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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री साय ने की रणजीता स्टेडियम के जीर्णोद्धार की घोषणा, खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए किया बड़ा ऐलान
खेलों में खिलाड़ियों की बढ़ती रुचि और सरकार के समर्थन से छत्तीसगढ़ खेल हब बनने की ओर अग्रसर - मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज जशपुर में स्व. दिलीप सिंह जूदेव स्मृति अखिल भारतीय गोल्ड कप फुटबॉल प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल हुए। इस प्रतियोगिता का आयोजन 8 फरवरी से 23 फरवरी 2025 तक जशपुर के रणजीता स्टेडियम में किया गया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के खिलाड़ियों को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर खिलाड़ियों को 3 करोड़, रजत पदक पर 2 करोड़ और कांस्य पदक पर 1 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि खेलों के प्रति खिलाड़ियों के बढ़ते उत्साह और सरकार के समर्थन से छत्तीसगढ़ खेल हब बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने रणजीता स्टेडियम के जीर्णोद्धार की घोषणा करते हुए कहा कि रणजीता स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप विकसित किया जाएगा।
प्रतियोगिता में देशभर के 16 राज्यों से आई राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल टीमों ने भाग लिया।प्रतियोगिता के फाइनल मैच में रेलवे नागपुर और एमईजी बैंगलूरू की टीमें आमने-सामने रहीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने फाइनल मुकाबले का आनंद लिया और विजेता टीम को बधाई दी। उन्होंने आयोजन समिति को सफल आयोजन के लिए सराहा और भविष्य में ऐसे आयोजनों को और अधिक भव्य बनाने का आश्वासन दिया। अनेक वर्षों के लंबे अंतराल के बाद रणजीता स्टेडियम में राष्ट्रीय स्तर की टीमों को खेलते हुए देखना खेल प्रेमियों के लिए रोमांचक अनुभव रहा।शहरवासियों के साथ-साथ आसपास के ग्रामीण अंचलों से भी बड़ी संख्या में दर्शक इस ऐतिहासिक मुकाबले का आनंद लेने पहुंचे।
इस अवसर पर जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनि भगत, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, नव निर्वाचित पार्षद, श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, श्रीमती शांति भगत, पार्षद फैजान सरवर, ओम प्रकाश, नरेश नंदे सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, खिलाड़ी, कोच और खेल प्रेमी उपस्थित रहे।पांच -
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रोटेशन पर साप्ताहिक अवकाश मिलेगा, 8 घंटे की कार्यावधि निर्धारित, हर महीने एक दिन का सवैतनिक आकस्मिक अवकाश भी
सभी स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों का श्रम विभाग में होगा पंजीयन, योजनाओं का मिलेगा लाभ
राज्य शासन ने नगरीय निकायों को जारी किए नए दिशा-निर्देश, कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने कहा
हर महीने कराया जाएगा स्वास्थ्य परीक्षण, हर तीन महीने में ब्लड टेस्ट, थॉयरॉइड टेस्ट, एलडीएच टेस्ट, टोटल कोलेस्ट्रॉल टेस्ट सहित कई तरह की जांच
वर्दी, एपरेन, दस्ताने, मोजे, मास्क, जूते, टोपी और रेनकोट भी दिए जाएंगे
रायपुर : नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने मिशन क्लीन सिटी के अंतर्गत नगरीय निकायों में कार्यरत स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों के लिए राहत का पिटारा खोला है। राज्य शासन द्वारा उनके लिए आठ घंटे की कार्यावधि निर्धारित करने के साथ ही साप्ताहिक अवकाश और महीने में एक दिन का सवैतनिक आकस्मिक अवकाश प्रदान करने के संबंध में नए दिशा-निर्देश सभी नगरीय निकायों को जारी किए हैं। साथ ही सभी स्वच्छता दीदियों और सफाई मित्रों का श्रम विभाग में पंजीयन कराकर विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान करने के भी निर्देश दिए हैं।
नगरीय प्रशासन विभाग ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नगरीय निकायों में लागू "मिशन क्लीन सिटी" के तहत निर्मित अधोसंरचना तथा स्वसहायता समूहों के संचालन एवं संधारण के लिए वर्ष 2016 में जारी निर्देशों को संशोधित कर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये नए दिशा-निर्देश रायपुर, भिलाई और रिसाली को छोड़कर शेष सभी नगर निगमों तथा सभी नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में लागू होंगे। निकायों में कार्यरत् विभिन्न स्वसहायता समूहों की मांगों पर संवेदनशीलता से विचार करते हुए उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन मंत्री श्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद विभाग ने नगर निगम आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को इस संबंध में परिपत्र जारी कर नए निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है। सभी क्षेत्रीय संयुक्त संचालकों को समय-समय पर निकायों का भ्रमण कर इन निर्देशों का पालन किया जाना प्रतिवेदित करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार स्वच्छता दीदियों/सफाई मित्रों की कार्यावधि आठ घण्टे निर्धारित की गई है। निकाय सुविधानुसार प्रातः छह बजे से दोपहर तीन बजे (एक घण्टे का भोजन अवकाश मिलाकर) या प्रातः सात बजे से शाम चार बजे तक कार्यावधि निर्धारित कर सकते हैं। विशेष अवसरों के अतिरिक्त निर्धारित कार्यावधि से अधिक कार्य कराया जाना प्रतिबंधित होगा। निकायों में प्रत्येक स्वच्छता दीदी/सफाई मित्र का कार्य रोस्टर स्वसहायता समूह द्वारा इस प्रकार तैयार किया जाएगा कि प्रत्येक सदस्य को रोटेशन आधार पर एक साप्ताहिक अवकाश अनिवार्यतः प्राप्त हो सके। नगरीय निकायों को इस बात का ध्यान रखने कहा गया है कि सभी सदस्यों का साप्ताहिक अवकाश एक ही दिन न पड़े, जिससे डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण एवं निपटान का कार्य प्रभावित न हो, तथा मणिकंचन केन्द्र में कचरे का जमाव न होने लगे।
