दर्ज कराया गया, जबकि मामला गंभीर था. इस पर महिला का कहना है कि उसे आरोपियों से डर था क्योंकि समय-समय पर उसे धमकाया जाता था. डर की वजह से वह पुलिस में नहीं गई और मुकदमा दर्ज होने में देर होती रही. हालांकि, अब केस दर्ज कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पुलिस के मुताबिक आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है.
नामचीन लोगों पर आरोप
जिन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं उनमें फिल्म इंडस्ट्री के लोग, छात्र नेता, राजनेताओं के पीए, वकील, मीडियाकर्मी और बिजनेसमैन शामिल हैं. महिला ने कहा कि शादी के बाद उसके ससुराल वाले शारीरिक और यौन उत्पीड़न करने लगे और इस वजह से उसने तलाक ले लिया. बाद में उसने अपने होमटाउन में एक कॉलेज में दाखिला लिया जहां उसे यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. उस वक्त उसने बात नहीं उठाई क्योंकि आरोपियों ने उसकी पिक्चर ले ली थी और वीडियो भी बना लिए थे. उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी.
महिला ने आरोप लगाया है कि कई बार उसे सिगरेट से जलाया गया. एक एनजीओ से मदद मिलने के बाद उसने पुलिस में केस दर्ज कराया. आईपीसी की धारा 376(2), 509, 354 (a) 354 (b) 354 (c) में मकदमा दर्ज हुआ है. -
एजेंसीनई दिल्ली : दुनिया में कोरोना की रफ्तार जारी है. कोरोना महामारी के मामले अब बढ़कर 2.29 करोड़ के पार पहुंच गए हैं. वहीं कोविड-19 संक्रमण से मरने वालों की संख्या अब 7.97 लाख से ज्यादा हो गई है. अमेरिका, ब्राजील, भारत और रूस में इसका सबसे ज्यादा असर है. भारत में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 30 लाख के करीब पहुंच गई है. वहीं, 22 लाख से ज्यादा लोग इस महामारी से ठीक होकर घर पहुंच गए हैं. हालांकि, भारत में 55,794 हजार कोरोना मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं.दिल्ली में 13 मरीजों की मौतदिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,250 नए मामले सामने आने के बाद शहर में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,58,604 हो गई. दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के ताजा बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में इस घातक वायरस के कारण 13 मरीजों की मौत होने के साथ ही यहां अब तक संक्रमण से 4,270 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, गुरुवार को कोविड-19 के 1,215 नए मामले सामने आए थे, जबकि 22 मरीजों की मौत हुई थी. दिल्ली में 23 जून को एक ही दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक 3,947 मामले सामने आए थे.
महाराष्ट्र में कोरोना के 14,161 नए केसमहाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 14,161 नए मामले सामने आए और इसके साथ ही राज्य में इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 6,57,450 हो गई. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 339 मरीजों की मौत हो जाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 21,698 हो गई. इस बीच 11,749 मरीजों को स्वस्थ होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई. इसके साथ ही स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या 4,70,873 हो गई. राज्य में मरीजों के स्वस्थ होने की दर 71.62 है जबकि मृत्यु दर 3.30 प्रतिशत है. राज्य में अभी 1,64,562 लोग इस वायरस से संक्रमित हैं. -
