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महासमुंद : सफलता की कहानी  : जय कोनापाठ समूह की महिलाओं को आत्मा योजना से मिला प्रशिक्षण
महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट, गोबर के कण्डे एवं जैविक कीटनाशक दवा का कर रही निर्माण

महासमुंद : महासमुन्द विकासखण्ड के ग्राम कोना की जय कोनापाठ स्व-सहायता समूह की महिलाएं कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग (आत्मा) द्वारा हरित क्रांति विस्तार योजना के तहत् प्रशिक्षण लेकर वर्मी कम्पोस्ट खाद, गोबर के कण्डे एवं जैविक कीटनाशक बना रहीं हैं।
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जय कोनापाठ महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्री सुमित्रा धु्रव एवं सचिव श्रीमती कांति ध्रुव ने बताया कि गाॅव की 13 महिला सदस्यों के साथ मिलकर हमनें एक स्व-सहायता समूह का गठन किया।
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 उन्होंने बताया कि पहले वे लोग समूह में नहीं जुड़े थे तब वे कृषि, मजदूरी एवं अन्य दैनिक कार्य किया करते थे। कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में उन्हें सफलता पूर्वक प्रशिक्षण दिलाकर वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के लिए आवश्यक सामग्रियां जैसे वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन में लगने वाले कृषि सामग्री, वर्मी बेड, पैकिंग मटेरियल, तराजू, सिलाई मशीन, हजारा, रस्सी, ड्रम, कीटनाशक के लिए पैकिंग सामग्री सहित अन्य मटेरियल उपलब्ध कराया गया।

इसके उपरांत समूह की महिलाएं नियमित रूप से वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन कर स्थानीय कृषकों तथा वन विभाग को विक्रय कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रही हैं।
 
जिससे उनके आय में वृद्धि तथा जीवन स्तर में काफी सुधार आया है। इसके अलावा वे लोग आगामी समय मंे मशरूम उत्पादन एवं जैविक उत्पाद बनानें की विधि का भी प्रशिक्षण लेना चाहते है। 

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