राज्य शासन ने मिशन क्लीन सिटी के अंतर्गत कार्यरत् सभी सदस्यों का पंजीयन श्रम विभाग के पोर्टल पर अनिवार्यतः कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं तथा जीवन बीमा, मेडिकल क्लेम आदि का सम्पूर्ण लाभ सभी सदस्यों को दिलाने निकाय प्रमुख को प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने को कहा है।
परिपत्र में कहा गया है कि मिशन क्लीन सिटी अंतर्गत नियोजित मानव बल का कार्य डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण एवं निपटान की कार्यवाही करना है। किंतु कुछ निकायों द्वारा इनसे स्ट्रीट स्वीपिंग, नाली सफाई एवं अन्य प्रकृति के कार्य कराए जा रहे हैं। नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी निकायों को निर्देशित किया है कि मिशन क्लीन सिटी अंतर्गत नियोजित स्वच्छता दीदी/सफाई मित्रों से योजना के दिशा-निर्देशों के अतिरिक्त अन्य प्रकृति के कार्य कराए जाने पर पूर्णतः प्रतिषेध होगा। निर्देशों के उल्लंघन पर जिम्मेदारी का निर्धारण कर कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
नगरीय प्रशासन विभाग ने मिशन क्लीन सिटी के अंतर्गत नियोजित सभी मानव बल का मासिक स्वास्थ्य परीक्षण मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट में अनिवार्यतः कराया जाना सुनिश्चित करने को कहा है। प्रत्येक तीन माह में सभी सदस्यों का ब्लड टेस्ट, थॉयरॉइड टेस्ट, बीपी व शुगर टेस्ट, यूरीन टेस्ट, यूरीन कल्चर, यूरिक एसिड, एल्यूमिन टेस्ट, एलडीएच टेस्ट, टोटल कोलेस्ट्रॉल टेस्ट, वीएचडीएल टेस्ट एवं टीएचएस टेस्ट भी कराया जाएगा। इसके लिए जिला मुख्यालय के निकाय जिले के अन्य निकायों से समन्वय कर कैम्प प्लान तैयार कर कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
राज्य शासन ने स्वच्छता दीदियों/सफाई मित्रों के हितों को ध्यान रखते हुए माह में एक दिन का सवैतनिक आकस्मिक अवकाश प्रदान करने का निर्णय लिया है। हर एसएलआरएम माहवार प्रत्येक सदस्य के अवकाश का लेखा-जोखा संधारित करते हुए रजिस्टर में इंद्राज करेंगे तथा कटौती की गई राशि से ही वर्ष में एक बार राशि उपलब्धता के आधार पर बोनस राशि यथासंभव प्रदान की जाएगी या प्रत्येक सेंटर से उत्कृष्ट कार्य करने वाले एक सदस्य को विशेष दिवस पर इस राशि से सम्मान स्वरूप राशि या पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
मिशन क्लीन सिटी के तहत नए निर्देशों के मुताबिक एसएलआरएम सेंटर्स (मणिकंचन केन्द्र) तथा उसकी सामग्री की मरम्मत व संधारण निकाय द्वारा मरम्मत व संधारण मद अंतर्गत जारी राशि से किया जाएगा। विशेष परिस्थिति में वृहत मरम्मत कार्य की आवश्यकता पड़ने पर पृथक से राशि सुडा (SUDA) द्वारा प्रकरण का परीक्षण कर गुण-दोष के आधार पर प्रदान किया जाएगा। एसएलआरएम सेंटर्स के लिए नियुक्त सुपरवाइजर निकाय के नियमित कर्मचारी या स्वसहायता समूह के सदस्य होंगे। अन्य प्लेसमेंट कर्मचारी/स्वच्छता कमाण्डो आदि सुपरवाइजर नहीं बनाए जाएंगे। ट्रायसायकिल रिक्शा, मिनी टिप्पर आदि की मरम्मत का कार्य सुपरवाइजर द्वारा कराया जाएगा तथा निकाय द्वारा सुपरवाइजर को मरम्मत राशि की प्रतिपूर्ति की जाएगी। इसके लिए वार्षिक अधिकतम एक लाख रुपए तक के भुगतान के लिए यूजर चार्ज की राशि का उपयोग किया जा सकेगा।
सेहत की सुरक्षा और काम में सहूलियत के लिए दिए जाएंगे विभिन्न सामग्रीराज्य शासन ने मिशन क्लीन सिटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार मणिकंचन केन्द्रों में सफाई मित्रों को सेहत की सुरक्षा और काम में सहूलियत के लिए विभिन्न सामग्रियां निःशुल्क उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सफाई मित्रों को हर वर्ष पहचान पत्र, पुरूषों की वर्दी के लिए हरे रंग की दो टी-शर्ट, महिलाओं की वर्दी के लिए दो साड़ियां, दो एपेरन और एक रेनकोट प्रदान किया जाएगा। साथ ही हर तीन महीने में चार जोड़ी रबर के दस्ताने और चार जोड़ी कपड़े के दस्ताने, प्रत्येक दो माह में छह जोड़ी मोजे और छह मास्क, हर छह महीने में दो जोड़ी कपड़े के जूते और दो टोपियां दी जाएंगी। कंपोस्ट शेड में काम करने वाले सफाई मित्रों को प्रति वर्ष एक जोड़ी गमबूट भी प्रदान किए जाएंगे। -
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गृह ग्राम में सुभाशीष देने पहुंचे ग्रामीण
जशपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय अपने 61वें जन्मदिवस पर अपने गृह ग्राम बगिया पहुंचे। जहां उन्होंने अपनी माता श्रीमती जसमनी देवी से सपत्नी आशीर्वाद लिया। माता ने उन्हें स्नेह पूर्वक गले लगाते हुए लंबी उम्र के साथ राज्य की उन्नति हेतु उत्कृष्ट काम करने का आशीर्वाद दिया। उन्होंने अपने मामा श्री विश्राम साय का भी आशीर्वाद लिया।भांजे के जन्मदिन पर उन्होंने भांजे को उत्तम स्वास्थ्य का आशीष दिया। आज बगिया में मुख्यमंत्री श्री साय को जन्मदिन की बधाई देने के लिए उत्साहपूर्वक आस पास के ग्रामीण जमा हुए हैं। मुख्यमंत्री के घर में प्रवेश करने के साथ ही सभी ने मिलकर उन्हें जन्मदिन के सुभाशीष दिए। -
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बालिका गृह के लिए 10 लाख रुपए स्वीकृति की घोषणारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर के खम्हारडीह स्थित शासकीय बालिका गृह पहुंचकर अपना जन्मदिन नन्ही मुस्कानों के साथ सादगीपूर्वक मनाया। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने विशेष दिन को इन नन्हीं मुस्कानों के साथ साझा कर यह संदेश दिया कि समाज के हर वर्ग की खुशियों में भागीदार बनना ही सच्चे नेतृत्व की पहचान है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बालिका गृह में बच्चियों के संग केक काटा, उनके साथ समय बिताया और उनकी मासूम हँसी और बातों को आत्मीयता से सुना। इस दौरान बच्चियों ने अपनी छोटी-छोटी इच्छाएँ उनके सामने रखीं, जिनमें एक साउंड बॉक्स की माँग भी थी। मुख्यमंत्री ने इसे तत्काल पूरा करते हुए बालिका गृह को यह उपहार भेंट किया।इसके अलावा, उन्होंने बालिका गृह में कंप्यूटर, वॉटर कूलर एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए 10 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की, जिससे यहाँ रह रही बच्चियों की शिक्षा में कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्कूली जीवन की यादें की साझा