एजेंसीनई दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण के मामले हर रोज नया रिकॉर्ड कायम कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से हर रोज 50 हजार से अधिक कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच देश की अग्रणी प्राइवेट लैब ने दावा किया कि देश में हर चार लोगों में एक व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो सकता है। लैब का दावा है कि कोरोना के आधिकारिक आंकड़ों से असल आंकड़े कहीं ज्यादा हो सकते हैं। थायरोकेयर पैथोलॉजी के डॉक्टर ए. वेलुमणि ने कहा कि 270000 एंटिबॉडी टेस्ट का विश्लेषण किया गया, जिसके नतीजों में यह बात सामने आई है कि 26 फीसदी लोगों में पहले से ही कोरोना की एंटीबॉडी मौजूद हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि ये लोग पहले ही कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और खुद ही ठीक भी हो गए हैं।
उम्मीद से कहीं ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित डॉक्टर वेलुमणि ने कहा कि यह आंकड़ा अपेक्षा से कहीं ज्यादा है। एंटीबॉडी की मौजूदगी सभी उम्र के लोगों में एक समान है, यहां तक कि बच्चों में भी यह एक समान है। थायरोकेयर के यह नतीजे मुंबई शहर के सरकारी सर्वेक्षणों के आधार पर ही किए गए हैं, जिससे यह पता चला है कि भीड़-भाड़ वाली बस्तियों में 57 फीसदी आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित थी। बता दें कि थायरोकेयर का सर्वे उन मरीजों के टेस्ट पर आधारित है जिन्होंने पैसे देकर अपना कोरोना टेस्ट कराया है। देश के 600 शहरों में पिछले सात हफ्तों में लोगों ने थायरोकेयर में कोरोना टेस्ट कराया है।
40 फीसदी आबादी हो सकती है संक्रमित डॉक्टर वेलुमणि ने कहा कि अगर मौजूदा ट्रेंड जारी रहता है तो देश की 40 फीसदी आबादी के अंदर दिसंबर माह तक कोरोना का एंटिबॉडी डेपलप हो सकता है। बता दें कि देश में मौजूदा समय में कोविड-19 पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 29,05,824 हो गई है, जिसमें 6,92,028 सक्रिय मामले, 21,58,947 ठीक/डिस्चार्ज/ विस्थापित मामले और 54,849 मौतें शामिल हैं।
टेस्टिंग में इजाफा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, 20 अगस्त तक कोरोना वायरस के लिए कुल 3,34,67,237 सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 8,05,985 सैंपल गुरुवार को टेस्ट किए गए। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण का कहना है कि देश में पिछले 24 घंटों में 9,18,470 कोविड-19 टेस्ट किए गए हैं। टेस्ट प्रति मिलियन की संख्या अब 23,668 हो गई है। भारत में अब तक लगभग 21 लाख लोग रिकवर हो चुके हैं। इसी के साथ भारत की रिकवरी दर 74% हुई है। -
बिहार : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के समधी और विधायक चंद्रिका राय ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. चंद्रिका राय ने दो आरजेडी विधायकों के साथ नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में शामिल हो गए हैं. चंद्रिका राय, तेज प्रताप यादव के ससुर हैं.
चंद्रिका राय के साथ आरजेडी के दो और विधायक जेडीयू में शामिल हुए हैं. ये फराज फातमी और जयवर्धन यादव हैं. चंद्रिका राय छपरा के परसा विधानसभा सीट से विधायक हैं. बीते दिनों तेज प्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के बीच रिश्ते बेहद खराब हो गए थे, जिसके बाद चंद्रिका राय ने आरजेडी छोड़ दी.
