कोरोना संदर्भ में भ्रामक जानकारी का प्रचार पड़ सकता भारी
साइबर लॉ और ई सिक्योरिटी के ग्रुप को-ऑर्डिनेटर ने सूचना तकनीकी अधिनियम 2000 पालन हेतु दिए कड़े निर्देश
महासमुन्द 24 मार्च 2020/ दुनिया भर के एक सौ पचास देशों से भी अधिक में महामारी का रूप ले चुकी नोवेल कोरोना वायरस की कोविड 19 नामक संक्रामक बीमारी को लेकर आमजन को प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराने में तमाम मीडियाकर्मी और सरकारी विभाग सभी अपने-अपने तरीकों से आवश्यक प्रचार-प्रसार के जरिए जागरूकता लाने के कार्य में जुटे हुए हैं। ऐसे में प्रदेश के कुछेक हिस्सों से सोशल मीडिया में गलत जानकारी पोस्ट किए जाने और भ्रामक जानकारी फैला कर आतंक का मंजर बनाए जाने की सूचनाएं मिलने की बातें भी कही जा रही हैं। तथाकथित रूप से इन गैर जिम्मेदार और झूठे प्रचारकों पर लगाम कसने के लिए सरकार ने नियमों का हवाला देते हुए न सिर्फ आगाह किया है बल्कि कड़ी कार्रवाई की जाने की चेतावनी भी दी है। इसके लिए हाल ही में साइबर लॉ और ई-सिक्यूरिटी के गु्रप को-ऑडिनेटर ने एक पत्र जारी कर सोशल मीडिया के जरिए गलत एवं भ्रामक सूचनाओं का प्रचार रोकने के लिए अहम जानकारी साझा की है। 20 मार्च 2020 को जारी इस पत्र में इन्फोर्मेशन टैक्नोलॉजी एक्ट 2000 यानी कि सूचना तकनीकी अधिनियम 2000 के अनुभाव 2 (1) (डब्लू) एवं आईटी एक्ट निर्देशिका नियम 2011 के अनुभाग 79 के तहत विश्वासघाती, छलीय या असावधानीपूर्वक मेजबानी, प्रदर्शन, जानकारी प्रसारण, रूपांतरित प्रस्तुति, प्रकाशन के अद्यतन संचारण और आदान-प्रदान करने की मनाही की गई है।
बता दें कि कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके परदल के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इस आपाल काल को गंभीरता से लिया है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि यह अनुकरणीय विषय है इसलिए आमजन कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकरणों में केवल प्रमाणिक जानकारी को ही मान्य करें। साथ ही अपील की गई है कि गलत या भ्रामक जानकारी का प्रचार कर अनावश्यक खलबली, घबराहट, भय या आतंक का माहौल न बनाएं और जनादेश एवं सामाजिक शांति को प्रभावित न करें। कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण के जिला नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार के मुताबिक संदर्भित पत्र में तत्काल प्रभाव से कार्रवाही करते हुए उक्त भ्रामक तथ्यों प्राथमिकता के आधार पर निरस्त किए जाएं या हटाए जाने के लिए भी कहा गया है। ताकि कोरोना वायरस के संबंध में प्रमाणिक जानकारी के फैलाव को बढ़ावा दिया जा सके।
उल्लेखनीय है कि इस अंतर्राष्ट्रीय आपात काल परिस्थिति में जिला महासमुंद अब तक सबसे सुरक्षित जिलों में गिना जा रहा है क्योंकि राजधानी रायपुर से समीपस्थ जिला होने के बावजूद भी यहां अब तक एक भी कोविड 19 का पुष्टिकृत प्रकरण नहीं मिला है। लेकिन, अनायास ही जिले के कुछेक गांव में संदिग्ध मरीजों के होने की खबर फैलाए जाने की सूचनाएं भी मिली हैं। जिसके चलते पिछले दिनों क्षेत्र में भय का माहौल बना, बहरहाल वर्तमान में उक्त प्रकरणों में विभागीय हस्तक्षेप के बाद सही संदेश प्रकाशन के कारण स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन, समस्या को देखते हुए प्रदेश स्तर पर इस ओर मंथन किया गया। ताकि, आमजन में भय का माहौल न बने और लोगों तक कोई भी गलत या भ्रामक जानकारी न पहुंचाई जाए।
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