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर अपने स्कूली जीवन की यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि उनके गाँव का प्राथमिक स्कूल खपरेल वाला था, और बारिश के दिनों में पानी टपकता था। उन्होंने बच्चियों को बताया कि वे भाग्यशाली हैं कि उन्हें एक बेहतर छात्रावास और पढ़ाई के लिए अच्छा वातावरण मिला है। उन्होंने बच्चियों को लगन और मेहनत से पढ़ाई करने की प्रेरणा दी और समझाया कि शिक्षा ही सफलता की कुंजी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने देश-दुनिया के महान व्यक्तित्वों के जीवन संघर्षों का उदाहरण देते हुए कहा कि संघर्षों से घबराने के बजाय, उन्हें अपनी ताकत बनाना चाहिए। उन्होंने बच्चियों को विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए हर संभव सहायता देगी।
उल्लेखनीय है कि बालिका गृह में फिलहाल 57 बच्चियाँ रह रही हैं, जहाँ महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा उन्हें निशुल्क आवास, भोजन, शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस अवसर पर विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री साय ने जनता का आभार जताया, प्रदेश के विकास में निरंतर समर्पण का संकल्प दोहरायारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के जन्मदिन पर राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास देर रात तक उल्लास और स्नेह के वातावरण से भरा रहा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आए नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, उद्योगपतियों, समाजसेवियों और मीडिया प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी आगंतुकों से आत्मीयता से मुलाकात की और स्नेह, सम्मान और शुभकामनाओं के लिए कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आप सभी के प्रेम और सहयोग से मैं अभिभूत हूँ। छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना है। आपका निरंतर समर्थन और आशीर्वाद इसी तरह बना रहे, यही मेरी कामना है।
प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री निवास में मंत्रीगण, विधायकों और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री साय को बधाई दी। इस अवसर पर खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं दीं।इसके साथ ही विधायकगण श्री धरमलाल कौशिक, श्री राजेश मूणत, श्री सुनील सोनी, श्री पुरंदर मिश्रा, श्री गजेन्द्र यादव, श्री मोतीलाल साहू, गुरु खुशवंत साहेब, श्री दीपेश साहू और श्री ललित चन्द्राकर ने भी मुख्यमंत्री से भेंट कर जन्मदिन की बधाई दी।
प्रदेशभर से उमड़ा शुभकामनाओं का सैलाब
मुख्यमंत्री श्री साय को प्रदेश के उद्योगपतियों, व्यापारी संगठनों, खेल जगत के प्रतिनिधियों, समाजसेवियों, शिक्षाविदों और मीडिया जगत के वरिष्ठ जनों ने भी शुभकामनाएँ दीं। सोशल मीडिया पर भी मुख्यमंत्री को शुभकामनाओं का तांता लगा रहा, जहां हजारों लोगों ने उन्हें बधाई देते हुए उनके नेतृत्व में प्रदेश के विकास की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर सभी का आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश के सर्वांगीण विकास और समृद्धि के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और विकसित प्रदेश बनाने के लिए सरकार प्रत्येक वर्ग के हित में कार्य कर रही है, और यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से आज नई दिल्ली में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के अध्यक्ष डॉ वी नारायणन ने की मुलाक़ातरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से आज नई दिल्ली में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने भेंट कर छत्तीसगढ़ में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग से कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में नवाचारों को बढ़ावा देने पर गहन चर्चा की। इस महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ में सैटेलाइट आधारित सर्वेक्षण, भू-मानचित्रण (geo-mapping), प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और स्मार्ट एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर विशेष जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि, जल संसाधन, पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसरो के सहयोग से हम इन क्षेत्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कार्य करेंगे, जिससे किसानों को अधिक सटीक जानकारी मिले और राज्य के विकास को गति मिले।
इसरो का विशेषज्ञ दल करेगा छत्तीसगढ़ का दौरा
बैठक में बताया गया कि इसरो का एक विशेषज्ञ दल जल्द ही छत्तीसगढ़ का दौरा करेगा और राज्य में सैटेलाइट इमेजरी, जीआईएस (GIS) तकनीक और डेटा विश्लेषण के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों का विस्तृत अध्ययन करेगा। इसके तहत राज्य में मृदा स्वास्थ्य विश्लेषण, जल स्रोतों का सटीक आकलन, बाढ़ और सूखे की भविष्यवाणी, और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए डेटा-संचालित निर्णय लेने की प्रणाली विकसित की जाएगी।
छत्तीसगढ़ को मिलेगा अत्याधुनिक स्पेस टेक्नोलॉजी का लाभ