चंद्रिका राय के अलावा जेडीयू में शामिल होने वाले जयवर्धन यादव पटना के पालीगंज विधानसभा सीट से विधायक हैं. उनके अलावा दरभंगा के केवटी से आरजेडी विधायक फराज फातमी भी जेडीयू में शामिल हो गए. दो दिन ही फराज फातमी को आरजेडी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
पूर्व सांसद और एक वक्त लालू के करीबी रहे अशरफ अली फातमी के बेटे फराज फातमी के साथ प्रेमा चौधरी और महेश्वर यादव को भी आरजेडी ने बाहर का रास्ता दिखाया था. महेश्वर यादव और प्रेमा चौधरी अगले ही दिन जेडीयू ज्वॉइन कर लिया था. -
नई दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कई महत्वपूर्ण फैसलों का एलान किया। बताया गया कि देश के तीन और हवाईअड्डों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए लीज पर दिया गया है। साथ ही राष्ट्रीय भर्ती संस्था (एनआरए) को अधीनस्थ पदों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करने का अधिकार दे दिया गया है। इसके अलावा, गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) दाम 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये कुंतल करने को मंजूरी दी गई है।केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को बताया कि गन्ने का उचित एवं लाभकारी (एफआरपी) दाम 10 रुपये बढ़ाकर 285 रुपये कुंतल करने को मंजूरी दी गई है। यह दाम गन्ने के अक्तूबर 2020 से शुरू होने वाले नए विपणन सत्र के लिए तय किया गया है।जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में गन्ने का 2020- 21 (अक्तूबर- सितंबर) विपणन वर्ष के लिए एफआरपी दाम 10 रुपये कुंतल बढ़ाने को मंजूरी दी गई।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, नौकरी के लिए युवाओं को बहुत से टेस्ट देने होते हैं। इसे समाप्त करने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राष्ट्रीय भर्ती संस्था (एनआरए) कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट लेगी जिसका करोड़ों युवाओं को फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा, 1 करोड़ गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य बढ़ाकर 285 रुपये प्रति कुंतल निश्चित हुआ है। ये 10 फीसदी रिकवरी के आधार पर है। अगर रिकवरी 9.5 फीसदी या उससे भी कम रहती है तो भी गन्ना किसानों को संरक्षण देते हुए 270 रुपये दाम मिलेगा।
जावड़ेकर ने कहा, इथेनॉल भी सरकार अच्छे दाम पर लेती है। सरकार ने पिछले साल 60 रुपये प्रति लीटर के दाम पर 190 करोड़ लीटर इथेनॉल खरीदा था।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना के तहत पिछले साल के राजस्व के कार्यशील पूंजी की 25 फीसदी की सीमा से ऊपर डिस्कॉम को ऋण देने के लिए पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन को एकमुश्त छूट देने की मंजूरी दी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों को लीज पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
सरकार के लिए सचिव सी चंद्रमौली ने कहा कि केंद्रीय सरकार में लगभग 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं। यद्यपि हम अभी तक केवल तीन एजेंसियों की परीक्षा कर रहे हैं, समय के साथ हम सभी भर्ती एजेंसियों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा कर पाएंगे।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सरकारी नौकरियों के कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट करवाने के निर्णय को लेकर कहा, यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे ऐतिहासिक सुधारों में से एक है। यह भर्ती, चयन, नौकरी में आसानी और विशेष रूप से समाज के कुछ वर्गों के लिए जीवन यापन में आसानी लाएगा।
उन्होंने कहा, कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट की मेरिट लिस्ट 3 साल तक मान्य रहेगी, जिस दौरान उम्मीदवार अपनी योग्यता और पसंद के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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नई दिल्ली : सुशांत सिंह राजपूत केस में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on Sushant Singh Rajput Case) ने महाराष्ट्र सरकार को झटका देते हुए मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी CBI (CBI Probe) को दे दी है. महाराष्ट्र सरकार लगातार इस मामले में सीबीआई जांच का विरोध कर रही थी और उसका कहना था कि मामला मुंबई पुलिस के पास ही रहने दिया जाए. बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के सिलसिले में पटना में दर्ज केस मुंबई ट्रांसफर करने के लिए एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया है. फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि मामले की जांच CBI करेगी. कोर्ट ने पटना में दर्ज FIR को सही ठहराया है.
दो राज्यों के बीच उलझे इस मामले पर जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने फैसला सुनाया. जस्टिस रॉय ने 11 अगस्त को इस याचिका पर सुनवाई पूरी की थी. बताते चलें कि सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को मुंबई के अपने घर में मृत अवस्था में पाए गए थे.
