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महासमुंद  चिकित्सक ही नहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी-कर्मचारी भी लड़ रहे हैं कोरोना की असली लड़ाई

 

कोरोना विरुद्ध लड़ाई में आमने-सामने से दो-दो हाथ करने वाले योद्धाओं की श्रेणी में चिकित्सकों के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों के नाम भी शुमार हैं। जो पूरे दिन कोरोना कंट्रोल रूम में ड्यूटी बजाने के साथ-साथ रात-रात भर ओवर टाइम कर बैस्ट सपोर्टिंग ऑफिसर का किरदार भी बखूबी निभा रहे हैं

महासमुंद 15 अप्रैल 2020/कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण एवं रोकथाम को लेकर जिले में स्वास्थ्य विभाग का अमला युद्ध स्तर पर डटा हुआ है। एक ओर जहां, चिकित्सकों का अमला संदिग्ध प्रकरणों की निगरानी में जुटा है, वहीं दूसरी ओर प्रबंधकीय दल भी इनके कंधे-कंधा मिला कर चल रहा है। ऐसे ही कुछ कोरोना वॉरियरर्स हैं श्री संदीप चंद्राकर डॉ मुकुंद घोडेसवार और आईडीएसपी शाखा में पदस्थ उनके सहयोगीगण, जो न केवल कोरोना कंट्रोल रूम में सौंपे गए दायित्वों का कार्यभार सम्हाले हुए हैं बल्कि स्व-स्फूर्त हो कर अपनी अतिरिक्त योग्यताओं के हुनर का भी बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें कि जब प्रदेश में कोरोना वायरस की एंट्री की सूचना मिली थी, तभी से एकाएक सैनिटाइजर और मास्क बाजार से हो गायब हो गए। ऐसे में एक्टिव सर्विलेंस का काम करते हुए कोरोना की सैम्पलिंग करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों सहित हॉस्पिटल स्टाफ के लिए डॉ आर के  परदल सिविल सर्जन के निर्देश एवं मार्गदर्शन में श्री संदीप चंद्राकर ने ही फार्मासिस्ट श्री पंकज साहू एवं श्री खगेश्वर ठाकुर के सहयोग से  जीवनदीप समिति द्वारा निर्मित सबसे पहला हैंड रब सैनिटाइजर बना कर उपलब्ध कराया और व्यक्तिगत तौर पर छह सौ मास्क निशुल्क वितरित कर तात्कालिक रूप से समस्या का हल निकाला था। दोबारा उठी सैनिटाइजर की मांग को देखते हुए श्री चंद्राकर ने व्यस्तता के बावजूद देर रात तक लैब में काम किया और ढ़ाई सौ लीटर सैनिटइजर बना कर वितरण करने का लक्ष्य पूरा कर लिया। उनके मुताबिक इसे बनाते समय डब्लूएचओ के पैमाने को ध्यान में रखा गया साथ ही रिएक्शन न हो इसलिए एफडीए यानी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा प्रमाणित सौंदर्य प्रसाधनों का ही प्रयोग किया गया। लगातार सात दिनों तक अलग-अलग रंगों और गंधों सहित सप्लाई किए जाने वाली प्लास्टिक बॉटल्स में रख कर परखने के बाद सफलता मिलने पर आंशिक रूप से कुछ बदलाव करते हुए इसे रंगीन और सुगंधित रूप में लॉच किया गया है।

दूसरी ओर, विगत पांच वर्षों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सेवारत आरएमएनसीएचए सलाहकार श्री चंद्राकर ने माननीय मुख्यमंत्री महोदय के आह्वान पर सामाजिक दायित्व निर्वहन में भी सहयोग किया है। उन्होंने अपने वेतन से बीस हजार रुपए यानी आधी रकम सीएम रिलीफ फंड में जमा करते हुए आमजन से अपील की है कि वे जिस किसी रूप में भी चाहें, जरूरतमंदों के लिए स्वेच्छा से कुछ न कुछ सहयोग जरूर करें। इधर, स्वास्थ्य संबंधी प्रबंधकीय कार्य की कमान सम्हाल रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने भी आईडीएसपी अंतर्गत घंटों कम्प्यूटर स्क्रीन पर आंखे गडाकर तकनीकी सहयोग प्रदान कर रहे ऐसे ही कर्मवीरों में जिला सलाहकार (शिशु रोग) डॉ मुकंद राव, डाटा मैनेजर श्री विजय भान सिंह, जिला डाटा सहायक श्री मोहन प्रधान सहित सीनियर सैकेट्रियल असिस्टेंट श्री डिगेश्वर प्रसाद साहू की पीठ थप-थपाते हुए न केवल उनकी हौसला अफ्जाई की बल्कि अन्य अधिकारी व कर्मचारियों के लिए इनकी सेवाओं को अनुकरणीय बताया है।

 

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