इसरो की विशेषज्ञता और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से छत्तीसगढ़ को कृषि, आपदा प्रबंधन, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग, पर्यावरण एवं वन संरक्षण सहित अन्य क्षेत्रों मे व्यापक लाभ होगा। कृषि क्षेत्र में सैटेलाइट डेटा के उपयोग से बेहतर फसल पूर्वानुमान, मिट्टी की गुणवत्ता सुधार, और जल संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन, बाढ़, सूखा और वनाग्नि जैसी प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व-चेतावनी प्रणाली को सशक्त बनाना, नगर नियोजन, परिवहन व्यवस्था, और पर्यावरणीय संतुलन के लिए अत्याधुनिक स्पेस डेटा के उपयोग सहित वन क्षेत्रों की निगरानी और अवैध कटाई की रोकथाम के लिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इसरो और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच साझेदारी से राज्य में तकनीकी प्रगति को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। इस पहल के तहत छत्तीसगढ़ अनुसंधान संस्थानों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे युवा वैज्ञानिकों को नवाचारों में योगदान देने का अवसर मिलेगा।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के नए युग में इसरो का सहयोग राज्य को भविष्य की तकनीकों से सशक्त बनाएगा, जिससे कृषि, पर्यावरण, जल प्रबंधन और आपदा न्यूनीकरण जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (21 फरवरी) के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान इसकी समृद्ध भाषायी विरासत और बहुभाषी संस्कृति में निहित है। छत्तीसगढ़ी, गोंडी, हल्बी, सरगुजिया, कुड़ुख, भतरी सहित अनेक लोकभाषाएँ यहां की सांस्कृतिक आत्मा को संजोए हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस हमें अपनी मातृभाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और विकास के प्रति जागरूक करता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मातृभाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारे समाज की जड़ों से जुड़ने का सेतु भी है। छत्तीसगढ़ में लोकगीतों, लोककथाओं और पारंपरिक ज्ञान की समृद्ध परंपरा हमारी मातृभाषाओं में संरक्षित है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुँचाना हमारी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अपनी मातृभाषाओं को बढ़ावा दें, बच्चों को अपनी बोली और भाषा से जोड़ें तथा छत्तीसगढ़ की भाषाई विविधता को संरक्षित करने में योगदान दें। -
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छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास को मिलेगा नया आयाम: आईओए विशेषज्ञ दल छत्तीसगढ़ आकर खिलाड़ियों को देगा मार्गदर्शनरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज नई दिल्ली में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्रीमती पी. टी. उषा ने सौजन्य भेंट की। इस महत्वपूर्ण मुलाकात में छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास, युवा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, खेल अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण और ओलंपिक स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए राज्य की तैयारियों को लेकर व्यापक चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य में खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई है।
आईओए का विशेषज्ञ दल देगा खिलाड़ियों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण
बैठक के दौरान श्रीमती पी. टी. उषा ने छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों के मार्गदर्शन के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा एक विशेष प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस दल में विभिन्न खेलों के अनुभवी कोच और विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो स्थानीय खिलाड़ियों को ओलंपिक स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए प्रशिक्षित करेंगे और उनकी खेल तकनीकों को निखारने में सहायता करेंगे।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, और यदि उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधन मिले तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। श्रीमती उषा ने राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों की सराहना की और इसे भारत के खेल प्रोत्साहन मॉडल के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बताया।
बस्तर ओलंपिक और अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन जैसे आयोजन खेल प्रतिभाओं को देंगे नई उड़ान
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं में खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने और छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने के लिए विशेष खेल आयोजनों का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में ‘बस्तर ओलंपिक’ का आयोजन किया गया, जिसमें 1.65 लाख से अधिक युवाओं ने भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना था।उन्होंने बताया कि 2 मार्च 2025 को ‘अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 5000 से अधिक युवा प्रतिभागी भाग लेंगे। इस प्रतिष्ठित मैराथन को तीन श्रेणियों – 21 किलोमीटर, 10 किलोमीटर और 5 किलोमीटर में आयोजित किया जाएगा। इस तरह के आयोजनों के माध्यम से सरकार युवाओं को खेलों की ओर प्रेरित कर रही है और राज्य को एक मजबूत खेल हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ के बीच यह साझेदारी राज्य में खेलों के विकास को नया आयाम देगी। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी, समाज सुधारक और प्रखर विचारक श्री गोपाल कृष्ण गोखले की पुण्यतिथि (19 फरवरी) पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोखले जी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की बौद्धिक और नैतिक नींव को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके विचारों और आदर्शों ने राष्ट्र की दिशा को नई ऊर्जा दी और अनेक स्वाधीनता सेनानियों को भी राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए प्रेरित किया।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि गोपाल कृष्ण गोखले जी का जीवन त्याग, निःस्वार्थ सेवा और चारित्रिक दृढ़ता का प्रतीक था। उन्होंने आत्मिक विकास और नैतिक मूल्यों को राजनीति और समाज सुधार के केंद्र में रखा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोखले जी का देश के प्रति योगदान भारतीय इतिहास में अमिट रहेगा और वे युवा पीढ़ी के लिए सदैव महान पथप्रदर्शक बने रहेंगे। -