पटना में FIR दर्ज करना और बिहार सरकार का CBI जांच की सहमति देना सही: SC
शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में पटना में एफआईआर और सीबीआई जांच के लिए बिहार सरकार की अनुशंसा को सही ठहराते हुए मुंबई पुलिस को निर्देश दिया है कि वो अब तक जुटाए गए सभी सबूत और दस्तावेज CBI को सौंपे. कोर्ट ने कहा है कि 'महाराष्ट्र सरकार कोर्ट के आदेश का पालन करे और सहायता करे'. अदालत का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने के फैसले को चुनौती देने के लिए स्वतंत्रता मांगी, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. यानी कि महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को चुनौती भी नहीं दे पाएगी.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'यह सुनिश्चित किया जाए कि राजपूत की आत्महत्या के पीछे के रहस्य की जांच का CBI को एकमात्र अधिकार होने के बारे में कोई भ्रम ना हो और कोई भी अन्य राज्य पुलिस इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती. CBI न केवल पटना एफआईआर बल्कि राजपूत की मौत के मामले से जुड़ी किसी अन्य एफआईआर की जांच करने में सक्षम होगी.'
SC ने कहा कि 'चूंकि मुंबई पुलिस ने राजपूत की मौत के लिए केवल एक्सीडेंटल मौत की रिपोर्ट दर्ज की थी, इसलिए इसमें सीमित जांच शक्तियां थीं. चूंकि बिहार पुलिस ने एक पूरी एफआईआर दर्ज की है, जिसे पहले से ही सीबीआई को भेज दिया गया है. केंद्रीय एजेंसी को मामले की जांच करनी चाहिए.' -
नई दिल्ली: बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सांस लेने में परेशानी के चलते शाह को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) भर्ती कराया गया.
बताया जा रहा है कोरोना से ठीक होने के बाद उन्हें अपने शरीर में कई तरह के प्रभाव दिख रहे थे, कुछ दिनों से उनके बदन में दर्द था. इसके बाद उन्हें कल रात एम्स में भर्ती कराया गया. गृह मंत्री की हालत स्थिर है.
इसी महीने कोरोना संक्रमित हुए थे शाह
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री इसी महीने 2 तारीख को कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे. उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने कहा था, ''कोरोना के शुरूआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मेरी तबीयत ठीक है परन्तु डॉक्टर्स की सलाह पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं. मेरा अनुरोध है कि आप में से जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आयें हैं, कृपया स्वयं को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं.''
इसके बाद 14 अगस्त को अमित शाह की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई. तब उन्होंने इलाज कर रहे मेदांता अस्पताल के सभी डॉक्टर्स व पैरामेडिकल स्टाफ का आभार व्यक्त किया था.
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जम्मू-कश्मीर : कश्मीर में आतंकियों ने सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की नापाक हरकत की है। बारामुला के क्रेरी क्षेत्र में सीआरपीएफ और पुलिस की नाका पार्टी पर आतंकियों ने फायरिंग की। आतंकियों की ओर से की गई फायरिंग में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक एसपीओ और सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए हैं। घटना के बाद इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश में अभियान चलाया जा रहा है।
आईजी कश्मीर जोन ने बताया कि आतंकियों ने क्रेरी क्षेत्र में पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त नाका पार्टी पर फायरिंग की। इस हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक एसपीओ और सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए हैं। इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश में ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।इससे पहले रविवार देर रात दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के हमले की साजिश को नाकाम करते हुए आईईडी बरामद की थी। आशंका जताई जा रही है कि सुरक्षाबलों के काफिले की गाड़ियों को उड़ाने की साजिश के तहत तूजान गांव के पास एक पुल के नीचे इसे प्लांट किया गया था।सूत्रों ने बताया कि सूचना पर पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने मौके पर पहुंचकर छानबीन की तो पुल के नीचे संदिग्ध वस्तु दिखी। बारीकी से छानबीन करने पर पता चला कि उक्त स्थान पर आईईडी प्लांट की गई है। तत्काल मौके पर बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया, जिसने इसे अपने कब्जे में ले लिया है।