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सुशासन को सुदृढ़ करने के लिए सीईजीआईएस और टीआरआई के साथ हुआ एमओयूमुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऐतिहासिक समझौते पर हुए हस्ताक्षर : प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और नीति-निर्माण में होगाक्रांतिकारी सुधारभ्रष्टाचार पर कसेगा शिकंजा, आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा सुगमता सेरायपुर : प्रदेश में शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में सुशासन एवं अभिसरण विभाग ने सेंटर फॉर इफेक्टिव गवर्नेंस ऑफ इंडियन स्टेट्स (CEGIS) और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया (TRI) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी से प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि, योजनाओं की प्रभावी निगरानी एवं क्रियान्वयन को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि संसाधनों का सही और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से हमने प्रदेश में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ की स्थापना की है। यह 58वां विभाग न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज हुए एमओयू से प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और नीति-निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।
ई-गवर्नेंस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि ई-गवर्नेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, शिकायत निवारण तंत्र और योजनाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग जैसी सुविधाओं को इस पहल से नया आयाम मिलेगा। इस एमओयू से न केवल सरकारी कर्मचारियों और युवाओं के कौशल विकास और क्षमता उन्नयन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि शासन की योजनाओं को अधिक प्रभावी और सुगम बनाया जाएगा।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि भ्रष्टाचार पर सख्त लगाम लगेगी और आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के प्राप्त होगा।
सीईजीआईएस और टीआरआई के सहयोग से नीति निर्माण को मिलेगी नई दिशा
सीईजीआईएस के फाउंडर श्री कार्तिक मुरलीधरन ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर राज्य की नीतियों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तकनीकी, विश्लेषणात्मक और रणनीतिक सहयोग देंगे। साथ ही, रणनीतिक बजटिंग और वित्तीय प्रबंधन में शासन को सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर की विशेषज्ञता और डेटा-ड्रिवन नीति निर्माण से छत्तीसगढ़ को व्यापक लाभ मिलेगा।
टीआरआई के सहयोग से ग्रामीण विकास को मिलेगा नया आयाम
ग्रामीण क्षेत्रों के सतत विकास के लिए TRI के साथ हुए समझौते के तहत, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और जल संरक्षण को नई दिशा मिलेगी। TRI के एसोसिएट डायरेक्टर श्री श्रीश कल्याणी ने बताया कि हम छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर स्थानीय शासन को सशक्त बनाने, सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने और ग्रामीण विकास को तेज गति देने में सहयोग करेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि-आधारित आजीविका और जलवायु अनुकूलन जैसे क्षेत्रों में व्यापक सुधार लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस महत्वपूर्ण समझौते के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग, सीईजीआईएस और टीआरआई के प्रतिनिधियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सुधारों की नई राह खुलेगी और राज्य की जनता को योजनाओं का त्वरित और प्रभावी लाभ मिलेगा।
इस ऐतिहासिक समझौते के अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि इस एमओयू की छत्तीसगढ़ में सुशासन की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के सचिव श्री राहुल भगत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस, तथा सीईजीआईएस और टीआरआई के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रगौरव के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (19 फरवरी) पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वीर शिवाजी महाराज केवल एक योद्धा ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी शासक, उत्कृष्ट रणनीतिकार और कुशल प्रशासक भी थे। उन्होंने अपनी नीतियों, अनुशासित सेना और संगठित प्रशासनिक व्यवस्था के माध्यम से शक्तिशाली और आत्मनिर्भर राज्य की नींव रखी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य एवं राष्ट्रप्रेम आज भी अनगिनत लोगों को प्रेरित करता है। उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और सूझबूझ से विपरीत परिस्थितियों में भी अद्वितीय विजय प्राप्त की। उनकी रणनीति, सुशासन और लोकहितकारी नीतियाँ सदियों तक प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन साहस, संकल्प और आत्मसम्मान का प्रतीक है। उनकी अमर गाथा भारत के युवाओं में राष्ट्रप्रेम और अदम्य उत्साह की भावना जागृत करती रहेगी। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के मुख्य बजट एवं नवीन मद प्रस्ताव पर मंत्री स्तरीय चर्चा के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के विभागों के बजट प्रस्ताव पर व्यापक चर्चा हुई। बैठक में वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी भी उपस्थित थे।बैठक में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी, मछली पालन, पशुपालन विभाग, ग्रामोद्योग, स्कूल शिक्षा, सामान्य प्रशासन, उच्च शिक्षा विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति, जनशिकायत निवारण, वाणिज्यिक कर (आबकारी), परिवहन, जनसंपर्क, खनिज साधन, विमानन, सुशासन एवं अभिसरण, ऊर्जा विभाग के बजट प्रस्तावों पर चर्चा हुई।बजट चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, वित्त विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार बंसल, खनिज साधन एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव श्री पी.दयानंद, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री अविनाश चम्पावत, कृषि विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, ग्रामोद्योग सचिव श्री यशवंत कुमार सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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राज्य सरकार पशुपालन को बना रही समृद्ध ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़, किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उठाए जा रहे ठोस कदमराष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के मार्गदर्शन में तैयार हुआ पायलट प्रोजेक्ट, डेयरी उद्योग को मिलेगी नई दिशारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कहा कि छत्तीसगढ़ में श्वेत क्रांति की तर्ज पर डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने और किसानों व पशुपालकों की आय दोगुनी करने की दिशा में राज्य सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन को लाभकारी व्यवसाय बनाने और प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के सहयोग से एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसके तहत व्यापक स्तर पर कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित बैठक में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि दिसंबर 2024 में राज्य सरकार और NDDB के बीच हुए समझौते के बाद छत्तीसगढ़ में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अधिकांश आबादी कृषि से जुड़ी है और अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन का कार्य भी करती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता में तैयार पायलट प्रोजेक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार लगभग 5 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 6 जिलों को शामिल किया गया है और सफल क्रियान्वयन के बाद इसे पूरे प्रदेश में विस्तारित किया जाएगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती, पोषण अभियान को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डेयरी उद्योग के विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इसके साथ ही, प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा, जिससे बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आएगा।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में वृद्धि और सरप्लस दूध के उपयोग को लेकर ठोस कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि दूध उत्पादन से जुड़े किसानों और पशुपालकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए ताकि वे आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी आय को बढ़ा सकें।
बैठक में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के चेयरमैन श्री मिनिष शाह ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 58 लाख किलोग्राम दूध का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली का गहन अध्ययन करने के बाद, दुग्ध उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों से दूध की गुणवत्ता जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। बायोगैस और बायो-फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से पशुपालकों की अतिरिक्त आय के स्रोत बढ़ेंगे, जिससे पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा।
छत्तीसगढ़ को डेयरी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प
मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों से कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन से छत्तीसगढ़ को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने डेयरी विकास, पशु उत्पादकता संवर्धन, पशु प्रजनन और पशु पोषण को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक योजना के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री का आह्वान – पशुपालन से समृद्धि की ओर बढ़े छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए दृढ़संकल्पित है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, संचालक पशुपालन श्री रिमिजियूस एक्का सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के द्वारा आयोजित दिव्यागजन सामूहिक विवाह समारोह में 31 दिव्यांग जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने सभी नवविवाहित जोड़ों के सुखी वैवाहिक जीवन की मंगलकामना करते हुए कहा कि यह आयोजन सामाजिक समरसता और दिव्यांगजनों के उत्थान का उत्कृष्ट उदाहरण है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। यह आयोजन भी देवतुल्य दिव्यांगजनों की सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने परिषद द्वारा विगत अनेक वर्षों से इस आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित करने की सराहना की और इसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाली पहल बताया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दिव्यांगजनों के सामूहिक विवाह आयोजन को समाज में समावेशिता और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दिव्यांगजनों की सेवा केवल एक सामाजिक दायित्व नहीं, बल्कि यह सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल 31 नवविवाहित दिव्यांग जोड़ों के लिए नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह समाज को दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता और सहयोग की प्रेरणा भी देता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जोड़े को 50,000 रुपये की सहायता दी जाती है। यदि पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हैं, तो दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत उन्हें एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोरमुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की लगभग 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक इस योजना की 12 किश्तें जारी की जा चुकी हैं, जिससे प्रदेश की माताओं और बहनों को आर्थिक संबल मिला है।
उन्होंने कहा कि बेटियां समाज का आधार स्तंभ हैं। वे न केवल परिवार को जोड़ती हैं, बल्कि संस्कारों की वाहक भी होती हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना ने एक दशक पूरा कर लिया है, जिससे बालिकाओं के सशक्तिकरण में अभूतपूर्व सफलता मिली है।
सामूहिक विवाह: सामाजिक समरसता की मिसालमुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सामूहिक विवाह अब सामाजिक परंपरा का हिस्सा बन गए हैं और इससे समाज में जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने इस आयोजन में कान्य कुब्ज ब्राह्मण समाज, मारवाड़ी युवा मंच, सीनियर सिटीजन वेलफेयर फोरम जैसी विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के योगदान की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देते हैं।
मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्ममुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और निःशक्तजनों की सेवा करना एक सौभाग्य की बात है। उन्होंने सभी स्वयंसेवी संगठनों को इस तरह के सामाजिक समरसता बढ़ाने वाले आयोजनों के लिए प्रेरित किया और आयोजन समिति को भव्य और प्रेरणादायक कार्यक्रम के लिए बधाई दी।
नवविवाहित जोड़ों को मुख्यमंत्री का आशीर्वादमुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा, "आपका दांपत्य जीवन सुखमय रहे, आप प्रेम और विश्वास के साथ आगे बढ़ें। मैं सभी नवविवाहित जोड़ों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।"
विशेष आकर्षण: दिव्यांग बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतिइस अवसर पर 'कोपलवाणी' के मूक-बधिर दिव्यांग बच्चों ने छत्तीसगढ़ी गीतों पर सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया। उनकी प्रतिभा ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री श्री साय एवं उपस्थित अतिथियों ने बच्चों की कला की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के कार्यों की सराहना की और कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के पुनर्वास, चिकित्सा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी। इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विनय पाठक ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और कहा कि जनसहयोग से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में परिषद लगातार कार्य कर रही है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के डुंडा स्थित अशोका पाम मिडोज कॉलोनी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में शामिल हुए। इस पावन अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा रानी से समस्त छत्तीसगढ़वासियों की सुख-समृद्धि, शांति और मंगलमय जीवन की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ का नमन करते हुए कथाव्यास पंडित श्री कृष्ण गौड़ शास्त्री से आशीर्वाद लिया और श्रीकृष्ण-सुदामा प्रसंग का श्रवण किया।
भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री साय ने कथाव्यास पंडित श्री कृष्ण गौड़ शास्त्री का माता कौशल्या की पावन भूमि छत्तीसगढ़ में हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण अत्यंत सौभाग्य की बात है। यह न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि हमें धर्म, प्रेम और कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है। मैं आशा करता हूँ कि सभी श्रद्धालु इस कथा के दिव्य संदेश को आत्मसात करेंगे और इसे अपने जीवन में अपनाएंगे। भगवान श्रीकृष्ण हम सभी को शक्ति दें कि हम पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा कर सकें।
छत्तीसगढ़ – भगवान श्रीराम की वनवास स्थली, रामभक्तों के लिए महाकुंभ में विशेष व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भगवान श्रीराम के वनवास काल का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बीता, और यहां उन्हें "भांचा" के रूप में सम्मान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने "श्रीरामलला दर्शन योजना" के तहत अब तक 20,000 से अधिक रामभक्तों को अयोध्या धाम में श्रीरामलला के दर्शन का सौभाग्य प्रदान किया है।इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रयागराज महाकुंभ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि 144 वर्षों बाद यह शुभ संयोग आया है, और छत्तीसगढ़ सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ में 'छत्तीसगढ़ पवेलियन' की विशेष व्यवस्था की है। इस पवेलियन में निःशुल्क आवास, भोजन और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि छत्तीसगढ़ से जाने वाले श्रद्धालु सुविधापूर्वक स्नान, दर्शन और धार्मिक अनुष्ठान कर सकें।
मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भागवत कथा के सफल आयोजन के लिए सभी आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आध्यात्मिक आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा और धार्मिक चेतना का संचार करते हैं। इस अवसर पर श्री भूपेंद्र सवन्नी, श्री राजीव अग्रवाल, श्री सरल मोदी सहित श्रीमद्भागवत कथा के आयोजकगण, स्थानीय गणमान्यजन और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय चेतना की सशक्त स्वर श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान की पुण्यतिथि (15 फरवरी) पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके अप्रतिम योगदान को नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान क्रांतिकारी विचारधारा की संवाहक थीं जिनकी लेखनी ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। उनकी कालजयी रचना ‘झाँसी की रानी’ मात्र कविता नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की अमर गाथा है, जिसने प्रत्येक भारतीय के हृदय में स्वाभिमान और संघर्ष की ज्वाला प्रज्वलित की।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुभद्रा जी की कविताएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी स्वतंत्रता संग्राम के समय थीं। उनकी लेखनी ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई को ऊर्जा दी और जनमानस में राष्ट्रीय चेतना जागृत की। उनकी रचनाएं न केवल अतीत की गौरवगाथा हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का शाश्वत स्रोत बनी रहेंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान ने श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए उनके अविस्मरणीय योगदान को नमन किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर युवाओं से आह्वान किया कि वे श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान के विचारों को आत्मसात कर राष्ट्र के उत्थान में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को आत्मसात कर ही हम एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। -
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खड़िया समाज के वार्षिक सामाजिक सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री सायरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने खड़िया अनुसूचित जनजाति उत्थान समिति के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति का सबसे मजबूत आधार है। उन्होंने समाज के सभी प्रबुद्धजनों और युवाओं से शिक्षा को प्राथमिकता देने और अगली पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय समाज की वास्तविक प्रगति तब होगी जब शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक एकता को समान रूप से बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले वर्षों में विकास की नई ऊंचाइयां देखने को मिलेंगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा और एकता से ही समाज, राज्य और देश की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने खड़िया समाज के ऐतिहासिक सफर की चर्चा करते हुए 2011 में समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने के ऐतिहासिक निर्णय को याद किया और इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम की शुरुआत में माता सरस्वती और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद तेलंगा खड़िया के छायाचित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर विधायक एवं सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, पूर्व विधायक श्री भरत साय, और समाज के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।
13 महीनों में सरकार ने दिए विकास को नए आयाममुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मात्र 13 महीनों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को जमीन पर उतार दिया है। उन्होंने बताया कि सरकार बनने के बाद पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख परिवारों को लाभान्वित करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए धान खरीदी की दर ₹3,100 प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, जिससे पिछले दो खरीफ सीजन में किसानों को 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान बेचने का लाभ मिला है। इस वर्ष प्रदेश में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया गया है।
वनवासी समाज के उत्थान के लिए सरकार के ठोस प्रयासमुख्यमंत्री श्री साय ने वनवासी समाज के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि तेंदूपत्ता संग्रहण दर को ₹4,000 से बढ़ाकर ₹5,500 प्रति मानक बोरा कर दिया गया है, जिससे लाखों संग्राहकों को सीधा लाभ मिल रहा है। इसके अलावा 70 लाख माताओं-बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महतारी वंदन योजना के तहत प्रति माह ₹1,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है।
भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत प्रत्येक वर्ष ₹10,000 की सहायता राशि दी जा रही है, जिससे समाज के सबसे जरूरतमंद वर्ग को सीधा लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनजातीय समाज की शिक्षा और समग्र विकास के लिए पीएम जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि यूपीएससी की तैयारी कर रहे जनजातीय युवाओं को अधिक अवसर देने के लिए दिल्ली के द्वारका स्थित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 185 कर दी गई है। इसके अलावा, बच्चों की उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य में 341 विद्यालयों को पीएमश्री योजना के अंतर्गत सम्मिलित किया जा रहा है, ताकि वे निजी स्कूलों के समान सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
जनजातीय समाज को संगठित होकर आगे बढ़ना होगा: विधायक श्रीमती गोमती सायविधायक श्रीमती गोमती साय ने कहा कि जो समाज शिक्षा, आर्थिक विकास और सामाजिक एकता पर बल देता है, वही उन्नति करता है। उन्होंने जनजातीय समाज के लोगों से एकजुट होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया, जिससे हर वर्ग का समग्र विकास संभव हो सके। सभा में उपस्थित सभी लोगों ने जनजातीय समाज की शिक्षा, रोजगार और सामाजिक उत्थान के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर खड़िया समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन नायक, जिला संरक्षक श्री बोध साय मांझी, जिला महामंत्री श्री कृपाल मांझी, जिला उपाध्यक्ष श्री रामसागर सोरेंग और श्री बाल कुमार प्रधान सहित बड़ी संख्या में समाज के गणमान्यजन उपस्थित थे। -
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रायपुर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में महाकुंभ आए मंत्रिगणों, सांसद, विधायकों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि महाकुम्भ पर्व, भारत की हजारों वर्षों से जागृत सांस्कृतिक एवं अध्यात्मिक ज्ञान की जीवंत ज्योति है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के यशस्वी मार्गदर्शन में आस्था का यह दिव्य महोत्सव महाकुम्भ-2025, प्रयागराज सकल विश्व को अपनी भव्यता और दिव्यता के दर्शन करा रहा है। तीर्थराज प्रयाग के अमृत समागम में पधारे श्रद्धालु माँ गंगा, माँ यमुना और माँ सरस्वती के पावन संगम में आस्था की डुबकी लगाकर स्वयं को धन्य कर रहे हैं।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर माँ गंगा की पूजा-अर्चना कर पुण्य स्नान किया। उन्होंने कहा कि 144 वर्षों बाद महाकुम्भ का शुभ मुहूर्त आया है, जिसके अंतर्गत आज तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान का लाभ प्राप्त हुआ। इस अवसर पर उन्होंने माँ गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रदेशवासियों की खुशहाली और आरोग्य की मंगलकामना की है।